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Thanksवाओ शानदार ब्रो..
Thanksवाओ शानदार ब्रो..
ThanksBahut hee jabardast kamuk or bhavnao se bhara hua update hai bahut hee shandaar likh rahe ho … Rupa se shaadi bhi karwa di …
Keep posting bro
Leela ko niraj ke samne chodkar uksaya ki woh apni maa ko chode. Rupa ko apni bana kar uska jeevan sarthak kar diya. janam janm ka sath pratit ho hai. Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Update 44
अगले दिन दोपहर में..
लीला दरवाजा खोलकर - तू आ गया बेटा?
गौतम - बस आंटी आपका फ़ोन आते ही दौड़ा चला आया.. गाडी चालान जो सीखना था.. घर पर कोई नहीं है ना..
लीला - कोई नहीं है तू अंदर..
गौतम - कहा गये है सब?
लीला - नीरज के पापा शमा को लेके गाज़ियाबाद गए है कल नीरज और मैं भी जाने वाले है वही कोर्ट मैरिज करेंगे इन दोनों की..
गौतम - और नीरज आंटी?
लीला - अरे उसे मैंने सामान लेने भेज दिया है..
गौतम लीला को बाहों में उठा के कमरे के अंदर बिस्तर में ले जाता हुआ - आंटी आपकी सडक बहुत अच्छी है गाडी चलाने में मज़ा आ गया उस दिन..
लीला बिस्तर में साडी उठाकर - आज सडक की सफाई की है बेटा.. और मज़ा आएगा.
गौतम पेंट खोलकर लंड चुत पर लगाने ही वाला था की नीरज आ गया और उसने ये सब देख लिया.
गौतम नीरज को देखकर लीला से - आंटी केसा गांडू बेटा पैदा किया है? हर बार गलत टाइम पर आता है..
नीरज चौंकते हुए - साले तू फिर से मेरी माँ चोद रहा है..
गौतम - तो क्या जबरदस्ती चोद रहा हूँ गांडू? देख नहीं रहा कैसे तेरी माँ टागे खोलके पड़ी मेरी सामने चुदने के लिए..
लीला अपनी चुत को साडी से ढकती हुई नीरज से - तू इतनी जल्दी कैसे आ गया?
नीरज गुस्से से - जिस दुकान पे आपने भेजा था वो बंद है आज... और मुझे नहीं पता था मुझे दूकान पर भेजकर आप ये गुल खिलाओगी...
गौतम लीला की चुत से साडी ऊपर करके चुत चाटते हुए - अब खड़ा खड़ा क्या अपनी माँ की चुदाई देखेगा गांडू.. जा ना यहां से.. एक घंटे बाद आना..
नीरज लीला से - माँ इसको बोलो यहाँ से चला जाए वरना मेरे हाथ से आज खून हो जाएगा इसका...
लीला सिसकी लेती हुई नीरज से - ये तो यही रहेगा.. तू जा चाय बना.. वरना ये शादी जो तू कर रहा है होने नहीं दूंगी..
नीरज लीला की बात सुनकर खड़ा खड़ा रोने लगता है.. और गौतम चुत चाटने के बाद उसमे अपने लंड पेल देता है और चोदता हुआ बोलता है..
गौतम - अरे क्यों रो रहा है गांडू.. कोनसा तेरी माँ पहली बार चूद रही है...
लीला कामवासना से भरकर - अह्ह्ह इसे रौने दे बैठके... तू चोद मुझे बेटा...
गौतम मिशनरी में झटके मारता हुआ - मज़ा आ रहा है ना आंटी...
लीला - हाँ.. बेटा.. आह्ह..
गौतम नीरज से - नीरज कमाल की चुत है तेरी माँ की... बहुत टाइट है यार.. उफ्फ्फ...
लीला - अह्ह्ह्ह... अह्ह्ह्ह... बेटा.. उम्म्म्म.. अह्ह्ह्ह..
लीला की सिस्कारिया कमरे में गूंजने लगी थी और उसी के साथ में लंड चुत के मिलन से मधुर छप छप की आवाज भी..
नीरज अपने कान पर हाथ लगाकर वही बैठा वो अपनी माँ को चुदते हुए देखकर रो रहा था और गौतम उसे देखकर लीला को जबरदस्त तरीके से चोदे जा रहा था..
गौतम ने मिशनरी के बाद घोड़ी बनाके लंड चुत में पेल दिया और पट पट की आवाज के साथ लीला को चोदने लगा और नीरज से बोला..
गौतम - अबे क्या माल है तेरी माँ.. साले...
लीला - अह्ह्ह.. अह्ह्ह..
गौतम - आंटी आपको तो ब्लू फ़िल्म में होना चाहिए.. बहुत कमाओगी..
लीला - तू दिला दे काम बेटा.. फिल्मो में..
नीरज उठकर आंशू बहाते हुए बाहर जाने लगता है तभी गौतम उससे कहता है..
गौतम - चाय बनाने जा रहा है क्या?
नीरज पलट कर गुस्से से - तेरे लिए चाय बनाऊंगा क्या साले..
