पपपपप,,, पुनम,,,
( फोन पर पूनम कांपते स्वर में बोली और यह नाम सुनते ही मनोज के दिल की धड़कन तेज चलने लगी,, उसे अपने कानों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ उसे ऐसा लग रहा था कि जो वहां सुन रहा है कहीं सपना तो नहीं कहीं उसके कान तो नहीं बज रहे हैं,,, इसलिए वह अपने कानों से भी बात की पुष्टि करने के लिए एक बार फिर से बोला,,,।)
कौन बोल रहा है,,,
S
Sandhya chachi ki chudai ki
( सामने से आ रही मनोज की आवाज सुनकर पूनम के बीच दिल की धड़कन बढ़ने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बोलें यह तो बड़ी मुश्किल से उसके मुंह से कांपते हुए उसका नाम निकला था,,,, फिर भी जैसे-तैसे करके हिम्मत जुटाकर वह फिर से बोली,,,।)
मैं पूनम बोल रही हूं,,,,
( इस बार सामने से आ रही पूनम की आवाज सुनकर उसकी आंखों की चमक बढ़ गई वह तुरंत बिस्तर पर उठ कर बैठ गया,,,,, वह मारे खुशी के चहकते हुए बोला,,,,।)
Sandhya chachi ki piche se chudai
पुनम तुम ओहह गोड मुझे तो बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि तुम मुझे फोन कर सकती हो,,,, अच्छा तुम रूको मैं यहां से फोन करता हूं ,,,,, ( और इतना कहने के साथ ही वह फोन काट दिया,,,, पूनम के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई वह मन ही मन खुश होने लगी जिंदगी में पहली बार उसने किसी को फोन की थी इसलिए इस बात की थी रोमांच उसके तन बदन को झकझोर कर रख दे रही थी,,,, फोन कट चुका था वह बार-बार फोन की तरफ देखे जा रही थी,,,, मनोज के तन-बदन में हलचल सी मची हुई थी वह तुरंत आई हुई कॉल पर कॉल कर दिया और सामने पूनम के मोबाइल में रिंग बजने लगी जिसकी आवाज सुनकर दोनों के दिल की धड़कन मोबाइल की रिंगटोन की तरह ही बजने लगी,,,, पूनम का मोबाइल मनोज की कॉल की वजह से बजने लगा लेकिन रिंगटोन की आवाज कमरे से बाहर जाती इससे पहले ही वह फोन रिसीव कर ली,, वह नहीं चाहती थी कि किसी को कुछ भी पता चले,,,, फोन रिसीव करने के बाद व कान पर लगाकर
सिर्फ सुनने की कोशिश करने लगी मनोज सामने से बोला,,,
पूनम तुम नहीं जानती कि मैं तुम्हारे फोन का कितने दिनों से पागलों की तरह इंतजार कर रहा हूं मैं तो उम्मीद ही छोड़ दिया था कि तुम मुझे फोन करोगी,,,,( मनोज की बेसब्री और उसका इंतजार देखकर उसके प्रति प्यार देखकर पूनम मन ही मन खुश हो रही थी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि उसे कोई इस तरह से भी चाहेगा,,,) पूनम आज मैं बहुत खुश हूं,,, तुम कुछ बोल क्यों नहीं रहे हो तुम भी कुछ बोलो ना तुम्हारी आवाज सुनने के लिए मैं हमेशा बेकरार रहता हूं जानती हो कि मैं तुम्हारे मधुर आवाज मेरे कानों में पड़ते ही मैं दुनिया के दुख दर्द भूल जाता हूं,,,, तुम्हारी बोली मुझे कोयल की आवाज की तरह एकदम मीठी लगती है मन करता है बस सुनता जाऊं सुनता जाऊं,,,,, ( पुनम मनोज की बात सुन कर मुस्कुरा रही थी और उसकी बातों की झनझनाहट उसके तन बदन में एक अजीब प्रकार की सुखद एहसास करा रही थी। लेकिन वह कुछ बोल नहीं रही थी बस मनोज की बात को सुनते जा रही थी उसकी खामोशी देखकर मनोज अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,।)
