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Update - 2

रजनी 34
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रजनी - कम इन..
रजनी किसी फ़ाइल को देखते हुए बोली और सामने से अंदर आते हुए गौतम को एक नज़र सर उठा के देखा फिर अपनी उंगलियों में सुलगती सिगरेट का एक कश लेकर टेबल पर रखे पोट में बुझा कर बेल का बटन दबा दिया..
गौतम - मेम ये फ़ाइल..
गौतम ने फ़ाइल रजनी को देते हुए कहा और फिर सामने खड़ा हो गया, इतने में एक वर्दी पहना हवलदार
बाहर से अंदर आया और अपने दोनों हाथ बांधकर बोला.
ज़ी मैडम.
रजनी गौतम की तरफ इशारा करके - ये बच्चा कौन है?
हवलदार - ज़ी मैडम वो ये जगमोहन का लड़का है. गौतम सब ग़ुगु बुलाते है.
रजनी - ठीक है मेरे लिए एक चाय ले आओ. और तुम, क्या नाम है तुम्हारा? हां गौतम. तुम घर जाओ.
गौतम - ज़ी मेम.. गौतम पलटकर जाने लगता है मगर उसे रजनी के साथ कुछ अजीब लगता है वो एक पीछे मुड़कर देखता है तो उसे कुछ अहसास होता है और वो रुक जाता है..
रजनी गौतम को देखकर वापस कहती है - क्या हुआ? चाय पीके जाएगा?
गौतम - नहीं मेम, वो आपके गर्दन में दर्द रहता है?
रजनी हैरानी से - तुझे कैसे पता?
गौतम - नहीं वो आपके गले में सूजन है दाई तरफ तो उससे पता लग गया.
रजनी - तू डॉक्टर की पढ़ाई कर रहा है?
गौतम - नहीं पर मैं इसे ठीक कर सकता हूँ.
रजनी - 3 साल हो गए डॉक्टर से कुछ नहीं हुआ तू क्या करेगा?
गौतम - बस थोड़ी गले की मसाज करनी पड़ेगी गीले हाथों से.
रजनी - चल ठीक है तू भी कोशिश कर ले.
गौतम रजनी की चेयर के पीछे जाकर पानी से अपने हाथ गीले करता है और रजनी के कंधे और गले के जोड़ पर अपनी उंगलियां फिराते हुए मसाज करने लगता है रजनी को इस मसाज में बहुत आराम और सुकून मिलता है गौतम कुछ देर मसाज करके फिर रजनी के गले-कंधे के आस पास कुछ जगह को सहलाकर और हड्डियों के जोड़ को दबाकर उसका दर्द कुछ पलो में छूमंतर कर देता है.
गौतम - अब ठीक है मेम. अब गर्दन हिलाने में आपको दर्द नहीं होगा.
रजनी अपनी गर्दन दाए बाए ऊपर नीचे हिलाकर - अरे वाह तूने तो सच में 3 सालों का दर्द 3 मिनटों में ठीक कर दिया? कमाल है तेरे हाथों में. जादूगर है तू तो. कहाँ से सीखा ये सब?
गौतम - वो नाना ज़ी वेद्य थे सबका इलाज़ भी किया करते थे.. बचपन में कुछ साल उनके साथ रहकर ही थोड़ा बहुत हुनर सीखा.
रजनी अपने पर्स से अपना कार्ड निकाल कर - ये लो कोई भी प्रॉब्लम हो या कोई परेशान करें तो सीधा मुझे कॉल करना. ठीक है?
गौतम - ज़ी.. मेम एक बात पुछु?
रजनी - हां बोलो?
गौतम - आपकी मदर नोबल अकेडमी में टीचर थी ना?
रजनी - हां पर तुझे कैसे पता? तू नोबल अकेडमी से है?
गौतम - हां 7th & 8th standard में वही हमारी क्लास टीचर थी उसके बाद उन्होंने पढ़ना छोड़ दिया.
रजनी - हां.. वो मेरे साथ कोटा चली गई थी..
गौतम - मैं चलता हूँ.
रजनी - ठीक है पर कार्ड में घर का एड्रेस भी है कभी अपनी क्लास टीचर से मिलने का मन करें तो घर आ सकते हो.
गौतम - और आपसे मिलने का मन करें तो?
गौतम ने रजनी की बात के जवाब में ये लाइन बोल तो दी थी मगर बोलने के बाद उसे अगले ही पल अहसास हो गया था की उसने ये क्या कह दिया है मगर वो फिर भी चुपचाप खड़ा रहा और अपनी आँखे झुका ली रजनी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था की गौतम कुछ ऐसा कह जाएगा, दोनों की हालत लगभग एक सी थी और हालात अलग.
रजनी ने एक पेन उठकर एक कागज़ पर कुछ लिखा और गौतम को देते हुए कहा - मुझसे मिलने का मन करें तो इस नम्बर पर टाइम और जगह व्हाट्सप्प करना.
गौतम नम्बर सेव करके तुरंत व्हाट्सप्प पर रजनी को कुछ लिखकर सेंड करता है जिसे देखकर रजनी मुस्कुराते हुए ok बोल देती है और गौतम शुक्रिया बोलकर चेम्बर से बाहर आ जाता है और वापस अपने घर के लिए निकल जाता है.


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रजनी ने ये बात मुस्कुराते हुए नरमी भरे लहज़े में कही थी और पहले जो उसकी बात में रुखाई और सख़्ती थी वो अब पिघलकर पानी हो चुकी थी रजनी ने पहली बार गौतम के खूबसूरत और चाँद से चेहरे को गौर से देखा और उसकी आँखों में घुली ठंडक को महसूस करने लगी थी उसका मन गौतम को रोककर कुछ देर और उससे बात करने का था मगर फिर भी ना जाने क्यू वो गौतम को जाते हुए रोक ना सकी और ख़ामोशी से अपनी कुर्सी पर बैठकर उसे जाते हुए देखती रही.
रजनी 34 साल की तलाक़शुदा औरत थी जिसे मर्दो कुछ ख़ास लगाव नहीं था अपने पिता और पति की बेशर्मी भरी हरकतो ने उसके मन में मर्द की ऐसी तस्वीर बनाई थी जो कतई अच्छी नहीं कही जा सकती. चेहरे से साधारण दिखने वाली रजनी शारीरिक बनावट और कसावट में किसी हीरोइन से कम ना थी मगर किसी में उसके आगे बोलने की हिम्मत ना थी, जिस तरह का उसका बर्ताव था छोटे तो क्या बड़े अफसर तक उससे कुछ उल्टी बात करने से पहले सोच लेते थे.
आज रजनी को ना जाने क्यू गौतम के चेहरे की खूबसूरती, स्वभाव की सादगी और जुबान में घुली मिश्री सी मीठी बाते मोह गयी थी. गौतम बिलकुल वैसा ही था जैसा रजनी अपने लिए पति माँगा करती थी जब वो नई जवान हुई थी, मगर जिंदगी और हालात ने उस नाजुक लड़की को कब कठोर बना दिया उस नाजुक लड़की को भी पता नहीं चला. आज बहुत सालों बाद उसे ये अहसास हुआ था की वो एक औरत भी है और उसके अंदर करुणा स्नेह और प्रेम का विलक्षण गुण भी मोज़ूद है..