गौतम - अबे इतना गुस्सा क्यों है? शमा से चिकनी तो तेरी माँ लीला है.. एक बार चोद के देख शमा को भूल जाएगा..
लीला चुदते हुए सिसकियाँ लेकर - अह्ह्ह बेटा.. कैसी बातें कर रहा है.. आह्ह... अह्ह्ह्ह..
गौतम नीरज से - खड़ा क्या है गांडु? चाय बना रहा है या तेरी माँ को लंड पर बैठाके रसोई में ले जाऊ चाय बनवाने?
लीला - आह्ह... नीरज बना दे बेटा..
गौतम - हाँ.. चाय पीके चला जाऊंगा..
लीला झड़ते हुए - अह्ह्ह... अह्ह्ह...
नीरज रोते हुए रसोई में आकर चाय चढ़ा देता है और अपनी माँ के बारे में सोचने लगता है कि वो कितनी बड़ी वाली रांडी है..
गौतम लीला को उठाके चोदते हुए रसोई में ले आता है..
गौतम नीरज से - भाई हां या ना बोलके बता तो देता.. चाय बना रहा है या नहीं..
फ़ालतू तेरी माँ को कमरे से रसोई में लेके आया..
नीरज रोते हुए - माँ मैं पापा को सब बता दूंगा.. आपके और इस कमीने के बारे में..
लीला चुदते हुए एक थप्पड़ नीरज के गाल पर जड़ देती है और कहती है - सूअर.. ना जाने कोनसी रंडी को उठा के यहां ले आया.. और मुझे धमका रहा है.. बता दे तेरे पापा को.. अरे उसके लंड में दम नहीं है तभी तो इसके लंड पर बैठी हुँ... तेरे लंड में दम था तो तू बैठा लेता मुझे अपने लंड पर..
गौतम लीला कि चुत में झड़ते हुए - अह्ह्ह्ह.. आंटी.. आह्ह... मज़ा आ गया...
नीरज चाय कप में डालकर रख देता है और गौतम लीला को गोद से उतार कर बिना लंड पेंट में डाले चाय पिने लगता है..
गौतम चाय पीता हुआ - तेरी मा तो तेरा लेने के लिए भी तैयार है.. साले डाल क्यों नहीं देता..
लीला साडी सही करते हुए - ये क्या डालेगा डरपोक..
नीरज गुस्से में आकर अपने आंसू पोंछता है और अपनी माँ लीला कि साडी उठा कर अपना लंड लीला की चुत में पेलते हुए कहता है..
नीरज - बहुत गर्मी है ना माँ तेरी चुत में.. अब से मैं तेरी सारी गर्मी दूर करूँगा..
गौतम हसते हुए चाय पीकर रसोई की सिंक में मूतने लगता है और नीरज लीला को चोदने लगता है.. गौतम चाय पीते हुए मूत कर लंड पेंट में डाल लेता है और नीरज और लीला को देखने लगता है..
नीरज रसोई की स्लीब पर लीला को झुकाते हुए लीला को चोद रहा था और अपनी माँ को रांड छिनाल जैसे उपमा से अलंकृत करता है..
गौतम - अब बोल भोस्डिके.. है शमा तेरी माँ के आगे कुछ?
नीरज लीला को चोदते हुए - शमा की बात मत कर मैं उससे प्यार करता हूँ.. और रही बात माँ की तो इसकी चुत की सारी गर्मी अब मैं निकालूँगा..
गौतम जाते हुए - सोने मत देना रात भर आंटी को..
नीरज - इसे तो लंड पर सुलाऊंगा..
लीला मज़े से गौतम को देखकर - बाए बेटा..
गौतम - बाए आंटी...
************
कुछ दिन बाद...
रूपा झील के पास करीम की रिक्शा में बैठी हुई सडक को देख रही थी.. गौतम एक बस से उतर कर रिक्शा के पास आ गया और टेक्सी में बैठ गया..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा के होंठो को अपने होंठों से लगा लिया और चूमकर रूपा से बोला..
गौतम - माफ़ कर दो.. देरी हो गई आने में..
रूपा - करीम.. रिक्शा कहीं ले चल..
करीम - आपा वही ले चलू जहा पहली बार लेकर गया था..
रूपा - हाँ.. ले चल..
गौतम - ज्यादा टाइम नहीं है मम्मी.. रूम ले लेते है किसी होटल में..
रूपा - टाइम क्यों नहीं है..
गौतम - अरे आते आते शाम हो जायेगी.. माँ ने मना किया है शाम के बाद बाहर रहने से.. उन्हें डर लगता है अकेले..
रूपा - हम जल्दी आ जाएंगे..
गौतम - तुम कह रही थी कुछ बात करनी है तुम्हे?
रूपा - वही बैठ कर बात करेंगे..
गौतम रूपा के बूब्स पकड़कर मसलते हुए उसके चेहरे पर चुम्मिया करते हुए - ठीक है..
