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Incest चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

Joy Gupta

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राज- दीदी अब मैं पी कर देखूं।

दीदी- अभी नही बेटा, पहले खाना खा लो, सोते टाइम पी लेना और आज मेरे पास यहीं सो जाना।

राज- ओके दीदी।

फिर दीदी खड़ी हुई और अपनी ब्रा टीशर्ट नीचे की और खाना डालने लगी।

फिर दीदी खाना डाल कर मेरे साथ खाने लगी।

दीपिका दीदी अपने हाथ से मुझे खाना खिला रही थी, मैंने भी दीदी को अपने हाथ से खाना खिलाया। फिर खाना खा कर दीदी बोली।

दीदी- भाई मैं अभी आती हुँ।

10 मिनट बाद पापा, मम्मी और दीदी जीजाजी और लता मौसी पाँचो आ गये। मम्मी ने आते ही मुझे गले लगा किया और मम्मी के मोटे बूब्स मेरे मुंह पर दबने लगे।

मम्मी- मेरे बेटे को कहीं ज्यादा लगी तो नही कहते हुए मेरी शरीर पर हाथ फेरने लगी।

राज- नही मम्मी।

मम्मी- दीपिका, आज नविका और अनमोल को मत बुलाना सोने के लिए। आज राज अपने साथ हो सोयेगा। राज बेटा, आज तू यहीं सोना।

राज- ओके मम्मी।

पापा- बेटा फिक्र मत कर, उन लड़कों को छोड़ेंगे नही।

लता मौसी- पुलिस में कंप्लेन तो कर ही दी है। मैंने मंत्री जी को भी बोल दिया। पुलिस ने वाटरपार्क से भी सीसीटीवी मंगा ली उन की फ़ोटो के लिए, और अब उनकी तलाश कर रही है।

फिर पापा और जीजाजी वापिस दारू पीने चले गए।

जीजाजी जाते हुए- राज, अगर रात को कोई जरूरत पड़े तो मुझे बुला लेना।

फिर जीजाजी दीदी को आंख मारते हुए बोले- दीपिका, राज का अच्छे से ध्यान रखना।

दीदी(स्माइल करते हुए)- जो हुकुम मेरे आका।

और जीजाजी ने दीदी की गाँड़ पर मेरे सामने थप्पड़ मार कर रगड़ दी गाँड़।

फिर जीजाजी भी चले गए। लता मौसी(मुझे गले लगाते हुए)- मेरे प्यारे भांजे तू फिक्र मत कर, तू सबके लिए इतना करता है, तुझे कुछ दिन नही देंगे हम। आशा भी कह रही थी नही छोड़ेंगे जिन्होंने राज पर हमला किया, कल आशा आँटी के हसबैंड भी कॉल करेंगे, उनकी भी पहुँच बहुत ऊपर तक है।

मौसी ने मुझे आने साथ पूरा चिपका रखा था, मेरा मुँह उनके मोटे मोटे मुम्मों पर था, मुझे महसूस हुआ कि लता मौसी ने सूट के अंदर ब्रा नही पहनी हुई क्योकिं मेरे होठों पर मुझे सूट के ऊपर से ही उनके बूब्स के निप्पल महसूस हो रहे थे, जो सूट में उभरे हुए भी साफ दिख रहे थे। मौसी के निप्पल अपने होंठो पर महसूस होने पर मैंने कुछ आगे बढ़ने की सोचा और लता मौसी की हवस बढ़ाने की सोचा, क्योंकि टीना दीदी से शादी करने के लिए लता मौसी को पटाना सबसे जरूरी था, तो मुझे ये मौका लगा मौसी में कुछ आग जगाने का। मैं रोने लगा और रोते हुए लता मौसी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें जोर से हग किया और बोला कि मुझे बहुत मारा उन्होंने। मैं जैसे ही बोल कर चुप हुआ तो सूट के ऊपर से ही मौसी के बूब्स की निप्पल जो उभरे हुए थे, मजिने अपने होंठो में ले लिए और रोने लगा। मौसी को अपने निप्पल मेरे होंठो में होने का एहसास तो हो गया, पर शायद उन्होंने सोचा कि मैंने गलती से ऐसा किया, तो मौसी मेरे सर को और अपने सीने में दबाती हुई बोली।

लता मौसी- बेटा चुप हो जा, हम उन लड़कों को नही छोड़ेंगे।

फिर मैं मौसी के साथ ऐसे ही रोता हुआ लिपटा रहा 10 मिनट तक निप्पल मुँह में लेकर।

फिर मौसी मुझे खुद से अलग करते हुए बोली चल बेटा अब सो जा और मौसी रूम से चली गयी।
 
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Joy Gupta

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उनके जाते ही मम्मी के गेट को अंदर से लॉक कर दिया, फिर दीदी चेंज करने वाशरूम में चली गयी।

मम्मी- राज बेटा, दिखा तेरे कहाँ कहाँ लगी है?

राज - मम्मी अब मैं ठीक हूँ।

मम्मी- नही बेटा दिखा।

मम्मी ने मेरी टी शर्ट ऊपर कर उतार दी और मेरी पीठ पर देखने लगी, फिर मेरे पेट देखा तो वो लाल हुआ पड़ा था।

तो मम्मी बोली- जालिमो ने कितना मार है मेरे बेटे को।

फिर मम्मी ने मेरे पाजामा उतारने को कहा, तो मैंने उतार दिया।

अब मैं सिर्फ अंडर वियर में था, उसके अलावा मेरे शरीर पर कोई कपड़ा नही था। मेरे कच्छे में से मेरे लन्ड का उभार बहुत उभरा हुआ दिख रहा था।

मम्मी उसे घूर घूर कर देख रहे थे, फिर मम्मी मेरे पैर के पास देखने लगी की वहां तो कहीं नही लगी मेरी।

मम्मी- शुक्र है यहां नही लगी।

फिर मम्मी खड़ी हो गयी और बैग से अपनी नाइटी निकलने लगी। मैंने वापिस कपड़े पहन लिए। मम्मी ने अपनी नाइटी निकाल ली, मैने देखा मम्मी ने डार्क ब्लू कलर की जालीदार नाइटी निकाली है।

इतने में दीदी चेंज करके बाहर आई, तो मैं तो दीपिका दीदी को देखता ही रह गया।

दीदी ने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी, जो उनकी चुत तक ही थी, जिसमे दीदी की गाँड़ पूरी दिख रही थी। ब्लैक नाइटी में दीदी का गोरा बदन बहुत चमक रहा था। चुत पर चड्डी भी बस नाम की थी, जिसने सिर्फ चुत को आगे से थोड़ा कवर कर रखा था, बाकी तो कपड़ा नही बस पतली रस्सी ही थी चड्डी में, ब्रा पहनी हुई नही लग रही थी दीदी के।

दीदी के आते ही मम्मी वाशरूम में चली गयी।

मैं बेड के एक साइड में था, दीदी मेरे साथ आकर बेड पर लेट गई, मैं भी लेट गया, जिस से मेरा हाथ दीदी की कमर पर लगने लगा। दीदी मेरे भांजे को थोड़ा आगे करने के लिए टेढ़ी हुई, तो पीछे से दीदी की गाँड़ से नाइटी ऊपर हो गई।

