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काश... तू समझ सकते मोहब्बत के उसूलो को,
किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते।
कई तहजीब और उसूल हैं मुहब्बत की राह के,
यूँ बेअदबी से "इबादत" को जाया नहीं करते।
काश... तू समझ सकते मोहब्बत के उसूलो को,
किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते।
Bahut khoob,,,,कई तहजीब और उसूल हैं मुहब्बत की राह के,
यूँ बेअदबी से "इबादत" को जाया नहीं करते।
Ye wali shayari kaleja cheer gayi bhai sach me,,,,मेंहदी तो तुम्हारी पसंद की लगी थी हाथों में,
फिर मैं कैसे मान लेता कि मजबूर थी तुम.
Ye wali shayari kaleja cheer gayi bhai sach me,,,,![]()
कोई मुशाफिर-ऐ-इश्क सुना रहा था अपने सफ़र की दास्तां,
उस महफ़िल में दिवाने थे जितने, सब वाह! वाह! करने लगे.