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राज- दीदी अब मैं पी कर देखूं।
दीदी- अभी नही बेटा, पहले खाना खा लो, सोते टाइम पी लेना और आज मेरे पास यहीं सो जाना।
राज- ओके दीदी।
फिर दीदी खड़ी हुई और अपनी ब्रा टीशर्ट नीचे की और खाना डालने लगी।
फिर दीदी खाना डाल कर मेरे साथ खाने लगी।
दीपिका दीदी अपने हाथ से मुझे खाना खिला रही थी, मैंने भी दीदी को अपने हाथ से खाना खिलाया। फिर खाना खा कर दीदी बोली।
दीदी- भाई मैं अभी आती हुँ।
10 मिनट बाद पापा, मम्मी और दीदी जीजाजी और लता मौसी पाँचो आ गये। मम्मी ने आते ही मुझे गले लगा किया और मम्मी के मोटे बूब्स मेरे मुंह पर दबने लगे।
मम्मी- मेरे बेटे को कहीं ज्यादा लगी तो नही कहते हुए मेरी शरीर पर हाथ फेरने लगी।
राज- नही मम्मी।
मम्मी- दीपिका, आज नविका और अनमोल को मत बुलाना सोने के लिए। आज राज अपने साथ हो सोयेगा। राज बेटा, आज तू यहीं सोना।
राज- ओके मम्मी।
पापा- बेटा फिक्र मत कर, उन लड़कों को छोड़ेंगे नही।
लता मौसी- पुलिस में कंप्लेन तो कर ही दी है। मैंने मंत्री जी को भी बोल दिया। पुलिस ने वाटरपार्क से भी सीसीटीवी मंगा ली उन की फ़ोटो के लिए, और अब उनकी तलाश कर रही है।
फिर पापा और जीजाजी वापिस दारू पीने चले गए।
जीजाजी जाते हुए- राज, अगर रात को कोई जरूरत पड़े तो मुझे बुला लेना।
फिर जीजाजी दीदी को आंख मारते हुए बोले- दीपिका, राज का अच्छे से ध्यान रखना।
दीदी(स्माइल करते हुए)- जो हुकुम मेरे आका।
और जीजाजी ने दीदी की गाँड़ पर मेरे सामने थप्पड़ मार कर रगड़ दी गाँड़।
फिर जीजाजी भी चले गए। लता मौसी(मुझे गले लगाते हुए)- मेरे प्यारे भांजे तू फिक्र मत कर, तू सबके लिए इतना करता है, तुझे कुछ दिन नही देंगे हम। आशा भी कह रही थी नही छोड़ेंगे जिन्होंने राज पर हमला किया, कल आशा आँटी के हसबैंड भी कॉल करेंगे, उनकी भी पहुँच बहुत ऊपर तक है।
मौसी ने मुझे आने साथ पूरा चिपका रखा था, मेरा मुँह उनके मोटे मोटे मुम्मों पर था, मुझे महसूस हुआ कि लता मौसी ने सूट के अंदर ब्रा नही पहनी हुई क्योकिं मेरे होठों पर मुझे सूट के ऊपर से ही उनके बूब्स के निप्पल महसूस हो रहे थे, जो सूट में उभरे हुए भी साफ दिख रहे थे। मौसी के निप्पल अपने होंठो पर महसूस होने पर मैंने कुछ आगे बढ़ने की सोचा और लता मौसी की हवस बढ़ाने की सोचा, क्योंकि टीना दीदी से शादी करने के लिए लता मौसी को पटाना सबसे जरूरी था, तो मुझे ये मौका लगा मौसी में कुछ आग जगाने का। मैं रोने लगा और रोते हुए लता मौसी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें जोर से हग किया और बोला कि मुझे बहुत मारा उन्होंने। मैं जैसे ही बोल कर चुप हुआ तो सूट के ऊपर से ही मौसी के बूब्स की निप्पल जो उभरे हुए थे, मजिने अपने होंठो में ले लिए और रोने लगा। मौसी को अपने निप्पल मेरे होंठो में होने का एहसास तो हो गया, पर शायद उन्होंने सोचा कि मैंने गलती से ऐसा किया, तो मौसी मेरे सर को और अपने सीने में दबाती हुई बोली।
लता मौसी- बेटा चुप हो जा, हम उन लड़कों को नही छोड़ेंगे।
फिर मैं मौसी के साथ ऐसे ही रोता हुआ लिपटा रहा 10 मिनट तक निप्पल मुँह में लेकर।
