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Adultery चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Crazy7

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rohnny4545

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पूनम जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी इसलिए और लड़कियों की तरह इस उम्र में जो भावनाएं जो उत्सुकता दूसरी लड़कियों में होता है उसी तरह से पूनम में भी हो रही थी,,, मनोज अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में नमक मिर्च लगाकर गंदी बातों के जरिए पूनम के तन बदन में उत्तेजना की लहर पैदा कर चुका था,,, और पूनम भी धीरे-धीरे मनोज के जाल में फंसते हुए लाइन में आ रही थी वरना आज तक उसने किसी भी लड़के से इस तरह की बात करने की कोशिश नहीं की थी मनोज के ही चलते वह अपनी चाची का मोबाइल एक बहाने से मागकर रात को उससे बात किया करती थी,,, और मनोज भी बेहद चालाक लड़का था लड़कियों से किस तरह से बात करके उन्हें लाइन पर लाना है यह सब उसे बखूबी आता था इसीलिए तो उसकी सहेली का जिक्र छेड़ कर,,, उसकी सहेली के बारे में अपनी तरफ से गंदी गंदी बातें करके उसकी बुर में भी ज्वाला भड़का दिया था उसी के चलते पूनम ने जिस हरकत के बारे में कभी सोची नहीं थी उसी हरकत को करते हुए,,, वह अपनी बुर में उंगली डाले हुए थी,,,, मनोज के सोचने के मुताबिक पूनम एक कदम आगे निकल चुकी थी मनोज उसे अपनी बातों के जाल में उलझा कर उसे बुर पर हथेली रखने के लिए उसके गीलेपन को महसूस करने के लिए कह रहा था लेकिन पूनम तो एक कदम आगे बढ़ते हुए उसके कहने से पहले ही अपनी उंगली को अपने घर में जान चुकी थी और इस अहसास से वह पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,।


red red rose by robert burns summary
हां मनोज जैसा तुम कह रहे हो बिल्कुल वैसा ही हुआ है मेरी पूरी तरह से गीली हो चुकी है,,,।

(पूनम का जवाब सुनकर मनुष्य दूसरों से धड़कने लगा उम्मीद की किरण नजर आने लगे वह समझ गया कि अब सब कुछ साफ होता जा रहा है ,, अब वह जैसा भी कहेगा पूनम उत्तेजना के मारे वैसा ही करती जाएगी इसलिए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला))

ओहहहह पूनम में कह रहा था ना,,,,लेकिन तुम तो यह बताई ही नहीं कि तुम्हारी क्या गीली हो चुकी है,,,।
(मनोज की बात सुनकर पूनम शर्मा गई,, और शरमाते हुए बोली)

चलो अब बनने को रहने दो तुम्हें सब पता है कि मैं किसके बारे में बात कर रही हूं,,,


हां तो अपने मुंह से बता तो दो तुम्हारा अंग है क्या उसका नाम भी नहीं ले सकती,,,


नहीं मुझे शर्म आती है,,,

अभी तो कुछ देर पहले नाम ली थी,,,,


वह तो मेरे मुंह से अनजाने में ही निकल गया था,,,


अनजाने में ही सही,,,,निकला तो खाना और वैसे भी तुम्हारा ही होंगे अपने अंदर का नाम लेने में शर्म कैसी हम लड़के लोग तो नहीं शरमाते,,,, हम तो साफ-साफ बोल देते हैं,,,


क्या बोल देते हो,,,?(पूनम का मन मनोज के मुझे फिर से वही शब्द सुनने के लिए कर रहा था जिस शब्द को सुनकर उसकी उत्तेजना बढ़ जाती थी,,, पूनम की बात सुनकर मनोज भी जोश में आ गया था वैसे भी पहले से ही वह अपने लंड को हीला रहा था ,,, पूनम की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाने के उद्देश्य से वह एकदम से बोला,,,)



roll the die
लो बोल देता हूं इसमें कौन सी शर्मा मेरा अंग है इसका नाम लेने में मुझे शर्म कैसी,,,, मेरा लंड खड़ा हो गया है,,,।
(मनोज की बात सुनते ही पूनम की बुर में खुजली होने लगी एकदम से मस्त हो गया और अपनी उंगली को बुर की गहराई तक डालने लगी,,,,) अब बोलो मैंने तो बोल दिया,,,,


