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Adultery घर की बहू

Coquine_Guy

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ये कहानी मुझे अच्छी लगी .. इसीलिए इसको यहां पोस्ट कर रहा हूँ ताकि आप लोग भी पढ़े और मज़ा उठाएं
 
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Coquine_Guy

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ऋषि के हाथों में भोला का लिंग था और भोला उसकी ठोडी को शायद पकड़कर सहला रहा था कामया ने थोड़ा सा जिग्याशा बस थोड़ा सा झुक कर देखने की कासिश की पर नहीं दिखा भोला की जीन्स के नीचे होने से उसकी मैली सी अंडरवेअर जो की बहुत जगह से फटी हुई थी और ढेर सारे छेद थे उभर कर उसके सामने थी पर भोला को कोई फरक नहीं पड़ता था वो अपने खेल में मग्न था और ऋषि के गालों को सहलाते हुए अपने लिंग को उसके हाथो में खेलने को दे दिया था ऋषि भी शायद उसके लिंग से खेल रहा था या क्या उसे नहीं दिख रहा था

पर इतने में भोला ने घूमकर एक बार कामया की ओर देखा और आखों से उसे अपने पास बुलाया कामया जैसे खीची चली गई थी कैसे उठी और कैसे वो भोला और ऋषि के करीब पहुँच गई उसे नहीं पता पर हाँ … उसके सामने अब सबकुछ साफ था उसे सबकुछ दिख रहा था ऋषि के लाल लाल होंठों के बीच में भोला का काला और तगड़ा सा लिंग फँसा हुआ था दोनों हाथो से वो अपनी आखें बंद किए भोला के लिंग का पूरा स्वाद लेने में लगा हुआ था कामया की ओर उसका ध्यान ही नहीं था पर कामया के नजदीक पहुँचने के साथ ही भोला ने कामया की कमर में अपनी बाँहे डालकर एक झटके में अपने पास खींच लिया और एकदम सटा कर खड़ा करलिया भोला की सांसें उखड़ रही थी और वो कामया के गालों को अपनी नाक और होंठों से छूते हुए
भोला- देखा मेमसाहब कहा था ना

कामया की नजर एक बार भोला की ओर गई और फिर नीचे ऋषि की ओर वो कितने प्यार से भोला के लिंग को चूस रहा था अपनी जीब को बाहर निकाल कर और अपने होंठों के अंदर लेजाकर , बहुत ही धीरे धीरे बहुत ही प्यार से
कामया का हाथ अपने आप उठा और भोला के बाकी बचे हुए लिंग के ऊपर चला गया उसकी पतली पतली उंगलियां ने एक बार उसके उस पत्थर जैसे लिंग को छुआ और भोला की ओर देखने लगी
जैसे पूछ रही ओ , छू लूँ में भी
भोला की आखों में एक चमक थी जो कि कामया सॉफ देख सकती थी वो अब भोला के सुपुर्द थी भोला वो भोला जो हमेशा से ही उसका दीवाना था और आज तो उसके सामने ही ऋषि के साथ वो खेल खेल रहा था जिसके बारे मे कामया ने जिंदगी में नहीं सोचा था

भोला की गिरफ़्त कामया की कमर में कस रही थी वो कामया को और नजदीक खींच रहा था जैसे की उसकी कमर को तोड़ डालेगा कामया एकदम से टेढ़ी सी होकर उसके साथ सटी हुई थी कमरे में एक अजीब सा सन्नाटा था कही कोई आवाज नहीं बस थी तो सांसों की आवाज और कुछ नहीं भोला का लिंग अब ऋषि के होंठों से लेकर उसके गले तक जाने लगा था कामया एक टक नीचे की ओर देखती जा रही थी भोला की पकड़ में रहते हुए और अपने एक हाथों से उसके कंधो का सहारा लिए भोला का उल्टा हाथ ऋषि के सिर पर था जो कि उसे अपने लिंग पर डाइरेक्ट कर रहा था और ऋषि के सिर को आगे पीछे कर कर रहा था कामया खड़ी-खड़ी अपने हाथों से भोला के पेट को सहलाने लगी थी और एकटक देखती हुई नीचे उसके लिंग की और बढ़ने लगी थी वो नहीं जानती थी कि क्या और कब और कैसे पर हाँ … उसके हाथ अब उसके लिंग के चारो ओर थे ऋषि के दोनों हाथ अब भोला की जाँघो पर थे और भोला अपने उल्टे हाथ से उसके सिर को पकड़कर लगातार जोर-जोर से झटके दे रहा था शायद वो अपनी सीमा को लाँघने वाला था उसकी पकड़ कामया की कमर पर भी बढ़ गई थी और कमर को छोड़ कर अब धीरे धीरे उसकी पीठ से होते हुए उसकी गर्दन तक पहुँच चुकी थी कामया के नरम हाथ भी भोला के लिंग को उसके गन्तव्य तक पहुँचने में मदद कर रही थी और फिर एक साथ बहुत सी घटनाए हो गई

कामया के होंठ भोला के होंठों से जुड़ गये और एक जबरदस्त चुभन से पूरा कमरा गूँज उठा ऋषि अपने चहरे को भोला के लिंग से हटाने की कोशिश करने लगा और भोला के हाथ का जोर उसके सिर पर एकदम से सख्त हो गई थी और एक बहुत बड़ी सी सिसकारी और साथ में एक लंबी सी आअह् ह , और उुउऊह् ह , से पूरा कमरा गूँज उठा ऋषि बेड पर गिर गया था प र , अपने सामने भोला और कामया को जोड़े हुए एक दूसरे का लंबा सा चुंबन करते हुए देखता रहा ऋषि के मुख के चारो ओर भोला का वीर्य लगा हुआ था और उसका चहरा लाल था पर अपने सामने का दृश्य देखकर तो वो और भी बिचलित सा हो गया था

कामया को भोला कस कर अपनी बाहों में भर कर उनके होंठों को चूसे जा रहा था और उसके हाथ उसकी पूरी पीठ और बालों को छू रहे थे भोला के कसाव से ऐसा लगता था कि आखिरी बूँद शायद कामया के सहारे ही छोड़ना चाहता था कामया की सांसें रुक सी गई थी और अपने आपको उस खिचाव से बचाने के लिए वो जितना हो सके भोला के बालिश्ट शरीर से चिपक गई थी

पर साथ में ऋषि जो कि बिस्तर पर अढ़लेटा सा पड़ा हुआ उन्हें ही देख रहा था एक अजीब सी चमक के साथ एक आश्चर्य भरा हुआ चहरा था उसका कामया की नजर उसपर नहीं थी पर वो जानती थी कि ऋषि के लिए यह एक अजूबा था वो सोच भी नहीं सकता था कि भाभी भी उसका इस खेल में साथ देगी या फिर उसके सामने ही भोला उसे किस भी करेगा
कामया ने किसी तरह से अपने होंठों को चुराया और हान्फते हुए अपने सांसों को कंट्रोल करती हुई