वाव! दीदी की गाँड़ क्या लग रही थी, पूरी नंगी बड़ी गाँड़, जिसे देखते ही मेरे लन्ड पूरे जोश में आ गया। मैं दीदी की गाँड़ देखते देखते अपना हाथ नीचे ले गया और थोड़ा सा दीपिका दीदी की गाँड़ पर लगा दिया।

इतने में मम्मी वाशरूम से बाहर आई, तो मैं सीधा हो गया।

मम्मी को देखा को पिंक जालीदार नाइटी में मम्मी गज़ब लग रही थी, मम्मी ने नाइटी के नीचे ब्रा नही पहनी थी, मम्मी की बड़ी बड़ी चुचियाँ और उनके निप्पल साफ दिख रहे थे, गोरा बदन क़यामत लग रहा था। घुटनो तक नाइटी थी मम्मी की। मेरी नजर मम्मी की चुत वाली तरफ गयी तो मम्मी ने पैंटी भी नही पहनी थी, जालीदार नाइटी में से मम्मी की चुत के हल्के हल्के बाल भी दिख रहे थे।

मम्मी भी आकर बेड के दूसरी साइड लेट गयी।

दीदी- राज तू क्या ऐसे सोयेगा, तू भी खुल्ले कपड़े पहन कर सोया कर देख हमने भी ऐसे ही पहने है। बेटा रात को जितना खुल्ला सो सको उतना ही खुल्ला सोया करो।

मम्मी- हाँ बेटे, तू निक्कर पहन कर सो जा।

फिर मैं खड़ा हुआ और मैंने पजामा टीशर्ट उतार दी, तो मम्मी और दीदी मेरे कच्छे में उभरे मेरे लन्ड को देख रही थी। मैंने बैग से अपनी निक्कर निकली और पहन ने लगा तो दीदी ने मेरी निक्कर पकड़ ली और हँसते हुए बोली।

दीदी- निक्कर क्यो, कच्छा पहना हुआ है, बस ऐसे ही सोजा।

मम्मी- पागल है क्या तू दीपिका, निक्कर पहनने दे राज को।

दीदी- मम्मी राज ने कच्छा तो पहना है,आपका दामाद तो रात को बिल्कुल नंगा ही सोता है, जितना खुल्ला सोयो उतना अच्छा होता है। मैंने भी यहाँ नाइटी पहनी है, वर्ना मैं भी बिल्कुल नंगी ही सोती हुँ।

मम्मी- बेशर्म, चुप कर। राज चल तू कच्छे में ही सो जा।

फिर मैं भी लेट गया।
 
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अब बेड के एक साइड मैं, मेरे साथ मेरी सेक्सी सगी दीपिका दीदी, फिर भांजा, फिर मेरी सेक्सी मम्मी लेटे हुए थे।

मैंने धीरे से दीदी के कान में कहा- दीदी आपने कहा था, रात को दूध पी लेना मेरा, अब पिलाओ।

दीदी- रुक बेटा, अभी लाइट बन्द करने दे।

फिर दीदी ने मम्मी को बोला कि लाइट बन्द करने को तो मम्मी जहां लेटी उधर ही था लाइट का बटन था तो मम्मी ने हाथ ऊपर किया लाइट बन्द करने के लिए तो मैं मम्मी को देख रहा था, जैसे ही मम्मी ने अपना बायाँ हाथ लाइट बन्द करने के लिए ऊपर किया, मम्मी की बायीं चूची भी ऊपर की ओर हुई, बिना ब्रा के मम्मी की चूची पूरी तनी हुई थी और मम्मी की जालीदार नाइटी में से मम्मी की निप्पल भी उभरी हुई दकह रही थी, फिर मम्मी ने लाइट बन्द कर दी।

उसके बाद दीदी ने मुन्ने को देखा कि वो सो रहा है और फिर मेरी तरफ मुँह कर लिया दीदी ने।

दीदी ने मेरी तरफ मुँह किया और मेरे हाथ पकड़ कर नाइटी के ऊपर से ही अपने मुम्मे पर पर रख दिया और धीरे से बोली पहले इसको दबा और जैसे जैसे मैं कहूँ वैसे करना।

मैं- ठीक है दीदी।

मैं दीदी के मुम्मे दबाने लगा, क्या मस्त मुम्मे है दीदी के, बड़े बड़े तने हुए, पूरे टाइट मुम्मे, मैं दीदी के मुम्मे जोर जोर से दबाने लगा। दीदी धीरे से मेरे कान में बोली आराम से दबा, दर्द होता है। फिर मैं आराम से दीदी के मोटे मोटे मुम्मे दबाने लगा, कभी मसलता, कभी निप्पल फबता तो दीदी के मुम्मों से दूध निकल जाता, दीदी के नाइटी निप्पल वाली जगह से दूध निकलने की वजह से गीली हो गयी थी।

मैं काफी देर दीदी के मुम्मे ऐसे ही दबाता रहा, फिर जब हमें लगा कि मम्मी सो गई है तब,

दीदी अपना मुँह मेरे मुँह के पास लाई और अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरे मुँह को चाटने लगी, जैसे कुत्ते चाटते है।

मेरा मुँह चाटते चाटते दीदी ने मेरे कान में अपनी जीभ डाल दी और घुमाने लगी। कान में जीभ में मेरा लन्ड में तनाव बढ़ने लगा।

दीदी मेरे कान में अंदर तक अपनी जीभ डालने लगी और मेरे लन्ड में तनाव बढ़ने लगा। दोस्तो सच मे जब कान में कोई जीभ डाले तो लन्ड का तनाव बहुत बढ़ता है।

फिर दीदी ने जीभ कान से निकाल कर मेरे होंठों पर रख ली और मेरे होंठ चाटने लगी, होंठ चाटते चाटते दीदी ने मेरे होंठ अपने होंठों में दबा लिए और मेरे होंठ चूसने लगी और मुझे अपनी छाती से लगा लिया।

मैं अपना हाथ दीदी की मोटी गाँड़ पर ले गया और दीदी की नाइटी ऊपर की और दीदी को गाँड़ से पकड़ कर अपने साथ दबा लिया, जिससे मेरा लन्ड कच्छे में से ही दीदी की चुत पर दबने लगा।

मैं दीदी की गाँड़ पर हाथ फेरने लगा। दीदी ने अपना एक हाथ नीचे कर लिया और मेरा लन्ड कच्छे के ऊपर से ही पकड़ लिया और दबाने लगी।

फिर दीदी ने अपना हाथ मेरे कच्छे के अंदर डाल लिया और मेरा लन्ड मसलने लगी।
 
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दीदी मेरा लन्ड पकड़ कर दबाने लगी। मैंने दीदी को गाँड़ और पीठ से पकड़ कर अपनी तरफ और खींच लिया और दीदी के होंठ चूसने लगा, दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मेरी और दीदी की जीभ आपस मे टकराने लगी। दीदी ने अपनी जीभ पूरी मेरे मुँह में डाल दी, मैं दीदी की जीभ चूसने लगा, फिर दीदी ने मेरी जीभ अपने मुँह में ले ली और चूसने लगी। हम करीब आधा घन्टा ऐसे ही करते रहे।

