• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest घर की मोहब्बत

hunt007

New Member
28
18
3
Update 7

अरे अरे कौन है तू? और अंदर कैसे चला आया?

वो आंटी मैं.. सो सॉरी.. मुझे पता नहीं था यहाँ कोई है..

गार्डन के एक कमरे मे रमन घुसा तो उसने देखा की एक 50 पार की महिला कमर से ऊपर पूरी तरह नंगी खड़ी हुई अपने कमरे बदल रही थी जो रमन के कमरे मे आने पर अपने हाथों की हथेलियों से अपने चूची को ढक कर रमन को देखने लगी और उसे गुस्से की निगाहो से देखते हुए बोली..

पता नहीं था या सबकुछ पता करके कमरे मे घुसा है? मैं अच्छे से जानती हु तुम जैसे आवारा लफंडर बदमाश लड़को को.. ना रिश्ता देखते हो ना उम्र.. तुम्हारी मा जैसी हूं.. चलो बाहर निकलो.. वरना चमाट खाओगे.. जाओ..

सॉरी आंटी.. माफ़ करना..

रमन बाहर चला जाता है और औरत अपने कपडे बदलने लगती है..

कुछ देर बाद रचना लचकते हुए उस कमरे मे आ जाती है और उस औरत से कहती है - क्या हुआ मम्मी जी?

कुछ नहीं रचना.. आज कल के लड़के भी ना.. ना उम्र देखते है ना समाज.. बस बेशर्म बनकर कुछ भी करने लगते है..

क्या हुआ मम्मी जी ऐसा क्यों बोल रही हो.. किसी ने प्रपोज़ कर दिया क्या आपको?

नहीं रे.. अभी कपडे बदलते वक़्त एक लड़का कमरे मे घुसा आया.. मैं तो शर्म से पानी पानी हो गई..

तो फिर कुछ हुआ क्या उस लड़के और आपके बीच मम्मी जी? बताओ ना?

तू भी बेशर्म हो गई है रचना.. भला मेरी उम्र है ये सब करने की? देख वो वहा जो लड़का है वही आया था.. मैं तो डांट कर भगा दिया..

रचना खिड़की से रमन को देखकर - ये.. मम्मी जी तो रमन है.. सूरज का दोस्त.. बहुत मालदार पार्टी है.. ये गार्डन इसी का तो है.. और भी बहुत सी प्रॉपर्टी है इसकी शहर मे.. बेचारा गलती से आया होगा.. आप भी ना मम्मी जी.. प्यार से जाने को कह देती डांटना जरुरी था? कितना हैंडसम है..

अनुराधा - रचना ये मत भूल तू शादीशुदा है.. और एक बच्चे की मा है.. ये मर्द देखकर तेरे मुँह मे जो पानी आता है ना सब जानती हूं मैं.. तेरी नियत तो हनी पर भी ठीक नहीं है.. अगर मुझे ऐसा वैसा कुछ पता चाला ना तो देख लेना..

रचना हस्ते हुए - मम्मी जी.. आप भी ना.. ना खुद बाहर की मिठाई खाती है ना मुझे खाने देती है.. अच्छा लो.. दो घूंट मार लो..

रचना अपने पर्स मे से एक वोटका का क्वाटर निकालकर अनुराधा के देती है और अनुराधा रचना के साथ मिलकर उस क्वार्टर को ख़त्म करते है दोनों सास बहु साथ मे इस तरह से पहले भी कई बार हलकी फुलकी शराब खोरी करते रहते थे और आज भी कर रहे थे.. दोनों पर सुरूर आ चूका था.. रचना तो अपनी गांड मे हो रहे हलके मीठे दर्द के साथ नाचने के लिए डांस फ्लोर पर चली गई मगर अनुराधा ने जब रमन को अकेला एक जगह बैठकर खाना खाते देखा तो वो कुछ सोच कर उसीके के पास चली गई..

तुम सूरज के दोस्त हो?

रमन ने साइड मे अनुराधा को खड़ा देखा तो झट से कुर्सी से खड़ा हो गया और बोला.. जी आंटी.. सॉरी वो गलती से आपके रूम मे आ गया..

कोई बात नहीं बेटा.. मैंने ही कुछ ज्यादा बोल दिया था तुम्हे.. मुझे लगा तुम कोई मनचले हो.. बैठो ना.. खाना खाते हुए उठा नहीं करते..

रमन वापस कुर्सी पर बैठ जाता है और अनुराधा भी रमन के बगल वाली कुर्सी पर बैठ जाती है..

ये गार्डन तुम्हारा है?

जी आंटी.. शहर मे काफी खानदानी जमीन थी तो पापा ने कई मैरिज हॉल और लोन बनाकर ये बिज़नेस शुरू किया था.. उनके बाद अब मैं ही इसे संभाल रहा हूं.. रमन ने खाना खाते हुए कहा..

ये तो बहुत अच्छी बात है.. अच्छा बेटा.. मेरे पोते का जन्मदिन है अगले महीने दस तारीख को.. छोटा सा प्रोग्राम करना था.. कोई छोटी जगह है?

जगह ही जगह है आंटी.. आप डेट बोलो मैं यही गार्डन बुक कर देता हूं..

अरे नहीं नहीं बेटा.. इतनी बड़ी जगह का क्या करना है.. मुश्किल से 100- 150 लोग आएंगे.. कोई छोटी जगह बताओ.. ये गार्डन तो महँगा लगता है..

अरे आंटी आप सूरज की रिश्तेदार हो.. आपके लिए क्या सस्ता क्या महँगा? वैसे आप सूरज की क्या लगती है?

मैं सूरज की बुआ हूं बेटा..

तो फिर आप मेरी भी बुआ हुई.. और आपका पोता मेरा भतीजा.. मैं अपनी बुआ और भतीजे के लिए इतना तो कर ही सकता हूं.. मैं सूरज से कह दूंगा जन्मदिन यही बनेगा.. आपको पैसे देने की जरुरत नहीं है.. रमन ने हस्ते हुए आखिरी लाइन कही तो अनुराधा के दिल मे रमन के लिए इज़्ज़त अचानक से बढ़ गईऔर रमन के प्रति अजीब सा खींचाव पनप गया.. अनुराधा पर शराब का सुरूर भी था उसने मुस्कुराते हुए रमन से कहा..

बेटा.. मुझे माफ़ करना.. मैंने तुझे गलत समझा.. तुम्हारी मा ने बहुत अच्छे संस्कार दिए है तुम्हे.. वो बहुत अच्छी होंगी..

रमन उदासी से भरी हुई मुस्कुहाट के साथ - हां.. वो सच मे बहुत अच्छी थी..

थी मतलब? अनुराधा ने हैरत से पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आंटी वो मम्मी बहुत साल पहले भगवान के पास चली गई थी..

अनुराधा मे मन मे रमन के लिए मानो ये सुनकर मातृत्व का भाव जाग गया और अनुराधा ने रमन को गले लगाते हुए कहा - बेटा कभी कभी ऊपर वाला बड़ी कड़ी परीक्षा लेता है हम सबकी.. पर तुझे जब भी अपनी मा की याद आये तू मेरे पास मुझसे मिलने आ जाया कर..

अनुराधा के वातसल्य से रमन भाव विभोर हो गया और मुस्कुराते हुए अनुराधा से बोला.. थैंक्स आंटी..

आंटी नहीं बेटा.. बुआ.. तू भी तो मेरे लिए हनी की तरह है.. अच्छा अपना फ़ोन दे मैं नंबर देती हूं.. इस इतवार घर आना.. अपने हाथ से खाना बनाकर खिलाऊंगी तुझे..

रमन मुस्कुराते हुए - आप बहुत अच्छी हो आंटी.. सोरी बुआ..

अनुराधा कुछ देर और ठहर कर वहा से चली जाती है और कुछ देर बाद रमन जब सूरज से मिलकर वापस जाने लगता है तो किसी का कॉल आता है और रमन अपना फ़ोन देखकर गुस्से मे फ़ोन उठाता हुआ कहता है..

क्या है?

सामने सीख मीठी से आवाज मे लड़की जीज्ञासा के भाव से पूछती है- घर कब तक आओगे तुम?

