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Incest घर की मोहब्बत

Acha

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vary vary ...............................................................................................................................................................nice
 

Danny69

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Update 10



सूरज घर पहुँचता है तो देखता है उसकी माँ सुमित्रा अपनी बोझल आँखों से उसी का इंतजार कर रही थी और सूरज सुमित्रा कि आँखों को देखकर समझ जाता है कि सुमित्रा रात भर नहीं सोइ..

कहाँ था ना माँ सो जाओ.. मगर आप तो पता नहीं क्या चाहती हो? देखो आँखे कैसे लाल हो गई है आपकी..

अभी सोकर ही उठी थी बेटू, और तू आ गया.. चल चाय बना देती हूँ.. कुछ खायेगा तो बता.. बना दूंगी..

सूरज सुमित्रा को बाहों में भरके - मुझसे ना झूठ मत बोला करो माँ... आपके सोने और जागने का पता आपकी शकल से चल जाता है.. और मूझे कुछ नहीं खाना.. मूझे तो बस सोना है.. बहुत नींद आ रही है..

सुमित्रा - अच्छा.. रात में सब ठीक था ना हनी.. तू खुश हुआ ना..

सूरज सुमित्रा के गाल चूमकर - इतनी पर्सनल बातें मत पूछा करो माँ.. मैं बच्चा नहीं हूँ अब.. अच्छा बुरा समझता हूँ.. आप भी थोड़ा आराम कर लो.. रातभर बिना वजह ही जाग रही थी..

सुमित्रा भोलेपन का नाटक करती हुई - इसमें क्या पर्सनल है? अपनी माँ को इतना भी नहीं बता सकता तो क्या फ़ायदा.. मैं अब कुछ पूछूंगी ही नहीं तुझसे.. जा सोजा..

सूरज हसते हुए - अच्छा ठीक है.. मुंह मत लटकाओ.. मैं खुश हूँ.. अब जाऊ सोने?

सुमित्रा - रुक मैं हल्दी वाला दूध दे देती हूँ.. पीकर सोना.. रातभर इतनी मेहनत की है, थक गया होगा मेरा बच्चा..

सूरज मुस्कुराते हुए - मैंने शायद पिछले जन्मो में बहुत पुण्य किये होंगे.. तभी आपके जैसी माँ मिली है मूझे..

सुमित्रा दूध देकर - मस्का लगाने की जरुरत नहीं है हनी.. ले.. पिले.. और हाँ.. कल विनोद कह रहा था उसके ऑफिस में एक अच्छी जॉब है.. उसने बात की है तेरे लिए.. और तुझे बुलाया भी है बात करने के लिए.. जाकर मिल लेना..

सूरज दूध का सीप लेते हुए - ठीक है मिल लूंगा.. अरे दूध तो फीका है..

सुमित्रा - शायद मीठा डालना भूल गई.. ला अभी शकर डाल देती हूं..

सूरज दूध सुमित्रा के होंठो से लगाते हुए - शकर रहने दो.. आप तो बस अपने होंठो से छू लो दूध को.. दूध अपने आप मीठा हो जाएगा..

सुमित्रा हसकर - बेशर्म मा से भी मस्ती करता है..

सूरज दूध पिता हुआ - मस्ती क्या? सच तो कह रहा हूं.. देखो अब ये शहद से मीठा हो गया आपके होंठो से लगते है..

सुमित्रा मुस्कुराते हुए - अच्छा जी.. बच्चू.. तेरी मा हूं मैं.. भूलना मत कभी.. समझा?

सूरज दूध का गिलास सुमित्रा को वापस देते हुए - मुझे सब याद है.. आप चिंता मत करो.. भैया और पापा कहाँ है?

सुमित्रा - वो कभी इतनी सुबह उठते है भला? सो रहे है अभी तक..

सूरज मुस्कुराते हुए फिर से सुमित्रा को बाहो मे भरके - और आप सारी रात मेरे लिए जाग रही थी.. आप अगर मेरी मा नहीं होती ना तो..

सुमित्रा सूरज के इस तरह बाहो मे कसने से बहकने लगी थी उसने सूरज की आँखों फिर होंठो को देखा और फिर वापस आँखों मे देखते हुए कहा - तो क्या?

सूरज सुमित्रा के चेहरे से उसके दिल के ख्याल पढ़ सकता था उसने सुमित्रा को बाहो से आजाद करते हुए कहा - मा नहीं होती तो आपका खज़ाना लूट लेता..
इतना कहकर सूरज हस्ते हुए सीढ़ियों की तरफ भाग गया और ऊपर अपने कमरे मे चला गया..

सुमित्रा सूरज की बात सुनकर जैसे काम की आंधी मे पत्ते की तरह उडने लगी थी.. रात मे उसने कई बार चुत मे ऊँगली कर अपनी हवस शांत करने की कोशिश की थी और अब वापस वो उसी हवस से भर गई थी.. सुमित्रा ने बाथरूम का रुख किया और वापस वही करने लगी जो वो रात भर कर रही थी.. उसकी चुत कई बार ऊँगली करने से लाल हो गई थी और उसपर हलकी सूजन भी आ गई थी..

सूरज कमरे मे जाकर सो जाता है..


****************


अंकुश अपनी बहन नीतू के साथ बिस्तर में बेपर्दा होकर एकसाथ लिपटा हुआ सो रहा था और नीतू के जगाने से अब उसकी आँख खुली थी...

अक्कू सुबह हो गई है.. हटो ना.. उठने दो मूझे..

थोड़ी देर और लेटी रहो ना नीतू..

अक्कू.. बहुत काम है.. रात के बर्तन तक धोने बाकी है.. पानी भरना है.. मम्मी को सुबह आठ बजे चाय चाहिए होती है.. अगर नहीं मिली तो वो मूझे बहुत सुनाएगी..

बस पांच मिनट ना नीतू...

तेरी पांच मिनट कब पचास मिनट हो जाती है पता नहीं चलता.. हट मेरे ऊपर से.. वरना होंठों पर ऐसा काटूंगी की याद रखेगा..

अक्कू नीतू को चूमकर - ऐसे करेगी ना तो उस वकील साहिबा से चक्कर चला लूंगा.. समझी?

नीतू - बड़ा आया तू चक्कर चलाने वाला.. तू किसी और लड़की से प्यार की बात तो करके देख.. तेरा वो हाल करुँगी ना कि सोचेगा मेरा कहा मान लेता तो अच्छा होगा.. समझा?

अक्कू मुस्कुराते हुए - समझ गया मेरी मिया खलीफा..

अंकुश ने इतना कहा ही था की कमरे के दरवाजे को किसी ने बाहर से खटखटा दिया.. अंकुश और नीतू एक दम से चौंकते हुए पहले दरवाजे की तरफ और फिर एक दूसरे की तरफ देखने लगे.. इतने में दरवाजे के बाहर खड़ी गोमती ने आवाज लगाते हुए कहा..