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गौतम घर पंहुचा तो उसने देखा की सुमन बेड पर लेटी हुई सो रही थी और उसने साड़ी खोलकर मैक्सी पहन ली थी..
गौतम चुपचाप जाकर सुमन के पास बेड पर बैठ गया और झुककर सुमन के गाल को चूमते हुए बोला..
गौतम - माँ थक गई?
सुमन गौतम को अपने पास बैठे देखकर - हम्म थोड़ी सी, पैरों में हल्का दर्द है..
गौतम - अच्छा? मैंने कहा था उस पाखंडी के चक्कर में कुछ नहीं रखा.. ढाई ढाई सो सीढ़िया चढ़ोगी और उतरेगी तो दर्द तो होगा ही. मैं पैरों की मालिश कर देता हूँ रुको.
सुमन - ग़ुगु रहने दे, क्यू बेवजह परेशान हो रहा है? कुछ देर आराम कर लुंगी तो ठीक हो जाउंगी.
गौतम - आप बिलकुल चुप रहो और लेटी रहो, मैं अभी मालिश कर देता हूँ..
सुमन - ग़ुगु रहने दे बेटू.. मैं ठीक हूँ.
गौतम - मैंने कहा चुप रहो आप..
गौतम एक बोतल से थोड़ा तेल अपने हाथो पर लेकर अपनी माँ सुमन के पैर की मालिश करने लगता है जिसे देखकर सुमन मुस्कुराते हुए आज ही नए ख़रीदे फ़ोन से जो बगल में पड़ा हुआ था उठाकर गौतम का वीडियो बनाने लगती है..
गौतम सुमन से - किसे दिखाओगी वीडियो बनाकर?
सुमन - पूरी दुनिया को
गौतम - वो कैसे?
सुमन - इंस्टा पर लाइव आके
गौतम - पागल हो क्या माँ? क्या कर रही हो?
सुमन - जो तुमने सिखाया था, तुमने ही तो कहा था इससे लोग फ़ॉलो करते है अकाउंट को. देखो 74 लोगों ने तो फॉलो भी कर लिया.
गौतम - ये सब नहीं दिखाना होता इंस्टा लाइव पर समझी आप? मुझे बिना बात में फेमस कर रही हो. मुझे नहीं होना फेमस.
सुमन - अच्छा अब हो गया, छोड़ दे मेरे पैर वरना मुझे पाप लगेगा..
गौतम - अच्छा जब मेरे पैरो के हाथ लगाती हो तब पाप नहीं लगता?
सुमन - फ़ोन को क्या हो गया?
गौतम - क्या हुआ?
सुमन - देखो चलते चलते रुक गया. पहले वो क्या कहते है उसे वो तुमने बताया था जो रील्स.. वो आ रही थी अब नहीं आ रही..
गौतम - कैसे आएगी 1 घंटे में तो पूरा इंटरनेट डाटा उड़ा दिया आपने..
सुमन - मतलब?
गौतम - मतलब ये की रोज का दो gb इंटरनेट डाटा मिलता है मुझे जो आपने रील्स देख देखकर और ये फ़ालतू की अप्प्स चला चला के ख़त्म कर दिया.. अब रात को बारह बजे के बाद ही अगला 2gb डाटा मिलेगा..
सुमन - अच्छा. मुझे कहा ये सब आता था..
गौतम - ये क्या फालतू की वीडियो बनाके डाली है आपने अकाउंट पर.
सुमन - अच्छी तो है तुमने कहा गाने की डालेंगे तो सब फ़ॉलो करेंगे. देखो 117 लोगों ने फॉलो भी किया है.
गौतम - पर ये बग्राउंड में कितना शोर है आपकी आवाजे ही नहीं आ रही है आप क्या गा रही है..
सुमन - वो सब मुझे नहीं पता..
गौतम - अच्छा ठीक है छोडो, कल से मैं आपकी मदद करूंगा.. आप आराम करो मैं जाता हूँ..
सुमन - ग़ुगु..
गौतम - हां?
सुमन - चाय मिलेगी?
गौतम - 200 रुपए लगेंगे.
सुमन - इतनी महगी? मैं खुदसे बना लुंगी.
गौतम - लेटे रहो मैं बनाता हूँ आप भी पापा की तरह कंजूस हो..
सुमन - अब आये ना लाइन पर, मसाले वाली बनाना एकदम कड़क.
गौतम रसोई में जाकर चाय बनाने लगता है इतने में उसका फ़ोन बजता है..
गौतम फ़ोन उठाकर - मुझे पता था तू जुगाड़ कर लेगा भाई. कुछ भी जुगाड़ने में तेरेसे बड़ा आदमी मैंने आज तक नहीं देखा. जीनियस है तू गांडु जीनियस.
आदिल - भोस्डिके इतने भी मेरे आंड मत चाट वरना शुगर हो जायेगी तुझे, 7 बजे मेरी गली के कोने पर आके मिल और लेट मत करना..
गौतम - 10 मिनट पहले पहुंच जाऊंगा भाई. चल रखता हूँ..
गौतम चाय बनाके सुमन के पास ले जाता है..
गौतम - माँ. चाय
सुमन चाय लेटे हुए - बाबाजी तेरे जैसा बच्चा सबको दे.
गौतम - माँ वो आज पढ़ाई के लिए फ्रेंड के घर जाना है रात को वही सो जाऊंगा..
सुमन - कोनसा फ्रेंड?
गौतम - कॉलेज फ्रेंड है आप नहीं जानती.
सुमन - कहीं जाने की जरुरत नहीं है घर पर ही बुला लो जिसके साथ पढ़ना है.
गौतम - यहां कैसे बुलाऊ माँ? जगह कहाँ है? आप तो जानती हो, आप कहोगी तो नहीं जाऊंगा.
सुमन - ओ ड्रामा क्वीन, तेरे ना ये नाटक अब मेरे सामने नहीं चलने वाले समझा? इमोशनल ब्लैकमेल करके रातभर गायब रहता है आज तो पक्का नहीं जाने दूंगी.
गौतम सुमन के बिलकुल नजदीक आकर उसे गले से लगा लेता है और सुमन के गाल पर 3-4 चुम्मिया करके कहता है - सचमें पढ़ाई करने जा रहा हूँ, आप चाहो तो जिसके पास जा रहा हूँ उसका अड्रेस और नम्बर दे जाता हूँ आपको यक़ीन ना हो तो कभी भी आकर चेक कर लेना.
सुमन - ठीक है पर सिर्फ पढ़ाई करना. फ़ोन में नंगी नंगी लड़कियों की देखकर बिगड़ मत जाना.
गौतम - छी, आप जानती हो मैं सिर्फ आपको देखता हूँ.
सुमन - मुझे सब पता है, मैं खाना बना देती हूँ खाके जाना.
गौतम - माँ वो अभी भूख नहीं लग रही मैं उसीके घर कुछ खा लूंगा. आप अपना ख्याल रखना.

