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बेला तो एक दम मस्त हो गई थी मनोज से चुदने के बाद,,, उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि उसनें मनोज से चूदवा ली है।
मनोज को पहली बार देखी थी तभी से उसके मन में यह तमन्ना थी कि मनोज उससे प्यार करे उसके बदन से खेले लेकिन मनोज कभी भी उसकी तरफ देखा तक नहीं था। मनोज को अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती थी लेकिन यह संभव नहीं हो सका आज वह उसके बदन की खुशबू महसूस किया और उसको खेत में ले जाकर चोदा तो यह पूनम के ही बदौलत हुआ था। मनोज पूरी तरह से पूनम का दीवाना हो चुका था और उससे बात चीत कराने का वादा बेला ने मनोज को कर चुकी थी। इसी बातचीत कराने के सिलसिले में बेला अपना भी फायदा उठा ली थी। मनोज जिस तरह का लालच ऊसे देकर गया था,,,, अब तो बेला का फर्ज बनता था कि वह पूनम से उसकी बातचीत कर आए क्योंकि इसमें बेला का ही फायदा था क्योंकि उसने उसे अगर वह पूनम से उसका मेलजोल बढ़ा देगी तो मनोज उसके साथ हमेशा उसकी चुदाई करने का वादा कर चुका था। बेला बहुत खुश थी आज उसके मन की बात हो गई थी अब वहां पूनम की बातचीत मनोज से कराने में जुट गई थी लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही थी। मनोज रास्ते में रोज उसी मोड़ पर खड़ा होकर पूनम का इंतजार करता और उसे आते जाते देखता रहता यूं तो उसके हक में बहुत सी लड़कियां थी जो कि उसे अपना बॉयफ्रेंड मानती थी और मनोज उनमें से अधिकतर लड़कियों के साथ अपनी मनमानी कर चुका था लेकिन पूनम एक ऐसा नायाब खजाना थी कि अभी तक अभी तक उसके हाथ नहीं लगी थी। पूनम भी रोज उसे उसी जगह पर खड़ा हुआ देखती थी लेकिन उसे जरा भी भाव तक नहीं देती थी ऐसे ही 1 दिन स्कूल छूटने के बाद पूनम और उसकी सहेलियां स्कूल से घर की तरफ आ रही थी। और रास्ते में मनोज उसी जगह पर खड़ा होकर उन लोगों का इंतजार कर रहा था। पूनम फिर से उसे उसी जगह पर खड़ा हुआ देखकर मन ही मन बुदबुदाई और जैसे ही उसके आगे निकली वैसे ही पीछे से मनोज ने आवाज लगाया,,,,
बेला,,,,,,,,,, ( आवाज सुनते ही बेला तुरंत रुक गई जैसे कि उसे मालूम था कि मनोज उसे ही आवाज लगाने वाला है।)
क्या है? ( बेला शांत स्वर में बोली।)
यह लो तुम्हारी साइंस कीे नोट्स( इतना कहकर वह बैग खोल कर उसमें से साइंस की नोट निकालकर बेला को थामातेे हुए) तुमने मुझे दी थी ना मैंने इसकी कॉपी कर लिया हूं।
नहीं किए हो तो पूरा कर लो इतनी जल्दबाजी नहीं है।( बेला बात बनाते हुए बोली)
नहीं नहीं मेरा काम पूरा हो गया है इसलिए तो तुम्हें लौटा रहा हूं वरना आज भी नहीं लौटाता।
थैंक्यू मनोज,,,,( बेला मुस्कुराते हुए बोली इन सभी बातों के दौरान पूनम तिरछी नजरों से मनोज की तरफ देख ले रही थी और मन ही मन कुछ बुदबुदा भी रहीे थी। तभी वह जाने क्यों हुई कि फिर से मनोज ने बेला को रोकते हुए बोला।)
बेला अगर तुम्हारा इंग्लिश के नोट्स पूरी हो गई हो तो मुझे दे सकती हो मुझे पूरा करना है।
नही,,,, सॉरी मनोज मेरा काम तो अभी खुद भी बाकी है तो मैं तुम्हें कैसे दे सकती हूं।
सुलेखा तुम्हारा,,,,,,,
अरे नहीं मेरा तो कुछ भी पूरा नहीं है वैसे भी मुझे इंग्लिश में कुछ भी समझ में नहीं आता,,,,
( दोनों का जवाब सुनकर मनोज थोड़ा उदास नजर आने लगा और उदास नजरों से वह पूनम की तरफ देखने लगा जो कि पूनम उसकी तरफ ना देख कर दूसरी तरफ देख रही थी,,,, मनोज का इशारा पहला समझ चुकी थी इसलिए वह बीच में ही बोली।)
