• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

PRAVAS DALEI

Member
473
495
78
बहुत ही hot 🔥 अपडेट था | सोहन ने तीन औरतों का मजा ले चुका है अब जो बच गई है उसके भी मजे लेने दो |
 

rohnny4545

Well-Known Member
13,285
34,562
259
पूनम बेसब्र हुए जा रही थी मनोज से बात करने के लिए,,,, वह अपनी चाची से मोबाइल मांगना चाह रही थी लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे मांगे क्योंकि इससे पहले वहं बार बार मोबाइल को नहीं मांगती थी,,,,,,
रात को खाना खाने के बाद यूंही सब गप्पे लड़ाते हुए छत पर बैठे थे,,,, पूनम इसी ताक में थे कि कब वह अपनी चाची से मोबाइल मांगे लेकिन उसे मोबाइल मांगने का मौका नहीं मिल रहा था,,, कड़ाके की ठंडी पड़ रही थी और छत पर घर की औरतें लकड़ी जलाकर उस आग से अपने बदन को गर्माहट पहुंचाने की कोशिश कर रही थी,,, इन सबके साथ पूनम तो वहां बैठी थी लेकिन उसका ध्यान कहीं और था वह तो मनोज के ख्यालों में खोई हुई थी,,,, काफी देर तक उन लोगों को बात करने की वजह से काफी समय बीत गया,,,, को धीरे-धीरे करके सब अपने कमरे में चले गए लेकिन संध्या और पूनम वहीं बैठ कर इधर-उधर की बातें कर रहे थे पूनम को अगर संध्या का मोबाइल मिल जाता तो वह भी तबका चली गई होती लेकिन वह मोबाइल लेने के लिए ही अपनी चाची के साथ वहां बैठीे रह गई,,,, तभी बात बात मैं संध्या नें पूनम के साथ सोहन का जिक्र करते हुए बोली,,,,
Sandhya doodh nikalti huyi

पूनम तुम्हें ऐसा नहीं लगता कि अपने पास का लड़का सोहन दूध लेने के बहाने अपने घर की औरतों को कुछ ज्यादा ही ताक झांक करता रहता है,,,,

हां चाची मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,, घर में आते ही उसकी नजरें इधर-उधर भटकती रहती हैं,,,,
( पूनम झट से संध्या की बात का जवाब देते हुए बोली क्योंकि पूनम को भी इस बात का एहसास अच्छी तरह से हो गया था कि सोहन की नजरें ठीक नहीं है,,,, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी की जब वह दूध लेने आया था,,, तो उसकी बात करने का ढंग और उसका मतलब दो अर्थ वाला था और वह बार-बार उसके शरीर को ऊपर से नीचे की तरफ घूरता रहता था,,, और तो और वह बात करते समय अपने पेंट में बने तंबू को भी बिलकुल छिपाने की कोशिश नहीं कर रहा था बल्कि वह जानबूझकर इस तरह से बर्ताव कर रहा था कि उसकी नजर उसके पेंट मैं बनी तंबू पर चली जाए,,, और ऐसा हुआ भी था पूनम की भी नजर उसके पैंट में बड़े तंबू कर चली गई थी और जिस पर नजर पड़ते ही पूनम शर्मा कर अपनी नजरें दूसरी तरफ फेर ली थी,,,, वह पल याद आते हैं पूनम के बदन में झनझनाहट से फैल गई,,,, लेकिन पूनम उस दिन वाली बात को अपनी चाची से बताई नहीं क्योंकि उस बात को बताने में उसे शर्म सी महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी वह अपनी चाची से बोली,,,,।)
Ghar k kam karti huyi Sandhya


लेकिन चाची तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो क्या तुम्हें कभी कुछ ऐसा लगा है,,,,
( पूनम की यह बात सुनते ही संध्या को तबेले वाला नजारा याद आ गया जब सोहन के लंड के कड़कपन को वह अपनी बड़ी बड़ी गांड पर महसूस करके एकदम से गंनगना गई थी।
और जब वह है उसके पैंट में बने बहुत ही ऊंचे तंबू को देख कर अपने बदन में उत्तेजना की लहर को साफ-साफ महसूस करी थी,,,, एक पल के लिए उसका मन भी बहक सा गया था। लेकिन संध्या जी पूनम सरिता पहले वाली बात को ना बता कर उसे छुपाते हुए बोली,,,,।)

नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है लेकिन जब देखो तब जब भी वह घर में आता है,, तब ऊसकी नजरें घर की औरतों को ही ढूंढती रहती है,,,।खैर जाने दो हो सकता है कि अपना वहम भी हो,, पूनम रात काफी हो चुकी है अब हमें सोना चाहिए,,,,

हां चाची हो गई है और धीरे-धीरे करके घर के सभी लोग सो चुके हैं सिर्फ हम दोनों ही जग रहे हैं,,,,,( पूनम बार-बार अपनी चाची से मोबाइल मांगना चाह रही थी लेकिन मांग नहीं पा रही थी।)

पूनम मुझे तो जोरों की पेशाब लगी हो,, ( खड़ी होकर छत पर से चारों तरफ देखते हुए और चारों तरफ धू्प्प अंधेरा छाया हुआ था,,,, अंधेरे से थोड़ा घबराते हुए संध्या बोली,,,।) पूनम चल पहले पेशाब कर लेते हैं उसके बाद आकर सो जाएंगे,,,


लेकिन चाची मुझे तो बिल्कुल भी नहीं लगी है मैं सोने जा रही हूं आप अकेले ही चली जाओ ऐसा क्यों नहीं करती बाथरूम में ही कर लो,,,,
( पूनम अच्छी तरह से जानती थी कि संध्या बाथरूम में जल्दी पेशाब नहीं करती क्योंकि ऊन्हे बड़ा अजीब लगता था। पूनम इस बात को अच्छी तरह से जानती थी की इतनी रात को इतने घने अंधेरे में वह उसे लेकर गए बिना पेशाब नहीं करेंगी,,।)

अरे पूनम नहीं लगी है तो मेरे साथ तो चल तू तो अच्छी तरह से जानते हैं कि बाथरूम में मुझसे पेशाब नहीं होती,,,।
Sandhya apne pati se maje leti huyi


ठीक है मैं तुम्हारे साथ चलूंगी लेकिन तुम्हें मुझे मोबाइल देना होगा वह क्या है कितनी जल्दी मुझे नींद नहीं आने वाली इसलिए गाना सुनते सुनते सो जाऊंगी,,,,
( संध्या का प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ रहा था और उसी से उस प्रेशर पर काबू कर पाना मुश्किल हो जा रहा था इसलिए वह अपना मोबाइल पूनम के हाथ में देते हुए बोली,,,।)

तो लेना मोबाइल मैं तुझे मना की हूं क्या अब चल जल्दी,,,
( पूनम के हाथ में मोबाइल थमाते हुए संध्या बोली और मोबाइल पाकर पूनम बहुत खुश हो गई,,,, इसके बाद दोनों घर के बाहर आ गए बाहर एकदम घना अंधेरा छाया हुआ था
और कोहरे की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था,,,।
संध्या घने कोहरे को देखकर बोली,,,।