कामया- यहां नहीं प्लीज़ भोला छोड़ो मुझे प्लीज

भोला- जी मेमसाहब पर आप साड़ी में ज्यादा सुंदर लगती हो आआआह्ह उूुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममम म

और शायद भोला की हिम्मत जबाब दे चुकी थी वो खड़ा-खड़ा एक बार फिर से कामया के होंठों को सॉफ करता हुआ अपने आपको बेड के किनारे बिठा लिया
कामया अपने को अचानक ही आजाद पाकर जैसे चैन की सांसें ली हो पर वो ही जानती थी कि वो अपने को कैसे कंट्रोल किया था उसका शरीर जल रहा था पर मजबूर थी वो शायद ऋषि नहीं होता तो झट से तैयार भी हो जाती पर भोला को रोकने का मतलब उसका कही से नहीं था की वो रुक जाए पर भोला तो नमक हलाल आदमी था कामया के कहने भर से एक झटके में उसे छोड़ कर बैठ गया कामया किसी तरह लड़खड़ाते हुए पीछे की ओर हुई और खाँसते हुए और अपनी सांसों को कंट्रोल करते हुए जल्दी से चेहरा घुमाकर वापस सोफे की ओर रवाना हो गई अभी-अभी जो उसने देखा था वो एक अजूबा था वो इस तरह की कोई एपिसोड के बारे में आज तक सोच नहीं पाई थी और ऋषि जैसे लड़के के बारे में तो बिल्कुल भी नहीं पर जो देखा था वो सच था कहीं से कहीं तक झूठ नहीं था उसकी नजर जब वापस भोला और ऋषि पर पड़ी तो वो दोनों ही उठकर अपने कपड़े ठीक कर रहे थे और वो एक मूक दर्शक के समान उनको देख रही थी
 

Coquine_Guy

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भोला झट से बिना कुछ कहे बाथरूम की ओर चला गया और थोड़ी देर में वापस आके कमरे में कुछ ढूँडने लगा फिर ऋषि की ओर देखता हु आ
भोला- इस डब्बे में क्या है
ऋषि कुछ बुक्स है क्यों
भोला- नीचे ले जा रहा हूँ और तुम्हारा बैग कहाँ है
ऋषि- जी वहाँ
भोला बिना किसी इजाज़त के ही बैग और वो बाक्स उठाकर कमरे से बाहर की ओर जाने लगा
भोला- देर हो गई है जल्दी करो
कामया और ऋषि के चहरे पर एक चिंता की लकीर खिंच गई थी हाँ … 12 00 बज गये थे बाप रे इतना टाइम हो गया
कामया भी अपने कपड़े ठीक करते हुए और ऋषि भी अपने कपड़े ठीक करता हुआ जल्दी से नीचे की ओर चल दिया और गाड़ी कॉंप्लेक्स की ओर दौड़ पड़ी ऋषि कामया और भोला सब चुप थे पर बहुत कुछ कहना और सुनना बाकी था शायद एक अजीब सी चुप्पी थी थोड़ी देर में ही कॉंप्लेक्स आ गया और गाड़ी आफिस के सामने रुक गई जब तक भोला उतर कर आता तब तक दोनों जल्दी से उतर कर आफिस में घुस गये थे कुछ पुलिस कान्स्टेबल भी वहां थे एक इनस्पेक्टर लेवेल का आदमी जल्दी से कामया की ओर लपका


इनस्पेक्टर- जी मेडम नमस्ते वो में यहां आपकी सेक्योंरिटी के लिए आया हूँ
कामया- जी वैसे मुझे जरूरत नहीं है हमारे पास अपनी सेक्योंरिटी है
इनस्पेक्टर भोला की ओर देखता हुआ
इनस्पेक्टर- जी मेडम ऊपर से आदेश है इसलिए ब स
कामया- ठीक है पर मेरे पीछे-पीछे ना घूमे आप लोग प्लीज
और झट से अपने आफिस की ओर चल दी थी
आफिस में घुसते ही वो जल्दी से टाय्लेट की ओर भागी और रिलीस करके जब बाहर निकली तो ऋषि वही बैठा हुआ वाउचर्स को देख रहा था
ऋषि- आई म सारी भाभी
कामया- क्यों क्या हु आ
ऋषि- जी वो मेरे कारण आज भोला ने आपके साथ प्लीज भाभी माफ करदो

कामया- ठीक है अब काम कर और जल्दी
कामया उसे काम देकर अपने काम में उलझ गई थी पर हर बार उसकी आखों के सामने एक ही दृश्य घूम रहा था और बार-बार उसे भोला की कही बातें भी याद आ रही थी
मैंने कहा था ना और आप साड़ी में बहुत अच्छी लगती हो
उूउउफफफफ्फ़ यह जानवर तो जान लेलेगा कितना जंगली है सिड्यूस करना आता है उसे अभी तक तो जाने कितनी बार वो कामया को अपने नीचे कर चुका होता पता नहीं पर देखो तो एक बार भी अपने आपसे उसने कामया के साथ जोर जबरदस्ती नहीं की कामया को आज भी उसने ऐसे ही छोड़ दिया गुंडा कही का जानवर और ना जाने कितनी गालियाँ वो भोला को दे रही थी और बार-बार अपनी जाँघो को खोलकर टेबल के नीचे ही वापस चिपका रही थी जाँघो के बीच में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी उसे कोई ना कोई चाहिए भोला कामेश भीमा या फिर लाखा कोई भी पर चाहिए अभी

पर अभी कैसे आफिस में और यह ऋषि भी तो यही बैठा है मरता क्यों नहीं यह आज कामया को बहुत गुस्सा आरहा था ऋषि पर देखने में तो कोई हीरो जैसा था पर है हिजड़ा पर क्या करे कामया आज तो वो बिल्कुल पागल हो जा रही थी जैसे कि वो खुद ही अपने सारे कपड़े खोलकर ऋषि को बोले की चाट कर मुझे रिलीस कर पर परिस्थिति उसके अनुरूप नहीं थी अभी वो आफिस में थी और यहां यह पासिबल नहीं था
पर ऋषि पर से उसका ध्यान नहीं हट रहा था बार-बार उसकी और अपना ध्यान ना ले जाने के लिए वो अपने आपको पेपर्स में उलझा रही थी पर जाने क्यों गुस्सा बढ़ता जा रहा था और फिर पेन को टेबल पर पटक-ते हु ए
कामया- ऋषि जा थोड़ा घूमकर आ
थोड़ी उची आवाज थी उसकी
ऋषि- कहाँ जाऊ
बड़े ही भोलेपन और आश्चर्य से कामया की ओर अपनी बड़ी-बड़ी आखों से देखता हुआ वो बोला
कामया- कही भी पर मेरे सामने से हट और हाँ … कल से तेरे लिए में दूसरा केबिन खुलवा देती हूँ तू उसमें ही बैठना ठीक है
ऋषि- क्यों भाभी
कामया- बस ऐसे ही
ऋषि एकदम से रुआसा सा हो गया था कुछ नहीं समझ में आया पर हाँ … एक बात तो साफ थी कि भाभी उससे नाराज है और गुस्से में भी पर क्यों उसे नहीं पता टुकूर टुकूर कामया की और देखता रहा पर कोई नतीजे पर नहीं पहुँचा

