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Incest घर की मोहब्बत

kisanlal

Member
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moms_bachha brother ye update bahut accha tha pr ek baat h yrr ye update 100 likes wlaa toh nhi tha na itna lmba tha na hi padhne m mja aaya jo baaki pichle updates ko padhne m ata tha aapne bhi bs ye update kaam chalau hi dia h pr khair apki mohabbat k khatir readers ye bhi jldi hi puri kr denge story ko bhagane ki jrurt nhi h bhai aram se likho hum sath hn apke bahut accha likhte ho ap or ye story abhi tk bahut sahi chal rhi h pr is ghr ki mohabbat ko wapis se ghr m le jaao baaki like kr dia h baccha ji 😁❤️
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
Jabardast update … titli ko bhi raman se lagav hone laga.. Huney abhi tak apni Banny ko nahin dhoond paya hai…
 

sunoanuj

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५० पेज पूरे होने पर आपको बहुत सारी शुभकामनाएँ और बधाई !
 

insotter

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Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
Wonderful nice update bro 💯
 

aslamji

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Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..


रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
Nice update ab dheere dheere Suraj Sumitra qreeb arhe hn
Gifs mere me hi show nhi horhi h ya writer me lgyi nhi h ?
 

Vishalji1

I love lick😋women's @ll body part👅(pee+sweat)
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Amazing wonderfull update
 

Sidh

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Ma
Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



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कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
Mast update bhai
 
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