मनोज,,,, पूनम को इंग्लिश का नोट जरुर पूरा होगा क्योंकि पूनम इंग्लिश में बहुत ही तेज है,,,,,( बेला की बात सुनते ही पूनम गुस्से में बेला की तरफ देखने लगी) पूनम तुम्हारी इंग्लिश की नोट्स पूरी होगी ना तुम मनोज को दे दो वह पूरा करके तुम्हें कल लौटा देगा,,,,,
न,,,, न,,,, नही नही,,,, मेरा अभी कुछ काम बाकी रह गया है,,,, ( पूनम हकलाते हुए) दरअसल पिछले हफ्ते मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए मेरा ढेर सारा लेसन करना बाकी रह गया है। इसलिए मैं अभी नहीं दे सकती,,,,
अच्छा कल दे देना,,,,,( मनोज तपाक से बोला,,,,)
नहीं कल नहीं हो पाएगा,,,,
तो परसों दे देना,,,,,,( मनोज ने फिर से झट से बोला वह एक भी मौका हाथ से गवाना नहीं चाहता था।)
नहीं लेकिन को पूरा करने में तीन-चार दिन तो लग ही जाएगा मुझे समय नहीं मिलता है। ( पुनम बहाना बनाते हुए बोली।)
अच्छा ठीक है कोई बात नहीं कल परसो नर्सों दो-चार दिन में जब भी तुम्हारा काम पूरा हो जाए तो मुझे अपनी नोट्स दे देना मैं भी पूरा कर लूंगा,,,,, इतना भला मेरा कर दो मेभी एग्जाम में पास हो जाऊंगा।
( मनोज बड़े ही भोलेपन से पूनम से बोला,,,, पूनम अजीब सी कशमकश में फंसी हुई थी वाह उसे इंग्लिश के नोट्स देना भी नहीं चाहती थी और उसे ठीक तरह से इनकार भी नहीं कर पा रही थी,,,,, मनोज की चिकनी चुपड़ी बातें सुनकर वह नोट्स देने के लिए हामी भर दी,,,,, मनोज को तो बस मौका चाहिए था पूनम से बात करने का और जैसे ही पूनम ने नोट्स देने के लिए हामी भरी,,,, वह मुस्कुराता हुआ बोला।)
थैंक यू पूनम तुमने मेरी बहुत बड़ी मदद कर रही हो इसलिए तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया जब भी तुम्हारा लेशन पूरा हो जाए तो मुझे नोट्स दे देना,,,,, बाय टेक केयर
( इतना कहकर मनोज खुश होता हुआ वहां से चला गया और पूनम ना चाहते हुए भी उसे जाता हुआ देखती रही उसके जाने के बाद वह बेला पर गुस्सा निकालते हुए बोली।
बेला यह तूने ठीक नहीं कि तुझे मालूम है कि मनोज को देखते ही मुझे गुस्सा आ जाता है फिर भी तूने मुझे उसे नोट्स देने के लिए क्यों बोली।
अरे पूनम यह तुझे क्या हो गया है अरे तुम ही तो कहती थी कि जहां तक हो सके एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और तेरी मदद पाकर अगर वह एग्जाम में पास हो जाएगा तो तुझे दुआ ही देगा और तुझसे नोट्स ही तो मांग रहा है कौन सा तेरा दिल मांग ले रहा है।
( बेला बात को बनाते हुए बोली।)
लेकिन बेला मैं उसे अपनी नोट्स नहीं देना चाहती हूं मुझे ना जाने क्यों उसे देखते ही गुस्सा आ जाता है उसकी नजरें कितनी बेशर्म है ना जाने कहां कहां घूमती रहती है।
अरे नोट्स नहीं देना था तो उसे सामने से इंकार कर दी होती मैं तो यूं ही कह रही थी क्योंकि तू इंग्लिश में सबसे तेज है और तेरा काम हमेशा पूरा रहता है और नहीं देना था तो इंकार कर देना था ना तू देने के लिए हामी क्यों भरी। और हां ( मुस्कुराते हुए) तुझे उसकी नजरें बेशर्म क्यों लगी कहां-कहां घूम आता रहता है वह अपनी नजर को जरा हमें भी तो बता,,,,,
अच्छा जैसे तुझे पता ही नहीं कि वह लड़कियों को किस नजर से देखता है।
किस नजर से देखता है हमें तो आज तक नहीं पता चला,,,,,
देख बेला अब तू बातें मत बना तुझे भी अच्छी तरह से पता है कि मनोज कैसा लड़का है और लड़कियों को किस नजर से देखता है।
हमें तो नहीं पता चला कि वह लड़कियों को किस नजर से देखता है सुलेखा तुझे पता चला क्या?
