पूनम का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, कल की अधूरी बात आज पूरी करनी थी पूनम की जिंदगी का यह पहला मौका था जब वह किसी लड़के से इस तरह की गंदी बातें सुन रही थी और से सुनने के लिए उत्साहित भी थी,,,।पूनम कभी अपने मन में सोची भी नहीं थी कि वह किसी लड़के से इस तरह की गंदी बातें करेगी लेकिन धीरे-धीरे उसका मन और ख्याल दोनों पता नहीं लगा था आखिरकार वह भी एक जवान लड़की थी और जवान लड़की के मन में जिस तरह के अरमान होते हैं जायज था कि उसके भी मन में उस तरह के अरमान मचल रहे थे बस वह अपने परिवार से डरती थी,,अपनी इज्जत सम्मान से डरती थी लेकिन धीरे-धीरे मनोज ने उसका दिल जीत लिया था वह मनोज पर भरोसा करने लगी थी इसलिए मनोज के मुंह से वह अपनी ही सहेली की गंदी बातों को सुनने के लिए पूरी तरह से उत्साहित और तैयार थी,,।
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इंग्लिश का नोट निकालकर वह लिखे गए नंबर को डायल करने लगी,,, जैसे-जैसे मोबाइल में वह नंबर दबा रही थी वैसे वैसे उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी,,,,,, बार-बार उसके कानों में मनोज के मुंह से कही गई गंदी बातें शायद की तरह घुल रही थी,,,, जल्दी से नंबर डायल कर दी और कॉल का बटन दबा दी,,,, और रिंग जाने लगी साथ ही उसके दिल की धड़कन भी रिंग की आवाज के साथ तेज चलने लगी,,,,सामने मनोज की बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था क्योंकि वह समझ गया था कि पूनम धीरे-धीरे लाइन पर आ रही है और इसी तरह से वह पूनम को लाइन पर लाकर उसे अपने नीचे लाना चाहता था भले उससे सच्चा प्यार करने लगा था लेकिन फिर भी उसके बदन की हवस उसी तरह से बरकरार थी जैसा कि वह दूसरी लड़कियों के साथ करता था पूनम के साथ चुदाई का सुख भोगने का वह ख्वाब देख चुका था,,,उसने अभी तक पहुंची और तीन लड़कियों की चुदाई किया था लेकिन पूनम सब में खास थी वह पूनम की नंगे बदन को देखना चाहता था उसकी खूबसूरती को अपनी आंखों से पी लेना चाहता था वह उसकी दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार को देखना चाहता था जिसने महीनों से बेकरार करके रखा था,,, और मनोज अच्छी तरह से समझ गया था कि पूनम की दोनों टांगों के बीच पहुंचने का रास्ता यहीं से शुरू होता है और जितना नमक मिर्च लगाकर उसे से सब बातें बताएगा पूनम उतनी ज्यादा उत्तेजित होगी और उसे सुख को प्राप्त करने के लिए मचल उठेगी,,,,,
मोबाइल की घंटी बजते ही वजह से मोबाइल को हाथ में लेकर स्क्रीन पर छपे नंबर को देखने लगा और उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी वह तुरंत कॉल रिसीव करके हेलो बोला,,,,। हेलो का आवाज सुनते ही पूनम के दिल की धड़कन रेलगाड़ी के इंजन की तरह तेज हो गई,,,, सिर्फ हेलो सुनते ही पूनम की दोनों टांगों के बीच हलचल सी मचने लगी,,,, पूनम कुछ बोल नहीं पाई तो मनोज ही बोला,,,।
हेलो पूनम,,,
हां,,,,(बड़े दिन में स्वरों में मुरली)
कैसी हो,,,
मैं तो एकदम ठीक हूं,,,,
तुम तो ठीक हो लेकिन मैं बिल्कुल भी ठीक नहीं हुं,,,
क्यों क्या हुआ,,,,?(पूनम बेचैन होते हुए बोली)
