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Shayari गुफ्तगू

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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वो बातें जो किसी से ना कही वो करना चाहता हूँ !
मैं तेरा बस एक ख्वाब हक़ीक़त में जीना चाहता हूँ !

ये हर पल की मिन्नतों से ऊब गया है अब दिल मेरा,
बस इक शाम को कहीं तेरे साथ बैठना चाहता हूँ !

जैसे बहारों के आने पे फूलों के लब मुस्कुराते हैं ना,
कुछ इस कदर मैं तेरी जिंदगी को देखना चाहता हूँ !

मेरा दुनिया से नहीं बस उस से है वास्ता "साहील"
मैं दुनिया की नहीं उसकी नज़र में रहना चाहता हूं !
 

Mr. Perfect

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Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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ईश्वर का शुक्र है की ख्वाब बना दिये,
वरना तुम्हें देखने की तो हसरत ही रह जाती...:heart:
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है...

:heart::heart::heart:
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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ईश्वर का शुक्र है की ख्वाब बना दिये,
वरना तुम्हें देखने की तो हसरत ही रह जाती...:heart:
Waaah kya baat hai,,,,,
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है...
:heart::heart::heart:
Bahut khoob,, sach baat hai ye,,,,,
 

Mr. Perfect

"Perfect Man"
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Waahh Aakash. bhai gajab_____

हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है...
:heart::heart::heart:
 
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VIKRANT

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वो बातें जो किसी से ना कही वो करना चाहता हूँ !
मैं तेरा बस एक ख्वाब हक़ीक़त में जीना चाहता हूँ !

ये हर पल की मिन्नतों से ऊब गया है अब दिल मेरा,
बस इक शाम को कहीं तेरे साथ बैठना चाहता हूँ !

जैसे बहारों के आने पे फूलों के लब मुस्कुराते हैं ना,
कुछ इस कदर मैं तेरी जिंदगी को देखना चाहता हूँ !

मेरा दुनिया से नहीं बस उस से है वास्ता "साहील"
मैं दुनिया की नहीं उसकी नज़र में रहना चाहता हूं !
Greattt shubham bro. Such a amazing poetry. :applause::applause::applause:
 

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हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है...
:heart::heart::heart:
Greattt bro. :applause::applause::applause:
 
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