रूम में घुसते ही मेरे पतिदेव ने ब्यानजी की कमर मे हाथ डालते हुए कस के जकड़ लिया.
ब्यानजी अब छूटने की कोशिस करती लेकिन कोई बस नही चल पा रहा था. मेरे पतिदेव ने ब्यानजी के कमर को जब जकड़ा तो उन्हे महसूस हुआ की ब्यानजीकी गांड काफ़ी भारी है।
server images hd
थी भी ब्यान भरे बदन की।। मेरे पतिदेव ब्यानजी को खींच कर पलँग पर लाने लगे तभी ब्यानजी छूटने की कोशिस के साथ बोली "अरे...कांई कर रिया हो कुच्छ तो लाज़ करो... . ब्यानजी का कोई बस नही चल रहा था. मेरे पतिदेव बिना कुच्छ जबाब दिए ब्यानजी को पलँग पर ले आए और पलँग पर लिटाने लगे " ब्यानजी जैसे ही पलँग पर लगभग लेटी ही थी की मेरे पतिदेव उनके उपर चढ़. गये.
ब्यान जी शर्म के मारे अपने चेहरे को दोनो हाथों से च्छुपाने की कोशिस की वैसे ही मेरे पतिदेव ने अपना पजामा खोलकर नीचे गिरा दिया ढीली लंगोट भी दूसरे पल शरीर से दूर हो गया.
अब पूरी तरह नंगे मेरे पतिदेव का लौड़ा लहरा रहा था.और ब्यानजी कि मारने के लिए मचल रहा था।
ब्यानजी के शरीर पर मेरे पतिदेव अपने पूरे शरीर का वजन रखते हुए सारी को ब्लाउज के उपर से हटा कर चुचियो को भिचना सुरू कर दिया.
ब्यानजी ने अब कोई ज़्यादा विरोध नही किया और अपने मुँह को दोनो हाथों से च्छुपाए रखा. इतना देख कर मेरे पतिदेव ब्यानजी के शरीर पर से उतर कर एक तरफ हो गये और ब्यानजी के कमर से सारी की गाँठ को छुड़ाने लगे. तभी ब्यानजी ने एक हाथ से मेरे पतिदेव के हाथ को पकड़ ली और ब्यानजी फिर बोली "ब्याहीजी मानो नी थांकी वाली ने रगड़ो मने तो छोड़ो, थाका ब्याही ने कई मुंह दिखाऊ मति करो।
लेकिन मेरे पतिदेव ताक़त लगाते हुए सारी के गाँठ को कमर से बाहर निकाल दिए. कमर से सारी जैसे ही ढीली हुई मेरे पतिदेव के हाथ तेज़ी से सारी को खोलते हुए पलँग से गिराने लगे. आख़िर ब्यानजी के शरीर को इधेर उधेर करते हुए मेरे पतिदेव ने पूरे सारी को उसके शरीर से अलग कर ही दिए. औऱ बोले ब्यानजी इतरा टाइम तक छोड़ दी थाने यो ही शुक्र मनाओ।आज तो म्हारा हल सु थांकी जमीन पर खेती कर ही रूकू।। अब ब्यानजी केवल पेटिकोट और ब्लाउज मे थी
. दूसरे पल मेरे पतिदेव ब्लाउज को खोलने लगे तो फिर ब्यानजी गिड़गिदाई "अभी भी कुच्छ नी हुयो ब्याहीजी मत करो म्हारा ब्याहीजी..मत चढ़ो म्हारे पे ...है ..राम जी.." लेकिन ब्लाउज के ख़ूलते ही ब्यानजी की दोनो बड़ी बड़ी चुचियाँ एक लाल रंग की पुरानी ब्रा मे कसी हुई मिली.
थी तो ब्यान चुदी पिटी लेकिन बोले ऐसे जा रही थी जैसे आज तक किसी को खुद पर चढ़ाया नही हो।।
मेरे पतिदेव बिना समय गवाए ब्लाउज को शरीर से अलग कर ही लिए और लेटी हुई ब्यानजी के पीठ मे हाथ घुसा कर जैसे ही ब्रा की हुक खोला की काफ़ी कसी हुई ब्रा एक झटके से अलग हो कर दोनो चुचिओ के उपर से हट गयी. मेरे पतिदेव ने तुरंत जैसे ही अपने हाथ दोनो चुचिओ पर रखने की कोशिस की वैसे ही ब्यानजी ने उनके दोनो हाथ को पकड़ने लगी और फिर गिड़गिदाई "अरे मैं केन मुँह दिखाउन्गि ..थांका ब्याहीजी ने.." लेकिन मेरे पतिदेव के शक्तिशाली हाथ को काबू मे रखना ब्यानजी के बस की बात नही थी और दोनो हाथ दोनो चुचिओ को मसल्ने लगे.
