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Adultery गुजारिश

Chutiyadr

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Well the news is i have tested positive for covid19, but I will posted one update today baki nasib
darane wali koi bat nahi yanha to viral fever me bhi positive aa ja raha hai..
Symptoms nahi dikh rahe ho to tension nahi lena ,3-4 din dawai kha ke test karwa lo negative aa jayega
 
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ऊपर वाले का बहुत बहुत शुक्रिया कि आप स्वस्थ होकर एक बार फिर से अपडेट लेकर आ गए । जिंदादिल इंसान के आगे कभी कभी बिमारी भी घुटने टेक देती है ।
हमेशा की तरह यह अपडेट भी शानदार रहा । लेकिन प्रत्येक अपडेट की तरह ये अपडेट भी कुछ सवाल खड़ा कर गया । मोना ही नाग कन्या निकली । मुझे नहीं लगता है कि ये राज और लोगों को पता होगा ।
मोना उर्फ नाग कन्या ने किस तरह से देव की मदद की थी ? ऐसा उसने क्या किया था कि देव उसके अहसानों का बदला कभी चुका ही नहीं सकता था ?.... ये प्रश्न अभी भी खड़े हैं ।
मोना नाग कन्या है तो वो कैसे अपनी दोहरी जिंदगी व्यवस्थित करती है ? वो कब एक नारी के रूप में आती है और कब नागिन बन जाती है ?

शायद नागिन के उपर ठकुराइन ने गोली चलाई होगी !
बेहतरीन अपडेट फौजी भाई । आप सदैव स्वस्थ रहें और लोगों को एंटरटेन करें... ये प्रार्थना है मेरी परमपिता परमेश्वर से ।
 

Nevil singh

Well-Known Member
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#62

"मैं तो कही नहीं गयी थी , पर अभी तुझे मेरे साथ चलना होगा " उसने कहा

मैं- कही नहीं जाना मुझे और क्या फर्क पड़ता है अब मुझे

नागिन- तमाशा करना कोई तुझसे सीखे

मैं- तमाशा तो तूने देखा नहीं, तमाशा तो तब होता जब उस महफ़िल को सुलगा देता जहाँ मेरा दिल टूटा पर कहे भी तो क्या महफ़िल भी बेगानी थी .

लहराते हुए वो मेरे और पास आई . उसकी पीली आँखे मेरी आँखों में झाँकने लगी .

“जानता है , ये उलझन बड़ी अजीब होती है , तू इसलिए दुखी है की तूने दुनिया को तेरे नजरिये से देखा है और फिर किसने कहा की प्रेम केवल पाना है त्याग भी तो है प्रेम ” नागिन ने कहा

मैं- सच्चाई भी तो है प्रेम. मेरा प्रेम साचा है तो हकीकत बताने में भला क्या हर्ज़

नागिन- झूठ भी तो नहीं कहा

मैं- तू किसकी बात कर रही है उसकी या तेरी

नागिन- क्या फर्क पड़ता है

मैं- फर्क पड़ता है मुझे पड़ता है

मैंने कडवे पानी के कुछ घूँट और भरे . बार बार आँखों के सामने तमाम वो लहमे गुजर रहे थे जो मैंने अपने इश्क में जिए थे, वो इश्क जिसको रूपा के एक सच ने बिखरा दिया था . मैंने गाड़ी के टायर से पीठ टिकाई और बैठ गया .

“काश तू मोहब्बत समझती तो तुझे महसूस होता कितना तकलीफ देती है ”मैंने कहा

“काश तू मेरी तकलीफ समझता ” वो धीरे से बोली.

मैं- न जाने कब गुजरेगी ये रात

नागिन- वक्त है गुजर जायेगा . तेरा नशा जब उतरेगा तो तू समझ जायेगा

मैं- नशा तो उतर जायेगा पर ये रंग जो मुझ पर चढ़ा है ये कैसे उतरेगा.

नागिन- मैं क्या जानू

मुझे हंसी आ गयी . मैंने एक पेग और लिया .

“क्या हुआ तुझे “ पूछा उसने

मैं- खुद से क्यों नहीं पूछती की क्या हुआ है मुझे .