रूपा गौतम के सर को अपनी गोद में खींच लेती है और अपना ब्लाउज के बटन खोलकर एक चूची गौतम के मुंह पर रख देती जिसे गौतम चूसने लगता है और रूपा साडी का पल्लू गौतम के सर पर डाल कर उसका चहेरा आँचल में छुपा लेती है और रिक्शा से बाहर देखकर इतनी ख़ुशी से मुस्कुराने लगती है जैसे उसे कोई खज़ाना मिल गया हो..
करीब सब बैक मीरर में देख रह था और उसे समझ नहीं आ रहा था की रूपा इतनी खुश क्यों है?
गौतम ने रूपा का दूसरा चुचा भी निकाल लिया और मुंह में लेकर पूरी काम भावना के साथ चुचक चूसते हुए चुचो को चाट चाट कर पिने लगा.. रूपा के बदन में झुनझुनाहट हो रही थी और वो प्यार से गौतम का सर सहला रही थी..
रूपा गौतम को प्यार भरी और ममता भरी आँखों से देखने लगी.. उसे गौतम आज जान से प्यारा लग रहा था उसका करण सिर्फ वही जानती थी..
उसी जगह वापस आने के बाद गौतम ने रूपा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके होंठों का रस लेते हुए बोला - अब बताओ ना मम्मी क्या कह रही थी तुम?
रूपा फिर से गौतम के होंठ चूमते हुए - इतनी भी क्या जल्दी है पहले मुझे मेरे शैतान बच्चे के नजूक लबों को तो मन भरके चुम लेने दे..
गौतम चूमते हुए - सॉरी मम्मी.. मैं माँ को साथ रहने के लिए नहीं मना पाया..
रूपा - कोई बात नहीं नन्हे शैतान.. वैसे भी कल मैं वापस माधुरी के साथ उसी फ्लेट में रहने जा रही हूँ..
गौतम - क्यों?
रूपा पर्स से कुछ डॉक्यूमेंट निकालती हुई - हमने वो घर सुमन दीदी के नाम पर कर दिया है.. और अब मैं और माधुरी दोनों ये चाहते है की तू सुमन के साथ उस छोटे से पुलिसक्वाटर से निकलकर उस घर में रहे..
गौतम - पर इतनी मेहरबानी क्यों?
रूपा - कैसी मेहरबानी? उस घर की असली हक़दार तो सुमन दीदी ही है.. और अब तु इसे लेने से मना मत करना.. तुझे दीदी की कसम..
गौतम रूपा के ब्लाउज में हाथ डालकर - अच्छा ये सब छोडो.. प्यार करना शुरु करें?
रूपा मुस्कुराते हुए गौतम की जीन्स का हुक खोलकर चैन नीचे कर देती है और झट से उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है..
गौतम रूपा के पर्स में से सिगरेट लाइटर निकलकर सिगरेट सुलगाते हुए एक दो कश लेकर अपना लंड चुस्ती रूपा को सिगरेट देते हुए कश लेने के लिए कहता है तो रूपा मना कर देती है और लंड चूसने में फिर से मग्न हो जाती है..
गौतम - क्या हुआ मम्मी?
रूपा - मैने सिगरेट छोड़ दी..
गौतम - क्यों?
रूपा - डॉक्टर ने कहा है..
गौतम - डॉक्टर ने क्यों मना किया है?
रूपा - बच्चे को परेशानी होती है..
गौतम - मुझे क्या परेशानी होगी?
रूपा मुंह से लंड निकालकर गौतम को देखते हुए - तुझे नहीं मेरे नन्हे शैतान.. तेरे होने वाले बच्चे को जो मेरे अंदर पल रहा है..
गौतम स्तब्ध भाव से - क्या..
रूपा - क्या नहीं हाँ.. मेरे होने वाले बच्चे के पापा जी..
गौतम - मैं पापा बनने वाला हूँ? बहनचोद.. तुमने बच्चे रोकने वाली पिल्स नहीं ली थी..
रूपा लंड वापस चूसते हुए - तू फ़िक्र मत कर.. मैं संभाल लुंगी.. और मैं ही नहीं माधुरी का भी यही हाल है वो डॉक्टर के पास गई है.. मुझे उस दिन जब हम बाबाजी के पास से आ रहे थे तब पता चला मै पेट से हूँ और माधुरी को आज सुबह..
गौतम मुस्कुराते हुए - यार.. सब माँ बनती है तुम दोनों सीधा दादी बनगी..
रूपा टांग खोलते हुए - अच्छा अब धीरे धीरे चोदना.. पहले वाला शैतान नहीं अब प्यारा वाला शैतान बनकर रहना पड़ेगा तुझे..
गौतम चुत में लंड घुसाकार धीरे धीरे पेलता हुआ - पर तुम जानती हो मम्मी..
रूपा चुदवाते हुए - मैंने कहा ना मैं सभाल लुंगी.. तुझे फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है.. बस मिलने जरुर आना.. हम दोनों ने जगमोहन से भी रिश्ता तोड़ दिया है..