पूनम तुम तो कुछ बोलो या मैं ही बोलता रहूंगा आज ना जाने कितने दिनों के बाद मेरे दिल के अरमान पूरे हो रहे हैं एक-एक दिन एक 1 साल की तरह गुजारा हूं मैंने,,,,
संध्या चाची की मस्ती
मैं क्या बोलूं,,,,( इतना कहकर फिर खामोश हो गई,,,।)
कुछ भी कहो जो तुम्हें अच्छा लगता है तुम कुछ भी कहती हो मुझे सब अच्छा लगता है मुझे बस तुम्हारी आवाज सुनना है,,,।
( पूनम भी बहुत खुश हो रही थीे,, ऊसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह किसीे लड़के से इस तरह से रात को फोन पर बात कर रही है,,,। उसके तन-बदन में अजीब सी सुरसुराहट फैल रही थी,,, बहुत कुछ सेकंड खामोश रहने के बाद बोली,,,।)
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या बोलूं तुम ही कुछ बोलो,,,
( पूनम की बात सुनकर मनोज खुश हो रहा था आज पहली बार किसी ऐसी लड़की से बात कर रहा था जो इतनी ज्यादा शर्माती थीे जिसे फोन पर क्या कहना है इस बारे में भी पता नहीं था,,,, पूनम को वह सामने से कुछ बोलने के लिए ज्यादा जोर भी नहीं देना चाहता था इसलिए वह बोला,,,।)
संध्या चाची की रसीली चूत
पूनम मैंने अपने दिल की बात तुम्हारी इंग्लिश की नोट्स में लिख कर तुम्हें दे दिया था,,, मैं चाहता था अपने दिल की बात तुम्हें सामने से खुद बोलकर कह सकता था लेकिन ना जाने तुम्हारे सामने आते ही मुझे क्या होने लगता है,, इसलिए अपने दिल की बात पत्र के जरिए तुम्हें देना उचित लगा,,,,
( पूनम मनोज की बात को बड़े गौर से सुन रही थी उसे मनोज की बातें अच्छी लग रही थी,,,।)
पूनम क्या तुम मेरा लेटर पड़ी थी,,,,,
हां,,,,,
मेरा लेटर पढ़कर तुम्हें गुस्सा तो नहीं आया था,,,,।
( पूनम मन ही मन मुस्कुरा रही थी मनोज की हर बात सुनने में उसे बेहद प्यारी लग रही थी और मनोज की बात का जवाब देते हुए बोली,,,।)
आया था ना मुझे बहुत गुस्सा आया था,,,,
( पुनम की बात सुनते ही मनोज चिंतित हो गया और वह घबराते हुए बोला,,,,)
कककक,, क्यों पुनम,, ?
अरे तुम एकदम पागल हो तुम यह बात मुझे,,, अपने मुंह से भी तो बोलकर कह सकते थे,,,, अगर तुम्हारा लिखा खत मेरे घर में किसी के हाथ लग जाता तो तुम जानते हो मेरी क्या हालत होती,,,,
संध्या चाची
hell smileys
सॉरी पूनम मैं उस गलती के लिए तुमसे बार-बार माफी मांगता हूं क्या करूं तुमसे सामनेे कहने की मेरी हिम्मत ही नहीं हो पा रही थी,,, इसलिए मजबूर होकर मुझे वह खत लिखना पड़ा,,,
( मनोज पूनम को अपनी सफाई दे रहा था और यह बात सुनकर पूनम मन ही मन हंस रही थी,,,। उसे मनोज का ईस तरह से सफाई देना बहुत अच्छा लग रहा था।)
फिर भी तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी है वहां पर मेरी किस्मत अच्छी थी कि वह खत किसी के हाथ नहीं लगा,,,
देखो पूनम मैं तुमसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं मैं जानता हूं कि मैं बहुत बड़ा बेवकूफ हूं इसलिए तुम्हारे सामने लो कान पकड़कर तुमसे माफी मांगता हूं,,,,,
क्या सच में तुम कान पकड़कर माफी मांग रहे हो,,,
,
हां मैं सच कह रहा हूं कसम से,,,, क्यों तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा है क्या अगर तुम मेरे सामने होता तो मैं सच में तुम्हारे सामने कान पकड़कर घुटनों के बल बैठकर तुमसे माफी मांगता,,,,