चल यहीं बैठ कर कर लेते हैं,,,, इतने अंधेरे में कहां कोई देखने वाला है,,,,

चाची इतने अंधेरे में कोई देखने वाला नहीं है इस बात से मायूस हो रही हो कि इस अंधेरे पन का फायदा उठा रही हो,,,
Poonam ki chalakti huyi dono mastiya


बहुत बोलने लगी है तू,,,,


मैं ठीक ही कह रही हूं,,, अगर यहीं पर बैठकर के पैशाब करोगी तो सुबह किसी को भी पता चल जाएगा कि किसी ने यहां पर पेशाब किया है और घर के इतने नजदीक पैशाब करोगी तो अच्छा नहीं लगेगा,,,,

चल अच्छा दो कदम और चल लेते हैं एक तो मुझे इतनी जोरों की पेशाब लगी है कि चलना भी मुश्किल हुए जा रहा है,,,


चाची तुम इतना रोकती ही क्यों जब काम लगा रहता है तभी कर लेना चाहिए ना कहीं ऐसा ना हो कि तुम अपनी साडी गीली कर लो,,,


पूनम बोल ले बेटा आज तेरा दिन है तो बहुत मजाक उड़ा रही हैं मेरा भी वक्त आएगा तब तुझे बताऊंगी,,,,

( अपनी चाची की बात सुनकर और उनकी हालत को देखकर पूनम हंसने लगी और उसे शांत कराते हुए संध्या बोली,,,,।)

पागल हो गई है क्या इतनी जोर से हंस रही है अभी सारा घर उठ जाएगा और उन्हें पता चल जाएगा कि यह दोनों पेशाब करने जा रही हैं,,।

सॉरी चाची (पूनम हंसते हुए बोली,,,)

अरे अब मुझे कितनी दूर ले जाएगी तो इससे अच्छा तो घर के पीछे ही चले गए होते तो अच्छा था,,,

चले तो गए होते चाची लेकिन देख रही हो समय कितना हो रहा है और वहां पर इतनी रात को जाने से दादी ने सब को मना करके रखी है,,,

अरे कौन सा कोई वहां पर उठाकर लेकर चला जाएगा,,, हां मुझे तो नहीं लेकर जा पाएगा क्योंकि मेरा वजन कुछ भारी है लेकिन तुझे जरूर उठा ले जाएंगा,,,,


ऐसा मत बोलो चाची उठाने वाला तो तुम्हें भी उठाकर लेकर चला जाएगा बस उसे मौका मिलना चाहिए,,,,,


चल अब बहुत हो गया मैं तो यहीं बैठ कर मुंतने जा रही हूं,,,। अब मुझसे ज्यादा नहीं चला जाएगा,,,।

ठीक है चाची यही कर लो मैं नहीं चाहती थी इतनी रात को तुम्हें नहाना पड़े,,,,

हां अगर दो चार कदम और चलूंगी तो शायद मेरे कपड़े गीले हो जाए और मुझे नहाना ही पड़ेगा लेकिन ऐसी ठंड में नहाकर मुझे मरना नहीं है इसलिए मैं यही पर मुंतने जा रही हूं

( अपनी संध्या चाची की बात सुनकर पूनम हंसने लगी और संध्या वहीं खड़ी होकर झट से अपनी साड़ी को ऊपर कमर तक उठा ली,,, अपनी चाची को इस तरह की जल्दबाजी दिखाते हुए पूनम चुटकी लेते हुए बोली,,,।)

देखना चाची ध्यान देना पेंटी भी पहन रखी हो ऐसा ना हो कि जल्दबाजी में बिना पैंटी निकाले ही बैठ जाओ,,,,

ले ले मजा पूनम रानी,,, वक्त आने पर गिन गिन कर तुझसे बदला लूंगी,,,,( इतना कहने के साथ ही संध्या अपनी काली रंग की पेंटिं को नीचे की तरफ खींच कर घुटनों तक कर दी इतने अंधेरे में भी संध्या की काली रंग की पेंटी एकदम साफ नजर आ रही थी क्योंकि,,, संध्या एकदम दूध की तरह गोरी थी जो कि इतने अंधेरे में भी उसका गोरापन एकदम चमक रहा था इसलिए उसकी काली रंग की चड्डी आराम से नजर आ रही थी,,,,,,, संध्या जैसे ही अपनी चड्डी को अपनी घुटनो सरकाई,,, वैसे ही तुरंत वहलमूतने के लिए बैठ गई,,,, पूनम अपनी चाची के उतावलेपन को देखकर फिर से हंस लेकिन इस बार संध्या पूनम को कुछ बोले बिना ही मूतने में मस्त हो गई वैसे तो यह नजारा एक औरत के लिए केवल एक औपचारिक ही होता है लेकिन यह नजारा एक मर्द के लिए पूरी तरह से बेहद उन्मादक और कामोत्तेजना से भरपूर होता है हर मर्द की यही लालसा और ख्वाहिश होती है कि वह खूबसूरत औरत को पेशाब करते हुए देखें,,,, क्योंकि पेशाब करते वक्त उन की सामान्य सी हरकत भी मर्दों के लिए उत्तेजना का साधन बन जाती है,,,, यही ख्वाहिश पूनम के चाचा के मन में भी बरसों से बनी हुई थी वह बार-बार संध्या को अपनी आंखों के सामने पेशाब करने के लिए मनाते रहते लेकिन संध्या शर्म के मारे आज तक उनकी आंखों के सामने कभी भी पेशाब करने के लिए नहीं बैठी,, और पूनम के चाचा की यही ख्वाहिश उनके मन में दबी की दबी रह गई थी,,, वास्तव में संध्या को बेहद जोरों से पेशाब लगी थी तभी तो वजह से ही पेशाब करने के लिए बैठी थी वैसे ही उसकी बुर से तेज फव्वारा छुट पड़ा,,, जिसकी आवाज एकदम सीटी की तरह सुनाई दे रही थी,,,, संध्या अभी मूतने बैठी ही थी कि पूनम भी अपने सलवार की डोरी खोलने लगी,,, लेकिन संध्या का ध्यान पूनम पर बिल्कुल भी नहीं था वहां तो बड़े मजे ले करके मुतने में व्यस्त थी उसे बेहद सुकून मिल रहा था तब तक पूनम अपने सलवार की डोरी खोल कर अपनी गुलाबी रंग की चड्ढ को अपनी जांघो तक खींचकर सरकादी , और बिना कुछ बोले बैठकर मुतने लगी,,, क्योंकि पूनम को भी बहुत जोरों से पेशाब लगी थी वह तो अपनी चाची को सिर्फ मोबाइल लेने के लिए झूठ बोल रही थी उसकी गुलाबी बुर की फांकों के बीज से नमकीन पानी का फव्वारा छूट पड़ा था,,, उसकी बुर से निकल रही पेशाब का फव्वारा इतनी तेज था की,,,
Sandhya ki madmast chut

उसमें से आ रही सीटी की आवाज रात के सन्नाटे को चीर दे रही थी संध्या को इस बात का कुछ भी पता नहीं चलता बातों उसके कानों में जब अपने पास से आ रही है सीटी की आवाज सुनाई दी तब वह अपने बगल में बैठी पूनम को पेशाब करते हुए देखकर बोली,,,,