बहुत कुछ हुआ है अब तो रातों की नींद उड़ गई है दिन का चैन छिन गया है,,,,
ऐसा क्या हो गया है,,,
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प्यार हो गया है पुनम तुमसे प्यार हो गया है,,,,
लेकिन मुझे तो नहीं हुआ है,,,(पूनम मुस्कुराते हुए बोली)
तुम्हें भी वह वरना इस तरह से आती रात को फोन ना करती ,,,तूने मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता,,,,
तो इसमें मैं क्या कर सकती हूं,,,,
तुम ही कर सकती हो,,,,
क्या कर सकती हूं,,,
मुझसे प्यार,,,,
सच कहूं तो मनोज में भी तुमसे प्यार करने लगी हुं,,,
हाय मेरी किस्मत यही सुनने के लिए तो मऐ तड़प रहा था,,,
(मनोज की बात सुनकर पूनम मुस्कुराने लगी मनोज की बातों से अच्छी लग रही थी प्यार मोहब्बत की बातें उसे अच्छी लगने लगी थी वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह किसी से प्यार करेगी,,,लेकिन धीरे-धीरे उसे कि मोहब्बत होने लगी थी यह उम्र ही ऐसी होती है लाख बंदिशों के बावजूद भी जवानी का पंछी जंजीरों को तोड़कर उड़ ही जाता है और वही पूनम के साथ भी हो रहा था,,,, मनोज पूनम को बातों में उलझा रहा था सीधे-सीधे वह पूनम से गंदी बातें चुदाई की बातें करना चाहता था लेकिन इस तरह से खुलकर नहीं कह सकता था उसे डर लगता था कि कहीं पूनम नाराज ना हो जाए,,, बलकी पूनम भी तो यही चाहती थीकि मनोज उससे गंदी गंदी बातें करें क्योंकि गंदी गंदी बातों को सुनकर उसके बदन में अजीब सी हलचल सी होने लगती थी उसकी टांगों के बीच थरथराहट महसूस होने लगती थी जो कि उसे यह सब अच्छा लगता था,,,।)
Bela ki boor
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आई लव यू अब तो खुश हो ना,,,,(पूनम एकदम चहकते हुए बोली,,,)
बाप रे मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है,,, सच में बहुत खुश हूं मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो कि खूबसूरत लड़की मुझे आई लव यू कह रही हैं पूनम आज मैं बहुत खुश हूं तुम जो मांगोगी मैं वह दूंगा,,,
मुझे कुछ नहीं चाहिए बस तुम्हारा साथ चाहिए,,, और हां सच कहूं तो रात भर में सोचती रह गई कि मेरी सहेली इतनी गंदी गंदी बातें कैसे कर सकती है,,,,(पूनम सीधे-सीधे बात पर आते हुए बोली,, क्योंकि वह बहुत उत्सुक थी एक बार वही गंदे शब्दों को सुनने के लिए,,,)
Poonam
पूनम तो नहीं जानती तुम्हारी सहेली नहीं बल्कि सब लड़कियां ऐसी ही होती हैं सिर्फ तुम सबसे अलग हो और तुम्हें ही इस बारे में बिल्कुल भी नहीं मालूम है,,,,
अरे अच्छा है यह सब के बारे में मुझे मालूम नहीं है और वैसे भी इन सब बातों को जानकर करना क्या है,,,
ठीक है जाने दो अपनी किसी दूसरी बातों पर बहस करते हैं ऐसे गंदी बातों पर नहीं,,,
नहीं नहीं मुझे और जानना है कि मेरी सहेली क्या क्या कहती है,,,,
तुम सुन पाओगी पूनम क्योंकि आगे की बात और ज्यादा गंदी है,,,,,
गंदी,,, क्या इससे भी ज्यादा गंदी है,,,
तो क्या पूनम मैं तुम्हें जो बताया था वह तो बस शुरुआत थी,,,,
Sandhya
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बाप रे इससे भी ज्यादा गंदी बात क्या हो सकती है मैं तो सोच भी नहीं सकती,,,,