अभी यह सब चल ही रहा था की कामेश का फोन आ गया
कामया- हाँ …
कामेश- क्या हुआ गुस्सा हो क्या
कामया- नहीं बोलो
कामेश- कहाँ हो
कामया- कॉंप्लेक्स क्यों
कामेश- सुनो कल सुबह तुम्हें बॉम्बे जाना है
कामया- क्यों
कामेश- वो बैंक के कुछ पेपर्स पर साइन झूठ गये थे तो वो कर आओ और शायद
कामया- और क्या कौन से पेपर्स
कामेश- यार पता नहीं उन्हीं का फोन आया था तुम तो पहुँचो में टिकेट भिजवाता हूँ और हाँ ऋषि कहाँ है
कामया- यही है
कामेश- उसे भी जाना है
कामया- और तुम
कामेश-अरे यार तुम पहुँचो में भी आ रहा हूँ
कामया- ठीक है
और फोन कट गया
कामया- ऋषि कल सुबह फिर से बॉम्बे जाना है और इस बार ध्यान रहे कुछ गड़बड़ नहीं
ऋषि- जी
वो अब तक डरा हुआ था कामया से पता नहीं क्यों भाभी ने उसे ऐसा कहा पर ठीक है वो फिर से भाभी के साथ बॉम्बे जा रहा था उसे इस बात की खुशी थी
कामया को एक बार ऋषि पर तरश भी आया पर गुस्सा ज्यादा था पर मजबूरी थी की उसे साथ रखना ही था इतने में फिर से फोन बज उठा कामेश था
कामया- जी
कामेश- अच्छा वहां घर पर ही रुकना और वो भोला कहाँ है
कामया- क्यों कौन सा घर
कामेश- तुम छोड़ो वो गाड़ी आ जाएगी तुमको ले जाएगी हाँ … भोला को बोलो कि ट्रेन से तुमसे पहले बॉम्बे पहुँचे ठीक है रूको में फोन करदेता हूँ
कामया- लेकिन भोला क्यों
कामेश---अरे यार सेक्योंरिटी प्राब्लम है कुछ गुरुजी ने कहा है कि बहू को अकेला नहीं छोड़े और क्या बस इसलिए बहुत इंपार्टेंट हो यार तुम ही ही ही
कामया- क्या यार तुम भी ना एक बोझ लाद देते हो तुम कब आओगे
कामेश---तुम पहुँचो में आ जाऊँगा ठीक है रखता हूँ
कामया हाथों में फोन लिए हुए एक बार ऋषि की ओर देखा और फिर से अपने पेपर्स में खो गई थी पर दिमाग़ में बहुत से सवाल उठ रहे थे क्या बात है अचानक गुरुजी यह सेक्योंरिटी और अकेले ना जाने वाली बात क्या है यह सब उनके घर में इस तरह की कोई बंदिश नहीं थी और नहीं कोई गुरुजी और नहीं बहुत पूजा पाठ

खेर कोई बात नहीं जो है सो है अच्छे के साथ कुछ बुरा भी सोच में डूबी कामया अपने पेपर्स को देख रही थी कि डोर में एक हल्की सी आहट हुई ऋषि और कामया का ध्यान डोर की ओर गया भोला था आज पीओन नहीं आया था कहने
भोला- जी मेमसाहब भैया का फोन था
कामया- हाँ … ठीक है
भोला- जी मेमसाहब आप घर कब जाएँगी
कामया- क्यों
भोला- जी मेरी ट्रेन 7 बजे है
कामया- ठीक है तुम जाओ ऋषि ले जाएगा
भोला- नहीं मेमसाहब भैया ने कहा है कि आपको घर छोड़ दूं पहले फिर जाऊ
कामया- हर काम भैया से पूछकर ही करते हो क्या
एकदम से उसकी आवाज उची हो उठी थी क्यों पता नहीं पर हाँ … उसे भी अजीब सा लगा था ऋषि तो जैसे सहम गया था लेकिन भोला वहां खड़ा-खड़ामुस्कुराता जा रहा था पर बोला कुछ नहीं
कामया- ठीक है जाओ बता दूँगी

भोला बाहर जाते हुए एक नजर ऋषि की ओर डाली और एक फ्लाइयिंग किस उसकी ओर करता हुआ कामया की ओर देखता हुआ बाहर की ओर जाने लगा उसके चहरे पर एक कमीनी सी मुस्कुराहट थी जो कि कामया की नजर से बच नहीं पाई थी वो जानती थी कि भीला उसके साथ ऐसा क्यों कर रहा है
कभी उसे तड़पाटा है और सांड़ की तरह आके खड़ा हो जाता है
पता नहीं क्यों पर भोला के आते ही और जाते ही कामया थोड़ा सा बेचैन हो उठ-ती थी उसके शरीर में एक अजीब सी सनसनाहट सी उठने लगती थी वो उसकी आखों में देख नहीं पाती थी उसके शरीर से उठने वाली एक अजीब सी गंध वहां भर जाया करती थी जो उसके जाने के बाद भी रहती थी खेर जो भी हो कामया ने जल्दी से अपना काम खतम किया और ऋषि को कहा
ऋषि- जा भोला को बोल कि गाड़ी लगाए
ऋषि- जी

किसी आग्याकारी नौकर जैसे ऋषि सभी काम छोड़ कर बाहर की ओर भागा कामया ने अपना बैग लिया और एक बार टेबल पर नजर डालते हुए बाहर जाने को उठी कि तभी भोला वो बड़ा सा कारटन लिए अंदर आया कामया अपने टेबल के पास ही रुक गई थी और भोला को एकटक देखती रही पर भोला तो जैसे अपने मर्ज़ी का मालिक था बिना कुछ पूछे ही अंदर आया और एक बार बिना कामया की ओर देखे ही उसके टेबल के पास आते हुए उस बाक्स को कामया के टेबल के पीछे की ओर चेयर के पास रख दिया