अरे तुम तो कह रही थी तुम्हें पेशाब नहीं लगी है और अब इतने जोरों से अपनी बुर से सीटी बजा रही होकी ऐसा लग रहा है कि पूरे गांव को जगा दोगी,,,,,
( अपनी संध्या चाची की बात सुनकर पूनम बोली,,,।)

नहीं चाची ऐसी कोई भी बात नहीं है तुम्हें देखकर मुझे भी पैशाब लग गई इसलिए मैं भी बैठ गई,,,।
Poonam pesab karte huye

चल कोई बहाना मत मार मुझे सब पता है,,,
( इतना कहकर दोनों हंसने लगी,,, थोड़ी ही देर में दोनों के साथ करके मुक्त हो चुके थे दोनों खड़ी होकर के अपने अपने कपड़ों को दुरुस्त करके घर में आ गए,,,, पूनम अपने कमरे में आते ही घड़ी की तरफ देखी तो रात के 12:30 बज रहे थे,
उसे उम्मीद तो नहीं थी थी इतनी रात को मनोज जाग रहा होगा,,,, लेकिन फिर भी वह एक बार कोशिश करके देख लेना चाहती थी वह दरवाजे की कुंडी लगा कर आराम से अपने बिस्तर पर आ गई हो गद्दे की नरम नरम गर्माहट को अपने बदन पर महसूस करते हुए रजाई को अपने बदन पर डाल ली,,, और अपनी नोटबुक मैसेज मनोज का नंबर डायल करने लगी जैसे ही वह नंबर डायल करके कॉल वाली बटन दबाएं वैसे ही सामने घंटी की आवाज बजने लगी और उस घंटी की आवाज़ के साथ-साथ पूनम की दिल की धड़कन भी तेज होने लगी,,
 
Last edited:

Anjum21

New Member
90
218
33
Waiting..
 
  • Like
Reactions: Napster

PRAVAS DALEI

Member
473
495
78
बहुत ही मजेदार अपडेट | दोनों चाची भतीजी अछा मज़ाक कर रहे हैं | मनोज और पूनम दोनों ही taraf आग बराबर लगी है |
 

rohnny4545

Well-Known Member
13,285
34,562
259
पूनम को कोई उम्मीद तो नहीं थी कि मनोज इतनी रात को जाग रहा होगा लेकिन फिर भी एक मन में आंसू लेकर वह मनोज का नंबर डायल कर चुकी थी और सामने घंटी की आवाज़ आ रही थी और घंटी की आवाज के साथ साथ पूनम का दिल जोरों से धड़क रहा था मन में तो आ रहा था कि फोन काट दे, लेकिन ना जाने क्यों वह फोन कट नहीं कर पा रही थी घंटी बहुत देर तक बज रही थी उसे लगा कि शायद सच में मनोज सो चुका होगा,,, वह मन में सोच रही थी कि दूसरी बार वह ट्राई नहीं करेगी लेकिन जैसे ही फोन की घंटी खत्म होने वाली थी कि तभी सामने से फोन उठ गया और जैसे ही फोन उठा पूनम की दिल की धड़कन और ज्यादा तेज हो गई उसके तन-बदन में अजीब सी थिरकन होने लगी,,, फोन उठते ही,, सामने से आवाज आई हेलो,,, नंबर देखकर मनोज समझ गया था कि पूनम का फोन है। हेलो बोलने के बाद कुछ सेकेंड तक यूं ही खामोशी छाई रही,,, कुछ देर खामोश रहने के बाद फिर से मनोज ने हेलो बोला पूनम की तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी कुछ बोलने की,,, मनोज को सिर्फ पूनम की गर्म सांसे सुनाई दे रही थी जोंकि मनोज के तन-बदन में अजीब सी उत्तेजना का प्रसार कर रही थी। पूनम की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ बोलने की कुछ देर तक फिर से वैसे ही खामोशी छाने के बाद मनोज बोला,,,
Poonam ki khubsurat gaand jo ki manoj ki halat kharab kiye huye thi

अरे कुछ बोलोगी भी या ऐसे ही सिर्फ अपनी गर्म सांसो की आवाज ही सुनाती रहोगी,,,,

मैं क्या बोलूं (बड़े ही धीमे स्वर में पुनम बोली)

वही जो आधी रात में एक लड़की को बोलना चाहिए,,,

मुझे क्या मालूम आधी रात में लड़की क्या बोलती है।

अरे लड़की होकर भी तुम्हे एक लड़की क्या बोलती है यह नहीं मालूम है।


नहीं तो मुझे क्या मालूम लड़की क्या बोलती है और मैं तो पहली बार इस तरह से फोन लगाई हूं,,

अरे तुम्हारी सहेली ने तो तुम्हें बताई होगी कि आधी रात को एक लड़के से कैसी बातें और क्या बोलते हैं।
( मनोज धीरे-धीरे पूनम को उकसा रहा था उस तरह की बातें करने के लिए,,, लड़की होने के नाते उसे इतना तो पता ही था कि फोन पर आधी रात को एक लड़की और लड़का मिलकर क्या बातें करते हैं और तो और उसकी सहेली ने भी बताई थी कि वह भी अपने बॉयफ्रेंड से किस तरह से बातें करती है। पूनम भी ऐसी ही बातें करना चाहती थी लेकिन उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी वह चाहती थी कि मनोज शुरुआत करें इसलिए वह भी इधर-उधर बात को घुमा रही थी।)

नहीं मेरी ऐसी तो कोई सहेली नहीं है जो इस तरह की बातें करती हो और करती भी होगी तो मुझे क्यों बताएगी।


अरे तुम्हारी दोनों सहेलियां है ना बेला और सुलेखा वह दोनों क्या काम है क्या वह सब भी फोन पर अपने बॉयफ्रेंड से बातें करते हैं।

करते होंगे लेकिन मुझे क्या पता कि वह लोग क्या बातें करते हैं।
( मनोज और पूनम दोनों धीरे-धीरे बातों का दौर आगे बढ़ा रहे थे पूनम की सुरीली और मदभरी आवाज सुनकर,,, मनोज का लंड खड़ा होने लगा था और इस तरह की बात है करते हुए जो कि अभी भी किसी भी प्रकार की अश्लीलता नहीं थी लेकिन फिर भी एक अजीब सी खुमार पूनम के बदन में छाने लगी थी, जिसका असर उसकी टांगों के बीच उसकी पतली दरार में हो रहा था। एक अजीब सी हलचल पूनम को अपने बदन में महसूस हो रही थी। लेकिन वह इस तरह की हरकत को महसूस करके भी समझ नहीं पा रही थी कि आखिरकार ऐसा क्यों हो रहा है दूसरी तरफ मनोज लगातार पूनम को लाइन पर लाने की पूरी कोशिश कर रहा था क्योंकि वह जानता था कि पूनम दूसरी लड़कियों की तरह अश्लील बातें शायद इतनी जल्दी नहीं करेगी लेकिन इतना उसे पक्का विश्वास था कि कोशिश करने पर पूनम भी लाइन पर आ जाएगी,, इसलिए वह लगा हुआ था।


लेकिन मुझे पता है ना कि वह लोग क्या बातें करते हैं।

तुम्हें कैसे पता कहीं तुम ही तो नहीं उससे बातें करते हो,,,।

भला ऐसा हो सकता,, है,,, ?

