दीया, विराज की शादी हो गयी अब बारात दुल्हन क़ो लेकर वापस घर आ गयी.. इस नए घर में दीया दुल्हन बन कर आ गयी
अब आगे उसकी ही जुबानी
दीया की जुबानी....
अब वो रात भी आ गयी ज़ब मेरी सील टूटने वाली थी।मैं सुहागरात के रूम में थी और वो बाहर से रूम में आ रहे थे मेरी ननंद रूम के बाहर ख़डी होकर नेग मांगने लगी। बाकि औरते भी बोल रही थी "ईसान हीं नी मिल जावे लुगाई की पेली नेग तो दे दें"।नेग देकर विराज रूम में आये। तब तक पलंग पर हीं बैठी थी रूम बंद हुआ और वो मेरे पास आये बोले दीया मेरी जान आज वो रात आ हीं गयी आज ना तुम्हे सोने दूंगा ना मैं सोऊंगा। और उन्होंने मुझे गले से लगा लिया।हम दोनों पलंग पर बैठे बैठे आगे का खेल खेलने की तैयारी करने लगे।
![hz6py3ixzhtq hz6py3ixzhtq](https://i.ibb.co/QXLvQLS/hz6py3ixzhtq.jpg)
धीरे धीरे वो मेरे गहने खोलने लगे। मेरे गले पर हल्के हल्के अपने होंठ लगाने लगे।विराज बोले फोन मैं तो कर लिया आज रियल में करेंगे आज तो तुम्हारी फटेगी । मैं बोली विराज सही में फाड़ोगे क्या आराम आराम से करना मेरे जानू अब तो मैं आपकी हु दिन रात सुबह शाम कभी भी बज्जी ले लेना अपनी दीया की ।
विराज बोला जानू एक बार तुम्हारी सील तोड़ दू फिर सारे घर में नंगी घुमा-घुमा कर चोदुन्गा तुम्हे . हम दोनों हंसने लगे।
अब विराज नें मेरी ओढ़नी हटा दि पीछे से मेरी ब्लाउज की डोर खोल दि।और बिना देर करे मेरी ब्रा का हुक खोल दिया।
विराज ने जैसे ही मेरी कसी हुई लाल ब्रा का हुक खोला, मेरे दोनों कड़े फूले हुये बूब्स कूद कर आज़ाद होते हुए विराज की छाती पर आ गिरे।
![images-3 images-3](https://i.ibb.co/KyWbY2M/images-3.jpg)
मेरे बोबो के स्पर्श से उनकी चौड़ी छाती भरपूर गुदगुदा गई और उनका लौड़ा सनसनाते हुए भक से कड़ा, मोटा और पथरीला हो गया।और उनका पायजामा तम्बू बन गया।
वो एक निपल को चूस रहे थे और दूसरी चूची
को अपनी हथेली मे भर कर मसल रहे थे।
पहले धीरे धीरे
मसले मगर कुच्छ ही देर मे दोनो बोबो को पूरी ताक़त से मसल
मसल कर लाल कर दिए. उनका पूरा कचुंबर बना दिया।
वो बीच बीच मे मेरे फूले हुए निपल्स को दन्तो से काट रहे थे.
![16679838 16679838](https://i.ibb.co/rvCWSqL/16679838.webp)
जीभ से निपल को छेड़ने लगते. मैं "सीईई…..