नीतू.. नीतू.. दरवाजा खोल नीतू..

अंकुश - मम्मी आ गई.. आज तो पकडे गए नीतू..

नीतू मुस्कुराते हुए - कुछ नहीं होगा.. तू रुक मैं देखती हूँ..

नीतू ने अपने नंगे बदन को एक पतले से तौलिये से ढक लिया और अक्कू नंगा ही उठकर अलमीरा के पीछे छिपकर खड़ा हो गया..

नीतू दरवाजा खोला तो सामने गोमती हाथ में ट्रे लिए खड़ी थी जिसमे दो चाय के कप थे..

माँ.. आप??

गोमती - चाय पिले.. और अक्कू को भी दे दे.. मैं जानती हूँ वो रात से तेरे साथ अंदर ही है..

नीतू शर्म से नीचे देखकर बोली - माँ आपने क्यों तकलीफ की मैं बस आ ही रही थी..

गोमती - कोई बात नहीं.. अपने भाई से बोल तैयार हो जाए और तू भी तैयार हो जा.. हमें अभी गाँव जाना पड़ेगा..

नीतू - क्यों? अचानक गाँव क्यों?

गोमती - थोड़ी देर पहले तेरे मामा का फ़ोन आया था... कल रात में तेरे नाना जी का देहांत हो गया.. जल्दी आना.. मैं इंतजार कर रही हूँ..

गोमती चली जाती है और नीतू दरवाजा बंद करके तौलिया एक तरफ फेंकती हुई अपने कपड़े उठाकर पहनते हुए अंकुश से कहती है - अक्कू मम्मी कह रही थी कि..

अंकुश कपड़े पहनते हुए नीतू कि बात काटकर - सुना मैंने मम्मी ने क्या कहा.. पर मूझे समझ नहीं आ रहा.. मम्मी हमारे बारे में जानती है? और उन्होंने हमें कुछ बोला भी नहीं?

नीतू अंकुश को चाय का कप देती हुई - कल जब मैं और मम्मी कोर्ट गए थे उससे पहले मम्मी ने मुझसे तेरे बारे में बात की थी अक्कू..

अंकुश - क्या बात की थी?

नीतू चाय पीते हुए - हमारे बीच जो है उसके बारे में मम्मी को बहुत पहले से पता है.. और वो बदनामी के डर से अबतक कुछ नहीं बोली.. मगर कल मम्मी ने इस बारे में मुझसे बात की और मैंने मम्मी से साफ साफ कह दिया था..

अंकुश - क्या कहा तूने मम्मी से?

नीतू चाय का कप रखकर अक्कू को बाहों में भरती हुई बोली - यही कि मैं अपने अक्कू से बहुत प्यार करती हूँ.. और तलाक़ के बाद अपने अक्कू से शादी भी करुँगी.. फिर हम कहीं और शिफ्ट हो जाएंगे और मैं तेरे बच्चे की माँ बनुँगी.. मम्मी ने पहले तो मेरी बातों का मज़ाक़ बनाया और मूझे समझाया मगर बाद में मेरे आगे हार मान ली.. अब घर में हमें छुप छुपकर प्यार करनी की जरुरत नहीं है अक्कू..

अंकुश हैरानी से - इतना सब हो गया?

नीतू अंकुश का हाथ पकड़कर कमरे के साथ ही लगते हुए बाथरूम में ले जाती हुई - जल्दी तैयार होना.. चल साथ में नहाते है..

नीतू अपने और अंकुश के कपड़े फिर से उतार देती है और शवार के नीचे आकर अंकुश को बाहों में भरके चूमते हुए नहाने लगती है..

अंकुश नीतू से दूर हटते हुए - यार नीतू.. नाना जी एक्सपायर हो गए और तू ये सब कर रही है.. थोड़ा ख्याल कर..

नीतू घुटनो पर बैठकर अंकुश के लंड को मुंह मे लेकर चुस्ती हुई - 90 साल की उम्र में मारे है नानाजी.. भरी जवानी में नहीं.. और वैसे भी कोनसा नाना नानी हमसे इतना करीब थे कि आंसू आये.. उनको तो हमेशा मामा मामी से लगाव था.. मम्मी की आखो में तो आंसू भी नहीं है.. जब उनको कोई अफ़सोस नहीं है तो मैं क्यों करू?

अंकुश - अह्ह्ह्ह.. आराम से नीतू.. बोल्स वाली जगह सेन्सटिव होती है..

नीतू जोर जोर से अंकुश का लंड चुस्ती हुई - पता है.. मूझे तो बस तेरी अह्ह्ह सुनने में मज़ा आता है..

अंकुश - नीतू अगर तू मेरी बहन नहीं होती ना.. इस हरकत पर मैं एक जोर का थप्पड़ जरुरत मारता तेरे गाल पर..

नीतू लंड पूरा खड़ा करके चूसना बंद कर देती है और फिर खड़ी होकर लंड को अपनी चुत में घुसाती हुई कहती है - एक क्या मेरे भाई दो थप्पड़ मार ले अपनी बहन को.. तेरे लिए तो जान दे सकती हूँ...

अंकुश नीतू कमर पकड़कर उसे दिवार से चिपका देता है और चुत में झटके मारते हुए कहता है - कैसे मार दूँ बहना.. भूल गई रक्षाबंधन के दिन तूने क्या वचन लिया था.. कि मैं तेरे ऊपर सिर्फ अपना लंड उठाऊंगा हाथ नहीं..
अक्कू कुछ देर ऐसे ही नीतू को पेलता रहता है..

नीतू - अह्ह्ह.. अह्ह्ह.. अह्ह्ह.. अक्कू.. मेरा होने वाला है.. अह्ह्ह..
अंकुश - मेरा भी होने वाला है नीतू.. अंदर निकाल दूँ..
नीतू - भाई तेरा जहाँ मन करें निकाल दे.. अह्ह्ह..
अंकुश नीतू के अंदर झड़ जाता है और दोनों कुछ देर गहरी गहरी साँसे लेते हुए एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगते है फिर नीतू कहती है...

नीतू - अब क्या अपनी बहन की चुत में घुसा रहेगा अक्कू? निकाल ना इसे.. चल नहाते है वरना मम्मी आ जायेगी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - घुसाया तूने था निकालना भी तुझे ही पड़ेगा..

नीतू लंड निकालकर शावर ऑन कर देती है और अंकुश को नहलाते हुए खुद भी नहा कर बाहर आ जाती है दोनों अपने अपने कमरे में जाकर तैयार होकर नीचे इंतजार कर रही गोमती के पास आ जाते है..

गोमती दोनों को देखकर - इतना समय क्यों लगा दिया?

नीतू - सवा आठ ही तो बजे है माँ..

अंकुश घर से बाहर जाते हुए - मैं रिक्शा ले आता हूँ..