क्यों,,,,,,, क्यों नहीं हो सकता,,, लड़के तो हमेशा लड़कियों से बात करने का बहाना ढूंढते रहते हैं,,, तुम भी उन्ही में से होगे।,,,,

तुम अभी ठीक है मुझे जान नहीं पाई हो पुनम,, मैं उन लड़कों में से नहीं हूं जो किसी भी लड़की के पीछे भागते फिरते हैं।

तो किस लड़कोे मे से हो?

तुम्हें पता है तूने बाग में बहुत सारे फूल होते हैं जिनके नाम तक नहीं मालूम खुशबू तो देते हैं लेकिन उनमें वह बात नहीं होती ऐसे फूल के पीछे सभी लड़के घूमते फिरते हैं लेकिन किसी खास फूल के पीछे हम भागते हैं जानती हो वह फूल कैसा होता है किसे कहते हैं।

किसे कहते हैं? ( पुनम मनोज की ऐसी बातों से प्रभावित होते हुए बोली)


गुलाब मुझे गुलाब पसंद है सिर्फ और सिर्फ गुलाब और वह हो तुम,,, सिर्फ तुम,,,,
( पूनम मनोज की रोमांटिक बातें सुनकर एकदम रोमांचित हो उठा उसके तन-बदन में चिंगारी दौड़ने लगी ऐसी प्यार भरी रोमांटिक बातें अब तक वह फिल्मों में ही सुनती आ रही थी लेकिन आज अपने खुद के लिए इस तरह की बातें सुनकर उसका रोम-रोम गदगद हो उठा।,, मनोज की बात सुनकर कुछ देर तक खामोशी छाई रही इस खामोशी को तोड़ते हुए मनोज बोला।)

क्या हुआ तुम्हें मेरी बात अच्छी नहीं लगी क्या?

नहीं ऐसी बात नहीं है लेकिन,,, लगता नहीं है कि तुम जिस तरह से मेरी तारीफ कर रहे हो मैं उतनी तारीफ के काबिल हूं,,,,

तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हारी झूठी तारीफ कर रहा हूं,,,
सच में पूनम तुम बहुत खूबसूरत हो सर से लेकर पांव तक खूबसूरती तुम्हारे अंग अंग से टपकती है मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की नहीं देखा तभी तो महीनों से तुम्हारे पीछे पागलों की तरह घूम रहा हूं।
( मनोज की बातें सुनकर पूनम हँस दी, और उसकी हंसी की आवाज सुनकर मनोज बोला,,)

तुम हंस रही हो पूनम मैं सच कह रहा हूं मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की नहीं देखा तभी तो मैं कहता हूं कि मैं सिर्फ गुलाब के ही पीछे हुं।,,
( पूनम को मनोज की बातें सुनने में बहुत मजा आ रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि लड़कोे से इस तरह की बातें करने में इतना मजा आता है।,,, पूनम के तन बदन में सुरसुराहट हो रही थी। पूनम का मन कुछ और सुनने को हो रहा क्योकी बेला और सुलेखा जिस तरहकी बातें करती है,,, उनकी बातों को सुनना उसे भी अच्छा लगता था भले ही ऊपर से वह गुस्सा करने का नाटक करती हो क्या करें इसमें उसका कोई दोष नहीं था, यह उम्र ही इस तरह की थी कि इस तरह की बातो में ही लड़कियों का मन अक्सर लगा रहता है।,,, उसे लग रहा था कि अगर इसी तरह की बातें चलती रही तो मनोज जो की बेला और सुलेखा किस तरह की बातें करती हैं वह बताने वाला था वह नहीं बता पायेगा इसलिए वह जानबूझकर उसे याद दिलाते हुए बोली,,,,

मनोज तुम बेला और सुलेखा के बारे में कुछ बता रहे थे
,,,( पूनम की बात सुनते ही मनोज को गाड़ी पटरी पर आती नजर आने लगी क्योंकि वह जानता था कि पूनम अगर इस तरह की बातें कर रही है तो कोशिश करने पर वह भी दूसरी लड़कियों की तरह उससे बातें जरूर करेगी, इसके लिए वह मन में ही प्लान बना चुका था कि दूसरी लड़कियों की बातों का सहारा लेकर वह पुनम को पूरी तरह से गर्म कर देगा ताकि वह भी अश्लील बातों का पूरी तरह से आनंद उठा सके। मनोज जो कि औरतों और लड़कियों कि संगत का पूरी तरह से आशिक हो चुका था तो यह बात अच्छी तरह से जानता था कि इस तरह की बातें ही लड़कियों की टांगों के बीच का सफर तय करती है।,,, मैं तो चाहता था कि खुले तौर पर वहां पूनम से गंदी गंदी बातें करें लेकिन इस तरह से वह अपना काम बिगड़ जाने का भी डर महसूस कर रहा था इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहता था इसलिए वह बोला,,,।

जाने दो पूनम क्या करोगी वह सब बातें जानकर पर दोनों गंदी लड़की है ऐसी गंदी लड़कियों के बारे में जानकर अच्छी लड़कियां अपना समय खराब करती हैं।
( मनोज कि इस तरह की बातें सुनकर पूनम को अपना काम बिगड़ता नजर आने लगा क्योंकि वह जानना चाहती थी कि आखिर लड़कियां क्या बातें करती हैं और अगर वह मनोज की बात मान लेती तो वह नहीं जान पाएगी की लड़कियां अक्सर फोन पर कैसी बातें करती हैं इसलिए वह थोड़ा बात को इधर-उधर घुमाते हुए बोली।)

अरे नहीं मनोज मुझे भला उन लोगों की बातों से क्या मतलब लेकिन वह दोनों मेरी सहेलियां है मुझे भी तो पता चलना चाहिए कि आखिरकार उनके मन में क्या है क्योंकि मेरे सामने तो वह दोनों भोली भाली बनी रहती है।,,,

( मनोज, पुनम की बात सुनकर समझ गया कि पूनम पूरी तरह से उत्सुक हैं उनकी बातों को सुनने के लिए इसलिए वह भला क्यों बताने से इंकार करता है आखिरकार वह भी तो यही चाहता था लेकिन फिर भी बात को थोड़ा टाल देने की गरज से बोला।)

जाने दो पूनम वह लड़कियां बहुत गंदी गंदी बातें करती हैं क्योंकि जिसे बातें करती है वह मेरा दोस्त है और उसी ने मुझे सब कुछ बताया था।
( गंदी गंदी बातों का जिक्र होते ही पूनम के तन-बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फूटने लगी उसका बदन कसमसाने लगा और वह रजाई में से अपना मुंह बाहर निकाल कर ठंडी हवा में सांस लेने लगी क्योंकि उसके बदन में उत्तेजना की गर्माहट बढ़ रही थी।)

तो मुझे भी बताओ कि उसने क्या बताया था और मेरी सहेलियां किस तरह की बातें करती हैं?