तुम सोच नहीं सकती ना पूनम लेकिन तुम्हारी सहेलियां तो कर गुजर गई है,,,,
मुझे तो यकीन नहीं होता,,,,
जो सच है उसे तो मानना ही पड़ेगा उस पर यकीन तो करना ही पड़ेगा पूनम,,,,।
(मनोज अच्छी तरह से समझ गया था कि पूनम गंदी गंदी बातों को सुनने के लिए उत्साहित है क्योंकि इसका अनुभव मनोज को अच्छी तरह से था क्योंकि वह बहुत सी लड़कियों से इस तरह की बातें कर चुका था पूनम सबसे अलग थी लेकिन वह भी धीरे-धीरे लाइन पर आ रही थी,,, आगे तो उसने ऐसी ऐसी बातें की ,,,,कि क्या बताऊं,,,,)
बताओ ना,,,,(तेज गहरी सांसे लेते हुए पूनम बोली,कड़ाके की ठंड में भी उसे गर्माहट महसूस होने लगी थी,,,,)
क्या बताऊं पूनम उसकी बातें बताते हुए तो मेरी भी हालत खराब हो जाती है,,,
क्यों तुम्हें क्या होता है,,,
अरे मुझे भी बहुत कुछ होने लगता है और मुझे पूरा यकीन है कि तुम्हें भी कुछ कुछ होता होगा उस तरह की बातें सुनकर,,,।
नहीं नहीं मुझे कुछ नहीं होती मैं तो हैरान हो जाती हूं अपनी सहेली की बातों को सुनकर,,,
ठीक है लेकिन मुझे तो बताते बताते भी बहुत कुछ हो जाता है,,,(मनोज यह बात अच्छी तरह से जानता था कि जैसा कि वह बातें कर रहा था इस बातों को सुनकर पूनम की भी हालत खराब हो जाती होगी उसकी भी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार से मदन रस बहता होगा लेकिन वह इंकार कर रही थीऔर मनोज उस बात को ज्यादा तूल नहीं देना चाहता था वह पूनम को किसी भी तरह से नाराज नहीं करना चाहता था इसलिए बात को वही रोक दिया,,,)
मुझे बताओ क्या हो जाता है,,,
Sujaata
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बताऊंगा बाद में बताऊंगा लेकिन अभी तुम्हारी सहेली की तो बात बता दूं,,,
हां बताओ,,,,(पूनम उत्सुकता दिखाते हुए बोली)
दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई थी लेकिन सबसे ज्यादा आग पूनम के बदन में रखी गई थी जवानी की उम्मीद चिंगारी बनकर उसके तन को जला रही थी वह मदहोश में जा रही थी अभी तो गंदी बात की शुरुआत भी नहीं हुई थी लेकिन बन गंदी बातों को सुनने के एहसास से ही उसकी बुर गीली हो रही थी,,,, सांसो की गति मध्धम हो चली थी,,,, जिंदगी में पहली बार पूनम उत्तेजित हो रही थी एक तरह से चुदवासी हो रही थी लेकिन,,, वह अपने वतन में हो रहे बदलाव को समझ नहीं पा रही थी बस वह आनंदित हो रही थी,,, मनोज भी पूरी तरह से देख रहा हूं चुका था गंदी बातों का दौर शुरू करने के लिए पूनम की खूबसूरती का वह पूरी तरह से दीवाना हो चुका था,,, इसलिए उससे बात करते हुए उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था जिसे वह रजाई के अंदर घुस कर पेंट के ऊपर से ही दबा रहा था,,,,)
पूनम तुम्हारी सहेली इतनी गंदी बातें करती है कि मेरे दोस्त का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था,,,।