रमन गुस्से मे - क्यों? मेरी शकल देखे बिना नींद नहीं आएगी तुझे?

मुझे कुछ बात करनी है तुमसे.. इसलिए पूछ रही थी.. मुझे भी शोख नहीं है सुबह शाम तुम्हारी शकल देखने का..

सुन.. तू ना मेरे बाप की रखैल थी.. और मेरे बाप ने तेरी माँ के और तेरे इश्क़ मे अपनी सारी जायदाद मुझे देने की जगह तेरे नाम कर दी.. इसलिए तुझे झेल रहा हूं.. बार बार फ़ोन करके परेशान किया ना तो अच्छा नहीं होगा..

नहीं तो क्या कर लोगे तुम.. एक बार नहीं सो बार फ़ोन करूँगी.. जल्दी घर आओ.. समझें? वरना ये जो ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हो ना.. सब छीन लुंगी.. और दुबारा रखैल कहकर बुलाया ना तो भिखारी बना दूंगी..

रमन गुस्से मे फ़ोन काट देता है और घर चाला जाता है..


***************


अंकुश - मम्मी मैं खाना ले आता हूँ..
नीतू - नहीं अक्कू तू बैठ मैं ले आती हूँ..
अंकुश माँ गोमती - अरे अकेली कैसे लायेगी नीतू.. अक्कू तू भी जा..
अंकुश - ठीक है माँ आप बैठो यही.. चल नीतू..
अंकुश और नीतू प्लेट लेकर खाना लेने चल देते है..

नीतू - वकील साहिबा का फोन आया था अभी..
अंकुश - क्या बोली?
नीतू - पूछ रही थी तेरा भाई अच्छा लगता है.. बॉयफ्रेंड बनेगा क्या? तुझे पसंद करती है वकील साहिबा..
अंकुश मुस्कुराते हुए - फिर तूने उसे बताना नहीं मुझे सिर्फ मेरी बहन पसंद है..
नीतू हसते हुए - क्या बताती? कि मेरा भाई बहनचोद है.. उसे बिस्तर मे सिर्फ उसकी बहन ही अच्छी लगती है..
अंकुश - वैसे तुझे जलन तो हुई होगी वकील साहिबा से.. सच बताना..
नीतू - जलन? मेरा तो मन किया साली के बाल पकड़ कर दो थप्पड़ लगा दूँ.. मेरे अक्कू पर नज़र रखती है कमीनी..
अंकुश - उफ्फ्फ मेरी झासी कि रानी.. एक बार घर चल.. आज रात तुझे सोने नहीं दूंगा..
नीतू मुस्कुराते हुए - सिर्फ एक कंडोम बचा हुआ है पैकेट में.. रातभर जगाना है तो और लगेंगे..
अंकुश - वो सब मैं देख लूंगा.. इतनी प्यारी लग रही है ना काले सूट में.. मन कर रहा है यही शुरू हो जाऊ..
नीतू हसते हुए - पहले खाना खा ले.. चल.. और वकील साहिबा ने कुछ और भी कहा था..
अंकुश - क्या?
नीतू - जोगिंदर मेरी शर्त मान गया है.. समझौता करना चाहता है.. 13 तक देने को तैयार है..
अंकुश - ती तू क्या चाहती है?
नीतू - क्या चाहूंगी? पैसे ले लुंगी और क्या? तुझे अपना काम शुरू करने के लिए जरुरत भी तो थी पैसो की.. तूने कहा था ना तुझे नोकरी नहीं करनी..
अंकुश - मुझे पैसे देगी?
नीतू - क्यों बड़ी बहन हूँ तेरी.. और होने वाली बीवी भी.. इतनी मदद कर ही सकती हूँ..
अंकुश - लगता है आज रात पलंग टूटने वाला है.. कल फिर से ठीक करवाना पड़ेगा..
नीतू हसते हुए - गद्दा फर्श पर डाल लुंगी.. बार बार पलंग कैसे टूट जाता है मम्मी पूछती है तो जवाब देते नहीं बनता..
अंकुश - साफ साफ बोल दिया कर ना.. भाई बहन के प्यार मे पलंग को नुक्सान तो होगा ही..
नीतू मुस्कुराते हुए - कमीने.. अब चल..
अंकुश नीतू खाना लेकर वापस अपनी माँ गोमती के पास आ जाते है और खाना खाने लगते है..


*************


हनी.. हनी..
क्या हाल है अक्कू.. नमस्ते आंटी.. कैसी हो नीतू
दीदी?
गोमती - नमस्ते बेटा..
नीतू - क्या बात है हनी.. कहा गायब थे अब तक? दिखे नहीं..
सूरज - काम में बिजी था.. किसी से नहीं मिल पाया..
अंकुश - हीरो लग रहा है सूट में.. अच्छा है.. तुझे टीशर्ट लोवर में देख देख मुझे टीशर्ट लोवर से नफरत हो गई थी..
सूरज - देखो बोल कौन रहा है.. सज धज के तू भी ऐसे आया है जैसे तेरी सगाई हो..
अंकुश नीतू को देखकर - मेरी दुल्हन तो तैयार है.. चाहु तो विनोद भईया के साथ साथ मैं भी सगाई कर सकता हूँ.. वैसे बिल्ला पूछ रहा था तेरे बारे में..
सूरज - कहा है वो?
अंकुश - थोड़ी देर पहले यही था नज़मा भाभी के साथ.. वो रहा.. आइसक्रीम वाली स्टाल के पास..
सूरज - ठीक है अक्कू मैं मिलके आता हूँ..
अंकुश - ठीक है ब्रो. वैसे खाना अच्छा बनाया है तेरे साले ने..
सूरज हसते हुए - साथ में नेहा भाभी थी ना..


***********


क्या हाल है बिल्ले..
बस हनी..
सूरज - खाना हो गया?
बिलाल - हाँ.. तेरी भाभी को आइसक्रीम पसंद है तो आइसक्रीम खाने यहां आ गए..
सूरज - अच्छा है.. भईया भाभी से मिले ना..
बिलाल - हाँ.. आते ही मिले थे.. अब तो जा ही रहे थे.. तुझे फ़ोन भी क्या पर तूने उठाया नहीं..
सूरज - भाई कई लोगों ने फ़ोन किया था पर साइलेंट था इसलिए उठा नहीं पाया किसी का भी..
नज़मा - सूट में बहुत प्यारे लग रहे हो भाईजान..
सूरज नज़मा को देखकर - शुक्रिया भाभी..
बिलाल - अच्छा तुम दोनों बात करो मैं बाथरूम जाकर आता हूँ..
बिलाल चला जाता है नज़मा सूरज को आइसक्रीम खाने को कहती है तो सूरज नज़मा के होंठो पर लगी हलकी सी आइसक्रीम अपनी ऊँगली से इधर उधर देखकर खाते हुए कहता है - भाभी बिलाल से कहना मैं तैयार हूँ.. बस ये बात किसी को पता ना चले..
नज़मा शरमाते हुए - शुक्रिया भाईजान..
सूरज - भाभी भाईजान मत बोलो प्लीज..
नज़मा शरमाते हुए नज़र झुका लेती है और कहती है - तो क्या कहु आपको..
सूरज - सूरज कहो ना भाभी.. आपके गुलाबी होंठो से अच्छा लगेगा सुनने में..
नज़मा इस बार कुछ नहीं बोलती और चुपचाप खड़ी रहती है जब तक बिलाल नहीं आ जाता.. और बिलाल आने के बाद सूरज कहता है - बिल्ले.. मैं बाकी लोगों से मिल लेता हूँ..
बिलाल - ठीक है हनी.. अब हम चलते है.. बहुत सही फंक्शन हुआ है..
सूरज - मैं किसी से कह दू छोड़ने के लिए?
बिलाल - अरे पास में ही तो घर है.. चलके चले जाएंगे.. चल ठीक है भाई..
सूरज - ठीक है बिल्ले.. भाभी का ख्याल रखना..
नज़मा - आप अपना ख्याल रखना भाईजान..


*************


सूरज बिल्ले के पास से जब वापस आने लगता है तो कोई उसका हाथ पकड़ लेता है और कहता है - बड़ी जल्दी में हो.. कहाँ जा रहे हो?