( इस बात को सुनकर पूनम बहुत खुश हुई,,,)
तुम्हें यकीन नहीं आ रहा हो तो,,, मैं स्कूल में सबके सामने तुमसे माफी मांगने को तैयार हूं,,,
ननननन,,, नननन,,, ऐसा पागलपन बिल्कुल भी मत करना क्या तुम मुझे बदनाम करना चाहते हो,,
नहीं पूनम भला मैं ऐसा क्यों चाहूंगा,,,
।
तभी तो सबके सामने मुझसे माफी मांगने की बात कर रहे हो जानते हो तुम्हारे ऐसा करने से मेरी कितनी बदनामी होगी,,,
सॉरी पूनम ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जिससे तुम्हारी जरा सी भी बदनामी हो,,, अच्छा एक बात बताओ खोलो मैंने जो बात खत में लिखा था उसे पढ़कर तुम्हें अच्छा तो लगा ना,,,
क्या मतलब (पूनम अनजान बनते हुए बोली)
मतलब यही कि क्या तुम मेरे प्यार को स्वीकार की हो क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो,,,,
( मनोज की यह बात सुनकर पूनम खामोश हो गई उसे अपने प्यार का इजहार करने में शर्म सी महसूस हो रही थी लेकिन मनोज की यह बातें उसे अच्छी भी लग रही थी पूनम को इस तरह से खामोश देखकर मनोज बोला,,,।)
क्या हुआ पूनम तुम खामोश क्यों हो गई क्या तुम्हें मेरा प्यार स्वीकार नहीं है,,, बोलो,,,
( कुछ सेकंड खामोश रहने के बाद पूनम बोली)
तुम बिल्कुल बेवकूफ हो अगर ऐसी कोई बात होती तो मैं भला तुम्हें फोन क्यों करती,,,,
मतलब,,, क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो,,,
हां,,, ( शरमाते हुए बोली)
ओहहहहह पुनम मैं बता नहीं सकता कि कितना खुश हूं मुझे तो अपनी किस्मत पर यकीन ही नहीं हो रहा है कि तुम जैसी खूबसूरत लड़की मुझसे प्यार करने लगी है,,,, मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है क्या तुम मेरी एक बात मानोगी,,,
क्या?,,,,
( प्राकृतिक रूप से मनोज के तन-बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी कारण बिल्कुल साफ था क्योंकि आज वह अपनी बेहद पसंदीदा लड़की से बात कर रहा था जिसकी वजह से उसके लंड में तनाव आना शुरू हो गया था,, जो कि बेहद प्राकृतिक था भले ही दोनों के बीच गंदी तरीके की अश्लील बातचीत ना हो रही हो लेकिन फिर भी पूनम की आवाज़ भी उसके लिए बेहद मादक साबित होती थी जिसकी वजह से उसका लंड पूरी तरह से पेंट में खड़ा हो चुका था,,, वैसे भी पूनम की सामान्य सी बात में ही मनोज उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुंच जाता था और इस समय तो वह रात के एकांत में अपने कमरे में लेट कर पूनम कि बेहद सुरीली और मादक आवाज का आनंद लेते हुए उस से बातें कर रहा था जिसकी वजह से उसका लंड अपनी अपनी औकात में आ चुका था।,,, मनोज से अपनी यह स्थिति बिल्कुल भी संभाले नहीं जा रही थी,,, और वह एक हाथ से अपने पजांमे को नीचे की तरफ सरकाने लगा,,, ठीक ऐसा ही पूनम के साथ हो रहा था जिंदगी में पहली बार बार रात के सन्नाटे में अपने कमरे में बैठकर मनोज से बात कर रही थी या यूं कह लो कि आज वह पहली बार जिंदगी में किसी लड़के से इस तरह से बात कर रही थी,,,, ईस रोमांचकारी अनुभव का असर उसके खूबसूरत तन-बदन में अद्भुत प्रकार से हो रहा था,,,,, एक अजीब सा सुखद एहसास उसके तन बदन मैं कसमसाहट भर रहा था लेकिन पूनम अनुभवहीन थी उसे अवस्था के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था,,,,, वह अपने बदन में हो रही उत्तेजना को पहचान नहीं पा रही थी,,, रात में एक लड़के से बात करने की वजह से उसके तन-बदन में भी हलचल सी मची हुई थी जिसका सीधा असर उसकी जांघों के बीच डेढ़ ईंच की पतली दरार में पूरी तरह से हो रही थी,,,