(मनोज ने अपने दोस्त का लंड खड़ा होने का जिक्र करके सीधे-सीधे पूनम पर मदहोशी का वार कर चुका था,,, पूनम भी मनोज के मुख से लंड शब्द सुनते ही वह पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,उसे तो समझ में नहीं आया कि वह क्या करें उसे उम्मीद नहीं थी कि मनोज इस तरह से सीधे-सीधे लंड शब्द का प्रयोग कर देगा,,, लड़कियों के जीवन में जवानी के शुरुआती दौर से लेकर के जवानी के खत्म होने तक लंड शब्द का बेहद महत्व योगदान और आकर्षण रहता है,,,, पूनम भी इससे अछूती नहीं थी,,, लंड और शब्द सुनते ही उसका रोम-रोम पुलकित हो गया उसने अभी तक जवान लड़के या मर्द का लंड अपनी आंखों से देखी नहीं थी इसलिए उसकी कल्पना कर पाना उसके लिए मुश्किल था लेकिन एक लड़की होने के नाते इतना तो वह जानती ही थी कि सारा कराया कराया लंड और बुर का ही है इसलिए मनोज के मुख से लंड शब्द सुनते हो पूरी तरह से मदहोश हो गई मनोज यह बात अच्छी तरह से जानता था कि लंड शब्द का पूनम के ऊपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ रहा होगा वह उत्तेजित हो रही होगी लेकिन फिर भी वह इस शब्द को और ज्यादा तुल ना देते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाने लगा मानो कि सब कुछ एकदम सामान्य हो,,,)
ऐसा क्या कही थी,,,,(पूनम मदहोशी भरे कांपते स्वर में बोली,,,)
तुम्हारी सहेली मेरे दोस्त से कह रही थी कि मैं अपनी कुर्सी उतार दी हूं और अपनी ब्रा की पट्टी खोल रही हूं जैसे ही मेरी ब्रा उतर जाए वैसे ही तुम मुंह लगाकर पीना शुरू कर देना,,,,
क्या सच में वह कपड़े उतार रही थी,,
हां पूनम और सच में अपने कपड़े उतार रही थी,,,,
लेकिन वह फोन पर भला ऐसा क्यों करेगी,,,
मजा आता है पूनम बहुत मजा आता है,,,
Poonam bistar par
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तुम्हें कैसे मालूम तुम भी तरह की बातें करते हो क्या,,,,
नहीं नहीं मेरा दोस्त बता रहा था,,, उसे इस तरह की बातें करने में बहुत मजा आता है और तुम्हारी सहेली को भी बहुत मजा आता है,,,,,,
तो वह अपनी कुर्ती उतार दी,,,
कुर्ती के साथ-साथ अपनी ब्रा भी उतार दी,,,, और मेरा दोस्त बता रहा था कि तुम्हारी सहेली की चुची बहुत बड़ी बड़ी है,,,,
उसे कैसे मालूम उसने देखा है क्या,,,
Poonam apni boor se khelte huye
तो क्या यह तो फोन की बात है उसने तो हकीकत में अपने हाथों से तुम्हारी सहेली के कपड़े उतारकर उसे नंगी किया है,,,।
(मनोज की यह बातें सुनकर पूनम का दिल जोरो से धड़कने लगा,,, मैं कुछ बोल नहीं पाई तो मनोज ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,,)
ऐसी बहुत सारी बातें हैं लेकिन अभी फोन वाली बात बताता हूं,,,,(मनोज जानबूझकर फोन वाली बात करने के लिए बोल रहा था क्योंकि वह जानता था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह भी फोन पर इसी तरह से पूनम से गंदी गंदी बातें करेगा और इस तरह की बातें करके वह जरूर एक दिन उसकी दोनों टांगों के बीच पहुंच जाएगा,,,)
तुम्हारी सहेली अपनी कुर्ती उतार कर अपनी चूची को हाथ में ले लेकर दबाते हुए मेरे दोस्त से बोल रही थी कि,,, जान तुम्हारे मुंह में जाने के लिए मेरी चूची तडप रही है प्लीज ईसे मुंह में लेकर जोर-जोर से पियो,,,,
(पूनम की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसे धीरे-धीरे बहुत मजा आ रहा था)
फिर तुम्हारा दोस्त क्या बोला,,,,?
