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Adultery चुदाई के दास्तान (मां बेटा बेटी और किरायेदार)

स्टोरी कैसी लगी

  • अच्छी है

    Votes: 5 33.3%
  • बहुत अच्छी है

    Votes: 11 73.3%

  • Total voters
    15

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
3,679
14,430
144
UPDATE NO.30

दूसरी तरफ सीमा दोपहर का खाना तैयार कर चुकी थी और कपड़े धो कर

सुखाने के लिए छत पर चली गयी यहाँ अमन छत पर एक पतला सा बिस्तर लगा

कर लेट कर धूप का आनंद ले रहा था सीमा अमन की तरफ देखने लगी और

दोंनो की नज़रें आपस में टकरा गयी सीमा ने कपड़े सुखाने के लिए डाल दिए

और अमन के पास आ कर नीचे बिस्तर पर बैठ गयी धूप से गर्मी के कारण

अमन के गाल एक दम लाल हो चुके थे उसके गालों को देख सीमा का दिल ललचा

गया और झुक कर अमन के होंठो को अपने मुँह में ले कर चूस लिया अमन ने

भी उसे बाहों में भर लिया और सीमा के होंठो को चूसने लगा अमन के हाथ

सीमा की चुचियों को मसल्ने लगे सीमा ने सलवार कमीज़ पहना हुआ था

अमन:मौसी एक बार और दो ना

सीमा:मुस्करते हुए) क्या दूँ

अमन:शरमाते हुए) चूत

सीमा:तो खुल के कह ना शर्मा क्यों रहा है तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो

में और मेरी चूत पर सबसे पहला हक तुम्हारा है सीमा अमन की बगल में

लेट गयी और अपनी सलवार का नाडा खोल दिया अमन बैठ कर सब देखने लगा नाडा

खोलने के बाद सीमा ने अपनी गान्ड को हल्का से ऊपर उठा कर सलवार को सरका कर

नीचे घुटनो तक कर दिया अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपर की ओर उठा लिया

सीमा की सलवार उसके घुटनो से नीचे थी

सीमा:चल जल्दी कर कोई ऊपर ना आ जाए

अमन लेकिन मौसी अपनी सलवार तो उतारो

सीमा:नही अगर कोई आ गया तो जल्दी में सलवार नही पहनी जाएगी तू मेरे

पैरो के सामने आ जा

अमन सीमा के पैरो के सामने की तरफ़ आ गया और सीमा के कहने पर उसने

सीमा के पैरो को अपने कंधे पर रख दिया अब सीमा की चूत बिल्कुल अमन के

लंड के सामने आ गयी थी सीमा ने हाथ नीचे लेजा कर अमन के लंड को पकड़

कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया और अमन ने अपने लंड को अंदर धकेल दिया

लंड एक ही बार में सीधा चूत के अंदर समा गया अब सीमा के गान्ड बिस्तर

से 2 इंच ऊपर हवा में उठ चुकी थी और अमन सीमा की टाँगों को उठा कर

चोद रहा था सीमा को इस सब में बड़ा मज़ा आ रहा था और अमन पूरी ताक़त से

सीमा की चूत को पेल रहा था अमन के झटके हर पल तेज हो रहे थे और 5 मिनट

में अमन ने सीमा की चूत में पानी छोड़ दिया और सीमा भी उसके साथ ही

झाड़ गयी अमन ने लंड निकाल कर सीमा की टाँगों को कंधों से नीचे उतारा और

सीमा ने अपनी सलवार को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपर किया और गान्ड उठा कर फिर

से ऊपर करके नाडा बाँध लिया और बैठते हुए अमन के होंठो को चूस्ते हुए बोली

जब तुम्हारा दिल करे मुझे चोद लेना और आज के बाद तुम अकेले में मुझे सीमा कह

कर बुलाना और सीमा नीचे आ गयी अमन वहीं लेटा रहा और उसे नींद आने

लगी शाम को अमन उठ कर नीचे आ गया नीचे घर में शांति फैली हुई थी

कोई आवाज़ नही आ रही थी अमन किचन में गया सीमा चाइ बना रही थी अमन

ने सीमा को पीछे से जाकर बाहों में भर लिया सीमा ने सारी पहनी हुई थी

और पीछे से हाथ आगे लेजा कर सीमा की चुचियों को पकड़ लिया

सीमा:उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उठ गये

अमन:हान्णन्न् दादा दादी जी कहाँ गये हैं

सीमा:वो यहीं नज़दीक के पार्क में घूमने गये हैं

अमन:सीमा मुझे अभी चूत चहाए

सीमा:क्या हुआ आज बहुत मूड में हो

अमन:चल दे ना क्यों नखरे कर रही है और अमन ने सीमा की चुचियाँ को मसल
दिया

सीमा:अहह ये हुईईईई ना बात चल बाहर जाकर सोफे पर बैठ में अभी आती हूँ

अमन सोफे पर आकर बैठ गया थोड़ी देर बाद सीमा चाइ लेकर आ गयी और चाइ

टेबल पर रख दी और बड़ी अदा के साथ अपनी सारी को पेटिकोट के साथ अपनी कमर

तक उठा दिया नीचे सीमा ने ब्लू कलर की वी शेप पैंटी पहनी हुई थी जो सिर्फ़

उसकी चूत को ही ढक पा रही थी सीमा डॉगी स्टाइल में सोफे पर आ गयी

और अमन उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया अमन ने सीमा की छोटी सी पेंटी को साइड

से पकड़ कर उसकी जाँघो तक नीचे कर दिया और अपना शॉर्ट्स को उतार दिया और अमन

ने अपना लंड सीमा की चूत की छेद पर रख कर हलका सा झटका मारा सीमा के

मुँह से आ निकल गयी और सीमा की आँखें बंद हो गयी सीमा ने पीछे की

ओर अपनी गान्ड को धकेला लंड चूत के अंदर समा गया अब अमन अपना लंड डाले

वैसे ही खड़ा था और सीमा घोड़ी बनी आगे पीछे हो कर अमन का लंड अंदर

बाहर कर रही थी लंड सीमा की चूत के पानी से चिकना हो कर आसानी से अंदर

बाहर जा रहा था अमन ने सीमा के चुतड़ों को कस के पकड़ लिया और अपनी कमर
हिलाने लगा

सीमा:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेंन्नननननणणन्

तुम्हेन्ंनननननणणन् आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब जनीईईई नही दूऊऊन्गि

अहह तूँ कहा थाआआआआअ आब्ब्ब्ब्ब्बबब तक्क्क्क्क्क्क तेरी मौसी की

चूत्त्त्त्त्त के प्यास टनईयीईयीई बुजाइइ है अहह और ज़ोर सीईईई

चोद्द्द्द्द्द्द्द अहह और जोर्र्र्र्र्र्र्र्ररर से फद्द्द्द्द्द्दद्ड दीईईई मेरी

चूत्त्त्त्त्त अहह अमन धना धन धक्के लगाने लगा सीमा भी पीछे

की तरफ गान्ड धकेल-2 कर अमन का लंड अंदर ले रही थी सीमा झाड़ गयी

और अमन ने भी सीमा की चूत में अपना पानी छोड़ दिया अमन का वीर्य बह कर

सीमा की चूत से बाहर आकर उसकी पैंटी के ऊपर गिरने लगा सीमा अपनी सारी और

पेटिकोट को थामे खड़ी हुई और अपनी पैंटी को पकड़ कर ऊपर कर ली और दोनो

बैठ कर चाइ पन लगे तभी डोर बेल बजी

सीमा:लगता है माँ और पिता जी आ गये

सीमा उठ कर गेट खोलने गयी सीमा ने गेट खोला तो सामने सीमा का देवर

और देवरानी खड़े थे

सीमा: एक दम चोन्क्ते हुए)अर्रे तुम कब आए फोन तो कर देते आओ अंदर आओ

और पीछे सीमा के सास ससुर भी आ गये सीमा ने उन्हें सोफे पर बैठाया

और अपनी देवरानी से अमन को मिलवाया सीमा अपने देवर और देवरानी को देख कर

खुश भी थी पर अब उसे अमन के साथ चुदाई मोका नही मिलने वाला था सीमा

ने उन्हे चाइ बना कर दी और उनसे बातें करने लगी सीमा के देवर ने बताया कि

वो आर्मी के किसी काम से लखनऊ आया था इसलिए वो अपनी पत्नी पूजा को भी साथ ले

आया था और कल वापिस जाने वाले थे सीमा ने ये सुन कर राहत की साँस ली क्यों

कि अब अमन की छुट्टियाँ ख़तम होने में कुछ ही दिन बचे थी और वो इन कुछ

दिनो में चुदाई का पूरा मज़ा लेना चाहती थी



दूसरी तरफ बबलू शाम को उठ कर

फ्रेश हो चुका था इतने में रेणु और शोभा भी घर आ चुकी थी बबलू रात

का खाना खा कर घर से बाहर निकल गया बाहर आकर उसने पीसीओ से मीना के घर

पर फोन किया

मीना:हेलो कॉन

बबलू: में बोल रहा हूँ बबलू

मीना:ओह्ह्ह्ह तुम क्यों फोन किया

बबलू:तुम्हारा पति घर में हैं

मीना:हां हैं बुलाऊ

बबलू: फिर कब मुलाकात हो गी

और बबलू स्टेशन पर आ गया और अपने काम में जुट गया रात के 10बज रहे थे

बबलू स्टेशन के प्लॅटफॉर्म पर टहलता रहा था उसकी नज़र उस दिन वाली औरत पर पड़ी

जो उस रात सुसमा के साथ थी औरत ने बबलू के तरफ देखा बबलू ने इशारे से उसे

एक कोने में बुलाया

औरत : जी बाबू जी क्या बात है

बबलू:तुम्हारा नाम क्या है

औरत:जी मेरा नाम बिंदिया है

वो औरत अधेड़ उम्र की थी लगभग 45 साल के करीब थी

बबलू:वो सुसमा नज़र नही आ रही आज कल

बिंदिया: जी वो अपनी बेहन के पास गयी हुई है

बबलू:कब तक आए गी

बिंदिया:जी पता नही कुछ बोल कर नही गयी बिना कुछ बोले चले गई

बबलू:ठीक है तुम जाओ

और बिंदिया आगे चली गयी थोड़ी दूर जाने के बाद बिंदिया ने पीछे मूड कर बबलू

की तरफ देखा और बबलू अपने लंड को पेंट के ऊपर से मसल कर बिंदिया को दिखाने

लगा बिंदिया मुस्कराने लगी बबलू भी बिंदिया के पीछे हो लिया दोनो थोड़े फंसले

पर चले जा रहे थी कुछ दूर जाकर प्लॅटफॉर्म ख़तम हो गया और बिंदिया आगे

बढ़ती रही सर्दी के मौसम में धुन्ध छाई हुई थी थोड़ा सा और आगे जाकर

बिंदिया धीरे हो गयी बबलू उसके एक दम पास आ गया और अपना एक हाथ उसके

मतकते हुए चुतड़ों पर रख कर मसल दिया

बिंदिया:हाई राआआअम क्या कर रहे हैं बाबू जी कोई देख लेगा

बबलू:चल फिर कहीं ऐसे जगह चलते हैं यहाँ कोई देखे ना

बिंदिया नीचे सर करके शरमाने लगी और फिर आगे बढ़ने लगी कुछ दूरी पर चलने पर बिंदिया एक लोहे के गेट के सामने आकर रुक गयी बिंदिया ने गेट खोल सामने सीडीयाँ थी जो ऊपर जाती थी
बिंदिया:आए बाबू जी हमारे ग़रीब खाने में

और बिंदिया और बबलू ऊपर आ गये बिंदिया ने गेट वापिस बंद कर दिया ऊपर छत

पर छोटा सा एक कमरा था और आगे खुल्ली छत थी जो बहुत ही तंग थी

कमरे के आगे एक तरपाल से बना एक किचन टाइप था बिंदिया ने दरवाजा

खटखटाया थोड़ी देर बाद अंदर लाइट जली और दरवाजा खुल गया सामने बिंदिया की

बेटी खड़ी थी बिंदिया की बेटी छोटे कद की थी उसकी हाइट 5 के करीब थी

बेटी:माँ ये कॉन है(अपना मूँह बनाते हुए) इसे यहाँ क्यों लाई हो इस समय

बिंदिया: ये हमारे स्टेशन पर छोटे शाब हैं बेटा इन्हे नमस्ते बोलो ये मेरे बेटी

है साहब रिंकी

रिंकी: मूँह बनाते हुए) नमस्ते

बबलू मन में सोचने लगा साली अकड़ तो ऐसे रही है जैसे कहीं की राजकुमारी हो

रिंकी छोटे कद की लड़की थी उसका जिस्म एक दम भरा हुआ था **** उम्र में उसकी

चुचियाँ अभी छोटे संतरों के आकार की थी लेकिन गान्ड बहुत भारी थी

बिंदिया:आइए बाबू जी जा रिंकी बाबू जी के लिए चाइ बना ले

बबलू:नही -2 मुझे चाइ नही पीनी बस एक ग्लास पानी पिला दो

रिंकी पानी ले आई और बबलू की तरफ पानी का ग्लास बढ़ाया बबलू ने पानी लेते हुए रिंकी

के हाथ को मसल दिया और आँख मार दी रिंकी अपना मूँह बनाने लगी और

बुदबुदाते हुए नीचे बिछे बिस्तर पर लेट गयी

बबलू ने इशारे से बिंदिया को पूछा बिंदिया ने इशारे से बबलू को बाहर आने को

कहा बबलू बाहर चला गया और बिंदिया ने लाइट बंद कर दी बाहर आकर बिंदिया ने

बबलू से कहा बाबू जी आप थोड़ी देर बाहर घूम आइए में तब तक रसोई में

बिस्तर लगा लेती हूँ और रिंकी भी तब तक सो जाएगी में नीचे का गेट खुला छोड़

देती हूँ


बबलू नीचे उतर कर बाहर आ गया और सिगरेट जला कर पीने लगा 10-15 मिनट

घूमने के बाद बबलू फिर से वहाँ पहुँचा उसने गेट खोला तो गेट खुल गया

बबलू ने अंदर आकर बिना आवाज़ किए गेट बंद कर दिया और दबें पाँव ऊपर आ

गया जहाँ बिंदिया चारो तरफ तरपाल से धकि रसोई में बिस्तर बिछा कर लेटी हुई

थी बबलू रसोई में घुस गया रसोई का दरवाजा नही था रसोई में लालटेन जल

रही थी

बस तरपाल तंगी हुई थी बिंदिया जाग रही थी बबलू ने अपनी पेंट और अंडरवेर को

उतार कर नीचे पैरो तक सरका दिया और अपने फन्फनाते हुए लंड को हाथ में लेकर

घुटनों के बल बिंदिया के सर की तरफ बैठ गया और बिंदिया के सर के नीचे हाथ

डाल कर अपना लंड उसके मूँह में दे दिया बिंदिया बबलू के लंड को चूसने लगी

बबलू सीधा खड़ा हुआ और बिंदिया पंजों के बल बैठ गयी और बबलू बिंदिया का सर

पकड़ कर उसके मूँह में अपना लंड आगे पीछे करने लगा बबलू ने अपना लंड

उसके मूँह से निकाला और बिंदिया को सीधा लेटा कर उसका पेटिकॉट को कमर पे चढ़ा

दिया और उसकी टाँगों को उठा कर उसकी जाँघो के बीच बैठ गया और अपने लंड के

सुपाडे को बिंदिया की चूत के छेद पर लगा दिया



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बिंदिया:सीईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह बाबू जीईईईईई जल्दीीईईईईईईईई

करूऊऊऊऊऊऊऊऊ अंदर डालो नाआआअ अपना लौदाअ मेरी भोसड़ी

मेंन्नणणन् और बबलू ने अपने लंड को अंदर पेल दिया लंड एक ही झटजे में बिंदिया

की चूत के अंदर समा गया बबलू ने जूते नही उतारे थे इसलिए बबलू को बिंदिया

को चोदने में दिक्कत हो रही थी बबलू ने लंड को चूत से निकाला और खुद लेटकर

बिंदिया को ऊपर आने को कहा बिंदिया बबलू के ऊपर आ गयी और अपने पैरो को

बबलू के दोनो तरफ करके बबलू के लंड के ऊपर अपनी चूत को टिका कर नीचे होने लगी लंड धीरे-2 अंदर सरकने लगा
बिंदिया:हाए दयीईअ ओह सीईईईईईईईईईईईई और बबलू का पूरा लंड फिर से बिंदिया

की चूत में समा गया बिंदिया अपनी काली मोटी गान्ड को बबलू के लंड के ऊपर

उछालने लगी बबलू ने दोनो हाथों से बिंदिया के चुतड़ों को पकड़ कर मसलना चालू

कर दिया बिंदिया अपनी कमर को ऊपर नीचे उछाल रही थी और अपनी चूत को

बबलू के लंड के ऊपर पटक-2 कर चुदवा रही थी अंदर बिंदिया की सिसकारियाँ सुन

कर रिंकी उठ गयी और दबें पाँव दरवाजा खोला कर बाहर आ गयी अब उसे अपनी

माँ बिंदिया की सिसकारियाँ सॉफ सुनाई दे रही थी




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बिंदिया:अहह बाबू जीईईईई और ज़ोर से चोदीईईए अहह

बबलू:लीईई सलिइीईईईईई लीईईई और मेरा लुंद्द्द्द्ड अह्ह्ह्ह

बिंदिया:बाबू जीईई बहुत मज़ा एयाया रहा हाईईईई आपका लंड सीधा मेरी

बच्चेदानी से टकरा रहा हाईईईईई अज्ज मेरी चूत को सूजा दूऊव अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू: नीचे पूरी ताक़त से लंड पेलता हुआ) ले बेहन की लोदी और लीईई ले मेरा

लंड रंडी अहह ले कुतिया आज के बाद तू रोज मेरे लंड को अपनी चूत में

लेगीई तेआप्प्प्प्प्प्प

बिंदिया:हाां बाबू जीईईई में तो आपके लंड को अपने चूत से निकलने नही

दूँगीईए अहह ओह सीईईईईईईईईईईईईईईई हाए दएया अहह

बाहर खड़ी रिंकी का दिल अपनी माँ की बातें सुन कर जोरों से धड़कने लगा था

उसकी चूत भी चुदाई की आवाज़ सुन कर पानी छोड़ने लगी थी रिंकी ने तरपाल को ज़रा

सा हटा कर अंदर देखा तो उसके सामने जो नज़ारा था वो जिंदगी में पहली बार देख

रही थी बिंदिया बबलू के ऊपर बैठी हुई उछल-2 कर अपनी चूत को बबलू के लंड पे

पटक रही थी बबलू ने उसके चुतड़ों को पकड़ कर फैला रखा था जिससे बिंदिया की

गान्ड का छेद भी रिंकी को सॉफ नज़र आ रहा था उसकी माँ की बड़ी और काली गान्ड

ऊपर की तरफ होती तो बबलू का गोरा और 8 इंच लंबा लंड चूत से सुपाडे तक बाहर

आ जाता और फिर से बिंदिया अपनी गान्ड नीचे की ओर पटकती तो बबलू का लंड स्टाक

से बिँया की चूत के अंदर चला जाता रिंकी की चूत पानी छोड़ रही थी अचानक

बबलू का ध्यान बाहर खड़ी रिंकी पर चला गया बिंदिया की पीठ अपनी बेटी की तरफ

थी इसलिए वो रिंकी को देख नही पा रही थी बबलू के होंठो पर शैतानी मुकसान आ

गयी बबलू बिंदिया के चुतड़ों को पकड़ और तेज़ी से झटके मारने लगा

बिंदिया:अहह ओह मररर्र्र्र्र्र्र्र्ररर

गइईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईई हेययययययययययययी माआआआआआआआआ