कामया उसकी और पीठ किए खड़ी थी वो नहीं जानती थी कि भोला क्यों यह बाक्स वहां रख रहा था पर हाँ इतना जरूर जानती थी कि उसका गला फिर से सुख गया था और वो खड़े-खड़े फिर से थर थर कप भी रही थी पता नहीं क्या हो जाता था कामया को इस भोला को देखते ही अपने दोनों हथेलियो को टेबल पर टिकाए हुए वो खड़ी थी कि पीछे से भोला के सख़्त हाथ उसकी टांगों से लेकर उसके नितंबों तक एक ही झटके से पूरा जायज़ा लेकर अलग हो गये थे कामया जब तक समझती या मुड़ती भोला के हाथ उससे अलग हो चुके थे जैसे ही वो घूमकर खड़ी हुई भोला उसके पास खड़ा हुआ उसे ही देख रहा था और फिर से अपने हाथ को उसकी जाँघो के बीच में लेजाकर धीरे से दबा दिया और वैसे ही धीरे से पेट से होते हुए उसकी चूचियां तक ले आया और हल्के से मुस्कुराते हुए
भोला- सूट में मेमसाहब आपका फिगर तो खूब दिखता है पर आप नहीं दिखती साड़ी में खूब अच्छी लगती है आप
और जैसे आया था वैसे ही झट से बाहर चला गया एक मिनट से भी काम वक़्त में वो कामया को फिर से एक ऐसी आग में धकेल कर जा चुका था कि जिसका किनारा कामया को नहीं दिख रहा था वो खड़ी-खड़ी जोर-जोर से सांसें लेती रही और अपनी जाँघो को खोलकर वापस बंद करती रही लड़खड़ा जाती अगर वो टेबल को नहीं पकड़ती

इतने में ऋषि वापस आया और डोर खोलकर बोला
ऋषि- भाभी चलिए
कामया- हमम्म चल आअह्ह सस्स्श ह
करती हुई किसी तरह से अपने पर काबू पाती हुई बाहर की ओर चल दी
 
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Alok

Well-Known Member
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Bahut hi behtareen aur uttejak update bhai....

Lekin Coquine_Guy bhai update ke liye bahut jyada hi samay liya hai kripya thoda jaldi update de....
 

Coquine_Guy

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भोला ड्राइव करता हुआ शोरुम तक ले गया और कामया किसी तरह से अपना काम खतम करते हुए जल्दी से घर जाना चाहती थी ऋषि को घर छोड़ कर कामया को भी अपने घर ड्रॉप करके भोला चला गया पर कामया के शरीर में जो आग वो लगा गया था उसने कामया को जलाकर रख दिया था घर पहुँचते ही उसकी नजर फिर से भीमा की ओर चली गई थी पर मम्मीजी के होते यह बात कम से कम अभी तो पासिबल नहीं था

घर पहुँचकर भी कामया अपनी आग में जलती रही पर मम्मीजी ने उसे इतना एंगेज कर लिया था अपने साथ की वो थोड़ा सा अपने आपको भूल गई थी पर पापाजी के आने के बाद और खाना खाने केबाद तो जैसे उससे रुका नहीं गया था पर सुबह जल्दी उठने की बात से ही वो फिर से अपने आप पर कंट्रोल करते हुए किसी तरह से अपने कमरे में ही रही

और सुबह वो बॉम्बे की ओर रवाना भी हो गई थी ऋषि उसे एरपोर्ट पर ही मिला था उसके ड्राइवर ने छोड़ा था उसे और कामया को लाखा काका ने बॉम्बे एरपोर्ट पर उतरते ही उसे एक अजीब सी बात दिखाई दी उसे वहां भी हाइ सीकुरिटी में बाहर निकाला गया बाहर एरपोर्ट के भोला वैसे ही टाइट जीन्स और ब्लैक टी-शर्ट में खड़ा था और जैसे ही कामया और ऋषि को आते देखा जल्दी से उसके समान को गाड़ी में भर कर उन्हें वहां से ले चला था दिसाइड यह हुआ था कि जल्दी से घर पहुँचकर नाश्ता करके वो लोग बैंक जाएँगे और वहां का काम खतम करके वापस घर आ जाएँगे

और किया भी वही जैसे ही बैंक का काम खतम हुआ
ऋषि- भाभी अब और क्या बचा है
कामया- क्यों
ऋषि- नहीं वो रीना दीदी को आपसे मिलना है सो उन्होंने कहा था कि जब काम खतम हो जाए तो फोन कर दूं
कामया- हाँ ठीक है कर्दे घर पर ही आ जाए
ऋषि-ठीक है
और दोनों गाड़ी में बैठ गये थे ऋषि रीना दीदी से बात कर रहा था बहुत ही चहकता हुआ वही लड़कियों जैसे अंदाज में कामया बाहर देख रही थी पर पूरा ध्यान ऋषि की बातों पर ही था कितना उत्तेजित था वो

घर पहुँचकर जब वो लिफ्ट की ओर जा रही थी तो ऋषि और भोला को अपने थोड़ा सा पीछे होकर आते हुए उसने देखा था भोला कुछ ऋषि से कह रहा था या फिर पूछ रहा था ऋषि भी कुछ कह रहा था प र , उसके , चहरे को देखकर लगता था की जरूर कोई बात है जो कि वो कामया से छुपाना चाहते है पर कामया को इससे कोई फरक नहीं पड़ता वो चलती हुई लिफ्ट में घुस गई थी और ऋषि भोला भी झटके से अंदर आ गये और लिफ्ट ऊपर की चल दी

दोपहर का वक़्त था लंच का टाइम भी रीना दीदी के आने का इंतजार करते रीना दीदी ल्यूक लेते हुए आएँगी ऐसा बताया था ऋषि ने
ऋषि और कामया ड्राइंग रूम में थे और भोला अपने रूम में चला गया था 3 बेडरूम के साथ एक सेरवेंट रूम भी था उसे फ्लैट में जो की डाइनिंग स्पेस के पास था और अलग करने को वही डाइनिंग स्पेस पर एक डोर भी दिया था सो थोड़ी देर में ही रीना दीदी भी आ गई थी बड़ी ही चुलबुली किस्म की थी वो थोड़ा सा मोटापा था था भरा हुआ जिश्म था कदकाठी भी थोड़ा सा मध्यम था कामया से हाइट में थोड़ी सी छोटी थी पर एकदम मस्त थी आते ही जैसे घर में भूचाल आ गया था हँसी मजाक और बहुत सी बातें कहाँ गई थी कौन मिला था क्या किया और जाने क्या-क्या जैसे एक ही सांस में उसे कहना था और करते-करते खाना खाकर भी उठ गये थे पर रीना की बातें अब तक खतम नहीं हुई थी दोनों भाई बहन आपस में भी लगातार उलझते जा रहे थे और कामयाको भी उसमें घसीट रहे थे
पर कामया खाने के बाद थोड़ा सा निढाल सी हो गई थी नींद के मारे पर ऋषि और कामया को देखकर उसे जरा भी नहीं लग रहा था कि वो कोई रुकने का नाम भी लेंगे
कामया- रीना तुम दोनों बैठो और बातें करो में थोड़ा सा आराम कर लूँ
रीना- जी भाभी बिल्कुल अभी हमें तो बहुत सी बातें करनी है आप आराम करो