क्या बोलूं,,


वही जो पूछ रहा हूं,,,


क्या पूछ रहे हो मनोज,,,


यही कि तुम्हारा हाथ इस समय किस पर है,,,, सलवार के अंदर,,,,


हां,,,,(मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)

अपने मुंह से बताओ ना बोलकर,,,,


मेरा हाथ मेरी सलवार के अंदर है,,,


पेंटी पहनी हो,,,,

हां पहनी हुं,,,,


कौन से रंग की है,,,


गुलाबी रंग की,,,,,


गुलाबी रंग मुझे बहुत पसंद है,,,,


मुझे भी,,,,


पूनम तुम पर गुलाबी रंग बहुत खूबसूरत लगता होगा ना,,,,


मुझे क्या पता,,,,


हां मैं सच कह रहा हूं क्योंकि तुम बहुत गोरी हो और गोरे बदन पर गुलाबी रंग और ज्यादा खिलता है,,,,
(मनोज की बातें सुनकर पूनम की मदहोशी बढ़ती जा रही थी उसकी हर एक बात उसके तन बदन में उत्तेजना बढ़ा रही थी मनोज की बातें उसे अच्छी लग रही थी,,,,अब जाकर पता चला था कि इस तरह से लड़कों से बात करते समय लड़कियों को कितना मजा आता है,,,,)


मैं कभी गौर नहीं की,,,,


गौर करोगी तब तुम्हें पता चल जाएगा,,,


कैसे,,,,


आईने के सामने एकदम अपने कपड़े उतार कर जाना एकदम नंगी होकर,,,,(इस तरह के शब्द और वह भी पूनम के लिए कहने में मनोज की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और वह समझ रहा था कि इस तरह की बातें अब पूनम को गुस्सा दिलाने वाली नहीं है बल्कि आनंद के सागर में गोते लगवाने वाली हैं इसलिए वह बेझिजक बोल रहा था,,,वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) तब तुम्हें पता चलेगा कि तुम कितनी खूबसूरत हो,,,।


क्या पता चलेगा कुछ भी नहीं,,,,(मनोज की बातें सीधा उसके दिल में उतर रही थी और उसकी दोनों टांगों के बीच असर कर रही थी लेकिन फिर भी पूनम मनोज के मुंह से बहुत कुछ सुनना चाहती थी इसलिए बात को बना रहे थे मनोज उसके कहने का मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था वह लड़कियों से बात करके पूरी तरह से अनुभव से भर चुका था वह जानता था कि धीरे-धीरे लड़कियां इसी तरह से एक एक बात ऊगलवाती है,,, इसलिए वह बोला,,,)


पहले तुम ध्यान नहीं देती लेकिन अब ध्यान देना जब तुम आईने के सामने एकदम नंगी खड़ी होगी ना तब तुम अपने प्रतिबिंब को देखोगे तब तुम्हें जाकर पता चलेगा कि तुम कितनी खूबसूरत हो,,,, तुम्हारा अंग कितना खूबसूरत है तुम्हारे बदन के हर एक अंग से मधुर रस टपकता है,,,, ऐसा लगता है कि भगवान ने तुम्हें अपने हाथों से खुद बनाया है,,, अच्छा पूनम एक बात बताओ,,,, मैंने तो तुम्हें कभी नंगी नहीं रखा हूं लेकिन इतना जरुर जानता हूं कि तुम्हारी चूची बेला की जैसी तो बिल्कुल भी नहीं होगी बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी,,,,।
(खरबूजे जैसी सुनकर पूनम की हंसी छूट गई लेकिन वह अपनी हंसी पर काबू कर ली,,, मनोज धीरे-धीरे पूरी तरह से उसे से अश्लील बातें कर रहा था क्योंकि वह जानता था कि पूनम इसका विरोध करने वाली नहीं है इसका वह पूरा फायदा उठा रहा था वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) मुझे पूरा यकीन है कि तुम्हारे चुची ,,, छोटे छोटे संतरो की तरह होगी,,, एकदम कड़क छातियों की शोभा बढ़ाती हुई,,, है ना पुनम,,,,
(मनोज कुछ बोल भी रहा था और पूनम से हम ही भरवा रहा था यही तो उसकी चालाकी थी यही सबसे बड़ा हथियार था वह बातों ही बातों में अपने मन की बात लड़कियों से कर देता था भले ही वह चाहे जितनी भी गंदी बात क्यों ना हो और लड़कियां भी उसकी बात में आकर उसका बिल्कुल भी विरोध नहीं करती थी बल्कि उसकी बातों से खुश हो जाती थी और यही पूनम के साथ भी हो रहा था,,,, एक तरह से वहां घुमा फिरा कर पूनम से उसकी चूचियों का साइज ही पूछ रहा था,,,ऐसा करने में मनोज की उत्तेजना काफी हद तक पड़ गई थी वह अपने लंड को अपनी मुट्ठी में जोर जोर से दबा रहा था,,,,यही हाल पूनम काफी था क्योंकि आज तक किसी की हिम्मत नहीं थी उसी से इस तरह की बात करने की और मनोज ताकि सीधे-सीधे उसकी चूची के बारे में बातें कर रहा था लेकिन पूनम को उसकी बातें बड़ी ही अच्छी और मन भावन लग रही थी,,,, वह काफी उत्साहित और खुश थी मनोज की बातें सुनकर,,, इसलिए वह बोली,,।)