दीदी ने मुझे छोड़ाऔर उठ कर बैठ गयी, दीदी ने अपने कपड़े उतार दिए और वापिस लेट गयी।

मैंने दीदी की चुचियाँ पकड़ ली, दीदी की चुचियाँ बहुत टाइट और बहुत मोटी है। मैं दीदी की चुचियाँ दबाने लगा, तो उन में से दूध निकालने लगा। मैंने दीदी की चूची से निकलता दूध चाट लिया, क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूथ का, मीठा मीठा और गर्म गर्म दूध निकल रहा था दीदी की चूची से। मैंने अपना मुँह दीदी की एक चूची पर लगाया और उसका निप्पल पर मुँह लगा कर दीदी की मस्त निप्पल चाटने लगा, दीदी की निप्पल पूरी तनी हुई थी और दीदी की निप्पल बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम थी। फिर मैंने दीदी की निप्पल अपने मुँह में भर ली और दीदी का दूध पीने लगा। दीदी मेरे सिर पर एक हाथ फिराने लगी और दूसरे हाथ से मेरा अंडरवियर उतारने लगी। मैंने अपना एक हाथ नीचे कर अपना कच्छा उतार दिया।

जैसे ही मेरा कच्छा उतारा तो मेरा लन्ड उछल कर बाहर आ गया, जो दम सीधा खड़ा था। दीदी मेरा 10 इंच लंबा और 5 इंच मोटा लन्ड घूर कर देखने लगी, और बोली

दीदी- भाई क्या मस्त लन्ड है तेरा। आज ये तो मेरी 2 साल से बिना चुदी चुत की चटनी बना देगा। दीदी मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी, कभी दीदी अपने हाथ से मेरे लन्ड की लंबाई तो कभी मोटाई नापने लगी।

मैंने अब दीदी का पहला मुम्मा छोड़ कर दूसरा मुम्मा मुँह में ले लिया और दूध पीने लगा।

दीदी का दूध पीने में बहुत मजा आ रहा था मुझे। बहुत स्वाद था दीदी का दूध। मैं दीदी का दूध पीता रहा और दीदी एक हाथ मेरे बालों में फिराती कभी मेरा सिर अपने मुममों पर जोर से दबाती।

दीदी- आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह भाई आज मेरा सारा दूध पी ले। मेरी चुचियाँ भारी पड़ी है दूध से, आज इन्हें निचोड़ निचोड़ कर पी ले। आ आ आ आ ह ह ह ह

दूसरे हाथ से दीदी मेरा लन्ड पकड़ कर हिला रही थी।

दीदी कभी मेरे लन्ड का मास पीछे कर टोपा बाहर निकाल कर उस पर उंगली फेरती। कभी लन्ड को हिलाती, कभी जोर से दबाती, कभी जोर से खिंचती, कभी मेरी गोटिया पकड़ कर हिलती।

दीदी- भाई, आज मेरा सारा दूध पी ले, पर आज तुझेे मेरे दूध की कीमत चुकानी है।

मैं- कैसे?

दीदी- बस तेरे इस मोटे लन्ड से मेरी चुत की गर्मी शांत करनी है, तेरे जीजाजी ने 2 साल से मेरी चुत नही मारी।

मैं- जी दीदी, ओर जीजाजी ने क्यो नही मारी।

दीदी- तेरे जीजाजी कहते है कि मुन्ना होने के बाद मेरी चुत ढीली हो गई, तब से वो सिर्फ मेरी गाँड़ मारते है। आज तू मेरी चुत की हवस मिटा देना।

मैं- दीदी आपने जीजाजी के अलावा किसी ओर से भी चुदाई की है।

दीदी- नही भाई, तेरे जीजाजी के अलावा मैं आज तक किसी से नही चुदी।

मैं मन मे सोचता हुआ, साली रण्डी कितना झूठ बोल रही है सुबह तो दीपक भैया से चुद रही थी।

मैं- सच दीदी, खाओ मेरी कसम।

दीदी- भाई तेरी कसम, तेरे जीजाजी के अलावा आज तक नही चुदी मैं किसी से।

मैं मन मे साली मेरी झूठी कसम खा रही है, आज इस रण्डी को ऐसे चोदूँगा की मेरी दीवानी बन जाएगी फिर इसको लोगों से चुड़वाऊंगा झूठी रण्डी को।
 
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Joy Gupta

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तभी दीदी बोली

दीदी- राज, पर आज शायद मैं तेरे जीजाजी के अलावा किसी ओर से चुद जाती, पर उस साले में दम ही नही था।

मैं - आज, किस से दीदी?

दीदी- दीपक से।

मैं- कौन दीपक?

दीदी- हेमा मौसी का बेटा।

मैं(अनजान बनते हुए, हैरानी से)- क्या, दीपक भैया से?

दीदी- हाँ भाई।

मैं- दीदी आने उस से चुदने का सोच कैसे लिया, अगर उसने आपको चोद कर बदनाम कर दिया तो।

दीदी- बदनाम नही कर सकता वो मुझे।

मैं- क्या?

दीदी- नविका को तेरे जीजाजी ने जो चोदा है उसके सामने।

मैं- कैसे

दीदी- तेरे जीजाजी ने आज दीपक और नविका से बात सेट करके वाइफ स्वैपिंग की थी, नविका तो तेरे जीजाजी से खूब चुदी, पर साले नामर्द दीपक का 5 मिनट में मेरे मुँह में ही पानी निकल गया, फिर साले का खड़ा ही नही हुआ।

मैं(हैरान होते हुए)- जीजाजी के सामने

दीदी- भाई, तुझसे चुदवाने का आईडिया भी तेरे जीजाजी का ही है।

मैं- क्या, पर क्यों?

दीदी- वो चाहते है कि मैं दो लन्डो से एक साथ चुदूँ, और वो मेरी चुत नही मारते इसलिए कोई मेरी चुत मारे और वो मेरी गाँड़, दोनो एक साथ चुदे।

मैं- सच मे, उसके लिए तो बहुत मिल जाते, फिर मैं ही क्यों?