नहीं पूनम मैं उस तरह की बातें तुम्हारे सामने नहीं कर सकता तुम नाराज हो गई तो इतनी मुश्किल से तो तुम मेरे साथ बात करने को तैयार हुई हो अगर नाराज हो गई तो मैं तो फिर से तन्हा हो जाऊंगा,,,।
( मनोज की ऐसी बातें सुनकर पूनम थोड़ा सा गुस्सा हो गई और मन ही मन में गुस्सा होते हुए फोन को अपने माथे पे पक कर मनोज से बोली,,, ।)

नहीं मनोज मैं तुमसे कभी भी नाराज नहीं होंगी सच कह रही हूं।

क्या तुम सच कह रही हो क्या तुम मुझसे कभी भी नाराज नहीं होगी,,,, तो क्या तुम सच में मुझसे प्यार करती हो,,,, बोलो ना,,,,

हां बाबा करती हूं,,,, अगर करती नहीं होती तो इस तरह से आधी रात को तुम्हें फोन लगा कर बात करती,,
( पूनम झुंझलाते हुए बोली क्योंकि इस तरह से टाइम वेस्ट हो रहा था और वह उस तरह की बातें सुनने के लिए पूरी तरह से उत्सुक थी।)
 
Last edited:

rohnny4545

Well-Known Member
13,285
34,562
259
लेकिन तुमने तो अभी तक मुझे आई लव यू बोली ही नह

पूनम अभी बोल दो ना आई लव यू मेरे दिल को तसल्ली मिल जाएगी,,,,
( मनोज की बात सुनकर पूनम को हंसी आ गई और उसे मनोज की बातें अच्छी भी लग रही थी इसलिए वह तंग आकर बोली)

आई लव यू बस अब तो खुश हो ना,,,,

खुश मैं तो बहुत खुश हूं मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि आज मुझे कितनी खुशी मिली है ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया मेरी बाहों में समा गई है।

ज्यादा रोमांटिक मत हो समय बीतता जा रहा है मुझे बताओ कि वह लोग कैसी बातें करती थी। घड़ी देखो 1:30 बज रहा है मुझे सोना भी है और सुबह जल्दी उठकर स्कूल भी जाना है तुम अगर इसी तरह से बात को टालते रहे तो मैं फोन कट कर दूंगी,,,,

नहीं नहीं ऐसा मत करना नहीं तो मैं मर जाऊंगा लेकिन वह लोग बहुत ही गंदी बातें करते थे क्या तुम सुन पाओगी,,,।

गंदी बातें ही करते थे ना की बंदूक और तलवारे चलाते थे जो मुझे किसी बात का खतरा हो जाएगा,,,,

वाह पूनम वाह तुम तो बड़ी मजेदार बातें करती हो,,,, ( मनोज की बात सुनकर पूनम फिर से हंस दी) देखो यह सब बातें मुझे मेरे दोस्त ने बताई थी की सुलेखा किस तरह की बातें उससे फोन पर करती है।

बताओ,,,

मेरे दोस्त ने बताया था कि ऐसे ही आधी रात को जैसे तुम फोन मुझे की हो उसी तरह से उसने भी खुद ही फोन लगा कर मेरे दोस्त को बात करने के लिए उकसा रही थी वह तो बात करने को तैयार नहीं था क्योंकि उसे बहुत गहरी नींद आ रही थी लेकिन उसकी नींद भगाने के लिए जानती हो उसने क्या कहा,,,,।

क्या कहा (पूनम ने उत्सुकता जताते हुए बोली)

वह बोली थी यहां मेरी बुर में आग लगी हुई है और तुम हो कि चैन की नींद सो रहे हो,,,,
( पूनम तो मनोज के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर खास करके बुर शब्द सुनकर एकदम से सन्न रह गई,,, पल भर में उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी उसकी सांसो की गति तेज हो गई और तो और उसका गला सूखने लगा,,, क्योंकि पहली बार वह किसी लड़के के मुंह से बुर शब्द सुन रही थी,,,, लेकिन फिर भी जैसे उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा हो इसलिए फिर से बोली,,,।)

क्या क्या क्या क्या कहा तुमने?

यही कि सुलेखा बोली की,, यहां मेरी बुर में आग लगी हुई है और तुम चैन की नींद सो रहे हो,,

बाप रे मुझे तो बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा है कि सुलेखा इस तरह की बातें करती होगी,,, उसके बाद तुम्हारी दोस्त ने क्या कहा,,,
( मनोज अच्छी तरह से जानता था कि वह सब बातों को अपनी तरफ से बनाकर बता रहा है लेकिन जिस तरह से पूनम उत्सुकता बता रही थी उसे देखकर मनोज का लंड खड़ा होने लगा था।)

अरे वह क्या कहता सुलेखा की बात सुनते ही ऊसकी नींद ऊड़ गई ।,,,

नींद उड़ गई क्यों?

अरे लड़कियां जब ईतनी खुली बातें करेंगी तो किसी भी लड़के की नींद उड़ जाएगी,,,,

क्या कहा था उसने सुलेखा की बात सुनकर,,,

वह बोला सच कह रही हो,, सुलेखा क्या तुम एकदम नंगी हो क्या?,( तब सुलेखा बोली)

नही अभी नंगी नहीं हूं कहो तो अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाऊं,,,,
( पूनम को यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह की बातें सुलेखा करती होगी उसके होश उड़े जा रहे थे और साथ में उसकी बुर से मदन रस की बूंदे रीसने लगी थी,,,)
बाप रे बाप क्या तुम सच कह रहे हो मनोज मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा है।


best free image hosting
बिल्कुल सच कह रहा हूं पूनम जानती उसके बाद मेरे दोस्त ने क्या कहा,,

क्या कहा ?

उसने कहा नंगी भी हो जाना लेकिन सबसे पहले मुझे तुम्हारा दूध पीना है बहुत बड़े बड़े दूध है तुम्हारे तुम्हारी चुचियों को अपने हाथ में लेकर मसल मसल कर,, पिऊंगा,,,

फीरररर,,,, ( थिरकती हुई आवाज में पुनम बोली)