सूरज मुड़कर किसीका चेहरा देखता है फिर कहता है - कैसी हो दी... काकी कैसी हो?
बरखा - तुम तो घर छोड़ने के बाद गायब ही हो गए.. मिलने भी नहीं अपनी दीदी से.. और माँ बता रही थी तुम्हरी करतूतों के बारे में.. बहुत बिगड़ गए हो मेरे जाने के बाद..
हेमलता - आज पहली बार अच्छे कपड़ो में देखा है.. तु तो कोई फ़िल्मी हीरो लगता है हनी..
बरखा - वो तो है माँ.. बस आदत थोड़ी खराब इसकी..
सूरज मुस्कुराते हुए - काकी आप बहुत अच्छी लग रही हो इस शाडी में.. काका को तो दौरा आ गया होगा..
हेमलता - देखा बरखा.. तेरा स्टूडेंट की कैसे केची की तरह जुबान चलने लगी है..
बरखा सूरज के होंठ पकड़कर - लगता है माँ... जबान कुतरनी पड़ेगी इसकी..
सूरज मुस्कुराते हुए - दी.. अब मुझे डंडे से डर नहीं लगता..
बरखा - थप्पड़ से तो लगता है ना.. इस चाँद से चेहरे पर ग्रहण लगा दूंगी बच्चू..
सूरज हसते हुए - काका कहा है?
हेमलता - ये तू बता.. कहा है वो..
सूरज - मुझे क्या पता? उस रात के बाद मैंने बात भी नहीं की काका से..
हेमलता - अगर पता चला वो तेरे साथ है तो सुमित्रा से तेरी शिकायत कर दूंगी.. याद रखना..
सूरज - आपकी कसम काकी उस रात के बाद नहीं मिला बंसी काका से.. दी.. सच में..
बरखा - ठीक है हम जा ही रहे थे..
सूरज - इतनी जल्दी?
बरखा - साढ़े नो बजने वाले है.. आठ बजे के आये हुए थे.. सब से मिल लिया.. एक तू बाकी था बस..
सूरज - मैं घर छोड़ देता हूँ..
बरखा - रहने दे मैं स्कूटी लाई हूँ.. तू अपना ख्याल रख... आज बहुत प्यारा लग रहा है.. किसी नज़र ना लग जाए..
हेमलता - सच कहा बरखा.. हनी एक काला टिका लगा ही ले..
सूरज हसते हुए - काकी काला सूट पहना है और क्या काले की कमी है..
हेमलता - काका मिले तो बोलना काकी घर पर बुला रही है..
सूरज - वो तो आपके डर से ही कहीं गायब होंगे.. आ जाएंगे..
बरखा - अच्छा तू घर आना.. बात करेंगे बैठ कर..
सूरज - ठीक है दी...
बरखा और हेमलता भी चले जाते है सूरज स्टेज की तरफ देखता जहाँ से एक नज़रे सीधा उसे खा जाने वाली नज़रो से देखने लगती है..


सूरज देखता है कि गरिमा उसे ही देखे जा रही थी और वो खा जाने वाली आँखों से ही देख रही थी.. गरिमा दो घंटे से स्टेज पर थी अंगूठी की रस्म हो चुकी थी.. और सूरज अब तक गरिमा से नहीं मिला था.. सूरज नज़र बचाकर वहा से कहीं चला जाता है.. गरिमा फिर से सामने की भीड़ में उसे तलाश करने लगती है.. गरिमा का मन अव्यवस्थित था वो मन ही मन सूरज पर गुस्सा कर रही थी और सोच रही थी कि सूरज अब तक उसे मिलने क्यों नहीं आया..

सूरज का लंड फिर से खड़ा होने लगा था और वो समझ नहीं पास रहा था कि उसका क्या करें? सूरज खड़े लंड के साथ किसी से नहीं मिल सकता था.. उसने एक बार अपने लंड को हिलाने की सोची मगर फिर उसकी नज़र किसी पड़ी तो उसे गुस्से से देखने लगा और उसकी ओर बढ़ गया..

क्या हुआ देवर जी.. कुछ परेशान हो आप..
भाभी मेरे साथ चलो..
कहा ले जाओगे देवर जी अपनी भाभी को?
चलो ना..
सूरज रचना को अपने साथ गार्डन के एक होने में बनी तीन मंज़िला बिल्डिंग में ले जाता है जहाँ हर मंज़िल पर 4 कमरे थे..
सूरज तीसरी मंज़िल के लास्ट वाले कमरे में रचना को ले आता है ओर दरवाजा बंद होते ही रचना कहती है..
देवर जी घोड़ी नहीं बनुँगी.. अब भी दर्द और जलन है..

आप पर गुस्सा आ रहा है भाभी.. देखो बार बार खड़ा हो रहा है.. अब शांत करो इसको..

कर देती हूं देवर जी.. ये कहते हुए रचना सूरज के लंड को बाहर निकालकर मुंह भर लेटी है ओर जोर जोर से चूसने लगती है.. सूरज रचना को देखकर अब उसके अपनी भाभी होने का ख्याल ओर जो वो कर रहा है ये सब गलत होने का ख्याल छोड़ देता है.. सूरज कामुकता से भर जाता है ओर रचना के बाल पकड़ कर उसके मुंह में झटके मार मार कर उसका मुंह चोदने लगता है..

कुछ देर रचना का मुंह चोदकर सूरज रचना को पीछे धकेल देता है ओर ब्लाउज को खोलने लगता है..

देवर जी बहुत दूध है मेरे बोबो में.. चूसके ख़त्म कर दो.. बच्चे के लिए भी मत छोड़ना देवर जी..

सूरज जैसे ही रचना का ब्लाउज ओर ब्रा उतारता है उसके सुडोल उठे हुए मोटे चुचे देखकर उनपर टूट पड़ता है ओर चूसने लगता है मगर उसे रचना के बूब्स पर एक टट्टू ओर तिल का निशान दीखता है तो उसे ऐसा लगता है की ऐसा निशान कहीं देखा है..

सूरज रचना का बोबा पकड़ कर ठीक से वो सब देखने लगता है फिर अपना फ़ोन निकाल कर कुछ देखता है..

क्या हुआ देवर जी क्या देख रहे हो.. आओ ना चुसो मेरे चुचे.. चुत में खुजली हो रही है मिटा दो देवर जी..

सूरज फ़ोन दिखा कर - ये आप ही हो ना भाभी..

रचना फ़ोन में कुछ देखकर - हनी ये..

सूरज रचना का चुचा पकड़ कर - झूठ मत बोलना भाभी.. आपका ये टट्टू ओर तिल दोनों मिल रहे है.. मास्क लगा के इंटरनेट ये सब कर रही हो आप..

रचना सूरज का लंड पकड़ के अपनी चुत में घुसाती हुई - मैं ही हूँ देवर जी.. ओर तुम शकल से तो बड़े सीधे लगते हो मगर ये सब भी देखते हो..

सूरज रचना की चुत में एक जोरदार झटका मारके अपना लंड घुसा देता है ओर रचना की अह्ह्ह निकल जाती है..

रचना सूरज को अपनी बाहों में खींचकर - आराम से देवर जी.. गुस्सा थूक दो..

हलके हलके चोदते हुए - कहा थूकू गुस्सा भाभी..

मेरे मुंह में थूक दो ना देवर जी.. लो.. आ..

सूरज रचना के मुंह में थूक देता है और पूछता है - नीलेश भईया जानते है इस बारे में कि आप इंटरनेट ओर ये सब करती हो?

हाँ.. वो सब जानते है देवर जी.. ये सब उनका ही किया धरा है.. अपनी कमाई पूरी नहीं पड़ती इसलिए मुझसे ये सब करवाते है..

बुआ?

अह्ह्ह.. उनसे मत कहना हनी.. वो नहीं जानती.. हनी.. थोड़ा तेज़ करो ना..

सूरज स्पीड बढ़ा देता है और झटके मारते हुए रचना के मुंह और गर्दन को अच्छे से चूमता चाटता है..

मुझे पता होता कि तुम बिस्तर में इतने अच्छे हो तो मैं कब कि तुमको अपना बना लेती देवर जी.. अह्ह्ह.. गुस्सा तो नहीं हो ना अपनी भाभी पर..