गौतम रूपा ब्लाउज खोलकर उसके कबूतर आजाद कर देता है और अपनी टीशर्ट उतारकर रूपा के छाती से अपना सीना सटा देता है और होंठों के करीब होंठ लाकर रूपा की साँसों को महसूस करते हुए उसी तरह चोदते हुए कहता है - मुझे जब भी मौका मिलेग मैं मिलने आऊंगा मम्मी.. छोटी माँ से भी कहना.. आप दोनों अपना और बच्चे का अब और ज्यादा ख्याल रखना..
रूपा चुत में झटके खाकर मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों को चुम लेती है और कहती है - हाँ शैतान...
रूपा और गौतम के मिलन में सिर्फ उनके बदन ही नहीं मिल रहे थे बल्कि उनकी आत्मा भी उनके शरीर से निकलकर एक दूसरे को का लेना चाहती थी और इसी उद्देश्य को अपने मन में लिए दोनों एक दूसरे को भोग रहे थे..
प्रेम की जितनी कला रूपा को आती थी वह अपनी कलाओं में गौतम को अपने शरीर का सुख दे रही थी..
गौतम घास में पीठ के बल लेटा हुआ था और रूपा उसके लंड पर बैठकर अपने कबूतरों को मसलती हुई और अपने चेहरे पर कामुकता के भाव लाती हुई इठलात हुई मुस्कुराती हुई गौतम को देखकर आंख मारती हुई और उसे छेढ़ती हुई गौतम के लंड को चुत में लेकर गांड हिलाती हुई सम्भोग और प्रेम के नए आयाम से परिचित करवा रही थी रूपा आज कई बार झड़ी थी उसी तरह जैसे पहली बार गौतम की चुदाई से झडी थी.. और आखिर में गौतम ने भी रूपा की चुत में झटके मारते हुए अपना पानी निकाल दिया..
गौतम - मम्मी...
रूपा - हाँ?
गौतम गांड पकड़ते हुए - प्लीज...
रूपा - अच्छा लेले.. आज गांड भी...
गौतम - मम्मी यार गांड उची करो ना अपनी.. लंड आराम से घुस जाएगा गांड में..
रूपा - धीरे... आहिस्ता घुसाना..
गौतम - फ़िक्र मत करो ज्यादा तकलीफ नहीं दूंगा..
गौतम गांड में लंड का टोपा फंसा कर गांड मारते हुए - लगता है आपसे सच्चा प्यार हो गया है..
रूपा - आहहह ग़ुगु धीरे ना.. बच्चा..
गौतम धीरे धीरे गांड मारते हुए - पता है उस जब उस रात तुम्हे और माँ को साथ में देखा था तब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था तुम पर मगर फिर माँ के चेहरे पर ख़ुशी देखी तो तुम पर प्यार आने लगा था ..
रूपा - तुम्हारे प्यार ने ही तो मुझे इस तरह झुका रखा है ग़ुगु.. अब तेरे अलावा मुझे कुछ नहीं चाहिए..
गौतम - बहुत टाइट है मम्मी.. बहुत मज़ा आ रहा है अपनी गांड मारने में.. मम्मी आपकी चुत जन्नत तो गांड स्वर्ग का द्वार है सच में.. मेरा निकलने वाला है..
रूपा - ग़ुगु मुंह में देदे..
गौतम - लो मम्मी... आहहह...
रूपा लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है.. और कुछ ही पलो में गौतम रूपा के मुंह में झड़ जाता है..
दोनों सम्भोग समाप्त हो चूका था और अब गौतम एक पेड़ के सहारे बैठा हुआ था वही रूपा भी गौतम की गोद में उसके सीने का सहारा लिए बैठी थी..
गौतम - पता है मम्मी जब पहली बार मैं तुमसे मिला था और तुमने वापस आने के लिए अपनी सोने की चैन मुझे दे दी थी तब मुझे लगा था कि तुम बेवकूफ हो.. मगर बाद में समझ आया कि तुम मेरे मोह में पड़ गई थी..
रूपा - मैं तुझे देखते ही समझ गई थी नन्हें शैतान.. कि तू जैसा भी हो दिल का बुरा नहीं है.. ऊपर से तेरी प्यारी सूरत मेरे मन में तेरे लिए ममता भी जगा रही थी..
गौतम अपने वॉलेट से एक मगलसूत्र निकालकर - ये वही चैन है मम्मी.. जो तुमने मुझे कोठे के उस कमरे में दी थी मैंने इसका मगलसूत्र बनवाया है.. अब मैं इसे अपने हाथों से तुम्हारे गले में पहनाना चाहता हूँ..
रूपा आँखों में आंसू लेकर - गौतम...
गौतम मगलसूत्र पहनाकर पास पड़ी कटीली झाडी के एक कांटे से अपना अंगूंठा लगाकर खून की दो बून्द निकाल लेता है और उस अंगूठे के खून से रूपा की मांग भरके कहता है - लो मम्मी अब से तुम पूरी तरह मेरी हुई..