मेरे पतिदेव दोनो चुचिओ को मीसते हुए ब्यानजी के मांसल और भरे हुए शरीर का जायज़ा लेने लगे. ब्यानजी जब मेरे पतिदेव के दोनो हाथों को अपनी चुचों पर से हटा नही पाई तो लाज़ दीखाते हुए अपनी दोनो हाथों से चेहरे को ढक ली. लेकिन मेरे पतिदेव अगले पल अपने एक हाथ से उसके हाथ को चेहरे पर से हटाते हुए अपने मुँह ब्यानजी के मुँह पर टीकाने लगे. इतना देख कर ब्यानजी अपने सर को इधेर उधेर घुमाने लगी और मेरे पतिदेव के लिए ब्यानजी के मुँह पर अपने मुँह को भिड़ना मुश्किल होने लगा. इतना देख कर मेरे पतिदेव उसके चुचिओ पर से हाथ हटा कर तुरंत अपने एक हाथ से ब्यानजी के सर को कस कर पकड़ लिए और दूसरे हाथ से उसके गाल और जबड़े को कस कर दबाया तो ब्यानजी का मुँह खूल सा गया और मेरे पतिदेव तुरंत अपने मुँह को उसके मुँह पर सटा दिया और ब्यानजी के खुले हुए मुँह मे अपने जीभ को ब्यानजी के मुँह मे घुसेड कर मानो आगे पीछे कर के उसके मुँह को जीभ से ही पेलने लगे. ब्यानजी का पूरा बदन झनझणा उठा. दूसरे पल ब्यानजी के होठों को भी चूसने लगे. और अब हाथ फिर से चुचिओ पर अपना काम करने लगे.
p
ब्यानजी की सिसकारियाँ रूम के बाहर मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी. . थोड़ी देर तक ऐसे ही ब्यानजी के होंठो को कस कस कर चुसते हुए मेरे पतिदेव ने दोनो चुचिओ को खूब मीसा और नतीज़ा यह हुआ की पेटिकोट के अंदर मेरी ब्यान की रसभरी अपना रस बहाने लगी .तभी मेरे पतिदेव ने ब्यानजी के पेटिकोट के उपर से ही उसके जांघों को पकड़ कर मसल्ने लगे. अब मेरे पतिदेव ने पेटीकोट के अंदर हाथ डाल कर उनकी लाल चड्डी उतार दी
अब बस उनके शरीर पे बस एक पेटीकोट था।।अब ब्यानजी समझ गयी कि मेरे पतिदेव उनके
अंतिम चीर को भी हरने जा रहे हैं. और अगले पल जैसे ही उनके हाथ ब्यानजी के पेटिकोट के नाडे को खोलने के लिए बढ़े ही थे की वह उठ कर बैठ गयी और मानो मुझे सुनाते हुए फिर से बोलने लगी "मान जाओ ...आप जो केहो मैं करूँ लेकिन म्हारो पेटिकोट तो मत खोलो.. उपर की इज़्ज़त पर तो हाथ फेर ही दिया थे लेकिन पेटिकोट खोल पूरी नागी मत करो ब्याहीजी ..मैं वरुण के पापा के सामने केन जाउन्गि...केन मुँह दिखाउन्गि...ये तो उन्ही की अमानत है......अरे मान जाओ रे ब्याहीजी।।।ब्यानजी भी पूरी चुदाबा पर चल री ह..." लेकिन मेरे पतिदेव के हाथ तबतक अपना काम कर चुका था और ब्यानजी की बात ख़त्म होते ही पेटीकोट कमर मे ढीला हो चुका था. ब्यानजी इतना देखते ही एक हाथ से ढीले हुए पेटिकोट को पकड़ कर पलँग से नीचे कूद गयी. मेरे पतिदेव भी तुरंत पलँग से उतरकर और लंड खड़ा किए हुए अगले पल ब्यानजी के पीछे आ गये और पेटिकोट के नाडे को दुबारा खींच दिया और दूसरे पल ही ब्यानजी का पेटिकोट रूम के फर्श पर गिर गया. ।और ब्यानजी रूम में पूरी नँगी हो गयी। ब्यानजी को नँगी करके मेरे पतिदेव बोले ब्यानजी ब्याना पर तो पहलो हक़ ब्याही को ही हुवे नखरा वाली ब्यान की ठुकाई में तो और मजो आवे म्हारी ब्यानजी आज तो आराम सु घुसेडवालो नी।। ब्यानजी के ठीक सामने मेरे पतिदेव का तननाया हुया लंड आ गया जिसके मुँह से हल्की लार निकलने जैसा लग रहा था और सुपादे के उपर वाली चमड़ी पीछे हो जाने से सूपड़ा भी एक दम लाल टमाटर की तरह चमक रहा था. अब मेरे पतिदेव ने ब्यानजी के कमर को उसके पीछे जा कर कस कर पकड़ ही लिया और अब ब्यानजी अपने चूतड़ को कही हिला नही पा रही थी. वह समझ गयी अब मेरे पतिदेव उन्हें चोदना सुरू करेंगे.