अंकुश के जाने के बाद गोमती नीतू से - कहीं जवानी के जोश में पेट मत फुला के बैठ जाना..

नीतू गोमती से नज़र चुराकर - अक्कू गर्भनिरोधक गोलीया लाकर दे देता है.. अभी बच्चे का खतरा नहीं है.. जब तलाक़ के बाद घर शिफ्ट करेंगे तब सोचूंगी बच्चा पैदा करने के बारे में..

गोमती - अक्कू इस सबके लिए मान जाएगा?

नीतू - उसे तो मेरी हर बात माननी पड़ेगी.. आपको बच्चे के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.. आपका पोता अपकी बेटी ही पैदा करेगी..

अंकुश आता हुआ - माँ.. नीतू.. चलो..

गोमती ताला लगाती हुई धीरे से नीतू से - गलती मेरी ही है.. तुम दोनों पर मैंने ध्यान नहीं दिया.. वरना ये सब नहीं देखना पड़ता..

अंकुश सामन रिक्शा में रखकर गोमती और नीतू के साथ बैठ जाता है और बस स्टेण्ड पहुच जाता है..

अंकुश टिकिट लेकर - माँ.. चलो.. वो वाली बस है..

एक स्लीपर बस में तीनो बैठ जाते ही जहाँ गोमती और नीतू अगल बगल और अंकुश दोनों के बीच में होता है..

अंकुश इयरफोन लगाकर गाने सुनने लगता है और गोमती और नीतू बार बार चुपके से एक दूसरे की ओर देखकर बार बार अपना मुंह फेर लेते है जैसे दोनों एकदूसरे के बारे में ही सोच रहे हो..

नीतू अंकुश के हाथ में अपना हाथ डालकर एक इयरफोन अपने कान में लगाकर अंकुश के कंधे पर सर रख लेती है ओर आँख बंद करके गाने सुनते हुए रास्ते को काटने की कोशिश करती है.. वही गोमती नीतू को ऐसा करता देखकर कुछ सोचती है फिर वो खिड़की से बाहर आते हुए नज़ारों को देखकर नीतू और अंकुश के बारे में सोचकर मन ही मन एक फैसला करती है जिसे सिर्फ वही जानती थी...


****************


रमन सीढ़ियों से उतरकर अपनी कॉफी लेने आया तो तितली ने उसे कहा..
आज मूवी दिखाने वाले थे ना तुम मूझे?

रमन शान्ति के हाथों से अपनी कॉफी लेकर - तुम तो बिजी थी ना आज?

हाँ.. थी तो.. मगर अब फ्री हूँ.. बताओ क्या करना है?

हम्म.. मैं पहले अपनी कॉफ़ी ख़त्म कर लू.. फिर रेडी होके आता हूँ.. एक घंटा वेट करना पड़ेगा? चलेगा ना तुमको?

मूझे तो आदत है इंतज़ार करने की.. कर लुंगी..

रमन कॉफी लेकर वापस अपने रूम में चला जाता है और घर की नौकरानी शान्ति तितली से कहती है..

क्या चल रहा है दीदी? रमन भईया तो कल से आपके साथ ऐसे पेश आ रहे है जैसे आप उनकी बीवी हो.. माजरा क्या है? कहीं आप दोनों के बीच इल्लू.. इल्लू.. तो नहीं होने लगा?

तितली मुस्कुराते हुए शान्ति की बात का जवाब देते हुए कहती है - इतना दिमाग मत चला शान्ति.. तेरे रमन भईया तो बस अच्छे होने का नाटक कर रहे है ताकि उनको मूझे प्रॉपर्टी ना देनी पड़े.. वरना कभी दानव को देखा है देवता बनते?

शान्ति - नहीं दीदी.. रमन भईया तो बहुत अच्छे इंसान है.. बस पता नहीं आपसे इतना क्यों नाराज़ रहते थे.. मगर अब लगता है सब ठीक हो गया है.. वैसे एक बात बोलू दीदी बुरा ना मानो तो..

तितली - इतना सब बोल दिया है तो वो बात भी बोल दो शान्ति.. मैंने कभी तुम्हारी बात का बुरा माना है जो अब मानुँगी..

शान्ति अपना फ़ोन दिखाते हुए - वो दीदी जब कल आप रमन भईया के साथ खड़ी थी ना.. तब मैंने आप दोनों की एक तस्वीर ली थी छिपके से.. आप दोनों एक साथ बहुत अच्छे लग रहे थे.. देखो..

तितली शान्ति पर बनावटी गुस्सा करते हुए - शान्ति तू भी ना..
तितली की नज़र तस्वीर पर पड़ती है तो वो अपनी और रमन की साथ में तस्वीर को देखकर एक पल के लिए कल रमन का बोली बात याद करने लगती है जिसमे रमन ने उससे शादी करने की बात कही थी.. तितली मुस्कुराते हुए शान्ति से कहती है - शान्ति.. ये तस्वीर तू..

शान्ति बात काटते हुए - भेज दी.. दीदी.. आपके व्हाट्सप्प पर भेज दी..

तितली शरमाते हुए - शान्ति किसी से ये सब मत कहना..

शान्ति - क्या मत कहना दीदी? कोनसी बात? मूझे तो कुछ याद भी नहीं.. हाँ मेरी तनख्वाह आप बढ़ाने वाली थी.. बस वो याद है मूझे..

तितली मुस्कुराते हुए - कह दूंगी धरमु को.. इस महीने से तेरी पगार बढ़ाने के लिए.. बस..

शान्ति - दीदी..

तितली - हम्म्म..

शान्ति - एक बात बोलनी है.. इस सूट की जगह आज आप साड़ी पहनो.. और गाडी में साड़ी थोड़ी सरका देना.. रमन भईया आपकी चिकनी कमर और दूध देखकर पागल ना हुए तो मेरा नाम बदल देना..

तितली बनावटी गुस्सा करते हुए - चल हट बेशर्म..

शान्ति - अरे दीदी अम्मा कसम.. सच कह रहे है..

तितली थोड़ी देर वही खड़ी होकर कुछ सोचती है और फिर एक नज़र शान्ति को देखकर अपने कमरे में चली जाती है जिसे शान्ति समझ जाती है..

कुछ देर बाद रमन नीचे आता है और शान्ति के बनाये सैंडविच खाते हुए हवा में कहता है - कहती है वेट करने की आदत है... लगता है टीवी के किसी सीरियल में घुस गई होगी..

शान्ति रमन की बात सुनकर - नहीं भईया.. दीदी तो आपके लिए साड़ी पहनने अंदर गई है..

रमन - तेरे लिए? तुझे कैसे पता?

शान्ति - मैंने ही तो साड़ी पहनने को बोला है.. दीदी मुझसे आपको इम्प्रेस करने के तरीके पूछ रही थी.. मैंने बोल दिया.. भईया को साड़ी वाली लड़किया अच्छी लगती है.. तो दीदी फट से अंदर चली गई साड़ी पहनने...