नहीं मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगा।( सुलेखा भी बेला की हां में हां मिलाते हुए बोली।)
तुम दोनों बिल्कुल पागल हो देखती नहीं किस तरह से घूरता रहता है हमेशा।
पूनम तू बेवजह उस बेचारे पर शक कर रही है माना कि वह तेरा दीवाना है लेकिन उसे इंग्लिश की नोट की जरूरत है जो कि तुझसे कितने प्यार से मांग रहा था। और तू बेवजह उस पर शक कर रही है कि वह लड़कियों को गंदी नजर से देखता है। हां यह सच है कि लड़कियां उसकी दीवानी जरूर होती हैं लेकिन अभी तो वह तेरे से कितना प्यार से और भोले पन से नोट्स मांग रहा था।
बेला,,,( पूनम गुस्से में बोल कर चलने लगी और साथ में बेला और सुलेखा भी चलने लगी कभी उसके गुस्से को और ज्यादा भड़काते हुए बेला बोली।)
अच्छा पूनम तुझे वह घूमता रहता है तो बता वह क्या देखता है तेरी गोल-गोल नारंगी जैसी चूचियां तेरा लंबे कद का बदन,,, तेरी लंबी लंबी चिकनी टांगे,,,, या तेरी गोल-गोल मदमस्त कर देने वाली भराव दार गांड,,,, ( इतना कहते-कहते बेला मुस्कुराते हुए बात को आगे बढ़ाते हुए बोली।) बता तेरे किस माल को वह घूर रहा था।
बेला अब तू कुछ ज्यादा बोल रही है।
ज्यादा नहीं बोल रही हूं मैं सच कह रही हूं तू भी अच्छी तरह से जानती है कि एक जवान लड़का ही जवान लड़की को घूरता है तो उसके बदन मैं उसके कौन-कौन से अंग को देखता रहता है।
( बेला की बात सुनकर चलते चलते एक बार फिर से उसकी तरफ गुस्से से देखने लगी।)
अरे तू गुस्सा मत कर,,,,, जिस तरह से तू बोल रही है उस से तो ऐसा ही लग रहा है कि वह तेरी दोनों नारंगीयो और को ही घूरता होगा। और वैसे भी तेरी दोनों नारंगीया इतनी खूबसूरत लगती है कि अगर मैं लड़का होती तो खुद ही तेरी दोनों नारंगीयो को अपने हाथ में ले कर मसल दी होती,,,,,,
( पूनम विला कि यह बात सुनकर गुस्सा भी कर रही थी और उसकी बातों से उसे हंसी भी आ रही थी लेकिन फिर भी अपने चेहरे पर गुस्से का भाव लाते हुए वह बोली।)
बेला तू नहीं सुधरेगी तुझे ज्यादा आग लगी है तो जा कर मसलवा ले अपनी नारंगीयो को,,,,,
अरे मेरी जान मैं तो कब से तैयार बैठी हूं मैं तो चाहती हूं कि वह मेरी दोनों नारंगीयों को अपने हाथ में लेकर मसले और उसे मुंह में लेकर चुसे भी । पर उसको तो तेरी नारंगिया पसंद आ गई है।
बेला तू सच में बहुत हरामी है,,( इतना कहने के साथ ही वह बेला की चोटी अपने हाथ में पकड़कर खींचते हुए बोली।)
अब बोल बहुत बोलती थी मैं कबसे तुझे कह रही हूं कि चुप हो जा चुप हो जा लेकिन तू है की मानती नहीं,,,( इतना कहते हुए वह जोर से चोटी को खींची,,,,)
आहहहहहह,,,, पूनम छोड़ मुझे दर्द कर रहा है।
नहीं तु पहले बोल कि अब यह सब बाते नहीं करेंगी,,,, तभी छोडूंगी,,,,,
अच्छा बाबा मैं ऐसी बातें बिल्कुल नहीं करूंगी अब तो छोड़,,,,,
हां अब आई ना लाइन पर,,,,,( इतना कहते हुए वह उसकी छोटी छोड़ दी,,,, तब तक पूनम का घर भी आ चुका था और बेला फिर से उसे चिढ़ाते हुए बोली,,,)
