सुबह उठी तब विराज और मैं नंगे ही सो रहे थे। मेरी नई नई चुदी चूत विराज के मोटे लौड़े की मार से दर्द से बिलख रहीं थीं। पर मजा भी बहुत लिया अपनी सुहागरात
मे। नंगी ही बाथरूम गयी और फ्रेश होकर वापस बेड पर
आयी विराज अभी भी सो रहा था। उसका सोया हुआ लण्ड बड़ा प्यारा लग रहा था उसे उठाने के लिए मुझे भी मस्ती सूझी और मैं उसके लण्ड क़ो जीभ से चाटने लगी। उसका लौडा धीरे धीरे खड़ा होने लगा। और विराज भी उठ गया। मैंने उसे बोला जानू अब रोज तुम्हे ऐसे ही उठाउंगी। और हम दोनों किस करने लगे।रूम पर दस्तक हुई विराज बाथरूम गए और मैंने कपड़े पहनकर रूम खोला। सब मेरी नंनड़े थीं सभी हँसी मजाक कर रहीं थीं तैयार होकर जल्दी बाहर चलने की बोल रहीं थीं। उनसे फ्री हुई और नहाने जाने वाली थीं तभी मेरी प्रिया भाभी का फ़ोन आ गया फ़ोन उठाते ही सीधे भाभी बोली क्यों मेरी लाड़ो ननंद रानी चुद गयी, तुड़वाली अपनी सील.. मैं बोली हां भाभी आपके ननन्दोई कहाँ छोड़ने वाले है फिर कल रात की चुदाईगाथा उन्हें सुना,नी पड़ी ज़ब वो मानी..
अब वापस महिमा की जुबानी
मेरे बेटे की शादी हो गयी बहु भी आ गयी। उनकी सुहागरात भी मन गयी। दिन क़ो भी बेटे बहु रूम मैं ही रहते थे। खूब पलंग के चर चर की आवाजे बहु के आहें भरने की आवाजे आती रहती थीं। शादी क़ो चार पांच दिन हो गए थे। अब मेरी दूसरी ब्यान प्रीति मेरे घर आने वाली थीं मेरी बहु क़ो पहली बार पीहर ले जाने। प्रीति ब्यान क़ो कैसे भूल सकती हूँ उसने ही अपने हाथों से उसके पति का मोटा मुसल पकड़ कर मेरी रसभरी मैं डाला था और ब्याहीजी क़ो उकसा उकसा कर मेरी चूत फड़वाई थीं। हाय राम क्या पेला था उस दिन ब्याहीजी नें मुझे, मैं तों अभी भी सोचती हूँ तों गीली हो जाती हूँ।ब्याहीजी का है ही इतना मोटा खैर एक ब्यान से तों जोरदार बदला लिया था मैंने,उसने एक डलवाया मेरे, मैंने उसके दो डलवाये। अब भला इन ब्यानजी क़ो कैसे छोडूंगी।