रूपा की आँखों से ख़ुशी के आंसू निकल पड़ते है.. और वो गौतम को गले लगा कर अपने पुरे जीवन के सारे दुख दर्द पीड़ा को भुलाकर नए सपने आँखों में सजा लेती है.. और गौतम के गले लग कर ख़ुशी से रोने लगती है..
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Update 44
अगले दिन दोपहर में..
लीला दरवाजा खोलकर - तू आ गया बेटा?
गौतम - बस आंटी आपका फ़ोन आते ही दौड़ा चला आया.. गाडी चालान जो सीखना था.. घर पर कोई नहीं है ना..
लीला - कोई नहीं है तू अंदर..
गौतम - कहा गये है सब?
लीला - नीरज के पापा शमा को लेके गाज़ियाबाद गए है कल नीरज और मैं भी जाने वाले है वही कोर्ट मैरिज करेंगे इन दोनों की..
गौतम - और नीरज आंटी?
लीला - अरे उसे मैंने सामान लेने भेज दिया है..
गौतम लीला को बाहों में उठा के कमरे के अंदर बिस्तर में ले जाता हुआ - आंटी आपकी सडक बहुत अच्छी है गाडी चलाने में मज़ा आ गया उस दिन..
लीला बिस्तर में साडी उठाकर - आज सडक की सफाई की है बेटा.. और मज़ा आएगा.
गौतम पेंट खोलकर लंड चुत पर लगाने ही वाला था की नीरज आ गया और उसने ये सब देख लिया.
गौतम नीरज को देखकर लीला से - आंटी केसा गांडू बेटा पैदा किया है? हर बार गलत टाइम पर आता है..
नीरज चौंकते हुए - साले तू फिर से मेरी माँ चोद रहा है..
गौतम - तो क्या जबरदस्ती चोद रहा हूँ गांडू? देख नहीं रहा कैसे तेरी माँ टागे खोलके पड़ी मेरी सामने चुदने के लिए..
लीला अपनी चुत को साडी से ढकती हुई नीरज से - तू इतनी जल्दी कैसे आ गया?
नीरज गुस्से से - जिस दुकान पे आपने भेजा था वो बंद है आज... और मुझे नहीं पता था मुझे दूकान पर भेजकर आप ये गुल खिलाओगी...
गौतम लीला की चुत से साडी ऊपर करके चुत चाटते हुए - अब खड़ा खड़ा क्या अपनी माँ की चुदाई देखेगा गांडू.. जा ना यहां से.. एक घंटे बाद आना..
नीरज लीला से - माँ इसको बोलो यहाँ से चला जाए वरना मेरे हाथ से आज खून हो जाएगा इसका...
लीला सिसकी लेती हुई नीरज से - ये तो यही रहेगा.. तू जा चाय बना.. वरना ये शादी जो तू कर रहा है होने नहीं दूंगी..
नीरज लीला की बात सुनकर खड़ा खड़ा रोने लगता है.. और गौतम चुत चाटने के बाद उसमे अपने लंड पेल देता है और चोदता हुआ बोलता है..
गौतम - अरे क्यों रो रहा है गांडू.. कोनसा तेरी माँ पहली बार चूद रही है...
लीला कामवासना से भरकर - अह्ह्ह इसे रौने दे बैठके... तू चोद मुझे बेटा...
गौतम मिशनरी में झटके मारता हुआ - मज़ा आ रहा है ना आंटी...
लीला - हाँ.. बेटा.. आह्ह..
गौतम नीरज से - नीरज कमाल की चुत है तेरी माँ की... बहुत टाइट है यार.. उफ्फ्फ...
लीला - अह्ह्ह्ह... अह्ह्ह्ह... बेटा.. उम्म्म्म.. अह्ह्ह्ह..
लीला की सिस्कारिया कमरे में गूंजने लगी थी और उसी के साथ में लंड चुत के मिलन से मधुर छप छप की आवाज भी..
नीरज अपने कान पर हाथ लगाकर वही बैठा वो अपनी माँ को चुदते हुए देखकर रो रहा था और गौतम उसे देखकर लीला को जबरदस्त तरीके से चोदे जा रहा था..
गौतम ने मिशनरी के बाद घोड़ी बनाके लंड चुत में पेल दिया और पट पट की आवाज के साथ लीला को चोदने लगा और नीरज से बोला..
गौतम - अबे क्या माल है तेरी माँ.. साले...
लीला - अह्ह्ह.. अह्ह्ह..
गौतम - आंटी आपको तो ब्लू फ़िल्म में होना चाहिए.. बहुत कमाओगी..
लीला - तू दिला दे काम बेटा.. फिल्मो में..
नीरज उठकर आंशू बहाते हुए बाहर जाने लगता है तभी गौतम उससे कहता है..
गौतम - चाय बनाने जा रहा है क्या?
नीरज पलट कर गुस्से से - तेरे लिए चाय बनाऊंगा क्या साले..
गौतम - अबे इतना गुस्सा क्यों है? शमा से चिकनी तो तेरी माँ लीला है.. एक बार चोद के देख शमा को भूल जाएगा..