मेरे पतिदेव ने ब्यानजी को साइड में पड़ी एक टेबल पर झुका दिया ।।इधेर मेरे पतिदेव भी ब्यानजी के कमर को कस कर पकड़ लिए थे और ब्यानजी टेबल पर कुच्छ झुकी होने के वजह से ब्यानजी का चूतड़ कुच्छ बाहर निकल गया था और मेरे पतिदेव का तन्नाया हुआ लंड अब ब्यानजी की दोनो चूतदों के दरार के तरफ जा रहा था जिसे ब्यानजी महसूस कर रही थी. मेरे पतिदेव का एक हाथ तो कमर को कस कर पकड़े थे लेकिन दूसरा हाथ जैसे ही लंड को ब्यानजी के पीछे से उसकी गीली हो चुकी चूत पर सताते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा तो धक्का जोरदार होने की वजह से ऐसा लगा की ब्यानजी आगे की ओर गिर पड़ेगी और टेबल के आगे होने की वजह से ब्यानजी के साथ साथ टेबल भी बुरी तरह हिल गयी और और लंड के चूत मे धँसते ही ब्यानजी ने काफ़ी अश्लीलता भरे आवाज़ मे चीख उठी
"..आआआआआआआआआआ ररीए म्हारी म माँ.... फाड़ दी ................फ..अट गी रे म्हारी फट गी ...फट गया रे ऊवू रे बाप फाड़ दिया रे फाड़ दिया ......अरे वरुण के पापा ने केन मुँह देखाउन्गा मने तो चोद दि रे......श्श्सश्..........अरे. ..बाप हो.....मार ....डाला ...म्हारी में मे घूस गया रे ..जुल्मी ब्याही...अरे ब्यान थारा कसम तो म्हारी ने फाड़ ही दी ...चोद दी म्हारी ने ......उउउहहारे अरे हरजाई ब्यानरांड....अब तो खुश होगी तु मने चुदवाकर थारो कसम म्हारे घुसेड़ दियो।। ...आरे बाप रे बाप मैं किने मुँह दिखाउन्गि....आजज्ज तो लूट लिया रे....मने कांई पतो हो आज ही ....आज म्हारी ....फट जाएगी.....ऊवू रे मा रे बाप ... " मेरे पतिदेव का लंड का आधा हिस्सा बुर मे घुस चुका था.
json fixer
ब्यानजी टेबल के सहारे पीछे की ओर से झुकी हुई थी और मेरे पतिदेव ब्यानजी की चूत पीछे से चोद रहे थे. मेरे पतिदेव ने दुबारा धक्के ब्यानजी की चूत मे मारना सुरू कर दिए और ब्यानजी फिर सिसकारना सुरू कर दी. ब्यानजी की चूत गीली हो जाने की वजह से मेरे पतिदेव लंड काफ़ी आसानी से चूत मे घुसने लगा. . और मेरे पतिदेव समझ गये थे की ब्यानजी काफ़ी चुदी पीटी औरत है और मेरे पतिदेव ने जब लंड को किसी पिस्टन की तरह ब्यानजी की बुर मे अंदर बाहर करने लगे तब ब्यानजी को काफ़ी मज़ा आने लगा.