रमन - अच्छा? और क्या कहा तूने तेरी दीदी से?

शान्ति शरमाते हुए - मैंने कहा.. जब गाडी में बैठे तो साड़ी थोड़ी सरका दे.. ताकि आपकी नज़र उन पर पड़ सके.. आपको पसंद करती है दीदी.. मुझसे कल आपके साथ तस्वीर लेने को कहा था.. बोला था कि जब वो आपके साथ खड़ी हो तो तस्वीर खींच ले.. देखो मैंने खींची भी थी और दीदी को व्हाट्सप्प भी की है कुछ देर पहले.. उन्होंने देखा भी है..

रमन हैरानी और आश्चर्य में पड़ जाता है उसे कुछ समझ नहीं आता तभी शान्ति कहती है - देखो भईया दीदी की कितनी प्यारी लग रही है साड़ी में..

रमन तितली को देखता ही रह जाता है तभी शान्ति कहती है - भईया.. कल मेरी बच्ची का bday है..

रमन जेब से 2-3 हज़ार रुपए निकालकर शान्ति को देता हुआ - हैप्पी बर्थडे बोलना..

शान्ति ख़ुशी से - रमन भईया..

रमन - हां..

शान्ति - दीदी कल कह रही थी उनको रास्ते की चाट बहुत अच्छी लगती है.. सोचा आपको बता दूँ..

तितली पास आते हुए - चले?

रमन - हम्म.. चलो..

रमन और तितली गाडी में बैठ जाते है इस खूबसूरत शहर के खूबसूरत रास्तो से होते हुए.. गर्म हवा जो झीलों के पानी से टकरा कर ठंडी हो रही थी उसके थपड़े अपने चेहरे पर महसूस करते हुए सिनेमा हॉल जाने के लिए निकल जाते है..

तितली ने शान्ति की बात याद करके अपने पल्लू को थोड़ा सरका दिया और कमर से भी साड़ी को सरका दिया जिससे रमन तितली की कमर और छाती पर सुडोल उठे हुए चुचो के बीच की हलकी घाटी रमन को दिखाई देने लगी और उसे शान्ति की बात पर यकीन हो गया..

रमन तितली की तरफ आकर्षित होने लगा था और तितली मुस्कुराते हुए सामने और साइड के शिशो से रमन को अपनी और देखते हुए देख रही थी और उसके होंठों पर हलकी सी मुस्कान भी आ गई थी.. और वो सोचने लगती है की क्या रमन सच में उसे पसंद करने लगा है या सिर्फ वो उसके साथ कोई खेल खेल रहा है? तितली रमन पर पूरा भरोसा नहीं कर सकती थी और करती भी क्यों जो आदमी दो दिन पहले तक उससे नफरत करता था और अपने बाप की रखैल कहकर बुलाता था वो अचानक उसके साथ उतना सीधा और मीठा बनकर बात करने लगे तो उसे कैसे यक़ीन हो?

कुछ खाओगी?

क्या?

किसी ने बताया था यहाँ काफी अच्छी समोसा चाट मिलती है..

खिला दो.. देखते है तुम्हारी पसंद कितनी टेस्टी है..

तुम बैठो में लेकर आता हूँ..

रमन गाडी किनारे लगाकर एक दूकान से एक समोसा चाट ले आता है..

लो.. ट्राय करो..

तितली चाट टेस्ट करके - अच्छी है.. पर वो बात नहीं है..

कोनसी बात?

वही बात जिसमे मुंह से सीधा वाह.. निकलता है..

अच्छा? तो कहा मिलेगी वाह्ह.. वाली बात?

चलो.. मैं बताती हूँ..

कहा?

वही... जहाँ कोई आता जाता नहीं..

मतलब?

मतलब.. शहर की पुरानी गलियों में.. तुम्हारी ये बड़ी कार वहा नहीं जा पाएगी.. बाइक से चल सकते थे.

ठीक है.. मूवी का प्लान केन्सिल करते है.. आज तुम्हारे साथ पुराना उदयपुर घूमता हूँ.. देखता हूँ तुम्हारी वाह्ह.. वाली बात में कुछ बात है भी या नहीं..

रमन अपनी गाडी आगे किसी मॉल की पार्किंग में लगा देता है और किराए पर बाइक लेकर तितली के साथ तितली की बताई जगह के लिए निकाल पड़ता है..

तितली एक पुरानी सी से दूकान पर रमन को ले आती है और वहा से सबसे पहले दो कप चाय से दिन की शुरुआत करती है रमन चाय पीकर महसूस करता है कि वाकई तितली कि पसंद में वाह्ह वाली बात थी..

तितली एक के बाद एक.. शहर कि कई दूकानो पर रमन के साथ चाट खाती हुई और उसके बारे में बात करती हुई रमन को बताती हुई रिक्शा से घूमती है.. रमन को तितली के स्वाभाव का ये साइड कभी दिखा ही नहीं था और शायद उसने कभी देखा भी नहीं था.. आज के दिन रमन चुप था और तितली अपने नाम कि तरह शहर में रमन का हाथ पकडे यहां से वहा घूम रही थी.. खिलखिलाती हुई हंसकर अपने असली रूप में आ गई थी जिसे उसने कुछ सालों से मार रखा था.. रमन को तितली से लगाव हो चूका था और तितली उसे पसंद आने लगी थी..

शाम ख़त्म होते होते दोनों घर लौट आये.. आज दोनों के दिलो मे जो फीलिंग थी उसे शब्दों मे नहीं बताया जा सकता था रमन खुश था मगर तितली बेचैन.. तितली को घर आने के बाद महसूस हो रहा था जैसे वो भी रमन के प्यार मे पड़ने लगी है मगर जैसे ही उसने रमन के पिता की तस्वीर जो उसके कमरे की दिवार पर लगी थी देखा तो किसी ख्याल से मायुस हो गई.. उसे गिल्ट हो रहा था जैसे वो कुछ गलत कर रही है..