आआअहह…ममम्मी … विराज धीमे काटो मेरी जान निकलोगे क्या " जैसी आवाज़ें निकालने से नही रोक पा
रही थी. उनके होंठ दोनों बोबो पर घूमने लगे. जगह जगह
मेरे बोबो को काट काट कर सुहागरात की निशानी छ्चोड़ने लगे. पूरे बोबो पर लाल लाल दन्तो के निशान उभर आए. मैं दर्द और उत्तेजना मे
सिसकियाँ ले रही थी. और अपने हाथों से अपने बोबो को उठाकर
उनके मुँह मे दे रही थी।
निपल्स लगातार चूस्ते रहने के
कारण दुखने लगे थे. बोबो पर जगह जगह उनके दन्तो से काटने के
लाल लाल निशान उभरने लगे थे. मैं काफ़ी चुदासी हो गयी थी। इतने बॉयफ्रेंड से अपनी गांड का बाजा बजवाया था पर यहां अपनी सुहागरात पर मैं सती सावित्री बन रही थी।
अब उन्होंने मेरी लहंगे का नाड़ा खोल दिया। और मैं पूरी नंगी हो गयी विराज के सामने क्योंकि पैंटी तो यश ले गया था उसके बाद तो मैंने पहनी हीं नहीं थी।
ओह जानू तुमने तों मुझे पूरी नंगी कर दिया।
अब विराज निचे
मेरी नंगी फाको पर उंगली चलाते हुए मेरी चूचियों को बारी बारी से अदल बदल कर दबाने लगे .....मैं सिसक रही थी.....चुदास के मारे अपनी जाँघे भींचने लगी
![p1s00okbayuj p1s00okbayuj](https://i.ibb.co/NpV4qHz/p1s00okbayuj.jpg)
वो दोनो चूंचीयों को बारी बारी से मसलते.....चूत की फाकॉ के बीच अपनी आग लगाने वाली उंगलियों को रगड़ रहे थे .....मैं तो आँखे बंद करके इस मजे का लुत्फ़ उठा रही थी ....तभी उन्होंने अपने गर्म होंठ मेरे तपते लबो से चिपका दिए.... चूसने लगे
![kiss-intimate kiss-intimate](https://i.ibb.co/mNdNt02/kiss-intimate.gif)
उन्होने मुझे इस तरह
चूमना शुरू किया मानो बरसों के भूखे हों।
मुझसे तो अब बिलकुल भी नहीं रुका जा रहा था। ....नीचे विराज की उंगलियाँ मेरी चूत की कुँवारी होंठों के साथ छेड़ छाड़ कर रही थी.... उपर और नीचे दोनो जगह की होंठों के साथ एक साथ छेड़छाड़ का मज़ा भी अलग था....
वो मेरी लाल हो चुकी फाँको को फैला कर देखने लगे .. हाए !!!....विराज ...क्या कर रहे हो...मेरा पूरा बदन काँपने लगा था....मेरी आँखे बंद हो गयी थी..
विराज ने मेरी चूत के फांको को फैला के लेकिस्स कर लीया .. हाए विराज मैं मरी !!!...मेरे मूह से सिसकारी निकल गयी....अब तो मैं विराज के लौड़े क़ो अपनी चूत में भींचने क़ो आतुर हो गयी थी..हाए !!!...जानू ...बहुत अचााआअ.....आअहह.. लग रहा है ..विराज ने अपना मूह मेरी नंगी चूत पे रख दीया .....मेरा पूरा बदन...सनसना गया...बदन ऐंठ ने लगा.. और मैने विराज के सर को...पकड़ ...अपनी लाल चूत पे ज़ोर से दबा दिया...और ..मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया
आआहह … ऊऊऊ … … विराज … उम्म्ह … अहह … हय … याह … … आह्ह विराज … आई लव यू जान।
..उफ़फ्फ़ मम्मी ..मै तो पागल होकर..शर्मो हया छोड़ ..विराज के मुसल लंड..को...उसके कपडे के उपर से पकड़ मसलने लगी....अब उसने भी कपड़े खोल ...अपने मूसल जैसे तने हुए लौड़े को मेरे सामने कर दिया ...मेरा हाथ पकड़ कर..अपने सख़्त लौड़े पर रख दिया...उफफफ्फ़..कितना गरम और लोहे की तरह सख़्त था..विराज का..लंड...वो मेरी हाथ मे फुदक रहा था...मैने विराज के सख़्त लौड़े को पकड़ कर ...आगे पीछे करना शुरू कर दिया...
how to check resolution
विराज नें अपना लंड..मेरे मूह के पास लाकर ...मेरी चूचियों को मसलता हुआ...बोला. दीया मेरी जान अब तुम्हारी बारी। मेरे तो मन मे कबसे यही इच्छा हो रही थी की कब...विराज का मोटा लौडा चूसने क़ो मिलेगा। विराज ने लंड..मेरे गुलाबी होंठो के बीच..रख दिया...मैने भी अपनी गुलाबी होंठों की पंखुड़ियों मे विराज के खड़े लौड़े को दबा ....उसके चिकने फूले ...सुपाड़े पर हलके से जीभ चलाई...आआहह... मेरी जान... विराज के मूह से...सिसकारी निकल गयी.