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फद्द्द्द्द्द्द्दद्ड दीईईईईए मेरईईईईईईईई चॉट अहह

ओह में झड़ने वाली हुन्न्ञननननननननणणन्

अहह और बबलू ने अपना आख़िर झटका मारा और बिंदिया की

चूत में पानी छोड़ दिया बिंदिया बबलू के ऊपर लेट कर हाँफने लगी

बिंदिया:अहह मज़ाआअ आ गया बाबू

जीईईई आपने तो मेरी चूत को हिला कर रख दिया अह्ह्ह्ह्ह्ह्त

तभी रिंकी और बबलू दोनो की नज़रें मिल गयी रिंकी घबरा गयी और जल्दी से अंदर

चली गयी बिंदिया बबलू के ऊपर से उठ कर साइड में लेट गयी दोनो ने रज़ाई ओढ़

ली और लेट गये अंदर रिंकी का बुरा हाल था उसकी आँखों में बार अपनी माँ के

दोनो छेद और बबलू का लंड आ रहा था जो उसकी माँ की चूत से अंदर बाहर हो

रहा था रिंकी का हाथ सरक अपनी सलवार के अंदर चला गया और अपनी अन्छुई बुर पर

आ गया जिसे वो धीरे-2 सहलाने लगी रिंकी बहुत गरम हो चुकी थी उसकी चूत

से पानी निकल कर उसकी उंगलियों को भिगोने लगा रिंकी से रहा नही गया वो फिर से

बिना आवाज़ किए उठी और बाहर आ गयी और लटक रही तरपाल को हटा कर रसोई में

झाँकने लगी अंदर अंधेरा था बिंदिया ने सोने से पहले लालटेन बुझा दी थी

अचानक रिंकी को जो कि थोड़ा सा झुक कर अंदर झाँक रही थी उसे अपने कुल्हो पर

कुछ महसूस हुआ जैसे उसको किसी ने अपने हाथों से पकड़ रखा था वो एक दम

घबरा कर सीधे हो गयी सामने बबलू खड़ा था रिंकी के दिल की धड़कने बढ़ गयी

बबलू ने अपने हाथो को रिंकी के चुतड़ों पर रख कर अपनी तरफ खींच कर अपने से

चिपका लिया बबलू का तना हुआ लंड रिंकी की नाभि के ऊपर रगड़ खाने लगा वो एक

दम से घबरा गयी उसने शर्म के मारे अपना सर झुका लिया

बबलू: रिंकी के चुतड़ों को अपने हाथ से मसलते हुए) क्या देख रही थी चोरी चोरी...

रिंकी: हकलाते हुए)नही वू कुछ नहियिइ मेिइ पानी पीने

रिंकी पीछे हाथ कर कमरे में जाने लगी बबलू ने उसके हाथ को पकड़ लिया और दीवार के साथ सटा दिया
रिंकी:छोड़ो मुझेजाने दो

बबलू:चली जाना पर मेरी प्यास तो बुझा दो

रिंकी:तमीज़ से बात करो में माँ को उठा दूँगी

बबलू: वो मेरा क्या उखाड़ ले गी तुमने देखा नही कैसे मेरे लंड को उछल-2 कर अपनी

चूत में ले रही थी तुम्हें नही चाहिए मेरा लंड

रिंकी का दिल बबलू की ऐसे बातें सुन कर जोरों से धड़कने लगा उसके हाथ पैर

काँपने लागे

रिंकी:देखो प्लीज़ मुझे जाने दो माँ उठ जाएगी

बब्ल्लू: चली जाना मेरी जान बस एक बार मुझे अपने होंठों का रस तो पिला दो

रिंकी:नही में ऐसी वैसी लड़की नही हूँ मुझे छोड़ो

बबलू:प्लीज़ एक बार फिर में तुम्हें छोड़ दूँगा

और बबलू ने दोनो हाथों से पकड़ कर रिंकी के फेस को ऊपर किया और अपने होंठो को

रिंकी के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा रिंकी की साँसें तेज हो गयी उसके दिल की धड़कने

बबलू सॉफ सुन सकता था उसने रिंकी के होंठो पर अपने होंठ रखने चाहे तो रिंकी ने

अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया बबलू ने अपने एक हाथ की उंगलियों को रिंकी के होंठो

फेरना शुरू कर दिया रिंकी की आँखे मस्ती में बंद होने लगी वो बबलू के हाथों

की कलाईयों को थामें कसमसाने लगी रिंकी की आँखें बंद हो गई पर वो अभी भी

नही-2 कर रही थी

बबलू ने फिर से रिंकी के फेस को ऊपर उठाया और उसके काँपते होंठो पर अपने होंठ

रख दिए रिंकी एक दम कसमसा गयी बबलू ने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल कर

अपने से सटा लिया और दूसरा हाथ गर्दन के पीछे से ले जाकर उसके सर को पकड़ लिया

और रिंकी के होंठो के रस को चूसने लगा रिंकी एक दम बबलू की बाहों में कसमसाने

लगी उसने बबलू की शर्ट को पकड़ लिया और अपनी चुचियों और बबलू की छाती के बीच

अपनी बाहों को रख कर अपनी चुचियों को बबलू के सीने से सटाने से लिए बचाने

लगी बबलू ने अपने होंठो को हटाया रिंकी ने अपनी आँखें खोली जो बड़ी मुस्किल से खुल

रही थी उसकी साँसें तेज चल रही थी बबलू ने फिर से अपने होंठो को रिंकी के

होंठो पर रख दिया इसबार रिंकी ने अपना फेस नही घुमाया और बबलू उसके होंठो को

चूसने लगा बबलू अपना हाथ सरकाता हुआ धीरे-2 नीचे लेगया और उसकी सलवार के

ऊपर से उसकी चूत को अपने हाथ में ले लिया रिंकी बुरी तरह कसमसा गयी और अपनी

जाँघो को भींच लिया तभी अचानक बिंदिया के करवट बदलने की आवाज़ से दोनो

हड़बड़ा गये बबलू ने रिंकी को छोड़ दिया और रिंकी जल्दी से अंदर चली गयी बबलू

वही रसोई में आ गया बिंदिया जाग चुकी थी

बिंदिया :कहाँ गये थी बाबू जी
बबलू:वो में पेशाब करने गया था और ये कहते हुए बबलू बिंदिया के साथ रज़ाई

में घुस गया और अपना हाथ बिंदिया की जाँघो पर रख कर बिंदिया के मोटी-2

जाँघो को सहलाने लगा बिंदिया का पेटिकोट उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था

बिंदिया की पीठ बबलू की तरफ थी बबलू का हाथ धीरे-2 आगे बढ़ता हुआ बिंदिया

की गान्ड के ऊपर आ गया और बबलू ने गान्ड की दरार में अपनी उंगलियों को

चलाना शुरू कर दिया और फिर बबलू अपनी एक उंगली बिंदिया की गान्ड के छेद पर डालने लगा

बिंदिया:अहह क्या कर रहे हो बाबू जीईईई

बबलू ने थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो बबलू की आधी उंगली बिंदिया की गान्ड के छेद में चली गयी

बिंदिया:अहह बाबू जीईए दरद होतााआआअ हैं क्या कर रहीई
हैंन्नणणन् कहीं मेरी गान्ड मारने का इरादा तो नही हाईईईईईईईईई

बबलू बिना कुछ बोले अपने उंगली को बिंदिया के गान्ड के अंदर बाहर करने लगा

बिंदिया धीरे-2 पेट के बल हो गये और अहह ओह करने लगी बबलू

ने अपनी पेंट के खोल कर निकाल दिया और अपने लंड के सुपाडे पर धीरे सारा थूक लगा

कर बिंदिया के ऊपर आ गया और बिंदिया की गान्ड को दोनो हाथों से फैला कर अपने

लंड के सुपाडे को बिंदिया की गान्ड के छेद पर टिका दिया

बिंदिया:अहह बाबू जीईईईई धीरे-2 करना अहह बहुत सालों

सीई गान्ड मेंन्नणणन् लौन्डा नही घुस्वाई हुन्न्ञणन्

बबलू:तो क्या तुमने पहले किसी से अपनी गान्ड मरवाई हाईईईईईई

बिंदिया:हन्ंणणन् बाबू जीए कई साल पहले जब रिंकी के बाबा जिंदा थीई

उन्हेन्ंननणणन् तीन चार दिन टककककक लगातार मेरी गान्ड माअर थीई

अहह पर अब तो कई साल हो गये उन्हे मारे हुए

बबलू ने अपने लंड पर ज़ोर डाला लंड गान्ड के छेद से फिसल कर चूत पर रगड़ खा

गया

बिंदिया:अहह सीईईईईईईईईईईईईई रुकूऊऊऊ

और बिंदिया ने अपने पेट के नीचे एक तकिया लगा लिया जिसे उसकी गान्ड ऊपर की तरफ

हो गये और फिर बिंदिया ने अपना एक हाथ पीछे लेजा कर अपनी एक चूतड़ को पकड़ कर

फैला दिया दूसरी तरफ के चूतड़ को बबलू ने एक हाथ से पकड़ कर फैला दिया और

दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ कर बिंदिया की गान्ड के छेद पर टिका दिया और

धीरे-2 अंदर करने लगा

बिंदिया:अहह बाबू जीईए धीरीईईई कर्नाआ

लंड का आधा सुपाडा अंदर जा चुका था बबलू ने थोड़ा ज़ोर और लगाया बिंदिया के

मूँह से चीख निकल गयी लंड का सुपाडा गान्ड के छेद में समा गया

बिंदिया:मररररर गाईईई बाबू जीईईई ओह

बबलू ने अपने दोनो हाथों से बिंदिया के कंधों को पकड़ लिया और एक तेज तर्रार

धक्का मारा लंड एक ही बार में पूरा का पूरा गान्ड के छेद में घुस गया

बिंदिया: हइईईई मररर्र्र्र्र्ररर दलाआा सलीईईईईई

अंदर रिंकी के कानो में अपनी माँ के चीख सुनाई पड़ी उसका दिल फिर से तेज़ी से

धड़कने लगा रिंकी उठ कर दीवार के पास आ गयी जहाँ से कई छेद थी जिनमे से

रसोई में देख जा सकता था पर रसोई में अंधेरा था पर रिंकी अपनी माँ की

चीखे और सिसकारियों को सुन कर गरम हो रही थी

बबलू: बिंदिया के खुलेहुए बालों को पकड़ते हुए) साली बेहन की लौडी मुझे गाली देती

है में तेरी माँ की गान्ड भी फाड़ुँगा और तेरी बेटी को भी चोदुन्गा

और बबलू बिंदिया के बालों को पकड़ कर गान्ड में अपना लंड को आगे पीछे करने

लगा बिंदिया दर्द के मारे आहह ओह कर रही थी और रिंकी अपनी

माँ की चुदाई की आवाज़ सुन कर अंदर गरम हो चुकी थी और अपनी सलवार के ऊपर

से अपनी चूत को अपने हाथ से सहला रही थी

बिंदिया:अहह बाबू जीईए ग़लती हो गइईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

आप्प्प्प्प्प्प्प चाहे तो फद्द्दद्ड दो मेरी गान्ड्द्द अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह
मररर्र्र्ररर गीईईईईई
बबलू अब पूरा लंड बाहर निकाल-2 कर बिंदिया की गान्ड में पेल रहा था अब

धीरे-2 बिंदिया का दर्द कम हो गया था और बिंदिया अपने होंठो को दाँतों में

भींचे बबलू के लंड के प्रहार अपनी गान्ड में सहन कर रही थी बिंदिया को अब

दर्द में अलग ही मज़ा आने लगा था बिंदिया ने अपनी गान्ड को ऊपर की तरफ़ उठा

कर रखा था लगतार 5 मिनट गान्ड में अपना लंड पेलने के बाद बबलू ने बिंदिया की गान्ड में पानी छोड़ दिया और बिंदिया के ऊपर लेट गया और हाँफने लगा रात के 1 बज चुका था
 
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दूसरी तरफ सीमा के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ था सभी अपने अपने कमरों में

सोए हुए थे सीमा जल्दी सो गयी थी इसलिए आधी रात में 1 बजे सीमा उठ कर

पानी पीने लगी सीमा धीरे से अपने रूम का दरवाजा खोल कर बाहर आ गयी और

बिना आवाज़ किए अमन के रूम के पास आई और दरवाजे को खोलने के लिए धकेला डोर

खुल गया सीमा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी सीमा अंदर गयी और डोर को लॉक

करके लाइट जलाई तो उसे बिस्तर पर अमन नज़र नही आया बाथरूम से कुछ आवाज़ आ आयी

थी अमन बाथरूम से जैसे ही बाहर आया तो सामने सीमा को देख कर चोंक

गया

अमन;अर्रे मौसी आप कब आई

सीमा:शियीयीयियीयियी अमन को धीरे बोलने का इशारा करते हुए) अभी आई हूँ और तू

अभी भी मौसी कह रहा है

अमन:अच्छा सीमा तुम कब आई

सीमा ने मुस्कुराते हुए अमन के गले में अपनी बाहें डाल दी और उसके होंठो पर

अपने होंठ रख दिए

सीमा:होंठो को किस करने के बाद) ये तूने मुझे क्या कर दिया है अमन में

तुमहरे और तुम्हारे लंड के बिना एक पल भी नही रह पाती तुम मुझे घर जाकर

भूल तो नही जाओगी

अमन:अभी तो 3 दिन और है और में आपको कभी नही बुलाउन्गा

सीमा ने अमन को बेड पर बैठा कर उसके शॉर्ट्स को निकाल कर फेंक दिया और उसका

लंड मूँह मे लेकर चूसने लगी अमन ने सीमा के सर को दोनो हाथों से पकड़

लिया सीमा के जीभ का दबाव अमन के लंड के सुपाडे पर बढ़ने लगा और कुछ

ही पलों में अमन का लंड तन कर खड़ा हो गया बबलू बेड के किनारे टाँगों को

लटका कर बैठा हुआ था सीमा अमन के लंड को छोड़ कर खड़ी हो गयी और अपनी

सलवार के नाडे को खोल कर अपने पैरो से निकाल दिया अमन वैसे ही पैर लटकाए बेड

पर लेट गया और सीमा अमन की कमर के दोनो तरफ तरफ टाँगों को करके

पंजो के बल बेड के किनारे बैठ कर अमन के लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी चूत

के छेद पर टिका कर उसपर बैठ कर लंड को अंदर लेने लगी और फिर अमन की कमर

पर दोनो तरफ हाथ रख कर पंजों के बल अमन के लंड पर ऊपर नीचे होने लगी

अमन टी-शर्ट के ऊपर से सीमा की चुचियों को मसलने लगा जैसे ही सीमा अपनी

गान्ड को ऊपर उठा कर फिर से लंड अपनी चूत में लेने के लिए नीचे की तरफ

अपनी गान्ड और उसके बड़े-2 चूतड़ अमन की जाँघो पर टकरा कर ठप-2 की आवाज़

करने लगे थे अमन का लंड सीमा की गीली चूत के अंदर बाहर हो रहा था और

सीमा अपनी आँखें बंद किए अमन के लंड पर उछल रही थी अमन सीमा के

निपल्स को मसलने में मस्त था अमन का लंड सीमा की चूत के पानी से भीग

कर चमकने लगा था सीमा अब तेज़ी से अमन की छाती पर हाथ रख कर अपनी

गान्ड को ऊपर नीचे करके चूत में लंड ले रही थी सीमा ने एक बार अपनी

चूत को अमन के लंड पर ज़ोर से पटका अमन और सीमा दोनो ने साथ में अपना

काम रस छोड़ दिया सीमा की साँसें बहुत तेज चल रही थी उसने झुक कर अमन के

होंठो पर अपने होंठ रख दिए और थोड़ी देर किस करने के बाद सीमा खड़ी हुई अपनी

सलवार को टाँगों में डाल कर ऊपर खींच कर नाडा बाँध लिया और अपनी गान्ड हिलाती हुए बाहर निकल गयी अमन ने अपना शॉर्ट्स पहना और वैसे ही बेड पर लेट
गया
इधर रात के 2 बज चुके थे इस दौरान बबलू बिंदिया को एक बार और चोद चुका था

बिंदिया थकान की वजह से गहरी नींद में थी बबलू उठ कर कमरे के दरवाजे

के पास गया और धीरे से दरवाजे को खटखटाया पर दरवाजा नही खुला बबलू ने

दो तीन बार और दरवाजा खटखटाया पर नीतज़ा वही बबलू ने बिंदिया को उठाया और

बोला अब में चलता हूँ और बिंदिया ने उसे बाहर तक छोड़ दिया बबलू स्टेशन पर

आकर सो गया और सुबह 9 बजे तक सोता रहा जब बबलू उठ कर घर की तरफ रवाना

हुआ तो जिस बस में वो बैठा था इतफाक से मीना भी उसी बस से जा रही थी बबलू

मीना के पास आकर बैठ गया

बबलू:और कैसी हो जानेमन मेरी याद आई

मीना:चुप कर बदतमीज़

बबलू:चलो अब में बदतमीज़ हो गया उस्दिन तो बड़े मजेसे लंड चूत में ले

रही थी वैसे तुम्हारा पति कब जाने वाला हैं

मीना:तुम्हें इससे क्या और चुप-चाप बैठे रहो ये बस ड्राइवर हमारी गली में

रहता हैं अगर उसने देख लिया तो मेरे घर पर पता चल जाएगा

बबलू चुप हो गया और अपने स्टॉप पर उतर कर घर आ गया घर आने के बाद

बबलू नहा धो कर फ्रेश हो कर ऊपर नाश्ता करने चला गया जहाँ रेणु और शोभा

पहले से डाइनिंग टेबल पर बैठी बबलू का इंतजार कर रही थी

शोभा: में सोच रही हूँ कि क्योना में और रेणु सीमा के घर चले जाएँ दो दिन

रेणु भी अपनी मौसी के घर रह ले गी

बबलू:जैसे आप ठीक समझे पर कब जाना है

रेणु:कल जाएँगे

शोभा:ये ठीक रहेगा और साथ में अमन को भी ले आएँगे में अभी सीमा

को फोन करके आती हूँ

दूसरी तरफ सीमा के देवर और देवरानी तैयार होकर अपने चाचा के घर जाने की

तैयारी में थी क्योंकि आज दोपहर को उनको वापिस भी जाना था इसलिए वो उनसे

मिलना चाहते थी साथ में सीमा के सास ससुर भी जा रहे थी सीमा के

चाचा ससुर का घर कोई आधे घंटे की दूरी पर था और सीमा के देवर ने सीमा

से बोल दिया था कि वो अपना समान साथ लेकर जा रहे हैं और दोपहर के खाने के

बाद वहाँ से ही चलेजाएँगे सीमा इस बात से बहुत खुश थी कि अब दोपहर 2

बजे तक सीमा और अमन दोनो घर में अकेले होंगे थोड़ी ही देर में सीमा के

सास ससुर अपने छोटे बेटे और बहू के साथ घर से निकल गये सीमा ने गेट लॉक

किया ही था कि फोन के घंटी बज उठी सीमा ने फोन उठाया फोन शोभा का था

शोभा:हेलो सीमा कैसी हो

सीमा:में ठीक हूँ दीदी आप और रेणु कैसे हैं

शोभा:हम ठीक हैं मेरा अमन कैसा है

सीमा:वो भी ठीक हैं अभी नाश्ता किया है बात करवाऊ

शोभा:नही रहने दे हम आज आ ही रहे हैं

सीमा: का चेहरा एक दम उतर गया)क्यों क्या हुआ दीदी अभी तो 2 दिन बाकी हैं

शोभा:नही वो रेणु भी यहाँ आ रही है कुछ दिन वो भी घूम फिर लेगी

सीमा:ठीक है दीदी जैसे तुम ठीक समझो

और शोभा ने फोन रख दिया सीमा फोन रख कर अमन के कमरे में आ गयी

यहाँ अमन अपने बेड पर आँखें बंद करके लेटा हुआ था सीमा अमन को देखने

लगी उसके मासूम फेस को देख सीमा का दिल भर आया सीमा बेड के पास जाकर बेड

पर बैठ गयी और प्यार से अमन के बालों में हाथ से सहलाने लगी अमन ने

आँखें खोली और सीमा के उदास चहरे को देख कर वो भी अपसेट हो गया

अमन: क्या हुआ मौसी आप इतनी उदास क्यों हो

सीमा:वो आज शाम शोभा दीदी और रेणु आ रहे है और तुम उनके साथ चले जाओगे

में तुम्हारे बिना कैसे रह पाउन्गी में तुम्हें सच में बहुत प्यार करने लगी

हूँ में तुम्हारे बिना नही रह सकती अमन

अमन:मौसी कुछ दिनो की ही बात है मेरे एग्ज़ॅम होने दो फिर में यहीं पर आकर

अड्मिशन ले लूँगा

सीमा:पता नही शोभा इसके लिए राज़ी हो गी कि नही

अमन:आप और में मिलकर माँ को मना लेंगे

सीमा अमन की बाहों में समा गयी और अमन के पूरे चहरे को पागलों की

तरह चूमने लगी और उसके फेस के हर हिस्से को चूम लिया अमन ने सीमा की

कमर में हाथ डाल कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और सीमा के होंठो पर अपने