दरसल तितली की माँ मीना जो उस वक़्त नौकरानी थी और रमन के पिता सेठ पूरन माली के बीच अफेयर था और उसी सम्बन्ध का नतीजा था की मीना पेट से हो गई और तितली का जन्म हुआ.. समाज के डर से पूरन ने कभी तितली को अपना नाम तो नहीं दिया मगर एक बेटी की तरह उसे पाला और संभाला.. पूरन ने मीना के साथ अपना नजायाज़ रिश्ता कायम रखा और तितली को पिता का प्यार देता रहा.. तितली पढ़ने मे अच्छी थी और डॉक्टर बनना चाहती थी उसके ख्याब को पूरन ने पूरा करने मे हर तरह से मदद की.. तितली नौकरानी की बेटी होकर भी पुरे ऐशो आराम से पली बड़ी थी.. वो सायनी और समझदार दोनों थी.. उसे हमेशा इस बात पर हैरानी होती की सेठ पूरन माली उसके ऊपर इतनी मेहरबानी क्यों करते है? वो हमेशा सोचती थी की ये सब सिर्फ इसलिए होता है क्युकी उसकी मा मीना और पूरन के बीच चक्कर है मगर उसकी मा मीना ने मरने से पहले सारी सचाई तितली को बता दी और फिर मीना के मरने के बाद सेठ पीरान माली की भी तबियत खराब रहने लगी.. तितली को जब पता लगा की उसके पिता और कोई नहीं बल्कि सेठ पूरन माली है और उसी कारण तितली की हर ख्वाहिश वो कहने से पहले पूरा कर देते है तो तितली की आँखों मे आंसू आ गए.. तितली डॉक्टर बन चुकी थी और अब वो पूरन के आखिरी दिनों मे उसकी सेवा करने लगी थी.. तितली ने पूरन उसके रिश्ते के बार मे बात की तो पूरन अफ़सोफ करते हुए तितली से माफ़ी मांगने लगा की वो समाज के डर से उसे कभी बेटी नहीं कह पाया.. मगर पूरन को तितली के स्वाभाव का पता था और वो जानता था तितली ही उसकी जायज हक़दार है.. उसने बिना तितली को बताये अपनी पूरी प्रॉपर्टी तितली के नाम कर दी और तितली से रमन का ख्याल रखने का कहकर दुनिया अलविदा हो गया.. जब पूरन के मरने के बाद इस बाद का पता रमन को चला तो वो तितली से नाराज़ हो गया और उसे बुरा भला कहने लगा.. मगर तितली ने रमन के गुस्सा और ताने दोनों को चुप चाप सह लिया और अपने पिता सेठ पूरन माली के जाने के दुख को भी सह गई..

तितली को पता था की रमन और उसका बाप सेठ पूरन माली ही है.. और अब वो अपने ही सोतेले भाई को दिल दे बैठी है.. यही ख्याल उसे तंग किये जा रहा था.. तितली को प्रॉपर्टी का जरा भी लालच ना था वो बस अब रमन के करीब रहकर उसे खुश देखना चाहती थी..


***********


मैडम वो फ़ाइल नहीं मिल रही..

कोनसी फ़ाइल?

टेंडर वाली.. जिसकी परसो मीटिंग है.. मैंने जयप्रकाश जी को रखने के लिए दी थी मगर वो तो कल उस फ़ाइल को टेबल पर रखकर ही घर चले गए तब उसके बाद से फ़ाइल का कोई पता नहीं है..

बुलाइये जयप्रकाश जी को..

जयप्रकाश आते हुए - गुड मॉर्निंग मैडम..

जयप्रकाश जी टेंडर वाली फ़ाइल मैंने आपको सेफली रखने के लिए दी थी ना.. आपने उसे यूँही टेबल पर छोड़ दिया?

मैडम कल थोड़ा जल्दी मैं था इसलिए चूक हो गई.. मगर कभी टेबल पर रखी फ़ाइल गायव नहीं हुई आज पहली बार ऐसा हुआ है कि टेबल पर रखी फ़ाइल नहीं मिल रही..

मैं कुछ नहीं जानती जयप्रकाश जी.. आप ढूंढिए उस फ़ाइल को.. उसका मिलना बहुत जरुरी है.. परसो उस फ़ाइल के बिना मीटिंग में कैसे जाउंगी मैं? जाइये.. फ़ाइल ढूंढिए और लाकर दीजिये.. शाम से पहले फ़ाइल नहीं मिली तो आपकी जिम्मेदारी होगी..

जी मैडम... मैं देखता हूँ..

जयप्रकाश चला जाता है और गुनगुन फ़ाइल के बारे में सोच मे लगती है..


**********


सुबह 7 बजे सोये सूरज की आँख दिन के 1 बजे खुली तो उसे सबसे पहले बरखा को स्टेशन छोड़ने जाने की बात याद आई और वो उठकर तौलिया लेता हुआ बाथरूम में चला गया और ब्रश करके नहाने लगा उसे नहाकर सूरज तैयार हुआ और सीढ़ियों से नीचे आ गया.. विनोद और जयप्रकाश ऑफिस जा चुके थे और सुमित्रा बैडरूम का दरवाजा बंद करके अंदर माँ बेटे की कामुक कहानि पढ़ते हुए अपनी चुत सहला रही थी..

सूरज नीचे आकर रसोई में फ्रीज़ से पानी निकालकर पिने लगा.. सुमित्रा को रसोई से कुछ आवाजे आई तो वो बैडरूम से बाहर आ गई और सूरज को देखकर बोली - भूक लगी है मेरे लाडले को? बता क्या खायेगा? बना देती हूँ..

आज खाना नहीं बनाया आपने?

बनाया था पर ख़त्म हो गया.. रुक मैं अभी तेरे लिए गर्मगर्म फुल्के बना देती हूँ..

सुमित्रा आटा लेकर फुल्के बनाने लगी.. उसने हाथ तक नहीं धोये.. जो उंगलियां कुछ देर पहले उसकी चुत में घुसी हुई थी उसी से वो फुल्के बनाकर सूरज को परोस देती है और सूरज बड़े चाव से उसे खा लेता है..

वैसे तू तैयार होके जा कहा रहा है?

कहीं नहीं माँ.. एक दोस्त से मिलने जा रहा हूँ शाम तक आ जाऊंगा.. आप ही कहती हो घर में अकेला मन ना लगे तो दोस्तों से मिल लिया कर..

हाँ कहती हूँ पर दोस्तों से मिलने के लिए.. दोस्त की ex गर्लफ्रेंड को होटल में बुलाकर उसके साथ सोने के लिए नहीं.

माँ... आपको बताना ही नहीं चाहिए था.. आप ना हर बात में वही बात लेकर आओगी अब..

अच्छा ठीक है नहीं बोलती.. वैसे कोनसी दोस्त से मिलने जा रहा है? ये भी किसी की ex गर्लफ्रेंड है?

हा.. कल वाली लड़की ही है.. पार्क में मिलने बुलाया है.. साथ में मूवी देखने का भी प्लान है.. सब बता दिया अब खुश?

तू उसे कोनसी मूवी दिखायेगा मूझे सब पता है.. कंडोम पहन के मूवी दिखाना.. समझा? तेरी ऐयाशी से घर में कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए.. दिन ब दिन लड़कियों में ही घुसता जा रहा है.. तेरी भी जल्दी ही शादी करवानी पड़ेगी..

सूरज सुमित्रा को पीछे से अपनी बाहों में भरके पकड़ता हुआ बोला.. अच्छा माँ.. आप करवा दो ना फिर मेरी शादी.. जल्दी से.. कोई लड़की है आपकी नज़र में?