हां तुम सच कह रहे हो,,, बेला की तरह मेरी खरबूजे जैसी बिल्कुल भी नहीं है,,,,


तब कैसी है पूनम,,।

संतरे की तरह गोल गोल,,,,


वाहहहह,,,, सच कहूं पुनम मुझेतुम्हारे जैसी चूचियां ही अच्छी लगती है नारंगी जैसी गोल-गोल खरबूजे जैसी मुझे बिल्कुल भी नहीं अच्छी लगती है तुम्हें किसी अच्छी लगती है,,,,


जैसी तुम्हें अच्छी लगती है,,,,



नहीं यह तो मेरे मन का है लेकिन तुम्हें क्या अच्छी लगती है,,,।




मुझे भी छोटी-छोटी ही अच्छी लगती है जैसा कि मेरा है बड़े-बड़े खरबूजे जैसी मुझे पसंद नहीं है उसका वजन उठाकर घूमते रहो,,,।

(पूनम की बात सुनते ही मनोज हंसने लगा उसकी हंसी सुनकर पूनम खुश हो रही थी और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)

हां सच कह रही हूं चूची तो चूची की तरह होनी चाहिए,,,,।


तुम बिल्कुल सच कह रही हो पूनम बेला की तो चूची नहीं चुचा हो गया है,,,,।

चुचा,,,,(इतना कह कर खिलखिला कर हंसने लगी,,, उसकी हंसी सुनकर मनोज बोला,,,)

हंसते हुए तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगती है,,,।


भगवान करे कि तुम्हारी शादी बड़े-बड़े खरबूजे जैसी चूची वाली लड़की से हो जाए ,,,,।



क्यों श्राप दे रही हो पूनम,,,, बड़ी बड़ी चूची वाली लड़की से शादी करने से अच्छा है कि कुंवारा ही रह जाऊं,,,,।


अच्छा तुम्हें छोटी-छोटी संतरे जैसी चूची वाली लड़की क्यों पसंद है,,,।


छोटी छोटी चूची वाली लड़की मुझे अच्छी लगती है,,,(अब मनोज पूनम के बदन की आग को और ज्यादा भड़काना चाहता था इसलिए वह बोला,,,) लड़कियों की संतरे जैसी चूची के साथ खेलने में बहुत मजा आता है धीरे-धीरे दबाने में उसे मुंह में लेकर पीने में दांतों से काटने में बहुत मजा आता है,,,, बड़ी बड़ी चूची तो हाथ में हीं नहीं आती,,,,।
(मनोज बेहद गरमा गरम बातें कर रहा था जिसका असर पूनम पर बहुत ही गहरा पड रहा था,,, सूचियों से खेलना और उसका मुंह में लेकर चूसना उसे दबाना यह सब बातें मनोज के मुंह से सुनकर,,, पूनम की हालत खराब होने लगी,,,। और उसका एक हाथ खुद-ब-खुद उसकी अपनी चूची पर आ गया वह कुर्ती के ऊपर से ही अपनी नारंगी जैसे चुचियों को हल्के हल्के दबाना शुरू कर दी इस हरकत की वजह से उसके बदन में खुमारी छीना शुरु हो गई थी,,,। वह मदहोशी भरे स्वर में बोली,,,)