देखना एक दिन जरूर वह तेरी नारंगी को मसलेगा,,,,,( और इतना कहकर वह फिर से भाग खड़ी हुई पूनम भी उसके पीछे दो चार कदम तक दोड़ी,,,
दरअसल यह सब सारा खेल बेला का ही रचा हुआ था बेलाही मनोज को नोट के बहाने उससे बातचीत शुरू करने को कही थी और जिसमे वह लगभग सफल भी हो चुका था।
बेला मनोज से ऊसकीे बातचीत कराने का वादा कर चुकी थी जिसमें वह धीरे धीरे अपने वादों को पूरा करने में लग भी गई थी। बेला एक लड़की होने के नाते अच्छी तरह से जानती थी कि लड़के की कीस हरकत पर किस बात पर लड़की फिदा हो जाती है। और बार बार ना करने पर भी उसे अपना दिल दे बैठती है इसलिए उसने मनोज को बातचीत करने से ही शुरुआत करने के लिए बोली थी। और बेला की यही मेहनत रंग लाई थी महीनों से मनोज पूनम के पीछे लगा हुआ था लेकिन ऊससे कभी भी बात नहीं कर पाया था। यह सब बेला का ही प्लान था कि महीनों के बाद उसे पूनम से बातचीत करने का मौका मिला था। पूनम से बात करके मनोज बेहद खुश नजर आ रहा था उसे ऐसा लगने लगा था कि सारी दुनिया ऊसकी मुट्ठी में आ गई हो। वह अपने कमरे में बैठकर पूनम के ही ख्यालों में खोया हुआ था बार-बार उसकी आंखों के सामने पूनम की गुलाबी होंठ हिलते हुए नजर आ रहे थे जब वह उससे बात करने के लिए अपने होठों को हरकत दे रही थी। मनोज उसकी सुरीली आवाज के बारे में सोचकर एकदम खुश हो रहा था उसने अभी तक उसकी आवाज इतनी ठीक से नहीं सुना था लेकिन आज पहली बार इतने करीब से उसकी आवाज सुनकर वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था। मनोज अपने बिस्तर पर बैठा बैठा पूनम की खूबसूरती के साथ साथ उसके मादक बदन के बारे में सोचकर उत्तेजित होने लगा वह मन ही मन सोचने लगा कि पूनम की दोनों चूचियां कितनी खूबसूरत लगती हैं। ड्रेस के ऊपर से जो ईतनी तनी हुई नजर आती है तो बिना ड्रेस के कितनी खूबसूरत लगती होगी। कैसा लगेगा जब वह उसकी दोनो चुचिओ को बारी-बारी से अपने मुंह में भर कर चुसेगा उसके निप्पल को दांत से काटेगा। यह सब सोचकर मनोज एकदम से उत्तेजित होने लगा और उसने तुरंत अपने पैंट की चेन खोल कर अपने टनटनाए हुए लंड को बाहर निकाल कर उसे मुठियाने लगा,,,, पूनम के बारे में गंदी बाते सोच-सोच कर वह इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि वह जोर-जोर से अपने लंड को हिलाने लगा और थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पानी फेंक दिया।
पूनम भी ऊसके बारे में सोच सोच कर हैरान हुए जा रही थी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसने इतनी देर तक उससे बात कैसे कर ली। वह मन ही मन सोचने लगी कि वह तो अब उसके पीछे ही पड़ गया है। कितने ना नुकुर करने के बाद भी वह बिल्कुल भी नहीं माना,,, और वह इंग्लिश के नोट्स लेकर ही रहेगा,,,,
पूनम को जिस तरह से करवट बदल-बदल कर मनोज के बारे में सोच कर हैरान हुए जा रही थी..