गौतम अपनी बाइक लेकर आदिल के घर के कोने पर आ जाता है और अपनी बाइक का हॉर्न बजाकर जोर जोर से चिल्लाने लगता है..
गौतम - कबाड़ी वाले.. कबाड़ी वाले.. कबाड़ी वाले..
गौतम की आवाज सुनकर आदिल की बहन रेशमा घर की बालकनी से गौतम को देखती और खा जाने वाली नज़रो से उसे घूरती है इतने में पीछे से आदिल एक टपली मारते हुए गौतम से कहता है..
आदिल - अपने बाप की मैयत का रोना रो रहा है साले इतनी जोर से चिल्ला चिल्लाकर. और पीछे बैठ जाता है..
गौतम बाइक स्टार्ट करके - भाई कसम से तू मेरी जिंदगी में नहीं होता ना तो मैं वर्जिन ही रह जाता.
आदिल - हां तू वर्जिन रह जाता और मैं बेवा..
गौतम - अच्छा गाडी में तेल तो डलवा दे भाई.
आदिल - मूत देता हूँ भोस्डिके भर जाएगा टेंक. अब तेल भी मैं डलवाऊ तेरी गाडी में?
गौतम - छोटी छोटी बातों में तेरा मेरा कर रहा है भड़वे, मैंने आज तक तेरा मेरा किया है दोस्ती में? मत डलवा बहनचोद रिजर्व में भी चल जायेगी घर तक तो..
आदिल - रोये मत रंडी.. रोक ले पंप पर डलवा ले मूत इसमें..
गौतम पेट्रोल पंप पर बाइक रोककर - भईया 1000 का डाल दो..
आदिल - तूने एक साथ देखे है कभी 1000 रुपए? भोस्डिके. भाई तू 200 का डाल.
तेल डलवाकर गौतम और आदिल दोनों नवाब खान की दूकान के आगे बाइक रोकते है और ऊपर जाकर एक टेबल पर बैठते है..
आदिल वेटर से - भाई दो प्लेट बिरयानी लगा दे..
गौतम - और एक प्लेट पैक भी कर देना.
आदिल - घर लेके जाएगा क्या?
गौतम - नहीं बे चोदने के बाद भी भूख लगती है मुझे.
आदिल - साले चोदू पिछली बार तो तू भी ढीला पड़ गया था..
गौतम - अबे तो वो लड़की थोड़ी थी पक्की छिनाल थी, साली ने अपना हाथ अंदर डाल लिया मेरे लोडे से क्या फर्क पड़ता उसको?
वेटर बिरयानी रखकर जाने लगा तो गौतम वेटर से..
गौतम - भाई रायता भी ला दे.
आदिल - उफ्फ्फ यार बहनचोद हैदराबाद और लखनऊ तो फालतू फैमस है बिरयानी हो तो अजमेर जैसी.. इसकी माँ को चोदू खाते ही करंट आ जाता है नस नस में.
गौतम - सही बोल रहा है मेरे दोस्त, वैसे पैसो का जुगाड़ कहा से किया?
आदिल - मम्मू का गल्ला और क्या कहा से?
गौतम - भोस्डिके जिस दिन उसे पता लगा ना तू गल्ले पर बैठकर क्या करता है वो तेरी गांड मार मारके वसूलेगा..
आदिल - अबे तो क्या वो अपनी छाती पे धरके ले जाएगा पैसा? मोटा ग़ल्ला है रोज़ का, 2-3 हज़ार इधर उधर करने से उसे घंटा नहीं पता चलने वाला..
गौतम - सही कह रहा है वैसे भी तू होने वाला दामाद है.. तुझे क्या बोलेगा.
आदिल - भाई बोलने की तो बात मत कर, साला अपने बेटे तक को ना छोड़े कमीना.. मुझे तो नरगिस पसंद है इसलिए निकाह कर रहा हूँ. पहले भी अम्मी से कहकर बहुत कोशिश की पर उससे निकाह नहीं हो पाया. मामू ने टांग अड़ा दी और उस सऊदी अरब वाले हसन के साथ निकाह करवा दिया लेकिन हुआ क्या? साले ने 2 महीने के बाद ही तलाक़ देकर वापस भेज दिया.
गौतम - बस भाई अब आगे की कहानी मत सुना वरना आंसू आ जाएंगे. इससे पहले की बिरयानी ठंडी हो खाने में फ़ायदा है..
आदिल वेटर से - बियर कोनसी पड़ी है?
वेटर - सर यहां सिर्फ खाना मिलता है अल्कोहल नहीं मिलती..
आदिल - नया काम पर आया है क्या?
वेटर - हां इसी हफ्ते से..
गौतम - सुन.. अनवर के पास जा और उसको बोल वो दे देगा तुझे..
वेटर जाता है कुछ देर बाद किंगफ़िशर के दो कैन लेकर टेबल पर रख देता है..
आदिल और गौतम बिरयानी के साथ बियर पीते हुए बातें करने लगते है और आखिर में बियर और बिरयानी दोनों ख़त्म कर के टेबल से उठ जाते है..
आदिल - कितना हुआ अनवर?
अनवर - 920
गौतम बिल देखकर - अबे सब पर रेट बढ़ा दी क्या दस दिन में? परमानेंट लोगों के लिए डिस्काउंट रखा कर. बहनचोद लोग गल्लों में पैसे चुरा चुरा के बिरयानी खाने आते है तुम्हारे..
आदिल - चूतिये एक बियर में फेल हो गया क्या? क्या बकवास कर रहा है?
अनवर - यार तुम पुरानी रेट पर दे दो.. लाओ 750 हो गए..
आदिल - ये लो पैसे..
गौतम - मेरे अफीम का पैकेट कहा है?
अनवर - ले तेरी अफीम.. चम्मच भी है अंदर.. वापस मत आना चम्मच माँगने..
आदिल - भोस्डिका एक बियर में बिरयानी को अफीम बोल रहा है दूसरी पिला दी तो स्प्लेंडर को हवाई जहाज समझके उड़ा ना दे..
गौतम - चल भाई i can't wait to fuck bhabhi ji.. bhabhi ji i am coming for you..
आदिल - भोस्डिके ये तेरी नोबल अकेडमी नहीं है समझा? चल पीछे होजा मुझे चलाने दे..
गौतम - आजा मेरी घोड़ी जल्दी बैठ.. क्या गांड है तेरी.
आदिल - माँ के लोडे चिपका चिपकी मत कर.
गौतम - भाई तेरी गांड मारने का मन कर रहा है.
आदिल - पीछे हो जा भड़वे, क्यू अपनी माँ चुदा रहा है चूतिये..
गौतम - ये गांड मुझे दे दे आदिल.. ये गांड मुझे देदे..
आदिल - मादरचोद गाडी गिरा दूंगा, ढंग से बैठ जा.
गौतम - भाई तेरा बाप ऐसे ही आवाजे लगता है ना.. कबाड़ी वाले.. कबाड़ी वाले..
आदिल - चुदाईखाने चुपचाप बैठ जा वरना तेरी अफीम फेंक दूंगा. ठुल्ले की औलाद..
गौतम - नहीं नहीं ओ गांडू, मज़ाक़ कर रहा था गिरा मत देना उसको..
आदिल - बहन के लोडे एक बियर नहीं झीलती तुमसे.
गौतम - भाई और कितना दूर है यार एक घंटे से चलाये जा रहा है कार को..
आदिल - साले फालतू मज़ाक़ मत कर, दस मिनट भी नहीं हुई नवाबवाले के से निकले.. जगताल जाना है अभी टाइम लगेगा..
गौतम - जगताल? कबाड़ी की औलाद अब तू मुझे रंडीखाने में ले जाएगा.. साले दलाल..
आदिल - ज्यादा नाटक करेगा ना रंडी यही से वापस भेज दूंगा..
गौतम - अच्छा ठीक है यार, तू बुरा मान जाता है बात बात में लड़कियों की तरह, तू तो मेरा भाई है. ला एक पप्पी दे दे..
आदिल - सूअर तू मीठा बन गया क्या? कभी गांड के हाथ लगा रहा है कभी पप्पी ले रहा है..
गौतम - भाई दारू पिने के बाद तेरी गांड भी मिया खलीफा जैसी लगती है..
आदिल - भोस्डिके झांटभर की दारु पीकर ये हाल है कभी ढंग से पी लिया तो क्या होगा?
गौतम - भाई एक और बियर पीनी है.
आदिल - मेरा मूत पिले लोडे.
गौतम - रोक बहनचोद रोक बाइक, मुझे उतार दे.. एक बियर पर औकात दिखा रहा है झाँटु, जाने दे वापस मुझे. जा तू अकेला नहीं करना मुझे कुछ भी रोक..
आदिल - दिला दूंगा भड़वे चुप बैठ जा अब.
गौतम - वो ठेका आ गया सामने..
आदिल - भाई बंद है.
गौतम - नीचे से सब खुला है लोडे देख..
आदिल ठेके के सामने गाडी रोक कर - पिने के बाद परेशान नहीं करेगा..
गौतम - बोलूगा भी नहीं भाई..
आदिल - ठीक है रुक मैं लाता हूँ
गौतम - ठंडी लाना..
आदिल - चिल्ला मत रंडी..
गौतम - नमकीन हो तो वो भी..
आदिल ठेके के नीचे एक छोटे से खाने में नॉक करता है अंदर से आदमी की आवाज आती है..
आदमी - क्या चाहिए?
आदिल - एक बियर
आदमी - कोनसी?
आदिल - कोई सी भी सस्ती
आदमी - 170 रुपए
आदिल - लो.
आदमी अंदर से एक किंगफ़िशर की बोतल बाहर सरका देता है जिसे आदिल लेकर गौतम के पास आ जाता है..
आदिल - ले पीछे जाके पिले
गौतम बोतल लेकर खोलते हुए - पीछे क्यू बहनचोद सामने पिएंगे सबके. तू कार चला.
आदिल - चल ठीक है मगर कोई बकचोदी मत करियो.
गौतम बियर पीते हुए - भाई एक बात बोलू?
आदिल - बोल
गौतम - भाई तेरा बाप कबाड़ी वाले मस्त बोलता है..
आदिल - अबे ठुल्ले की औलाद वापस शुरु हो गया तू?
गौतम बियर पीते हुए - अच्छा सॉरी सॉरी. भाई अब नहीं बोलूंगा.
आदिल - भाई यार बकचोदी मत कर वैसे भी गांड फट रही है रंडीखाने जाने में..
गौतम - भाभी केसे बुक की तूने गंडमरे?
आदिल - अरे सोनू ने फोटो भेजी थी देखते ही पसंद आ गई साली..
गौतम - तो बुलवा लेता उसे..
आदिल - रूम पर आने के 10 हज़ार मांग रही थी, तेरी माँ के घेहने बेचने पड़ जाते..
गौतम - कबाड़ी वाले की औलाद साले भिखारी ऐसी गन्दी जगाह ले जा रहा है मुझे.. हाय किसी ने मेरी इज़्ज़त लूट ली तो? मेरा क्या होगा? मैं तो मुंह दिखाने लायक ही नहीं रहूँगा..
आदिल - रंडी पहुंचने वाले है अगर यहा तूने नाटक किया ना बहुत मारुंगा तुझे..
गौतम - भाई नहीं कुंगा बस एक बियर और पीला दे..
आदिल - भड़वे आँख चढ़ रही है तेरी इससे ज्यादा में यही सो जाएगा.. कभी कभार वाले के लिए इतनी बियर बहुत है.. अब चल.. वो साला सोनू कहा मर गया..
गौतम नशे में - भाई तू है तो दल्ला..
आदिल - अबे तेरे पैर छूता हूँ भाई तू अब कोई हरकते मत कर मेरी पहले फट रही है अंदर जाने में..
गौतम - क्यू डर रहा है भाई? बाप पुलिस में है मेरा इन सबकी माँ चोद देगा हवा में उछाल के..
आदिल - चूतिये उसको पता चल गया ना की तू यहां है तो सबसे पहले तेरी चोदेगा, वो भी हवा में उछाल के. अब मुंह बंद रख..
गौतम - अरे वो रहा तेरा सोनू.. ओ सोनू दल्ले.. सोनू दलाल..
आदिल - बहन के लोडे मुंह बंद रख अपना..
सोनू गौतम की आवाज सुन लेता है और उनके पास आ जाता है..
सोनू आदिल से - ये तेरा दोस्त ग़ुगु है ना..
गौतम - हां सोनू भाई मैं आदिल का दोस्त हूँ और आप चाहो तो मुझे अपना बाप बना सकते हो..
सोनू - क्या बकचोदी कर रहा है ये..
आदिल - अरे थोड़ा नशे में है बस तू वो बात कर जो अपने बीच हुई थी..
सोनू - भाई वो बिहारन तो किसी के साथ चली गई यार..
आदिल - भाई दिमाग अम्मी मत चोद, फटी गांड हाथ में लेके आया हूँ यहांपर..
सोनू - तो भाई मैं क्या करू अगली को वहा डबल पैसा मिला तो चली गई.. वैसे एक-दो भाभी ज़ी और है अगर मिले तो बता उसी रेट में.
गौतम - मिलेंगे मिलेंगे सोनू बेटा सबसे मिलेंगे..
आदिल - अबे चुप कर चूतिये.. अफीम गिरा दूंगा तेरी वरना.. सोनू भाई कोई फोटो कुछ है उनका..
सोनू फ़ोन निकाल कर भाई ये दो है लाल सूट वाली हरयाना की देसी है एकदम कड़क माल और दूसरी उप्र की है मज़ा ये भी पूरा देती है..
आदिल - भाई थोड़ी ज्यादा बड़ी नहीं लग रही?
सोनू - अबे तो तुमको कोनसी शादी करनी है? पेलना है और खेलना है रातभर बस.. पहले जों बुक की थी वो 32 की थी ये दोनों 34-35 के आस पास है बताओ करना है तो वरना मैं जाऊ?
आदिल - भाई सर्विस?
सोनू - फुल सर्विस नो एक्स्ट्रा चार्ज दोनों का.. बोलो करना है?
आदिल - अब आये है करके ही जाएंगे और क्या?
सोनू - कोनसी?
आदिल - हरयाना वाली.. पर कोई फालतू बसड नहीं चाहिए..
सोनू - बसड़ किस बात की? चलो आ जाओ मेरे पीछे पीछे..
सोनू आदिल और गौतम अपने पीछे पीछे जगताल की उन बदनाम गलियों से घूमता हुआ एक पुराने से दिखने वाले मकान के सामने ले आया और दोनों को दरवाजे पर रोक कर खुद अंदर चला गया..
गौतम नशे के सुरूर में अपने दोस्त आदिल की फटी हुई गांड को और फाड़ने का काम किये जा रहा था और आदिल मज़बूरी में उसे झेले जा रहा था गौतम को अपने साथ रखना उसकी मज़बूरी थी गौतम के अलावा उसका एक भी पक्का दोएत नहीं था जो उसके लिए खड़ा हो सकता था और वो जानता था की गौतम दिल का बुरा नहीं है यही कारण था की गौतम की इन हरकतो के बावजूद आदिल उसे भाई की तरह मानता था..
सोनू बाहर आकर - अंदर आ जाओ..
आदिल गौतम के साथ अंदर चला गया और सोनू के पीछे चलते हुए मकान की तीसरी मंज़िल पर पहुंचकर एक बड़े कमरे में पहुंच गये जहाँ 4-5 औरते एक साथ बेड पर बैठी थी और उनमे से एक औरत जो करीब 50-52 साल की थी दूसरी औरत से अपने पैर दबवा रही थी..
सोनू और उसके पीछे पीछे गौतम और आदिल भी कमरे के अंदर आ गए थे..
सोनू - रेखा काकी.. ये दोनों लड़के है. पैसे एडवांस ले लिए..
रेखा काकी आदिल और गौतम को देखकर - क्या रे नाबालिक तो नहीं हो दोनों? तू चिकने..
सोनू ने गौतम की तरफ इशारा किया..
रेखा ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा - ये तेरे हाथ में क्या है? क्या है इस थैली में?
गौतम - इसमें अफीम है खानी है?
आदिल ने अपनी फटी हुई गांड सँभालते हुए गौतम को देखा और इशारे से चुप रहने को कहा..
रेखा काकी - बेटा यहां मसखारी नहीं.. वरना इज़्ज़त लेने की जगह देनी पड़ सकती है.. समझा?
गौतम - मैं तो लेने और देने दोनों के लिए त्यार हूँ बताओ किसको देनी है और किसकी लेनी है?
कमरे में बैठे सभी लोग जोर से खिलखिलाकर हंसने लगे और रेखा भी हस्ते हुए गौतम को देखने लगी.
रेखा काकी - क्यू रे नाम क्या है इसका?
सोनू - काकी ग़ुगु..
रेखा काकी हस्ते हुए - क्या चिकने? ज्यादा जवानी चढ़ी है? कहे तो पुलिस के आदमी बुलाके उतरवा दू? जेल में जाएगा तो सारी उतर जायेगी.. ऐ नीतू जरा लगा तो फ़ोन उस ठुल्ले को..
आदिल - नहीं नहीं हमे कुछ नहीं करना पुलिस को मत बुलाओ.. हम जाते है यहां से.. ये तो बस थोड़ी दारू पी रखा है इसलिए ऐसा बोल रहा है..
गौतम - अबे क्या छोरियो की तरह रो रहा है गांडु बुलाने दे पुलिस को.. मेरा बाप पुलिस वाला है हम तो एक दो घंटे में छूट जाएंगे मगर तुम्हारे ऊपर इतने फ़र्ज़ी केस लगेंगे की गिनती भूल जाओगे..
रेखा काकी - अरे ये देखो, मुझे लगा की मेरे थोड़ा डराने से रोने लगेगा मगर ये मुझे ही धमकाता है.. बेटा तेरे बाप जैसे बहुत सारे ठुल्ले रेखा काकी के ब्लाउज में बंद है समझा? नादान बच्चा समझके माफ़ किये देती हूँ वरना तेरी ये चाँद सी सूरत अमावस जैसी करवा डालती मैं आज.. सोनू लेजा इस लाल शर्ट को और मिला दे काजल से..
सोनू - काकी ग़ुगु को
रेखा काकी - इस ग़ुगु को रूपा के कमरे में भेज, बहुत दिनों से उदास है बेचारी शायद इस ताज़ा खिले फूल का मीठा रस पीकर खुश हो जाए.. कहना काकी ने बर्थडे गिफ्ट भिजवाया है
आदिल - हमारे पास और पैसे नहीं है देने के लिए..
रेखा काकी - तुमसे मागे मैंने और पैसे? diwali ऑफर है एक के साथ एक फ्री.. चलो अब जाओ..
सोनू - चलो
सोनू गौतम और आदिल को नोचे दूसरी मंज़िल पर ले आता है और चुनी हुई लड़की के पास आदिल को छोड़कर कोने वाले कमरे में गौतम को ले जाता है जहाँ खिड़की के सामने खड़ी हुई औरत जो अपनी उंगलियों में सुलगती हुई सिगरेट लगाए कश लेकर धुआँ बाहर छोड़ रही थी को पुकारता है..
सोनू - रूपा मौसी..