सुमित्रा पीछे सूरज की तरफ अपने मुंह करके मुस्कुराते हुए - कैसी लड़की चाहिए बता.. मैं ढूंढती हूँ..

सूरज - बताया था ना.. बिलकुल आपके जैसी.. जो आपके जैसा खाना बना सके.. घर सभाल सके और बहुत खूबसूरत भी हो..

सुमित्रा हसते हुए - मेरी जैसी मिलना तो मुश्किल है..

सूरज मज़ाक़ में - कोई बात नहीं.. फिर में आपसे ही शादी कर लेता हूँ.. वैसे भी पापा तो बूढ़े हो गए है.. आप तो अभी भी जवान हो.. 2 बच्चे और पैदा हो जायेगे..

सुमित्रा सूरज के गाल चूमते हुए - अपनी माँ के साथ ये सब करने वाले को पता है ना लोग क्या कहते है? कोनसी गाली देते है..

सूरज सुमित्रा के कान में धीरे से - पता है मादरचोद कहते है.. पर आपके लिए सब सुन सकता हूँ..

सुमित्रा सूरज के होंठों को पकड़कर - चुप... कमीना कहीं का.. चल अब छोड़ मूझे.. तेरी वो सहेली इंतजार कर रही होगी.. पता नहीं कितनी आग भरी उसके अंदर.. रातभर मिले थे और अब वापस मिलना है.. जा मिल ले जाकर...

सुमित्रा ने जब सूरज के होंठ पकडे तो सूरज को सुमित्रा की उंगलियों से जो महक आरही थी उससे वो अच्छी तरह वाक़िफ़ था मगर उस अनदेखा कर सुमित्रा के गाल चूमकर रसोई से बाहर आता हुआ - बाय माँ..

सुमित्रा मुस्कुराते हुए - बाय बेटू..

सूरज के जाने के बाद सुमित्रा फिर से अपने कमरे में चली गई और उस बार कहानी पढ़ने की जगह सूरज की अभी मज़ाक़ में बोली हुई बातों को याद करके चुत सहलाने लगी..

सुमित्रा के मन में सूरज के लिए हवस दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी और उसका काबू पर खुद पर नहीं था, सुमित्रा अकेलेपन में सूरज को याद करके गन्दी से गन्दी हरकत करने लगी थी..

एक तरफ सूरज के लिए सुमित्रा पागल हुए जा रही थी तो दूसरी तरफ गरिमा भी अब बेचैन थी.. कई दिनों से वो सूरज के लगातार मैसेज और कॉल आने पर ये समझ रही थी की सूरज भी उससे बात करने के लिए तड़प रहा है मगर फ़ोन पर बात करने के बाद से सूरज ने गरिमा को मैसेज या कॉल किया ही नहीं.. जिसके करण गरिमा की हालात बेचैन थी उसका मन कहीं नहीं लग रहा था उसे बस सूरज के मैसेज और कॉल का ही इंतजार था और गरिमा उसीके इंतजार में बैठी हुई अपने मन के गुस्से और अना से लड़ झगड़ रही थी और सोच रही थी कि अब उसे ही सूरज को मैसेज या कॉल कर देना चाहिए.. मगर वो ऐसा करने से झिझक रही थी और उसका गुस्सा और अना बार बार उसे ऐसा करने से रोक रहे थे..


**************


किसी दोस्त से बाइक उदार लेकर सूरज पौने 2 बजे बरखा को लेने घर पंहुचा तो बंसी और हेमलता ने सूरज को देखकर मुस्कुराते हुए अंदर आने को कहा..

काका आज दूकान नहीं खोली?

हेमलता बोली.. अभी तो यात्रा से घर वापस आये है हनी.. दूकान कल खोलेंगे तेरे काका.. मैं चाय बना रही हूँ रुक..

काकी दीदी कहा है?

मैं यही हूँ हनी.. बस आ रही हूँ.. बरखा ने अपने कमरे से चिल्लाते हुए कहा..

बंसी अपने बैडरूम में चला गया और हेमलता रसोई में.. बरखा अपने रूम में थी..

सूरज सीधे रसोई में हेमलता के बार चला गया..

काकी लाओ मैं चाय बना देता हूँ.. आप रातभर से जगी हुई हो.. अभी घर लोटी हो.. थोड़ी देर बैठकर आराम कर लो..

हेमलता मुस्कुराते हुए हनी के गाल सहलाकार बोली - नहीं बेटा.. मैं ही बना देती हूँ.. वरना तू ही कहेगा काकी तो मुझसे काम करवाती है..

हनी मुस्कुराते हुए हेमलता के पीछे आकर उसके कंधो पर दोनों हाथ रखकर कहता है - अपने घर में काम करने से कैसी शर्म काकी..

हेमलता मुड़कर मुस्कुराते हुए सूरज को देखती हुई बोली - इतनी प्यारी बातें करेगा ना तो सुमित्रा से बोलकर तुझे मैं अपने पास ही रख लुंगी.. फिर ढ़ेर सारा काम करवाउंगी तुझसे..

सूरज हसते हुए अपने दोनों हाथ हेमलता के कंधे से हटाकर उसकी कमर पर ले जाता है और पीछे से हेमलता को बाहों में भरते हुए कहता है - करवा लेना काकी.. मैंने कब मना किया? मैं जानता हूँ आप अजय और विजय भईया के जाने के बाद बहुत अकेली हो.. पर आप चिंता मत करो मैं हूँ ना... (हेमलता के गाल चूमकर) आपका ध्यान रखने के लिए..

हेमलता के दोनों बेटे अजय और विजय सालों पहले दूर बड़े शहर में जाकर वही बस चुके थे और सालों से घर नहीं आये थे अब तो उनकी बात हेमलता और बंसी से होना भी बंद हो चुकी थी सूरज के मुंह से ये बात सुनकर हेमलता भावुक हो गई मगर फिर खुदको सँभालते हुए सूरज को देखकर बोली - तू कब से इतनी समझदारी वाली बातें करने लगा हनी? लगता है बड़ा हो गया है..

सूरज वापस हेमलता के गाल चूमकर - तो क्या आपने सोचा हमेशा बच्चा ही रहूँगा मैं?

हेमलता - मेरे लिए तो बच्चा ही रहेगा..

चाय उबल चुकी थी और बरखा भी अब अपने रूम से बाहर आकार रसोई में आ गई उसने देखा कि सूरज उसकी माँ को पीछे से अपनी बाहों में भरके हेमलता के गाल चुम रहा था और हेमलता मुस्कुराते हुए गैस बंद करके चाय को कप में डाल रही थी..

माँ.. इस शैतान से बचके रहो.. ये बहुत तेज़ हो गया है अब.. इसे बड़े उम्र कि औरते पसंद है.. कहीं आपके साथ कुछ ऐसा वैसा कर दिया तो बाद में मत पछताना..