"सी सी ऊ ऊ ऊ अरे म्हारा ब्याहीजी अब तो बहुत मजो आ रिये अब डाल ही दिया म्हारे तो मन की कसर निकाल लो...और ज़ोर से आ आ आ आ आ आ ह ज़ोर ज़ोर ज़ोर्से ज़ोर से चोद दो ब्याहीजी ऊ ओह ....." मेरे पतिदेव इतना सुन कर धक्के की स्पीड बढ़ा दिए और फिर ब्यानजी ने एक बार फिर पीछे की ओर से चोद रहे मेरे पतिदेव से बोली "अरे और ज़ोर से चोदो...चोदो...म्हारी ने ..अब कई बचियो है म्हारे पास जब मने लूट ही लिए त..पेल कर फाड़ दीजो म्हारी ....ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ........इतना मज़ा आ रहा है की कांई बताउ....हाई राम ...ओह ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊवू ऊवू ......अरे कस कर चोदो..म्हारा ब्याही राजा......चोदो ...........ऊ ऊ ऊ ऊ .....अरे बाप रे बाप ....खूब डालो अंदर " ....अब मेरे पतिदेव बोले चालो ब्यानजी पलँग पर चिट लेट बैठो फिर देखो मैं थांकी भोसी किसान चोदू।।
इतना कहते ही मेरे पतिदेव ब्यानजी के चूत से लंड को बाहर खींच लिए और भीगा हुआ लंड बाहर आ कर चमकने लगा. ब्यानजी अब पलँग पर चढ़ गयी और फिर चित लेट गयी. मेरे पतिदेव भी पलँग पर चढ़ कर ब्यानजी के दोनो घुटनो को मोड़ कर थोड़ा जांघों को चौड़ा कर दिए. ब्यानजी की चूत फैल गयी. ब्यानजी की चूत मे मेरे पतिदेव ने लंड को एक ही झटके मे इतनी तेज़ी से पेला की लंड चूत के गहराई मे घुस गया और दूसरे पल मेरे पतिदेव काफ़ी तेज़ी से पेलने लगे और ब्यानजी की चूत की चुदाई काफ़ी तेज होने लगी.
upload pic
और लंड पर काफ़ी सारा चुदाई का रस लगने लगा था. वे ब्यानजी की चूत को इतनी कस कस कर चोद रहे थे की पूरा पलँग हिल रहा था मानो टूट जाए. कमरे मे चुदाइ और ब्यानजी की सिसकारीओं की आवाज़ गूँज उठी. ब्यानजी ने भी चुदते हुए फिर से अशीलता सुरू कर दी "चोदिए ऊ ऊवू ऊ ऊवू ऊ ह ऊओ हू रे ऊऊ माँ ऊऊ रे बाप ...कैन घूस रियो है ...अरे बडो आछो लग रिये रे ब्याहीजी ...ऊ ऊ ऊवू ...ऊओहू हूओ ऊओहू ऊ ऊ ऊवू ऊवू ऊवू ऊवू ऊओहूओ स्सो ओहो.." और मेरे पतिदेव ने इतने तेज चोदना सुरू कर दिया की पूरी चौकी ऐसे हिलने लगी मानो अगले पल टूट ही जाएगी.
upload
तभी ब्यानजी काफ़ी तेज चीखी "म्*म्म्मममममममममम ससस्स व्व न कककककककककककककक ऊऊऊऊऊऊओह अरे ब्याही चोद दी ....मैं तो झड़ी आऊऊह ओ हू " और इतना कहने के साथ ब्यानजी झड़ने लगी और तभी मेरे पतिदेव भी पूरे लंड को उनकी चूत मे चॅंप कर वीर्य की तेज धार को उदेलना सुरू कर दिए और मेरे पतिदेव ब्यानजी की चूत मे झाड़ रहे थे।
ब्यानजी तृप्त हो चुकी थी और मेरे पतिदेव भी खुश थे. अपनी ब्यान की मार के।
रातभर पतिदेव ने ब्यानजी के साथ दो राउंड ओर खेले ओर दोनो नँगे ही सो गये।
ये तो बस शुरुआत थी ब्यानजी के घुसाने की अभी तो ब्यानजी के और लोडे घुसने वाले है।।