लीला चुदते हुए सिसकियाँ लेकर - अह्ह्ह बेटा.. कैसी बातें कर रहा है.. आह्ह... अह्ह्ह्ह..
गौतम नीरज से - खड़ा क्या है गांडु? चाय बना रहा है या तेरी माँ को लंड पर बैठाके रसोई में ले जाऊ चाय बनवाने?
लीला - आह्ह... नीरज बना दे बेटा..
गौतम - हाँ.. चाय पीके चला जाऊंगा..
लीला झड़ते हुए - अह्ह्ह... अह्ह्ह...
नीरज रोते हुए रसोई में आकर चाय चढ़ा देता है और अपनी माँ के बारे में सोचने लगता है कि वो कितनी बड़ी वाली रांडी है..
गौतम लीला को उठाके चोदते हुए रसोई में ले आता है..
गौतम नीरज से - भाई हां या ना बोलके बता तो देता.. चाय बना रहा है या नहीं..
फ़ालतू तेरी माँ को कमरे से रसोई में लेके आया..
नीरज रोते हुए - माँ मैं पापा को सब बता दूंगा.. आपके और इस कमीने के बारे में..
लीला चुदते हुए एक थप्पड़ नीरज के गाल पर जड़ देती है और कहती है - सूअर.. ना जाने कोनसी रंडी को उठा के यहां ले आया.. और मुझे धमका रहा है.. बता दे तेरे पापा को.. अरे उसके लंड में दम नहीं है तभी तो इसके लंड पर बैठी हुँ... तेरे लंड में दम था तो तू बैठा लेता मुझे अपने लंड पर..
गौतम लीला कि चुत में झड़ते हुए - अह्ह्ह्ह.. आंटी.. आह्ह... मज़ा आ गया...
नीरज चाय कप में डालकर रख देता है और गौतम लीला को गोद से उतार कर बिना लंड पेंट में डाले चाय पिने लगता है..
गौतम चाय पीता हुआ - तेरी मा तो तेरा लेने के लिए भी तैयार है.. साले डाल क्यों नहीं देता..
लीला साडी सही करते हुए - ये क्या डालेगा डरपोक..
नीरज गुस्से में आकर अपने आंसू पोंछता है और अपनी माँ लीला कि साडी उठा कर अपना लंड लीला की चुत में पेलते हुए कहता है..
नीरज - बहुत गर्मी है ना माँ तेरी चुत में.. अब से मैं तेरी सारी गर्मी दूर करूँगा..
गौतम हसते हुए चाय पीकर रसोई की सिंक में मूतने लगता है और नीरज लीला को चोदने लगता है.. गौतम चाय पीते हुए मूत कर लंड पेंट में डाल लेता है और नीरज और लीला को देखने लगता है..
नीरज रसोई की स्लीब पर लीला को झुकाते हुए लीला को चोद रहा था और अपनी माँ को रांड छिनाल जैसे उपमा से अलंकृत करता है..
गौतम - अब बोल भोस्डिके.. है शमा तेरी माँ के आगे कुछ?
नीरज लीला को चोदते हुए - शमा की बात मत कर मैं उससे प्यार करता हूँ.. और रही बात माँ की तो इसकी चुत की सारी गर्मी अब मैं निकालूँगा..
गौतम जाते हुए - सोने मत देना रात भर आंटी को..
नीरज - इसे तो लंड पर सुलाऊंगा..
लीला मज़े से गौतम को देखकर - बाए बेटा..
गौतम - बाए आंटी...
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कुछ दिन बाद...
रूपा झील के पास करीम की रिक्शा में बैठी हुई सडक को देख रही थी.. गौतम एक बस से उतर कर रिक्शा के पास आ गया और टेक्सी में बैठ गया..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा के होंठो को अपने होंठों से लगा लिया और चूमकर रूपा से बोला..
गौतम - माफ़ कर दो.. देरी हो गई आने में..
रूपा - करीम.. रिक्शा कहीं ले चल..
करीम - आपा वही ले चलू जहा पहली बार लेकर गया था..
रूपा - हाँ.. ले चल..
गौतम - ज्यादा टाइम नहीं है मम्मी.. रूम ले लेते है किसी होटल में..
रूपा - टाइम क्यों नहीं है..
गौतम - अरे आते आते शाम हो जायेगी.. माँ ने मना किया है शाम के बाद बाहर रहने से.. उन्हें डर लगता है अकेले..
रूपा - हम जल्दी आ जाएंगे..
गौतम - तुम कह रही थी कुछ बात करनी है तुम्हे?
रूपा - वही बैठ कर बात करेंगे..
गौतम रूपा के बूब्स पकड़कर मसलते हुए उसके चेहरे पर चुम्मिया करते हुए - ठीक है..
रूपा गौतम के सर को अपनी गोद में खींच लेती है और अपना ब्लाउज के बटन खोलकर एक चूची गौतम के मुंह पर रख देती जिसे गौतम चूसने लगता है और रूपा साडी का पल्लू गौतम के सर पर डाल कर उसका चहेरा आँचल में छुपा लेती है और रिक्शा से बाहर देखकर इतनी ख़ुशी से मुस्कुराने लगती है जैसे उसे कोई खज़ाना मिल गया हो..