हेमलता हसते हुए सूरज को चाय देकर उसके गाल को चूमती हुई बोली - इसे तो मैं बचपन से जानती हूँ बरखा.. जब तेरे पास टूशन आता था तब मैं ही इसकी छोटी सी नुन्नी पकड़कर इसे बाथरूम करवाती थी.. बहुत रोता था.. ये क्या कर सकता है और क्या नहीं मैं अच्छे से जानती हूँ.. तू ले चाय पिले मैं तेरे पापा को भी दे देती हूँ..

हेमलता वहा से चली जाती है बरखा चाय पीते हुए सूरज के करीब आकर सूरज को देखते हुए कहती है - हनी लगता है.. सपना आंटी के साथ हेमलता काकी की भी लेनी है तुझे?

सूरज चाय पीते हुए - छी.. दीदी क्या बोल रही हो आप? काकी तो मेरी माँ जैसी है..

बरखा हसते हुए - अच्छा? और मैं?

सूरज - आपको बड़ी बहन बोलता हूँ..

बरखा - सिर्फ बोलता है या मानता भी है?

सूरज - ज्यादा सवाल नहीं पूछ रही आप आज? चलो वरना ट्रेन miss हो जायेगी और फिर मुझसे कहोगी.. तेरे करण ट्रैन छूट गई..

बरखा सूरज को बेग देते हुए - ले उठा सामान मेरे कुली भाई..

सूरज बेग उठकर बाहर आ जाता है और बाइक पर आगे सामान रखकर बाइक स्टार्ट करता है और पीछे बरखा बैठ जाती है बाइक चली शुरु होती है.. रस्ता आधे घंटे का था..

बरखा ने दोनों हाथों से सूरज को कसके पकड़ लिया और अपनी छाती उसकी पीठ से चिपका दी और सूरज के कान के पास अपने होंठो को लाकर बोली - तू सच में मूझे बहन मानता है?

सूरज ने बरखा के बारे में कभी उस तरह से नहीं सोचा था और ना ही उसके छूने पर सूरज को कोई फील आता था इसलिए बरखा की छाती टच होने पर सूरज ने ज्यादा कुछ रियेक्ट नहीं किया और बरखा के सवाल पर कहा - हाँ.. क्यों? कोई शक है आपको?

बरखा - अपनी बहन की एक बात मानेगा?

क्या?

पहले कसम खा मूझे जज नहीं करेगा..

नहीं करूंगा बोलो ना..

हनी.. मेरा तेरे जीजू से रिश्ता ठीक नहीं चल रहा तू जानता है.. मूझे ना सेक्स किये हुए एक साल हो गया..

सूरज सडक किनारे गाडी रोक कर - दीदी मूझे क्यों बता रही हो आप ये सब? इसमें मैं क्या कर सकता हूँ?

हनी.. मेरे लिए..

छी दीदी.. आप ऐसा सोच भी कैसे सकती हो..

नहीं.. मैं तुझे मेरे साथ सेक्स करने के लिए नहीं कह रही.. बस मूझे एक बार तुझे देखना है..

इतने सालों से देख रही हो दी.. और कैसे देखना है..

हनी.. तू कितना नासमझ है.. मेरा तेरा प्राइवेट पार्ट देखना है..

दीदी.. मज़ाक़ मत करो..

मज़ाक़ नहीं है हनी.. सच में.. देख मेरा भाई है ना.. इतना सा नहीं कर सकता तू मेरे लिए..

नहीं दी.. ये सब मैं नहीं कर सकता.. सॉरी..

देख हनी.. मैं हाथ भी नहीं लगाउंगी बस देखूंगी.. तेरी कसम.. प्लीज.. अपनी बहन की इतनी सी बात नहीं मानेगा तू?

दीदी मुझसे शर्म आएगी.. और आप क्यों इतना फोर्स कर रही हो.. मैं नहीं कर सकता.. ट्रैन miss हो जायेगी..

अरे बाबा.. तू आँख बंद कर लेना.. अभी बहुत समय है ट्रैन आने में.. मैं बस देखूंगी हनी... अगर तू मना करेगा तो मैं तुझसे नाराज़ भी हो जाउंगी.. देखना फिर कभी बात भी नहीं करूंगी तुझसे..

क्या मुसीबत है यार.. अच्छा ठीक है.. आगे एक कॉफ़ी कैफ़े है वहा चलते है..

बरखा ख़ुशी से सूरज को लगे लगाती हुई - थैंक्यू मेरे छोटू भाई..

सूरज बरखा को कॉफी कैफ़े में ले आता है जहाँ पर्सनल केबिन बने हुए थे और पूरी प्राइवेसी थी.. सूरज ने दो कॉफी बोल दी और वेटर कॉफ़ी दे गया फिर सूरज ने केबिन का गेट लगा दिया..

बरखा सूरज के करीब आकर बैठ गई और सूरज ने शरमाते हुए अपनी लोवर नीचे करके चड्डी भी नीचे कर दी और बरखा के सामने सूरज का लंड आ गया जो श्यनमुद्रा में था और बरखा उसे खड़ा देखना चाहती थी..

बरखा ने अपना फ़ोन खोलकर उसकी गैलरी ओपन करके एक ब्लू फ्लिम चला दी और सूरज को फ़ोन दे दिया फिर बोली - हनी.. खड़ा देखना है..

सूरज झिझकते हुए ने फ़ोन ले लिया और एक नज़र बरखा को देखकर ब्लू फ़िल्म देखने लगा.. बरखा ने सिगरेट जलाकर कश लेते हुए कॉफ़ी का पहला सिप लिया और सूरज के लंड को देखने लगी जो नींद में भी अच्छा खासा था..

बरखा ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सिगरेट पीते हुए अपनी चुत को सहलाने लगी जिसे देखकर हनी बरखा को कामुक नज़र से देखने लगा मगर बरखा को छूने की उसकी हिम्मत नहीं हुई.. ब्लू फ़िल्म से ज्यादा बरखा के चुत सहलाने से सूरज का लंड अकड़ने लगा और बरखा लंड को खड़ा होते देखकर और कामुकता से अपनी चुत में ऊँगली करने लगी..

सूरज का लंड जब पूरा अकड़ गया तब बरखा लंड देखकर चौंक गई.. सूरज का लंड काफी लम्बा और मोटा था बरखा ने वैसा लंड हक़ीक़त में कभी नहीं देखा था ना उसके बॉयफ्रेंड का लंड उतना बड़ा था ना पति का.. पति से बहुत लम्बा और मोटा लंड था सूरज के पास..

बरखा ने पूरी गर्म होकर झड़ गई तो सूरज ने रुमाल देकर बरखा को चुत साफ करने का इशारा किया.. बरखा ने अपनी टांग चौड़ी करके खड़ी हो गई और सूरज के मुंह के सामने अपनी चुत खोलकर कहा - तू कर दे ना हनी..