फिर क्या इतना सुनते ही सुलेखा बोली तो मना किसने किया है आ जाओ मुंह लगाकर पी लो मैं तो कब से बेकरार हूं तुम्हें अपना दूध पिलाने के लिए,,, लो मैं अपनी कुर्ती को ऊपर करके अपनी ब्रा भी उतार दी हो मेरी चूचियां एकदम नंगी हो गई है,,,,
( शर्मा और उत्तेजना के मारे पूनम का चेहरा लाल हो गया था उसकी बुर्के पानी निकलना शुरू हो गया था उसे अपनी पैंटी गीली होती महसूस हो रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि यह दूरी कितनी हो रही है ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे जोरों से पेशाब लगी है,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी पूनम की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी,,,, कड़कड़ाती ठंडी में भी उसके बदन में गर्माहट पूरी तरह से अपना असर दिखा रहा था। इसलिए मैं अपने बदन पर से रजाई को हटा दी क्योंकि उसे अब रजाई की बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी। क्योंकि घर में बात होने उसके तन-बदन में पूरी तरह से गर्माहट फैला दिया था।,,,,, सुबह आगे सुनने के लिए पूरी तरह से उत्सुक थी। तभी दरवाजे के बाहर आहट सुनाई दी,,,, क्योंकि काफी देर से गाय भैंस की आवाज़ आ रही थी और क्यों जंगली जानवर तबेले में आ गया था इसलिए उसके चाचा उठ गए थे। हड़बड़ाहट में पूनम से कुछ बोला नहीं गया और वह झट से फोन को स्विच ऑफ कर दी ताकि मनोज दुबारा फोन न कर सके क्योंकि अब वह बात नहीं कर सकती थी और वैसे भी घड़ी की तरफ ऊसकी नजर गई तो अढ़ी बज रहे थे।

पूनम एक बार कमरे से बाहर आकर देखना चाहती थी कि आखिर माजरा क्या है। घर के सभी लोग धीरे-धीरे करके जा चुके थे,, क्योंकि वह लोग अच्छी तरह से जानते थे कि ठंडी के मौसम में चोर लोग ज्यादा ही उत्पात मचाते हैं,, वह कुछ देर तक यूंही बाहर खड़ी रही मैं सोच रही थी कि सब लोग वापस सोने जाए तो वह फिर से मनोज को फोन लगाएगी लेकिन काफी देर बीत गया लेकिन सब लोग वहीं बैठ कर बाते हीं करते रहे।
पूनम समझ गई कि आज कुछ होने वाला नहीं है। उसे बाहर खड़ा देखकर उसके चाचा उसे जाकर सोने के लिए बोले तो वह वापस कमरे में आ गई। बिस्तर पर लेट कर वापस रजाई ओढ़ ली और सोने की कोशिश करने लगी लेकिन उसकी आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी। आज जिंदगी में पहली बार वह फोन पर इस तरह की बाते सुन रही थी। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मानो आज जो कुछ भी बोल रहा था क्या सच बोल रहा था लेकिन उसकी सहेली ने भी तो उसे नहीं बताए थे कि अपने बॉयफ्रेंड से वह गंदी गंदी बातें करती है लेकिन इस तरह की बातें करती होगी इस बात पर उसे यकीन नहीं हो रहा था लेकिन फिर वह सोचती कि मनोज क्यो झूठ बोलेगा तो सच ही कह रहा होगा। वह मन ही मन सोचने लगी कि सुलेखा कितनी गंदी बातें करती है। मनोज के मुंह से उन दोनों की गंदी बातों को सुनकर उसके तन-बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी उसके चेहरे पर,,, उत्तेजना की लहर साफ नजर आ रही थी चेहरा उत्तेजना के मारे लाल टमाटर की तरह हो गया था,,, बार बार निर्मला के कान में मनोज के द्वारा सुलेखा की कही गई बात सुनाई दे रही थी,,,, बार बार सुलेखा द्वारा कहे गए शब्द उसके कान में बज रहे थे यहां मेरी बुर में आग लगी हुई है और तुम चैन से सो रहे हो,,,,,,, लो पी लो मेरे दुध को तुम्हारे लिए तो है ये,,,, क्या तुम इस समय नंगी हो,,,,
नहीं कहो तो अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाऊं,,,,

मुझे तो तुम्हारे बड़े बड़े दूध पीना है।
सससससहहहहहह,,,,, यह सब बातें याद करके पूनम का गला उत्तेजना के मारे सूखने लगा उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें तभी धीरे-धीरे उसका हाथ उसी सलवार के ऊपर पहुंच गया जहां पर उसे गीला गीला महसूस हो रहा था वह धीरे से अपनी सलवार की डोरी खोलकर बिना सलवार उतारे ही,,, धीरे धीरे कांपती उंगलियों को अपनी पैंटी के अंदर सरकाने लगी,,,, जैसे जैसे वह अंदर की तरफ अपनी उंगलियों को सरका रही थी। वैसे वैसे ऊसकी दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी,,, जैसे ही उसकी उंगलियां उसकी गुलाबी बुर की ऊपरी सतह पर पहुंची उसका बदन मारे उत्तेजना के गनगना गया,,,, ऊसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बदन में एैसी हलचल क्यों मची हुई है।

Doodh pilane wali bat par Poonam is tarah ki kalpna kar rahi thi

free image hosting website
वह धीरे-धीरे अपनी पूरी हथेली को अपनी छोटी सी बुर पर रखकर हल्के से दबोच ली,,, इतनी ज्यादा उत्तेजित थी की अपनी बुर को इस तरह से दबोचना उसे बेहद आनंददायक लगने लगा,,,, वह मुंहं से गहरी गहरी सांस ले रही थी,,,, इतनी ठंडी में भी उसके बदन में गर्मी का एहसास होने लगा और वह जाकर अपनी रजाई को बिस्तर से नीचे फेंक दी,,,, वह सलवार को बिना उतारे ही पेंटी के अंदर अपने हाथ को सरका कर अपनी बुर को जोर जोर से दबोच रही थी। बुर से निकल रही रस मे उसकी हथेली पूरी तरह से भीगने लगी थी,,, लेकिन इस समय उसके तन बदन में खुमारी पूरी तरह से अपना असर दिखा रही थी,,, वह सुलेखा और उस लड़के की बात को याद करके अपनी बुर को जोर जोर से दबा रही थी। आज जिंदगी में पहली बार वह अपनी बुर के साथ इस तरह की हरकत कर रही थी,,, आज उसकी जवानी रह-रहकर पानी छोड़ रही थी। धीरे-धीरे उसके कमर अपने आप ऊपर नीचे की तरफ हिलने लगी छोटी सी बुर ऊसकी हथेली में जरूर दबी हुई थी लेकिन उस छोटी सी बुर मे उसके पूरे वजूद पर अपना कब्जा जमाया हुआ था। हथेली को पूनम बार-बार अपनी बुर की ऊपरी सतह पर रगड़ते हुए दबोच ले रही थी। ना चाहते हुए भी उसके मुंह पर हल्की हल्की सिसकारी की आवाज आने लगी थी।,,, उसके बदन में बढ़ रही उत्तेजना को वह पहचान नहीं पा रही थी ऊसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। अपनी कमर के नीचे के भाग की तरफ देखे बिना ही आंखों को बंद करके अपनी बुर को अपनी हथेली से नीचोड़ रही थी वह क्या कर रही है इसके बारे में उसे जरा भी समझ नहीं थी। तभी अचानक उसके मुख से जोरदार चीख निकली और उसकी बुर से भलभलाकर मदनरस बहने लगा। बुर का मदन रस झटके मारता हुआ बाहर आ रहा था जिससे उसका पूरा बदन झकझोर जा रहा था।
पूनम की कमर झटके खाते हुए पानी फेंक रही थी उसकी पूरी हथेली मदन रस में लतपथ हो गई थी।
धीरे-धीरे उसकी सांसो की गति कम हुई तो उसे इस बात का एहसास हुआ कि वह कुछ गलत कर रही थी लेकिन इस गलती में भी उसे बेहद आनंद की अनुभूति हुई थी जिंदगी में पहली बार उसने इस प्रकार के आनंद की अनुभूति करते हुए,,,बुर से पहली बार पानी फेंकी थी। जब वह अपने परिवार में से अपनी हथेली बाहर निकाली तो चिपचिपे पानी से उसकी पूरी हथेली भीजी हुई थी उसे कुछ समझ में नहीं आया कि आखिरकार यह चिपचिपा पानी है क्या,,, वह गीले हाथ से ही जल्दी से अपने सलवार की डोरी बांध कर रुमाल से हाथ साफ करके कब सोओगे उसे पता ही नहीं चला।