सूरज लंड निकालकर - गुस्सा तो बहुत हु भाभी आप पर.. मगर आपकी प्यारी प्यारी बातो से गुस्सा ठंडा हो जाता है.. भाभी घोड़ी बनो..

नहीं.. तुम गांड मारने लग जाओगे.. पहले ही दर्द हो रहा है..

अरे नहीं मारूंगा भाभी.. चलो बनो जल्दी..

पक्का ना देवर जी..

सूरज रचना कि कमर पकड़कर घोड़ी बनाता हुआ - पक्का भाभी..

रचना - आपका फ़ोन आ रहा है..

सूरज चुत में लंड पेलकर - किसका है उठा कर स्पीकर पर डाल दो भाभी..

रचना वैसा ही करती है..

सूरज हलके हलके झटके मारते हुए - हेलो..

कहाँ है बेटू? क्या कर रहा है?

कुछ नहीं माँ.. यही था..

तो कब से तुझे ढूंढ़ रही हूँ.. स्टेज पर आजा.. फॅमिली फोटोज खिचवानी है..

माँ थोड़ा वक़्त लगेगा.. जरुरी काम है एक..

ऐसा क्या जरुरी काम है तुझे हनी.. जल्दी आ..

माँ आ रहा हूँ थोड़ी देर में.. फ़ोन रख दो..

सूरज ये कहकर रचना के बाल पकड़ के तेज़ झटके मारने लगा तो रचना के मुंह अह्ह्ह.. आराम से.. मार डालोगे क्या? की आवाज निकल गई और फ़ोन कटने से पहले सुमित्रा ने रचना की ये बात सुन ली.. जिससे वो समझ गई सूरज क्या कर रहा है.. सुमित्रा एक दम से कामुक हो गई और सूरज और उस लड़की के बारे में सोचने लगी जिसकी आवाज उसने फ़ोन पर सुनी थी.. सुमित्रा नहीं जानती थी कि वो लड़की कौन है मगर उसे इतना पता चल गया था की सूरज किसी लड़की को चोद रहा है..



Next on 50 likes



Good one​
 

Sanju@

Well-Known Member
4,940
19,861
158
Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट है सूरज को सपना मिल गई है सूरज ने सपना को खुश कर दिया है उसने दुबारा मिलने के। लिए नंबर भी दिया है एक और चूत मिल गई
तितली और रमन एक दूसरे को चाहने लगे हैं लेकिन दोनों ही इस बात से अनजान हैं
 

Enjoywuth

Well-Known Member
4,391
5,074
158
Writer kuch jayada Hi demanding hone lage hai...ab 100 like chaiye ..lagta hai kuch dino baad is trah se update hi band ho jayenge....

Khair story acchi ja rahi hai

Neetu sayad ab jabardasti akku par bhari pad rahi hai..kahin yeh unke riste ke liye bura karan na ban jaye..kuch jayada hawas bhari hui hai usme...use thoda samjna chaiye akku ke baare main bhi..

Spana ke sath acchanak sex karne ka karan samaj nahi aaya aur phir vidoe be bana rahe hai suraj kuch plan toh nahi hai mann main

Raman aur titli ke beech ka bhanwar sayad is trip se kuch kam ho jaye aur woh pass aa jayen. Yeh dono ke liye accha hai

Sayad gungun ab Jaiprakash ke through suraj ko pana chahati hai isliye sayad file usne chipa di..

Akhir main Garima ka aham sayad ab aage aa raha hai..isliye woh suraj ko call nahi kar oa rahi hai jo sayad uske liye accha na rahe..

Dekte Hain aage kya hota hai parrr4rrrrr

Phale 100 like toh aayen
 

Rajpoot MS

I love my family and friends ....
584
998
93
Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा
Nice bro 🙏🙏💕💕💕💕♥️
 

krish1152

Well-Known Member
5,802
16,623
188
nice update
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,685
14,394
159
Update 11




अंकुश नीतू और गोमती के साथ दोपहर 1 बजे गाँव पहुंच गया और उसके बाद नानाजी के अंतिम कार्य में हिस्सा लेकर शाम को मामा के घर की छत पर टहल रहा था तभी नीतू वहा आ गई और अंकुश से बोली - क्या हुआ अक्कू.. अकेला छत पर क्यों घूम रहा है?

अंकुश - बस ऐसे ही यार.. सालों बाद यहां आया हूँ.. छत से गाँव देख रहा था.. बहुत बदल गया है..

नीतू - ये सब छोड़ नीचे चल.. दोनों मामाओ के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है.. बस हाथपाई होने ही देर है..

अंकुश - लालची है दोनों.. बाप को मारे एक दिन नहीं हुआ और जमीन जायदाद के लिए लड़ने लगे.. माँ कहा है?

नीतू - कहा होंगी? नीचे सब देख रही है.. चल खेतो की तरफ चल के आते है..

अंकुश - यार बस में आने से पहले ही थक गया.. ऊपर से 3 घंटे वहा क्रियाकर्म में लग गए.. बहुत थक गया हूँ..

नीतू अंकुश का हठ पकड़ कर ले जाते हुए - मैं उतारती हूँ ना तेरी थकान.. चल..

अंकुश - यार नीतू छोड़.. गाँव है..

नीतू आँख दिखाते हुए - पता है.. ज्यादा नाटक मत कर चल..

नीतू अंकुश को खेतो की तरफ ले जाती है जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई होती है और हरियाली ही हरयाली चारो तरफ दिखाई देती है.. नीतू नहर की तरफ अंकुश को ले आती है और उसी के पास मामा के खेत में जहाँ बड़ी बड़ी फसल उगी हुई थी उनके बीच से अंदर आकर एक छोटी सी जगह में अंकुश को बैठाते हुए उसकी गोद में बैठ जाती है..

नीतू अपनी कुर्ती उतारकार एक तरफ रख देती है और ब्रा ऊपर सरकाते हुए अंकुश के मुंह में अपना चुचा देकर कहती है.. - पिले अक्कू.. बहन का बोबा चूसने से थकान कम हो जायेगी..

अंकुश चुचे के चुचक को मुंह में लेकर चूसते हुए - नीतू तू मरवायेगी किसी दिन..

नीतू हसते हुए - मरवाने ही तो आई हूँ अक्कू.. पहले जी भरके मेरे दूध चूस ले फिर चुत भी दूंगी मैं अपने भाई को.. मारेगा ना अपनी बहन की चुत?

अंकुश - चुत तो रोज़ ही देती है बहन.. कभी गांड भी दे..

नीतू मुस्कुराते हुए - गांड की सील सुहागरात को तोडना.. जब शादी के बाद दुल्हन बनकर तेरे लिए दूध का गिलास लेकर आउंगी मैं..

अंकुश नीतू के बोबे मुंह में भर भर के चूसते हुए - इतने साल से सुहागरात सुहागदीन सुहागशाम सुहागसुबह सब मना रहे है.. अब भी शादी की जरुरत है?

नीतू - पहली बार जब तूने मेरे साथ ये सब किया था ना.. तभी से तेरे साथ शादी के सपने देख रही हूँ मैं.. कमीने अगर अपनी बात से पलटा ना तू तो देख लेना.. तेरा सामान ही काट दूंगी मैं..

अंकुश - मैंने किया था या तू खुद करवाने आई थी मेरे पास? क्या कहा था?अक्कू.. अक्कू.. मूझे गर्मी लग रही है.. चुत्तड़ और चुचे ऐसे हिला रही थी मेरे आगे जैसे धंधे वाली हो..

नीतू - तू कोनसा कम था? मैंने इशारा क्या किया तूने तो उस रात रगड़ के रख दिया था.. कच्ची चुत थी.. 4 दिन तक सुज्जी रही थी बेचारी..

अंकुश मुस्कुराते हुए - मैंने कहा था मुझसे अपनी सील तुड़वाने के लिए? अब तेरे जैसी हसीन लड़की मिलेगी तो दिल कैसे काबू मे रहेगा?

नीतू अंकुश की पेंट खोलकर लंड पकड़ते हुए - कुत्ते इतना प्यार करती हूँ तुझसे.. फिर भी सारा दोष मूझे ही देता है जैसे खुद दूध का धुला हुआ हो..