कामया मुड़कर अपने रूम में चली आई और वही सूट पहन कर ही बेड पर लेट गई थी आधी बेड पर और आधी नीचे बस थोड़ा सा कमर सीधा करने की चाहत थी पर वैसे ही कब वो सो गई थी उसे पता ही नहीं चला
उठी तो पूरे घर में सन्नाटा था कही कोई आवाज नहीं और ही कोई आहट वो थोड़ा सा घबराई भी पर उठकर बाथरूम में फ्रेश होकर आई तो देखा की 4 बजे है वो रूम से बाहर निकली तो ड्राइंग रूम भी खाली था और कही कोई आहट भी नहीं था
कहाँ गये यह दोनों और भोला वो कहाँ है वो एक बार डाइनिंग स्पेस के पास जाके भोला के कमरे की ओर देखा पर वो खाली था वापस आके उसके आगे बने दो बेडरूम की ओर देखा सन्नाटा था कोई आहट नहीं वो ऋषि के कमरे की ओर बढ़ी हाँ आवाज आ रही है ऋषि की
तो क्या रीना चली गई वो तो रुकने वाली थी उसका पति आने वाला था डिनर पर जाना था फिर ऋषि के साथ कौन है भोला भोला तो नहीं शायद वो ही हो कल जो खेल उसने देखा था शायद वही खेल खेल रहे हो देखूँ कामया के अंदर से एक आवाज उठी पर रुक गई फिर मन नहीं माना वो आगे बढ़ी और ऋषि के कमरे के पास जाके खड़ी हो गई थी डोर के पास आते ही उसे अंदर से सिसकारी की आवाज और सांसों की आवाज के साथ ऋषि के कुछ कहने की बहुत ही धीरे से आवाज सुनाई दी कामया ने जरा सा जोर लगाकर डोर को धकेला पर वो नहीं खुला

वो एकदम से आतुर हो गई थी यह जानने के लिए की अंदर क्या चल रहा है वो इधर उधर देखने लगी डोर के ऊपर उसे वेंटिलेटर दिखा वो लगभग दौड़ती हुई सी डाइनिंग रूम मे गई और वहां पड़े हुए चेयर को खींचते हुए वहां ले आई थी कार्पेटेड था इसलिए कोई आवाज भी नहीं हुई उसे देखकर लगता था कि वो कितनी बैचन है अंदर की घटना को देखने के लिए
किसी तरह से उसने चेयर को अड्जस्ट किया डोर से थोड़ा सा दूर और थोड़ा सा मेहनत के बाद उसपर खड़ी हो गई थी और धीरे-धीरे अपने को उठाकर आखों को वेंटिलेटर के गॅप से अंदर का नजारा देखने के लिए तैयार किया

अंदर का नजारा जो उसने देखा एक बार तो वो चौक गई पर अगले ही पल उसकी आतूरता बढ़ने लगी और वो पूरी तरह से उस खेल का हिस्सा बनने को तैयार भी होने लगी थी बाहर से ही सही पर हाँ … उसे भी यह खेल का हिस्सा बनना था और जरूर बनना था उसके शरीर में एक जलन सी उठ गई थी
अंदर भोला बेड पर बैठा था और ऋषि उसके सामने खड़ा था रीना भोला के बगल में खड़ी थी और भोला का हाथ उसके नितंबों और जाँघो को सहलाते हुए उसके शरीर का जाएजा ले रहा था रीना आहे भरती हुई भोला के बालों से खेल रही थी और भोला से सटने की कोशिश करती जा रही थी

रीना को देखकर ही लगता था कि वो कितनी उतावली है भोला के साथ इस खेल को खेल के लिए वो झुक कर भोला को किस भी कर रही थी और भोला साला यहां भी नहीं छोड़ा और देखो तो कैसे मालिक की तरह से बैठा हुआ है और थोड़ा सा चहरा उठाकर रीना को किस भी करने दे रहा है और अपने हाथों से सहलाते हुए वो रीना के अंदर की आग को किस तरह से भड़का रहा है कामया खड़ी-खड़ी उन्हें देखती हुई अपने आपको एक बार फिर से अड्जस्ट किया पर आखें नहीं हटाई वहां से वो एक भी सीन नहीं मिस करना चाहती थी ऋषि उसके सामने खड़ा था रीना और भोला का व्हहरा उसे नहीं दिख रहा था
 

Alok

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Lovely update bhai
 

Coquine_Guy

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पर ऋषि का चेहरा दिख रहा था दोनों ऋषि को कुछ कह रहे थे और रीना और भोला एक दूसरे को सहलाते हुए हँस भी रहे थे तभी उसने देखा कि भोला ने अपनी जाँघो को थोड़ा सा आगे की ओर किया और ऋषि उसके आगे झुक कर बैठ गया कामया थोड़ा सा और ऊपर हुई और देखने की कोशिश करने लगी की ऋषि क्या कर रहा था पर उसे नहीं दिखा हाँ … अंदाजा लगाया शायद उसने भोला की जीन्स की जीप खोला होगा हाँ … थोड़ी देर बाद ऋषि को बैठे हुए ही थोड़ा सा पीछे हट-ते देखा भोला की जीन्स नीचे हो गई थी भोला ने चेहरा उठाकर एक बार रीना की ओर देखा और उसे कस कर अपनी बाहों में भरा कमर से पकड़कर रीना भी थोड़ा सा झुक कर भोला के होंठों को अपने होंठों में लेकर लगातार चूस्ते जा रही थी जैसे की कोई टाफी हो

उसके किस करने के तरीके से ऐसा लगता था की वो बहुत उत्तेजित है पर जाने क्यों कामया को यह अच्छा नहीं लगा एक जलन सी उसके मन में उठी लगता था कि वो नीचे उतर जाए और चली जाए उससे देखा नहीं जा रहा था पर फिर भी वो वही खड़ी रही और अंदर का नजारा एक बार फिर से देखने लगी ऋषि खड़ा था हाथों में भोला की जीन्स लिए भोला ने कुछ कहा वो जीन्स को एक बार अपने चहरे पर लगाकर सूंघने लगा और फिर थोड़ा सा आगे बढ़ा और भोला के पास आकर खड़ा हो गया भोला के बिल्कुल पास उसकी सांसें भी तेज चल रही थी पर कुछ कर नहीं रहा था वो खड़ा रहा और थोड़ा सा आगे झुक कर उसने भी भोला के चहरे को अपने हाथों में लिया और एक किस गालों पर किया रीना तो उसके होंठों को किस्स कर रह थी और ऋषि उसके गालों को दोनों बाईं बहन भोला को मिल बाँट कर इस खेल का हिस्सा बने हुए थे भोला की हाथ अब दोनों के शरीर पर घूम रहे थे पर ज्यादा रीना के .