दीदी- तेरे जीजाजी चाहते है कि ये बात घर मे ही रहे, और मुझे कहा की तेरे ही किसी भाई के साथ मिल कर तुझे चोदूँगा, ताकि तुझे वो बदनाम ना करें। इसलिए दीपक को भी पटाया पर वो साल नामर्द निकला।

मैं- दीदी, दीपक क्या उसका भाई देव भी उसकी तरह नामर्द है। आज तो मुझसे चुदवा लो, कल जीजाजी के साथ मिल कर चोदूँगा आपको।

दीदी- तुझे कैसे पता।

फिर मैंने दीदी को घर पर घूमने आने से पहले रात वाली बात बताई, और बताया कि कल उसकी गाँड़ भी मारी मैंने।

दीदी(हँसते हुए)- उन सालो की माँ इतनी बड़ी रण्डी है और बेटे साले नामर्द।

मैं- हम्म्म्म दीदी, अब मुझे आपकी चुत चटनी है, आप मेरे मुँह पर बैठो।

फिर दीदी खड़ी हुई, अपना एक पैर मेरे मुह से दूसरी साइड कर गाँड़ मेरे मुँह की तरफ की और मेरे मुँह पर बैठ गयी।
 

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दीदी की चुत सीधा मेरे होंठो पर आ गई, दीदी की चुत से बहुत अच्छी महक आ रही थी, जिसे सूंघ कर मैं मदहोश हो गया, मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और दीदी की चुत पर लगा दी, और चुत चाटने लगा। दीदी भी मदहोश होने लगी, दीदी अपनी चुत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी। फिर मैंने अपनी जीभ दीदी की चुत में डाल दी और चाटने लगा।

दीदी की चुत बहुत टाइट थी, जैसे कुंवारी हो, दीदी की चुत में 2 साल से कुछ नही गया था, इसलिए दीदी की चुत इतनी टाइट थी। मुझे दीदी की चुत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था। दीदी के मुँह से सिसिकियाँ निकलने लगी। आ आ आ आ ह ह ह ह भाई जीभ ओर अंदर डाल, आ आ आ आ भाई बहुत मजा आ रहा है। मैंने पूरी जीभ दीदी की चुत में डाल दी, दीदी अपनी गाँड़ ऊपर नीचे करने लगी और मेरी जीभ से अपनी चुत मरवाने लगी। दीदी बहुत सिसिकियाँ ले रही थी।

दीदी ऐसे ही मेरी जीभ से अपनी चुत मरवाते हुए नीचे झुकी, मेरे लन्ड को पकड़ा और अपनी जीभ मेरे लन्ड पर लगाई और चाटने लगी। फिर दीदी ने मेरे लन्ड का मास खींच कर नीचे किया और अपनी जीभ लन्ड के टोपे पर लगा दी, और मेरे लन्ड के टोपे पर अपनी जीभ चलाने लगी। फिर दीदी ने मेरे लन्ड का टोपा अपने मुँह में भर लिया, और अपना मुँह आगे पीछे करने लगी। दीदी ने लन्ड और अपने मुँह में भर लिया, और तेजी तेजी से चूसने लगी। क्या मस्त लन्ड चूस रही थी दीदी, इतना मस्त लन्ड तो आज तक मेरा किसी ने नही चूसा था।

दीदी बहुत अच्छे से लन्ड चूस रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे लन्ड में बेचैनी जी हो रही थी। दीदी ने मेरा आधे से ज्यादा लन्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। दीदी कभी मेरे लन्ड को चाटती, कभी आने मुँह में भर लेती, फिर मुह से लन्ड निकाल कर टोपे पर जीभ फेरने लगती। कभी पूरा लन्ड अपने मुँह में लेने की कोशिश करती। जब दीदी मुँह में पूरा लेने की कोशिश करती तो मैं अपनी कमर उठा कर दीदी के मुँह में पूरा लन्ड डालने की कोशिश करता, जिस से मेरा लन्ड सीधा दीदी के गले तक पहुंच जाता। 2-3 बार दीदी को खांसी भी आ गयी। पर फिर भी दीदी मेरे लन्ड को चुसती रही। मैं साथ साथ दीदी की चुत भी चाट रहा था। मैंने दीदी की चुत में अपनी जीभ तेजी से चलने शुरू कर दी। जिस से दीदी हवस में पागल होने लगी।

दीदी ने मेरा लन्ड अपने मुँह से निकाला और थोड़ा झुकी, फिर मेरी मोटी गोटियां चाटने लगी। दीदी एक एक करके मेरी गोटियां चूसने लगी। दीदी ने मेरी गोटिया पूरी अपने मुह में भर ली। दीदी कभी लन्ड चूसने लगती तो कभी मेरी गोटियां, ओर मैं अपनी जीभ जितनी दीदी की चुत में डाल सकता था, उतनी डाल कर दीदी की चुत जीभ से चोदने लगा।

15 मिनट दीदी की चुत मैं ऐसे ही जीभ से चोदता रहा, फिर दीदी जोश में आ गई और अपने मुँह से लन्ड निकाल कर सीधी हुई और अपनी चुत पूरी तरह मेरे मुँह पर दबाने लगी। दीदी के मुँह से आ आ आ आ ह ह ह ह निकलने लगी। मैं समझ गया कि दीदी झड़ने वाली है, मैंने दीदी को कस कर पकड़ कर पूरा अपने मुँह पर दबाया। फिर दीदी का शरीर एक दम ढीला पड़ने लगा और दीदी की चुत मेरे मुँह पर पानी छोड़ने लगी। मैं वो सारा पानी चाटने लगा, दीदी भी अपनी चुत मेरे मुह पर दबा कर मुझे अपना चुत रस चाटने लगी। क्या मस्त स्वाद था दीदी की चुत के पानी का। मैं दीदी की चुत के अंदर जीभ डाल डाल कर दीदी का सारा चुत रस चाट गया।
 
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मैंने दीदी को फिर झुक कर लन्ड चूसने का इशारा किया। दीदी झुक कर वापिस मेरा लन्ड चूसने लगी। जब दीदी झुकी तो दीदी की चुत वापिस मेरे मुह पर थी, मेरी आँखों के सामने दीदी की मोटी गाँड़ और गाँड़ का छेद बिल्कुल सामने था। दीदी की गाँड़ का छेद पूरा खुला हुआ था, जैसे अभी अभी लन्ड गाँड़ में लेकर आई हो, दीदी की गाँड़ का छेद केले जितना मोटा खुला हुआ था। मैंने दीदी से पूछा।

मैं- दीदी आपकी गाँड़ का छेद इतना बड़ा कैसे?

दीदी- भाई, तेरे जीजाजी 2 साल से रोज रात को मेरी गाँड़ पूरी पूरी रात मारते है, इसलिए भाई ये छेद इतना खुल गया।

राज- दीदी थोड़ा गाँड़ उठा कर पीछे करो, मुझे आपकी गाँड़ का छेद चाटना है।

दीदी थोड़ा पीछे हुई और दीदी की गाँड़ का छेद मेरे होंठो पर आ गया। मैंने दीदी के गाँड़ के छेद पर अपने होंठ रखे और जीभ निकाल कर गाँड़ के छेद के बाहर फेरने लगा। दीदी वापिस मेरा लन्ड चूसने लगी।

फिर मैंने दीदी की गाँड़ अपनी तीन उंगलियां डाल दी। और अंदर बाहर करने लगा। फिर मैंने उंगलियां निकाल कर जीभ डाल दी, दीदी की चुत जितनी टाइट थी, गाँड़ उठी ही खुली हुई थी। मैंने अपनी पूरी जीभ दीदी की गाँड़ में डाल कर, दीदी की कमर पकड़ कर दीदी को पूरा दबा लिया। वाह! दीदी की गाँड़ कर छेद बहुत मस्त था, मैं दीदी की गाँड़ के छेद में अपनी जीभ चलाने लगा। दीदी मेरा लन्ड मस्त चूस रही थी और मै दीदी की गाँड़।