रूपा - 40
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सोनू की आवाज से रूपा का सारा ध्यान खिड़की के बाहर से अंदर की ओर मुड़ जाता है रूपा दरवाजे पर खड़े सोनू को देखती है ओर सोनू आगे कहता है..
सोनू - मौसी वो काकी ने इस लड़के को भिजवाया था आपके आप, काकी बोली आपका बर्थडे गिफ्ट है.
गौतम अपने बहकते हुए कदमो पर खड़ा होकर नशीली आँखों से कमरे की सजावट देखे जा रहा था उसने इतना सजा हुआ कमरा कभी नहीं देखा था उसका ध्यान ना रूपा पर था ना सोनू पर ना ही उन दोनों की बातों पर..
रूपा - और क्या कहा दीदी ने?
सोनू - कुछ नहीं. बस यही कहा..
रूपा - नाम क्या है इसका?
सोनू - ग़ुगु..
रूपा - ठीक है तू जा..

सोनू रूपा के कहने पर वहा से चला गया और रूपा ने सोनू के जाने के बाद अपनी उंगलियों में सुलगती हुई सिगरेट का एक लम्बा कश खींचा और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया..
Good beginning
 

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Update 31

सुबह 10:00 बजे नींद के आगोश में सोए गौतम की नींद दिन के 2:00 खुली.. गौतम ने जो सपना देखा था उसके बारे में काफी देर तक वो सोचता रहा कि कैसे उसे ऐसे अपने आ रहे है.. लेकिन फिर अपना ध्यान सपने से हक़ीक़त में लाता हुआ बेड से खड़ा हो गया... गौतम ने होटल में देखा तो लगभग सब घर जा चुके थे.. होटल में सिर्फ कुछ मेहमान लोग ही बचे थे. गौतम ने सुमन को फोन किया तो सुमन ने उसे घर आने के लिए कहा.. गौतम का सारा सामान सुमन अपने साथ घर ले जा चुकी थी बस एक शराब की बोतल यही पड़ी थी अभी तक.. और नींद में होने के कारण सुमन ने गौतम को जगाना जरूर नहीं समझा क्योंकि सुमन जानती थी कि गौतम रात भर का जगा हुआ है. सुमन से बात करके गौतम ने फोन रख दिया और फिर अपना मुंह धो कर होटल से घर के लिए निकल गया उसने देखा की यहां आज भी किसी ना किसी की शादी तैयारी चल रही थी..