तुम्हें कैसे मालूम मनोज की छोटी-छोटी चूचियों को दबाने में पीने में मजा आता है,,,, तुमने कभी ऐसा किया है क्या,,,(चूची दबा ना पीना यह सब शब्द पूनम के मुंह से सुनकर मनोज अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था क्योंकि वह समझ गया था कि इसी तरह से वह उसकी दोनों टांगों के बीच का रास्ता तय करेगा जिसमें अब उसे कोई भी अड़चन आती भी महसूस नहीं हो रही थी बातों को घुमाने में मनोज पूरी तरह से माही था इसलिए वह बोला,,,)

नहीं नहीं मेरी भला ऐसी किस्मत कहां मेरे दोस्त ने यह सब बताया था वह बहुत अनुभव वाला है लेकिन बहुत हारामी है ना जाने कितनी लड़कियों के साथ उसके इस तरह के संबंध है,,,,मुझे अभी किसी से प्यार नहीं हुआ ना इसलिए इस तरह का अनुभव नहीं है लेकिन अब लगता है कि अनुभव हो जाएगा,,,,
(मनोज की यह बात सुनकर पूनम का दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि बातों ही बातों में यह उसकी तरफ इशारा कर रहा था यही निश्चित करने के लिए वह मनोज से बोली,,)


अब कैसे अनुभव हो जाएगा कोई मिल गई क्या,,,,?


हां मुझे भी अब कोई मिल गई है,,, दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की,,,,


कौन है वह खुशनसीब,,,,


जो इस समय मेरे से बात कर रही है,,,,
(इतना सुनते ही पूनम का दिल खुशी से झूम उठा लेकिन फिर भी नाराजगी दिखाते हुए वह बोली)

धत्,,,, इसका मतलब है कि तुम मेरी चुचियों से अनुभव लेना चाहते हो,,,


अनुभव नहीं लेना चाहता हूं पूनम मैं तुमसे प्यार करता हूं और प्यार में यह सब तो होता ही है,,,


होता होगा लेकिन मैं तुम्हें हाथ भी नहीं लगाने दुंगी,,,


चलो कोई बात नहीं हाथ मत लगाने देना मैं तो तुम्हारा पुजारी हूं तुम्हें देख कर ही खुश हो जाऊंगा,,,।
(मनोज किस तरह की मीठी मीठी बातें पूनम को बहुत अच्छी लगने लगी थी इसलिए वह उसकी यह बात पर मुस्कुराने लगी,,, कुछ देर तक इसी तरह से खामोशी छाई रही दोनों तरफ से किसी भी तरह की आवाज नहीं आ रही थी तो मनोज ही शांति को भंग करते हुए बोला)
Phon par bat karte huye manoj is tarah ki kalpna kar raha tha



पूनम एक बात कहूं,,,

कहो,,,


बुरा तो नहीं मानेगी,,,


तुम्हारी बात का बुरा मान ना होता तो अब तक फोन काट दी होती,,,,।


फिर भी बुरा ना मानो तो कहो,,,,

कहो,,,,


पूनम तुम्हारी बुर के बारे में सोच कर मेरा लंड खडा हो गया है,,,,
(मनोज की यह बात सुनते ही पूनम की बुर में सुरसुराहट होने लगी,,,, उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी जिसके चलते पूनम अपनी बुर में घुसी हुई उंगली को धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगी,,,, पूनम की उत्तेजना का कोई ठिकाना ना था क्योंकि मनोज ने बात ही कुछ ऐसी कर दी थी सीधे-सीधे उसकी बुर के बारे में कह दिया था और उसके चलते अपने लंड के खड़ा होने की बात कह दिया था,,,, मनोज की ही बात पूनम को बेहद उत्तेजित कर रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे मनोज उसे चोदने के लिए अपने लंड को खड़ा कर दिया हो,,,,, उसकी बुर उत्तेजना के चलते पानी पानी हो रही थी,,,, कुछ देर तक पूनम कुछ बोली नहीं तो मनोज बोला,,,)


क्या हुआ नाराज हो गई ना,,,


नहीं तो,,,,


तो फिर कुछ बोल क्यों नहीं रही हो,,,,


मैं यह सोच रही हूं कि मेरी उसके बारे में सोचकर तुम्हारा यह हाल क्यों हो रहा है,,,,,।