होंठ रख दिए सीमा ने भी अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया और अपना मूँह खोल

लिया अमन ने सीमा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया अमन कभी सीमा के ऊपर

वाले होंठ को अपने होंठो में लेकर चूस्ता तो कभी नीचे वाले होंठ को सीमा के

होंठ एक दम लाल हो गये दोनो 5 मिनट तक एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे जब अमन ने सीमा के होंठो को छोड़ा तो उसकी आँखें मदहोशी में खुल नही रही थी उसकी
आँखों में वासना प्यार और गम तीनो थे सीमा की आँखें भर आई

अमन:क्या हुआ मौसी आप रो क्यों रही हो में आप के पास वापिस आ जाउन्गा आप रोओ नही ।
सीमा: नही वो बात नही है

अमन;फिर क्या बात है

सीमा:कुछ नही रहने दे

अमन:आप मुझे भी नही बताओगी प्लीज़ बताओ ना क्या हुआ

सीमा: अमन तुम जिस तरह से मेरे होंठो को चूस रहे थे और जिस तरह तुम

मुझे प्यार करते हो में इस प्यार के लिए तरस गयी थी जो तुमने मुझे दिया पर अब

तुम भी चले जाओगी

अमन: नही में तुम्हें कभी नही छोड़ूँगा

अमन ने सीमा के होंठो को फिर से चूसना चालू कर दिया और सीमा के ब्लाउस के

ऊपर से उसकी चुचियों को मसल्ने लगा सीमा के हाथ अमन के बालों में खेल रहे

थी अमन ने एक एक करके सीमा के ब्लाउस के बटन खोल दिए और ब्लाउस को निकाल

कर फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही सीमा की चुचियों को मुँह में ले कर

चूसना चालू कर दिया सीमा की आँखें बंद हो गयी अमन ने हाथ सीमा के पीछे

ले जाकर ब्रा के हुक्स खोल दिए और ब्रा के स्ट्रॅप्स को सीमा की बाहों से निकाल कर ब्रा

निकाल कर नीचे फेंक दी और सीमा की चुचियों को चूसने लगा सीमा अमन के

सर को बाहों में भर अपने चुचियों में दबाने लगी अमन एक चुचि को मसला

रहा था सीमा की चूत गरम होकर पानी छोड़ने लगी थी सीमा ने खड़ी होकर

अपनी सारी उतार दी और फिर पेटिकॉट का नाडा खोल दिया पेटिकॉट नीचे फर्श पर आ

गिरा अमन ने भी जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और बेड पर नंगा लेट गया

सीमा बेड पर उसकी टाँगों के बीचे में बैठ गयी और हाथ में अमन का लंड

पकड़ कर उसकी चमड़ी को सुपाडे से खिसका कर पीछे कर दिया और झुक कर अमन के

लंड को मूँह में लेकर चूसने लगी कभी सीमा अमन के लंड को जीभ बाहर

निकाल कर चाटती कभी सुपाडे को अंदर लेकर चूसने लगती अमन मस्ती के सागर में

गोते खा रहा था सीमा की बड़ी-2 चुचियाँ अमन की जाँघो पर रगड़ खा रही

थी सीमा ने अमन के लंड को बाहर निकाला और अमन के ऊपर आ गये दोनो पैरो को

अमन के कमर के दोनो तरफ कर दिया और एक हाथ नीचे लेजाके अमन के लंड को

पकड़ कर सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा दिया और हाथ से पकड़ कर

धीरे -2 अमन के लंड को चूत में लेने के लिए अपनी चूत को नीचे की ओर लाने

लगी

सीमा: काँपती हुई आवाज़ में)अहह अमान्ंणणन् में तुम्हें और तुम्हारे इस

लौडे को बहुत याद करने वाली हूँ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

धीरे -2 अमन का पूरा का पूरा लंड सीमा की चूत में समा गया सीमा अमन

के ऊपर झुक गयी अमन ने सीमा के होंठो को अपने होंठो में ले लिया और चूसने

लगा दोनो नीचे से अपनी कमर हिला रहे थे लंड चूत के अंदर बाहर हो रहा

था दोनो की साँसे भारी होने लगी थी

सीमा:अहह सीईईईईईईईईई अमन अहह अज्ज मुझे जीए भरर्र्र्ररर के चोद्द्द्द्द

अहह मेंन्ननणणन् आज अपनी चूत के सारी गर्मी निकाल देना चाहती हूँ

अहह ओह अमान्ंणणन् हाां आशीए हीईईई अपनी मौसी को चोदता रह

अहह बहुत मज़ा आ रहा है अहह और जोर्र्र्ररर सीईए अहह

अब सीमा पूरे जोश में आकर अपनी चूत को अमन के लंड पे पटाकने लगी थी

पूरे कमरे में अमन के और सीमा की सिसकारियों की आवाज़ सुनाई दे रही थी अमन

एक दम मस्त हो कर अपनी मौसी सीमा की चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा

था दोनो एक दूसरे से चिपके हुए थे और एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे

अमन के हाथ सीमा के चुतड़ों को मसल रहे थे अमन ने पलट कर सीमा को

बेड पर पीठ के बल लेटा दिया और खुद ऊपर आकर अपना लंड चूत में घुसा

दिया और बिना रुके धक्के लगाने लगा सीमा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही

थी अमन के ताबड तोड़ धक्को ने सीमा की चूत को हिला कर रख दिया सीमा ने

अपने पैरो को अमन की कमर में लपेट कर अपनी चूत का छेद और ऊपर की तरफ

कर लिया लंड खतच कत्च अंदर बाहर हो रहा था सीमा मस्ती में पागल हो चुकी थी

सीमा:अहह ओर्र्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्र्ररर सीईईईईई अहह में झड़ने

वाली हुआंणणणन् अहह ओह और ज़ोर सीईई अपना लंड अंदर पेलो

आआआआआहह ओह मररर्र्र्र्र्र्ररर गाईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

और सीमा की चूत देखता हुआ लावे की नदी बह र्निकली अमन के लंड ने भी सीमा के छूट के दीवारों को अपने वीर्य हे तार कर दिया अमन सीमा के ऊपर निढाल

होकर लेट गयी सीमा बड़े प्यार से अमन के बालों को सहला रही थी अमन सीमा के ऊपर से हट कर बगल में लेट गया

सीमा: दूध वाले के आने के टाइम हो गया है उसके बाद हम दोनो 2 बजे तक फ्री हैं

सीमा ने अपनी कपड़े इकट्ठे किए और बिना पहने ही कमरे से निकल गये
अमन सीमा को पीछे जाती हुई देख रहा था उसकी गान्ड मटक रही थी अमन सिर्फ़ शॉर्ट्स

पहन कर बेड पर लेट गया थोड़ी देर बाद अमन को डोरबेल के आवाज़ सुनाई डी

उसके कुछ देर बाद अमन उठ कर किचन की तरफ चला गया जहाँ सीमा दूध

गरम कर रही थी सीमा ने एक लोंग पतली से नाइटी पहनी हुई थी अमन ने

पीछे से जाकर सीमा को अपनी बाहों में भर लिया और उसकी चुचियों को मसलते

हुए अपने होंठो को उसकी नेक के पीछे रख दिया सीमा ने अपना सर अमन की छाती

पर टिका दिया

सीमा: कुछ देर रुक जा अमन अहह में दूध गरम कर लून्ंनणणन् फिर

तुम्हें जो करना है कर लेना

अमन सीमा की चुचियों के निपल्स को अपनी हाथों के उंगलियों में ले कर मसल्ने
लगा

सीमा:सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह थोड़ा सबर्र्र्र्ररर कारर्र नाआआ

अमन अपना एक हाथ नीचे लेगया और सीमा के नरम-2 चुतड़ों को सहलाने लगा

अमन के हाथ सीमा के चुतड़ों पर लगते ही अमन को पता चल गया कि सीमा ने

नाइटी के नीचे पैंटी नही पहनी हुई है अमन अपने पंजों के बल नीचे बैठ

गया और दोनो हाथों से सीमा के चुतड़ों को पकड़ कर नाइटी के ऊपर से

चूमने लगा सीमा की साँसें भारी होने लगी उसे फिर से मदहोशी छाने लगी

अमन ने सीमा की नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपर उठा दिया और सीमा के

बड़े-2 नंगे चुतड़ों को अपने हाथ में थाम कर मसल्ने लगा

सीमा:अहह अमान्ंनणणन् किया कार्रर्र्ररर रहा हाईईईईईईईईईई थोड़ी देर रुक्कककक

ज़ाआाअ नाआ

अमन ने सीमा के चुतड़ों को दोनो तरफ से फैला दिया और सीमा की गान्ड के छेद

अमन की आँखों के सामने आ गया अमन ने अपने होंठो को सीमा की चूत के पास

जाँघ पर रख कर चूम लिया

सीमा:आहस्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

सीमा किचन के सेल्फ़ पर झुक गयी और गान्ड पीछे की तरफ निकल ली अब सीमा

की चूत का छेद अमन की आँखों के एक दम सामने था बबलू ने सीमा की चूत

की फांकों को फैला कर सीमा की चूत के दाने (कंट) को अपने मूँह में ले लिया

और चूसने लगा सीमा के जिस्म में करेंट दौड़ गया उसके बदन ने एक झटका लिया

और आँखें बंद हो गयी

सीमा:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

आमाआआअन्न्न नननणणन् तुन्न्ञननननणणन् मुझीईईई पागल कर देगाआ

अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

अमन ने सीमा की कंट को चूसना चालू कर दिया सीमा मस्ती में आकर

अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईई करने लगी थीईईईई सीमा के हाथ अपनी

चुचियों को खुद ही मसल्ने लगे थे अमन सीमा की चूत के दाने को ज़्यादा-

से ज़्यादा मूँह में लेकर चूसने लगा सीमा अपनी गान्ड को हिलाने लगी और अपनी

टाँगों को चौड़ा कर लिया अमन ने सीमा की चूत के होंठो खोल कर सीमा की चूत

के छेद को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा सीमा एक दम मस्त हो चुकी थी अमन ने

चूत को चाटते अपनी ज़ुबान को सीमा के गान्ड के छेद पर लगा दिया सीमा के

मस्ती में अहह निकलल्ल्ल्ल अगीईईई

सीमा:अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

अमान्ंननननननननननननननणणन् बुसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स कार्रर्र्र्र्र्र्ररर ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

अमन खड़ा हो गया उसके होंठो पर सीमा की चूत का काम रस लगा हुआ था सीमा

अमन की तरफ पलट कर सीधे हो गये और एक झटके में अपनी नाइटी को उतार

फेंका सीमा नीचे कुछ नही पहना था अमन ने अपना शॉर्ट्स नीचे करके

पैरो से निकल दिया और दोनो एक दूसरे की बाहों में समा गये और एक दूसरे को

किस करने लगे सीमा ने पास पड़े छोटे से टेबल को अपने पैर से अपने पास

खींच लिया और उसपर अपना एक पैर रख कर अपनी टाँग ऊपर कर ली और अमन के

लंड को हाथ में लेकर अपनी चूत के छेद पर टिका लिया और हाथ से लंड को थामें

रखा ताकि लंड सीधा चूत में ही जाए

सीमा: आह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अमन ले घुसा दे अपना लौडा मेरी भोसड़ी मेंन्न अह्ह्ह्ह्ह्ह

और अमन ने पूरी ताक़त से अपनी कमर को झटका दिया लंड चूत में जड तक समा

गया सीमा ने अमन को अपनी बाहों में भींच लिया और अमन ने अपने हाथों को

सीमा की गान्ड पर रख कर अपने से चिपका लिया

दोनो के होंठ एक दूसेर के होंठो से मिल गये और अमन नीचे से अपनी कमर हिला

कर लंड को सीमा की चूत के अंदर बाहर करने लगा दोनो एक दूसरे से चिपक कर

खड़े थे अब दोनो अपनी कमर को हिला रहे थे और सीमा भी अमन का पूरा

हाथ दे रही थी

अमन:मौसी मेंन्ननणणन् आईसीईए थक गया हुन्न्ं

अमन ने अपना लंड सीमा की चूत से निकल लिया सीमा अमन के लंड को अपने हाथ

में पकड़ कर चलने लगी अमन सीमा के पीछे-2 चल रहा था सीमा अपनी

गान्ड मटकाती हुई हाल में आ गयी और सोफे पर अमन को बैठा कर खुद दोनो

तरफ पाँव करके अमन के ऊपर आ गये और अपनी चूत को अमन के लंड की सीध

में रख कर उसपे बैठने लगी एक बार फिर अमन का लंड सीमा की चूत के अंदर

समा चुका था और सीमा गान्ड उछाल-2 कर अमन के लंड को चूत में ले रही

थी पूरे घर में सीमा की सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी और साथ में जब

सीमा की गान्ड अमन की जाँघो से टकराती तो थप-2 की आवाज़ पूरे घर में गूँज

रही थी सीमा अब झड़ने के बहुत करीब थी और उसने पागलों की तरह अपनी

चूत को अमन के लंड पर पटकने लगी और एक ज़ोर की सिसकारी के साथ सीमा झड गयी

लेकिन अमन नीचे अपनी कमर हिला कर सीमा को चोद रहा था और कुछ ही पलों

में सीमा की चूत के अंदर ही अमन झड गया उस्दिन दोपहर 1 बजे तक अमन और

सीमा ने घर के हर कोने में चुदाई का पूरा आनंद लिया और दोपहर को सीमा

के सास ससुर घर पर आ गये जब सीमा अमन को दोपहर का खाना देने उसके

रूम में गयी तो अमन ने सीमा से कहा कि वो बहुत थकान महसूस कर रहा है और वो खाना खा कर सो जाएगा
 
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UPDATE: 32

दूसरी तरफ बबलू अपने रूम से अभी सो कर बाहर आया था और उसे बैठक वाले

कमरे से सिलाई मशीन की आवाज़ आ रही थी अमन कमरे में गया वहाँ शोभा

कपड़ों की सिलाई कर रही थी बबलू शोभा के पास जाकर बैठ गया

शोभा:उठ गये भूक लगी है तो खाना ला दूं

बबलू:भूख तो लगी है पर तुम बुझाती नही हो

शोभा:तुम फिर से शुरू हो गये

बबलू:क्या करूँ में जब भी तुम्हें देखता हूँ मेरा ये लंड कुलाँचे भरने

लगता है

शोभा:धत्त तुम ज़रा भी शरम नही आती

बबलू ने अपना एक हाथ शोभा की कमर पर रख कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और

उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और शोभा के होंठो को चूसने लगा शोभा ने

अपने होंठो को हटा लिया

शोभा:बस अभी इतना ही कसम याद है

बबलू:हां याद है पर तब इस लौडे का क्या करूँ रेणु कहाँ है

शोभा :ऊपर है अपने रूम में तैयार हो रही में बस ये ड्रेस तैयार कर लूँ रेणु

की है फिर हमे यहाँ से सीमा के घर के लिए निकलना है

बबलू:ठीक है में ज़रा ऊपर जाकर अपनी जानेमन के होंठो का रस तो एक बार

चख लूँ

शोभा:हां जाओ अब वो भी तुम्हारी ही है पर ज़्यादा कुछ मत करना

बबलू:ठीक है सासू माँ

और बबलू ऊपर आ गया जहाँ रेणु अपने बालों को आयने के सामने खड़ी हो कर

सवार रही थी रेणु ने जीन्स और टीशर्ट पहन रखी थी बबलू को आयने में देख

रेणु के चहरे पर मुस्कान आ गयी बबलू उसके पास आकर उसे पीछे अपनी बाहों

में ले लिया और उसके लाल सेब जैसे गालों को चूमने लगा रेणु उसकी तरफ पलट गयी

और बबलू ने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और रेणु के होंठो को चूसने लगा

दोनो एक दूसरे की बाहों में समाए हुए एक दूसरे के होंठो को चूसने में लगे

हुए थे बबलू ने अपना एक हाथ उठा कर रेणु की टीशर्ट और ब्रा के ऊपर से उसकी

चुचि पर रख दिया और धीरे-2 मसल्ने लगा रेणु की साँसों में गर्मी भरने लगी

थी तभी नीचे से शोभा की आवाज़ आई बेटा अगर तैयार हो गयी हो तो बॅग लेकर

नीचे आ जा जल्दी कर नही तो लेट हो जाएँगे बबलू ने रेणु के होंठो को आज़ाद कर

दिया उसकी आँखों में खुमारी सॉफ झलक रही थी उसका चेहरा एक दम लाल हो
चुका था

रेणु:आई माँ

रेणु और बबलू बॅग्स उठा कर नीचे आ गये शोभा की तैयार की नई ड्रेस को बॅग में

डाला और घर से निकल पड़े बबलू उन्हे बस स्टॅंड तक छोड़ कर बस में बैठा कर
वापिस आ गया घर वापिस आ गया

