पर ऋषि तो अपने काम में ही मस्त था वो कामया की चुचियों को आजाद करके सिर्फ़ उनकी ओर ही देख रहा था और सहलाता हुआ उसकी गोलाई और कोमलता के एहसास को अपने अंदर समेट रहा था पर कामया का शरीर तो जैसे भट्टी बन चुका था वो अपनी जाँघो को खोलकर ऋषि को कस कर अपने से सटा रही थी और उसे खींच रही थी कि वो कुछ करे पर ऋषि कामया के सीने पर अपना सिर रखे हुए अपने हाथों से उसे सहलाता जा रहा था और धीरे-धीरे उसकी गोल चुचियों को किस करता जा रहा था
कामया- क्या कर रहा है ऋषि प्लीज चूस ना प्लीज ऋषि चूस सस्स्स्स्शह उउउम्म्म्ममम म
ऋषि- हाँ भाभी उउउम्म्म्म अच्छा लगा हमम्म्मममम
कामया-हाँ और जोर से ऋषि प्लीज और जोर से
ऋषि अपने मन से कामया की चुचियों को अपने होंठों से चूसता हुआ धीरे-धीरे उसे दबाता जा रहा था और एक हथेली को धीरे से उसके जाँघो के बीच में ले जा रहा था कामया कमोवेश की भेट चढ़ि हुई अपनी जाँघो को खोलकर ऋषि के अगले स्टेप का इंतेजार कर रही थी और जैसे ही ऋषि की उंगलियां उसके योनि से टकराई वो बिल्कुल सिहर कर ऋषि को कस कर अपनी चुचियो पर कस लिया ऋषि की सांसें बंद हो गई थी
ऋषि---उउउंम्म भाभी सांसें भी नहीं ले पा रहा हूँ छोड़ो आह ह
कामया- प्लीज ऋषि कुछ कर में मर जाउन्गी प्लीज वहां कुछ कर जल्दी
ऋषि- मरे आपके दुश्मन में हूँ ना आप क्यों परेशान है
एक हल्की सी आवाज कामया के मुख से निकली और वो ऋषि को अपनी जाँघो पर कस्ती जा राई थी उसकी हथेलिया ऋषि के बालों को खींचती जा रही थी पर कुछ नहीं ऋषि अपने तरीके से उसकी चूचियां चूमता हुआ उसकी योनि पर हल्के-हल्के अपनी उंगलियां चलाता रहा
कामया- प्लीज ऋषि और नहीं प्लीज़ सस्स्स्स्स्स्स्सीईईईई आआह् ह
ऋषि के हाथों को पकड़कर उसने अपनी जाँघो को फिर से कस लिया और अपनी कमर को झटके देने लगी थी
ऋषि अब थोड़ा सा उससे अलग होता हुआ फिर से अपने घुटनों पर बैठा हुआ था कामया अपनी उखड़ी हुई सांसों से उसे एकटक देख रही थी ऋषि उसकी ओर देखता हुआ धीरे से उसकी पैंटी को नीचे कर रहा था ऋषि की आखें उसकी ओर देखती हुई जैसे पूछ रही थी कि उतारू या नही
कामया ने अपनी कमर को उँचा किया ताकि ऋषि अपने काम को अंजाम दे सके और हुआ भी वही झट से पैंटी बाहर लेकिन ऋषि को कोई जल्दी नहीं थी वो धीरे से कामया की टांगों से लेकर उसकी जाँघो तक धीरे से किस करता हुआ उसकी जाँघो के बीचो बीच पहुँच गया था औ र
ऋषि- ऊह्ह भाभी युवर स्मेल सो गुड कन आई टेस्ट इट हाँ … प्लीज भाभी
कामया क्या कहती अपने हाथ को जोड़ कर ऋषि के बालों के पास ले गई और उसे अपने जाँघो के बीच में खींच लिया उसके होंठों ने जैसे ही उसकी योनि को टच किया एक लंबी सी सिसकारी उसके होंठों से निकली और उसकी जाँघो को चौड़ा करके जहां तक हो सके ऋषि को जगह बना के देदी थी कामया ने
