Rasprad kahani ka Romanchak update. Waiting for next update
Nice updateUpdate 29
सब रात का खाना खा चुके थे अब सोने का समय भी हो गया था रामू को आज नीचे गद्दे पर सोने का मन नहीं था क्योंकि आज सुबह के बारे में सोच सोचकर उसको दिल ही दिल में बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी
सविता आंगन में गद्दा बिछा रही थी और धन्नो अपने कमरे में रजाई लेने गई थी
रामू - मां मुझे आज नीचे गद्दे पर सोने का मन नहीं है मेरी पीठ अकड़ जाती है आप मेरे लिए चारपाई लगा दो ना
सविता - ठीक है लल्ला
तभी धन्नो वहां रजाई लेकर आ जाती है
धन्नो - ये चारपाई किसके लिए लगा रही है बन्नो
सविता - लल्ला के लिए लगा रही हूं दीदी। लल्ला को नीचे गद्दे पर सोने की आदत नहीं है ना दीदी। पीठ अकड़ जाती है लल्ला की
धन्नो - अरे तो चारपाई क्यों लगा रही है , चल रामू मेरे साथ कमरे में सो बिस्तर पर
रामू - पर मौसी....
धन्नो - पर वर कुछ नहीं रामू तू मेरे साथ ही सोएगा बिस्तर पर
रामू - ठीक है मौसी
फिर सविता आंगन में नीचे गद्दे पर बेला के साथ सो जाती है रजाई ओढ़कर और रामू धन्नो के साथ उसके कमरे में आ जाता है
धन्नो के कमरे में बड़ा सा बिस्तर था जिसपर एक तरफ प्यारेलाल (धन्नो का पति) सोया हुए था , रामू बिस्तर पर जाके दूसरी तरफ सो गया और धन्नो दोनों के बीच में आकर लेट गई।
रामू को लेटे हुए एक घण्टा बीत चुका था पर दिमाग में लता की बात घुम रही थी वो यही सोच रहा था के ये कैसा परिवार है। एक तरफ माँ अपने बेटे से चुदवाती है वही घर की बहु अपने भाई के नीचे सो चुकी है।
रामू और धन्नो एक ही रज़ाई में सोये हुए थे।
कुछ देर बाद धन्नो की आँख खुलती है और वो रामू को जगता देख उसे पूछ लेती है।
धन्नो धीमे आवाज़ में - क्या बात है बेटा नींद नहीं आ रही।
रामू - मौसी सर्दी बहुत है।
धन्नो रामू के क़रीब खिसक जाती है।
धन्नो - यहाँ आ और धन्नो ये कहते हुए रामू को अपने से चिपका लेती है।
रामू का गठीला बदन जब धन्नो के गदराए जिस्म को छूता है तो रामू को कल का वो नज़ारा याद आ जाता है जब भीमा अपने लंड से धन्नो की चूत की कुटाई कर रहा था।
धन्नो चुपचाप लेटी हुई थी और रामू का मुंह ठीक उसके चूचियों के सामने था।
रामू अपनी ऑखें बंद करके अपने मुंह को थोड़ा और आगे की तरफ बढ़ा देता है जिससे उसके होंठ धन्नो के ब्लाउज को छूने लगते हैं।
धन्नो ऑखें खोल लेती है और फिर दुबारा बंद कर लेती है।
कुछ देर शांत रहने के बाद रामू अपने होंठों से धन्नो की चूचियों को चुम लेता है।
धन्नो के मुंह से एक हल्की सी - ह्ह्हह्ह्ह्ह सिसकी बाहर निकलती है जिसे रामू सुन लेता है।
रामू ने अपनी धन्नो मौसी के साथ ये सब करने का कभी सपने में सोचा भी नहीं था पर जो उसने देखा था उसके बाद उसका दिल कुछ और कह रहा था और दिमाग कुछ और।
रामू कुछ देर अपने जगह से हिलता भी नहीं पर धन्नो की चूत जाग चुकी थी मर्द का स्पर्श पाके कोई भी औरत भला कैसे चुपचाप सो सकती थी।
इस बार धन्नो अपनी चूचियों को रामू के मुंह पे घीसने लगती है। ब्लाउज से आ रही गंध रामू के दिमाग में चढने लगती है और रामू ज़रा सा मुंह खोलकर धन्नो की ऊपर वाली चूची को मुंह में ले लेता है।
धन्नो अपने हाथों से रामू के बाल पकड़ लेती है। दोनो कुछ नहीं बोल रहे थे।
अचानक धन्नो रामू का सर अपने चूचियों से हटा देती है और जब कुछ पलों बाद दुबारा रामू का मुंह उस जगह आता है तो उसके होश उड़ जाते है। रामू ने मन में ठान लिया था कि अब वो पीछे हटने वाला नहीं है।
धन्नो देखती है कि रामू उसकी आंखों में देख रहा है। धन्नो जल्दी से अपनी ब्लाउज और ब्रा को नीचे करके अपनी बड़ी बड़ी चूचियां रामू के मुंह के करीब ले आती है और उसके होंठों में अपने मोटे मोटे निप्पल डालने की कोशिश करने लगती है