वह बोला,,,,,मेरी रानी तेरी चूची मेरे हाथ में है मैं जोर जोर से लगा रहा हूं और इसकी निप्पल को मुंह में लेकर पी रहा हूं मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,, तेरी चू चू पी पीकर मेरा लंड खड़ा हो गया है,,,,
(फिर से लंड का जिक्र आते ही पूनम की बुर कुलबुलाने लगी,, उसे अपनी बुर में खुजली होती हुई महसूस होने लगी और वह अपना एक हाथ दोनों टांगों के बीच ले जाकर के पजामी के ऊपर से अपनी बुर को खुजलाने लगी,,, मनोज अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
ओहहह मेरी बैला रानी मन कर रहा है कि तेरी चूचियों के बीच अपना लंड डालकर तेरी चूची को चोद डालु,,,,,
(मनोज नमक मिर्च लगाकर सब बातों को बता रहा था जबकि सच्चाई यही था कि इस तरह की कोशिश भी प्रकार की वार्तालाप बेला और उसके दोस्त के बीच बिल्कुल भी नहीं हुई थी लेकिन इन सब बातों से मनोज पूनम के कोमल मन पर हावी होना चाहता था और ऐसा हो भी रहा था चूची को चोदने वाली बात से पुनम एकदम से गनगना गई थी,,, उसकी सांसे बेहद गहरी चलने लगी थी रजाई के अंदर उसे अत्यधिक गर्माहट का अनुभव हो रहा था यहां तक कि उत्तेजना के मारे उसके माथे पर पसीने की बूंदें उपस आई थी,,,)
तभी मनोज बेला की बात बताते हुए बोला,,,
ओहहहह मेरे राजा जोर जोर से पिओ मेरी बुर में आग लगी हुई है,,,,आहहह आहहह मेरे राजा और जोर से,,,,आहहहहहहह,,,,,
(मनोज एकदम मदहोशी भरे स्वर में बोल रहा था जिसका प्रभाव पूनम के मन पर बहुत ही गहरा पड रहा था वह मनोज की बात सुनकर बोली,,,)
क्या फोन पर ऊन दोनों को ईतना मजा आ रहा था,,,
तो क्या पूनम फोन पर दोनों पूरी तरह से मस्त हो गए थे,,, यहां तक की मनोज तो बेला से बात करते हुए अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था,,,
क्या,,,? तुम सच कह रहे हो मनोज
अपनी कसम एकदम सच कह रहा हूं यह बात उसने ही मुझे बताया था,,,
लेकिन वह बात करते समय अपने कपड़े उतार कर नंगा क्यों हो गया था,,,
क्योंकि उसे बहुत मजा आ रहा था सच कहूं तो वह अपने मन में कल्पना करके पीला को चोदने की तैयारी कर रहा था,,,
क्या,,,,? (बेला की चोदने की तैयारी की बात सुनते ही पूनम हकलाते स्वर में बोली,,,,,,)
हां पूनम,,, पुरी तरह से नंगा होकर कल्पना में ही,,, तुम्हारी सहेली को चोदने की तैयारी कर चुका था,,,
फोन पर,,,,!(पूनम आश्चर्य जताते हुए बोली,,,,,, इतना तो वह जानती ही थी की चुदाई कैसे की जाती है क्योंकि वह अपने चाचा और चाची को देख भी चुकी थी पूनम के सवाल पर मनोज के एकदम उत्तेजित हो गया था क्योंकि उसे इस बात का एहसास हो गया था कि पूनम को इतना तो मालूम है कि एक लड़का और लड़की चुदाई कैसे करते हैं,,,,)
हां पूनम फोन पर मेरे दोस्त की बात सुनकर तुम्हारी सहेली पूरी तरह से मस्त हो गई थी और वह क्या बोली तुम्हें पता है,,,
क्या,,,?(कांपते स्वर में पूनम बोली,,,)
तुम्हारी सहेली एकदम मस्त होकर बोली,,,,रुको मेरे राजा मुझे भी तो कपड़े उतार कर नंगी हो जाने दो तभी तो तुम मेरी टांगे फैलाकर मुझे चोदोगे,,,(पूनम की तो सांसे अटक रही थी पूरे बदन में जवानी की गर्मी जाने लगी थी रजाई के अंदर उसे बहुत गर्मी लग रही थी रचाने की शायद अब उसे आवश्यकता नहीं थी इसलिए वह रजाई में से अपने पैर बाहर निकाल कर उसी तरह से पजामी के ऊपर से ही अपनी बुर को जोर जोर से दबाने लगी जो कि वह बुर को सिर्फ कुछ ना रही थी लेकिन उत्तेजना के मारे उसकी हरकत बढ़ने लगी थी और उसे ऐसा करने में मज़ा भी आ रहा था मनोज अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) आहहहह मेरे सलवार की डोरी नहीं खुल रही,,,,