गौतम जब घर पहुंचा तो उसने देखा कि ऋतु के विदाई की तैयारी चल रही है और घर पर कुछ खास मेहमानों के अलावा घर के लोग ही थे. गौतम अपने कमरे में जाकर नहाने लगा. जब गौतम बाथरूम से नहा कर निकाला तो उसके सामने चाय का कप हाथ में लिए गायत्री खड़ी थी गायत्री ने चाय का कप टेबल पर रखा और फिर गौतम के गाल को सलाहकार उसपर एक प्यारा सा चुंबन करती हुई बोली..
गायत्री - गूगु चाय पी ले और जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जा.. तेरी दीदी की विदाई होने वाली है..
गौतम ने गायत्री की कमर में हाथ डालकर उसे अपने बिल्कुल करीब खींचते हुए गले से लगा लिया और दीवार से चिपक कर उसके होठों के बिल्कुल करीब अपने होंठ लाकर गायत्री से बेहद कामुक अंदाज में बोला..
गौतम - विदाई तो होती रहेगी नानी थोड़ी सी चुदाई करें?
गायत्री गौतम के होठों से अपने होंठ सटाती हुई बोली - अभी नहीं बेटा.. पिछली बार का दर्द अब तक बाकी है जब ठीक हो जाएगा तब कर लेना..

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गौतम ने कुछ पल गायत्री के होठों का चुम्मा ही था कि उसे किसी के आने की आहट सुनाई दी और वह गायत्री से दूर हटकर टेबल पर रखे चाय के कप को उठाकर चुस्कियां लेते हुए चाय पीने लगा और दरवाजे के बाहर से अंदर आते हुए उसे संजय दिखा जिसने आते ही गायत्री से कहा..
संजय गायत्री से - माँ चलो ना ऋतू को विदा करना है..
गायत्री - चल संजय मैं तो ग़ुगु को चाय देने आ गई थी..
संजय - ग़ुगु तू जल्दी नीचे आजा बेटा..
गौतम - ज़ी मामा ज़ी.. नहाने लग गया था मैं बस तैयार होकर आता हूँ..

गायत्री संजय के साथ नीचे चली गई थी और गौतम अपने कपड़े पहनने लगा था.. गौतम तैयार होकर जैसे ही नीचे आया उसने देखा कि हॉल में बहुत सारे लोग एकत्रित हो रखे थे और बीच में ऋतु में बैठे हुए थी राहुल के साथ. दोनों से मेहमान हंसी स्टोरी कर रहे थे और अपनी अपनी बातें एक दूसरे को बता रहे थे जब विदाई की बारी आई तो ऋतु के आंसू निकलने लगे और वह रोती हुई संजय औऱ गायत्री से लिपट गई..

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ऋतू तो फूट के रोने लगी और एक-एक करके सबसे मिलने लगी उसने सबसे पहले अपने पिता संजय फिर गायत्री फिर कोमल सुमन चेतन आरती और फिर ग़ुगु के गले लगते हुए रोना जारी रखा.
गौतम के गले लगकर रितु बहुत जोर से फूट-फूट कर रोने लगी जिस पर गौतम ने धीमी आवाज में ऋतु के कान में कहा.. दीदी इतना ड्रामा मत करो.. मैं जानता हूं आपको घंटा रोना नहीं आ रहा..
गौतम की बात सुनकर रितु रोना कम कर देती है मगर रोना बंद नहीं करती.. ऋतू आम लड़कियों की तरह ऐसा जता रही थी जैसे वह घर से विदा नहीं होना चाहती और हमेशा यही रहना चाहती है मगर गौतम को ऋतू की ये नाटक और ड्रामेबाजी अच्छे से समझ आ रही थी. सबके बार-बार समझाने पर भी रितु रोने का नाटक करने के राहुल के साथ विदा होने से इनकार कर कर रही थी और जाने से मना कर रही थी..

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घर के दरवाजे पर गाड़ी तैयार थी मगर ऋतू उसमे बैठने को तैयार नहीं थी उसने अब तक घर के हाल से कदम आगे नहीं बढ़ाया था और सब उसे बारी बारी से समझा कर थक चुके थे की बेटी लड़की को ससुराल जाना पड़ता है लड़की पराया धन होती है. जब ऋतू किसी के समझाने से नहीं समझी और अपना रोने धोने का नाटक जारी रखते हुए हाल में ही बैठ गई तो गौतम में रितु को अपनी गोद में उठा लिया और हाल से उठकर बाहर लाते हुए गाड़ी में बैठा दिया..

गौतम इमोशनल ड्रामा करते हुए ऋतू के बगल में बैठे हुए राहुल से कहा - जीजा जी ख्याल रखना मेरी बहन का.. फूलों की तरह कोमल नाजुक प्यारी है.. बहुत संस्कारी सुशील औऱ पवित्र भी.. कभी दिल मत तोडना मेरी बहन का..
राहुल - आप फ़िक्र मत कीजिये.. मैं ऋतू को खुश रखूँगा..

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गौतम इतना कहकर गाड़ी से दूर हो गया और फिर बारी-बारी से घर के लोग ऋतू से मिलने लगे और उसे समझने लगे की ससुराल में उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं.. इतना सब हो ही रहा था कि गौतम घर के गेट पर खड़ा हो गया.. औऱ अपने फ़ोन में पिंकी का कॉल आते देखकर ऊपर छत पर चला गया और पिंकी का कॉल उठाकर बोला..
गौतम - हेलो बुआ?
पिंकी - केसा है मेरा ग़ुगु?
गौतम - आपके बिना केसा हो सकता हूँ बुआ? कल कितने फ़ोन किये आपको.. पर आप फ़ोन बंद करके बैठी थी.. उस दिन कहा था ना शादी में आना है.. आपके बिना बोरिंग थी सादी..
पिंकी - सॉरी ग़ुगु.. वो फ्लाइट इतनी डिल्य हो गई की आना हो ही नहीं पाया.. फ़ोन भी चार्ज नहीं किया था मैंने.. अभी अभी घर पहुंची हूँ..
गौतम - कहाँ गई थी आप?
पिंकी - तेरे फूफा ज़ी के साथ लन्दन गई थी ग़ुगु.. तेरे लिए बहुत से गिफ्ट लाई हूँ.. अभी यही है ना?
गौतम - हाँ.. दीदी की विदाई का नाटक चल रहा है..
पिंकी हसते हुए - अच्छा वो सब छोड़ जल्दी मेरे पास आजा..
गौतम - एड्रेस पहले वाला ही है ना?
पिंकी - नहीं बाबू अब वहा नहीं रहते.. मैं तुझे व्हाट्सप्प करती हूँ अड्रेस.. तू जल्दी से आजा अपनी बुआ के पास.. मुझे तेरे प्यारे से होंठ चूमने है..
गौतम - आता हूँ बुआ..
पिंकी - बाय बाबू..
गौतम - बाय बुआ..