अंकुश प्यार से - अच्छा सॉरी बहना.. जब तू रूठती है तो बहुत प्यारी लगती है..

नीतू लंड मुंह में लेकर चुसती हुई - भोस्डिके ज्यादा मस्का मत लगा.. छोटा भाई है इसलिए तुझे प्यार से रखती हु.. बड़ा होता तो बहुत सताती तुझे..

अंकुश नीतू के बाल पकड़कर लंड चुसवाते हुए - नीतू एक भाई को दुनिया में सबसे बेस्ट फिलिंग पता है कब आती है? जब उसकी सगी बहन उसे blowjob देती है.. तू जब मेरा ऐसे चुस्ती है ना.. मन करता है तुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया लाकर दे दू..

नीतू मुंह से लंड निकालकर अपनी पज़ामी नीचे करती है और अंकुश के लंड को चुत में लेती हुई अंकुश को चूमकर लंड पर उछलती हुई कहती है - बहन को पता है कब आती है सबसे अच्छी फिलिंग? जब वो अपने सगे भाई के लंड को चुत में लेकर उस पर उछलती है...

नीतू लंड पर गांड हिलाते हुए अंकुश को चूमती है और कुछ देर बाद अंकुश नीतू की चुत में डिस्चार्ज हो जाता है.. तभी नीतू के फ़ोन पर गोमती का फ़ोन आता है जिसे नीतू उठती हुई बोलती है..
नीतू - हेलो माँ..

गोमती - अरे तुम दोनों भाई बहन की रासलीला ख़त्म हो गई हो तो आ जाओ.. वापस भी चलना है.. आज की आखिरी बस थोड़ी देर में आने वाली है..

नीतू मुस्कुराते हुए अंकुश को देखकर फोन काटते हुए - आ रहे है..

अंकुश - क्या हुआ? मम्मी क्या कह रही थी?

नीतू अपने कपड़े पहनते हुए - पूछ रही थी अक्कू की थकान उतरी या नहीं..

अंकुश कपड़े पहनते हुए - सच बता?

नीतू - और क्या मैं झूठ बोलूंगी? उनको पता है हम दोनों क्या गुल खिला रहे है..

अंकुश - मना किया था ना यार नीतू.. पता नहीं क्या सोच रही होंगी माँ हमारे बारे में.. चल..

नीतू हसते हुए - यही सोच रही होगी कि दोनों भाई बहन में कितना प्यार है..

अंकुश नीतू के साथ वापस मामा के घर आ जाता है और अपनी माँ गोमती और नीतू को लेकर शाम 7 बजे की बस में वापस उदयपुर आने के लिए चढ़ जाते है.. बस में अंकुश कंडक्टर से - भाई तीन उदयपुर बस स्टैंड..

कंडक्टर - लो.. भाईसाब...

अंकुश - सीट कोनसी है?

कंडक्टर - भाईसाब अभी एक सीट खाली थोड़ी देर ऊपर स्लीपिंग कोच में बैठ जाओ.. आगे सीट खाली तब नीचे आ जाना..

गोमती अंकुश से - मेरी कमर में दर्द है मैं बैठ रही हूँ.. तुम दोनों ऊपर बैठ जाओ..

नीतू गोमती की बात सुनकर दंग रह गई उसे पता था कि गोमती जानती है कि स्लीपिंग कोच में पूरी प्राइवेसी होती है और वहा अंकुश और नीतू कुछ भी कर सकते है फिर भी गोमती बिना झिझके उन्हें ऊपर स्लीपिंग कोच में भेज रही थी..

नीतू ने अंकुश का हाथ पकड़ा और इशारे से ऊपर स्लीपिंग कोच में आने को कहा.. अंकुश ने भी गोमती के सीट पर बैठने के बाद नीतू के पास स्लीपिंग कोच में आ गया और नीतू ने स्लीपिंग कोच का शीशा और पर्दा लगाकर सीधे अंकुश को अपनी बाहों में ले लिए और चूमना शुरु कर दिया.. अंकुश भी नीतू के होंठों का पूरा रस पी जाने कि नियत से उसे चुम रहा था और इसके साथ नीतू के बूब्स और गांड को भी अपने हाथों से मसलकर दबाते हुए नीतू के बदन का मज़ा लूट रहा था..

गोमती नीचे सीट बैठी हुई सोच रही थी कि अगर नीतू और अंकुश दोनों पति पत्नी कि तरह रहना चाहते है तो वो उन दोनों को नहीं रोकेगी और उनके बीच का रोड़ा नहीं बनेगी..


*****************


कुछ दिन बाद बरखा के मैसेज पर सूरज सपना के घर पहुचा तो शाम के पांच बज रहे थे..

सपना ने दरवाजा खोला और सूरज की शकल देखते ही मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर अंदर खींचते हुए दरवाजा बंद कर दिया और सूरज को अपने बैडरूम में लेजाकर बैठाते हुए कहा - मैग्गी बनाई है खानी है?

सूरज हल्का सा शरमाते हुए - एक्स्ट्रा है तो..

सपना - एक्स्ट्रा तो नहीं है.. पर बरखा ने अभी कॉल करके कहा था तुम आ रहे हो तो अपने लिए बना रही थी फिर सोचा तुम्हारे लिए भी बना दू..

सूरज - आप अकेले रहती हो यहाँ?

सपना रसोई से दो प्लेट में मैग्गी लाते हुए - नहीं..

हस्बैंड भी रहते है मेरे साथ.. बच्चे बोडिंग स्कूल में है..

सूरज - घर अच्छा है आपका..

सपना प्लेट देते हुए - थैंक्स हनी.. लो..

सूरज प्लेट लेते हुए - आपको मेरा नाम पता है?

सपना सूरज के बदल में बैठकर मैग्गी खाते हुए - अब अपने नये नये जवा हुए आशिक का नाम तो मालुम करना ही पड़ेगा..

सूरज भी मेग्गी खाते हुए - बरखा दी ने बताया होगा..

सपना - बरखा से नहीं.. अभी जब तुम बरखा को लेकर जा रहे थे.. तब मैंने बरखा के पीता जी से पूछा था..

सूरज - फिर तो उन्होंने नाम के साथ कुंडली भी बता दी होगी.. वैसे काका लट्टू है आपके ऊपर..

सपना मुस्कुराते हुए - और तुम हनी? तुम्हे में कितनी पसंद हूँ?

सूरज मैग्गी खाते हुए - जितनी काका को हो उससे थोड़ा कम.. आपके नाम की माला जपते है दिन रात काका.. बहुत पसंद करते है आपको..

सपना - पसंद नहीं करते.. हासिल करना चाहते है.. हवस भरी है उनके अंदर.. औरत को कौन किस नज़र से देखता है उसे सब पता होता है..


सूरज मैग्गी खाकर प्लेट देते हुए - थोड़ा पानी मिलेगा?


सपना मुस्कुराते हुए - अभी लाई..


सपना पानी की बोतल लाकर सूरज को डरती है सूरज पानी पीकर बोतल वापस सपना को दे देता है जिसे सपना साइड टेबल पर रख देती है और अलमीरा से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में रख लेती है और सूरज के पास आकर बैठते हुए कहती है - काका बता रहे थे कोई चिंकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड रह चुकी है जिसके साथ तुम छत पर पकडे गए थे.. सच है क्या?


सूरज बिना शरमाए - काका भी ना.. क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं.. कुछ नहीं पता उनको..


सपना मुस्कुराते हुए सूरज की टीशर्ट उतारती हुई - मतलब सच है.. चिंकी के साथ तो बहुत बार किया होगा तुमने?


सूरज मुस्कुराते हुए - आप किसीको बताओगी तो नहीं..


सपना - मैं क्यों किसी को कुछ बताने लगी..


सूरज - शादी के बाद भी चिंकी मिलती है मुझसे..


सपना अपनी साड़ी उतारकर रखती हुई - इसका मतलब बिस्तर में अच्छे हो..


सूरज - समझा नहीं..


सपना सूरज की लोवर चड्डी सहित नीचे सरकाकर सूरज का लंड पकड़ते हुए - मतलब मेरे जवान आशिक.. की तेरे इस हथियार में बहुत दम है..