फिर मौसी मुझे खुद से अलग करते हुए बोली चल बेटा अब सो जा और मौसी रूम से चली गयी।
दीदी- अभी नही बेटा, पहले खाना खा लो, सोते टाइम पी लेना और आज मेरे पास यहीं सो जाना।
राज- ओके दीदी।
फिर दीदी खड़ी हुई और अपनी ब्रा टीशर्ट नीचे की और खाना डालने लगी।
फिर दीदी खाना डाल कर मेरे साथ खाने लगी।
दीपिका दीदी अपने हाथ से मुझे खाना खिला रही थी, मैंने भी दीदी को अपने हाथ से खाना खिलाया। फिर खाना खा कर दीदी बोली।
दीदी- भाई मैं अभी आती हुँ।
10 मिनट बाद पापा, मम्मी और दीदी जीजाजी और लता मौसी पाँचो आ गये। मम्मी ने आते ही मुझे गले लगा किया और मम्मी के मोटे बूब्स मेरे मुंह पर दबने लगे।
मम्मी- मेरे बेटे को कहीं ज्यादा लगी तो नही कहते हुए मेरी शरीर पर हाथ फेरने लगी।
राज- नही मम्मी।
मम्मी- दीपिका, आज नविका और अनमोल को मत बुलाना सोने के लिए। आज राज अपने साथ हो सोयेगा। राज बेटा, आज तू यहीं सोना।
राज- ओके मम्मी।
पापा- बेटा फिक्र मत कर, उन लड़कों को छोड़ेंगे नही।
लता मौसी- पुलिस में कंप्लेन तो कर ही दी है। मैंने मंत्री जी को भी बोल दिया। पुलिस ने वाटरपार्क से भी सीसीटीवी मंगा ली उन की फ़ोटो के लिए, और अब उनकी तलाश कर रही है।
फिर पापा और जीजाजी वापिस दारू पीने चले गए।
जीजाजी जाते हुए- राज, अगर रात को कोई जरूरत पड़े तो मुझे बुला लेना।
फिर जीजाजी दीदी को आंख मारते हुए बोले- दीपिका, राज का अच्छे से ध्यान रखना।
दीदी(स्माइल करते हुए)- जो हुकुम मेरे आका।
और जीजाजी ने दीदी की गाँड़ पर मेरे सामने थप्पड़ मार कर रगड़ दी गाँड़।
फिर जीजाजी भी चले गए। लता मौसी(मुझे गले लगाते हुए)- मेरे प्यारे भांजे तू फिक्र मत कर, तू सबके लिए इतना करता है, तुझे कुछ दिन नही देंगे हम। आशा भी कह रही थी नही छोड़ेंगे जिन्होंने राज पर हमला किया, कल आशा आँटी के हसबैंड भी कॉल करेंगे, उनकी भी पहुँच बहुत ऊपर तक है।
मौसी ने मुझे आने साथ पूरा चिपका रखा था, मेरा मुँह उनके मोटे मोटे मुम्मों पर था, मुझे महसूस हुआ कि लता मौसी ने सूट के अंदर ब्रा नही पहनी हुई क्योकिं मेरे होठों पर मुझे सूट के ऊपर से ही उनके बूब्स के निप्पल महसूस हो रहे थे, जो सूट में उभरे हुए भी साफ दिख रहे थे। मौसी के निप्पल अपने होंठो पर महसूस होने पर मैंने कुछ आगे बढ़ने की सोचा और लता मौसी की हवस बढ़ाने की सोचा, क्योंकि टीना दीदी से शादी करने के लिए लता मौसी को पटाना सबसे जरूरी था, तो मुझे ये मौका लगा मौसी में कुछ आग जगाने का। मैं रोने लगा और रोते हुए लता मौसी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें जोर से हग किया और बोला कि मुझे बहुत मारा उन्होंने। मैं जैसे ही बोल कर चुप हुआ तो सूट के ऊपर से ही मौसी के बूब्स की निप्पल जो उभरे हुए थे, मजिने अपने होंठो में ले लिए और रोने लगा। मौसी को अपने निप्पल मेरे होंठो में होने का एहसास तो हो गया, पर शायद उन्होंने सोचा कि मैंने गलती से ऐसा किया, तो मौसी मेरे सर को और अपने सीने में दबाती हुई बोली।
लता मौसी- बेटा चुप हो जा, हम उन लड़कों को नही छोड़ेंगे।
फिर मैं मौसी के साथ ऐसे ही रोता हुआ लिपटा रहा 10 मिनट तक निप्पल मुँह में लेकर।
फिर मौसी मुझे खुद से अलग करते हुए बोली चल बेटा अब सो जा और मौसी रूम से चली गयी।