उसमें से हल्का हल्का मदन रस हो रहा था जिसे पूनम बिल्कुल भी नहीं पहचान पा रही थी कि ऐसा क्यों हो रहा है
लेकिन इस तरह का शरीर में हो रहे बदलाव और कसमसाहट भरी मीठी चुभन पूनम को अच्छा लग रहा था।,,, पूनम समझ नहीं पा रही थी कि मनोज उससे कौन सी बात मनवाना चाहता है इसलिए फोन को अपने कान पर बराबर लगाकर उसकी बात सुनने की कोशिश करने लगी,,,,, तभी सामने से मनोज की आवाज आई,,,।)
पूनम क्या तुम मेरे लिए सिर्फ एक बार अपने मुंह से अपने प्यार का इजहार कर सकती हो,,, मैं तुम्हारे मुंह से सुनने के लिए तड़प रहा हूं,,,,, बस एक बार बस एक बार तुम मुझे,,,, अपने मुंह से,,, आई लव यू बोल दो मेरा जन्म सुधर जाएगा,,,, प्लीज पूनम मुझ गरीब पर इतना रहम कर दो मैं तुम्हारे प्यार का प्यासा हूं अपने मुंह से यह 3 शब्द कहकर मेरी प्यास बुझा दो,,,,
( पूनम मनोज की बातें सुनकर मन ही मन खुश हो रही थी उसे मनोज के मुंह से यह सुनना बेहद अच्छा लग रहा था वास्तव में मनोज शब्दों का जादूगर था और लड़कियों के साथ इसी तरह से फ्लर्ट कर के उन्हें अपने प्यार के झांसे में फंसाया करता था,,,, और वही सब तरकिब वह पूनम के सामने आजमा रहा था,,, क्योंकि कुछ भी हो वह दूसरी लड़कियों के साथ भले ही किसी भी तरह से पेश आता हो लेकिन वह पूनम से मन ही मन प्यार करने लगा था तभी तो उसकी याद में ईस तरह से बावला हुआ था,,, पूनम मनोज की बातें सुन कर बहुत खुश हो रही थी लेकिन जिस तरह का वह जिद कर रहा था उस शब्द को बोलने में पूनम को हिचकिचाहट हो रही थी क्योंकि आज तक उसने यह 3 शब्द ना तो कभी अपने मुंह से बोलीे थी और भाई कभी अपने कानो से सुनी थी उसे बेहद शर्म सी महसूस हो रही थी लेकिन जिस तरह से वह मुझसे मिन्नतें कर रहा था उसकी बात तो मानना ही था इसलिए बहुत ही हिम्मत जुटाकर वह,,ं मनोज की बात रखते हुए बोली।)
क्या मनोज तुम भी इतना जिद कर रहे हो आखिरकार मैं तुम्हें सामने से फोन करके अपने मन की बात का एहसास तो तुम्हें दिला ही दी हूं फिर भी तुम इस तरह से क्यों जिद कर रहे हो,,,,,
( पूनम के मुंह से अपना नाम सुनकर मनोज बहुत खुश हो गया और वह 3 लब्ज सुनने के लिए बेकरार होने लगा,,,,)
पूनम मैं जिद नहीं कर रहा हूं बस मेरे मन की यही ख्वाहिश है कि मैं वह तान शब्द तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं,,, प्लीज ना मत कहना,,,,
आई लव यू,,,,( मनोज अपनी बात खत्म कर पाता इससे पहले ही पूनम ने झट से यह तीन शब्द बोल दी,,,, यह 3 शब्द बोलने में पूनम की हालत खराब हो गई,,,, जिंदगी में पहली बार इस 3 शब्दों का उपयोग की थी,,,, उसके बदन में अजीब सा रोमांच फैल गया था,,, पूनम के साथ साथ मनोज के तन-बदन में भी यह 3 शब्द उसके मुंह से सुनकर उत्तेजना की लहर दौड़ गई थी मनोज मन ही मन बहुत खुश हुआ उसे कभी भी उम्मीद नहीं थी कि वह पूनम के मुंह से अपने लिए यह तीन सब्द सुन पाएगा,,, लेकिन इस समय ऊसके मन की बात सच हो रही थी,,, )