करीब सब बैक मीरर में देख रह था और उसे समझ नहीं आ रहा था की रूपा इतनी खुश क्यों है?
गौतम ने रूपा का दूसरा चुचा भी निकाल लिया और मुंह में लेकर पूरी काम भावना के साथ चुचक चूसते हुए चुचो को चाट चाट कर पिने लगा.. रूपा के बदन में झुनझुनाहट हो रही थी और वो प्यार से गौतम का सर सहला रही थी..
रूपा गौतम को प्यार भरी और ममता भरी आँखों से देखने लगी.. उसे गौतम आज जान से प्यारा लग रहा था उसका करण सिर्फ वही जानती थी..
उसी जगह वापस आने के बाद गौतम ने रूपा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके होंठों का रस लेते हुए बोला - अब बताओ ना मम्मी क्या कह रही थी तुम?
रूपा फिर से गौतम के होंठ चूमते हुए - इतनी भी क्या जल्दी है पहले मुझे मेरे शैतान बच्चे के नजूक लबों को तो मन भरके चुम लेने दे..
गौतम चूमते हुए - सॉरी मम्मी.. मैं माँ को साथ रहने के लिए नहीं मना पाया..
रूपा - कोई बात नहीं नन्हे शैतान.. वैसे भी कल मैं वापस माधुरी के साथ उसी फ्लेट में रहने जा रही हूँ..
गौतम - क्यों?
रूपा पर्स से कुछ डॉक्यूमेंट निकालती हुई - हमने वो घर सुमन दीदी के नाम पर कर दिया है.. और अब मैं और माधुरी दोनों ये चाहते है की तू सुमन के साथ उस छोटे से पुलिसक्वाटर से निकलकर उस घर में रहे..
गौतम - पर इतनी मेहरबानी क्यों?
रूपा - कैसी मेहरबानी? उस घर की असली हक़दार तो सुमन दीदी ही है.. और अब तु इसे लेने से मना मत करना.. तुझे दीदी की कसम..
गौतम रूपा के ब्लाउज में हाथ डालकर - अच्छा ये सब छोडो.. प्यार करना शुरु करें?
रूपा मुस्कुराते हुए गौतम की जीन्स का हुक खोलकर चैन नीचे कर देती है और झट से उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है..
गौतम रूपा के पर्स में से सिगरेट लाइटर निकलकर सिगरेट सुलगाते हुए एक दो कश लेकर अपना लंड चुस्ती रूपा को सिगरेट देते हुए कश लेने के लिए कहता है तो रूपा मना कर देती है और लंड चूसने में फिर से मग्न हो जाती है..
गौतम - क्या हुआ मम्मी?
रूपा - मैने सिगरेट छोड़ दी..
गौतम - क्यों?
रूपा - डॉक्टर ने कहा है..
गौतम - डॉक्टर ने क्यों मना किया है?
रूपा - बच्चे को परेशानी होती है..
गौतम - मुझे क्या परेशानी होगी?
रूपा मुंह से लंड निकालकर गौतम को देखते हुए - तुझे नहीं मेरे नन्हे शैतान.. तेरे होने वाले बच्चे को जो मेरे अंदर पल रहा है..
गौतम स्तब्ध भाव से - क्या..
रूपा - क्या नहीं हाँ.. मेरे होने वाले बच्चे के पापा जी..
गौतम - मैं पापा बनने वाला हूँ? बहनचोद.. तुमने बच्चे रोकने वाली पिल्स नहीं ली थी..
रूपा लंड वापस चूसते हुए - तू फ़िक्र मत कर.. मैं संभाल लुंगी.. और मैं ही नहीं माधुरी का भी यही हाल है वो डॉक्टर के पास गई है.. मुझे उस दिन जब हम बाबाजी के पास से आ रहे थे तब पता चला मै पेट से हूँ और माधुरी को आज सुबह..
गौतम मुस्कुराते हुए - यार.. सब माँ बनती है तुम दोनों सीधा दादी बनगी..
रूपा टांग खोलते हुए - अच्छा अब धीरे धीरे चोदना.. पहले वाला शैतान नहीं अब प्यारा वाला शैतान बनकर रहना पड़ेगा तुझे..
गौतम चुत में लंड घुसाकार धीरे धीरे पेलता हुआ - पर तुम जानती हो मम्मी..
रूपा चुदवाते हुए - मैंने कहा ना मैं सभाल लुंगी.. तुझे फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है.. बस मिलने जरुर आना.. हम दोनों ने जगमोहन से भी रिश्ता तोड़ दिया है..
गौतम रूपा ब्लाउज खोलकर उसके कबूतर आजाद कर देता है और अपनी टीशर्ट उतारकर रूपा के छाती से अपना सीना सटा देता है और होंठों के करीब होंठ लाकर रूपा की साँसों को महसूस करते हुए उसी तरह चोदते हुए कहता है - मुझे जब भी मौका मिलेग मैं मिलने आऊंगा मम्मी.. छोटी माँ से भी कहना.. आप दोनों अपना और बच्चे का अब और ज्यादा ख्याल रखना..