बस यही तो बात है पूनम,,,, मैं इस समय तुम्हारी बुर के बारे में ही सोच रहा हूं,,,।

क्या,,,,?
( उन कभी सपने में भी नहीं सोचा कि कि वह किसी लड़के से इस तरह से खुले शब्दों में बातें करेगी कोई लड़का उसे इस तरह से गंदी गंदी बातें करेगा उसकी चूची उसकी बुर के बारे में खुले तौर पर बातें करेगा पूनम पहले ही सोचा करती थी कि कोई भी अगर उसे इस तरह की बातें करेगा तो वह उसके गाल पर तमाचा मार देगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था आज पूनम अपने वादे से मुकर रही थी अपने संस्कारों की दीवार को लांघ रही थीजिस बारे में सोचकर से गुस्सा आ रहा था आज वही बात है उसने बहुत प्यारी लग रही थी उसे उत्तेजित कर रही थी,,,, पूनम की बात सुनकर मनोज बोला,,,)


यही कि तुम्हारी बुर कैसी हो कि कैसी दिखती होगी बालों वाली होगी या चिकनी होगी,,,,तवे पर रखी हुई रोटी की तरह गर्म होकर फुल जाती होगी या सामान्य रहती होगी,,,,


तुम कभी देखे नहीं हो क्या,,,,? (इस सवाल से पूनम जाना चाहती थी कि मनोज किसी और की लड़की के चक्कर में पहले पडा था या नहीं,,, अगर पडा होगा तो जरूर देखा भी होगा,,,, पूनम की बात सुनते ही मनोज फटाक से जवाब देते हुए बोला,,,)

देखा हूं ना,,,,

किसकी,,,(पूनम थोड़ा उदास होकर और गुस्से में आते हुए बोली,,)

मेरी चाची की,,,
(इतना सुनते ही पूनम एकदम सन्न रह गई उसे यकीन नहीं हो रहा था कि मनोज क्या कह रहा है इसलिए फिर से पूछी)

किसकी,,,,


मेरी चाची की,,,


क्या कह रहे हो मनोज,,,, क्या तुम्हारी चाची ने तुमको खुद दिखाई,,,,


नहीं यार अनजाने में देख लिया था,,,


कैसे,,,?
(पूनम की उत्सुकता देखकर मनोज खुश हो रहा था वह जानबूझकर अंधेरे में तीर चलाया था वह जानता था कि इस तरह की बातों में अगर रिश्तेदारी को लाया जाए तो उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जाती है वह तो अपने मन में अपनी मां के बारे में कहने के लिए सोच रहा था लेकिन वह इस बात से डर रहा था कि कहीं पूनम नाराज ना हो जाए इसलिए अपनी चाची के बारे में बातें बनाने लगा)


वह क्या है ना कि उनके कमरे में खरीद रखा होता है और मैं पानी पीने के लिए उनके कमरे में गया तो दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर घुस गया चाची गहरी नींद में सो रही थी बिस्तर पर मेरी नजर पड़ते ही मेरे तो होश उड़ गए,,,।

वो क्यों,,,?


अरे बिस्तर पर का नजारा ही कुछ ऐसा था,,,

(मनोज की बातें पूनम की उत्सुकता को और उत्तेजना दोनों को बढा रही थी,,,उसकी बुर में उंगली का अंदर बाहर होना लगातार जारी था जिससे उसकी बुर लगातार पानी छोड़ रही थी,,,,)

कैसा था,,,?


अरे यार चाची एकदम गहरी नींद में सो रही थी उनकी साड़ी एकदम उनकी कमर तक उठी हुई थी मैं तो उनकी दोनों टांगों के बीच देखकर एकदम दंग रह गया,,,।


क्यों ऐसा क्या दिख रहा था,,,?