रामू अपना मुंह खोल देता है और धन्नो के निप्पल्स उसके मुंह में चले जाते है।
रामू अब अपने आप में नहीं था वो निप्पल चुसते हुए अपना एक हाथ नीचे करके बिना देरी किये धन्नो की साड़ी के अंदर से उसकी गीली पैंटी में डाल देता है।
धन्नो - आहह बेटा।
पहली बार धन्नो के मुंह से कुछ शब्द निकलते हैं और वो रामू के सर को अपनी चूचियों में दबा देती है।
रामू के हाथ की दो मोटी मोटी उँगलियाँ धन्नो की चूत को सहलाते हुए अंदर चली जाती है।
दोनो पसीना पसीना हो जाते हैं
एक तरफ रामू बुरी तरह धन्नो के निप्पल्स को बारी बारी से चूस रहा था और नीचे अपने उँगलियों से धन्नो की चूत को अंदर तक चीर रहा था। रामू जितनी ज़ोर से अपनी उँगलियाँ धन्नो की चूत में डालके हिलाता उतनी ज़ोर से धन्नो रामू के सर को अपनी चूचियों में दबा देती।
इससे पहले रामू आगे बढ़ता धन्नो के पति यानी रामू के मौसा की आवाज़ आती है। - अरे धन्नो जाग रही हो क्या ? ज़रा एक ग्लास पानी ले आओ मुझे प्यास लग रही है
धन्नो रजाई के अंदर अपनी साड़ी और ब्लाउस ठीक करते हुए बोलती है - जी बस अभी लेकर आती हूं
फिर धन्नो उठ के रसोई से एक ग्लास पानी ले आती है और धन्नो का पति पानी पीने के बाद सो जाता है
जब वो ग्लास रसोई में रख के आती है तो देखती है कि रामू भी खर्राटे ले रहा है फिर धन्नो भी बिना कुछ सोचे सो जाती है
Raj2012 bhai aap jaise writers se inspire hoke hi maine kahani likhna shuru kiya hai, bhai aap ke comment ko dekhkar aisa laga jaise mera kahani likhna safal ho gaya hoगजब कर दिए टाइलर भाई क्या रचना लिखी है आपने।
अभी तक की कहानी पढ़कर दिल खुश हो गया।
मेरे कुछ सवाल हैं!
बेला और जग्गू एक दूसरे से प्यार करते हैं कहीं कहानी इंसेस्ट से भटक तो नहीं रही। क्या लता को अपने ससुराल में वो हक मिल पायेगा जिसकी वो हकदार है? हरिया अपने सेठ हीरालाल को क्यों मरवाना चाहता है ये कुछ समझ नहीं आया। रुबीना हरिया का साथ देगी या रामू का ? और हीरालाल अपनी ही सगी बेटी डॉली को अपने मतलब के लिए दाव पे क्यों लगा रहा है ?
ये थे मेरे सवाल और कुछ बातें और कहना चाहता हूं!
हीरालाल और डॉली पर भी फोकस रखिए आखिर उनकी दुश्मनी रामू से है या यूं कहे की रामू के बाप मुरली से थी। मुझे लगता है कि रामू के बाप मुरली का हीरालाल की पहली पत्नी कमला से कोई कनेक्शन ज़रूर है ये मेरा अनुमान है
धन्नो , भीमा और लता की गुत्थी भी बड़ी अच्छी लगी और शायद यहीं से रामू भी इंसेस्त की तरफ जाएगा
ये भी देखना दिलचस्प होगा कि चंपा की उस बूढ़े आदमी से शादी होती है या रामू चंपा से शादी करेगा
कुछ और पात्र भी दिलचस्प है जैसे हवेली की नौकरानी शन्नो , रामू की पड़ोस वाली रत्ना चाची और जग्गू की मां माला
ज़हीर की बहन लुबना , हरिया की बेटी चंदा और सेठ हीरालाल की दूसरी बीवी रोहिणी अभी इनके कुछ खास रोल नहीं दिखाए गए हैं
कहानी के सभी पात्र तक याद हो गए हैं भाई , बड़े ही लंबे समय से ऐसी ही कहानी की तलाश में था। सस्पेंस भी है और सेक्स भी बस भाई थोड़ा इमोशंस को और डालिए । आपकी कहानी सुपरहिट है
kamdev99008 bhai kahan ho ? Highly recommended to you, aapne story ke post par likes kiye hain par aapka koi comment nahi dikha, story ko lekar apne vichar rakhiye
Bhai lata ka flashback padhna bhool gaye kya? Lata ke pariwar me ab koi zinda nahi haiBhai story to jabardast hai lekin lata ka pariwar ka bhi add kro aur maza aayega and regular update do bhai jldi pura kro