नागिन- भला मैं क्या जानू

मैं- तू नहीं जानती तो कौन जानेगा

नागिन- क्या पहेलियाँ बुझा रहा है तू

मैं- मेरा एक काम करेगी, एक अहसान करेगी मुझ पर

नागिन- बता क्या करू.

मैं- मुझे अपने आगोश में ले ले कुछ लम्हों के लिए. मैं रोना चाहता हूँ मुझे थाम ले जरा .

नागिन- रोना कमजोरो की निशानी होती है

मैं- कमजोर ही सही

मैंने अपनी बाहे फैला दी . और वो लिपट गयी मुझसे उसका सर मेरे काँधे पर था . उसके आगोश को मैंने दिल में उतरते महसूस किया

“तरस गया था मैं मेरी जान ” जो बात मैं नहीं बोलना चाहता था वो मेरे होंठो पर ठहर नहीं पायी .उसने घूर कर देखा मुझे और झटके से मुझसे अलग हो गयी .

“कब तक भागेगी , बस बहुत हुआ अब रुक जा ” मैंने कहा

“देर बहुत हुई , मुझे जाना होगा. ” उसने कहा

मैं- जाना तो सबको है , जा मैं रोकूंगा नहीं बस इतना बता कब तक भागेगी, तू लाख कोशिश कर ले . लाख परदे लगा ले पर इन धडकनों को तू कैसे रोक पायेगी जो मेरे सीने में धडक रही है .

नागिन- तू क्या बात कर रहा है , नशे में पागल हो गया है तू. होश कर देख मैं रूपा नहीं हूँ .

मैं- तू ये भी तो नहीं है

नागिन- मैं तुझे समझाने आई थी पर अभी तू समझने लायक नहीं है .

मैं- बस ऐसे ही थामे रख मुझे बरसो तडपा हूँ मैं

“मत छेड़ मुझको आ होश में . ” उसने कहा

मैं- होश में आकर भी क्या फायदा ,

नागिन- दुनिया में जीना वही जानता है जो झूठ-सच को जानता है

मैं- बस मर जाना चाहता हूँ

“मरना तो है सबको मगर पर ओ बेखबर तू क्या जाने क्या है तेरा अंजाम ” उसने कहा

मैं- मुसाफिर का कोई अंजाम नहीं .

नागिन- टूटे दिल का कोई जोड़ नहीं समझता क्यों नहीं क्यों जिद लिए बैठा है .

मैं- तू हाँ कहे तो ये जिद छोड़ दू मैं

“ ये तो नसीबो की बात है , किस दिल पर लिखा किसका नाम कौन जाने दिलजला है फिर भी दिल्लगी चढ़ी है तेरा कुछ नहीं सो सकता .” उसने कहा

मैंने दूसरी बोतल खोल दी.





नागिन ने मुझसे पीठ मोड़ी और चल पड़ी .

“ऐसे नजरे छिपा कर नहीं जा सकती तुम ” मैंने कहा

नागिन- रुक भी तो नहीं सकती

मैं- रोकू तो भी नहीं रुकेगी तू क्यों हैं न

नागिन- मेरी भला क्या चाहत

मैं- ठीक है जा पर एक वादा करना फिर मुझे कभी ऐसे न मिलना जब भी मिले तो वैसे मिलना जैसे मैंने तुझे मेरी नजरो से देखा था .

“मुझे क्या मालूम तेरी नजरे कैसे देखती है ” उसने कहा और लहरा पड़ी .

“मेरी नजरे तुम्हे देखती है , तुम्हे देखती है , बस तुम्हे देखती है जज साहिबा मेरी नजरे मेरी मोना को देखती है बहुत हुआ ये खेल . मैंने पहचान लिया है , तुम लाख कोशिश कर लो पर दोस्त हूँ तुम्हारा मैं सब जान गया हूँ , रूप बदल लो सरकार ” मैंने कहा

मेरी बात जैसे ही उसके कानो में पड़ी वो जम सी गयी . जैसे उसमे जान ही न हो .