सूरज ने रुमाल से बारखा की झांटो से भरी हुई चुत को साफ कर दिया और बरखा की चुत देखकर और नाक के करीब होने से सुघकर बरखा के प्रति आकर्षित हो गया मगर बचपन से बरखा को बहन मानने के कारण सूरज की हिम्मत बरखा से कुछ कहने की नहीं थी.. बरखा आराम से बैठ गई और सूरज ने भी अपने खड़े लंड को लोवर के अंदर कर लिया फिर कॉफ़ी को छू कर देखा तो कॉफ़ी ठंडी हो चुकी थी.. बरखा ने सूरज को ठंडी कॉफी पिने के लिए मना कर दिया और दो गर्म कॉफी मंगा कर पिते हुए बोली - बहुत किस्मत वाला है हनी तू..

सूरज कॉफी पीते हुए - क्यों दी..

बरखा - जितनी अच्छी तेरी शकल है उतना अच्छा तेरा ये लंड..

सूरज - दी यार.. कुछ तो शर्म करो.. अब ऐसे वर्ड तो मत बोलो..

बरखा हसते हुए - लड़का होके शर्माता है..

सूरज - बड़ी बहन से तो शर्माऊंगा ना.. दोस्तों की बात अलग है..

बरखा सिगरेट जलाकर कश लेती हुई बोली - और सपना आंटी से? उनसे भी शर्मायेगा तो बिस्तर मे कैसे उनके साथ सो पायेगा?

सूरज नज़र चुराते हुए - उनसे क्यों शर्माउ? वो मेरी बड़ी बहन थोड़ी है..

बरखा हँसते हुए सिगरेट के कश लेती हुई - अच्छा जी.. पर तेरी सपना ने मना कर दिया.. कल पूछा था मैंने तेरे लिए..

सूरज कॉफी पीते हुए - मना कर दिया मतलब?

बरखा - मतलब ये की मैंने पूछा था तेरे साथ सेक्स के लिए उसने तेरी पिक देखकर मना कर दिया..

सूरज गुस्से से - पिक क्यों भेजी? रिजेक्शन के बाद उनके सामने जाने में कितनी शर्म आएगी पता है? आप भी ना.. बोलते ही बात भी कर ली..

बरखा सिगरेट का एक लम्बा कश खींचकर सिगरेट बुझाते हुए - शर्म की क्या बात है इसमें?

सूरज - चलो अब टाइम हो रहा है..

बरखा सूरज को अपनी तरफ खीचकर - एक गुड बाय kiss तो दे दे..

सूरज - दी.. आराम से..

बरखा सूरज के होंठों पर अपने होंठो को चिपका कर चूमते हुए - सॉरी.. Baby..

बरखा ने सूरज के होंठों को कुछ देर चूमा फिर उसकी लोवर में हाथ डालकर उसका तना हुआ लंड पकड़कर मसलने लगी.. लंड पकड़ते ही सुरज ने चुम्मा तोड़ दिया और बरखा का हाथ अपने लोवर से बाहर निकलता हुआ बोला - दी.. छोडो..

बरखा मुस्कुराते हुए - ठीक है शरीफ इंसान.. नहीं छूती तुझे..

सूरज बेग उठाकर - चलो.. ट्रैन निकल जायेगी..

सूरज बरखा को लेकर स्टेशन पर आ जाता है और ट्रैन भी आ चुकी होती है..

सूरज बरखा का बेग ट्रैन में रखता हुआ - पानी वगेरा है ना आपके पास? कुछ लाना है आपके लिए?

बरखा मुस्कुराकर - सुन..

सूरज - हाँ..

बरखा सूरज के कान में - तेरी सपना आंटी ने बुलाया है तुझे..

सूरज बरखा को देखते हुए - क्यों? उसने तो मना कर दिया था..

बरखा - तेरी पिक देखने के बाद कौन मना कर सकता है क्या? मज़ाक़ कर रही थी मै तो..

सूरज - पक्का ना? पिटवा तो नहीं दोगी आप मूझे?

बरखा - तेरी मर्ज़ी.. नहीं जाना तो मत जा.. वैसे उसने कल कहा था.. तुझे पूरा खुश कर देगी..

सूरज मुस्कुराते हुए - थैंक्स दी..

बरखा सूरज के गाल सहला कर - ट्रैन चलने लगी है अब तू जा.. बाय..

सूरज - बाय दी..

सूरज बरखा को छोड़कर वापस आ जाता है...



Next update on 80 likes ❤️
Jabardas Update....
Jasa Aap humasha deta ha Moms Baccha ji...
Ma to Suraj or Suraj ki Mummy ki Conversation ka fan ho gaya....
Asa Incest Mom sayad hi hoti hogi...
Jo beta pa itna Lattu ho...
Or Suraj ko pata vi chal gaya ha sayad ki uski Mummy us pa Incest ha....
Haaaay daaaaya....
Mummy ki nathkhat harkat...
Kitna Kamuk ha..
Or Matherchod bali bat, jo Suraj na Mummy ka kan ma bola....
Pura Awesome Scene ha....

Aap ka har Update kamal ha....
Or Jabardas vi...
Par Aap ki Pictures or Gifs bahut miss kar raha hu.....
Khana ma Namak jasa ha, Kahini ma Pictures or Gifs....
Jo aap humasha sa data aya ha....
Par last kuch Update ma na to Pictures ha, na hi Gifs....
Please, ho saka to dadana aga ki Update ma....
Kahini ma jan dal deta ha, jasa Chirharan ma dala tha.....


Or aap ki Kahini ka or ek khasiayat...
Eha har umar ki Chudais Aurat ki varmar ha....
Daaaaya raaaaaa Daaaaya....
Kitna sara hara bhara maal ha, har Scene ma....
Bura hal ha pura....

Or Nazma or Suraj ki Sex Scene bahut hi detail ma tha....
Jisa padha ka maja aa gaya....
Itna detail ma Chinki, Neha, or Rachna ki vi hoti, to maja sa Lund Pichkari chor deta bar bar....

Suraj or Mummy, dono asa hi Gandi bata karta raha or ek dusra ko pura Seduced kara....
Par Bhai sahab, jada der na karna Maa Beta ki milan ma, pichli bar sirf ek bar Accha sa Chudai huyi thi Suman Mummy ki Gugu sa...
Is bar please, bahut bar Chudai Scene rakhna Suraj ki Mummy ki....

Or aap ki Mummy ki Mut bala Scene vi bahut Kamuk hota ha....
Chai ma Mut....
Roti ma Chut-Ras...
Chut ras sa lipta huwa Khira....
Aab Mummy ki Pichwara ki Gajar vi khilado Suraj ko, to maja aa jaya.....


Jabardas Update.....
❤❤❤❤❤❤👍👍👍👍👍👍🤤🤤🤤🤤🤤
 

Premkumar65

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Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
Mast update hai.
 

ayush01111

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Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
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