ऋतू की विदाई हो चुकी थी औऱ गौतम अपने कमरे में जूते पहन रहा था तभी सुमन अंदर आते हुए बोली - खाना खा ले ग़ुगु..
गौतम - होटल में खा लिया था माँ.. अब रात को ही खाऊंगा..
सुमन - कहीं जा रहा है..
गौतम - हाँ.. उस दिन आपने बुला लिया तो शहर अच्छे से घूम नहीं पाया था.. कल तो वैसे भी वापस घर चले जाएंगे तो आज बाकी का शहर घूम लेता हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के सर को चूमकर - वापस आने में ज्यादा देर मत करना..
गौतम - I'll be back soon माँ..
सुमन - हम्म्म.. क्या ग़ुगु?
गौतम सुमन के गाल पर चूमा देकर - मैंने कहा मैं जल्दी आ जाऊंगा..
सुमन मुस्कुराते हुए - हाँ तो ऐसे बोल ना.. अंग्रेजी में क्या गिटर पीटर करता मेरी तो कुछ समझ नहीं आता..
गौतम - आपने ही बड़े स्कूल में डलवाया था याद है?
सुमन - हा हा तो क्या अपनी अंग्रेजी अपनी अनपढ़ माँ पर झाड़ेगा?
गौतम सुमन का हाथ पकड़ते हुए - अनपढ़ कैसे हुई आप.. पढ़ना लिखना तो अच्छे से आता है आपको.. टीवी देखकर सारे इंग्लिश के वर्ड भी सिख गई हो.. औऱ घर का सब काम भी कितनी अच्छे से करती हो.. आप तो भारतीय संस्कारी नारी का परफेक्ट एक्साम्प्ल हो..
सुमन गौतम के होंठों को उंगलियों से पकड़कर - अब इतनी भी तारीफ़ मत कर अपनी माँ की..
गौतम सुमन ऊँगलीयों को चुमकर - काश मैं आपकी तारीफ़ कर सकता माँ.. आपकी तारीफ़ के लायक़ शब्द हो नहीं बने दुनिया में..
सुमन हसते हुए - हट बदमाश.. चल अब जा.. मुझे भी बहुत काम है अभी..
गौतम प्यार से बच्चों जैसा फेस बनाकर - किस्सी तो दे दो माँ..
सुमन मुस्कुराती हुई गौतम के सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उसके होंठों से अपने होंठ मिलकर एक छोटा सा चुम्मा करती हुई गौतम से बोली - खुश? चल अब जाने दे..
सुमन चली जाती है औऱ गौतम भी घर से निकल जाता है..
200


**********

अरे अरे कहा घुसे चले आ रहे हो भाई? क्या काम है, किससे मिलना है?
गॉर्ड ने बँगले के गेट पर गौतम को रोककर कहा..
गौतम - ज़ी मुझे पिंकी बुआ से मिलना है..
बँगले के गेट पर खड़े दो गार्डो में से एक ने कहा - यहां कोई पिंकी नहीं रहती जाओ यहां से..
गौतम फ़ोन में एड्रेस देखकर - पर ये अड्रेस तो यही का है..
एक गार्ड ने एड्रेस देखकर कहा - एड्रेस तो यही का है भईया पर यहां कोई पिंकी नहीं रहती.. गलत अड्रेस भेजा है किसी ने आपको.. आप जाइये यहां से मालकिन बहुत गर्म मिज़ाज़ की है.. उन्होंने किसी अजनबी को देख लिया तो हमारी नौकरी खतरे में पड़ जायेगी..

गौतम पिंकी को फ़ोन लगाता हुआ - हेलो.. बुआ?
पिंकी बँगले के गेट के पास अंदर बने गार्डन में एक चेयर पर बैठी हुई कोई फेशन मैगज़ीन पढ़ रही थी की गौतम का फोन आने पर फोन उठती हुई बोली - हाँ बाबू..
गौतम - बुआ ये अड्रेस तो गलत है शायद.. गेट पर खड़े गार्ड बोल रहे है यहां कोई पिंकी नहीं रहती है..
पिंकी गुस्से में मैगज़ीन सामने रखी टेबल पर फेंककर - तू रुक वही.. मैं आती हूँ..
गौतम को तुरंत ही रूपा का फ़ोन आ जाता है औऱ वो रूपा से बात करते हुए गेट से दूर चला जाता है..
पिंकी गुस्से से तिलमिलती हुई गार्डन से गुजरते हुए बंगले के गेट पर पहुंची..

पिंकी को देखकर दोनों गॉड सर झुकाकर एक साथ बोले - नमस्ते मेम साब..
पिंकी गुस्से में - तुम दोनों की हिम्मत कैसे हुई मेरे भतीजे को गेट पर रोकने की? इतनी भी तमीज नहीं है कि किसे रोकना है औऱ किसे नहीं? ये सब भी सीखना पड़ेगा तुम लोगों को..
एक गार्ड सर झुका कर - माफ़ करना मेमसाब.. हम नहीं जानते थे भईया ज़ी कौन है.. गलती हो गई हमसे..
पीछे से पिंकी के पति फ़कीरचंद आता हुआ..
फ़कीरचंद - क्या हुआ प्रमिला.. क्यों चिल्ला रही हो इन दोनों बेचारो पर..
पिंकी गुस्से में - चिल्लाऊ नहीं तो क्या करू.. पहली बार मेरा ग़ुगु मेरे पास आया है औऱ उसे अंदर आने से रोक दिया दोनों ने.. इनको अभी नौकरी से निकालती हूँ मैं..
दूसरा गार्ड सर झुका कर - मालिक.. हमें माफ़ कर दो.. हमें गलतफेहमी हो गई थी.. हमें पता नहीं था प्रमिला मेमसाहेब के घर का नाम पिंकी है..
फ़कीरचंद मुस्कुराते हुए - अरे छोडो ना प्रमिला.. गलतफहमी हो जाती है.. इंसान है.. औऱ ग़ुगु आया है? कहा है वो?
प्रमिला गेट के बाहर आकर देखती है तो गौतम थोड़ी दूर पर रूपा से फ़ोन पर बात कर रहा होता है..
पिंकी आवाज लगा कर - ग़ुगु..
गौतम पिंकी को देखकर रूपा से बाद में बात करने की बात बोलकर फ़ोन रख देता है औऱ वापस आ जाता है..
फ़कीरचंद मुस्कुराते हुए - कितना बड़ा हो गया है ग़ुगु? बिलकुल हीरो लगने लगा है..
पिंकी गौतम को जोर से गले लगाती हुई - लगने क्या लगा है.. है ही हीरो मेरा ग़ुगु..
गौतम - बुआ आराम से..
फ़कीर चंद हसते हुए - अब छोड़ भी दो अपने भतीजे को प्रमिला..
प्रमिला - सॉरी तुझे वेट करना पड़ा गेट पर..
गौतम - कोई बात नहीं बुआ.. ये तो बहुत छोटी सी बात है..
पिंकी - पैर वेर छूना नहीं सिखाया भाभी ने तुझे..
गौतम मुस्कुराते पिंकी के पैर छूकर - अच्छा लो..
पिंकी - अरे मेरे नहीं अपने फूफाज़ी के.. पागल बच्चा.. चल अंदर.. तेरे लिए तेरी मनपसंद चीज बनाई है..
फ़कीरचंद - अच्छा तभी आज अपने हाथों खाना बनाया जा रहा था..
पिंकी - तो ना बनाउ? पहली बार मेरा ग़ुगु मेरे पास आया है..
फ़कीरचंद - अच्छा तुम बुआ भतीजे बात करो मैं जरा बाहर हो आता हूँ..
पिंकी - अब आप कहा जा रहे हो?
फ़कीरचंद - फैक्ट्री हो आता हूँ.. मुकेश को कुछ कागजो पर दस्तखत चाहिए थे..
पिंकी - तो उसे ही यहां बुलवा लिया होता.. आपको मैनेजर के पास जाने की क्या जरुरत?
फ़कीरचंद - वो तो आ रहा था मैंने ही मना कर दिया.. सोचा थोड़ा टहल भी आऊंगा.. बहुत समय हो गया फैक्ट्री गए हुए.. आते हुए कारखाने की तरफ भी हो आऊंगा..
पिंकी - दवाइया साथ लेकर जाना.. औऱ ड्राइवर से कहना गाडी धीरे चलाये..
फ़कीरचंद - ठीक है..
गौतम पानी पीते हुए - दवाइया कैसी?
पिंकी - मधुमय है तेरे फूफाजी को.. तू चल बैठ टेबल पर.. मैं अपने हाथ से खाना खिलाऊंगी मेरे बाबू को आज..
गौतम - खाना तो खा चूका हूँ बुआ..
पिंकी - ठीक पर खीर तो खानी पड़ेगी.. पसंद है ना तुझे? (पिंकी आवाज लगाकर) कम्मो.. ख़िर लेकर आना जरा.. एक औरत ख़िर की प्याली लेकर आती है जिसे पिंकी लेकर गौतम के बगल में डाइनिंग टेबल पर बैठकर उसे खिलाने लगती है..
गौतम ख़िर खा कर - बस बुआ.. औऱ नहीं..
पिंकी - अच्छा.. ये बता भईया भी आये है शादी में?
गौतम मुंह साफ करता हुआ - नहीं बुआ.. उनको कहा फुर्सत.. मैं भी नहीं आने वाला था मगर माँ ने कसम खिला दी औऱ ले आई..
पिंकी गौतम को ऊपर अपने कमरे में लेजाती हुई - अच्छा किया भाभी.. वरना तू मुझसे मिलने कैसे आता?
गौतम - वैसे बुआ उस दिन फूफाजी को देखकर लगा नहीं था इतने अमीर होंगे वो..
पिंकी कमरे का दरवाजा लगाकर मुस्कुराते हुए - सही हाथ मारा है ना तेरी बुआ ने?
गौतम - ऐसे क्यों बोल रही हो बुआ.. आप कितना ख़याल रखती हो फूफाजी का.. उनको आपका शुक्रगुजार रहना चाहिए..
पिंकी अपनी साडी उतारते हुए - शुक्रगुजार तो है ही.. इसलिए मेरे नाम पर ये बांग्ला ख़रीदा है उन्होंने औऱ कुछ दिनों में दोनों फैक्ट्री औऱ कारखने भी मेरे नाम करने वाले है..
गौतम मुस्कुराते हुए - वो तो करना ही था.. आगे पीछे है भी कौन फूफाजी के आपके अलावा.. सही खेल गई बुआ आप तो..
पिंकी हसती हुई अपनी साडी कमरे में रखे सोफे पर पटककर बेड पर गौतम के पास आती हुई - मान गया ना अपनी बुआ को? है ना मेरा शातिर दिमाग.. पहली मुलाक़ात में ऐसा फसाया की अब तक फसा रखा है..
गौतम - वो तो है.. अच्छा लन्दन केसा है? सिर्फ तस्वीरों में देखा है मैंने.. जैसा फिल्मो में दीखता है वैसा ही है?
पिंकी गौतम के ऊपर आती हुई - काश में तुझे वहा ले जा पाती.. भाभी को फ़ोन किया था पर तेरी माँ तो जैसे मेरे पिछले जन्म की बैरी है.. मेरे कहते ही बोलने लगी.. ग़ुगु वहा जा कर क्या करेगा? तू अकेले ही चली जा.. ग़ुगु के इम्तिहान भी आने वाले है.. फलाना ढिमकाना.. औऱ एक हफ्ते से तुझे यहां शादी में लाकर बैठी है.. अब भाभी को तेरे इम्तिहान की परवाह नहीं है.. चालक चुड़ैल कहीं की..
गौतम - बुआ माँ को चुड़ैल मत बोलो..
पिंकी - क्यों तुझे बहुत तकलीफ होती है.. वो जब मेरे बारे में इतना कुछ कहती है तब तुझे तकलीफ नहीं होती?
गौतम - जब माँ आपके बारे में कुछ गलत बोलती है तो मैं उनको भी मना करता हूँ चाहो तो पूछ लो.. मुझसे तो आप औऱ माँ दोनों एक जैसा प्यार करती हो.. मैं आप दोनों के लिए कुछ गलत नहीं सुन सकता..
पिंकी - अच्छा छोड़.. मुझे अब मेरी किस्सी चाहिए..
गौतम पिंकी को चूमते हुए - ठीक है बुआ..
पिंकी चूमते हुए - बहुत सॉफ्ट लिप्स है तेरे बाबू..