“मैं नहीं रोकूंगा तुम्हे पर इस से पहले की मैं मर जाऊ मोना , अपनी मोना को सीने से लगाना चाहता हूँ मैं ” मैंने कहा

“कौन मोना, क्या बोल रहा है तू ,अपने आपे में नहीं है तू ” उसने कहा

मैं- हाँ नहीं हूँ अपने आपे में ये सारी दुनिया झूठ बोल सकती है , मैं झूठ बोल सकता हूँ पर मेरे सीने में धडकता तेरा दिल तो झूठा नहीं है न . बस एक बार मैं मोना को देखना चाहता हूँ



नागिन- काश मैं तेरी इच्छा पूरी कर पाती .

इस बार वो चली और मैं बोलता रह गया . उसने मुड कर नहीं देखा.

तब भी नहीं जब दूर से एक गोली चली और मैंने खुद को गिरते देखा.
Welcome back bhai ji.
waah dost gajab hai ye mohabat ka khel kahi dil tuta kahi khel rahi hai vo jajbaato se.
ashadharan update hai musafir bhai.
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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#63

बड़ी जोर से लगी थी मुझे .

“कौन है बहनचोद ” मैं चीख पड़ा.

पर कोई जवाब नहीं आया , आई तो एक और आवाज मैंने एक बार फिर से अपने जिस्म में कुछ उतरते महसूस किया. ये दूसरी गोली थी जो मुझे घायल कर गयी थी .

“कौन है बे सामने क्यों नहीं आते , कायरो जैसे छिपकर वार करते हो , सामने आओ ” मैंने खुद को सँभालते हुए कहा .

“सामने से धोखा तो तुमने भी नहीं दिया ” करतार ने मेरे पास आते हुए कहा .

“करतार तू, मेरे भाई तूने मुझ पर गोली चलाई ” अविश्वास से उसे देखते हुए कहा .

करतार- इस गन्दी जुबान से मुझे भाई मत कहो . तुमने जो किया है ,हर रिश्ते को तोड़ दिया तुमने . भाई कहने का कोई हक़ नहीं है तुम्हे जबकि उसी भाई की माँ को बिस्तर पर ले लिया तुमने. बहुत दिनों से भरा बैठा था मैं आज मौका मिला है . आज तुम्हे मार कर इस किस्से को खत्म कर दूंगा. आज मेरे कलेजे की आग ठंडी होगी.

तो करतार को मेरे और सरोज के जिस्मानी रिश्ते के बारे में मालूम हो गया था .

“तो फिर देर किस बात की , बन्दूक तेरे हाथ में है उतार दे सारी गोलिया मेरे सीने में और बात ख़त्म कर . ” मैंने कहा

करतार- बात तो खत्म होनी है , पर इतनी भी क्या जल्दी है तिल तिल करके मारूंगा तुम्हे. मैंने कभी सोचा नहीं था की मेरे घर में रह कर तुम मेरी ही माँ के साथ ऐसा करोगे.

मैं- तू इस बात को कभी नहीं समझ पायेगा. अभी तेरी आँखों पर क्रोध की पट्टी पड़ी है . कुछ चीजो पर किसी का बस नहीं होता वो बस हो जाता है .

करतार- तो फिर तुम भी ये समझ लेना की आज तुम्हारी मौत भी बस हो ही गयी है .

“जो तेरी मर्जी , मेरी तो खुशकिस्मती है की मेरा भाई मुझे मार रहा है . ” मैंने कहा

करतार ने बन्दूक मेरी तरफ तान दी . पर इस से पहले की वो फायर कर पाता. किसी ने उसे उठा कर बेरहमी से पटक दिया. और अगले ही पल करतार की आँखे खौफ से फट पड़ी. उसने वो देखा जो वो कभी सोच भी नहीं सकता था . नागिन ने उसे अपने पाश में जकड लिया था . मैंने उन पीली आँखों में वोक्रोध देखा , वो बेरहमी देखि.

“नहीं, मोना नहीईईइ. ” मैं चीख भी नहीं पाया उसे रोक भी नहीं पाया . नागिन ने अपने दांत करतार के गले में गडा दिए. और कुछ ही लम्हों में वो हो गया जो नहीं होना चाहिए था .

“ये तूने क्या कर दिया , क्या कर दिया ये तूने वो भाई था मेरा ” अपने जिस्म को घसीटते हु मैं करतार के पास ले जाने लगा. मेरी आँखों के सामने मेरी जान मेरा छोटा भाई करतार बेजान पड़ा था .