घर वापिस आकर वो अपने कमरे में लेट गया अचानक उसके दिमाग़ में कुछ आया

सोचने लगा क्यों ना महक की माँ मीना को फोन किया जाए और बबलू उठ कर

ऊपर आ गया और मीना के घर का नो डाइयल किया रिंग बजने के कुछ ही देर बाद
फोन उठा लिया गया।
बबलू:हेलो क्या में मीना जी से बात कर सकता हूँ

मीना:हां बोल रही हूँ आप कॉन बोल रहे हैं

बबलू:ओह मीना जी में बोल रहा हूँ बबलू

मीना:तुम मेने कहा था ना मेरे हज़्बेंड घर पर है तो फिर क्यों फोन किया

बबलू:बस आप की याद आ रही थी इसलिए

मीना:मेरे पास तुम्हारी बकवास सुनने का वक़्त नही है

बबलू:तो ठीक हैं काम की बात सुनो में में घर पर अकेला हूँ रेणु और उसकी

माँ अपने बाहर के घर गये बहुत अच्छा मोका है तुम यहाँ पर आ जाओ ऐसा

चोदुन्गा कि सारी उम्र याद रखो गी

मीना:में नही आउन्गी

बबलू:प्लीज़ देखो ऐसे मोका दुबारा नही आएगा मेरा तो लंड तुम्हारे बारे में सोच

-2 कर झटके मार रहा है कसम से एक बार और चुदवा लो तुम्हे जन्नत की सैर

करवा दूँगा बोलो आओगी ना

मीना ने बिना कुछ बोले फोन काट दिया और सोफे पर बैठ कर सोचने लगी कुछ

देर सोचने के बाद मीना उठ कर बेडरूम में गयी और अपने पति से बोली

मीना:सुनिए में ज़रा अपनी फ्रेंड के घर जा रही हूँ शाम तक आ जाउन्गी

उसके हज़्बेंड ने हामी भर दी मीना ने अपनी आलामरी से एक ब्लू कलर की सलवार

कमीज़ निकाला और बाथरूम में घुस गयी

दूसरी तरफ बबलू नीचे आकर अपने रूम में लेट चुका था और उसने सोच लिया

था कि मीना नही आएगी थोड़ी देर बाद बबलू की आँख लगी ही थी कि उसे डोरबेल

सुनाई दी बबलू ने उठ कर गेट खोला तो उसे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा

था सामने मीना खड़ी थी वो एक दम कयामत लग रही थी मीना ने बहुत

अच्छा मेकप किया हुआ था और उसके पास से परफ्यूम की खुसबू आ रही थी जैसे

बबलू एक दम पागल हो चुका था

मीना:अंदर आते हुए) बोलो क्यों फोन करके मुझे तंग कर रहे हो

बबलू:मुस्करते हुए)में कहाँ तंग कर रहा हूँ में तो बस आप पर मर मिटा हूँ

अब बहुत सुदर लग रही हो आपके होंठ गुलाब के पंखुड़ियाँ जैसे हैं

मीना:में ऐसे तुम्हारे बातों में नही आने वाली और ना ही ऐसे बातें सुन कर

तुम्हारे हाथ आउन्गी

बबलू ने गेट बंद किया और मीना की कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ

खींच लिया

बबलू:तो फिर कैसे हाथ में आओगी

बबलू के हाथ कमर से सरक कर मीना की गान्ड पर आ चुके थे और बबलू ने

मीना की गान्ड को मसलते हुए उसे अपने साथ सटा लिया

मीना;अहह क्या कर रहीईई हो

बबलू:बता ना कैसे मेरे हाथ आएगी तू

और फिर से मीना के मोटी गान्ड को अपने हाथ से मसल्ने लगा मीना कसमसाने

लगी बबलू मीना के हाथ को पकड़ कर अपने रूम में ले आया और बेड पर बैठा

दिया

बबलू:मीना आंटी क्या लेंगी आप

मीना:मुझे कुछ नही चाहिए में बहुत तुम्हें ये बताने आई थी कि मुझे

परेशान करने की कोशिस मत करना नही तो मुझसे बुरा कोई ना होगा

बबलू:अब तो ये नखरे छोड़ो मेरी जान और अपनी चूत का रस मुझे पिला दो

मीना:मुझे तुम्हारी बकवास सुनने में कोई इंटेरेस्ट नही है

और बनावटी गुस्स दिखाते हुए मीना उठ कर बाहर जाने लगी बबलू ने मीना को

पीछे से कमर में बाहें डाल कर पकड़ लिया और उसकी नेक पर अपने होंठो को

रख दिया मीना के मूँह से आहह निकल गयी बबलू ने मीना को अपनी तरफ घुमा

कर अपनी बाहों में कस लिया और उसके चुतड़ों को अपने दोनो हाथों में लेकर

मसल्ने लगा बबलू का लंड मीना की सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर सट गया था

मीना:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चोदो मुझे जाने दूऊऊ

बबलू:ठीक है चली जाना बस एक बार अपने इन रसीले होंठो का रस पिला दो

मीना चुप हो गयी और बबलू अपने होंठो को मीना के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा

मीना की साँसें भारी होने लगी थी मीना ने अपनी आँखों को बंद कर ली और

अपने होंठो पर बबलू के होंठो के पड़ने का इंतजार धड़कते दिल के साथ करने लगी

बबलू ने मीना के होंठो को अपने होंठो में ले लिया मीना की बाहें अपने आप

बबलू के गले में आ गयी और अपने होंठो को ढीला छोड़ कर बबलू के होंठो के

हवाले कर दिया बबलू मीना के होंठो को चूसने लगा मीना बबलू की बाहों में

पिघलने लगी थी बबलू के हाथ मीना के बड़े-2 चुतड़ों को मसल रहे थे बबलू

ने मीना के होंठो को छोड़ा और मीना की गर्दन और कमीज़ के खुले हुए गले

में झाँक रही चुचियाँ चूमने लगा बबलू ने एक हाथ से मीना का दुपट्टा

निकाल कर नीचे फेंक दिया और कमीज़ के ऊपर से उसकी एक चुचि को मुँह में

लेकर चूसने लगा

मीना;अहह बब्लुउउुुुुुउउ आब्ब्ब्बबब तो मुझीईई जानीए दूऊऊओ

पर बबलू ने मीना की कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपर उठाना चालू कर

दिया मीना ने अपनी बाहें ऊपर कर ली और बबलू ने कमीज़ को निकाल कर नीचे

फेंक दिया अब मीना रेड कलर की ब्रा और ब्लू कलर की सलवार में बबलू के

सामने खड़ी थी और अपने हाथों से अपने दूध के टोकरो को छुपाने की

कोशिश कर रही थी मीना की चुचियाँ शोभा से कहीं ज़्यादा बड़ी और तनी हुई थी
बबलू ने मीना की सलवार का नाडा खींच दिया जैसे ही सलवार ढीली हुई सलवार

खिसक कर नीचे ज़मीन पर धूल चाटने लगी अब मीना केवल रेड कलर की ब्रा

और पैंटी में बबलू के सामने थी मीना ने अपनी पीठ बबलू की तरफ कर ली

उसका दिल जोरो से धड़क रहा था मीना के वीशेप पैंटी चुतड़ों की दरार में इकट्ठी होकर फँसी हुई थी बबलू मीना के पीछे जाकर खड़ा हो गया और मीना के

ब्रा के हुक्स एक ही झटके में खोल दिए और उसकी ब्रा के स्ट्रॅप्स को कंधों से सरका

कर नीचे कर दिया मीना अपनी ब्रा और चुचियों को थामे हुए थी बबलू ने ब्रा को पकड़ कर खींचा मीना ने ब्रा छोड़ दिया अब मीना का ऊपरी हिस्सा बिल्कुल नंगा हो गया था बबलू ने उसे अपनी तरफ घुमा कर बेड पर लेटा दिया और मीना

के हाथों को पकड़ कर उन्हे ऊपर करके सर के पास बिस्तर से सटा दिया मीना की

40 साइज़ की चुचियाँ मीना के सांस लेने से ऊपर नीचे हो रही थी उसके

चुचियों के निपल एक दम तने हुए थे बबलू ने एक निपल को मूँह में ले

लिया और चूसना चालू कर दिया

मीना:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मीना के हाथों की

उंगलियाँ बबलू के हाथ की उंगलियों में पकड़ी हुई थी बबलू ने मीना के हाथों

को छोड़ दिया और एक हाथ से मीना की दूसरी चुचि को मसालने लगा मीना की 40 साइज़

की चुचि बबलू के हाथों में नही आ रही थी बबलू ने अपना दूसरा हाथ नीचे

ले जाकर अपना पायजामा खींच कर नीचे कर दिया और अपनी टाँगों से निकाल दिया बबलू

ने मीना के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया मीना के हाथ बबलू के लंड पर मुट्ठी की शक्ल में आकर पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी बबलू ज़ोर से मीना के निपल को चूसे जा रहा था मीना की चूत में से पानी आने लगा मीना

लगातार अह्हीईईएन भर रही थी बबलू दोनो हाथों से मीना की चुचियों को

पकड़ कर मसल रहा था और साथ में उसके निपल्स को बारी-2 चूस रहा था मीना

ने अपना दूसरा हाथ नीचे ले जाकर अपनी वीशेप पैंटी की पतली सी पट्टी जो कि मुस्किल

से उसकी चूत को ढक पा रही थी पट्टी को साइड में कर दिया और बबलू के लंड को

अपनी चूत के ऊपर रगड़ने लंड के सुपाडे को अपनी चूत के फांकों पर रगड़ते -2

बबलू के लंड का सुपाडा सीधा मीना की चूत के छेद पर जा टिका

मीना;अहह मेंन्नणणन् मररर्र्र्ररर गइईईईईई हइईईईई

ओह राबाआअ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और मीना ने

अपने दोनो हाथ ऊपर करके बबलू की पीठ पर जकड लिए और अपनी टाँगों को ऊपर

उठा कर घुटनो से मोड़ लिया और धीरे-2 अपनी गान्ड को ऊपर करके लंड को अपनी

चूत में लेने लगी बबलू दिल ही दिल में खुस हो रहा था लंड का सुपाडा मीना की

चूत में समा चुका था मीना अब और ज़्यादा अपनी गान्ड नही उठा सकती थी

बबलू उसे तडफा रहा था बबलू अपने लंड के सुपाडे को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा

मीना:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब अंदर डलूऊऊऊओ नाआआआअ
बबलू:क्या डालु और किसके अंदर डेलॉन्न्नन्नन्नन्न्न

मीना:अहह मेरी भोसड़ी में अपना लौडा डालो अब और नाआआ

ताडफूऊऊओ

और ये बार सुनते ही बबलू ने एक ज़ोर का धक्का मारा लंड चूत की दीवारों को

चूमता हुआ जड तक अंदर घुस गया मीना के बदन में करेंट दौड़ गया

मीना:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

और मीना ने अपनी बाहों को बबलू की पीठ पर कस लिया बबलू मीना की जाँघो के

बीच घुटनो के बल बैठ गया और अपने लंड को उसकी चूत से निकाल लिया मीना की

चूत फुदकने लगी बबलू ने मीना के पैंटी की एलास्टिक को दोनो तरफ़ से खींचा

मीना ने अपनी गान्ड को ऊपर उठा लिया और बबलू ने पैंटी को निकाल कर नीचे

फेंक दिया और मीना की टाँगों को घुटनों से मोड़ कर ऊपर की तरफ उठा दिया और

अपने लंड को मीना की चूत के छेद पर टिका कर फिर से ज़ोर धार धक्का मार कर चूत के अंदर पेल दिया मीना:अहह धीरीईईईईई सीईईईईईईईईईईईईई

बबलू मीना के ऊपर झुक गया और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने

लगा और अपने हाथों से मीना की एक्सट्रा लार्ज चुचियों को मसल्ने लगा मीना एक

दम मस्त हो चुकी थी मीना ने नीचे अपनी कमर को हिलाना चालू कर दिया बबलू

ने देखा अब मीना कैसे अपनी कमर हिला कर उसके लंड को चूत में रगड़ रही है

तो उसके चहरे पर मुस्कान आ गयी और बबलू ने अपना लंड बाहर खींच कर फिर

से अंदर पेल दिया

मीना:अहह हान्ंननननननननननननननणणन् आईसीई हीईईईईई

बबलू अब मीना की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा मीना ने एक

बार फिर से बबलू को अपनी बाहों में कस लिया और अपनी गान्ड उछाल कर बबलू का लंड

अंदर लेने में बबलू का पूरा साथ दे रही थी लंड चूत के पानी से एक दम

भीग कर अंदर बाहर हो रहा था मीना मस्ती में अहह ओह कर रही

थी कमरे में फतच-2 की आवाज़ गूंजने लगी बबलू एक दम से सीधा बैठ

गया और अपना लंड निकाल कर पीठ के बल बेड पर लेट गया

बबलू: चल आ आज तुझे अपने लंड की सवारी करवाता हूँ
और बबलू ने मीना को अपने ऊपर खींच लिया मीना बबलू के ऊपर आ गये बबलू

ने अपने लंड को पकड़ कर सुपाडे को मीना की चूत के छेद पर टिका दिया मीना

लंड के ऊपर बैठने लगी लंड चूत में समाने लगा और बबलू ने अपनी कमर को

ऊपर की तरफ उचकाया लंड चूत में समा गया मीना ने बबलू की चेस्ट पर

हाथ रख कर अपनी गान्ड को ऊपर नीचे करना चालू कर दिया लंड चूत के अंदर

बाहर होने लगा मीना की बड़ी-2 चुचियाँ हिलने लगी बबलू ये नज़रा देख और जोश

में आ गया और अपनी कमर को पूरी ताक़त से नीचे से ऊपर के झटके देने लगा

मीना बबलू का हाथ पकड़ कर अपनी चुचियों पर रखते हुए

मीना:अहह सीईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बब्लुउउुुुुउउ इन्हीईए

मसलूऊ नाआआ अहह देखो ना कैसे अकड़ी कर तनी हुई हाईईईई इन चुचियों

ने मुझे बहुत तंग किया हाीइ हमेशा अकड़ी रहती है आज्ज्जज्ज इन्हीईईईई

मसलल्ल्ल्ल्ल -2 कार्ररर निचोड़ दूऊऊऊ अहह और जोर्र्र्र्र्र्ररर सीईईई

चोदो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू मीना की बातें सुन कर और जोश में आ गया और अपना लंड को ज़ोर-2 से

मीना की चूत में पेलने लगा

मीना:अहह बब्लुउउुुुउउ मेरा पानी छूटने वाला हाईईईईईईईई

अहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़ उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

और मीना की चूत पानी छोड़ने लगी मीना बबलू के ऊपर गिर गयी उसकी बड़ी-

चुचियाँ बबलू की छाती में धँस गयी बबलू भी मीना की चूत की गर्मी को

बर्दास्त नही कर पाया और मीना की चूत में बबलू के लंड ने वीर्य की धार

छोड़ दी मीना अपनी चूत और बच्चेदानी की दीवारों पर बबलू के वीर्य की गरम

धार को महसूस करके बबलू से लिपट गये और अपने होंठ से बबलू के होंठो से सटा

दिया दोनो एक दूसरे को किस करने लगे मीना थोड़ी देर बाद बबलू के ऊपर से हट

कर खड़ी हो गयी और अपनी ब्रा उठा कर पहनने लगी

बबलू:क्या हुआ मेरे रानी मज़ा नही आया
मीना:कामुक मुस्कान के साथ)आज तो तूने मेरी चूत के प्यास बुझा दी है पर

अभे मुझे जाना होगा हज़्बेंड घर पर हैं

बबलू:थोड़ी देर और रुक जाओ ना

मीना:नही देर हो जाएगी हज़्बेंड कल टूर पर जा रहे है में तुम्हें फोन

करके बता दूँगी

बबलू उठ कर खड़ा हो गया नीचे पड़ी मीना की पैंटी को उठ कर अपने लंड को

पोंछ लिया

मीना ने बबलू के हाथ से पैंटी ली और झुक कर अपनी टाँगों में डालने लगी बबलू

पीछे खड़ा मीना के गोरे-2 और बड़े चुतड़ों को देख रहा था बबलू का लंड

फिर से खड़ा हो चुका था मीना ने अपनी छोटी सी वीशेप रेड कलर की पैंटी को

अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया और पीछे से पैंटी में दोनो हाथों की उंगलियाँ

डाल कर पैंटी की पट्टी को सीधा किया बबलू ये नज़ारा देख फिर से बेकाबू होगया और

मीना को पीछे पकड़ कर अपने एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी वीशेप पैंटी को

चूत के एक साइड इकट्ठा कर दिया और अपने लंड को पकड़ कर मीना की चूत के छेद पर लगा दिया

मीना:ओइईईई अहह क्या कर रहा हैउ तुन्न्ञणणन् मुझीई घर्र्ररर
जंीईईई दीईई हइईईई रब्बब्बा

मीना;अहह अओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फद्द्द्द्द्दद्ड दीए मेरी फुडीईईईईईई

अहह और ज़ोर डाल अपना लंड अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हइईईई

ओइईईईई मररर्र्र्र्ररर गइईईईईई बड़ा मजाआाआअ आआआआ रहा

हाईईईईईईईई

बबलू धना – धन धक्के मार रहा था मीना भी पीछे की तरफ अपनी

चूत को बबलू के लंड पे पटक रही थी 5 मिनट तक बिना रुके बबलू मीना की चूत

में अपना लंड अंदर बाहर करता रहा मीना और बबलू एक साथ झड गया

मीना की पैंटी चूत और बबलू के लंड के रस से नीचे से भीग चुकी थी

बबलू ने मीना की चूत में से लंड निकाला और उसे अपनी तरफ घुमा लिया मीना की आँखें वासना के मारे लाल हो चुकी थी उसके गाल एक दम लाल हो चुके थे मीना

ने जल्दी से अपनी सलवार कमीज़ पहनी और बबलू ने अपना पाजामा और बनियान पहन

कर गेट खोल कर बाहर देखा बाहर गली में कोई नही था मीना बाहर निकल आई और

अपने घर की तरफ़ चल पड़ी शाम ढल चुकी थी बबलू जल्दी से तैयार होकर घर

को लॉक करके निकल गया और रास्ते में ढाबे से खाना ख़ान के लिए रुक गया

दूसरी तरफ शाम के 6 बजे शोभा और रेणु सीमा के घर पहुँच गये सीमा ने उन्हे बैठाया और अमन को आवाज़ दी अमन को देख शोभा का चहरा खिल गया उसने अमन को गले लगा लिया
शोभा:कैसा है मेरा राजा बेटा

अमन:में ठीक हूँ माँ मौसी मेरा बहुत ख़याल रखती है

सभी इकट्ठे होकर इधर उधर की बातें करने लगे सीमा किचन में रात के खाने का इंतज़ाम करने लगी शोभा भी उसके साथ किचन में हेल्प कर रही थी

सीमा:और बताओ दीदी सब कैसे चल रहा है

शोभा:सब ठीक है मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी थी

सीमा:हां बोलो दीदी क्या बात है

शोभा:तुम बबलू को तो जानती हो ना

सीमा:हां दीदी जानती हूँ

शोभा:में सोच रही थी कि में रेणु के शादी बबलू से करवा दूं लड़का अच्छा है अच्छे घर से खानदानी ज़मीन ज़्यादाद है और सरकारी नौकरी भी है बस उसके माँ बाप इस दुनिया में नही रहे