मैने उनके लौड़े को अपनी मुट्ठी मे पकड़ा और
अपनी जीभ निकाल उसे चूसना और चाटना शुरू कर दिया. मैं अपनी
जीभ से उनके लौड़े के एकदम नीचे से उपर तक चाट रही थी.
![big-lick-before-sucking-hard-cock-4347-blowjob big-lick-before-sucking-hard-cock-4347-blowjob](https://i.ibb.co/zh7150j/big-lick-before-sucking-hard-cock-4347-blowjob.gif)
मैं काफ़ी देर तक उनके
लौड़े को तरह तरह से चाटती रही. उनका लौडा काफ़ी मोटा था इसलिए मैं
मुँह के अंदर ज़्यादा नही ले पा रही थी इसलिए जीभ से चाट चाट
कर ही उसे गीला कर दिया था।
विराज बोले इतना मस्त लौडा चूसना कहाँ से सीखा। मैं अब उन्हें क्या बोलती की कितनो के लौड़े चूस कर लण्ड चुसाई में एक्सपर्ट बनी हूँ......पर मैं बोली......पोर्न देखकर।
अब विराज नें दोनो हाथो से मेरी दोनो चूचियों को अपनी हथेली में भर मसल दिया.....उफफफ्फ़....विराज इतनी जोर से भी कोई मसलता है क्या भला...
पर उसने अनसुना कर दिया....अपना चेहरा झुकते हुए मेरे होंठों को अपने होंठों में भर मेरी चूचियों को और कस कस कर मसलने लगा......हम दोनो आपस में एक दूसरे से लिपट गये....
..उफ़फ्फ़..विराज का गरम ..सख़्त लंड मेरी चूत को टच करने लगा ....उसके लंड की रगड़ाई का अहसास मुझे अपनी चूत पर महसूस हो रहा था.....मैं भी उसको नोचने लगी....उसके होंठों को अपनी दाँत से काट ते हुए हाथो को उसके कुल्हो पर ले गई....कुल्हो के भरे माँस को अपनी हथेली में भर कर मसलती.....दोनो कुल्हो के बीच उसकी गाँड की दरार में उपर से नीचे तक अपनी हथेली चला रही थी....अब तो हम दोनों बेकाबू हो चुके थे..... मेरी धडकनें और तेज़ हो गयी........एक हाथ से वो भी मेरे मांसल ढूंगो की गहराइयों मे उंगली चला रहा था......चूची अब भी उसके मुँह में थी.....मैं तड़प रही थी.....
कुछ देर तक इसी तरह चूसते रहने के बाद....उसने होठों को अलग किया......होंठों और गालो को चूसते हुए धीरे धीरे नीचे की चूचियों को चूमने के बाद मेरे पेट पर अपनी जीभ फिरते हुए नीचे बढ़ता चला गया....गुदगुदी और सनसनी की वजह से मैं अपने बदन को सिकोड़ रही थी......जाँघो को भीच रही थी....तभी उसने अपने दोनो हाथो से मेरी जाँघो को फैला दिया..
अब विराज थोड़ा पीछे खिसक मेरी चूत के उपर झुकता चला गया...
मैं समझ गई की अब मेरी चूत की चटाई होने वाली है ....दोनो जाँघो को फैला मैं उसको होंठों का बेसब्री से इंतेज़ार करने लगी.....विराज जीभ निकाल चूत के उपरी सिरे पर फिरते हुए.....लाल नुकीले चूत के दाने से जैसे ही उसकी जीभ टकराई....मेरी साँसे रुक गई....बदन ऐंठ गया........मैं आँखे बंद किए इस मज़े का रस चख रही थी....तभी विराज नें मेरी चूत को लपर लपर चाटना शुरू कर दिया....विराज लॅप लॅप करते हुए चाट रहा था....
" हाआअँ और अंदर जानू . ऊऊ ओह उउउउउईईईइ मममम्मी..
विराज नें जीभ क़ो नुकीला कर चप से जब चूत में घुसाया अंदर बाहर किया तो....मैं मदहोश हो उसके सिर के बालो को पकड़ अपनी बुर पर दबा चिल्ला उठी....चूस चुस्स्स्स्सस्स हीईीईईईईईईई हाए !!!
