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Adultery चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Jasvir

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Good story
 
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The Immortal

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Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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rohnny4545

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rohnny4545

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उसकी बात सुनते ही मनोज अंदर ही अंदर गुस्सा करने लगा उसे मालूम था कि यह मानने वाला नहीं है,,,, और उससे इस तरह से मना भी नहीं कर सकता था क्योंकि उसकी बहन के साथ उसका चक्कर चल रहा था और के साथ चक्कर चलाने में गुल्लू ने ही उसकी मदद किया था,,, यह बात बड़ी अजीब थी कि एक भाई ने खुद अपनी बहन के साथ दूसरे का चक्कर चलवाया था लेकिन इसके पीछे भी गुल्लू का ही फायदा था। मनोज ने उसे यह लालच देकर उसकी बहन के साथ उसका चक्कर चलाने के लिए बोला था,,,,और ऊसे ईस बात का लालच दिया था कि अगर वह अपनी बहन के साथ उसका चक्कर चलवा देगा तो वह उसे रंडी चोदने ले चलेगा,,
और इस लालच में आकर गुल्लू ने अपनी बहन का चक्कर मनोज के साथ शुरू करवा दिया,, मनोज ने भी अपना वादा निभाते हुए गुल्लू को मस्ती कराने लगा। मनोज कि नहीं उसकी बहन को कई बार चोद भी चुका है और अभी भी चोदता रहता है यह बात कुल्लू को अच्छी तरह से मालूम भी है लेकिन वह बिल्कुल भी एतराज नहीं करता बल्कि कभी कभार तो वह मनोज को पैसे भी दे कर उसकी मदद करता रहता है इसलिए मनोज उसी तरह से इनकार भी नहीं कर सकता था। तभी उसके मन में ख्याल आया कि उसे पैसे की जरूरत भी है अगर वह अपने साथी से झाड़ियों में ले जाकर कि थोड़ा-बहुत नजारा दिखा देगा तो वह जरूर उसे मांगने पर पैसे भीे देगा,,,,, इसलिए वह उससे बोला,,,,

नजारा देखेगा,,,,,

हां यार मैं तो कब से तड़प रहा हूं नजारा देखने के लिए,,,,,


तुझे जैसा मैं कहूं वैसा ही करना मैं तुझे नजारा दिखाऊंगा लेकिन तू वहां पर जरा भी आवाज मत करना बस शांति से देखते रहना नजारा देखकर तु एक दम मस्त हो जाएगा,,,

ठीक है जैसा तू कहता है वैसा ही मैं करूंगा,, बस तु मुझे नजारा दिखा बहुत दिन हो गए नजारा देखें,,,,,
( गुल्लू उत्साहित होकर अपने हाथों को मलता हुआ बोला।)

लेकिन मैं तुझे एक ही शर्त पर तुझे अपने साथ ले जाऊंगा और नजारा दिखाऊंगा मुझे पैसे की सख्त जरुरत है।


यार तू फिक्र मत कर मैं हूं ना बोल तुझको कितना चाहिए।
( गुल्लू खुश होता हुआ बोला।)

ज्यादा नहीं बस ₹500 चाहिए।


तुझे जब भी पैसे की जरुरत पड़े तो मुझे बोल दिया कर
( इतना कहने के साथ ही अपनी जेब में से 500 का नोट निकालकर उसे थमा दिया,,,, कुल्लू के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी उसके पिताजी बाहर शहर में काम करते थे और उनका काम अच्छा चलता था इसलिए तो मनोज भी उसे अपना दोस्त बनाया था कि जरूरत पड़ने पर उससे से पैसे ले सके और बदले में थोड़ी सी मस्ती करा दे,,,, 500 के नोट को मनोज अपनी जेब में रखकर उसे झाड़ियों की तरफ ले जाने लगा और एक अच्छी जगह एकदम घनी झाड़ियों देखकर उसके पीछे छिप गया ताकि उसे कोई देख. ना सके,,,,, जीस जगह पर मनोज गुल्लू को ले कर छुपा था वह ऐसी जगह थी कि कोई भी उस जगह पर कोई छिपा है इसका आभास तक नहीं कर सकता था।

दूसरी तरफ बेला पूनम के साथ जानबूझकर इधर उधर घूमती रही दोनों इधर उधर की बातें करते रहे लेकिन तभी बेला पूनम से बोली।