जल्दी खोलो मेरी रानी,,, मुझसे रहा नहीं जा रहा है मेरा लंड मेरे हाथ में ही है और तुम्हारी बुर में जाने के लिए तड़प रहा है,,,,
(मनोज की रसमलाई जैसी बातें पूनम के होश उड़ा रही थी उससे कुछ बोला नहीं जा रहा था मन उसकी बातें सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे उसके कानों में कोई शहद घोल रहा हो वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी,,,, सांसो की गति तेज हुए जा रही थी,,,, अब तो ऊतेजना के मारे पूनम से इतना भी बोला नहीं जा रहा था कि उसके बाद क्या हुआ,,,लेकिन मनोज मौके की नजाकत को अच्छी तरह से जानता था वह जानता था कि उसकी गरम बातें सुनकर पूनम पूरी तरह से मस्त हो चुकी है इसलिए बिना रुके मनोज अपनी बात को आगे बढ़ा रहा था,,,)
हां खुल गई मेरे राजा,,,,लगता है मेरी पूर्वी तड़प रही है तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने के लिए,,, तुम होती तो अपने हाथों से मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी,, करते,,,।
हां मेरी रानी तुम सच कह रही हो तुम्हारे कपड़े उतार कर नंगी करने में बहुत मजा आता है,,,,आहहहहह मेरा लंड बस अब डालने का मेरी रानी,,,,
पूनम तुम सोच भी नहीं सकती कि वह दोनों कितना मजा ले रहे थे केवल फोन पर ही दोनों पूरी तरह से मस्त हो चुके थे ,,,मेरा दोस्त तो नंगा हो ही चुका था लेकिन तुम्हारी सहेली भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई,, थी,,,।
फिर,,,,(पूनम से कुछ बोला नहीं जा रहा था वह केवल इतना ही बोल पाई,,,)
फिर क्या था पूनम,,,,तुम्हारी सहेली तो अपनी बुर को हथेली से रगड़ते हुए बोली,,,।
आहहहहह,,, मेरे राजा बहुत पानी छोड़ रही है,,, एक बार जीभ लगाकर इसका रस चाट लिए होते तो और मजा आता,,,,
(बुर चाटने वाली बात पर पुनम पूरी तरह से सिहर उठी,,,,, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक लड़की इतना गंदा बोल सकती है क्योंकि वह इस बात से अनजान थे कि बुर भी चाटा जाता है,,,, इसलिए आश्चर्य जताते हुए बोली,,)
क्या बेला ने ऐसा कहीं,,,
हां पूनम मेरा दोस्त एक एक शब्द मुझे सच बता रहा था बेला कैसे कहने पर मेरा दोस्त बोला,,,, तुम अपनी टांगे फेलाओ मैं तुम्हारी बुर चाटता हूं,,,।
(इतना सुनकर पूनम की रही सही हिम्मत जवाब देने लगी और वह अपना हाथ धीरे से अपने पहचानी में से होते हुए अपनी पेंटी के अंदर डाल दी यह उत्तेजना के चलते अपने आप ही हो रहा था इस तरह की हरकत पूनम ने कभी भी नहीं की थी और अपनी भूल को अपनी हथेली से ढक ली,,,)
और फिर मेरा दोस्त कल्पना में ही तुम्हारी सहेली की बुर चाटने लगा,,,,(ऐसा कहते हुए मनोज उत्तेजना के मारे अपनी पैंट उतार दिया था और अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था इस बात से वो और ज्यादा उत्तेजित हो गया था कि जिसके बारे में वह कल्पना करके पूरी तरह से मस्त हो जाता था जिसे बात करना उसके लिए किस्मत की बात थी आज उसी लड़की से इतनी गंदी गंदी बात कर रहा है इस बात से बहुत ज्यादा उत्तेजित हुआ जा रहा था,,, उत्तेजित स्वर में पूनम बोली)
फिर क्या हुआ मनोज,,,,