रीना अब भी साड़ी पहने हुई थी पर आँचल गिर गया था और उसकी दोनों चूचियां बिल्कुल ब्लाउससे बाहर आने की जिद पर थी सांसों के साथ-साथ उनके ऊपर-नीचे होने के ढंग से ही यह प्रतीत होता था कि वो अपनी आ जादी की जंग कैसे लड़ रही होंगी पर भोला को कोई जल्दी नहीं थी वो अपनी बाहों में रीना को कसे हुई ऋषि को अलग किया और कुछ कहा ऋषि थोड़ा सा झुका और भोला ने फिर से एक बार अपनी जाँघो को सीधा किया भोला का अंडरवेर ऋषि के हाथ में था अब भोला नीचे से नंगा था

रीना जैसे इसी का इंतजार कर रही थी वो झुके झुके ही अपने लेफ्ट हैंड को उसके लिंग पर ले गई और उसके खड़े खड़े ही सहलाने लगी थी रीना की उत्तेजना का अंदाजा लगाया जा सकता था कि वो लगभग भोला के ऊपर ही चढ़ने वाली थी पर भोला उसे रोके हुए था ऋषि खड़ा हुआ दोनों को देख रहा था वो भी फिर से आगे बढ़ा अपनी दीदी के कंधे को सहलाता हुआ और उसकी पीठ को सहलाता हुआ वो भी आगे बढ़ा रीना ने अपने होंठों को भोला के होंठों से आजाद किया और ऋषि को खींचा और अपने होंठों को ऋषि के सुपुर्द कर दिया ऋषि रीना दीदी के होंठों को बड़े ही प्यार से और बड़े ही आदर से प्यार से चूमते हुए भोला के पास आते जा रहा था

पर भोला के आदेश के साथ ही वो थोड़ा सा रुका और रीना के होंठों को छोड़ कर भोला और रीना की ओर देखने लगा रीना भोला के साइड से हटकर बिल्कुल उसके सामने खड़ी ही गई थी और एकटक अपनी बड़ी-बड़ी नशीली आँखों से भोला की ओर देख रही थी उसका आँचल के ढलने से उसकी चूचियां किसी पादरी की छोटी के समान उसके आगे खड़ी थी और एक मूक निमंत्रंण दे रही थी कि खेलो और दब्ओ और चूसो जो कर सकते हो करो पर हमें आजाद करो इस घुटन से इस समय के लिए तो कम से कम वो एकटक भोला की ओर देखती हुई उसके बहुत नजदीक खड़ी हो गई थी ऋषि और भोला के बीच में उसकी चूचियां भोला के चहरे पर टच हाँ रही थी और पीछे से ऋषि ने धीरे-धीरे रीना की साड़ी को खोलकर नीचे फेक दिया था अब रीना पेटीकोट और ब्लाउसमें थी

भोला के बड़े-बड़े हाथ रीना के शरीर पर घूमकर उसके राशन का परिचय पा रहे थे और उसकी रचना की तारीफ भी कर रहे थे और पीछे से ऋषि रीना दीदी के ब्लाउज के हुक को धीरे-धीरे खोल रहा था जैसे अपने आप ही अपनी दीदी को इस भोला के लिए प्रेज़ेंट कर रहा था उसे भी कोई जल्दी नही थी वो भी अपने तरीके से और अपनी बहन की रचना को सहलाते हुए और छूते हुए एक-एक करके काम को उंजाम दे रहा था भोला भी बड़ी ही शालीनता से रीना के शरीर को धीरे-धीरे सहलाता हुआ जाँघो से लेकर कमर के ऊपर तक बड़े ही आराम से अपनी हाथों को घुमाकर रीना की मादकता का एहसास कर रहा था रीना कीसांसें बहुत ही तेज चल रही थी और शायद कुछ कहती भी जा रही थी पर क्या कामया को सुनाई नहीं दे रही थी पर हाँ


… एक बात तो साफ थी कि रीना को जल्दी थी उसके शरीर के अंदर उठ रही उत्तेजना की लहरो को वो ज्यादा देर तक नहीं झेल सकती थी यह बात तो कामया को समझ में आ रही थी पर भोला और ऋषि अपने आपसे अपने तरीके से रीना को देख और एहसास करते हुए धीरे-धीरे उसे नंगा कर रहे थे ऋषि ने जब रीना का ब्लाउस खोलकर साइड में फेका तो कामया एक बार तो जलन की आग में जल उठी कितने सुडोल थे रीना के ब्रेस्ट्स अगर ब्रा में नहीं होते तो भी बिल्कुल तने हुए थे ब्रा ने तो बस उसके आकार को ही ढका था या कहिए ब्रा ने तो उसके चुचियों के आकार के अनुरूप ही अपने आपको ढाल रखा था

उसके नीचे चिकना और गदराया हुआ सा उसका पेट और उसपर गहरी सी नाभि में वो एक कयामत सी लग रही थी कामया को पहली बार किसी औरत का शरीर देखकर जलन हुई थी नहीं तो वो कहाँ काम थी जो भी हो उसके सामने सब फैल थे

पर रीना सच में बहुत सुंदर थी हल्के गुलाबी रंग की शार्ट टाइप की ब्रा पहने थी जिससे की उसके उभार बाहर की ओर निकले हुए थे आधे से ज्यादा सांसों के साथ उसकी चूचियां ब्रा से भी आजाद होने की जिद में थी पर ऋषि और भोला के हाथ जब उसके ब्रेस्ट्स को ब्रा के ऊपर ही छूते हुए जा रहे थे तो रीना एकदम से पीछे की ओर अपने सिर को ले गई थी और ऋषि के होंठों के सुपुर्द हो गई थी भोला अपने हाथों से रीना को सहलाते हुए धीरे से उसके पेट पर झुक गया था और अपनी जीब से उसकी नाभि और पेट के हर हिस्से को किस करता हुआ धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठ रहा था भोला के हाथों ने ऋषि के हाथों को पकड़कर रीना की चुचियों से हटा दिया और उसे रीना के पेटीकोट तक लाकर छोड़ दिया और खुद रीना के अधखुले हुए उभारों को अपने होंठों से किस करता हुआ धीरे-धीरे फिर से नीचे की ओर चला जा रहा था ऋषि के हाथ जैसे ही रीना के पेटीकोट के पास पहुँचे तो वो भी रीना के पेटीकोट को खोलने में व्यस्त हो गया और शायद भोला को रीना का वो हिस्सा भी जल्दी से खोलकर देदेना चाहता था और जब तक भोला उसे किस करता हुआ वापस उसकी नाभि तक पहुँचा तब तक ऋषि अपने काम को अंजाम दे चुका था अब रीना सिर्फ़ और सिर्फ़ , पैंटी और ब्रा में इन दोनों के बीच में खड़ी हुई अपने शरीर का नज़ारा उन दोनों को करा रही थी