सीमा:वो सब तो ठीक है दीदी पर रेणु की शादी की इतनी जल्दी क्या है

शोभा:तुम नही जानती सीमा मैने बच्चों को अकेले कैसे पाला है और में जल्दी से जल्दी रेणु की शादी करना चाहती हूँ और रेणु हमेशा मेरी आँखों के सामने भी रहेगी

सीमा: तुम ठीक कह रही हो बबलू अच्छी नौकरी करता है हमारी रेणु को किसी चीज़ की कमी नही होगी

शोभा:अगर तुम्हें भी ये सही लगता है तो अगले रेणु के 12 थ के एग्ज़ॅम होते ही शादी करवा देती हूँ

सीमा: ये तो बहुत खुशी की बात है दीदी

और दोनो बहनें मिल कर रात के खाने की तैयारी करने लगी ।
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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UPDATE: 33

शाम के 7 बज चुके थे दूसरी तरफ बबलू स्टेशन पर पहुँच चुका था उसकी आँखें बिंदिया को ढूँढ रही थी पर उसे बिंदिया नज़र नही आ रही थी एका एक बबलू की नज़र बिंदिया के बेटी रिंकी पर पड़ी बबलू उसके पास गया और धीरे से बोला
बबलू; और कैसे हो रानी आज बिंदिया नज़र नही आ रही कहाँ है वो

रिंकी: ( मुँह बनाते हुए)मुझे नही पता

बबलू:चलो अपनी माँ को बोल देना में रात को 11 बजे घर पर आउन्गा

रिंकी बिना कुछ बोले चली गयी और अपने छोटे से घर का गेट खोल कर ऊपर बने कमरे में आ गयी कमरे के दरवाजे पर भी ताला लगा हुआ था थोड़ी देर में उसकी माँ आ गयी

बिंदिया:आ गयी तू कुछ समान बिका कि नही

रिंकी:हां अम्मा बिका है पर तू कहाँ थी

बिंदिया:वो रजनी है ना उसके आज बच्चा होने वाला है मुझे उसके घर पर रुकना पड़ेगा में खाना बना कर जाती हूँ और सुन गेट अंदर से ध्यान से बंद कर लेना में सुबह आउन्गी

रिंकी अपनी माँ को बबलू के आने के बारें में बातें ही वाली थी पर नज़ाने क्यों वो उसे नही बता पायी बिंदिया खाना बना कर चली गयी रिंकी खाना खाने बैठ गयी पर रिंकी का ध्यान बबलू की कही बातों पर जा रहा था

बबलू आज फिर से घर पर आने वाला था उसका दिल जोरों से धड़क रहा था अब में क्या करूँ अगर वो सच में आ गया तो में क्या करूँगी रात के 10 बज रहे थे रिंकी बर्तन सॉफ कर चुकी थी उसके दिल में अजीब सा डर और उत्सुकता भरी हुई थी उसे समझ में नही आ रहा था कि वो क्या करे तभी उसे गेट के खटखटाने की आवाज़ सुनाई दी उसकी दिल की धड़कने बढ़ गयी रिंकी काँपते पैरों से चलती हुए बाहर गयी और ऊपर से नीचे देखा नीचे बबलू खड़ा था उसके हाथ पैर कँपने लगे रिंकी घबराते हुए नीचे उतरने लगी और उसने गेट खोला बबलू रिंकी को देख मुस्कारने लगा
बबलू: अंदर आते हुए) और कैसी हो रानी अभी तक सोई नही

रिंकी: बबलू का रास्ता रोकते हुए ) वूओ माआ घर पर नही है

बबलू; ओह्ह्ह्ह फिर तो आज तुम ही मेरे इस का कुछ कर दो साला बहुत तंग कर रहा है(अपने लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ कर देखते हुए )

रिंकी:तुम जाओ यहाँ से मुझे कुछ नही सुनना

और रिंकी ने अपनी नज़र नीचे कर ली बबलू रिंकी को धक्का देकर अंदर आ गया और गेट बंद कर दिया
रिंकी:तुम क्या कर रहे हो जाओ यहाँ से माँ कभी भी आ सकती है
दोनो सीडीयो पर खड़े थे बबलू ने रिंकी के हाथ को पकड़ पर अपनी तरफ़ खींच लिया तेज साँसें लेने से उसके संतरे जैसे आकार की चुचियाँ ऊपर नीचे हो रही थी उसका दिल डर के मारे धड़कना तेज कर दिया था और बबलू ने रिंकी को अपनी बाहों में ले लिया और उसकी गर्दन पे अपने होंठो को रख दिया रिंकी के पूरे बदन में करेंट दौड़ गया उसके हाथ पैर काँपने लगे रिंकी अपने हाथों को बबलू की छाती पर रख कर उसे धकेलने लगी पर बबलू उसे कमर से कस्के पकड़ कर अपने से सटाये हुए था बबलू रिंकी की गर्दन पर लगतार चूम रहा था

रिंकी:हइईईई अममाआ उफफफफफफफफ्फ़ क्या कर रहे हूऊओ छोड़ो मुझे अह्ह्ह्ह्ह अम्मा आ जाएगी अहहंंनणणन्

रिंकी बबलू से मिन्नतें कर रही थी पर रिंकी का बदन रिंकी का साथ छोड़ने लगा था उसके हाथ पर ढीले पड़ चुके थे सर ऊपर की तरफ और आँखें बंद थी बबलू के होंठ रिंकी के नीचे की हर एक इंच को चूम रहे थे बबलू ने नीचे झुक कर रिंकी को अपनी बाहों में उठा लिया और ऊपर आने लगा

रिंकी:प्लीज़ मुझे छोड़ दो मेने आज तक ऐसा कुछ नही किया है अगर माँ को पता चल गया तो वो मुझे छोड़ी गी नही बबलू ने उसे ऊपर कमरे में आकर खड़ा कर दिया और दरवाजा बंद करने लगा रिंकी तेज साँसें लेती हुई घबराई हुई बबलू को देख रही थी बबलू ने डोर बंद किया और उसके पास आकर उसकी कमर में दोनो हाथ डाल कर अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठो की तरफ अपने होंठों को बढ़ा दिया रिंकी ने अपने हाथों को बबलू की चेस्ट पर रख कर उसे दूर होने की कोशिश करने लगी बबलू के होंठ उसके होंठों तक नही पहुँच रहे थे बबलू ने रिंकी को धक्का दे कर दीवार के साथ सटा दिया और उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़ कर दीवार के साथ लगा दिया रिंकी की चुचियाँ बाहर की तरफ तन गयी बबलू की आँखों में चमक आ गयी बबलू ने बिना देर किए अपने होंठों को रिंकी के होंठो पर रख दिया रिंकी ने अपनी आँखें बंद कर ली
रिंकी के पैर उसके बदन का साथ छोड़ने लगे बबलू ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से उसके नरम और मुलायम चुतड़ों पर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगा रिंकी मस्ती और वासना के आगोश में समाने लगी रिंकी का एक हाथ जो बबलू ने छोड़ दिया था वो फिर से बबलू की चेस्ट पर था पर इसबार रिंकी बबलू को धकेल नही रही थी उसका हाथ बबलू की शर्ट के ऊपर से उसकी चेस्ट पर धीरे-2 थिरक रहा था बबलू ने रिंकी का दूसरा हाथ भी छोड़ दिया और दोनो हाथों से रिंकी के चुतड़ों को पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच कर अपने सीने से लगा लिया और दोनो हाथों से रिंकी की गान्ड को मसल्ने लगा

रिंकी कसमसा गई और बबलू से एक दम चिपक गयी अब रिंकी के दोनो हाथ बबलू के कंधों पर थे मदहोशी रिंकी के सर चढ़ कर बोलेने लगी थी बबलू रिंकी के दोनो चुतड़ों को पकड़ के सहला रहा था मसल रहा था अचानक बबलू ने अपना एक हाथ रिंकी के चुतड़ों से हटा कर नीचे ले गया और अपनी पेंट की ज़िप्प खोल कर अपने 8 इंच के लौडे को बाहर निकाल लिया रिंकी की आँखें बंद थी बबलू ने अपने हाथ से रिंकी के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया रिंकी एक दम हिल गयी उसके हाथों में गर्म लोहे की रोड जैसा बबलू का लंड था उसके हाथ कँपने लगे रिंकी ने अपने होंठो को बबलू के होंठो से हटा लिया और नीचे नज़रें झुका कर देखने लगी बबलू का लंबा और मोटा लंड देखते ही रिंकी की चूत फुदकने लगी और साथ में बबलू के लंड की लंबाई और मोटाई देख घबरा गयी बबलू ने रिंकी की कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर उसके पेट पर रख दिया रिंकी का पेट थरथराने लगा उसकी आँखें फिर से मस्ती में बंद होने लगी बबलू ने उसके गालों को चूमना शुरू कर दिया बबलू का हाथ धीरे-2 ऊपर की तरफ जाने लगा बबलू रिंकी के बदन में उठ रहे कंपन को अच्छी तरह महसूस कर रहा था
बबलू का हाथ ऊपर जाकर कर चुचि के नीचले हिस्से से जा टकराया रिंकी के मूँह से अहह निकल गयी और बबलू की बाहों में कसमसाने लगी बबलू ने अपना हाथ रिंकी की अन्छुइ चुचि पर रख दिया और उसे धीरे से मसल दिया

रिंकी:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई छोड़ दूऊऊऊओ नाआआअ मुझीईई कुछ हो रहा है

बबलू रिंकी की चुचि को प्यार से सहलाने लगा रिंकी की चूत में से पानी निकल कर उसकी पैंटी को भिगोने लगा था बबलू ने एक ही झटके में रिंकी को नीचे बिछे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी कमीज़ को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर करने लगा रिंकी ने अपने दोनो हाथों से अपनी कमीज़ को पकड़ लिया

रिंकी:नही बाबू जीईई छोडर्र्र्ररर दूऊऊओ मुझे बहुत शरम आ रही है

पर बबलू ने अपनी पूरी ताक़त से कमीज़ को ऊपर की ओर खींचा कमीज़ रिंकी के हाथों से निकल गयी और बबलू ने एक ही झटके में रिंकी की कमीज़ को उसकी चुचियों के ऊपर तक कर दिया रिंकी ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया रिंकी के हाथ बबलू के अपनी पूरी ताक़त से कमीज़ को ऊपर की ओर खींचा कमीज़ रिंकी के हाथों से निकल गयी और बबलू ने एक ही झटके में रिंकी की कमीज़ को उसकी चुचियों के ऊपर तक कर दिया रिंकी ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया रिंकी के हाथ बबलू के हाथों को थामें हुए थे उसके साँसें तेज़ी से चल रही थी संतरे जैसे आकार की चुचियों को देख बबलू की आँखों में चमक आ गयी बबलू ने रिंकी के हाथों को पकड़ उसे सर के ऊपर कर के बिस्तर से सटा दिया रिंकी की चुचियाँ रिंकी के साँस लेने से ऊपर नीचे हो रही थी
रिंकी:नही छोडर्र्ररर दूऊऊऊ मुझीईईईई प्लेअसएसस्स्स्स्स्सस्स अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईई
और बबलू ने रिंकी के सन्तरे के आकार की एक चुचि को पूरा का पूरा मूँह में ले लिया और चूसने लगा रिंकी का बदन झटके खाने लगा बबलू ने दूसरे हाथ से रिंकी की दूसरी चुचि को पकड़ कर मसलना चालू कर दिया


रिंकी:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बबुउुउउ जीईईईई अहह दर्द्द्द्दद्ड हो रहाा हाईईईईईईई मुझे पता नहियीईईईईईईईई

बबलू अपना एक हाथ नीचे ले गया और उसके पेट से होते हुए उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर आ गया रिंकी ने अपनी जाँघो को भींच लिया बबलू लगातार रिंकी की चुचियों को चूस रहा था बबलू पूरी ताक़त के साथ अपने हाथ को रिंकी की जाँघो के अंदर करने लगा रिंकी की जांघे खुल गयी और बबलू ने सलवार के ऊपर से अपना हाथ सलवार के अंदर डाल दिया बबलू के हाथ अब रिंकी की छोटी से पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर थे बबलू ने रिंकी की चूत को अपने हाथ से मसल दिया रिंकी एक दम कसमसा गयी और लेटी हुई पलट गयी अब रिंकी की पीठ बबलू की तरफ थी बबलू थोड़ा से नीचे हो कर रिंकी की कमर पर अपने होंठो को रख दिया और उसकी कमर को चूमने लगा


रिंकी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईई ओहजहह करने लगी बबलू ने अपना हाथ रिंकी की सलवार में से निकाल लिया और दोनो हाथों से रिंकी की कमीज़ को ऊपर करने लगा रिंकी ने अपने दोनो हाथों से बेड शीट को पकड़ रखा था रिंकी अब लगभग पेट के बल लेटी हुई थी और बबलू पीछे से उसकी कमर से होते हुए उसकी पीठ कर हर इंच को चूम रहा था रिंकी अह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी जैसे ही बबलू की होंठ रिंकी की पीठ पर लगते ही रिंकी के बदन में मस्ती की लहर दौड़ जाती बबलू रिंकी की कमीज़ को खिसका कर उसके कंधों तक कर चुका था और बबलू ने इसबार रिंकी के कमीज़ को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपर कर दिया रिंकी के हाथ अपने आप ही ऊपर की तरफ हो गये और बबलू ने रिंकी की कमीज़ को निकाल दिया और एक तरफ फेंक दिया रिंकी के चहरा एक दम लाल हो चुका था बबलू उसकी पीठ को लगातार चूम रहा था बबलू ने रिंकी को कंधें से पकड़ कर सीधा किया उसके हाथ अपनी चुचियों पर थे बबलू रिंकी की गर्दन को चूमता हुआ नीचे आने लगा और अपने हाथों से रिंकी के हाथों को हटाने लगा रिंकी ने कोई विरोध नही किया अब रिंकी ऊपर से बिना कपड़ों के थी बबलू ने उसकी चुचियों को चूसना चालू कर दिया रिंकी मस्ती में आ कर अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईई करने लगी रिंकी ने मचल कर बबलू की पीठ पर अपनी बाहें कस ली और उसे अपने ऊपर खींचने लगी बबलू लगतार रिंकी की चुचियों को चूस और मसल रहा था रिंकी की दोनो चुचियों के निपल एक दम तन चुके थे


रिंकी घुटि हुई आवाज़ में सीस्या रही थी बबलू की ज़ुबान रिंकी के निपल्स पर अपना कमाल दिखा रही थी बबलू धीरे-2 चूमता हुआ नीचे आने लगा रिंकी का बदन काँपने लगा उसके आहहें और सिसकियाँ अब तेज होने लगी थी बबलू ने एक बार रिंकी को देखा रिंकी ने अपनी आँखें खोली और उसकी आँखें वासना के मारे लाल हो चुकी थी उसकी आँखें ठीक से खुल भी नही रही थी बबलू रिंकी के पेट के ऊपर झुकने लगा रिंकी ने फिर से आँखें बंद कर ली और बबलू ने अपने होंठो को रिंकी की नाभि पर रख दिया

रिंकी:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह
और रिंकी ने बबलू के बालों को अपने हाथों से कस के पकड़ लिया बबलू अपनी ज़ुबान को रिंकी की नाभि के अंदर धकेलने लगा रिंकी मस्ती में छटपटाने लगी और अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी रिंकी के हाथों की उंगलिया बबलू के बालों में घूमने लगी थोड़ी देर रिंकी की नाभि चूसने के बाद बबलू नीचे की तरफ आने लगा और जहाँ सलवार का नाडा बँधा हुआ था वहाँ पर अपने होंठो को घुमाने लगा रिंकी की कमर मस्ती में आ आकर झटके खाने लगी बबलू ने देखा अब रिंकी एक दम गर्म हो चुकी है उसने धीरे से रिंकी की सलवार के नाडे को पकड़ा और एक झटके के साथ खींच दिया रिंकी का दिल धड़कना भूल गया इससे पहले कि रिंकी सम्भल पाती उसकी सलवार बबलू ने खींच कर नीचे करके निकाल दी अब रिंकी केवल एक पुरानी और छोटी सी पैंटी में थी जिसमे एक दो जगह छेद भी थे और पैंटी में से रिंकी के हल्के झान्टो के बाल नज़र आ रहे थे रिंकी ने अपने हाथों को पैंटी के ऊपर रख लिया बबलू ने रिंकी की जाँघो को फैलाया और उसकी जाँघो के बीच में आकर बैठ गया और दोनो हाथों को पकड़ कर हटा दिया रिंकी का चेहरा शर्म के मारे लाल हो चुका था बबलू ने झुक कर पैंटी के फटे हुए छेद पर अपनी ज़ुबान लगा दी रिंकी अपनी चूत के पास बबलू की जीभ महसूस करते ही एक दम काँप गयी उसके पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी एक बार रिंकी की कमर हवा में तीन चार इंच ऊपर उठ गयी उसने बबलू के सर को कस्के पकड़ लिया ।

रिंकी: ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मररर्र्र्र्र्र्ररर गइईईईईई माआ रीईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह में पागल हूऊऊ जाउन्गी

जैसे ही रिंकी की गान्ड ऊपर की तरफ उछली बबलू ने रिंकी की पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर एक ही झटके में नीचे उतार दिया और एक तरफ फेंक दिया और रिंकी की जाँघो को फैला कर घुटनों से मोड़ दिया रिंकी की चूत अब बबलू की आँखों के सामने थी कुँवारी चूत देख बबलू का लंड कुलाँचे भरने लगा रिंकी की चूत के होंठ आपस में सटे हुए थे और उसकी चूत के होंठ मस्ती में थोड़ा-2 खुल और बंद हो रहे थे उसकी चूत से काम रस बह कर उसकी गान्ड के छेद तक आ चुका था बबलू ने अपने दोनो हाथों से रिंकी की चूत की फांकों को फैला दिया और सामने रिंकी की कुँवारी चूत का गुलाबी छेद था जो रिंकी के काम रस से एक दम गीला होकर चमक रहा था बबलू ने झुक कर अपनी ज़ुबान से रिंकी की चूत के छेद को चाटना चालू कर दिया अपनी चूत के छेद पर बबलू के ज़ुबान पड़ते ही रिंकी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईई करने लगी उसकी कमर रह-2 कर झटके खाने लगी

रिंकी:अहह माआआआअ रीईईईईई माआआआअरर्ररर गइईईई उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उंह मेंन्नननननणणन् मररर्र्र्र्ररर जवँगीईईईई में पागल हो जाएँगीईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और बबलू अपनी ज़ुबान का कमाल रिंकी की चूत पर दिखा रहा था रिंकी ने अपने हाथों से अपने सर को पकड़ लिया और मस्ती में आकर अपने बालों को नोचने लगी बबलू ने अपने हाथों को ऊपर करके रिंकी की चुचियों को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया रिंकी ने कभी जिंदगी में नही सोचा था कि उसे इतना मज़ा आएगा बबलू रिंकी की चूत के दाने को मूँह में लेकर चूसने लगा रिंकी अपना सर इधर उधर पटकने लगी उसकी कमर हवा में उछलने लगी बबलू ने अपना मूँह रिंकी की चूत से हटा दिया और घुटनों के बल रिंकी की जाँघो के बीच में बैठ गया और रिंकी की जाँघो और अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को रिंकी की चूत के छेद पर टिका दिया रिंकी का पूरा बदन एन्ठ गया
रिंकी:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बबुउुउउ जीईईई अब और सहा नही जाता उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जल्दी डालो नाआअ
सीईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू: क्या हुआ बड़ी जल्दी है चूत में लंड लेने के लिए तुम्हें पता जब किसी लड़की की चूत में पहली बार लंड जाता है तो थोड़ा दर्द भी होता है