मनोज को पहली बार देखी थी तभी से उसके मन में यह तमन्ना थी कि मनोज उससे प्यार करे उसके बदन से खेले लेकिन मनोज कभी भी उसकी तरफ देखा तक नहीं था। मनोज को अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती थी लेकिन यह संभव नहीं हो सका आज वह उसके बदन की खुशबू महसूस किया और उसको खेत में ले जाकर चोदा तो यह पूनम के ही बदौलत हुआ था। मनोज पूरी तरह से पूनम का दीवाना हो चुका था और उससे बात चीत कराने का वादा बेला ने मनोज को कर चुकी थी। इसी बातचीत कराने के सिलसिले में बेला अपना भी फायदा उठा ली थी। मनोज जिस तरह का लालच ऊसे देकर गया था,,,, अब तो बेला का फर्ज बनता था कि वह पूनम से उसकी बातचीत कर आए क्योंकि इसमें बेला का ही फायदा था क्योंकि उसने उसे अगर वह पूनम से उसका मेलजोल बढ़ा देगी तो मनोज उसके साथ हमेशा उसकी चुदाई करने का वादा कर चुका था। बेला बहुत खुश थी आज उसके मन की बात हो गई थी अब वहां पूनम की बातचीत मनोज से कराने में जुट गई थी लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही थी। मनोज रास्ते में रोज उसी मोड़ पर खड़ा होकर पूनम का इंतजार करता और उसे आते जाते देखता रहता यूं तो उसके हक में बहुत सी लड़कियां थी जो कि उसे अपना बॉयफ्रेंड मानती थी और मनोज उनमें से अधिकतर लड़कियों के साथ अपनी मनमानी कर चुका था लेकिन पूनम एक ऐसा नायाब खजाना थी कि अभी तक अभी तक उसके हाथ नहीं लगी थी। पूनम भी रोज उसे उसी जगह पर खड़ा हुआ देखती थी लेकिन उसे जरा भी भाव तक नहीं देती थी ऐसे ही 1 दिन स्कूल छूटने के बाद पूनम और उसकी सहेलियां स्कूल से घर की तरफ आ रही थी। और रास्ते में मनोज उसी जगह पर खड़ा होकर उन लोगों का इंतजार कर रहा था। पूनम फिर से उसे उसी जगह पर खड़ा हुआ देखकर मन ही मन बुदबुदाई और जैसे ही उसके आगे निकली वैसे ही पीछे से मनोज ने आवाज लगाया,,,,
बेला,,,,,,,,,, ( आवाज सुनते ही बेला तुरंत रुक गई जैसे कि उसे मालूम था कि मनोज उसे ही आवाज लगाने वाला है।)
क्या है? ( बेला शांत स्वर में बोली।)
यह लो तुम्हारी साइंस कीे नोट्स( इतना कहकर वह बैग खोल कर उसमें से साइंस की नोट निकालकर बेला को थामातेे हुए) तुमने मुझे दी थी ना मैंने इसकी कॉपी कर लिया हूं।
नहीं किए हो तो पूरा कर लो इतनी जल्दबाजी नहीं है।( बेला बात बनाते हुए बोली)
नहीं नहीं मेरा काम पूरा हो गया है इसलिए तो तुम्हें लौटा रहा हूं वरना आज भी नहीं लौटाता।
थैंक्यू मनोज,,,,( बेला मुस्कुराते हुए बोली इन सभी बातों के दौरान पूनम तिरछी नजरों से मनोज की तरफ देख ले रही थी और मन ही मन कुछ बुदबुदा भी रहीे थी। तभी वह जाने क्यों हुई कि फिर से मनोज ने बेला को रोकते हुए बोला।)
बेला अगर तुम्हारा इंग्लिश के नोट्स पूरी हो गई हो तो मुझे दे सकती हो मुझे पूरा करना है।
नही,,,, सॉरी मनोज मेरा काम तो अभी खुद भी बाकी है तो मैं तुम्हें कैसे दे सकती हूं।
सुलेखा तुम्हारा,,,,,,,
अरे नहीं मेरा तो कुछ भी पूरा नहीं है वैसे भी मुझे इंग्लिश में कुछ भी समझ में नहीं आता,,,,
( दोनों का जवाब सुनकर मनोज थोड़ा उदास नजर आने लगा और उदास नजरों से वह पूनम की तरफ देखने लगा जो कि पूनम उसकी तरफ ना देख कर दूसरी तरफ देख रही थी,,,, मनोज का इशारा पहला समझ चुकी थी इसलिए वह बीच में ही बोली।)