पूनम चलना मेरे साथ झाड़ियों में मुझे जोरो की पिशाब लगी है।

अरे पेशाब करने के लिए झाड़ियों में क्यों जहां जाते हैं वहीं चलते हैं ना।

पूनम झाड़ियों में चलेंगे तो फ़ायदा रहेगा वहां पर बैर बड़े-बड़े और पक चुके हैं उसे भी तोड़ते हैं आएंगे,,,,( बेला को मालूम था कि पूनम को बेर बहुत पसंद है इसलिए वह इंकार नहीं कर पाएंगी और ऐसा हुआ भी,,,, बेला की बात सुनकर उसके चेहरे पर खुशी साफ झलकने लगी और वह तैयार हो गई।
बेला एक बहाने से उसे झाड़ियों में ले जा रही थी। उसे तो इस बात की खुशी थी कि पूनम बड़े आसानी से उसकी बात मान गई थी वह अपना काम कर दे रही थी बाकी मनोज को जो करना है वो वह करेगा यह सोच कर,,, वह पुनम के साथ झाड़ियों में जाने लगी,,, इस जगह पर कोई नहीं आता था इसलिए जगह बिल्कुल सुरक्षित थी,,,, कभी कबार पूनम ही अपनी सहेलियों के साथ उस जगह पर पेड़ तोड़ने आ जाया करती थी और साथ में झाड़ियों के बीच पेशाब भी कर लेती थी इसलिए उसे बेला की बात में कुछ भी अटपटा नहीं लगा।
धीरे-धीरे दोनों झाड़ियों के बीच पहुंच गई पहले तो वह लोग वहां पर पके बैऱ को तोड़ने लगी,,,, दोनों मिलकर बेर के पेड़ से नीचे लटक रहे देर को जहां तक तुम दोनों का हाथ पहुंच पाता था कांटो से बचते हुए पके हुए बैऱ को तोड़ कर इकट्ठा करने लगी। साथ ही बेला इधर-उधर नजरें घुमा कर मनोज की हाजिरी का अंदाजा भी लगा ले रही थी लेकिन झाड़ियां इतनी घनी थी कि कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था एक पल तो उसे लगा की कहीं मनोज इधर आया ही नहीं है। लेकिन मनोज अपने दोस्त गुल्लू के साथ झाड़ी के पीछे छुप कर यह सब देख रहा था। उन दोनों को वहां देख कर मनोज बेहद खुश हुआ गुल्लू तो उन दोनों को देखकर एकदम खुश हो गया खास करके पूनम को देख कर उसे देखते ही वह बोला।

मनोज भाई यह तो पुनम हें जिसके पीछे तुम दिन रात लगे हुए हो। ( कुल्लू को इस तरह से बोलता देख ना छत पर उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे चुप रहने का इशारा किया,,,, गुल्लू मनोज के ईशारे को समझ गया, वहं समझ गया कि जरा सी भी आवाज नहीं करना है इसलिए वह शांत हो गया,,,,,

मनोज को तो ईसी पल का इंतजार था वह झाड़ियों के पीछे छुप कर पूनम की हर हरकत को देख रहा था खास करके उसके अंगों को जो कि बेर तोड़ने में इधर उधर होता हुआ अजीब सा कामुक नजर आ रहा था। गुल्लू तो दोनों लड़कियों को देखकर एकदम मस्त होने लगा उसे लगा था कि शायद मनोज ने इन दोनों लड़कियों को चोदने के जुगाड़ से इधर बुलाया है,,,,, लेकिन जब उसने गुल्लू के कान में धीरे से उसे चुप रहने को बोला तो वह शांत होकर सिर्फ उन दोनों लड़कियों पर नजर रखने लगा। वैसे भी मनोज के मन में पूनम के साथ कुछ जबरदस्ती या ऐसा वैसा करने का इरादा बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि वह पूनम को प्यार से हासिल करना चाहता था पर तो सिर्फ पूनम के मदमस्त बदन का दर्शन करना चाहता था। कपड़ों के ऊपर से उसकी खूबसूरती का रसपान करके उसका मन नहीं भरा था वह अंदर की खूबसूरती को निहार कर मस्त होना चाहता था। मनोज बड़े ही आतुरता और उत्सुकता से पूनम की तरफ निहार रहा था उसका एक एक पल महीनों की तरह गुजर रहा था वह इतना शांत था कि अपनी धड़कनों तक की आवाज कहीं पूनम न सुन ले इतना शांत हो चुका था। इस समय उसकी हालत ऐसी हो रही थी जैसे कि सावन के इंतजार में मोर व्याकुल रहता है और चांद को देखने के लिए चकोर तड़पता रहता है उसी तरह से मनोज अपनी पूनम की खूबसूरती का मनोरम्य नजारा देखने के लिए तड़प रहा था। झाड़ियों के बीच जगह बनाकर अपने आप को छुपाए हुए था पूनम और बेला की नजर उन लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी लेकिन वह दोनों पूनम और देना दोनों को साफ-साफ देख पा रहे थे दोनों बड़ी ही मासूमियत के साथ बैर तोड़ रहे थे। पूनम धीरे धीरे बेर तोड़ते हुए आगे बढ़ने को हुई तो बेला उसे रोक दी क्योंकि उसे पूरा यकीन था कि मनोज आगे की तरफ कहीं छुपा होगा वरना झाड़ियों में आते समय पहले छुपा होता तो वह नजर आ जाता है। बेला उसे रोकते हुए बोली,,,,,