फिर क्या,,,,, मेरा दोस्त तो पूरी तरह से मस्त हो गया तुम्हारी सहेली की कल्पना में बुर चाटने के बाद बोला,,,,
बस मेरी रानी मुझसे रहा नहीं जा रहा है अब संभालो मेरा लंड तुम्हारी बुर में आ रहा है,,,,(और इतना कहने के साथ ही मेरा दोस्त अपनी आंखों को बंद करकेअपने लंड को मुट्ठी में भरकर आगे पीछे करके हिलाना शुरू कर दिया मानो कि जैसे वह उसकी बुर में डालकर अंदर बाहर कर रहा हो,,,, मनोज और पूनम पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में गोते लगा रहे थे पूनम तो कभी सोच भी नहीं सकती थी कि फोन पर इस तरह की बातें करते हुए लड़के और लड़कियां इतना मजा लेती हैं,,,)
फिर मेरी सहेली क्या की,,,
वो क्या करती उसकी बुर में भी आग लगी हुई थी वह अपनी दोनों टांगे फैलाकर अपनी उंगली अपनी पुर में डालकर अंदर-बाहर करने लगी,,,,
क्या इससे उसे मजा आ रहा था,,,
हां बहुत मजा आ रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे दोस्त का लंड उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा है,,,, फिर दोनों अपना-अपना पानी निकाल कर एक दम शांत हो गए,,,,( इतना कहकर मनोज एकदम शांत हो गया क्योंकि वह अपना काम कर चुका था पूनम के बदन में उत्तेजना की गर्मी को फैला चुका था उसके बदन में आग लगा चुका था दूर में उंगली डालने वाली बात कर पूनम एकदम मस्त हो रही थी और वह धीरे से अपनी एक उंगली बिना कुछ बोले अपनी गुलाबी बुर के छेद में डालना शुरू कर दी,,, उत्तेजना के मारे पूनम की बुर पुरी तरह से गीली हो चुकी थी,,, जिसमें हल्के दर्द के साथ उसकी उंगली अंदर पूछ रही थी जिंदगी में यह पहला मौका था जब पूनम सारे शर्मो हया को त्याग कर अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल रही थी ऐसा करने में उसे अत्यधिक उत्तेजना और आनंद की अनुभूति हो रही थी इतने से ही पूनम को समझ में आ गया था कि ऐसी हरकत करने पर कितना मजा आता है,,,, पूनम का बदन पूरी तरह से पसीने से तरबतर हो चुका था,,,,रजाई बिस्तर से नीचे गिर चुकी थी उसे अब बदन में गर्माहट के लिए रह जाएगी बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी क्योंकि उत्तेजना की गर्मी उसके नसों में दौड़ रही थी,,, दूसरी तरफ मनोज की हालत खराब हो चुकी थी उसका मन कर रहा था कि इसी समय पूनम के पास पहुंच जाए और उसकी दोनों टांगे फैलाकर अपने लंड को उसके बुर में डालकर उसकी चुदाई कर दे,,, और शायद ऐसी स्थिति में व कामयाबी हो जाए क्योंकि पूनम भी पूरी तरह से चुदवासी हो गई थी,,,।
दोनों तरफ पूरी तरह से खामोशी छा चुकी थी मोबाइल पर किसी की भी आवाज नहीं आ रही थी दोनों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था मनोज ईस सन्नाटे को तोड़ता हुआ बोला,,,।
Bela ki masti
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क्या हुआ पूनम सो गई क्या,,,,
नहीं जाग रही हूं मैं सिर्फ अपनी सहेली के बारे में सोच रही हूं,,,(ऐसा कहते हुए धीरे-धीरे अपनी उंगली को अपनी बुर के अंदर बाहर कर रही थी,,,)
क्या सोच रही हो,,,
यही कि ऐसा करने में उसे क्या मिलता होगा,,,
क्या बात कर रही हो ना ऐसा करने में उसे बहुत मजा मिलता होगा मेरे दोस्त को भी ऐसा करने में बहुत मजा आया था और वह अक्सर ऐसा करता रहता है अच्छा पूनम एक बात पूछूं तुम बुरा तो नहीं मानोगी क्योंकि मेरी भी हालत खराब हो गई है,,,
तुम्हारी हालत क्यो खराब हो गई है,,, और क्या हुआ है तुमको,,,?