मनोज,,,, पूनम को इंग्लिश का नोट जरुर पूरा होगा क्योंकि पूनम इंग्लिश में बहुत ही तेज है,,,,,( बेला की बात सुनते ही पूनम गुस्से में बेला की तरफ देखने लगी) पूनम तुम्हारी इंग्लिश की नोट्स पूरी होगी ना तुम मनोज को दे दो वह पूरा करके तुम्हें कल लौटा देगा,,,,,
न,,,, न,,,, नही नही,,,, मेरा अभी कुछ काम बाकी रह गया है,,,, ( पूनम हकलाते हुए) दरअसल पिछले हफ्ते मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए मेरा ढेर सारा लेसन करना बाकी रह गया है। इसलिए मैं अभी नहीं दे सकती,,,,
अच्छा कल दे देना,,,,,( मनोज तपाक से बोला,,,,)
नहीं कल नहीं हो पाएगा,,,,
तो परसों दे देना,,,,,,( मनोज ने फिर से झट से बोला वह एक भी मौका हाथ से गवाना नहीं चाहता था।)
नहीं लेकिन को पूरा करने में तीन-चार दिन तो लग ही जाएगा मुझे समय नहीं मिलता है। ( पुनम बहाना बनाते हुए बोली।)
अच्छा ठीक है कोई बात नहीं कल परसो नर्सों दो-चार दिन में जब भी तुम्हारा काम पूरा हो जाए तो मुझे अपनी नोट्स दे देना मैं भी पूरा कर लूंगा,,,,, इतना भला मेरा कर दो मेभी एग्जाम में पास हो जाऊंगा।
( मनोज बड़े ही भोलेपन से पूनम से बोला,,,, पूनम अजीब सी कशमकश में फंसी हुई थी वाह उसे इंग्लिश के नोट्स देना भी नहीं चाहती थी और उसे ठीक तरह से इनकार भी नहीं कर पा रही थी,,,,, मनोज की चिकनी चुपड़ी बातें सुनकर वह नोट्स देने के लिए हामी भर दी,,,,, मनोज को तो बस मौका चाहिए था पूनम से बात करने का और जैसे ही पूनम ने नोट्स देने के लिए हामी भरी,,,, वह मुस्कुराता हुआ बोला।)
थैंक यू पूनम तुमने मेरी बहुत बड़ी मदद कर रही हो इसलिए तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया जब भी तुम्हारा लेशन पूरा हो जाए तो मुझे नोट्स दे देना,,,,, बाय टेक केयर
( इतना कहकर मनोज खुश होता हुआ वहां से चला गया और पूनम ना चाहते हुए भी उसे जाता हुआ देखती रही उसके जाने के बाद वह बेला पर गुस्सा निकालते हुए बोली।
बेला यह तूने ठीक नहीं कि तुझे मालूम है कि मनोज को देखते ही मुझे गुस्सा आ जाता है फिर भी तूने मुझे उसे नोट्स देने के लिए क्यों बोली।
अरे पूनम यह तुझे क्या हो गया है अरे तुम ही तो कहती थी कि जहां तक हो सके एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और तेरी मदद पाकर अगर वह एग्जाम में पास हो जाएगा तो तुझे दुआ ही देगा और तुझसे नोट्स ही तो मांग रहा है कौन सा तेरा दिल मांग ले रहा है।
( बेला बात को बनाते हुए बोली।)
लेकिन बेला मैं उसे अपनी नोट्स नहीं देना चाहती हूं मुझे ना जाने क्यों उसे देखते ही गुस्सा आ जाता है उसकी नजरें कितनी बेशर्म है ना जाने कहां कहां घूमती रहती है।
अरे नोट्स नहीं देना था तो उसे सामने से इंकार कर दी होती मैं तो यूं ही कह रही थी क्योंकि तू इंग्लिश में सबसे तेज है और तेरा काम हमेशा पूरा रहता है और नहीं देना था तो इंकार कर देना था ना तू देने के लिए हामी क्यों भरी। और हां ( मुस्कुराते हुए) तुझे उसकी नजरें बेशर्म क्यों लगी कहां-कहां घूम आता रहता है वह अपनी नजर को जरा हमें भी तो बता,,,,,
अच्छा जैसे तुझे पता ही नहीं कि वह लड़कियों को किस नजर से देखता है।
किस नजर से देखता है हमें तो आज तक नहीं पता चला,,,,,
देख बेला अब तू बातें मत बना तुझे भी अच्छी तरह से पता है कि मनोज कैसा लड़का है और लड़कियों को किस नजर से देखता है।
हमें तो नहीं पता चला कि वह लड़कियों को किस नजर से देखता है सुलेखा तुझे पता चला क्या?