रिंकी:म्माक मेंन्न्न् जानती हूँ बबुउउउ जीईईई अहह ब्स्स्स्स आपप जल्दी करूऊ

बबलू रिंकी की बातें सुन कर खुश हो गया और एक हाथ से अपने लंड को थामे रिंकी की चूत के छेद पर टिका कर रिंकी के ऊपर झुक गया और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा और नीचे से बबलू अपने लंड के सुपाडे को रिंकी की चूत के छेद पर रगड़ रहा था बबलू ने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर टिका कर अपनी कमर को ज़ोर से धक्का दिया लंड एक ही बार में रिंकी की चूत के अंदर आधा लंड चला गया रिंकी दर्द के मारे छटपटाने लगी उसकी आवाज़ बबलू के मूँह में घुट कर रह गयी रिंकी ने अपना फेस दूसरी तरफ करके अपने होंठो को बबलू के होंठो से छुड़ा लिया

रिंकी:हइईईईई माआआअ बहुत दर्द हो रहा हाईईईईईईई प्लीज़ ईसीईई निकलल्ल्ल लूऊऊओ बाबू जीए
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बबलू:बस थोड़ी ही देर में तेरा दर्द ख़तम हो जाएगा

और बबलू ने झुक कर रिंकी की एक चुचि मूँह में ले ली और चूसना चालू कर दिया और नीचे से धीरे-2 अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा हर बार बबलू का लंड और ज़्यादा रिंकी की चूत में चला जाता बबलू को रिंकी की चूत अपने लंड पर कसी हुई महसूस हो रही थी और बबलू बड़े प्यार से धीरे-2 अपना लंड अंदर बाहर करके रिंकी को चोद रहा था कुछ ही पलों में बबलू का पूरा का पूरा लंड रिंकी चूत के अंदर बाहर होने लगा रिंकी के छटपटाता भी कम हो चुकी थी एक बार फिर से रिंकी के हाथ बबलू की पीठ पर थिरकने लगे उसकी कराहें अहहों में बदलने लगी

बबलू:अब कैसा लग रहा है मेरी जान अब दर्द हो रहा है

रिंकी आँखें बंद किए हुए थी उसकी सिसकारिया उसके मज़े को बयान कर रही थी

रिंकी:अहह बाबू जीईई बहुत अच्छा लग रहा है बस ऐसे हीईई धीरे-2 करते रहो अह्ह्ह्ह

बबलू सीधा हो गया और रिंकी की जाँघो को घुटनो से पकड़ कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा उसके लंड पर खून और रिंकी की चूत का पानी लगा हुआ था बबलू एक बार फिर से रिंकी के ऊपर झुक गया और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा और उसकी चुचियों को दोनो हाथों से मसलने लगा रिंकी की टाँगें बबलू की जाँघो पर चढ़ि हुई थी अब लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा रिंकी भी अपना मुँह खोल कर अपनी जीभ को बबलू को चूसने दे रही थी धीरे-2 बबलू अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ाने लगा जैसे -2 बबलू के धक्को की रफ़्तार बढ़ रही थी वैसे -2 रिंकी की सिसकियाँ तेज हो रही थी
रिंकी :अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाबू जीईईईई अहह धीरीईए कार्रर्र्र्र्र्रूऊ ना उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईईईई माआआअ र्फीईईईई बहुत मज़ा आआआआआ रा हहियैयी हन्ंनननननणणन् बाबू जीई ऐसे हीईई धीरे डेलॉन्न्नन्नन्न्न्न अहह

बबलू ने अपने धक्को की रफतार को और तेज कर दिया पूरे रूम में फतच-2 की आवाज़ गूंजने लगी बबलू रिंकी के होंठो को छोड़ कर उसकी चुचियों को चूसने लगा रिंकी के जिस्म और काँपने लगा वो और ज़्यादा मस्ती में आ गयी और बबलू की पीठ को अपनी बाहों में कस के अपनी चूत को ऊपर की तरफ उछालने लगी और बबलू के कंधों पर अपने होंठो को रगड़ -2 कर चूमने लगी रिंकी की पहली चुदाई थी इसलिए करीब 6 मिनट के लगातार धक्को ने रिंकी की चूत के ज्वाला मुखी को जगा दिया और उसमे से काम रस का लावा बाहर आने लगा और रिंकी की कमर ने 4-5 बार झटके खाए और वो झड गयी
रिंकी:अहह बाबू जीईईई मुझीईईईई कुचह हिओ अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुतत्तत्त मजाआाआ आआआआ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू ने भी अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी और कुछ ही धक्कों के बाद उसकी चूत में वीर्य की बोछार करके उसकी चूत की दीवारों को भीगोने लगा अपनी चूत की दीवारों पर बबलू के गरम वीर्य को महसूस करके उसका पूरा बदन सनसना उठा बबलू ने झुक कर रिंकी के होंठो को किस करने लगा रिंकी भी बबलू का पूरा साथ दे रही थी और बबलू के होंठो को किस कर रही थी दोनो एक दूसरे से चिपके हुए थे बबलू अपना एक हाथ नीचे लेजाके रिंकी की चूत को धीरे-2 सहलाने लगा रिंकी शरम के मारे अपना चेहरा बबलू के सीने में छुपाने लगी दोनो 10 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे बबलू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था दोनो रज़ाई के अंदर एक दूसरे लिपटे पड़े थे बबलू ने फिर से रेणु की एक चुचि को मूँह में ले लिया और चूसने लगा बबलू ने रिंकी के एक हाथ को पकड़ कर नीचे ले जाकर अपने लंड पर रख दिया रिंकी शर्मा गयी और अपना हाथ खींचने लगी पर बबलू ने उसके हाथ को पकड़े रखा
बबलू:अब भी शरमा रही हो मेरी जान अब ये लौडा तुम्हारा है ले पकड़ मेरे लंड को और हिला इसे

रिंकी के हाथ बबलू के लंड पे धीरे-2 कसने लगे और वो अपने हाथों से बबलू के लंड को पकड़ कर हिलाने लगी चुचि चुसाइ के कारण रिंकी भी दुबारा गरम होने लगी बबलू का लंड भी एक दम तन चुका था रिंकी के मूँह से सिसकारी निकालने लगी थी और वो बबलू के लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी

बबलू:क्यों अभी से लंड चूत में लेने के लिए मचलने लगीहो

रिंकी:आप मुझे ऐसे क्यों तड़पा रहे हूऊऊऊओ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और बबलू ने अपनी कमर को आगे धकेल दिया था बबलू के लंड का सुपाडा एक बार फिर से रिंकी की चूत के अंदर था बबलू ऐसे अपने सुपाडे को चूत के अंदर किए रिंकी की चुचियों के निपल चूसने लगा था रिंकी की चूत की आग एक बार फिर से भड़क चुकी थी और रिंकी नीचे से अपनी कमर को हिलाने लगी थी बबलू को रिंकी की हालत पर बहुत खुशी हो रही थी
रिंकी;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाबूजीईईईई डालून्ंननननणन्नाआआआआ अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
बबलू:चल तेरी ये बात भी मान लेता हूँ
और बबलू ने अपनी कमर को फिर से धक्के देने शुरू कर दिए कुछ ही पलों में बबलू का लंड रिंकी की चूत के अंदर बच्चेदानी की दीवार के साथ जा टकराया

रिंकी;आहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह ओह बाबू जीईईई में पागल हूऊऊऊओ जाउन्गीईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और रिंकी अपनी बाहों को बबलू की पीठ पर कस्के अपनी चूत को ऊपर की तरफ झटके देने लगी

बबलू भी अब जोश में आ चुका था और रिंकी की चूत को अपनी कमर हिला -2 कर चोदने लगा इसबार रिंकी खुल कर आहें और सिसकारी भर रही थी वो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीसीईईईईईईईईईईईईईईई बाबू जीईईईई बहुत मजाआाअ आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईई मेरी फुद्दि मेंन्ननननननणणन् अहह कुछ हूऊऊओ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईई और चोदो मेरी फुद्दि को अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाबू जीईए बबलू रिंकी के निपल्स को लगातार चूस रहा था उसके निपल चूसने के कारण एक दम लाल हो चुके थी और एक दम तन कर छत की ओर झाँक रहे थे दोनो चुदाई में मगन थे बबलू का लंड फतचा-2 अंदर बाहर हो रहा था और रिंकी अपनी टाँगों को ऊपर उठाए बबलू का लंड अपनी चूत में ले रही थी उसकी चूत से पानी आ रहा था जिससे बबलू का लंड भीग कर चिकना हो गया था और आसानी से अंदर बाहर हो रहा था

रिंकी:आआआआअहह बाबू जीईईईईई मुझीईईईई पहले पता होतााआआ कि आापके चोदने मेंन्नणणन् इथनाआआअ मज्जाआाअ आता हाईईईईईईईई तो में आब्ब्ब्ब्बबब तक कई बार आप्प्प्प के साथ चुदाई कर चुकी होती अब आप मेरीईई चूत्त्त को रोज चोदोगे नाआआ
बबलू:मेंन्न्न् तुम्हीीईन हीईईई क्या तेरी माआआ को भीईईई तेरे सामनेनंननणणन् हीए रोज चोदुन्गा अहह
बबलू के धक्को की रफ़तर बढ़ चुकी थी रिंकी भी अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी उसने बबलू को कस के पकड़ लिया उसका बदन ऐंठने लगा

रिंकी:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाबू जीईईईईईईईई में ज़ाआाआअहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माआआआअ हाईईईईईईईईईई
और रिंकी की चूत का जवाला मुखी फॅट चुका था बबलू भी अपने काम रस से रिंकी की चूत को तृप्त करने लगा और रिंकी के ऊपर निढाल हो कर गिर पड़ा दोनो कुछ देर एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे और फिर बबलू खड़ा हो कर अपने कपड़े पहनने लगा रिंकी ने भी अपनी सलवार कमीज़ पहनी और बबलू के साथ नीचे आ गयी और धीरे से गेट खोला बबलू ने रिंकी के होंठो को अपने होंठो में ले कर चूसा और फिर बोला में कल फिर आऊंगा
रिंकी:लेकन कल तो माँ घर पर होगी

बबलू:वो तुम मुझ पर छोड़ दो में देख लूँगा और ये कह कर बबलू निकल कर स्टेशन पर आ गया
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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UPDATE: 34
दूसरी तरफ सीमा के घर पर 2 बजे रात सब अपने -2 कमरों में सो रहे थी पर सीमा की आँखों में नींद नही थी वो इसी सोच में डूबी हुई थी कि अमन के जाने के बाद वो कैसे रह पाएगी शोभा के साथ उसके रूम में सोई हुई थी और रेणु अमन के साथ एक कमरे में थी सीमा को किचन में से कुछ आवाज़ सुनाई दी सीमा धीरे से बिना आवाज़ किए उठ कर किचन की तरफ चली गयी वहाँ अमन खड़ा पानी पी रहा था अमन ने सीमा को देख कर पानी का ग्लास सेल्फ़ पर रख दिया सीमा तेज कदमों से चलती हुई उसकी पास आए और उसे गले से लगा लिया और उसके फेस पर चुंबनो की बोछार कर दी

सीमा: में तुम्हारे बिना कैसे रहूंगी अमन

अमन ने सीमा को अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठो को चूसने लगा अमन के साथ सीमा की नाइटी के ऊपर से उसके चुतड़ों को मसल रहे थे सीमा ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर अमन के शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाल कर अमन के लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी कुछ ही पलों में अमन का लंड तन कर खड़ा हो चुका था सीमा अमन की बाहों से निकल कर पीछे हो गयी और अपने दोनो हाथों से अपनी नाइटी को अपनी कमर तक उठा दिया और किचन के सेल्फ़ पर झुक कर खड़ी हो गयी अमन ने अपने शॉर्ट्स को घुटनो से नीचे तक कर दिया और अपने लंड को हाथ में पकड़े सीमा के पीछे आकर अपने लंड को सीमा की चूत के छेद पर लगा दिया और अपनी कमर को धक्का दिया लंड चूत में समा गया सीमा ने अपनी आवाज़ को दबाने के लिए अपने होंठो को अपने दाँतों में भींच लिया और अपनी चूत को पीछे की तरफ धकेल कर अमन के लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी अमन सीमा की कमर को पकड़ कर अपने लंड से सीमा की चूत को चोदे जा रहा था सीमा मस्ती से भर चुकी थी और अपनी कमर को पीछे धक्केल-2 कर अमन का लंड अपनी चूत में ले रही थी

सीमा:अमन तेज़ी से चोद कहीं शोभा दीदी उठ ना जाए

और अमन सीमा की कमर को दोनो हाथों से पकड़ तेज़ी से शॉट लगाने लगा 5 मिनट की लगतार चुदाई से दोनो झड गये अमन ने अपना लंड निकाला और अपना शॉर्ट्स ऊपर कर लिया सीमा जैसे सीधी हुई उसकी नाइटी ठीक हो गयी और सीमा ने अमन को किस किया और अपने रूम में चली गयी अमन भी अपने रूम में आकर सो गया

तो दोस्तो अब कहानी को में कुछ महीने और आगे ले जाता हूँ नही तो कहानी बोर हो जाएगी


अमन और रेणु के एग्ज़ॅम ख़तम हो चुके थे और शोभा ने सीमा को फोन करके बता दिया था कि वो एक हफ्ते में रेणु और बबलू की शादी करवा देंगी तुम यहाँ आ जाओ शादी की तैयारी भी करनी है

1-अप्रेल-1996

सीमा शोभा के घर पहुँच गयी थी शोभा और सीमा दोनो ने मिलकर 10 अप्रेल का शुभ महुरत निकलवा लिया था रेणु और शोभा दोनो बहुत खुश थी शोभा सीमा और रेणु शादी की तैयारयों में जुट गयी शॉपिंग कपड़े गहने और बाकी सारा ज़रूरी समान कुछ ही दिनो में खरीद लिया गया शादी को अभी 5 दिन ही बचे थे उस रात सीमा के साथ सभी घर में बैठे शादी के बारें में बात कर रहे थे

शोभा: सीमा में चाहती हूँ कि शादी बिना किसी शोर शराबे के साथ सिंपल तरह से हो जाए

सीमा:पर दीदी आप को अपने ससुराल वालों को तो बुलाना पड़ेगा ही ना वरना वो लोग क्या सोचेंगे

शोभा: उन्हे जो सोचना है सोचने दो जब वो बुरे वक़्त में हमारे किसी काम नही आए और उन्होने हम से मूँह मोड़ लिया था तो अब में क्यों उनकी परवाह करूँ हम शादी में कुछ ही लोगो को बुलाएँगे मंदिर में शादी करवा कर घर पर ही छोटी सी पार्टी रख लेंगे

सीमा:वैसे दीदी तुम कह तो ठीक ही रही हो

अगले कुछ दिन घर के सभी लोग शादी की भाग दौड़ में व्यस्त रहे

आख़िर कार वो दिन भी आ गया सुबह से घर में भाग दौड़ मची हुई थी सीमा के हज़्बेंड देवर और उसकी वाइफ के अलावा सीमा के सास ससुर भी आए थी सभी सुबह ही तैयार हो कर मंदिर पहुँच गये बबलू बेसबरी से रेणु का इंतजार कर रहा था तभी रेणु सीमा और महक के साथ सज धज कर मंदिर में पहुँच गये रेड कलर की साड़ी में रेणु एक दम कयामत लग रही थी आज बबलू को रेणु दुनिया की सबसे हसीन लड़की लग रही थी बबलू एक तक उसे देखे जा रहा था

सीमा: क्या देख रहे हो जमाई राजा बस थोड़ा सा इंतजार कर लो फिर आज से ये हमेशा के लिए तुम्हारी हो जाएगी फिर बस सारा दिन इसको ही देखते रहना

बबलू एक दम से झेंप गया और अपनी नज़रे नीचे कर ली रेणु और बबलू वेदी पर बैठ गये और बाकी सभी लोग उनके पीछे बैठ गये पंडित ने मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए 2 घंटे में विवाह सम्पन हो गया और सभी खुशी-2 घर आ गये घर पर पूरा दिन चहल पहल रही गली मुहल्ले के लोग भी शोभा को मुबारक बाद देने आने लगे शोभा ने घर पर शाम को एक छोटी सी पार्टी दी और रात तक सभी लोग बहुत थक गये थे सब मिल कर खाना खा रहे थे

सीमा; तो जमाई राजा हमारी बेटी को हनिमून के लिए कहाँ ले जा रहे हो

बबलू:जी अभी तक कुछ सोचा नही है

सीमा; लो ये क्या बात हुई आज कल के लड़के लड़कियाँ तो पहले से सारी प्लॅनिंग कर लेते हैं क्यों रेणु तुम कहाँ घूमने जाना चाहती हो

रेणु शरमा गयी और उसने नज़रे नीचे कर ली

रेणु:जी मुझे नही पता

बबलू:चलो कल सोचेंगे की कहाँ जाना है आज तो आराम कर लिया जाए

सीमा:हां जी ज़रूर आपका रूम नीचे है आज रेणु हमारे साथ ही सोएगी

बबलू मुस्कुराता हुआ उठ कर नीचे आ गया और अपने बेड पर लेट गया

अगली सुबह सीमा के और सीमा के घर वाले अपने घर वापिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे शोभा किचन में काम कर रही थी सीमा किचन में गयी और शोभा का हाथ बटाने लगी

सीमा:दीदी मेआइं आप से कुछ कहना चाहती थी

शोभा:हां बोल क्या बात है

सीमा: दीदी अगर तुम ठीक समझो तो में चाहती हूँ कि तुम अमन को हमारे पास भेज दो

शोभा:हां तो इसमे पूछने की क्या बात है ले जाओ अभी उसका रिज़ल्ट आने में दो महीने बाकी है

सीमा; नही दीदी वो मैं कह रही थी कि अमन को अपने पास रख लूँ मेआइं उसकी अड्मिसन किसी अच्छे से स्कूल में करवा दूँगी तुम तो जानती हो दीदी मैं अभी भी एक बच्चे के लिए तरस रही हूँ अमन के घर आने पे मेरा दिल भी लगा रहेगा

शोभा:कुछ देर के लिए चुप हो गयी और सोचने लगी

शोभा : अपने मन में) अगर अमन सीमा के घर चला गया तो हम तीन ही घर पर रह जाएँगी और अमन को भी हमारे रिश्ते के बारे में पता नही लगेगा अमन के सीमा के घर चले जाना ये हमारे लिए बहुत अच्छा होगा और अमन भी समझदार हो रहा है ऐसे तो कभी ना कभी अमन को मेरे रेणु और बबलू के बारे में पता लगने का ख़तरा भी बना रहेगा