उनकी बुर पर ढेर सारे घुंघराले बाल थे ,,, जिसकी वजह से उनकी बुर बालों के अंदर छूप गई थी,,,।
(मनोज की बातें पूनम की उत्तेजना को पल-पल बढ़ाती जा रही थी चाची वाली बात से उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई थी उसकी हथेलियों का कसा उसकी नारंगी ऊपर बढ़ता जा रहा था जिससे उसकी उमंग और उन्माद दोनों बढ़ रहा था,,,)

तुमको वहां से चले जाना चाहिए था ना,,,


मेरी वहां से चले जाना चाहता था लेकिन ना जाने उस समय क्या हो गया था,,,, मैं जिंदगी में पहली बार उस चीज को जो देख रहा था,,,।
(पहली बार देखने वाली बात से पूनम को थोड़ी संतुष्टि हुई लेकिन उत्तेजना बरकरार थी उत्तेजित होकर मनोज भी जोर जोर से हिला रहा था)


फिर क्या किया तुमने,,,,


फिर क्या मैं नजर भर कर देखने के बाद वापस लौट आया पानी भी नहीं पिया मुझे डर था कि फ्रिज खोलने पर कहीं इतिहास में कोई और मुझे वहां देखकर वह मुझे डांटना शुरू कर देंगी,,,।


आंख खुल गई होती तो अच्छा ही था,,,।


तुम तो मुझे मरवाने का ही सोच रही हो,,,,


(मनोज की बात सुनकर पूनम हंसने लगी तो मनोज बोला,,,)

इसलिए तो कह रहा हूं पूनम पता नहीं तुम्हारी बुर कैसी होगी बालों वाली होगी या चिकनी,,,

एकदम चिकनी है तुम्हारी चाची की तरह बालों वाली नहीं है मैं हमेशा क्रीम लगाकर साफ करती हूं,,,,
(पूनम कि उनकी बातों को सुनकर मनोज की उत्तेजना बढ़ने लगी क्योंकि वह बेझिझक अपनी बुर के बारे में बता रही थी सोने का हाथ बड़ी तेजी से अपने लंड पर चलने लगा,,,,)

सच में पुनम,,,


हां सच में,,,,


पूनम मेरी खातिर बस एक बार बस एक बार अपनी बुर में उंगली डालकर अंदर बाहर करो बहुत मजा आएगा,,,


नहीं कुछ हो गया तो,,,,


कुछ नहीं होगा पूनम बहुत मजा आएगा देखना तुम्हारी बुर पानी पानी हो जाएगी,,,,


नहीं मुझे डर लगता है,,,,


इसमें डरने वाली कौन सी बात है सभी लड़कियां ऐसे ही करती हैं,,, तुम्हारी सहेली भी तो मेरे दोस्त से इस तरह की बातें करते हुए यही करती थी,,,


लेकिन मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं,,,


मैं जानता हूं तभी तो तुमसे रिक्वेस्ट कर रहा हूं,,,, तुम्हें मेरी कसम पूनम,,,


कसम मत दिया करो मनोज,,,

तो करो ना प्लीज,,,,


ठीक है तुम कहती हो तो करता हूं,,,,


जल्दी पूनम मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


क्यों नहीं रहा जा रहा हूं तुम भी कुछ कर रहे हो क्या,,,,


हां अगर तुम अपनी बुर में उंगली अंदर बाहर करोगी तो मैं अपना लंड हीलाऊंगा,,,


सच में,,,

हां पूनम सच में,,,

तो ठीक है,,, मै अपनी सलवार उतार रही हूं,,,

ओहहह पूनम नंगी हो जाओगी क्या,,,


अब तुम करने को कह रहे हो तो करना ही पड़ेगा,,,
(मनोज की बातों ने उसे पूरी तरह से बातों में उलझा लिया था जो कुछ भी मनोज कह रहा था वह करने के लिए तैयार हो गई थी हालांकि वह पहले से ही उत्तेजना के मारे अपनी बुर में उंगली को अंदर बाहर कर रही थी लेकिन अब उसके कहे अनुसार अपनी सरकार की दूरी खोलकर वह अपनी शलवार को घुटनों तक कर दी,,,, और मनोज से बोली,,)