5 मिनट बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है, मैंने नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर दीदी के मुँह में लन्ड पूरा घुसाने की कोशिश करने लगा। दीदी समझ गयी, दीदी भी मेरा पूरा लन्ड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। मेरा लन्ड दीदी के गले तक पहुंच रहा था। मैंने अपना हाथ नीचे कर दीदी का सिर मेरे पण्ड पर दबा दिया, जिससे मेरा लन्ड दीदी के गले मे चला गया, दीदी छूटने की कोशीश करने लगी, पर मैंने दीदी का सिर कस कर पकड़ा हुआ था। 2 मिनट बाद मेरा पानी दीदी के गले में निकल गया, दीदी मेरा सारा पानी पी गयी। फिर दीदी मैंने दीदी का सिर छोड़ दिया तो दीदी ने मेरा लन्ड आने मुँह से बाहर निकाल और मुझे गालिया देने लगी।

दीदी- बहनचोद, कुत्ते, मादरचोद रण्डी की औलाद।

मैं चुपचाप दीदी की गालियां सुनता रहा और दीदी की गाँड़ चाटता रहा। गाँड़ चटाई से दीदी फिर मूड में आने लगी।

दीदी ने फिर मेरी गोटियां पकड़ी और जोर से दबा दी। मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरे मुँह से चीख निकल गयी।

दीदी- बहनचोद अब पता लगा दर्द का। अब मेरा सिर मत दबाना नही तो तेरी गोटियां नही छोडूंगी मैं।

मैं- ठीक है दीदी।

फिर दीदी ने 5 मिनट मेरा लन्ड चूसा और लन्ड वापिस खड़ा हो गया, तो दीदी खड़ी हुई और बोली।

दीदी- भाई, अब मेरी चुत मार।

मैं- नही दीदी, पहले मैं आपकी गाँड़ मारूँगा।

दीदी- नही भाई पहले मेरी चुत मार, 2 साल से प्यासी हुँ मेरे भाई आज मेरी प्यास बुझा दे। मैं तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हुँ। मुझे अपनी रण्डी बना ले।

फिर मैंने दीदी को घोड़ी बनने के लिए कहा, जब दीदी घोड़ी बनी तो दीदी की गाँड़ का छेद ओर भी खुल गया, तो मेरा मन दीदी की गाँड़ पहले मारने का करने लगा। मैंने अपना लन्ड दीदी की गाँड़ के छेद पर रखा और एक झटके में अंदर घुसे दिया। मेरा आधे से ज्यादा लन्ड दीदी की गाँड़ में घुस गया।

दीदी के मुँह से हल्की से चीख निकल गई, क्योकि मेरा लन्ड दीदी के गाँड़ के छेद से भी मोटा है। मैंने दीदी के मुँह पर हाथ रख और मैंने झटके मारने शुरू किए। 10-12 झटकों में मेरे पूरा लन्ड दीदी की गाँड़ में घुस गया और दीदी को ज्यादा दर्द भी नही हुआ। रण्डी दीपिका दीदी की मोटी चौड़ी फूली हुई गाँड़ मारने का मेरा सपना आज सच हो गया, मैं अपनी कमर तेजी से हिलाने लगा। दीदी भी अपनी गाँड़ हिला हिला कर मजे से गाँड़ मरवाने लगी, वैसे भी दीदी गाँड़ मरवाने में पूरी एक्सपर्ट थी। पूरे कमरे में पट पट की आवाजें आने लगी, तो मैंने अपनी स्पीड घटा दी।

दीदी बोली- भाई तेज तेज मार मेरी गाँड़।

मैं- दीदी आवाज़ में मम्मी जाग जाएगी, इसलिए धीरे हुआ हुँ।

दीदी- जागने दे साली कुतिया को, जाग गयी तो उसको भी चोद देना मेरे बहनचोद भाई, अब तू बहनचोद तो बन ही गया, मादरचोद भी बन जाना।

मैं दीदी की गाँड़ मारने की स्पीड बढ़ाता हुआ- नही दीदी वो अपनी मम्मी है, उसको नही चोद सकता।

दीदी- जब अपनी बहन को चोद दिया, तो मम्मी को चोदने में क्या हर्ज है। ऐसे ही मम्मी किसी ओर से चुद कर बदनाम होगी, उस से अच्छा है, जैसे मुझे चोद रहा है, ऐसे ही मम्मी को चोद देना, घर की बात घर मे रहेगी।

मैं- ठीक है दीदी । मैं दीदी की गाँड़ मारने की स्पीड ओर बढ़ा दी और पूरा 10 इंच का लन्ड दीदी की गाँड़ में पूरा पेलने लगा। दीदी के मुँह से आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह आ आ आ आ आ द ह द ह ह ह ह ह निकलने लगी। 20 मिनट दीदी ने मजे से मुझसे गाँड़ मरवाई। फिर दीदी ने मुझे रुकने का कहा, तो मैं रुका और दीदी की गाँड़ से लन्ड बाहर निकाला तो घप्प की आवाज़ से लन्ड बाहर आ गया। फिर दीदी सीधी लेट गयी और अपनी टांगे चौड़ी कर ली दीदी ने।

दीदी- राज, भाई मेरी चुत बहुत तड़प रही है, इसमे अपना लन्ड डाल।

मैं- ठीक है दीदी।

मैंने दीदी की जाँघे पकड़ी और दीदी की जांघों को ऊपर कर के और चौड़ा किया। फिर अपना लन्ड दीदी की चुत पर रगड़ने लगा।

दीदी पूरी तड़पने लगी। मैंने अपने लन्ड का टोपा निकाला और दीदी की चुत पर उसको जोर जोर से रगड़ने लगा।

दीदी- भाई डाल दे लन्ड मेरी 2 साल से प्यासी चुत में।

मैंने दीदी की चुत पर लन्ड रखा थोड़ा सा दबाव बनाया, फिर मैं लन्ड पीछे कर वापिस दीदी की चुत पर लन्ड रगड़ने लगा।

मैं दीदी को तड़पा तड़पा कर चोदना चाहता था, मैं दीदी को रण्डी बना कर चोदना चाहता था, मैं चाहता था की वो हवस से भर जाए और चुदने के लिए पागल होने लगे।

दीदी- डाल दे, क्यों तड़पा रहा है।

मैं(दीदी की चुत पर लन्ड रगड़ता हुआ)- ऐसे नही दीदी पहले मेरी बात माननी पड़ेगी।

दीदी- बोल भाई, क्या बात मनवानी है? मुझे तेरी हर बात मंजूर है। बस मुझे चोद दे।

मैं- दीदी मेरी कसम खाओ की मेरी बात मानोगी।

दीदी- हाँ तेरी कसम तेरी सब बातें मानूँगी।

मैं- दीदी बोलो मैं रण्डी हुँ और मैं अपने भाई के बच्चे की माँ बनूँगी। मेरा बहनचोद भाई ही मेरा पति है।

दीदी- हाँ मेरे बहनचोद भाई तू ही मेरा पति है, मैं तेरे बच्चे की माँ बनूँगी, मैं रण्डी हुँ, मेरी माँ रण्डी है, मैं हमेशा अपने भाई की रण्डी बन कर रहूँगी। मैं मेरे बहनचोद भाई की गुलाम हुँ। अब तो चोद दे मुझे मेरे भाई, मैं तड़प नही हूँ।
 