upload a pic
यही हाल मनोज काफी था पूनम से बातें करती हुए अपने लंड को धीरे-धीरे हिला रहा था,,, लेकिन अचानक फोन काट देने की वजह से उस का मजा किरकिरा हो गया था फिर भी पूनम के खूबसूरत बदन की कल्पना करते हुए और उससे कल्पना में ही संभोगं करके अपना पानी निकाल कर सो गया था।
 
Last edited:

rohnny4545

Well-Known Member
13,285
34,562
259
मनोज की बातें पूरी नहीं हुई थी और घर के बाहर थोड़ी हलचल की आवाज सुनकर पूनम सतर्कता दिखाते हुए मोबाइल स्विच ऑफ कर देती क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि किसी को कानों कान खबर हो कि वह कमरे में रात को किसी से बातें करती है क्योंकि वह जानती थी कि अगर इस तरह की बातें खुल गई तो उसका क्या अर्थ होगा,,, अपने परिवार वालों को अच्छी तरह से जानती थी खास करके अपने चाचा लोगों को,,,, उसका पढ़ना लिखना स्कूल जाना किसी से मिलना जुलना सब बंद हो जाता उस पर घर से निकलने पर पाबंदी लग जाती है और वह यह सब नहीं चाहती थी,,,, इसलिए उसने स्विच ऑफ कर दी थी,,,,
Sandhya ki machlti jawani

upload images
हलचल की आवाज को सुनकर बाहर आ गई थी और कुछ देर तक सबके साथ बैठी रह गई हिंदी का महीना होने के नाते इस बात का एहसास उसको भी था कि ठंडी के मौसम में अक्सर चोर आया करते थे और चोरी करके रफूचक्कर हो जाया करते थे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था सिर्फ शोर-शराबा हुआ था,,,,लेकिन इस शोर-शराबे में पूनम का मजा पूरी तरह से किरकिरा हो गया था जिंदगी भी पहली बार हुआ था एक लड़के से खुले तौर पर बातें कर रही थी हालांकि वह अपनी तरफ से कुछ भी बोली नहीं थी बस उस लड़के की बात को सुन रही थी मनोज के मुंह से गंदी गंदी बातें सुनकर और वह भी अपने ही सहेली के बारे में पूनम पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी जिंदगी में पहली बार उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी उसे महसूस हुई थी,,,उसकी सहेली अपने बॉयफ्रेंड से फोन पर किस तरह की बातें करती है यह बात मानो जिसे जानकर उसकी खुद की चुचियां कड़क होती हुई महसूस हो रही थी,,,,,,
Poonam ki chachi ki khubsurti


थोड़ी देर बाद अपने कमरे में जाने पर उसका मन फिर से कर रहा था कि मनोज से बात करें लेकिन घड़ी में 1:30 बज रहे थे और से सुबह जल्दी उठना रहता है और सोने की तैयारी करने लगी थी लेकिन कहां के बीच हो रही हलचल सेवा अपने आप को संभाल नहीं पाई और अनजाने में ही अपने हाथ को अंदर डाल कर अपनी बुर को टटोलने लगी थी,,, जिसमें से काम रस बह रहा था,,,वह अनजाने में ही अपनी छोटी-सी बुर को अपने हथेली में भर कर दबाना शुरू कर दी थी,,,,,, पूनम को इस बात का अहसास तक नहीं था कि वह क्या कर रही है लेकिन इस क्रिया को करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि अपने हाथों से अपने ही अंग को छूने में दबोचने में ईतना मजा आता है,,,,,,
Kalpna me manoj Poonam k kapde utarne k bad

पूनम बिना अपनी सलवार उतारे सिर्फ अपनी पेंटी में हाथ डालकर अपनी गरम हो चुकी बुर को जोर जोर से दबा रही थी,,, सही गलत का फैसला करने की ताकत उसके में बिल्कुल भी नहीं थी वह जो कुछ भी कर रही थी उसे अच्छा लग रहा था और वह जोर-जोर से अपनी बुर को दबा रही थी पूनम के संपूर्ण वजूद का कब्जा और छोटी सी बुर ने अपने हाथों में ले लिया था,,,,पूनम की सांसे तेजी से चलने लगी और अगले ही पल उसकी बुर से काम रस का फव्वारा फूट पड़ा जो उसकी पूरी हथेली को भिगो दिया,,,, जब उसे होश आया था इतना तो वह समझ गई कि जो कुछ भी हो कर रही थी वह गलत था लेकिन जिस तरह का आनंद उसे प्राप्त हुआ था ऐसे आनंद कि उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी,,,,

रात काफी हो जाने की वजह से वह सो गई,,,,।


सुबह जब उठी तो उसके जेहन में रात वाली बातें घूम रही थी वह विश्वास नहीं कर पा रही थी कि उसकी सहेली इतनी गंदी गंदी बातें करती है बार-बार उसके कानों में मनोज के द्वारा कही गई बात बज रही थी,,,,, यहां मेरी बुर में आग लगी है और तुम आराम कर रहे हो,,,, मनोज के द्वारा बताए कहीं अपनी सहेली के द्वारा कहे कि इस बात को लेकर के पूनम पूरी तरह से उत्तेजित हो जाते थे खास करके मनोज के मुंह से बुर शब्द सुनकर वह पूरी तरह से उत्तेजनात्मक की स्थिति में आ जाती थी,,,,उसे अपने कानों पर भरोसा नहीं हो रहा था कि एक लड़का अपने मुंह से लड़कियों के अंग के बारे में इतनी खुले शब्दों में कह सकता है,,,।

आंगन में झाड़ू लगाते हुए भी उसके जेहन में रात वाली ही बातें घूम रही थी,,,, दूध पीने वाली बात से पूनम और ज्यादा मदहोश हो जाती थी,,,, वह अपने कल्पना में अपने आप ही बार दृश्य को कल्पनातीत करने लगती थी कि किस तरह से उसकी सहेली बेला अपने हाथों से अपनी कुर्ती को उतार कर अपनी पर आने से अपनी चुचियों को बाहर निकाल कर अपने दोनों हाथों में पकड़ कर अपने बॉयफ्रेंड के आगे परोस रही होगी और उसका बॉयफ्रेंड बड़े चाव से आगे बढ़कर दोनों हाथों में उसकी चूचियों को पकड़ कर जोर जोर से दबाते हुए उसे मुंह में डालकर किसी छोटे बच्चे की तरह पीना शुरू कर देगा,,,,इस तरह के दृश्य की कल्पना करके पूनम अपनी टांगों के बीच फिर से हलचल सी महसूस करने लगी थी,,,, पूनम के लिए इस तरह की हलचल पहली बार थी क्योंकि इससे पहले वह कभी इस तरह की उत्तेजना आत्मक स्थिति का ना तो सामना की थी और ना ही कभी उसके बारे में सोची थी,,,,,