![16326290 16326290](https://i.ibb.co/RYQS31W/16326290.webp)
....विराज ....ये क्या कर रहे हो.......उईईईई....मेरी जान लोगे क्या .......उईईई.....सीईईईई.....चूस्स्स्स्सस्सो ...चा... आअट ... हाए !!! मेरी रसभरी में जीभ.....ओह म मम्मम्मी .... हाए !!!ईिइ....विराज .....बहुत मजो आवे .....उफफफ्फ़ चााअटतत्त ल म्हारा विराज थारी दीया की......उत्तेजना में मेरी मारवाड़ी भी निकल रही थी।
विराज तो लगातार चाट रहा था....चूत में कच कच जीभ पेल रहा था.....मैं भी नीचे से कमर उचका कर उसकी जीभ अपनी चूत में ले रही थी...तभी उसने चूत की दरार में से जीभ निकाल लिया .. आह ब्रारे मम्मी ऊऊउउउईई....आअहह... ..सस्स्सिईईई... .विराज ...अब अपना लौडा मेरी चूत मे डाल दो मुझे चोद दो... जैसे मेरी भाभी क़ो चौदा आज उनकी ननंद की भी चुदाई कर दो..मस्ती और मदहोशी मे मै बके जा रही थी।....विराज ने मेरी टाँगों को चौड़ी...करते हुए...मेरी टाँगों के बीच बैठ ....अपने लंड के फूले सुपाड़े को मेरी लपलपाति चूत के गुलाबी छेड़ पर...रख..रगड़ने लगा....उफफफ्फ़...उईईइ..मम्मीम्मी .....
जानू ...पेल डालो अपनी लुगाई क़ो .. ...उईईइ...बहुत जल रही है...अचानक विराज ने कच से जोरदार झटका..देते हुए...मेरी ...चूत मे अपने लंड को पेल दिया...उईईईईईई मम्मी मी...मै मरररर गयी.. हाए !!!..विराज .....मै दर्द से बिलबिला उठी...लग रहा था..कोई सख़्त लोहे का गरम रोड मेरी चूत को चीरता हुआ घुस गया है...विराज ...मेरे उपर लेट ...मेरे निप्पल को मूह मे ले कर चूसने लगा..और एक हाथ मेरी चूतड़ों के नीचे डा ल...दरारों मे उंगली डाल चलाने लगा...
।मैं मारे खुशी और कुँवारेपन के सील टूटने के दर्द से चीत्कार कर उठी।आह ब्रारे विराज फाड़ दि मम्मी.... इतरा साल तक बचाई आज टूट गी म्हारी सील आह मम्मी थांको जवाई म्हारी सील तोड़ दि रे ....
मैं अपनी फटती हुए चूत के दर्द पर कराहती रही
![images-23 images-23](https://i.ibb.co/nn5YVGL/images-23.jpg)
ज़ल्द ही मुझे चूत दर्द का एहसास कम और मस्त चुदाई का नशा कहीं ज़्यादा होना प्रारम्भ हो गया।
विराज नें ना जाने कब अपना चूतड़ उठा..एक ज़ोर का झटका मार..मेरी चूत में अपने पूरे लंड क़ो पेल दिया...मै..बोल नही पा रही थी..
बस मेरे मूह से गु गु की आवाज़ निकाल रही थी...विराज ने मेरे होंठो को चूसना चालू कर रखा..और एक हाथ से मेरी चूची को मसल रहा था...कुछ देर..मे मुझे खुद मस्ती का एहसास होने लगा...मै...भी निचे से अपनी गांड उठाने लगी ....विराज भी अब..अपने लंड को धीरे धीरे..मेरी चूत मे अंदर बाहर करने लगा
![3687400-sex-gif-brunette-model-drunk-in-her-bed-getting-fucked 3687400-sex-gif-brunette-model-drunk-in-her-bed-getting-fucked](https://i.ibb.co/mFqLsyR/3687400-sex-gif-brunette-model-drunk-in-her-bed-getting-fucked.gif)
मैं नीचे से अपनी चूत उछाल-उछाल कर पूरी रफ़्तार में चूत सिकोड़ती-ढील देती उनके लौड़े को गपागप निगलती रही,
आँखें बन्द कर धकाधक-धकाधक चुदती-चुदवाती रही।
...आआहह...जानू ...करो...पूरा अन्दर तक ..हम दोनों की तेज सांसो से पूरा कमरा ...गूँज रहा था...पेलाई जोरो से चालू थी...विराज ..अब मेरी कमर को पकड़ मेरी चूत मे सटा सट..अपना लंड पेले जा रहा था...मै अपनी गाँड को उठा उठा..कर गोल गोल नाचती...उसके हर धक्के का जबाब दे रही थी...