शोभा; ठीक है सीमा तुम अमन का अड्मिशन वहीं करवा लेना अब तो खुश हो ना

सीमा:हां दीदी में अमन का अच्छे से ख्याल रखूँगी उसकी ज़रा भी चिंता ना करना

सीमा बाहर आ गयी और उसने अमन को सारी बात बता दी अमन भी ये सुन कर खुश हो गया और सीमा के साथ घर जाने के लिए तैयार होने लगा सीमा के हज़्बेंड ने 7 दिन की छुट्टी ले रखी थी अभी 3 दिन बचे थे इसलिए वो भी सीमा के साथ घर ही जा रहा था सब लोग अपने -2 काम में लगे हुए थे दोपहर को सीमा और उसके घर वाले अमन को साथ लेकर घर से चले गये पूरा दिन गली मुहल्ले के लोगो का शोभा के घर पर आना जाना लगा रहा

आख़िर रात हुई शोभा खाना बना चुकी थी तीनो बैठ कर खाना खा रहे थे तीनो चुप थे कोई कुछ नही बोल रहा था खाना ख़ान के बाद बबलू ऊपर छत पर घूमने आ गया
और छत पर टहलने लगा थोड़ी देर बाद शोभा भी ऊपर आ गयी रात के 10 बजे चुके थे
शोभा: क्या हुआ कोई परेशानी है

बबलू:नही बस ऐसे ही टहलने आ गया था

शोभा:तो आज तुम्हारी और रेणु की सुहाग रात है उसको ज़्यादा इंतजार मत करवाओ जाओ नीचे

बबलू ने शोभा को अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठो को किस करने लगा

शोभा: अपने आप छुड़ाते हुए) क्या कर रहे हो कोई देख लेगा चल जा नीचे

और बबलू मुस्कराता हुआ नीचे आ गया और रेणु के रूम में आ गया रेणु ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ कर अपने बालों को संवार रही थी उसने रेड कलर के शॉर्ट नाइटी पहनी हुई थी बबलू को आयने में देख रेणु शरमा कर मुस्कराने लगी बबलू ने अंदर आते ही डोर लॉक कर दिया और रेणु की तरफ आने लगा रेणु खड़ी हो गयी उसकी नज़रें नीचे थी शर्म के मारे उसके गाल लाल हो चुके थे बबलू ने पीछे से उसको बाहों में भर लिया रेणु उसकी बाहों में कसमसा गयी

बबलू: तुम आज बहुत सुन्दर लग रही हो तुम्हारे होंठ बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों की तरह है जी करता है सारी रात इनका रस पीता रहूं बोलो पिलाओगी ना इनका रस

रेणु;आज के बाद मेरा सब कुछ तुम्हरा है बबलू में तुम्हें पाकर बहुत खुश हूँ बबलू ने उसे अपनी तरफ घुमा दिया रेणु की आँखें बबलू की आँखों में झाँकने लगी बबलू ने अपने होंठो को रेणु के काँपते होंठो की तरफ बढ़ा दिया रेणु ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने काँपते होंठो को थोड़ा सा खोल लिया और धड़कते दिल के साथ बबलू के होंठो के अहसास का इंतजार करने लगी रेणु शॉर्ट्स रेड कलर के नाइटी में गजब ढा रही थी नाइयी उसकी जाँघो को भी ठीक से ढक नही पा रही थी उसकी चिकनी जांघे देख बबलू का लंड उसके पयज़ामे में झटके खाने लगा बबलू के हाथ रेणु की कमर से खिसक कर उसके नरम मुलायम चुतड़ों पर आ गये रेणु की साँसें तेज हो गयी बबलू ने दोनो हाथों से रेणु के चुतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया


रेणु के मुँह से अहह निकल गयी और वो बबलू की पीठ पर अपने दोनो हाथों को कस के उसके साथ चिपक गयी बबलू ने अपने होंठो को रेणु के होंठो पर रख दिया और उसके नीचले होंठ को चूसने लगा रेणु के हाथ बबलू की पीठ को सहला रहे थे रेणु एक दम गरम हो चुकी थी और वो बबलू के ऊपर वाले होंठ को किस करने लगी दोनो एक दूसरे में खोए हुए थे और एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे बबलू के हाथ रेणु के चुतड़ों को मसल रहे थी रेणु की नाइटी उसके चुतड़ों तक ऊपर हो चुकी थी और बबलू के हाथ रेणु की रेड कलर की नाइलॉन की वीशेप पैंटी के ऊपर से उसके चुतड़ों को मसलने में लगे हुए थे रेणु अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी बबलू ने रेणु की नाइटी को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपर करना शुरू कर दिया रेणु ने भी अपने हाथों को ऊपर कर दिया और बबलू ने बिना किसी दिक्कत के रेणु की नाइटी को उसके गले से निकाल कर ड्रेसिंग टेबल के ऊपर फेंक दिया रेणु ने आँखें खोली रेणु की साँसें तेज चल रही थी और अब रेणु रेड कलर की ब्रा और पैंटी में थी रेणु का बदन ट्यूब लाइट की रोशनी में एक दम खिल रहा था रेणु ने घूम कर बबलू की तरफ पीठ कर ली और अपनी ब्रा के ऊपर अपने हाथों को रख कर अपनी 36 साइज़ की चुचियों को ढँकने की कोशिश करने लगी

रेणु: प्लीज़ लाइट बंद कर दो मुझे बहुत शर्म आ रही है

बबलू: आगे बढ़ते हुए) मेरी जान अब मुझे से क्या शरमाना हम ये कोई पहली बार थोड़ा ही न कर रहे हैं

रेणु: पर उस रात लाइट ऑफ थी

बबलू ने उसकी ब्रा के हुक्स को खोल दिया रेणु ने अपनी ब्रा को अपने हाथों से थामे रखा बबलू ने अपने दोनो हाथों से रेणु के कंधों को पकड़ लिया और रेणु की नेक को किस करने लगा

रेणु;सीईईईईईईईईईईई उंह बब्लुउउुुुुुुुउउ लाइटट तो ओफफफफफफ्फ़ कर दूऊ

बबलू: नही में आज अपनी जान के हुष्ण का दीदार रोशनी में करना चाहता हूँ

रेणु का पूरा बदन काँपने लगा उसके दिल की धड़कने बढ़ने लगी बबलू ने ब्रा के स्ट्रॅप्स को दोनो तरफ से पकड़ा और कंधों से नीचे की तरफ सरकाना शुरू कर दिया धीरे-2 ब्रा के स्ट्रॅप्स रेणु की कोहनियो तक आ गये पर रेणु अपने ब्रा को अपने हाथों से अपनी चुचियों पर भींचे हुए थी बबलू के होंठ अब रेणु की पीठ के ऊपरी हिस्से पर घूम रहे थे रेणु मस्ती से भर चुकी थी बबलू ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने पयज़ामे को घुटनो तक सरका दिया और साथ में अंडरवेर को भी नीचे कर दिया बबलू का लंड हवा में झटके खाने लगा बबलू रेणु की पीठ के हर इंच को चूम रहा था और चूमता हुआ नीचे की ओर आने लगा बबलू अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे होता जा रहा था रेणु की सिसकियाँ बदस्तूर जारी थी

बबलू चूमता हुआ रेणु की कमर तक आ गया बबलू ने अपने दोनो हाथों को रेणु की कमर पर रख दिया और पैंटी को दोनो साइड से पकड़ लिया जैसे ही रेणु को अहसास हुआ कि बबलू आगे क्या करने वाला है रेणु ने अपनी जांघे भींच ली पर तब तक देर हो चुकी थी रेणु की पैंटी थोड़ा सा सरक कर उसकी जाँघो पर आ चुकी थी बबलू फिर से खड़ा हो गया और अपने एक हाथ से रेणु के फेस को थोड़ा सा अपनी तरफ घुमा कर उसके गालों को चूमने लगा


बबलू:आइ लव यू जान तुम सच में आज अप्सरा लग रही हो बबलू ने अपनी टीशर्ट को एक पल में उतार कर नीचे फेंक दिया और रेणु से सट कर खड़ा हो गया अब रेणु की पीठ बबलू की नंगी छाती के साथ सटी हुई थी बबलू रेणु की नेक गालों और इयर्स को चूम रहा था और कभी मूँह में भर कर चूस लेता रेणु एक दम से कसमसा जाती

रेणु:अहह सीईईईईईईईईईईईईई उंह प्लेअसएसस्स्स्सस्स नाआअ कार्रर्र्र्रृिईईईईईई
ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
बबलू ने फिर से ब्रा के स्ट्रॅप्स को पकड़ा जो उसकी कोहनयों के पास लटक रहे थे और उन्हें रेणु के हाथ तक खींच दिया पर रेणु के हाथ ब्रा को थामे हुए थे बबलू उसे हाथों से निकालने की कोशिश करने लगा

बबलू:अब मान भी जाओ जान क्यों तड़पा रही हो

रेणु: प्लीज़ पहले लाइट ओफफफफफफफफफफफफ्फ़ कर दूऊऊऊ

बबलू को मालूम था कि रेणु इतनी जल्दी नही मानेगी बबलू अपने घुटनो को मोड़ कर थोड़ा सा झुक गया और एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर रेणु के चुतड़ों की दरार में रगड़ने लगा और एक उंगली को आगे करके रेणु की गान्ड के छेद को ढूँढ कर अपने लंड के सुपाडे को गान्ड के छेद पर टिका दिया रेणु के पूरे बदन में करेंट की लहर दौड़ गयी उसके बदन ने झटका लिया और रेणु ने अपना सर पीछे करके बबलू के कंधें पर रख दिया

रेणु:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह बब्लुउउउउउउउउउउउउ तूमम्म मुझीईईई पागलल्ल्ल कार्रर्र्र्ररर दूऊऊऊ गीईईई

बबलू: में भी तो तुम्हारे प्यार में पागल हो गया हूँ मेरी जान
और बबलू ने रेणु के दोनो हाथों को पकड़ कर ऊपर उठाना चालू कर दिया अब रेणु के हाथों में ज़रा भी ताक़त महसूस नही हो रही थी रेणु अपना बदन ढीला छोड़ चुकी थी बबलू ने मोके फ़ायदा उठाते हुए ब्रा को निकाल दिया ड्रेसिंग टेबल पर फेंक दिया और रेणु के हाथो को ऊपर करके अपने सर के पीछे ले गया रेणु ने बबलू के सर को दोनो हाथों से पकड़ लिया और बबलू के हाथ रेणु की चुचियों पर आ गये और दोनो चुचियों को पकड़ कर धीरे-2 मसलने लगा रेणु एक दम मस्त हो चुकी थी रेणु अब धीरे -2 अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेल रही थी उसकी पैंटी अभी भी उसकी जाँघो में फँसी हुई थी बबलू ने रेणु को अपनी तरफ घुमाया रेणु की आँखे बंद थी होंठ काँप रहे थी गाल एक दम लाल हो चुके थे उसका फेस जैसे दहक रहा हो बबलू ने उसे गोद में उठा लिया रेणु ने अपनी आँखें नही खोली पर उसके चहरे पर मुस्कान आ गयी बबलू उसे उठा कर बेड के पास आ गया और बेड पर लेटा दिया और बबलू उस पर झुक गया और रेणु के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा रेणु भी बबलू का पूरा साथ दे रही थी बबलू रेणु के ऊपर लेट चुका था और दोनो एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थी रेणु की बाहें बबलू की पीठ पर थी और रेणु अपने हाथों के नाख़ून से बबलू की पीठ को धीरे-2 कुरेद रही थी बबलू रेणु के होंठो को चूसना छोड़ कर नीचे आ गया और उसकी चुचियों को चूमने लगा रेणु की सिसकियाँ तेज होने लगी थी और फिर बबलू ने रेणु के लेफ्ट निपल को मूँह में ले लिया और चूसने लगा

रेणु;अहह बब्लुउउुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेईईईईईईईन्न्ननननणणन् मररर्र्र्ररर जाओंन्‍ननननणन्गीईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तूमम्म्मममम मुझीईईईई पागलल्ल्ल्ल्ल्ल सीईईईईईईईईईईईईईईईईई
ऊम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू और ज़ोर से रेणु के निपल को चूसने लगा रेणु एक दम मस्त हो चुकी थी बबलू ने एक हाथ नीचे लेजा कर रेणु की पैंटी को पकड़ कर नीचे करना शुरू कर दिया और पैंटी को निकाल दिया अब बबलू रेणु की जाँघो बीच बैठा हुआ था और रेणु के ऊपर झुक कर रेणु की चुचियों को चूस रहा था बबलू अपने दोनो हाथों से रेणु की चुचियों को दबा -2 कर मसल रहा था

रेणु एक दम मस्त हो चुकी थी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी नीचे बबलू का लंड खड़ा हो कर रेणु की चूत के ऊपर रगड़ खाने लगा रेणु अपनी चूत की फांकों पर बबलू के लंड के सुपाडे की रगड़ खाने से एक दम हिल गयी उसकी कमर झटके खाने लगी रेणु की चूत की फांके सिकुड़ने और फैलने लगी जैसे बबलू के लंड को अंदर खींचना चाहती हो रेणु के सबर का बाँध टूटा जा रहा था रेणु ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर बबलू के लंड को पकड़ लिया बबलू एक दम से हैरान रह गया रेणु ने बबलू के लंड की चमड़ी को पीछे करके सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा दिया और अपना हाथ वापिस खींच कर बबलू की कमर पर रख दिया

रेणु: लूऊ तुम्हारी दस्सीईई तुमहरीईए सामनेनणन्न् हाईईईईईईईई अपनी दस्सि के प्यास बुझा दूओ

बबलू ने रेणु की एक टाँग को घुटने से पकड़ कर मोड़ दिया और अपने हाथ से लंड को पकड़ कर धक्का मारा लंड का सुपाडा रेणु की चूत में समा गया रेणु का बदन दर्द के मारे ऐंठने लगा

बबलू;क्या हुआ दर्द हो रहा है

रेणु;जीईईई हान्न्न पर्र्ररर मुझीई इस दर्द की कोई परवाह नहिी हाईईईईईई तुम्हारी दस्सि ये दर्द खुशी-2 सहन कर लेगी
फिर रेणु ने वो किया जिसकी बबलू को ज़रा भी उम्मीद नही थी रेणु ने अपनी टाँगों को मोड़ कर बबलू की कमर पर रख दिया और बबलू की कमर को हाथों से पकड़
कर अपनी चूत को ऊपर की तरफ उछाला आधा लंड रेणु की चूत के अंदर चला गया

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बब्लुउउउ मेंन्न्न् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रेणु के चूतड़ धीरे-2 नीचे वापिस अपनी जगह पर आ गये लंड चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ 1 इंच बाहर आ गया रेणु ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया और पूरी ताक़त के साथ अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत को फिर से ऊपर की तरफ उछाला इस बार पूरा का पूरा लंड रेणु की चूत की सन्करि दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया रेणु के चहरे पर दर्द सॉफ झलक रहा था लंड अंदर जाते हुए उसके होंठो पर मुस्कान आ गयी जैसे उसने कोई जंग जीत ली हो रेणु की गान्ड धीरे-2 नीचे आने लगी और बिस्तर पर आ कर टिक गयी बबलू का आधा लंड फिर से दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आ गया बबलू ने अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का दिया लंड फिर से चूत में जाकर रेणु की बच्चेदानी से जा टकराया

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू : दर्द तो नही हो रहा

रेणु; हो रहा हाई पर अब बहुत कम हो रहा है

बबलू ने धीरे-2 अपने लंड को रेणु की चूत के अंदर बाहर करना चालू कर दिया रेणु को हल्का-2 दर्द बहुत अच्छा लग रहा था बबलू उसके ऊपर झुक कर उसकी एक चुचि को चूसने लगा और दूसरी चुचि को हाथ से मसल्ने लगा रेणु का दर्द कुछ ही पॅलो में ख़तम हो गया अब रेणु की सिसकियाँ बढ़ने लगी थी बबलू का लंड रेणु की चूत के पानी से एक दम भीग चुका था लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा रेणु के हाथ बबलू के बालों को सहला रहे थे रेणु भी नीचे से अपनी कमर उचकाने लगी बबलू रेणु के निपल्स को लगातार चूसे जा रहा था उसके निपल तन कर आधे इंच के हो गये थे बबलू साथ में रेणु की कठोर चुचियों को मसल -2 कर नरम कर रहा था

रेणु:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बबलू ओह जानुउऊुुुउउ आइ लव यू लव यू वेरी मच अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हन्ंनणणन् में अब तुम्हारे बिना एक पल भी नही रह सकती अहह और चोदो अपनी इस दासी को आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज से रेणु हमेशा के लिए तुम्हारी हाईईईईईईई

बबलू: मेंन्ननणणन् भी तुम्हारा हुन्न्ञणणन् और मेरा लंड भीईए तुम्हरा हाईईईईईईई मेरे जाआअन्न
बबलू ने रेणु की चूत से लंड निकल लिया और अपने हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा रेणु ने अपनी आँखें खोली और बबलू की तरफ देखा बबलू नीचे पीठ के बल लेट चुका था

रेणु:क्या हुआ जानू

बबलू: कुछ नही चल आजा में तुम्हें घोड़े की सवारी करना सिखाता हूँ

रेणु:वो कैसे

बबलू; बस तुम देखती जाओ कितना मज़ा आता है

उसने रेणु को अपने ऊपर खींच लिया और अपने लंड के सुपाडे को रेणु की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु धीरे-2 लंड पर बैठने लगी और कुछ ही पलों में बबलू का लंड रेणु की चूत के अंदर समा गया बबलू ने रेणु के हाथों को पकड़ कर अपनी चेस्ट पर रख लिया और अपने हाथों से रेणु की गान्ड को पकड़ ऊपर की ओर करने लगा रेणु बबलू का इशारा समझ गयी आधे से ज़्यादा लंड चूत से बाहर आ गया बबलू ने फिर से रेणु को नीचे की तरफ खींचा लंड फिर से चूत में समा गया रेणु के होंठो पर वासना से भरी मुस्कान आ गयी और धीरे-2 अपनी गान्ड को बबलू के लंड के ऊपर नीचे करने लगी रेणु मस्ती के सागर में गोते खानी लगी

रेणु:अहह बबलू बहुत मज़ा आ रहा है सच में तुम बहुत स्मार्ट हूओ अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाईईईईईईईई मेंन्ननणणन् मररर्र्र्र्र्ररर गइई

और रेणु बबलू के ऊपर लूड़क गयी लेकिन रेणु अभी भी कमर को ऊपर नीचे उछल कर बबलू का लंड अपनी चूत के अंदर बाहर ले रही थी लंड चूत के पानी से भीग चुका था और अब पूरे रूम में फतच-2 की आवाज़ गूंजने लगी थी बबलू के हाथ रेणु के चुतड़ों पर थे रेणु ने एक हाथ पीछे ले जाकर बबलू के हाथ को पकड़ कर आगे अपनी चुचियों पर रख दिया

रेणु;उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईई जाअंन मेरे बूब्स को पकड़ कर मस्लो ना अह्ह्ह्ह्ह्ह और मेरे होंठो को चूसो मेरे होंठो की लाली को और लाल कर दूऊऊऊओ