यार अब बस कर बहुत ज्यादा बैर इकट्ठे हो गए हैं अब बाद में कभी तोड़ेंगे वैसे भी टाइम हो जाएगा।,,, चल अब जल्दी से पेशाब कर लेते हैं। ( इतना कहने के साथ ही वह घनी झाड़ियों की तरफ पीठ करके अपनी सलवार की डोरी खोलने को हुई,,, वह जानबूझकर अपनी पीठ घनी झाड़ियों की तरफ कर दी,,, क्योंकि वह जानती थी कि इस तरह से देखेंगे तो वह जहां भी पीछे चुका होगा तो पूनम की भरपूर मदमस्त जवानी को और भी ज्यादा उत्तेजक बनाने वाली उसकी मादक भरी हुई गांड को जी भरके देख पाएगा।

और अगर झाड़ियों की तरफ मुंह करके पेशाब करने बैठेगी तो उसे उसकी बुर भी ठीक से नजर नहीं आएगी क्योंकि छोटी छोटी घास की वजह से उसकी बुर ढंक जाती,,,, तो मनोज का सारा मजा किरकिरा हो जाता इसलिए वह पहले से ही झाड़ियों की तरफ पीठ करके अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी,,,,, बेला पूनम को पेशाब करने के लिए बोलकर सलवार की डोरी खोलने लगी लेकिन पूनम अपने में ही मस्त बेर तोड़ने में व्यस्त थी। और वह बेऱ तोड़ते हुए बोली।

तू कर ले मुझे नहीं लगी है,,,,,
( मनोज उन दोनों की बात को साफ साफ सुनता रहा था पूनम की यह बात सुनकर उसके अरमान टूटता हुआ नजर आने लगे,,,, इतना सारा जुगाड़ लगा कर जो यह नजारा खड़ा करने का प्रयत्न किया था वह उसे मिट्टी में मिलता नजर आने लगा और यह बात बेला भी अच्छी तरह से समझती थी इसलिए उसे समझाते हुए बोली,,,)

अरे यार नहीं लगी है तो क्या हुआ बेठैगी तब अपने आप आने लगेगी।
( बेला की है बात सुनकर पूनम जोर-जोर से हंसने लगी और हंसते हुए बोली।)

तू बिल्कुल पागल है बेला कहीं बैठने से पेशाब आती है।

हां यार आती है ना तो एक बार बैठ कर तो देख ना आए तो मुझे तेरे मन में जो आए वह बोल ना।
( दोनों लड़कियों की बात सुनकर मनोज कीे हालत खराब हो रही थी और साथ ही गुल्लू की भी,,, मनोज तो अपनी आंखे बिछाए बैठा था कि कब उसकी प्रेमिका पूनम की मदमस्त बदन का दीदार हो,,,, लेकिन जिस तरह से पूनम बात कर रही थी उस तरह से लग नहीं रहा था कि वह आज अपने बदन का हल्का सा भी दीदार मनोज को करा पाएगी। मनोज को बेला से ही उम्मीद थी वह मन में यही दुआ कर रहा था कि बेला किसी तरह से उसे पेशाब करने के लिए मना ले। और जैसे उसके मन की बात बेला साफ-साफ सुन रही हो उसी समय वहं बोली,,,,

यार पूनम क्यों जिद कर रही है जल्दी कर क्लास लगने वाली है।

जिद तो तू कर रही है बेला तू अकेले कर ले मैं यहां खड़ी तो हुं।

यार अकेले में मजा नहीं आता इसलिए तो तुम से लेकर के आई थी वरना मैं यहां क्यों आती,,,,,,
( बेला की बात सुनकर वो फिर से हंसने लगी लेकिन इस बार बार तैयार हो गई और उसकी तरफ आते हुए बोली।)

अच्छा ला अपना दुपट्टा दे,,,,

दुपट्टा किस लिए,,,,
 

Mass

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Wonderful update Rohnny Bhai...aapne yeh story bahut pehle start kiya hain..hope you will give regular updates for this story as well..
Am a big fan of your stories and look forward to your update. Hope you will not disappoint :)
thanks.
 

rohnny4545

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Wonderful update Rohnny Bhai...aapne yeh story bahut pehle start kiya hain..hope you will give regular updates for this story as well..
Am a big fan of your stories and look forward to your update. Hope you will not disappoint :)
thanks.
Thanks dear reader
 
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