ओहहह मनोज मैं अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल रही हूं,,,

आहहह पुनम मैं भी नंगा हो गया हूं और अपना लंड अपने हाथ में लेकर हिला रहा हूं,,,,

ओहहहह मनोज,,,, थोड़ा दर्द कर रहा है,,,


धीरे-धीरे डालो पूनम,,,,


हां,,,, धीरे धीरे डाल रही हुं,,,,आहहहह पूरी घुस गई,,,

ओहहहह पुनम मुझे यकीन नहीं हो रहा है मैं तो पागल हो जाऊंगा,,,,

तुम भी वही कर रहे हो,,,

हां पूनम मैं अपना लंड मुठिया रहा हूं,,,,


ओहहहह मनोज अब मैं क्या करूं,,,,


बस अपना अपनी उंगली को अपनी बुर में अंदर बाहर करो और ऐसा मन में सोचो कि जैसे मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर अंदर बाहर कर रहा हूं,,,,
(यह बात सुनते ही पूनम की उत्तेजना और ज्यादा तीव्र हो गई और अपनी बोली को जोर-जोर से अंदर बाहर करने लगे और अपनी आंखों को बंद कर ले जैसा मनोज कह रहा था वैसा ही वह अपने मन में सोचने लगी हालांकि चुदाई का ज्ञान उसे बिल्कुल भी नहीं था फिर भी वह इतना तो जानती ही थे कि बुर में लंड अंदर बाहर करके चोदा जाता है इसलिए वह कल्पना करने लगेगी उसकी दोनों टांगों के बीच मनोज आकर उसके लंड को उसकी बुर में डालकर अंदर बाहर करके उसको चोद रहा है,,,, यह कल्पना पूनम की हालत तो खराब कर दे रहा था,,,)

अब कैसा लग रहा है पूनम,,,,


आहहहहह बहुत मजा आ रहा है मनोज मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि ऐसा करने में इतना मजा आता है और तुम क्या कर रहे हो,,,,


मैं भी तुम्हारे बारे में सोच रहा हूं,,,


क्या सोच रहे हो,,,


यही कि मैं तुम्हारी दोनों टांगों के बीच आकर अपने मोटे लंड को तुम्हारे बुर में डालकर तुम्हें चोद रहा हूं,,, पर तुम्हारी चाची को जोर-जोर से दबाते हुए मुंह में भर कर पी रहा हूं,,,।
Manoj ki kalpna

tagore poems in english

आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी दोनों अपनी अपनी कल्पना में खोए हुए थे,,,मनोज अपनी बातों से अपनी चालाकी से एक सीधी-सादी लड़की को वासना की आग में झुलसा ने लगा था,,,, पूनम की बातों में आकर वह सब कुछ कर रही थी जो एक असभ्य लड़की करती है,,, पूनम के संस्कार में यह सब बिल्कुल भी नहीं था लेकिन वह मनोज की बातों से बदल चुकी थी कल्पना करते थे उसे आनंद की पराकाष्ठा महसूस हो रही थी और कभी सपने में भी नहीं सोची थी किखुद की उंगली से कितना मजा आता होगा वह पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में उतर चुकी थी डूब चुकी थी मदहोशी की गहराई में जवानी मैं उसके अंगों में इतना मजा आता होगा वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी वह बड़े जोर से अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रही थी मानो कि जैसे मनोज उसे बड़े जोरों से चोद रहा हो मेरे यही हाल मनोज का भी था,,, मनोज जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था,,,।

आहहहह आहहहहह ओहहहहह मनोज आहहहहहह,,,,
(फोन पर मनोज को पूनम की गरमा गरम शिकारियों की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही थी वह आनंद की पराकाष्ठा का अनुभव कर रही थी मनोज समझ गया था कि उसका पानी निकलने वाला है)
Poonam bhi is tarah ki kalpna karne lagi thi


ओहहह मनोज मुझे कुछ हो रहा है आहहहहह मेरा बदन अकड़ रहा है,,,,आहहहहह मनोज,,,,,आहहहहहहह,,,
(और इतना कहने के साथ ही पूनम की बुर से उसका गर्म लावा बाहर निकल गया,,,, और कुछ देर बाद मनोज कभी पानी निकल गया पूनम की जिंदगी का यह पहला अनुभव था जब वह पहली बार अपनी बुर में उंगली डाल रही थी,,, थोड़ी देर में सब कुछ शांत हो गया पूनम गहरी गहरी सांसें लेते हुए जब दीवार पर टंगी घड़ी पर नजर डाली तो उसके होश उड़ गए रात के 3:00 बज रहे थे,,,। पुनम बिना कुछ बोले फोन काट दी,,,, और अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगी थोड़ी देर में उसे नींद आ गई और वह सो गई,,,)
 
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Crazy7

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🔥🔥 update fire hai ekdum
 
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इसमें से सबसे खूबसूरत गांड किसकी है

 
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wah..color painting rohnny Bhai...bahut khoob..
 
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