(पूनम इस बहाने से जानना चाहती थी कि उसकी क्या स्थिति है)
अरे बोलूंगा तो तुम बुरा मान जाओगी,,,
नहीं मानुगी तुम बोलो तो सही,,,,
मेरा भी लंड खड़ा हो गया है पुनम,,,,
(मनोज की बात सुनते ही पूनम के होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,, क्योंकि यही वहां मनोज के मुंह से सुनना चाहती थी,,, फिर भी आश्चर्य जताते हुए बोली,,,)
क्या,,,?
हां पूनम बात ही कुछ ऐसी थी कि अपने आप खड़ा हो गया,,,(जिसका की बातें पूनम संक्रांति मनोज को यकीन हो गया था कि अगर वह कुछ भी कहेगा तो पूनम उसकी बात का बुरा नहीं मानेगी इसलिए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)और पूनम मुझे पूरा यकीन है कि जिस तरह से मेरा लंड खड़ा हो गया है उसी तरह से तुम्हारी बुर भी गीली हो गई होगी,,,,(इस बार मनोज की बात सुनकर पूनम पूरी तरह से उत्तेजित हो गई और अपने बीच वाली उंगली को अपनी बुर की अत्यधिक गहराई में डालने लगीक्योंकि इस बार वह सीधे-सीधे उसकी बुर के बारे में जिक्र छेड़ दिया था जिसकी उसे उम्मीद नहीं थी लेकिन मनोज के मुंह से अपनी दूर की बात सुनकर पूरी तरह से उत्तेजना की बाहों में वह सिमटने लगी,,,, मनोज कीयह बात उसे बुरी नहीं लगी थी वह मनोज की बात सुनकर बोली,,,)
नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं हुआ है,,,
(पूनम का इस तरह का जवाब सुनकर मनोज मन ही मन खुश हो गया क्योंकि वह समझ गया था कि अब पूनम के बारे में उसके अंगों के बारे में वह कुछ भी बोलेगा पूनम को बुरा नहीं लगेगा इसलिए वह बोला)
नहीं पूनम यह नेचुरल है ऐसा होता ही है मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि तुम्हारी बुर गीली हो गई होगी,,,।
नहीं ऐसे कैसे हो सकता है ,,, मेरी बुर के बारे में तुम्हें कैसे मालूम,,,,(इस बार अनजाने में ही पूनम के मुंह से बुर शब्द निकल गया तो पूनम को इस बात का एहसास होते हुए शर्म से पानी पानी हो गईऔर मनोज पूनम के मुंह से बुर शब्द सुनते ही उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया और वो जोर जोर से अपना लंड हिलाने लगा,,,लेकिन इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि उसके मुंह से बुर शब्द निकला है,,)
अरे तुम अपने हाथ से छू कर तो देखो तुम्हें खुद पता चल जाएगा,,,
नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं करूंगी,,,
तुम्हें मेरी कसम पूनम एक बार करो ना,,,
कसम क्यों देते हो,,,
क्योंकि तुम्हें मैं अपना समझता हूं इसके लिए,,,
चलो ठीक है,,,,(इतना क्या करवा जानबूझकर नाटक करने लगी क्योंकि वह तो पहले से ही उत्तेजना के मारे अपनी बुर में उंगली डाले हुए थे,,, कुछ समय बाद वह बोली,,,)
हां तुम सच कह रहे हो मनोज जैसा तुम कह रहे हो वैसे ही है,,,।
(पूनम की यह बात सुनते हैं मनोज एकदम से गदगद हो गया,,,,)
क्रमशः,,,