पूनम आज मैं बहुत खुश हूं मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हूं,,,, मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा है कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा,,,,
( मनोज की यह बात सुनकर पूनम खिलखिलाकर हंसने लगी उसे मनोज की यह बात बहुत ही मासूम और प्यारी लग रही थी,,, और पूनम की मुस्कुराहट और उसकी हंसी की आवाज सुनकर मनोज की उत्तेजना बढ़ने लगी वह अपने टनटनाए हुए लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा मनोज की हालत पल-पल खराब हुए जा रही थी ऐसा नहीं था कि वह पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा था बल्कि उसकी हर बात किसी ने किसी लड़कियों के साथ फोन पर गुजरती थी और वह फोन पर लड़कियों के साथ भी है अश्लील और एकदम गंदी बातें करके अपने लंड का पानी निकाल देता था लेकिन,,,, पूनम के साथ हुआ बेहद सभ्यता के साथ और सामान्य शब्दों में ही बातें कर रहा था लेकिन फिर भी पूनम की कशिश इतनी ज्यादा थी कि उसकी बातों से ही मनोज पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और वह पूनम से बातें करते हुए कल्पना में ही उसके खूबसूरत बदन के साथ मस्ती करते हुए अपने लंड को जोर जोर से हीलाना शुरु कर दिया था।,,,, तभी पूनम मनोज की बात का जवाब देते हुए बोली,,
तुम सपना नहीं हकीकत देख रहे हो ओर जोे सुन रहे हो वह बिल्कुल सही सुन रहे हो,,,,
पूनम क्या सच में तुम मुझसे प्यार करने लगी हो कहीं तुम मुझसे मजाक तो नहीं कर रही हो,,,( ऐसा कहते हुए मनोज अपने लंड को जोर-जोर से मुठीयानी लगा,,,,)
मैं मजाक नहीं करती मैं जों कहतीे हूं एक दम सच कहतीे हुं।
मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मैं किसी को दिल दे दे दूंगी क्योंकि मैं इन सब बातों से एकदम दूर ही रहती थी और दूर रहना चाहती थी,,,,लेकीन तुम्हारी वजह से मुझे अपना फैसला बदलना पड़ा तुम्हारी जिद के आगे मुझे झुकना पड़ा वेसे भी धीरे-धीरे तुम मुझे अच्छे लगने लगे हो,,,।( मनोज पूनम की ऐसी बातें सुनकर उत्तेजना के चरम शिखर पर पहुंच गया था वह कल्पना में ही पूनम के बदन पर से एक-एक करके सारे कपड़े उतारने लगा था,,,,)
सच बोल रही हो पुनम,,, मुझे तो सच बताऊं अभी भी यकीन नहीं हो रहा है।,,, कहीं ऐसा ना हो जाए कि मैं खुशी से एकदम पागल हो जाऊं,,,,
प्लीज ऐसा मत कहो अगर तुम पागल हो गए तो मेरा क्या होगा,,,,
( पूनम की यह बात सुनकर मनोज तो एकदम पागल ही हो गया,,, वह इस बार कल्पना के सागर में गोते लगाते हुए पूनम के बदन उसकी पैंटी उतार रहा था,, और उस कल्पना मैं खोकर मनोज जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था।)
मैं भी तुम्हारे बिना अधूरा हूं पूनम,,,,
मुझे भी ऐसा लगने लगा है कि मैं भी तुम्हारे बिना अधूरी हूं,,,