रूपा चुत में झटके खाकर मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों को चुम लेती है और कहती है - हाँ शैतान...
रूपा और गौतम के मिलन में सिर्फ उनके बदन ही नहीं मिल रहे थे बल्कि उनकी आत्मा भी उनके शरीर से निकलकर एक दूसरे को का लेना चाहती थी और इसी उद्देश्य को अपने मन में लिए दोनों एक दूसरे को भोग रहे थे..
प्रेम की जितनी कला रूपा को आती थी वह अपनी कलाओं में गौतम को अपने शरीर का सुख दे रही थी..
गौतम घास में पीठ के बल लेटा हुआ था और रूपा उसके लंड पर बैठकर अपने कबूतरों को मसलती हुई और अपने चेहरे पर कामुकता के भाव लाती हुई इठलात हुई मुस्कुराती हुई गौतम को देखकर आंख मारती हुई और उसे छेढ़ती हुई गौतम के लंड को चुत में लेकर गांड हिलाती हुई सम्भोग और प्रेम के नए आयाम से परिचित करवा रही थी रूपा आज कई बार झड़ी थी उसी तरह जैसे पहली बार गौतम की चुदाई से झडी थी.. और आखिर में गौतम ने भी रूपा की चुत में झटके मारते हुए अपना पानी निकाल दिया..
गौतम - मम्मी...
रूपा - हाँ?
गौतम गांड पकड़ते हुए - प्लीज...
रूपा - अच्छा लेले.. आज गांड भी...
गौतम - मम्मी यार गांड उची करो ना अपनी.. लंड आराम से घुस जाएगा गांड में..
रूपा - धीरे... आहिस्ता घुसाना..
गौतम - फ़िक्र मत करो ज्यादा तकलीफ नहीं दूंगा..
गौतम गांड में लंड का टोपा फंसा कर गांड मारते हुए - लगता है आपसे सच्चा प्यार हो गया है..
रूपा - आहहह ग़ुगु धीरे ना.. बच्चा..
गौतम धीरे धीरे गांड मारते हुए - पता है उस जब उस रात तुम्हे और माँ को साथ में देखा था तब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था तुम पर मगर फिर माँ के चेहरे पर ख़ुशी देखी तो तुम पर प्यार आने लगा था ..
रूपा - तुम्हारे प्यार ने ही तो मुझे इस तरह झुका रखा है ग़ुगु.. अब तेरे अलावा मुझे कुछ नहीं चाहिए..
गौतम - बहुत टाइट है मम्मी.. बहुत मज़ा आ रहा है अपनी गांड मारने में.. मम्मी आपकी चुत जन्नत तो गांड स्वर्ग का द्वार है सच में.. मेरा निकलने वाला है..
रूपा - ग़ुगु मुंह में देदे..
गौतम - लो मम्मी... आहहह...
रूपा लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है.. और कुछ ही पलो में गौतम रूपा के मुंह में झड़ जाता है..
दोनों सम्भोग समाप्त हो चूका था और अब गौतम एक पेड़ के सहारे बैठा हुआ था वही रूपा भी गौतम की गोद में उसके सीने का सहारा लिए बैठी थी..
गौतम - पता है मम्मी जब पहली बार मैं तुमसे मिला था और तुमने वापस आने के लिए अपनी सोने की चैन मुझे दे दी थी तब मुझे लगा था कि तुम बेवकूफ हो.. मगर बाद में समझ आया कि तुम मेरे मोह में पड़ गई थी..
रूपा - मैं तुझे देखते ही समझ गई थी नन्हें शैतान.. कि तू जैसा भी हो दिल का बुरा नहीं है.. ऊपर से तेरी प्यारी सूरत मेरे मन में तेरे लिए ममता भी जगा रही थी..
गौतम अपने वॉलेट से एक मगलसूत्र निकालकर - ये वही चैन है मम्मी.. जो तुमने मुझे कोठे के उस कमरे में दी थी मैंने इसका मगलसूत्र बनवाया है.. अब मैं इसे अपने हाथों से तुम्हारे गले में पहनाना चाहता हूँ..
रूपा आँखों में आंसू लेकर - गौतम...
गौतम मगलसूत्र पहनाकर पास पड़ी कटीली झाडी के एक कांटे से अपना अंगूंठा लगाकर खून की दो बून्द निकाल लेता है और उस अंगूठे के खून से रूपा की मांग भरके कहता है - लो मम्मी अब से तुम पूरी तरह मेरी हुई..
रूपा की आँखों से ख़ुशी के आंसू निकल पड़ते है.. और वो गौतम को गले लगा कर अपने पुरे जीवन के सारे दुख दर्द पीड़ा को भुलाकर नए सपने आँखों में सजा लेती है.. और गौतम के गले लग कर ख़ुशी से रोने लगती है..
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jiski bhi gautam chudai karega uska maa banna tay hai
nice update