नहीं मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगा।( सुलेखा भी बेला की हां में हां मिलाते हुए बोली।)
तुम दोनों बिल्कुल पागल हो देखती नहीं किस तरह से घूरता रहता है हमेशा।
पूनम तू बेवजह उस बेचारे पर शक कर रही है माना कि वह तेरा दीवाना है लेकिन उसे इंग्लिश की नोट की जरूरत है जो कि तुझसे कितने प्यार से मांग रहा था। और तू बेवजह उस पर शक कर रही है कि वह लड़कियों को गंदी नजर से देखता है। हां यह सच है कि लड़कियां उसकी दीवानी जरूर होती हैं लेकिन अभी तो वह तेरे से कितना प्यार से और भोले पन से नोट्स मांग रहा था।
बेला,,,( पूनम गुस्से में बोल कर चलने लगी और साथ में बेला और सुलेखा भी चलने लगी कभी उसके गुस्से को और ज्यादा भड़काते हुए बेला बोली।)
अच्छा पूनम तुझे वह घूमता रहता है तो बता वह क्या देखता है तेरी गोल-गोल नारंगी जैसी चूचियां तेरा लंबे कद का बदन,,, तेरी लंबी लंबी चिकनी टांगे,,,, या तेरी गोल-गोल मदमस्त कर देने वाली भराव दार गांड,,,, ( इतना कहते-कहते बेला मुस्कुराते हुए बात को आगे बढ़ाते हुए बोली।) बता तेरे किस माल को वह घूर रहा था।
बेला अब तू कुछ ज्यादा बोल रही है।
ज्यादा नहीं बोल रही हूं मैं सच कह रही हूं तू भी अच्छी तरह से जानती है कि एक जवान लड़का ही जवान लड़की को घूरता है तो उसके बदन मैं उसके कौन-कौन से अंग को देखता रहता है।
( बेला की बात सुनकर चलते चलते एक बार फिर से उसकी तरफ गुस्से से देखने लगी।)
अरे तू गुस्सा मत कर,,,,, जिस तरह से तू बोल रही है उस से तो ऐसा ही लग रहा है कि वह तेरी दोनों नारंगीयो और को ही घूरता होगा। और वैसे भी तेरी दोनों नारंगीया इतनी खूबसूरत लगती है कि अगर मैं लड़का होती तो खुद ही तेरी दोनों नारंगीयो को अपने हाथ में ले कर मसल दी होती,,,,,,
( पूनम विला कि यह बात सुनकर गुस्सा भी कर रही थी और उसकी बातों से उसे हंसी भी आ रही थी लेकिन फिर भी अपने चेहरे पर गुस्से का भाव लाते हुए वह बोली।)
बेला तू नहीं सुधरेगी तुझे ज्यादा आग लगी है तो जा कर मसलवा ले अपनी नारंगीयो को,,,,,
अरे मेरी जान मैं तो कब से तैयार बैठी हूं मैं तो चाहती हूं कि वह मेरी दोनों नारंगीयों को अपने हाथ में लेकर मसले और उसे मुंह में लेकर चुसे भी । पर उसको तो तेरी नारंगिया पसंद आ गई है।
बेला तू सच में बहुत हरामी है,,( इतना कहने के साथ ही वह बेला की चोटी अपने हाथ में पकड़कर खींचते हुए बोली।)
अब बोल बहुत बोलती थी मैं कबसे तुझे कह रही हूं कि चुप हो जा चुप हो जा लेकिन तू है की मानती नहीं,,,( इतना कहते हुए वह जोर से चोटी को खींची,,,,)
आहहहहहह,,,, पूनम छोड़ मुझे दर्द कर रहा है।
नहीं तु पहले बोल कि अब यह सब बाते नहीं करेंगी,,,, तभी छोडूंगी,,,,,
अच्छा बाबा मैं ऐसी बातें बिल्कुल नहीं करूंगी अब तो छोड़,,,,,
हां अब आई ना लाइन पर,,,,,( इतना कहते हुए वह उसकी छोटी छोड़ दी,,,, तब तक पूनम का घर भी आ चुका था और बेला फिर से उसे चिढ़ाते हुए बोली,,,)