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गौतम - आपके भी तो कितने प्यारे लिप्स है बुआ मन करता है खा जाऊ..
पिंकी जीभ से चाटते हुए - खा जा ना बाबू.. बुआ मना थोड़ी करेंगी अपने ग़ुगु को..
गौतम चूमता हुआ - बहुत miss किया बुआ आपको..
पिंकी गौतम की टीशर्ट उतारकर - ये सब क्या है ग़ुगु.. तेरे गले पर सीने पर इतने निशान किसने किये?
गौतम मुस्कुराते हुए - ये शादी में मिले है बुआ.. एक लड़की ने बहुत तंग किया मुझे..
पिंकी मुस्कुराते हुए - क्या नाम था उसका?
गौतम - सिमरन..
नाम लेटे ही सिमरन का फ़ोन गौतम के फ़ोन पर आ गया जिसे देखकर गौतम हसता हुआ बोला - देखो ना बुआ.. शैतान का नाम लिया शैतान हाज़िर..
पिंकी मुस्कुराते हुए - उठा ना.. बात कर क्या कहती है..
गौतम फ़ोन उठाकर - हेलो..
सिमरन - क्या कर रहे हो?
गौतम - तुम्हे याद कर रहा था..
सिमरन - झूठ.. बड़े आये तुम मुझे याद करने वाले.. कल तो कितना भाव खा रहे थे..
गौतम - आखिर में प्यार भी तो किया था भूल गई?
सिमरन - कैसे भूल सकती हूँ रसगुल्ले.. अब तक पीछे की सुरंग में आतंक मचा हुआ है.. सुबह पोट्टी करते हुए तुझे याद करके बहुत गालिया दी मैंने..
गौतम हसते हुए - खतरों से खेलने का शोक तो तुम्हे ही था.. वापस कब मिलोगी?
सिमरन - मिलना चाहो तो आज रात को मिल सकती हूँ.. पर याद रखना सुरंग में नहीं घुसने दूंगी..
गौतम - तेरा बाप मान जाएगा? तूने तो कहा था बहुत स्ट्रिक्ट है वो..
सिमरन - वो सब मुझपर छोड़ दो.. सिटी मॉल में मिलना आठ बजे.. मूवी देखेंगे साथ.. लेट मत करना रसगुल्ले वरना घर से उठवा लुंगी..
गौतम हसते हुए - उठवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी मैं पहुंच जाऊँगा.. फ़ोन कट हो जाता है..
पिंकी गौतम को छेड़ती हुई - रसगुल्ले.. हम्म्म..
गौतम मुस्कुराते हुए - बुआ आप भी ना..
पिंकी - अच्छा फोटो तो दिखा सिमरन की.. आवाज तो बहुत प्यारी है.
गौतम फोटो दिखाकर - लो.. कैसी है..
पिंकी - है तो मस्त.. चुचे औऱ चुत्तड़ भी अच्छे है फेस भी बड़ा प्यारा है.. पहली बार कैसे चोदा तूने इसको?
गौतम अपनी गांड मराई याद करते हुए - मैंने कहा चोदा बुआ.. यही मुझे चोद गई..
पिंकी हसते हुए - उसका क्या कसूर? तू है ही इतना चिकना..
गौतम - आप भी ना बुआ.. अब जल्दी से अपना ये घाघरा उठाओ बहुत मन कर रहा है आपकी गुफा में घुसने का..
पिंकी पेटीकोट कमर तक ऊपर करके - घाघरा नहीं पेटीकोट बोलते है इसे बाबू..
गौतम जीन्स खोलकर - पेंटी तो उतारो..
पिंकी गौतम के लंड को पकड़कर मसलते हुए - उतारने की क्या जरुरत है बाबू.. साइड हटा के घुसा दे.. (पिंकी पेंटी को एक हाथ से साइड करके दूसरे हाथ से गौतम का लंड अपनी चुत में घुसाती हुई)
गौतम पूरा लंड चुत में पेलकर - आह्ह.. बुआ अब मिली है असली जन्नत...

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पिंकी सिसकती हुए - आह्ह... बाबू.. बहुत याद किया इसे मैंने..
गौतम अपने दोनों हाथ से पिंकी के ब्लाउज को पकड़कर एक झटके में पूरा फाड़ देता है औऱ उसकी ब्रा ऊपर करके पिंकी के बूब्स चूसते हुए पिंकी को धीरे धीरे चोदने लगता है..

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पिंकी - ग़ुगु चूसके खाली कर अपनी बुआ के बोबो को बेटा.. आहहह...चोद बुआ को अच्छे से.. रांड समझके चोद मुझे बाबू.. मार झटके मेरी चुत में..
गौतम चोदने की स्पीड बढ़ाते हुए - लो बुआ सम्भालो.. अपने ग़ुगु के लंड को..
पिंकी - आह्ह.. ग़ुगु.. आह्ह... चोद मुझे.. आह्ह.. बहुत मज़ा आ रहा है बाबू.. आह्ह..
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गौतम मिशनरी में चोदने के बाद पिंकी को घोड़ी बनाता हुआ चोदने लगता है - कितनी मोटी गांड है बुआ आपकी.. फूफाजी ने तो नहीं की चोदकर इतनी बड़ी.. कौन है बुआ आपका आशिक आवारा?
पिंकी आह करती हुई - बाबू तूने ही पेला था पिछली बार.. तब से किसीके साथ नहीं किया..
गौतम बाल पकड़ कर पीछे से झटके मारता हुआ - चल मेरी बुआ टूक टुक टुक.. चल मेरी बुआ टुक टुक टुक..
पिंकी - अहह.. अहह... अहह..

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गौतम बाल छोड़कर पिंकी के दोनों हाथ पकड़ कर पीछे से चोदने लगता है - बुआ गांड कब दोगी मुझे?

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पिंकी - बड़ा है तेरा ग़ुगु.. चुत में दर्द कर देता है गांड का पता नहीं क्या हाल करेगा..
गौतम पिंकी को उठाकर अपनी गोद में लेलेता है औऱ चोदने लगता है - तो क्या मैं आपकी गांड से वंचित रह जाऊँगा बुआ?