( दोनों के बदन में आग बराबर लगी हुई थी पूनम इस तरह से रात को एक लड़के से बात करके अंदर ही अंदर मस्त हुए जा रही थी लेकिन उसे इस मस्ती का सबब पता नहीं चल रहा था धीरे-धीरे करके उसकी पैंटी गीली होने लगी थी जिसका एहसास उसे होते ही उसका एक हाथ झट से उसकी पैंटी पर चला गया और वह सलवार के ऊपर से उसे टटोलकर पेंटिं गीली होने की पुष्टि करने लगी,,,, उसकी खूबसूरत अनछुई बुर मस्ती के रस में पूरी डूब चुकी थी,,,, लेकिन पूनम को इस मस्ती के हिसाब के बारे में कुछ भी पता नहीं था उसे तो यह लग रहा था कि उसे जोर से पेशाब लगी है जिसकी वजह से बूंद बूंद करके उसकी पैंटी गीली होने लगी है,,,, दूसरी तरफ मनोज जोर-जोर से अपने लंड को हिलाते हुए अपने चरम सुख की तरफ आगे बढ़ रहा था,,,, अब वह कल्पना में ही पूनम की जांघों के बीच अपने लिए जगह बना लिया था,,,, और अपने लंड के सुपाड़े को पूनम की खूबसूरत बुर के मुहाने सटा दिया था,,,,, मनोज उत्तेजना की गर्मी के कारण पूरा पसीने से तरबतर हो चुका था।। पूनम दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखी तो काफी समय हो चुका था उसे इस बात का भी डर था कि कहीं कोई आते जाते उसकी बात न सुन ले नहीं तो उसका प्यार शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा,,, और वैसे भी उसे जोरों से पेशाब भी लगी थी इसलिए वह बोली,,,
मनोज आप काफी समय हो गया है मुझे फोन रखना होगा,,,
नहीं पूनम ऐसा मत बोलो मैं तो चाहता हूं कि रात भर तुम यूं ही मुझसे बातें करती रहो,,,
मैं भी तो यही चाहती हूं (हंसकर) लेकिन मजबूर हूं सुबह जल्दी उठकर स्कूल भी तो जाना है,,,
( मनोज उसकी बात सुनते हुए अपनी कल्पना का घोड़ा पूरी जोर से दौड़ रहा था क्योंकि इस बार वह कल्पना करते हुए अपने लंड को पूनम की बुर में उतार चुका था और उसे चोदना शुरू कर दिया था उसका हाथ उसकी लंड पर बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रहा था।,,,,
( पूनम की नजर दीवार पर टंगी घड़ी पर पड़ी थी काफी समय हो चुका था इसलिए वह मनोज से बोली,,,।)
मनोज अब काफी समय हो चुका है अब मुझे सोना चाहिए क्योंकि जल्दी उठकर मुझे स्कूल भी तो जाना है,,, अगर ऐसे ही बातें करती रहुंगी तो सुबह आंख नहीं खुलेगी,,
मनोज नहीं चाहता था कि पूनम फोन कट करें क्योंकि वहां से रात भर बात करना चाहता था,,, लेकिन उससे बात करने के लिए दबाव भी नहीं दे सकता था क्योंकि आज पहली बार वह ऊससे इस तरह से बात कर रहा था,,, वैसे भी वह कल्पना करते हुए अपने चरम सुख के बिल्कुल करीब पहुंच चुका था वह जोर-जोर से लंड हिलाते हुए बोला,,
कोई बात नहीं पूनम लेकिन कल स्कूल में तो मिलोगी ना,,,
नहीं बिल्कुल भी नहीं हम जैसे पहले मिलते थे वैसे ही मिलेंगे किसी को भी कानो कान खबर नहीं होनी चाहिए कि हम दोनों के बीच में कुछ चल रहा है वरना मेरी हालत मेरे घरवाले खराब कर देंगे,,,,
ठीक है पूनम जैसा तुम कहो,,,,
और हां मनोज यह मोबाइल मेरी चाची का है तो जब तक मैं तुम्हें मिस कॉल ना करूं तुम किसी भी हालत में कभी भी फोन मत करना तुम्हें यह प्रॉमिस करना पड़ेगा,,, वरना ऐसा हुआ तो मुझे यह रिश्ता यहीं खत्म करना होगा,,
नहीं पूनम ऐसा कभी भी नहीं होगा (और इतना कहने के साथ ही उसके लंड ने पिचकारी छोड़ दिया,,,।)
ठीक है बाय मैं फोन रखती हूं,,,
ठीक है पूनम आई लव यू,,,
लव यू टू मनोज,,
( इतना कहने के साथ ही फोन कट गया