मेरी जान कैसा लग रहा है विराज बोला.।।.. मैं बोली हाए !!! विराज ...उईईई...पेलते रहो...अपनी दीया की चूत क़ो ..अब तो रोज चोदना मेरी इस रसभरी को...बहुत खुजली करती है साली...आअहह....ज़ोर से चोदा ना...
आह्हह … विराज … क्या लौडा है तुम्हारा! आह्ह … तुम तो सच में कमाल हो … मेरी तों किस्मत खुल गयी.… आह्ह चोदो … जानू … और जोर से चोदो … आईई … आह्ह और तेज।
![7c3db0bb81450e5fcfa77393c8566d0b 7c3db0bb81450e5fcfa77393c8566d0b](https://i.ibb.co/Vgr7jjs/7c3db0bb81450e5fcfa77393c8566d0b.gif)
मै बड़बड़ा रही थी..विराज भी कस कस के कुछ कुछ मेरी बुर को पेल रहा था....ह..विराज ऐसे हीं।..मै अपने गाँड को खूब गोल गोल घुमा ...उसके लंड को अपन्नी चूत की गहराइयों तक ले रही थी..उईईई...मम्मीम्मी ..आह भाभी देखो थांका नन्दोईजी आज थांकी ननंद की सील तोड़ दी मैने बड़बड़या....
विराज ...उईईईईईईईई..... मेरा ......छूटने ....वालाआआ ....हैं विराज ....सीईए.. . और मै झड़ गई....मुझे अहसास हुआ जैसे मैं हवा में उड़ रही हू....मेरी आँखे बंद हो गई...कमर अब भी धीरे धीरे उछल रही थी...पर एक अजीब सा सुकून महसूस हो रहा था.... बदन की सारी ताक़त जैसे ख़तम चुकी....ऐसा लग रहा था...हम दोनो पसीने से भर चुके थे....विराज अब भी अपने लंड से कच कच मेरी चूत को मार रहा था...उसके धक्के तेज होते जा थे...आहह...मेरी जान ...मैं भी आ गया ... फच्च फच्च करते हुए मेरी चूत मे हीं झड़ने लगा...उसका वीर्य..जैसे मेरी चूत मे..लग रहा था की...पानी की गरम धार..गिर रही हो...मुझे एक सुखद एहसास हो रहा था..
विराज भी झड़ कर मेरे उपर लेट... हाँफ रहा था और मै भी....कुछ देर हम...वैसे हे पड़े रहे...फिर मैने विराज को अपने उपर से धकेला...और उठ कर बैठ गयी...मेरी चूत से..रस..टपक रहा था..जो शायद .दोनो का था..मैने झुक कर अपनी चूत का..मुआयना किया...वो काफ़ी सूज गयी थी..लाल...खून जैसी...और वीर्य भी सफेद की जगह लाल और मटमैला हो गया था..मेरी चूत .फट चुकी थी..
मैंने उठने की कोशिश की...लेकिन..उठा नही जा रहा था..
लेकिन अभी भी मन नहीं भरा था रात क़ो और विराज नें मुझे घोड़ी बनाकर चोदा था।
![wjsc6uv0gw0w wjsc6uv0gw0w](https://i.ibb.co/R6WVy7d/wjsc6uv0gw0w.jpg)
सवेरे हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर नंगे ही सो गये।
![kunwari-dulhan-kunwari-chut-150x150 kunwari-dulhan-kunwari-chut-150x150](https://i.ibb.co/R9FzcDZ/kunwari-dulhan-kunwari-chut-150x150.jpg)
हमारे बिस्तर की चादर पर पड़ी हुई खून और वीर्य की बूंदें मेरी कुंवारी चूत और रात के खेल की सारी कहानी बयान कर रहे थे।पर अब चूत क़ो लाइसेंस मिल चूका था दूसरे लौड़े खाने का......