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पिंकी चुदवाते हुए आहे भरकर - इस बार चुत से काम चला ले मेरे बाबू.. अगली बार पक्का गांड दे दूंगी.. पिंकी झड़ चुकी थी औऱ अब झड़ने के साथ अब मूतने भी लगी थी जिसमे उसे शर्म आ रही थी मगर गौतम ने लंड निकालकर अपना मुंह पिंकी चुत पर लगा दिया औऱ उसकी चुत से निकलते मूत को पिने लगा.. पिंकी ये देखकर हैरान औऱ रोमांचित हो उठी थी औऱ बार बार गौतम को अपना मूत पिने से रोकने की कोशिश कर रही थी मगर गौतम ने पिंकी की आखिरी मूत की बून्द तक अपने मुंह में लेकर पी ली..

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मूत पिने के बाद गौतम पिंकी की चुत चाटने लगा औऱ पिंकी गौतम के बाल पकड़ कर फिर से काम के दारिया में गोते खाने लगी. पिंकी ने अपनी चुत चटवाने का आनंद भोगते हुए गौतम का सर बहुत जोर से अपनी चुत पर दबा दिया जिससे गौतम की सांस घुटने लगी मगर गौतम ने जैसे तैसे अपने आप को पिंकी के हाथ से छुड़वा कर पिंकी दोनों टाँगे हाथों से उठा कर उसकी चुत चाटने लगा..
गौतम चुत चाटने के बाद पिंकी को उठाकर दिवार के सहारे खड़ा करते हुए उसी तरह छिपकली बनाकर चोदने लगा जैसे उसने सुबह शबनम को चोदा था..

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पिंकी चुदवाते हुए कामुक सिसकियाँ लेकर - थोड़ा धीरे ग़ुगु.. तेरी बुआ को दर्द हो रहा है.. अहह...
गौतम थोड़ी देर छिपकली पोज़ में चोदने के बाद पिंकी को पलट कर अपनी तरफ घुमा लेता है औऱ दिवार से सटाकर पिंकी की दोनों टाँगे उठाकर उसे चोदने लगता है.

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पिंकी गौतम के गले में दोनों हाथ डालकर उसे चूमते हुए सिस्कारिया भरके चुदवाती रहती है. वो वापस झड़ने वाली थी औऱ अब गौतम का भी निकलने वाला था..
गौतम - बुआ होने वाला है..
पिंकी - मेरा भी वापस होने वाला है बाबू.. मुझे बेड पर लेटा दे..
गौतम पिंकी को अपने ऊपर में लेटा कर पेलने लगता है औऱ कुछ देर बाद पिंकी के साथ ही झड़ते हुए पिंकी की चुत में अपना वीर्य भर देता है..

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पिंकी औऱ गौतम एक दूसरे की शकल देखते हुए मुस्कुराने लगते है पिंकी अपने फटे हुए ब्लाउज से गौतम के चेहरे पर आ रहा पसीना पोछती है..
पिंकी थोड़ी देर उसी तरह लेटी रहकर गौतम से बात करके बोलती है - अब इस शैतान को तो मेरी गुफा से बाहर निकाल लो..
गौतम - रहने दो ना बुआ थोड़ी देर गुफा के अंदर.. बेचारा बहुत दिनों बाद अपनी बुआ से मिला है..
पिंकी पलटकर- अच्छा ठीक है..
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गौतम पिंकी के ऊपर ही उसकी चुत में लंड घुसा के हल्का हल्का झटका मारते हुए लेटा रहता है औऱ पिंकी गौतम के होंठों को चूमते हुए उसके बालों में उंगलियां फिराती हुई गौतम के नीचे लेटी रहती है.. कुछ देर चूमने के बाद गौतम की आँख लग जाती है औऱ पिंकी भी अपने ऊपर लेटे हुए गौतम को सोने देती है करीब एक घंटे बाद जब गौतम की आँख खुलती है तो वो देखता है की पिंकी अभी भी उसके नीचे लेटी हुई है औऱ उसका लंड अभी भी पिंकी की चुत में घुसा हुआ है.
गौतम की नींद टूटने पर पिंकी - उठ गया मेरा बाबू?
गौतम - टाइम क्या हुआ है बुआ?
पिंकी - सात बजे है..
गौतम चुत से लंड निकाल कर खड़ा होता हुआ - जाना है बुआ..
पिंकी मुस्कुराते हुए खड़ी होकर - सिमरन के पास?
गौतम कपडे पहनते हुए - हाँ..
पिंकी पास में पड़े अपने पर्स से एक कार्ड निकाल कर गौतम की जीन्स में रखती हुई बोली - 2002..
गौतम एटीएम कार्ड देखकर वापस देता हुआ - बुआ मुझे नहीं चाहिए.. आप इसे अपने पास रखो..
पिंकी गौतम के होंठ चूमकर एटीएम वापस उसकी जेब में डालती हुई - मैंने पूछा नहीं है तुझसे लेना है या नहीं.. चुपचाप रख ले.. कुछ भी चाहिए हो खरीद लेना.. शर्माना मत.. मैंरे पास औऱ भी दो है..
गौतम पिंकी का बोबा पकड़कर उसके होंठ चूमते हुए - आई लव यू बुआ..
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पिंकी - लव यू टू मेरा बच्चा...
गौतम - अच्छा बुआ अब चलता हूँ.. जल्दी मिलूंगा आपसे..
पिंकी ब्रा औऱ पेंटी के बाद nighty पहनते हुए - ग़ुगु रुक..
गौतम - हाँ बुआ..
पिंकी एक बेग निकालकर - इसे लेजा..
गौतम - इसमें क्या है..
पिंकी - कुछ कपडे है घड़ी परफ्यूम औऱ शूज भी तेरे लिए..
गौतम - बुआ इतना सब लाने की क्या जरुरत है हर बार..
पिंकी - क्यों जरुरत नहीं है.. तेरे सिवा मेरा है ही कौन जिसके लिए मैं कुछ खरीदू.. आगे जाके इन सब चीज़ो का वारिस तुझे ही तो बनना है.. ये तुझे ही तो संभालना है..
गौतम मुस्कुराते हुए पिंकी को बाहों में भरके - मुझे पैसो में कोई दिलचस्पी नहीं है बुआ, चुत में है... कम पैसो से भी मेरा काम चल जाता है.. पैरों में जूते जॉर्डन के हो या कैंपस के मुझे फर्क नहीं पड़ता..
पिंकी गौतम का चेहरा अपने हाथों में लेकर - पर मुझे फर्क पड़ता है ग़ुगु.. अपनी पसंद की चीज के लिए जैसे मैं तरसी हूँ वैसे मैं तुझे तरसते नहीं देखना चाहती.. मेरे पास जो कुछ है सब तेरा है.. तू मेरा सबकुछ है ग़ुगु.. तेरे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ.. किसी की जान भी ले सकती हूँ..
गौतम - माँ सच कहती है बुआ.. आप ना सनकी हो..
पिंकी चूमते हुए - ऐसा सोचती है मेरे बारे में तेरी माँ..
गौतम - बुआ आप अब यूँही मुझे पकड़े रहोगी तो मैं जा नहीं पाऊंगा..
पिंकी गौतम अपनी बाहों से आजाद करती हुई - चल जा.. मज़े कर अपनी उस गर्लफ्रेंड के साथ.. मगर कंडोम लगा कर.. नहीं तो इतनी सी उम्र में बाप बन जाएगा..
गौतम पिंकी के सर औऱ गाल को चूमते हुए - बाय मेरी प्यारी बुआ..
पिंकी गौतम के होंठों को डांत से खींचकर चूमती हुई -
बाय बच्चा..

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गौतम पिंकी के पास से सिटी मॉल की तरफ चल देता औऱ कार पार्किंग में लगा कर मॉल के बाहर बनी एक चाय की टपरी पर बैठते हुए सिमरन को फ़ोन करता है..
गौतम - कहा रह गई यार..
सिमरन - आ रही हूँ बाबा.. जरा भी सब्र नहीं है तुम्हे तो.. अभी तो सिर्फ पौने आठ बजे है.. मूवी शुरू होने में डेढ़ घंटा है..
गौतम - मतलब अभी घर पर ही हो तुम.. ठीक है आ जाओ अपनी मर्ज़ी से.. मैं इंतजार कर लूंगा..
सिमरन - अच्छा सुनो भईया भी साथ आ रहे है उनकी भी टिकट बुक कर देना..
गौतम - वो कबाब में हड्डी बनने क्यों आ रहा है?
सिमरन - बाबा.. मम्मी ने अकेले जाने से मना किया इसलिए भईया को लाना पड़ेगा.. तुम उनकी फ़िक्र मत करो.. भईया थोड़ा दूर बैठ जाएंगे..
गौतम - ठीक है सिम्मी..
सिम्मी - क्या पहन के आउ रसगुल्ले?

गौतम - कुछ भी पहन के आजा मेरी रसमलाई.. होना तो नंगा ही है तुझे.. चल बाय.. मैं वेट कर रहा हूँ..

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