सूरज - अह्ह्ह.. आराम से..


सपना - क्या बात है.. तुम तो सारा मैदान साफ रखते हो.. बालों का नामोनिशान तक नहीं.. तुम्हारी तरह तुम्हारा ये भी बहुत हैंडसम है.. ये कहकर सपना सुरज के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..


सूरज - अह्ह्ह.. मुंह से आह निकल जाती है और वो अपना फोन उठाकर उसमे सपना के blowjob का एक वीडियो बनाने लगता है..


सपना गले तक लंड ले ले कर किसी प्रोफेशनल की तरह सूरज को blowjob दे रही थी.. और सूरज मज़े से सपना को लंड चुसवाता हुआ बेड पर मस्त लेटा हुआ मज़े लूट रहा था.. उसने blowjob का वीडियो बनाकर फ़ोन बंद कर दिया और पास में रख दिया..


सपना ने कुछ देर सूरज का लंड मुंह में लेकर पूरा खड़ा कर दिया फिर ब्लाउज में से कंडोम निकालकर सूरज को पहना दिया और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर सूरज के लंड के ऊपर आते हुए उसपर बैठ कर लंड को चुत में ले लिया.. सपना ने चड्डी नहीं पहनी थी और सूरज का लंड उसकी चुत ने पच्च करके घुस गया.. सूरज को फील हुआ की सपना की चूत पूरी खुली हुई है और उसे लंड लेने में कोई भी दिक्कत नहीं हो रही बल्कि सपना ने मुस्कुराते हुए सूरज का लंड अपनी चुत में ले लिया है और बड़े मज़े से उसके लंड को चुत में लेकर सपना अपने दोनों हाथ सूरज के सीने पर रखकर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए हिल रही है और सूरज को बहुत कामुक नज़रो से देख रही है..


सपना सूरज के दोनों हाथों को अपनी छाती पर रख दिया और प्यार से बोला - चाहो तो मेरा ब्लाउज खोलकर अंदर का सामान देख सकते हो.. मैं नहीं रोकूंगी..


सूरज ने सपना की बात सुनकर उसके ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की लेकर असफल रहा फिर सपना ने खुद ही हसते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा उतार फेंका और अपनी गांड हिलाते हुए झुक कर सूरज के होंठों को बड़ी प्यार से अपने होंठो में लेकर चूमने और चूसने लगी जैसे सूरज कोई बच्चा हो..


सपना ने सूरज को अपने सामने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया और थोड़ी देर में सूरज सपना की चुत में झड़ गया और सपना हसते हुए सूरज के होंठों को अपने दांतो से खींचते हुए बोली - हो गए खुश?


सूरज लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए मुस्कुराते हुए सपना से शर्माने लगा और सपना ने सूरज के लंड पर से उतरकर उसके लंड से कंडोम उतारकार गाँठ लगा कर डस्टबिन में डाल दिया..


सूरज ने बेड से खड़े होते हुए पूछा - बाथरूम?


सपना ने कमरे में ही पीछे दरवाजे की तरफ इशरत किया और सूरज चड्डी पहन कर बाथरूम में चला गया और मूतते हुए आज सपना की चुदाई कला के आगे जल्दी झड़ जाने के बारे में सोचता हुआ अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा.. उसे लगने लगा कि सपना उसे कमजोर मर्द समझ रही होगी और उसके बारे में ना जाने क्या सोच रही होगी.. वही सूरज अभी अभी सपना के बूब्स और उसके बदन की बनावट और कसावट से वाकिफ हुआ था और फिर से सपना को सोचकर कामुक हुआ जा रहा था..


सूरज बाथरूम करके आया तो सपना ने अपने ब्रा पहन ली थी अपने कपड़े हाथ में लिए थे तभी सूरज बोला - आंटी..


सपना बिना सूरज को देखे बोली - हम्म?


सूरज सपना के पास जाकर अपनी चड्डी उतारकर पूरी अकड़ में खड़े लंड को दिखाते हुए बोला - आंटी एक बार और कर सकते है? प्लीज...


सपना जोर से हसते हुए एक नज़र सूरज को देखती है फिर अपनी ब्रा उतारकर बाकी कपड़ो के साथ वही रख देती है और अलमीरा से कंडोम निकालकर फाड़ते हुए सूरज के लंड को मुंह में लेकर 8-10 बार मुंह में आगे पीछे करते हुए गिला करके कंडोम पहना देती है और खुद पीठ के बल बिस्तर में लेटकर सूरज का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचते हुए कहती है मुस्कुराकर बोलती है - अब सारी मेहनत तुम करो.. मैं कुछ नहीं करने वाली..


सूरज मुस्कुराते हुए - डोन्ट वॉरी आंटी.. आपने मुझे खुश किया.. अब मेरी बारी..


ये कहते हुए सूरज सपना की चुत में लंड पेल देता है फिर पूरा जोर लगाकर झेटके पर झेटके मारते हुए सपना की रेल बनाता है उससे सपना पूरी तरह प्रभावित होकर कामुक सिसकारियों के साथ सूरज को उसकी मर्दानगी का सर्टिफिकेट उसे दे देती है..


सपना आँख बंद करके और टाँगे चौड़ी करके लेटी हुई थी.. वही सुरज मिशनरी पोज़ में सपना की फटी हुई चुत से उसका कामरस निकलवाने में सफल रहता है सपना झड़ चुकी थी और उसे विश्वास नहीं हो रहा था सूरज ने उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया है.. सपना को बहुत सालों बाद किसी से ऐसा सुख मिला था और वो सूरज को अब और प्यार से देखने और खुश करने की कोशिश करने लगी थी..



सूरज सपना के झड़ने के बाद भी लगातार उसकी चुत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.. सपना सूरज को खींचकर बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा - घुड़सावारी का शौख है मेरे जवाँ आशिक को?



सूरज ने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला दिया और सपना सुरज के आगे घोड़ी बन गई.. सपना की मोटी गांड देखकर सूरज से रहा ना गया और वो बिना सपना के बोले उसकी गांड पकड़कर उसकी चुत में लंड पेलकर सपना को चोदने लगा और इसी बीच उसने वापस एक वीडियो बनाया दोनों की चुदाई का..


सपना - अह्ह्ह.. हनी..


सूरज चोदते हुए - हाँ आंटी?


सपना - बेटा लगता है कंडोम फट गया.. रुको मैं दूसरा पहनती हूँ..


सूरज चोदते हुए - ऐसे ही रहने दो ना आंटी..



सपना - ठीक है हनी.. बस अंदर नहीं निकालना..


सूरज - ओके आंटी..


सूरज पूरी जोश ओ खरोश के साथ सपना की चुत मारने लगा और कुछ देर बाद सपना वापस कामुकता की सीढ़िया चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गई और झड़ने को हो गई.. वही सूरज अब भी हथियार पकडे डटा हुआ था.. सपना झड़ी तो सूरज को लगा कि उसने जीत हासिल कर ली है और अब वो अपनी नज़रो में वापस उठ चूका है..


सपना ने झड़ने के बाद कहा - हनी.. बेबी अंदर मत निकालना..


सूरज - आंटी निकलने वाला है.


सपना ने सूरज का लंड चुत से निकाल दिया और फटा हुआ कंडोम हटाकर लंड सीधे मुंह में लेकर blowjob देने लगी और सूरज सपना को blowjob करते हुए देखकर और उसका सुख अनुभव करके काम की आखिरी हद तक पहुंच गया और थोड़ी सी देर में ही सपना के मुंह में झड़ गया..


सपना ने सूरज को प्यार से देखते हुए उसका वीर्य गले से नीचे उतार लिया और फिर वापस सूरज के लंड को मुंह में लेकर चाटते चूसते हुए साफ कर दिया..


सूरज ने सपना को अपनी बाहों में भर लिया और सपना की बड़ी बड़ी आँखों में देखते हुए बोला - थैंक्स आंटी..


सपना मुस्कुराते हुए बोली - योर मोस्ट वेलकम बेटा.. अब जल्दी से कपड़े पहनो.. मेरे हस्बैंड के आने का टाइम होने वाला है..