देखना एक दिन जरूर वह तेरी नारंगी को मसलेगा,,,,,( और इतना कहकर वह फिर से भाग खड़ी हुई पूनम भी उसके पीछे दो चार कदम तक दोड़ी,,,
दरअसल यह सब सारा खेल बेला का ही रचा हुआ था बेलाही मनोज को नोट के बहाने उससे बातचीत शुरू करने को कही थी और जिसमे वह लगभग सफल भी हो चुका था।
बेला मनोज से ऊसकीे बातचीत कराने का वादा कर चुकी थी जिसमें वह धीरे धीरे अपने वादों को पूरा करने में लग भी गई थी। बेला एक लड़की होने के नाते अच्छी तरह से जानती थी कि लड़के की कीस हरकत पर किस बात पर लड़की फिदा हो जाती है। और बार बार ना करने पर भी उसे अपना दिल दे बैठती है इसलिए उसने मनोज को बातचीत करने से ही शुरुआत करने के लिए बोली थी। और बेला की यही मेहनत रंग लाई थी महीनों से मनोज पूनम के पीछे लगा हुआ था लेकिन ऊससे कभी भी बात नहीं कर पाया था। यह सब बेला का ही प्लान था कि महीनों के बाद उसे पूनम से बातचीत करने का मौका मिला था। पूनम से बात करके मनोज बेहद खुश नजर आ रहा था उसे ऐसा लगने लगा था कि सारी दुनिया ऊसकी मुट्ठी में आ गई हो। वह अपने कमरे में बैठकर पूनम के ही ख्यालों में खोया हुआ था बार-बार उसकी आंखों के सामने पूनम की गुलाबी होंठ हिलते हुए नजर आ रहे थे जब वह उससे बात करने के लिए अपने होठों को हरकत दे रही थी। मनोज उसकी सुरीली आवाज के बारे में सोचकर एकदम खुश हो रहा था उसने अभी तक उसकी आवाज इतनी ठीक से नहीं सुना था लेकिन आज पहली बार इतने करीब से उसकी आवाज सुनकर वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था। मनोज अपने बिस्तर पर बैठा बैठा पूनम की खूबसूरती के साथ साथ उसके मादक बदन के बारे में सोचकर उत्तेजित होने लगा वह मन ही मन सोचने लगा कि पूनम की दोनों चूचियां कितनी खूबसूरत लगती हैं। ड्रेस के ऊपर से जो ईतनी तनी हुई नजर आती है तो बिना ड्रेस के कितनी खूबसूरत लगती होगी। कैसा लगेगा जब वह उसकी दोनो चुचिओ को बारी-बारी से अपने मुंह में भर कर चुसेगा उसके निप्पल को दांत से काटेगा। यह सब सोचकर मनोज एकदम से उत्तेजित होने लगा और उसने तुरंत अपने पैंट की चेन खोल कर अपने टनटनाए हुए लंड को बाहर निकाल कर उसे मुठियाने लगा,,,, पूनम के बारे में गंदी बाते सोच-सोच कर वह इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि वह जोर-जोर से अपने लंड को हिलाने लगा और थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पानी फेंक दिया।
पूनम भी ऊसके बारे में सोच सोच कर हैरान हुए जा रही थी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसने इतनी देर तक उससे बात कैसे कर ली। वह मन ही मन सोचने लगी कि वह तो अब उसके पीछे ही पड़ गया है। कितने ना नुकुर करने के बाद भी वह बिल्कुल भी नहीं माना,,, और वह इंग्लिश के नोट्स लेकर ही रहेगा,,,,
पूनम को जिस तरह से करवट बदल-बदल कर मनोज के बारे में सोच कर हैरान हुए जा रही थी..
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