भोला तो जैसे अपने हाथों को रोक ही नहीं पा रहा था वो भी शायद जल्दी में था शायद हर जगह को छूकर देखना चाहता था उसके हाथों के स्पर्श से रीना बार-बार अपने होंठों को दबा लेती थी शायद भोला के सहलाने में ताकत भी थी और शायद वो उसे जोर से दबा भी देता था पर कोई शिकायत नहीं थी उसे वैसे ही खड़ी हुई भोला को और अपने पास खींच रही थी कभी-कभी थोड़ा सा नीचे होकर अपनी चूचियां उसके मुख से छुआ देती थी या उसके लिंग को पकड़ने की कोशिस करती थी यह कामया नहीं जान पाई प र वो जो भी करती थी वैसे ही थोड़ी देर रहती थी प र , धीरे से ऋषि ने उसे वापस खींचा और उसके ब्रा के हुक को खोलकर उसे आजाद भी कर दिया जैसे दो पंछी आजाद होकर उड़ने को थे हल्के गुलाबी रंग के निपल्स थे उसके बहुत बड़े नहीं पर हाँ … एकदम टाइट और सामने की ओर तने हुए रीना ने एक बार खुद अपनी हाथों से उन्हें सहलाते हुए ऊपर की ओर उठाया और फिर और आगे बढ़ कर भोला के आगे होकर अपनी एक चुची को उसके होंठों के सामने रख दिया भोला भी एक बार उसकी नजर से नजर मिलाकर उसे देखता रहा और सिर्फ़ अपने होंठों को खोलकर वैसे ही बैठा रहा ऐसा इसलिए लगा क्योंकी रीना जहां खड़ी थी वहां से लगभग उसके ऊपर ही चढ़ि हुई अपनी चुचियों को उसके मुख में घुसा रही थी तभी ऋषि के दोनों हाथों ने रीना दीदी की मदद की और वो इसकाम को अंजाम देने लगा हाँ … अब वो रीना की चुचियों को अपने हाथों से पकड़कर भोला के मुख में डालने किसकोशिश कर रहा था और भोला रीना के पीछे खड़े हुए ऋषि की ओर देखता हुआ रीना की चुचियों से खेल ने लगा था वो उन्हें जोर-जोर से चूसता हुआ शायद बीच बीच में काट भी लेता था क्योंकी रीना की आहें और उसके सिर को झटकने से यह लगता था


भोला के हाथों ने एक बार फिर से ऋषि के हाथों को कस कर पकड़कर नीचे की ओर ले गया था और पैंटी के पास लाके वापस रीना की चूचियां दबाने लगा था वो लगातार अपना जोर को बढ़ाता जा रहा था और अब तो बदल बदल कर वो रीना की चूचियां चूस रहा था और रीना भी अपने आपको अड्जस्ट करते हुए भोला को ज्यादा मेहनत ना करना पड़े इसलिए अपने आपको ही हिलाकर अपनी चूचियां एक के बाद एक करके उसके होंठों के सामने लाती जा रही थी उसके दोनों हाथों का दबाब एकदम से तब बढ़ गया ज ब , ऋषि ने उसकी पैंटी उतारी एकदम सॉफ थी वो बिल्कुल चिकनी सी थी गोरा रंग ऊपर से नीचे तक एक जैसा जाँघो के बीच में जो बालों का गुच्छा होता था उसके दाग तक नहीं दिख रहे थे कामया को इतनी सॉफ क्या करती है पर एक लंबी सी चीख कामया को वास्तविकता में ले आई थी वो चीख थी रीना की

भोला के हाथों से अचानक ही बहुत दबाने से वो एक बार बिचलित सी हो उठी थी और शायद दर्द को सह नहीं पाई थी पर भोला तो जैसे जानवर बन गया था वो रीना को चूमता हुआ धीरे-धीरे नीचे की ओर जा रहा था और अपने एक हाथ से उसकी चूचियां जोर-जोर से दबाता हुआ एक हाथ से रीना को सहारा दिए हुए नीचे की ओर चल दिया उसे किस करने के ढंग से और छूने के ढंग से कही से भी नहीं लगता था कि उसे कोई जल्दी है बड़े ही आराम से जो चाहे वो करता हुआ कभी-कभीजोर लगा देता था पर हाँ … रीना को जल्दी थी बहुत जल्दी वो लगातार भोला को धक्का मारकर उसे लिटाने की कोशिश कर रही थी और लगातार उसके ऊपर सवार होने की कोशिस कर रही थी पर भोला की ताकत के आगे वो हल्की थी और बस कोशिश ही कर रही थी ऋषि भी जहां जगह मिलती या जहां भोला खाली जगह छोड़ता वहाँ वो अपनी बाहें को छुआता जा रहा था और किस करता जा रहा था वो भी अपनी बहन को इस तरह से देखकर उत्तेजित था पर , उसकी उत्तेजना का क्या होगा वो कामया को नहीं पता था पर कुछ कहा था बीच में भोला ने ऋषि एकदम से अलग हो गया और अपने कपड़े खोलकर सेकेंड्स में वापस रीना के पीछे फिर से आ गया था भोला अब तक टी-शर्ट पहने था पर ज्यादा देर नहीं दोनों बाई-बहन ने एक साथ और जल्दी से उसकी टीशर्ट को उतार दिया था अब सब जो भी उस कमरे में थे नंगे ही थे ऋषि स्किनी सा लग रहा था पर जो आश्चर्य करने वाली बात थी वो था उसका लिंग बहुत ही छोटा सा और पतला सा था कोई टेन्शन भी नहीं था और नाही उत्तेजना को दर्शाती हुई कोई बात पर वो लगातार रीना के पीछे से रीना को सहलाता हुआ उसे किस कर रहा था
 

Coquine_Guy

sǝʎƎ ʇoN ʇǝM ʎssnԀ ɹǝɥ ǝʞɐW
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भोला वैसे ही बैठा हुआ रीना की पूरी को सहलाता हुआ और चूमता हुआ एक बार ऊपर की ओर देखता है और रीना की कमर को पकड़कर घुमा देता है अब रीना ऋषि के गले लग चुकी थी और उसका पिछला हिस्सा भोला की ओर था गोल गोल नितंब बिल्कुल बेदाग थे सुडोल इतने कि कहीं से भी कोई गलती नहीं निकाल सकते भोला के बड़े-बड़े हाथ उसके नितंबों में घूम रहे थे और बीच बीच में उनको दबा के उनकी नर्मी का या फिर उनके मादकता का एहसास कर रहा था रीना हर बार ऋषि से ज्यादा चिपक जाती जब वो उसको दबाता था रीना को फिर से घुमाकर उसने अपनी ओर किया और दोनों भाई बहन को खींचकर नीचे घुटनों के पास बिठा लिया और कुछ कहता हुआ दोनों के सिर पर हाथ फेरता रहा दोनों भाई बहन ने एक बार तो आपस में देखा और फिर शायद दोनों ने उसके लिंग को कस कर पकड़ भी लिया था क्योंकी इसके बाद कामया को दोनों का सिर एक के बाद एक करके गायब हो जाता था शायद दोनों मिलकर भोला के लिंग को चूस रहे थे और मिल बाँट कर अपना हिस्सा ले रहे थे भोला के हाथ रीना के बूब्स पर थे और जब मन में आता था खूब जोर से दबा देता था रीना की चिहुकने की आवाज और फिर आखें उठाकर भोला की ओर देखने के अंदाज से ही कामया समझ जाती थी पर कोई शिकायत नहीं और नहीं कोई हटाने की कोशिश हाँ … कोशिश थी तो बस उसके लिंग पर कब्जा जमाने की और दोनों जैसे आपस में अब लड़ने लगे थे कि कौन उसे अपनाएगा और भोला बेड पर बैठे हुए दोनों को देख रहा था पर शायद अब वो बिल्कुल तैयार था एक झटके में उसने रीना को खींचकर अपने पास ऊपर खड़ा करलिया और अपनी एक उंगली को रीना के जाँघो के बीच में घुसाकर जोर-जोर से हिलाने लगा था ऋषि का चेहरा एक बार ऊपर उठा पर फिर झुक गया था