सूरज कपड़े उठाते हुए - ओके आंटी..


सूरज कपड़े पहनकर जब जाने को होता है सपना उसका हाथ पकड़कर दरवाजे पर रोक लेती है और सूरज को डीपली kiss करके कहती है - ये मेरा नम्बर है.. मेरे आशिक को वापस मिलने का मन हो तो कॉल करना..


सूरज मुस्कुराते हुए - ठीक है आंटी..


सपना भी मुस्कुराते हुए - बाय बेबी...


सपना के घर से निकलते निकलते सूरज को रात आठ बज गए थे और वो अब सीधे अपने घर आ गया..


हनी..


हाँ भईया..


हनी मैंने मेरे ऑफिस में बात की है तेरे लिए.. कल तू मेरे साथ चलना इंटरव्यू देने..


ठीक है भईया..


सुमित्रा जयप्रकाश को खाना परोस रही थी और जयप्रकाश परेशान लग रहा था..


क्या हुआ जी? परेशान लगते हो?


हां.. ऑफिस में एक फ़ाइल नहीं मिल रही.. मुझसे शायद कहीं खो गई.. बड़ी जरुरी फ़ाइल थी.. मीटिंग पोसपोन हो गई वरना मेरी तो नोकरी पर बन आती.. मैडम ने कहा है फाइल नहीं मिली तो जिम्मेदारी मेरी होगी और हो सकता है कोई कड़ी करवाई भी हो जाए..


अरे क्यों चिंता करती हो.. आपने कहीं रख दी होगी.. मिल जायेगी.. आप तो वैसे भी भुलक्कड़ हो.. याद करोगे तो मिल जायेगी.. आप पहले खाना खाओ.. देखो आपके पसंद की सब्जी बनाई है.. मैं हनी को भी खाना दे आती हूँ..


सुमित्रा जयप्रकाश के पास से उठकर खाना लेकर हनी के रूम में आ जाती है जहाँ वो देखती है की हनी बाथरूम में नहा रहा था..


हनी... हनी..


बोलो माँ...


बेटू.. इस वक़्त क्यों नहा रहा है?


कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही..


मैं खाना लाई थी रखकर जा रही हूँ.. खा लेना बेटू..


ठीक है माँ..


सुमित्रा वापस नीचे आ जाती है और सूरज खाना खाकर बिस्तर में लेट जाता है और उसे आज जल्दी नींद आ जाती है..


सुमित्रा वापस आती है तो देखती है रात के नो ही बजे थे मगर सूरज सो चूका था.. सुमित्रा सूरज के गाल और माथे पर प्यार और ममता से भरा चुम्बन दे देती है फिर खाने की प्लेट अपने साथ नीचे ले जाती है..



सूरज का फोन उसके गद्दे के पास ही पड़ा हुआ था और गरिमा का फ़ोन उसके हाथ में.. सूरज ने गरिमा का कोई मैसेज किया था ना कॉल.. और गरिमा सूरज के massage और कॉल के इंतजार में बैठी थी वो सोच रही थी कि इस बार अगर सूरज ने मैसेज या कॉल किया तो वो झट से उसका रिप्लाई दे देगी और सूरज के माफ़ी मांगते ही उसे माफ़ करके फिर से उससे बात करना शुरु कर देगी.. मगर सूरज को तो जैसे गरिमा का ख्याल ही नहीं था.. एक तरफ सूरज सो रहा था दूसरी तरफ गरिमा जाग रही थी..



************



कहो.. घर चलना है या अब भी मूवी देखना है तुम्हे?


रमन से तितली ने मुस्कुराते हुए पूछा तो रमन ने जवाब दिया - आज नहीं.. रात के 9 बज चुके है..


सुबह से तुमने पुरे शहर में इतना घुमाया है कि अब थकान के मारे नींद आने लगी है..


तितली हसते हुए - अभी तो आधा ही शहर घुमा है.. अभी तो बहुत सी दूकान बाकी है.. अगली बार जब तुम फ्री रहो तो बताना वो भी घुमा दूंगी..


रमन - तुम थकती नहीं हो? घूमने फिरने से..


तितली हसते हुए - मैं तो अभी जवाँ हूँ.. मूझे क्यों थकान होने लगी? मूझे लगता है तुम्हारी उम्र हो गई है.. कितने आलसी हो तुम.. शादी के बाद पता नहीं क्या होगा तुम्हारा?


रमन - क्या उम्र हो गई है? तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मैं कोई 40-50 साल का हूँ.. डेट ऑफ़ बर्थ मिला लो तुमसे एक दो महीने छोटा ही हूंगा..


तितली गाडी कि रेक से सिगरेट निकाल कर सुलगाते हुए कश लेकर - फिर इतनी जल्दी क्यों थक जाते हो? कितना lazy फील करते हो.. शादी के बाद बीवी को कैसे खुश रखोगे?


रमन - तुम अब पर्सनल हो रही हो..


तितली सिगरेट के कश लेकर - इतनी सी बात में क्या पर्सनल हो गई? शादी नहीं करोगे? साधु महात्मा बनने का इरादा है? चलो अच्छा है.. फिर बन जाओ तो पूरी प्रॉपर्टी मेरी.


रमन मुस्कुराते हुए - कितनी लालची हो ना तुम..


तितली सिगरेट पीती हुई - लालची होना बुरी बात तो नहीं है.. और मैं सुबह से देख रही हूँ तुम बार बार शीशे मे मेरी कमर क्यों देख रहे हो?


रमन हकलाते हुए - मैं.. मैं..मैंने.. कब देखी? मैं तो मिरर में पीछे देख रहा हूँ..


तितली हसते हुए - झूठ बोलना भी नहीं आता तुम्हे.. अपनी मम्मी पर गए हो तुम शायद.. पापा पर जाते तो इतने शरीफ ना होते..


रमन - तुम्हे केसे पता मैं शरीफ हूँ? अभी तुम मूझे जानती भी नहीं ठीक से.. कुछ दिन ही तो हुए है तुम्हे मेरे साथ घूमते..


तितली सिगरेट पीते हुए - मूझे हिमाचल घुमाके ला सकते हो?


रमन - क्यों नहीं? बस तुम प्रॉपर्टी लेने से मना कर दो.. हिमाचल क्या पूरा इंडिया घुमा लाऊंगा..


तितली एक लम्बा सिगरेट का कश लेकर - 45-55 कर सकते है.. बोलो मंज़ूर है?


रमन - 40-60 केसा रहेगा?


तितली सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट को कार का शीशा नीचे करके बाहर फेंकते हुए - ठीक है पर उसके लिए हिमाचल के साथ कश्मीर भी घूमाना पड़ेगा..


रमन मुस्कुराते हुए - कब चलना है?


तितली - जब तुम चाहो..


रमन - कल सुबह निकलते है..


तितली मन में - सच में मूझे पसंद करता होगा क्या? कहा यार? सब नाटक होगा इसका.. कमीना कुछ दिनों में इतना अच्छा लगने लगा है.. आगे पता नहीं क्या होगा?


रमन मन में - कम से कम 60:40 पर तो आई.. और वैसे जितना सोचता था उतनी बुरी भी नहीं है.. घूमने में मज़ा आएगा इसके साथ.. आजतक कमीने दोस्तों के साथ घुमा हूँ.. अब देखता हूँ एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमके केसा लगता है..


रमन - ध्यान कहा है? कुछ सोच रही हो?


तितली - नहीं तो..


रमन मुस्कुराते हुए - चलो.. घर आ चूका है..


तितली और रमन घर के अंदर आते है..


शान्ति - भईया खाना बना दू?


रमन - नहीं शान्ति.. आज इतना खिला दिया तुम्हारी दीदी ने कि कल तक भूक नहीं लगेगी..


तितली - शान्ति तुम जाकर सो जाओ..


शान्ति - ठीक है दीदी..


रमन और तितली अपने अपने कमरे में चले जाते है और फिर से पहले वाला ही सीन दोनों कमरे में चलता है रमन सो जाता है और तितली आईने के सामने खड़ी होकर अपनी सूरत देखती हुई रमन के बारे में सोचने लगती है और उसके प्लान के बारे में अंदाजे लगाने लगती है.. इसीतरह वो सोचती हुई देर तक जाग कर सो जाती है..