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फिर मैंने दीदी की चुत पर अपना लन्ड सेट किया और लन्ड को चुत में डालने के लिए दबाया। लन्ड फिसल कर साइड में हो गया। मैंने 3 बार ट्राय किया, पर लन्ड बार बार फिसल रहा था। दीदी की चुत सच मे बहुत टाइट थी। फिर दीदी ने मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी चुत सेट किया और मुझे थोड़ा ज्यादा जोर लगाने के लिए बोला। मैंने एक जोरदार झटका मारा। मेरे लन्ड का टोपा दीदी की चुत में घुस गया, दीदी की चुत सच मे बहुत ज्यादा टाइट थी, टीना दीदी की चुत की तरह। दीदी के मुँह से जोरदार चीख निकल गयी, जैसे अभी कुंवारी हो। आ आ आ आ आ आ आ आ मर गई, आ आ आ आ

मैंने दीदी के होंठो को अपने होंठो में दबा लिया, फिर एक और जोरदार झटका मारा, जिस से मेरा आधे से ज्यादा लन्ड दीदी की चुत में चला गया। दीदी दर्द से तड़पने लगी और मुझसे झूठने के लिए हिलने लगी, पर मैंने दीदी को कस के पकड़ा हुआ था, दीदी के होंठों को मैने अपने होंठों में कैद ना किया होता तो दीदी की जोरदार चीख वपिस निकल जानी थी। दीदी को बहुत दर्द हो रहा था, दीदी की आँखों मे आँसू आ गए थे।

मैं दीदी के होंठ अपने होठों में कैद कर और अपना लन्ड ऐसे ही दीदी की चुत में डाले दीदी को कस कर दबा कर ऐसे ही दीदी के ऊपर पड़ा रहा। दीदी की आंखों से लगातार आंसू निकलते रहे।

10 मिनट बाद दीदी को दर्द कम हुआ तो दीदी ने अपनी कमर हिलानी शुरू की, फिर मैंने भी दीदी पर अपना दबाव कम कर दिया और धीरे धीरे दीदी की चुत में धक्के देने लगा।

मैं- मेरी रण्डी दीदी क्या हुआ? आपने तो गाँड़ में लन्ड आराम से ले लिया था, जैसे कोई बहुत बड़ी रण्डी हो, पर अब चुत में तो ऐसे कर रही हो जैसे कुंवारी चुत हो।

दीदी(रोते हुए)- भाई क्या करूँ, बहुत दर्द हो रहा है, 2 साल से कुछ भी नही गया मेरी चुत में।

मैं- तभी आपकी चुत एक दम कुँवारी जैसी है।

दीदी- अच्छा तुझे बहुत पता है कुंवारी चुत के बारे में। कभी ली है क्या कुंवारी चुत बहनचोद।

मैं(दीदी की चुत में जोर जोर की झटके मारते हुए)- हाँ रण्डी ली है, ओर तेरी चुत उस से भी मजेदार है।

दीदी- आ आ आ आ ह ह ह ह । चोद मेरे बहनचोद भाई, रण्डी के बच्चे, आ आ आ ह ह ह। किसकी ली है।

मैं- जिसकी ली है उस से शादी करनी है मुझे।

फिर मैंने दीदी को चोदने की स्पीड बढ़ा दी।

दीदी के मुँह से आ आ आ आ की आवाजें आने लगी।

पूरे कमरे में जोर जोर से पट पट की आवाजें आने लगी, पर मैं और दीदी बिना मम्मी की परवाह किये चुदाई करते रहे।

दीदी- आ आ आ आ और जोर से, आ आ आ आज फाड़ दे मेरी चुत, आ आ आ मर गई, ऊ माँ चोद भाई बहुत मजा आ रहा है, ऊ आ आ हा आ हा करते करते 15 मिनट बाद दीदी ने मुझे जोर से जकड़ लिया और जोर जोर से चोदने को बोली, मैं दीदी को चोदता रहा,

दीदी आ आ हा जोर से करते करते 2 मिनट बाद झड़ गयी।

दीदी की चुत से पानी निकलने लगा, जो मुझे मेरे लन्ड पर महसूस हो रहा था, फिर दीदी एक दम ढीली पड़ गयी, पर मैं दीदी की चुत में धीरे धीरे झटके मारता रहा और दीदी के बड़े बड़े मुम्मे चूसने लगा।

10 मिनट बाद दीदी फिर से गर्म होने लगी और मेरे बालों में हाथ फिराने लगी।

फिर मैंने अपना लन्ड दीदी की चुत से निकाला और दीदी को घोड़ी बन ने के लिए कहा। दीदी खड़ी हुई और घोड़ी बन गयी। मैंने पीछे से दीदी की चुत में लन्ड डालने लगा, तो ऐसे तो चुत और टाइट लग रही थी। मैंने दीदी की चुत पर लन्ड सेट किया और एक झटके में पूरा लन्ड घुसा दिया।

दीदी- आ आ साले कमीने, आराम से घुसा कुत्ते।

मैंने दीदी को अनसुना किया और दीदी को कमर से पकड़ कर जोर जोर से दीदी को चोदने लगा। दीदी के मुँह से आ आ आ निकल रही थी। मैं दीदी चोदते चोदते दीदी की मस्त मोटी गाँड़ पर थप्पड़ भी मारने लगा, थप्पड़ पड़ते ही दीदी की आ आ आ निकल जाती, मैंने थप्पड़ मार मार के दीदी की गाँड़ लाल कर दी। फिर मैंने देखा दीदी के मोटे मुम्मे नीचे हवा में झूल रहे थे और आगे पीछे हिल रहे थे। फिर मैंने हाथ आगे कर के दीदी के मोटे मुम्मे पकड़ लिए और दीदी को चोदते हुए दीदी के मुम्मे भी दबाने लगा, मैं दीदी के मुम्मे जोर जोर से दबाने लगा, जिस से दीदी के दूध की धार निकलने लगी। दीदी बस मजे से आवाज़े निकाल रही थी, आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह चोद मुझे, अपनी रण्डी बना ले। आज से मैं तेरी रण्डी हूँ।

मैं 30 मिनट दीदी को ऐसे ही चोदता रहा, इस बीच दीदी का एक बार पानी निकल चुका था, फिर मेरा शरीर भी अकड़ने लगा, तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। मैंने दीदी को कहा की मेरा निकलने वाला है।

मैं- दीदी मेरा पानी निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ।

दीदी- मेरी चुत में ही पानी निकाल, 2 साल से प्यासी है मेरी चुत, आज इसकी प्यास बुझा दे।

मैं- दीदी अगर बच्चा हो गया तो।

दीदी- मैं तेरे बच्चे की माँ बन ना चाहती हूँ भाई।

इतने में मेरा पानी दीदी की चुत में निकलने लगा और इतने में दीदी की चुत ने भी एक बार फिर से पानी छोड़ दिया। मैंने अपना सारा पानी दीदी की चुत में छोड़ा और मेरा शरीर ढीला पड़ गया। मैं दीदी की चुत में लन्ड डाले ही दीदी के ऊपर लेट गया। मैं थोड़ी देर ऐसे ही दीदी के ऊपर लेता रहा और दीदी मेरे बालों में अपना हाथ फिराती रही।

दीदी- राज, तू कह रहा था कि तूने कुँवारी चुत ली है, किसकी ली है भाई?