रीना अपनी जाँघो को खोलकर भोला के कंधो का सहारा लिए हुए जोर-जोर से सांसें ले रही थी और हर बार जब भोला उसके हाथों को जोर से अंदर डालता था तो वो जरा सा उछल भी पड़ती थी पर कोई ना नुकर सिर्फ़ आहे और उउउफफफ्फ़ और कमरे में भारी हुई सिसकारी की आवाज पर भोला तो मास्टर ही था उसने रीना को अचानक ही बीच में छोड़ कर ऋषि को खींचकर उठाया और रीना को धक्का देकर बेड पर लिटा दिया और ऋषि को इशारा करते हुए रीना की जाँघो के बीच में लेगया रीना ने भी कोई देरी नहीं की झट से अपनी जाँघो को खोलक र ऋषि के लिए जगह बना दी और ऋषि वैसे ही झट से रीना का स्वाद लेने में जुट गया पर भोला जो कि अब भी खड़ा था एक बार भाई बहन को देखता हुआ ऋषि के नंगे शरीर को सहलाता हुआ उसके पीछे की ओर चला गया और देखते ही देखते अपने लिंग को उसकी गुदा भाग में सटाने लगा था कामया का सारा शरीर जैसे जम गया था ये क्या कर रहा था भोला पागल हो गया है क्या ऋषि के वहाँ अपना लिंग डालेगा मर जाएगा वो लेकिन यह क्या ऋषि की कमर को उँचा करके वो एक ही झटके में ऋषि के अंदर हो गया एक बार तो कामया की चीख ही निकल गई थी पर ऋषि को जैसे कोई फरक ही नहीं पड़ा हो वो थोड़ा सचेत हुआ था पर फिर से वो अपने काम में जुट गया था भोला की स्पीड बढ़ता जा रहा था और ऋषि के होंठ अब रीना के जाँघो से दूर हो गया था पर एक अजीब सी संतुष्टि उसके चहरे पर थी जो कि कामया के लिए एक अजीब सा था पर शायद ज्यादा देर ये खेल नहीं चला था एक धक्के में ऋषि को अलग करके वो रीना पर टूट पड़ा था और जो लिंग उसने ऋषि के अंदर वहाँ पर डाला था एक ही झटके में रीना के अंदर उतर चुका था रीना तो जैसे पागल ही हो गई थी एक बार में उतरे उस लिंग को कैसे वो झेल गई थी

वो एक आश्चर्य था पर हाँ … उसकी जाँघो को भोला की कमर के चारो ओर घेरा बनाते हुए देखकर कामया को समझ में आ गया था कि वो उसे और भी अंदर तक ले जाना चाहती थी और भोला तो जैसे एंजिन के पिस्टन से भी ज्यादा तेजी से काम कर रहा था अपनी दोनों बाहों को कस कर रीना को पकड़कर अपने होंठों को उसके होंठों पर रखकर लगातार धक्के पर धक्के लगा रहा था कोई देरी नहीं और नहीं रीना की चिंता उसे चिंता थी तो बस अपनी अपने शरीर के सुख के लिए वो रीना को आज चीर भी सकता था पर रीना भी जोर दार थी हर धक्के के साथ वो और भी ज्यादा उछलती थी और ज्यादा चिपकती थी भोला से अपने हाथों को उसने भोला की पीठ पर कस्स कर बाँध रखा था और जोर-जोर से आवाजें निकालती हुई शायद अपने शिखर पर पहुँचने वाली थी पर जैसे ही वो शिखर में पहुँची और भोला को कस कर पकड़ी भोला उसके हाथों से फिसल गया और रीना को झट से उल्टा करके कमर को पकड़कर एक बार उसके नितंबो को सहलाता हुआ उसके पीछे घुस गया एक लंबी सी चीख निकली रीना के मुख से जो कि वही उधर ही घूम हो गई थी और झटकों को झेलती हुई रीना एक बार फिर से मस्त सी हो गई थी और ज्यादा देर नहीं बस कुछ ही सेकेंड्स में भोला भी रीना के ऊपर ढेर हो गया था

कमरे में आया तूफान थम चुका था भोला रीना के ऊपर पीठ पर गिरा हुआ था और अपने हाथों को उसके नीचे लेजाकर उसकी चूचियां जबरदस्त तरीके से दबाता जा रहा था और दो चार धक्के के बाद वो ढेर हो गया एक मुश्कान थी उसके चहरे पर विजयी मुश्कान एक नजर उसकी डोर की ओर भी उठी पर फिर बंद हो गई कामया झट से नीचे उतरी और चेयर को खींचकर वापस डाइनिंग रूम में लाकर रखा और अपने कमरे का डोर बंद करके बेड पर लेट गई उसकी साँसे इतनी तेज चल रही थी कि वो उनको कंट्रोल नहीं कर पा रही थी सांसों के साथ मुख से आवाज भी निकल जाती थी उसकी बिना कुछ कहे और सुने वो झट से अपने कपड़े उतार कर बाथरूम में घुस गई थी बथटब में लेटी हुई कामया जितना हो सके अपने को समेटने की कोशिश करती जा रही थी उसके शरीर में जो आग लगी थी वो उसे किसी तरह से शांत करना चाहती थी पर आग थी जो बढ़ती ही जा रही थी

पानी भी उसके शरीर में शूल की भाँति लग रहा था जहां भी टच हो रहा था वो चुभ रहा था पानी की ठंडक भी उसे इतना गरम लग रहा था कि वो अपने आपको समेटने के अलावा और कुछ भी नहीं सकती थी पर हाँ … अपने सीधे हाथ को जरूर जाँघो के बीच तक ले गई थी और जैसे ही अपनी योनि को छुआ एक हल्की सी सिसकारी मुख से निकल गई
ना चाहते हुए भी उसे अपनी उंगली को और भी अंदर तक घुसाकर अपने को थोड़ा सा शांत करने की कोशिश करती रही और उसे ज्यादा देर भी नहीं लगी उसके शरीर की आग इतनी भड़क गई थी वो जल्दी ही अपने आपको शांत करके टॅब पर वैसे ही लेटी रही और अपने सांसों को कंट्रोल करती रही आखें बंद और कलाईयों को अपनी जाँघो के बीतचमे डाले वो थोड़ी देर तक तो अपने से लड़ती रही पर फिर वो उस कमरे में हुई घटना के बारे में सोचने लगी
 
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Alok

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Superb fantabulous update bhai
 
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