सुबह होने पर तितली की आँखे देर से खुलती है और

वो जब कमरे बाहर आकर देखती है तो देखती है रमन तैयार होकर कॉफी पीते हुए उसे देख रहा था..


गुडमॉर्निंग..


गुडमॉर्निंग..


शान्ति कहा है?


मैंने छूटी दे दी उसे.. कॉफी पियोगी.. मैंने बनाई है..


तितली कॉफ़ी लेती हुई - कुछ मिलाया तो नहीं ना इसमें.. कहीं मूझे ऑफ़ करके पूरी प्रॉपर्टी हड़प कर लो..


मुझ पर इतना शक करती हो तो मेरे साथ घूमने को क्यों जा रही हो?


पता नहीं.. शायद मैं पागल हूँ जो ऐसे आदमी के साथ घूमने जा रही हूँ जो मूझे बिलकुल भी पसंद नहीं करता..


तुमसे किसने कहा.. मैं तुम्हे नापसंद करता हूँ..


तो क्या पसंद करने लगे हो मूझे?


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं हो कि मैं कुछ दिनों में तुम्हे पसंद करने लगू.. पसंद नापसंद से अलग है कुछ..


अच्छा.. इतनी खूबसूरत नहीं हूँ तो कल छुप छुप के मेरी कमर क्यों देख रहे थे तुम? बोलो?


मैंने जानबूझ कर तो नहीं देखी.. और मेरे देखने से इतनी परेशानी तो ढक कर क्यों नहीं रखी तुमने अपनी कमर?


मेरी कमर.. मूझे ढकनी है या नहीं मेरी मर्ज़ी..


मेरी नज़र.. मुझे क्या देखबात है क्या नहीं मेरी मर्ज़ी.. अच्छा है.. अब जल्दी से तैयार हो जाओ सामान पैक कर लो.. निकलते है..


मूझे तेयार होने में समय लगेगा.. पैकिंग में भी टाइम लगेगा..


एक दिन नहीं नहाने से खूबसूरती फीकी नहीं पड़ जायेगी.. ऐसे ही ठीक लग रही हो तुम.. फ़ोन और कुछ जरुरी सामान ले लो बाकी रास्ते में खरीद लेना..



कहा से खरीद लेना? पैसे कहा है मेरे पास? सब कुछ तो तुम लेके बैठे हो.. मेरा जीना जो हराम करना चाहते थे.. थोड़े बहुत पैसे जमा किये थे वो भी पापा के बाद खर्च हो गए..


अच्छा ये कार्ड रख लो.. जो मर्ज़ी हो खरीद लेना..कोई लिमिट नहीं है.. खुश? अब चलो..


दस मिनट दो मैं आती हूँ...


तितली अंदर रूम में जाकर एक काला सूट पहन लेटी है और बेग में कुछ कपड़े और छोटी मोटी जरुरत का सामान लेकर बाहर आ जाती है रमन उसे लेकर निकल घिमने पड़ता है..


कार चालान आता है ना तुम्हे?


हाँ.. आता है खाली बैठे बैठे यही सब सिख रही थी घर पर..


तब ठीक है.. वैसे एक बात पुछु.. पर्सनल है..


पूछो..


कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तुम्हरा?


तुम्हे क्या लगता है? होगा या नहीं?


मुझे कुछ लगता तो तुमसे क्यों पूछता?



और पूछ क्यों रहे हो? लगता है बॉयफ्रेंड बनना चाहते हो.. तभी इतनी इन्क्वायरी कर रहे हो.. वरना तो तुम मेरी तरफ देखते भी नहीं..


नहीं बॉयफ्रेंड नहीं.. हस्बैंड.. बोलो बनाओगी मूझे अपना हस्बैंड?


पैसो के लिए शादी करना चाहते हो?


शादी ही तो कर रहा हूँ किसी का मर्डर तो नहीं कर रहा..


पैसो के लिए कुछ भी कर सकते हो ना?


तुम्हे क्या लगता है?


पता नहीं.. कभी लगता है तुम शरीफ हो कभी लगता है पैसो के लिए पागल.. कुछ समझ नहीं आ रहा तुम्हारा..


तो फिर रहने दो.. समझने की कोशिश मत करो..


सिगरेट ख़त्म हो गई? ला दोगे?


जो कहेगी लाना ही पड़ेगा.. पैसो का सवाल है.. सिगरेट के अलावा कुछ चाहिए तो वो भी बता दो..

फिलहाल बस सिगरेट.. बाकी जो चाहिए होगा बता लुंगी...


ठीक है डॉक्टर साहिबा.. लेके आता हूँ..


रमन कार रोककर एक दूकान से सिगरेट का पैकेट और लाइटर ले आता है..

लो डॉक्टरनी जी.. फुको..


तुम क्यों नहीं पीते? मेरे सामने शर्म आती है?


शर्म और तुमसे? मैं सिर्फ तभी स्मोक करता हूँ जब शराब पीता हूँ..


अच्छा जी? और शराब कब पीते हो?


जब कोई कारण हो पिने का.. पहले अक्सर तुम ही शराब पिने का कारण होती थी..


इतनी नफरत करते हो मुझसे?


पहले करता था.. अब नफरत तो नहीं करता..


वैसे अगर मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुमसे शादी कर ली.. तब तुम क्या करोगे?


करना क्या है? जो कर रहा था वही करूंगा.. अपने तरह से जीता रहूंगा..


अगर हाँ करू तो शादी के बाद मूझे शराब सिगरेट पिने से रोकोगे? तुमने कहा था तुम पुरानी सोच के हो.. अपनी बीवी को बेल्ट से मारोगे.. मतलब शादी के बाद मूझ पर हाथ उठाओगे?


हम्म्म्म..... तुम्हे जो करना हो कर लेना.. मैं नहीं रोकूंगा.. बस सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम करनी पड़ेगी शादी के लिए.. और कुछ नहीं चाहिए तुमसे?


मतलब तुम मुझसे शादी करके सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवाना चाहते हो और मुझसे ये चाहते हो कि मैं तुम्हारी रखैल बनकर घर में पड़ी थी रहु.. तुम सिर्फ नाम कि शादी करोगे मुझसे.. अच्छा.. अब समझ में आया मूझे तुम्हारा प्लान..


चलो अच्छा है तुम्हे कुछ तो समझ आया.. वैसे मेरा ऑफर बुरा नहीं है सोच लो.. सब तुम्हे मेरे बाप कि रखैल ही मानते है.. सब तुम्हारे साथ टाइमपास करेंगे.. कोई भी लड़का तुम्हारे साथ पूरी लाइफ नहीं बिताने वाला.. कोई शादी करेगा भी तो पैसो के लिए.. अकेला रहना पड़ेगा पूरी जिंदगी.. मुझसे शादी कर लो.. तुम जो करना चाहो तुम्हे पूरी आज़ादी होगी.. मैं कभी किसी चीज से नहीं रोकूंगा.. महंगा सस्ता तुम जो खरीदना चाहो खरीद सकोगी.. जैसे जीना चाहो जी सकती हो.. एक बार सोचना..


तुम मेरी चिंता मत करो.. मैं रह लुंगी अकेली.. ऐसी शादी का क्या फ़ायदा जहाँ प्यार ही ना हो.. और दोनों एक ही कमरे में अलग अलग रहे..

खाना खाना है? आगे एक अच्छा रेस्टोरेंट आने वाला है.. क्या सिखाया था तुमने कल.. वो वाह्ह.. वाली बात.. यहाँ वही है..

ठीक है..



रमन और तितली खाना खाने के बाद आगे के लिए निकाल जाते है दोनों को एकदूसरे इश्क़ होने लगा था मगर दोनों इससे अनजान थे.. तितली को तो इसका आभास होने लगा था मागर रमन पूरी तरह अनजान था..

अबकी बार 100 ❤️ पार पे आएगा

Bahut hi umda update he moms_bachha Bro,

Sapna aunty ke sath sex ka honey ka sapna bhi pura ho gaya........

Raman aur Titli ka matter ab serious hone laga he.........

Keep rocking Bro
 
Top