राज- दीदी, मैंने जिसकी ली है, मैं उस से शादी करना चाहता हूँ और आपको मेरी हेल्प करनी पड़ेगी सबको मनाने में।

दीदी(मुझे किस करते हुए)- हाँ मेरे भाई, मैं तेरी हेल्प करूंगी, पर उसका नाम तो बता।

राज- दीदी उसका नाम टीना है।

दीदी(सोचते हुए)- कौनसी टीना। क्या मैं जानती हूँ उसको।

राज- जी दीदी, आप जानती हो टीना दीदी की बात कर रहा हूँ मैं।

दीदी(चोंकते हुए)- क्या, हेमा मौसी की बेटी?

मैं- हाँ दीदी

फिर एकदम से रूम की लाइट जग गयी और मम्मी की जोर से बोलने की आवाज़ आई।

मम्मी- नही, तेरी शादी उसके साथ कभी नही हो सकती।
 
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मम्मी की आवाज़ सुनते ही मैं डर गया और जल्दी से दीदी के ऊपर से नीचे उतरने लगा, पर दीदी ने बिना डरे मुझे कस कर पकड़ लिया और खुद से अलग नही होने दिया। फिर दीदी ने चादर से मुझे और खुद को ढक लिया।

पता नही मम्मी कितनी देर से जाग रही थी और मेरी और दीदी की चुदाई देख रही थी, हमारी बाते सुन रही थी।

मम्मी- ये क्या कर रहे हो तुम दोनों, तुमको शर्म नही आती।

मम्मी ने हमारे ऊपर से चद्दर खींच कर हटा दी और मुझे थप्पड़ मारने लगी।

मम्मी ने मुझे लगातार 5-6 थप्पड़ मार दिये। मैं चुपचाप ऐसे ही पड़ा रहा।

दीदी(मम्मी का हाथ पकड़ते हुए)- मम्मी प्यार कर रहे है।

मम्मी- बेशर्म, अपने भाई से ऐसे प्यार करते है।

दीदी- मम्मी मैं बहुत प्यासी हूँ 2 साल से, बाहर जाकर किसी और से चुदने से अच्छा है, घर पर अपने भाई से ही चुद गयी, कहानी बदनामी तो नही होगी ना।

मम्मी- दीपिका पर ये गलत है, राज तेरा सगा भाई है।

दीदी- मम्मी तभी तो राज से ही चुदी हूँ, सगे भी से ज्यादा प्यार और कोई नही दे सकता। सगा भाई बाहर किसी को बता कर बदनाम भी नही करेगा।

मम्मी- अगर तेरे पति को पता चल गया तो।

दीदी- मम्मी उनको पता है, राज से चुदने का उनका ही आईडिया था। हमको सेक्स के लिए एक पार्टनर चाहिए था, तो उन्होंने ही कहा था राज को बना लो पार्टनर। घर की बात घर मे ही रहेगी। विकास तो चाहते है कि मैं राज और विकास मिल कर थ्रीसम करें।

ये सब सुन कर मम्मी शॉक हो गयी, पर अब मम्मी का गुस्सा थोड़ा शांत हो चुका था।

मम्मी- ठीक है, पर ये बात हमारे परिवार में ही रहनी चाहिए, किसी रिश्तेदार को इसकी भनक तक नही होनी चाहिए। नही तो तेरी हेमा मौसी तो पूरी रण्डी है, वो तुझे भी अपनी तरह रण्डी बना देगी।

दीदी- थैंक यू मम्मी। और दीदी ने मम्मी के पास जाकर मम्मी के गालों पर किस कर दी।

फिर दीदी बेड पर आ गयी और दूसरी तरफ अपने बेटे की तरफ मुँह कर अपने बेटे को उठा कर दूध पिलाने लगी।

मम्मी मुझे देखते हुए बोली- राज, टीना से तेरी शादी कभी भी नही हो सकती।

राज- पर क्यों मम्मी।

मम्मी- हेमा एक नंबर की रण्डी है। टीना और देव के बाप कौन है, ये तक तो पता नही उसको और तू उस से शादी करना चाहता है, ये कभी नही हो सकता। (मम्मी मेरे बैठे लन्ड को देख रही थी, जो बैठा हुआ भी काफी बड़ा लग रहा था)

राज- मम्मी, मैं टीना दीदी से प्यार करता हूँ।

मम्मी- तुझे मैंने कह दिया ना, पहले ही उस हेमा रण्डी ने तेरे पापा को अपने जाल में फंसा रखा है, अब वो टीना का इस्तेमाल कर के तुझे फँसायेगी। (मम्मी फिर मेरे लन्ड को देखने लगी, ये देख मेरे लन्ड ने भी हरकत करनी शुरू कर दी और लन्ड थोड़ा थोड़ा अकड़ने लगा)

मैं- नही मम्मी, टीना ऐसी नही है।

मैं मम्मी की और देखने लगा, मम्मी की जालीदार नाइटी मे मम्मी के मोटे मोटे बूब्स और उनके ऊपर बड़ा सा निप्पल मस्त दिख रहा था। जब मम्मी थोड़ा से हिलती तो बूब्स पूरे हिल जाते।

मम्मी- तुझे ज्यादा पता है क्या, मैं जानती हूँ उसकी माँ को, आधे से ज्यादा शहर से चुदी हुई है वो, और कोई भी रिश्तेदार ऐसा नही होगा जिसने उसको चोदा न हो। यहाँ तक कि मुझे तो शक है कि दीपिका के पति तेरे विकास जीजाजी से भी चुद चुकी होगी वो।

(मम्मी फिर मेरे लन्ड को घूरने लगी, जो मम्मी की हिलती चुचियाँ देख कर अपने पूरे जोश में आकर कर 10 इंच का तना हुआ, मम्मी को सलामी दे रहा था।)

जीजाजी का नाम सुनते ही दीदी पीछे मुड़ी, दीदी ने मम्मी की और देखा और बोली- हाँ मम्मी, मुझे भी पूरा शक है कि विकास ने हेमा मौसी को चोदा है।

(दीदी ने देखा कि मम्मी की नज़र मेरे लन्ड पर है, तो दीदी ने हल्की सी स्माइल की।)

मम्मी- हाँ, दीपिका हेमा का कोई भरोसा नही अपने बेटे से भी चुद चुकी होगी, और राज सच बताना हेमा ने तुझसे भी चुदवा लिया क्या?