“भाई था वो मेरा ” मैंने कहा

“वो तुझे मार देता ” उसने कहा

मैं- तो क्या होता . मेरे मरने से वो तो चैन से जी लेता.

“मेरे होते कोई तेरी तरफ आंख भी नहीं उठा कर देख सकता, और फिर तेरी जिंदगानी बस तेरी ही तो नहीं ,” उसने कहा.

मैं- ये नहीं होना चाहिए था

नागिन ने मुझे थामा और हवेली ले आई .

“घायल है तू, खून काफी बहा है ” उसने कहा .

मैं कुछ नहीं बोला.

नागिन- जिंदगी अब इतनी आसान भी नहीं होती .

मैं- मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे.

नागिन- कैसे छोड़ दू तुझे.

मैं- तो मत छोड़ . पर साथ रहना है तो ऐसे नहीं मेरी मोना के रूप में

मुझे तेरे नहीं मेरी मोना की जरुरत है , वो मोना किसकी बाँहों में मेरा जहाँ है . वैसे भी अब फर्क नहीं पड़ता मुझे

कुछ पल वो मुझे देखती रही और फिर उसका रूप बदल गया . मेरे सामने मेरी मोना खड़ी थी . वो मोना जिसने मुझे जीना सिखाया था . वो मोना जो बस मेरी थी .

“क्या जरूरत थी तुझे ये सब करने की , चुपचाप मुझे बता नहीं सकती थी क्या ” मैंने शिकायत की

मोना- क्या बताती मैं, था ही क्या मेरे पास बताने को और ये एक ऐसा सच है जिस पर कोई कैसे विश्वास करे.



मैं- और तूने सोच लिया की तू छिपा लेगी.

मैंने मेरी जेब से वो पुराणी तस्वीर निकाल कर उसके हाथ में रख दी.

मोना- मुझे गोली निकालने दे तेरी.

मोना ने न जाने क्या क्या कुछ ही देर में मैं ठीक था .

मोना- रात बहुत हुई थोड़ी देर सो जा तू, सुबह मिलती हूँ .

मैं- सो जाऊंगा पर इन बाँहों में .

मोना- बस इसलिए ही मैं तुझसे दूर हूँ.

मैं- पर दूर हो तो नहीं पायी.

मोना- पास भी तो नहीं आ सकती

मैं- किस बात की सजा दे रही है तू मुझे . ऐसी कौन सी गुस्ताखी हुई मुझसे जो इतना दूर हो गयी .

मोना- छोड़ इन बातो को मुसाफिर. क्या रहा है इन कच्ची बातो में

मैं- न बताती है न ठीक से छिपा पाती है , आज तुझे बताना होगा की आखिर क्यों दूर हुई है तू मुझसे.

मोना- बस इतना समझ ले तेरा मेरा साथ यही तक था .मैं जल्दी ही यहाँ से दूर चली जाउंगी. वक्त सब के घाव भर देता है , तू भी भूल जायेगा मुझे .

मैं- मैं तुझे भूल जाऊ ये हो नहीं सकता, और तू मुझे भूले ये मैं होने नहीं दूंगा. तू जहाँ भी जाएगी मैं तो तेरे दिल में मोजूद रहूँगा. मुझसे तो भाग लेगी तू पर खुद को कैसे समझाएगी.

मोना- तू समझता क्यों नहीं .

मैं- देख मोना, ये सियासत मत कर मेरे साथ वक्त ठीक नहीं है मेरा दिल टूटा है , भाई मर है मेरा और ऊपर से तू ऐसी बाते बोल रही है . कितना दुःख सहूंगा मैं .

रूपा- दुःख ही तो नहीं देना चाहती मैं तुझे.

मैं- तो फिर बताती क्यों नहीं आखिर कौन सी वो दिवार है जो तेरे मेरे बिच आकर खड़ी हो गयी है . जिसने मुझे तुझसे जुदा कर दिया है .

“रुपाली, रुपाली नाम है उस दिवार का ” उसने कहा .
 

Rahul

Kingkong
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awesome update bhai ji
 
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