ऋषि तो जैसे इस चीज में मास्टर था ना कोई दाँत लगा और नही कुछ और नहीं कोई जल्दी और नहीं कोई वहशीपन और नहीं जोर जबरजस्ती और नहीं कोई चुभन बस उसके होंठों की ओर उसकी जीब की अनुभूति और वो भी उसके अपर लिप्स पर और कही नहीं धीरे-धीरे वो उसके इन्नर लिप्स तक पहुँची पर कामया हार गई और
कामया- आआआह्ह ओूऊह्ह ऋषि आई कॅनट स्टॅंड मोर डिय र , आई म कोँमिंग उूुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममममममाआआआआआआह् ह ,
ऋषि गो अहेड माइ लव गो अहेड आई म हियर युवर आखिरी ड्रॉप ईज़ माइन आई लव यू डिय र
कामया का सारा शरीर आकड़ गया था और अपने पैरों को उँचा करके वो अपने शरीर को उत्तेजना के आग में जलाकर बाहर की ओर निकल रही थी वो निरंतर झटके से अपने आपको रिलीस कर रही थी और ऋषि उसकी योनि से निकलने वाले हर ड्रॉप को खींचकर अपने अंदर लेता जा रहा था वो अब भी कामया की जाँघो के बीच में ही था और कमाया शांत हो गई थी और बिस्तर पर गिरी गिरी अपने हाथों को पूरे बिस्तर पर घुमा रही थी
वो बहुत थकी हुई नहीं थी पर हाँ … एक अजीब सी उत्तेजना थी जो कि अब भी उसके अंदर सोई नहीं थी झटके लेती हुई अभी तक अपने को रिलीस कर रही थी
ऋषि अब तक उसे जाँघो के बीच में ही था और हर एक बूँद को चाट-ता और अपने होंठों से छूकर उसको लगातार सूखा रहा था कामया के होंठों से अब भी हल्की हल्की सिसकारी के साथ हाँफने की आवाज आ रही थी
ऋषि के बालों को पकड़कर वो लगातार अपने ऊपर और पास खींचने की कोशिश करती जा रही थी
कामया- उउउफफ्फ़ ऋषि अब बस कर नहीं तो फिर से शुरू हो जाएगा प्लीज अब मत कर
ऋषि- क्यों भाभी आज नहीं लग रहा हाँ … प्लीज ना भाभी युवर स्मेल सो गुड आई क न’ त रेजिस्ट माइसेल्फ प्लीज ना
कामया- प्लीज ऋषि थोड़ा सा रुक जा सांस लेने दे इधर आ ना प्लीज
ऋषि उसकी जाँघो के बीच से अपने सिर को बाहर निकालते हुए अपने चेहरे पर गिर रहे कामया के योनि रस्स को बेड पर ही पोंच्छ लिया और अपने हाथो से कामया की जाँघो से लेकर उसके गोल गोल नितंबों को छूता हुआ अपने चहरे को कामया की चूची के ऊपर रखकर लेट गया
कामया ने भी उसे कसकर अपने सीने के आस-पास जकड़ लिया था और उसके सिर को सहलाती हुई उसे प्यार करती रही
ऋषि के हाथ अब भी उसकी कमर से लेकर उसके पीठ पर हर कही घूम रहे थे एक हल्की सी सरसराहट उसके शरीर में अब भी उठ रही थी ऋषि कामया को अपनी बाहों में भरकर उसके नंगे शरीर को बड़े ही प्यार से सहलाता जा रहा था और अपने होंठों से उसकी चुचियों के चारो ओर किस करता जा रहा था
कोई प्रेशर या जल्दिबाजी नहीं थी उसे बड़े ही आराम से और नजाकत से कामया को भी उसका इस तरह से प्यार करना अच्छा लग रहा था और उसने भी ऋषि को अपनी बाहों में भर कर अपने से सटा रखा था
कामया- ऋषि
ऋषि- जी भाभी
कामया- एक बात पूच्छू तुम बुरा तो नहीं मनोगे
ऋषि- नहीं भाभी बिल्कुल नहीं पूछि ए
और उसकी हथेलिया भाभी की पीठ के साथ-साथ उसकी चुचियों पर भी आ गई थी
कामया- आह्ह स हाउ यू रिलीस युवर सेल फ
ऋषि- भाभी आई म नोट डेवेलप्ड तट वे आई हव प्रॉब्लम्स फिजिकली ऐज वेल ऐज मेडिकली