(मम्मी फिर मेरे लन्ड को घूरने लगी)

इतने में दीदी मुन्ने को दूध पिला कर हमारी तरफ घूम गयी।

मैं सोचने लगा कि मम्मी की बात तो सही है कि हेमा मौसी है तो साली रण्डी।

दीदी(मेरा खड़ा लन्ड पकड़ते हुए)- बता भाई, हेमा मौसी को चोदा है क्या तूने।

राज- नही दीदी।

दीदी(मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाते हुए)- हाँ मम्मी, अगर मौसी इस लन्ड से चुदी होती तो राज को खुद के पास ही सुलाती रण्डी।

फिर दीदी मम्मी के सामने मेरा लन्ड हिलाने लगी। मम्मी घूर घूर के लन्ड देख रही थी।
 
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Joy Gupta

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दीदी- राज, तेरा लन्ड सच मे कमाल है, जो एक बार ले ले, उसको कोई दूसरा लन्ड अच्छा ना लगे।

दीदी ने मम्मी के सामने मेरे लन्ड पर किस कर दी, और फिर मम्मी की और देखा तो मम्मी की नज़रे अब भी मेरे लन्ड पर जमी हुई थी। मम्मी की आँखोँ में हवस साफ दिख रही थी। दीदी मम्मी को देखते हुए फिर मेरे लन्ड पर झुकी और मेरे लन्ड के टोपे पर अपनी जीभ फिराने लगी। दीदी कभी मेरे लन्ड का टोपा अपने मुँह में लेती कभी बाहर निकलती। मम्मी दीदी को मेरे लन्ड के साथ हरकते करती देख रही थी और अब दीदी को देख देख कर मम्मी की हवस भी जाग रही थी।

दीदी खड़ी हुई और मम्मी का हाथ पकड़ कर मेरे लन्ड पर रख दिया। उस समय मम्मी के अंदर इतनी ज्यादा हवस थी की मम्मी को कोई होश नही था कि क्या हो रहा है। मम्मी ने अपना हाथ वैसे ही मेरे लन्ड पर रहने दिया, पर कोई हरकत नही की। मम्मी बस आँखें फाड़ कर मेरा लन्ड घूर घूर कर देख रही थी। दीदी ने मम्मी के हाथ पर अपना हाथ रखा और मम्मी के हाथ से मेरा धीरे धीरे मेरा लन्ड हिलाने लगी। अब मम्मी की पकड़ मेरे लन्ड पर मजबूत होने लगी, तो दीदी ने मम्मी का हाथ छोड़ दिया, अब मम्मी खुद ही मेरा लन्ड जोर जोर से हिलाने लगी। मैं बेड पर लेट गया, और मम्मी के हाथ मे मेरा लन्ड था। दीदी मम्मी के होंठों का पास गई और मम्मी को लिप किस करने लगी।

5 मिनट किस करने के बाद किस करते करते दीदी अपना और मम्मी का मुँह मेरे लन्ड के पास लाई और किस करना छोड़ दोनो मेरे लन्ड पर जीभ फिराने लगी। दीदी तो मेरा लन्ड ले चुकी थी, पर मम्मी मेरे लन्ड को देख हवस की आग में जलने लगी थी। फिर मम्मी ने दीदी को थोड़ा साइड किया और मेरे लन्ड को मुँह में डाल लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मम्मी भी बहुत अच्छे से मेरा लन्ड चूस रही थी, पर अब तक दीपिका दीदी ने सबसे मस्त चूसा था।

मम्मी मेरे लन्ड पूरा अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी।

दीदी ऊपर मेरे पास आई और अपनी चुत मेरे मुँह पर रख कर मुझसे अपनी चुत चटवाने लगी। मैं अपनी जीभ दीदी की चुत के अंदर बाहर करने लगा। फिर दीदी झुकी और मम्मी को अपनी ओर खींचा और मम्मी की नाइटी उतार दी। मम्मी के बड़े बड़े बूब्स क्या कमाल दिख रहे थे, उस पर बड़ी बड़ी निप्पल। दीदी मम्मी के बूब्स दबाने लगी, फिर दीदी ने मम्मी का एक मुम्मा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी और अपनी चुत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी।

फिर दीदी ने मम्मी को वापिस मेरे लन्ड पर झुका दिया। मम्मी वापिस मेरा लन्ड चूसने लगी। दीदी ने मम्मी को कमर से अपनी तरफ खींचा और मम्मी की चुत पर अपनी जीभ लगा कर मम्मी की चुत चाटने लगी। अब हम तीनों बेड पर त्रिकोण अवस्था मे लेटे हुए थे, मेरे मुँह पर दीदी की चुत थी। दीदी के मुँह पर मम्मी की चुत और मम्मी के मुह में मेरा लन्ड।

10 मिनट बाद मम्मी की चुत से पानी छूट गया, जिसे दीदी चाट गयी। फिर 5 मिनट बाद दीदी की चुत ने भी पानी छोड़ दिया, जिसे मैं चाट गया। दीदी मेरे ऊपर से खड़ी हो गयी और साइड में लेट गयी। मैं दीदी के मुम्मे दबाने लगा। अब मम्मी मेरे लन्ड जोर जोर से चूसने लगी, तो 10 मिनट बाद मेरा भी पानी छूट गया, जो मम्मी ने पूरा अपने मुँह में ले लिया, जिसकी एक बूंद भी मम्मी ने बाहर नही आने दी।

मम्मी फिर खड़ी हुई और मेरे मुँह के पास आकर अपने मुम्मे मेरे मुँह में डालने लगी। मैं मम्मी के मोटे मुम्मे चूसने लगा। 5 मिनट बाद मेरा लन्ड फिर से तैयार हो गया। तो मम्मी फिर खड़ी हुई और मेरे लन्ड पर अपनी चुत सैट कर के लन्ड चुत में डालने लगी।

मम्मी की चुत खुली हुई थी, क्योंकि पापा मम्मी की चुत बहुत मारते थे, फिर भी मम्मी को थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था, क्योंकि मेरा लन्ड पापा के लन्ड से मोटा है। धीरे धीरे मम्मी मेरे पूरा लन्ड अपनी चुत में ले गयी और ऊपर नीचे होने लगी। मैं भी नीचे से धक्के मारने लगा। मम्मी के मुँह से आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह निकलने लगी। मम्मी पूरी स्पीड पर ऊपर नीचे हो रही थी और गालियां देने लगी।

मम्मी- आ आ आ ह ह ह चोद मुझे मादरचोद, फाड़ दे मेरी चुत। मुझे अपनी रण्डी बना ले, मादरचोद।

मैं- हाँ, तुझे भी दीपिका की तरह अपनी रण्डी बनाऊंगा।

मम्मी- हाँ, रण्डी के बेटे, मादरचोद, तेरा बाप तो दूसरी रंडियाँ चोदने में लगा रहता है, मुझे तू चोदा कर अब से। आ आ आ ह ह ह ह, मैं तो गयी।

करीब 15 मिनट बाद मम्मी की चुत से पानी निकल गया और मम्मी मेरे ऊपर निढाल होकर चित लेट गई। मेरा लन्ड अभी भी मम्मी की चुत में ही था और मैं नीचे से धक्के मारता रहा। फिर मम्मी मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने नीचे से धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और अब मम्मी भी वापिस मूड में आने लगी तो मम्मी फिर से मेरे लन्ड पर उछलने लगी।

मम्मी के मोटे बूब्स हवा में तेजी से उछल रहे थे और मुँह से बस आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ की आवाजें निकल रही थी।

आधे घंटे बाद मैं ओर मम्मी एक साथ झड़ गए। मैंने अपना पूरा वीर्य मम्मी की चुत में छोड़ दिया। मम्मी ऐसे ही मेरे ऊपर लेट गई।
 
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