झाड़ू लगाते लगाते उसे काफी देर हो गई थी इसलिए वह झट से बाथरूम में घुस गई और बाथरूम में घुसते की अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई,,,,ऐसा नहीं था कि तूने पहली बार आप उनके अंदर अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो रही थी ऐसा वह हमेशा ही करती थी बाथरूम के अंदर उसे नंगी नहाना बेहद पसंद था,,,,,क्योंकि इस तरह से वह अपने हर एक अंग पर साबुन अच्छे से लगा कर नहा सकती थी,,,,। लेकिन रात वाली घटना से आज बाथरूम में कपड़े उतार कर नंगी होने में तब्दीली आ चुकी थी क्योंकि वह आज से पहले बाथरूम में नंगी होकर ना की जरूरत ही लेकिन अपने अंगों को इतनी गौर से देखती नहीं थी,,,,पूनम आज बड़े गौर से अपनी दोनों चुचियों को देख रही थी उसकी गोलाई को देख रही थी जो कि काफी बड़े तो नहीं थे लेकिन फिर भी संतरे के आकार के थे ,,,उसके मुकाबले बेला की चूचीया काफी बड़ी थी,,,। बेला और पूनम हम उम्र ही थे,,, लेकिन दोनों की चुची में जमीन आसमान का फर्क था और इस फर्क का कारण पूनम को सिर्फ यही समझ में आता था कि दोनों के बदन की बनावट का फर्क,,,बेला थोड़ी मोटी थी और वह पतली है इसीलिए पूनम को लगता था कि मोटी होने की वजह से उसकी चुची का आकार ज्यादा बढ़ा है और वह पतली है इसलिए की चूची का आकार छोटा है और उसका यह सोचना जायज भी था लेकिन दूसरे कारण के बारे में वह नहीं जानती थी कि औरतों लड़कियों की चुचियों का आकार इतनी जल्दी क्यों बढ़ जाता है,,,,, बेला केकाफी बॉयफ्रेंड थे जिनके साथ वह जिस्मानी ताल्लुकात भी बना चुकी थी और उन लोगों से अपनी चूची दबा दबा कर बड़ी कर ली थी,,,, यही दूसरे कारण के बारे में पूनम को बिल्कुल भी पता नहीं था,,,,,

ऐसा नहीं था कि छोटी होने के नाते पूनम की चूची आकर्षक नहीं थी बल्कि सच तो यही था कि बेला की बड़ी-बड़ी सूचियों के मुकाबले पूनम की संतरे जैसी गोल गोल चूचियां बेहद आकर्षक थी,,,,जिन्हें दबाने के लिए मुंह में भर कर पीने के लिए उस स्कूल का हर एक लड़का लालायित रहता था,,,। धीरे-धीरे पूनम की नजर अपनी चुचियों से नीचे उतरते हुए अपने सपाट पेट के नीचे अपनी हल्की सी उभरी हुई बुर पर चली गई,,,। जोकि रात को उसे बेहद बेचैन कर दी थी,,,, पूनम की बुर एकदम गोरी चिकनी थी जिसे 2 दिन पहले ही पूनम ने वीट क्रीम लगाकर साफ की थी,,,।एक दम आकर्षक खूबसूरत जिस किसी की भी नजर पड़ जाए तो उसकी सांस ही अटक जाए,,,, पूनम की बुर के दर्शन किसी भी मर्द के नसीब में नहीं था क्योंकि पूनम ने कभी भी किसी मर्द को मौका ही नहीं दिया था,,,,,


एक नजर अपनी बुर पर डाल कर पुणे मुस्कुराने लगी और अपनी हथेली उस पर रखकर उसकी गरमाहट को महसूस करके अपने बदन पर पानी डालकर नहाने लगी,,,, बदन पर ठंडा पानी पड़ते ही,,, उसके दिमाग को थोड़ी ठंडक महसूस हुई और वह नहा कर बाहर आ गई नाश्ता करने के बाद तैयार होकर वह बेला का इंतजार करने लगी,,,, आज पहली बार ऐसा था कि पूनम जल्दी से तैयार हो गई थी और अपनी सहेली का इंतजार कर रही थी थोड़ी देर में उसे पहला और सुलेखा दोनों आते हुए दिखाई देने लगी वह तुरंत अपना बैग लेकर बाहर आ गई,,,,


क्या बात है पुनम आज तो तुम बहुत जल्दी तैयार हो गई,,,(बेला इतराते हुए बोली,,)


क्यों नहीं हो सकती क्या,,,,



हो सकती हो यार लेकिन ऐसा लग रहा है कि मनोज से मिलने की तो मैं बहुत जल्दी पड़ी है इसीलिए जल्दी से तैयार हो गई हो,,,


देख बेला तु फिर से शुरू मत हो जा,,,,


ठीक है नाराज क्यों होती है,,,
(इतना कहकर बेला खामोश हो गई,,,, पूनम को रात वाली बात याद आ गई बेला को देख कर उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि बेला इतनी गंदी गंदी बातें रात को अपने बॉयफ्रेंड के साथ करती होगी और एकदम खुली बात गंदे शब्दों में,,, एक बार मनोज के द्वारा कही गई बातों के एक-एक शब्द का मतलब समझते ही उसके कानों में ऐसा लग रहा था जैसे शहद घुल गया हो,,,, बुर चूची तड़प,,,, मनोज के द्वारा कहे गए इन शब्दों को याद करके पूनम के होठों पर उतेजनात्मक मुस्कान तैरने लगी,,,, और बेला देख ना ले इसलिए एकदम शांत हो गई,,,,,।

रात को खाना खाकर घर का काम करके वह अपनी चाची का मोबाइल लेकर बिस्तर पर रजाई में घुसकर गाना सुन रही थी,,,, आंखों में नींदे ना दिल में करार मोहब्बत भी क्या चीज होती है यार,,,, पहली बार पूनम को इश्क मोहब्बत का मतलब समझ में आया था,,,, उसे मोहब्बत की यह तड़प अच्छी लग रही थी,,,। मैं बेसब्री से 12:00 बजने का इंतजार कर रही थी क्योंकि ठंडी के मौसम में 12:00 बजे तक उसके घर में सब लोग गहरी नींद में सो जाते थे,,,, और कुछ देर गाना सुनने के बाद दीवार में टंगी घड़ी में 12 बच गए और उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी क्योंकि कल की बात अधूरी रह गई थी जिसे आज वह पूरा करना चाहती थी और यही सोचकर वह मोबाइल निकाल कर अपनी इंग्लिश की नोट को बाहर निकालकर उसमें लिखा हुआ नंबर डायल करने लगी,,,,।
 
Last edited:
Top