और रेणु ने अपने होंठो को बबलू के होंठो पर रख दिया बबलू ने रेणु के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और रेणु की चुचियों के निपल्स को हाथों की उंगलियों में लेकर मसलने लगा रेणु ने अपनी कमर को तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया रेणु की गान्ड बबलू की जाँघो से टकराने लगी और थप-2 की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी रेणु ने अपने होंठो को बबलू के होंठो से हटाया और तेज़ी से साँस लेते हुए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी

रेणु: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बबलू मेंन्नननणणन् झदेन्ंननननणणन् वाली हुन्न्ञनणणन् ओह बहुत मज़ा आ रहा है मेरे जाआं अहह मेंन्णणन् गइईईईई
और रेणु बबलू के ऊपर गिर कर हाँफने लगी बबलू ने अपनी कमर को दो चार बार ऊपर की तरफ उछाला और रेणु की चूत में अपने वीर्य की बोछार कर दी रेणु फिर से बबलू के होंठो को किस करने लगी कुछ देर बबलू के ऊपर रहने के बाद रेणु पलट कर बिस्तर पर लेट गयी दोनो एक दूसरे की तरफ करवट लेकर लेट गये दोनो एक दूसरे की बाहों में समाए हुए थे दोनो कुछ देर एक दूसरे के बदन को सहलाते रहे एक दूसरे के होंठो को किस करते रहे दोनो दिन भर के थके हुए थे और दोनो एक दूसरे की बाहों में समाए हुए सो गए

रात करीब 1 बजे रेणु की नींद टूटी तो उसने अपने आप को देखा रेणु एक दम नंगी बिना कपड़ों के लेटे हुई थी उसकी जाँघो पे और चूत की फांकों पर उसका और बबलू का काम रस लगा हुआ था रेणु अपने आप को इस हालत में देख कर शरमाने लगी उसे बेड पर देखा बबलू वहाँ पर नही था अंदर बाथरूम से कुछ आवाज़ आ रही थी थोड़ी देर बाद बबलू बाहर आया वो भी बिल्कुल नंगा था उसका लंड एक दम तना हुआ था जो उसके चलने से इधर उधर हिल रहा था रेणु ने बबलू को देखा तो उसने शरमा कर आँखें बंद कर ली बबलू के होंठो पर मुस्कान आ गयी बबलू बेड पर आ गया और रेणु के ऊपर झुक गया

बबलू;क्या हुआ मुझे देख कर आँखें क्यों बंद कर ली

रेणु: मुझे शरम आती है

बबलू रेणु के ऊपर लेट गया और अपनी टाँगों से रेणु की टाँगों को फैला कर अपनी टाँगों को रेणु की टाँगों के बीच में कर लिया और झुक कर रेणु के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा रेणु ने आँखें बंद किए ही अपने होंठो को खोल लिया और बबलू ने अपनी जीभ को रेणु के मूँह मे धकेल दिया रेणु बबलू की जीभ को चूसने लगी कुछ देर रेणु के होंठो को चूसने के बाद बबलू धीरे-2 नीचे आने लगा बबलू रेणु के बदन की हर इंच को चूमता हुआ नीचे आ रहा था रेणु का बदन वासना के मारे काँप रहा था बबलू ने दोनो हाथों से रेणु की चुचियों को पकड़ कर उसके निपल्स को चूसने लगा रेणु मस्ती में फिर सी अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी कुछ देर रेणु की चुचियों को चूसने के बाद बबलू नीचे आने लगा और उसकी नाभि में अपनी ज़ुबान डाल कर चाटने लगा रेणु जल बिन मछली की तरह छटपटाने लगी

रेणु:ओह्ह्ह बब्लुउउउउ क्या कर रहीईई हो उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रेणु ने अपने हाथों से बबलू के बालों को पकड़ रखा था बबलू अपनी जीभ को रेणु के नाभि पर गोल-2 घुमा कर चाट रहा था रेणु की मस्ती का कोई ठिकाना नही था धीरे-2 बबलू रेणु की कमर से नीचे होने लगा रेणु के पूरे बदन में सिरहन दौड़ गयी उसने अपनी जाँघो को भींच लिया

रेणु:नहियीईईई जानंनन्णनिउ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तुम सच मेंन्न्न् मुझे पागलल्ल्ल ओह और बबलू ने रेणु की चूत के दाने (क्लिट ) को अपनी झीभ से चाटना चालू कर दिया रेणु का पूरा बदन झंझणा उठा उसके मुँह से एक ज़ोर से सिसकारी निकल कर पूरे कमरे में गूँज गयी

रेणु:ओह अहह अहह बाअ नहियीईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

और बबलू ने अपने दोनो हाथों से एक झटके में रेणु के दोनो टाँगों को फैला दिया और रेणु की चूत की भगनासा को मूँह में लेकर चूसने लगा उसका पूरा बदन मस्ती में काँपने लगा रेणु के कमर झटके खाने लगी

रेणु:ऊऊऊहह बब्ब्ब्ब्बबब नहियीईईई ओह मेंन्ननननननननननणणन् अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रेणु की कमर खुद ब खुद ऐसे झटके खाने लगी जैसे वो अपनी छूट को बबलू के होंठो पर रगड़ रही हो उसकी चूत से पानी बह कर बबलू के होंठो तक आने लगा बबलू ने रेणु की जाँघो को मोड़ कर ऊपर कर दिया जिससे रेणु की चूत और ऊपर हो गयी बबलू ने अपने होंठो को रेणु की चूत से हटाया और अपने हाथों से रेणु की चूत के फांकों को फैला कर खोल दिया अब रेणु की चूत का गुलाबी छेद बबलू की आँखों सामने था जो रेणु के काम रस से भीगा हुआ था उसकी चूत का छेद सिकुड और फैल रहा था बबलू ने अपनी जीभ को बाहर निकाल कर चूत के छेद को चाटना शुरू कर दिया रेणु फिर से मस्ती भरी आहहें भरने लगी उसने अपने हाथों को ऊपर करके तकिये को कस के पकड़ लिया और अपने होंठो को अपने दाँतों में दबा लिया मस्ती में उसकी कमर फिर से उचकाने लगी


रेणु:बुसस्स्स्स्सस्स करूऊऊऊओ जनन्न ओहह मुझीईईईईई अहह प्लेअसएसस्स्स्स्स्स्सस्स बुसस्स्स्स्सस्स करूऊऊऊओ

बबलू सीधा हो कर घुटनो के बल बैठ गया और अपने हाथों को रेणु के आगे फैला दिया रेणु ने अपने हाथों को बबलू के हाथों में दे दिया बबलू ने रेणु के हाथों को पकड़ कर उसे खींच कर बिठा दिया और खुद बेड पर खड़ा हो गया और एक हाथ रेणु के सर के पीछे गर्दन पर रख कर उसके होंठो की तरफ अपना तना हुआ लंड बढ़ा दिया रेणु ने अपनी आँखें खोली जो ठीक से खुल नही पा रही थी बबलू एक हाथ से अपने लंड को थामें आगे पीछे कर रहा था रेणु ने बबलू की आँखों मे देखा

रेणु की आँखों में वासना और प्यार दोनो की लाली रेणु की हालत बयान कर रही थी रेणु अब बबलू को किसी भी काम के लिए मना नही करना चाहती थी रेणु ने बबलू के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया बबलू ने अपना हाथ लंड से हटा दिया और रेणु ने धीरे- 2 लंड को आगे पीछे करना चालू कर दिया फिर आँखें बंद करके अपने होंठो और मुँह को खोल कर बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में ले लाया और अपने होंठो को बबलू के लंड के सुपाडे पे कस लिया और बबलू के लंड को चूसने लगी रेणु के होंठो का दबाव बबलू के लंड के सुपाडा पर बढ़ता जा रहा था बबलू के लंड का सुपाडा अब रेणु के मुँह के अंदर बाहर होने लगा था रेणु अपनी जीबे से बबलू के लंड के पेशाब वाले छेद को कुरेदने लगी बबलू भी मस्ती से भर चुका था उसे उम्मीद नही थी कि रेणु इतनी जल्दी उसका लंड चूसने के लिए मान जाएगी अब रेणु ज़्यादा से ज़्यादा बबलू के लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी लंड चूसने से पुत्च-2 की आवाज़ रेणु के मूँह से हो रही थी जो बबलू को और उतेज़ित कर रही थी

रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और कुछ पलों के लिए हाथ से हिलाया रेणु अपनी नशीली आँखों से बबलू की ओर देख रही थी रेणु अपनी जीभ को बाहर निकाला और बबलू के लंड के सुपाडे को चाटने लगी लंड के सुपाडे को चाटते हुए वो धीरे बबलू के लंड के हर हिस्से को चाटती हुई उसके अंडकोष पर आ गयी और उसकी गोलाईयों को हाथ में लेकर अपने मूँह में ले लिया और चूसने लगी बबलू रेणु के इस रूम को पहली बार देख रहा था रेणु ने फिर से बबलू के लंड को मुँह में लेलिया और चूसना चालू कर दिया बबलू ने रेणु के फेस को पकड़ कर पीछे किया लंड बाहर आ कर झटके खाने लगा फिर बबलू ने रेणु को उल्टा कर दिया और उसे डॉगी स्टाइल में बेड पर बैठा दिया और खुद घुटनो को बल बैठ कर झुक कर पीछे से रेणु की चूत को चाटने लगा रेणु फिर से मस्ती में अहह ओह करने लगी बबलू सीधा घुटनो के बल बैठ गया और अपने लंड के सुपाडे को रेणु की चूत के छेद पर टिका कर अपनी कमर को ज़ोर से आगे की तरफ हिलाया आधा लंड रेणु की चूत में समा गया

रेणु:अहह धीरीईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू ने रेणु के चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया और फिर से अपना थोड़ा सा लंड बाहर खींच कर पूरी ताक़त से वापिस पेल दिया लंड चूत के द्वारों को फैलाता हुआ सीधा अंदर घुस गया और अंदर बच्चेदानी से जा टकराया रेणु का पूरा बदन हिल गया

रेणु:अहह जान्नूऊऊुुउउ हन्ंनणणन् भरर्र्र्ररर दो मेरी बच्चेदानी को अपनीईई पानी सीईई अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू ने रेणु की कमर को पकड़ कर अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया लंड अंदर बाहर होने लगा रेणु मस्ती से इस कदर भर चुकी थी कि उसकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी थी रेणु को ये अहसास भी था कि उसकी मदहोशी भरी आवाज़ें बाहर ना जाए लंड चूत के दीवारों पर रगड़ ख़ाता तो रेणु मस्ती से सरोबार हो जाती उसका बदन झटके खाने लगता रेणु आगे से नीचे की ओर झुक गयी और उसने बेड शीट को अपने दाँतों में भींच लिया और अपनी जाँघो को फैला कर बबलू के लंड को चूत में लेने लगी रेणु इस कदर गरम हो चुकी थी कि उसने अपनी गान्ड को बबलू के लंड पर पीछे की तरफ़ धकेल -2 कर बबलू का लंड अंदर लेने लगी

रेणु;अहह बब्लुउउुुुुुुउउ में बता नाहहिईीईईईईई सकती मुझे कितना मजाआाअ आ रहा हाईईईईईईई में सारी रात अपनी चूत में तुम्हारा लंड ले सकती हूँ

बबलू:लगता हाईईईईईईईई तुम्हारी चूत्त में आज आग लगी हुई है

रेणु;हााआआं ईईए बात भीईई है पर्र्र्र्ररर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ बबलू

बबलू अपनी कमर हिला-2 कर रेणु को चोदने लगा रेणु मस्ती से भर चुकी थी बबलू ने अपना लंड रेणु की चूत से निकाला और रेणु को सीधा लेटा दिया और उसकी टाँगों को पकड़ कर अपने कंधों पर रख दिया और अपने लंड को रेणु की चूत पर लगा कर अपनी कमर को हिलाया लंड फिर से रेणु की चूत में समा गया और बबलू लंड को अंदर बाहर करने लगा

रेणु भी मस्ती में आ कर अपनी गान्ड को ऊपर की ओर उछालने लगी रेणु की चूत जैसे काम रस के रूप में आग उगल रही थी

रेणु:अहह बब्लुउउुुुुउउ में झदेन्ंणणन् वाली हुन्न्ञननननणणन् ओह और जोर्र्र्रर से चोदूओ अहह पूरा अंदर डलों ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और रेणु की चूत ने अपने काम रस से बबलू के लंड को भिगो दिया बदले में बबलू का लंड भी रेणु की चूत में अपने वीर्य की बौछार करने लगा रेणु ने अपनी चूत को ऊपर की ओर उठा लिया

रेणु:अहह बबलू अपनईए काम रस्स्सस्स से मेरे बच्चे दानी को भर दो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मुझे जल्द से जल्द तुम्हारे बच्चे की माँ बनना हाईईईई

बबलू रेणु के ऊपर लूड़क गया

बबलू:क्या अभी हमारी उमर ही क्या है कुछ साल तो मज़े लूटने दो

रेणु:जैसा आप का हुकम आप की दासी आप की सेवा में हमेशा रहे गी

बबलू का लंड सिकुड कर रेणु की चूत से बाहर आ गया बबलू रेणु के ऊपर लेटा हुआ था रेणु ने अपनी टाँगों को अभी भी बबलू की कमर पे लपेट रखा था बबलू के फेस के नीचे रेणु की चुचियों दबी हुई थी बबलू कुछ देर सोचने लगा रेणु ने उसके बालों में अपनी उंगलियों को घुमाते हुए पूछा

रेणु:क्या सोच रहे हो आप

बबलू:तुम्हे याद है ना जब तुम्हें मेरे और तुम्हारी माँ के बारे में पता चला था हमारे बीच किया समझौता हुआ था

रेणु:हां जानती हूँ पर क्या तुम भी माँ के साथ संबंध रखना चाहते हो

बबलू:बात वो नही है रेणु अगर मैं उनसे किया वादा भूल गया तो वो समझेंगी कि हमने अपना मतलब निकल जाने पर उनसे मूँह मोड़ लिया

रेणु: में भी यही चाहती हूँ कि माँ भी खुश रहे चाहे उसके लिए मुझे अपने प्यार को भी बाँटना पड़े तुम्हारी और माँ की खातिर में ये भी कर लूँगी

बबलू के होंठों पर मुस्कान आ गयी उसे अपनी किस्मत पर यकीन नही हो रहा था उसने रेणु के होंठो को चूम लिया

बबलू: अगर इतना सब कुछ कर रही हो तो मेरे लिए एक काम और कर दो

रेणु:आप बस हुकम करो आप की दासी आपका हर हुकम मानने के लिए तैयार है

बबलू: में चाहता हूँ कि हम तीनो में कोई परदा ना हो हम तीनो एक ही बिस्तर पर सोएँ जैसे अब जिस हालत में हैं वैसे

रेणु: नही ये मुझ से नही हो गा मुझे शरम आती है और माँ के सामने नही-2

बबलू:अभी तो कह रही थी कि मेरी हर बात को हुकम समझ कर मानोगी क्या मेरे लिए इतना भी नही कर सकती

रेणु:मुझे समझ में नही आ रहा कि ये में कर पाउन्गी कि नही

बबलू:अच्छा ठीक है वो चोदो बस सुबह का इंतजार करो तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है

दोनो एक दूसरे की बाहों में समा के सो गये बबलू के दिमाग़ में क्या चल रहा थे ये सिर्फ़ बबलू ही जानता है

सुबह 4 बज रहे बबलू बेड से उठा और रेणु की तरफ देखा जो बिल्कुल नंगी बेड पर लेटी हुई थी बबलू के होंठो पर मुस्कान आ गयी बबलू उसने धीरे से डोर को खोला और बाहर आ गया बबलू भी एक दम नंगा था उसका लंड उसके चलने के कारण इधर उधर हिल रहा था बबलू शोभा के रूम के पास आ गया और डोर नॉक किया शोभा जो सो रही थी आवाज़ सुन कर उठ गयी और बेड से नीचे उतर कर डोर के पास आकर डोर खोला जैसे ही शोभा ने डोर खोला तो सामने बबलू को नग्न देख कर शोभा के सांसी रुक गयी

शोभा: हड़बड़ाते हुए)तुम यहाँ इस वक़्त और इस हालत में कर रहे हो जाओ यहाँ से रेणु क्या सोचेगी

बबलू शोबा को पीछे धकेल कर अंदर आ गया और डोर बंद कर दिया

बबलू:कुछ नही सोचेगी वो सो रही है

और बबलू ने शोभा को अपनी तरफ खींच कर अपनी बाहों में भर लिया शोभा के होंठो पर मुस्कान आ गयी पर शोभा नाटक करते हुए बोली
शोभा:अर्रे नही तुम जाओ यहाँ से मुझे सोने दो

बबलू;अब सोने का वक़्त नही है जाने मन
और बबलू ने शोभा के होंठो को अपने होंठो में ले लिया और चूसने लगा थोड़ी छटपटाहट के बाद शोभा ढीली पड़ गयी बबलू ने अपने होंठो को शोभा के होंठो से हटाया और अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा के पेटिकॉट का नाडा खोल दिया पेटिकॉट शोभा की कमर से सरक कर नीचे आ गिरा बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा की चूत के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा

शोभा:ओह बब्लुउउउ तुम नहियीईई जानतीईईई में तुम्हारी लिए कितना तडपी हूँ पीछले 5 महीने में कैसे बिताए है मुझे ही पता हाईईईईई

बबलू शोभा की चुचियों को ब्लाउस के ऊपर से मूआं में भर कर चूसने लगा शोभा के होंठो पर कामुक मुस्कान आ गयी उसका बदन भी गरम हो गया शोभा ने अपने हाथों से अपने ब्लाउस के हुक्स खोल दिए और ब्लाउस को निकाल कर फेंक दिया शोभा की चुचियाँ अब छोटी सी ब्रा में क़ैद थी बबलू ने बिना किसी देर किए अपने हाथों को पीछे ले जाकर शोभा के ब्रा के हुक्स को खोल दिया और ब्रा निकाल कर फेंक दी और शोभा की चुचियों को मूँह में भर कर चूसने लगा शोभा अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह करने लगी बबलू ने शोभा को बेड पे लेटा दिया और उसकी जाँघो को घुटनों से मोड़ कर फैला दिया शोभा की चूत का छेद ऊपर की ओर हो गया शोभा की चूत का छेद मानो जैसे बबलू के लंड का इंतजार कर रहा हो उसकी चूत का छेद सिकुड और फैल रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया

शोभा:अहह बब्लुउउुुुुुुुुुउउ उंह बबलू तुम्हारे लंड का अहसास मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जल्दी से घुसा दो अब मुझे रहा नही जा रहा

बबलू ने अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया और शोभा की चूत के छेद पर रगड़ने लगा

शोभा:अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बब्लुउउुुुउउ बहुत मज़ा आ रहा हाईईईईई ओह जल्दी करो नाआअ

बबलू शोभा की बात को अनसुना करते हुए अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर रगड रहा था शोभा की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया

शोभा:क्योंन्नणणन् तडपा रहीईए हूऊओ इश्स प्यसीईईईई चूत्त्त्त्त्त्त को कब से तरस रही तुम्हारे लंड को अंदर लेने के लिए आब्ब्ब्ब और ना तडपाओ

बबलू ने झुक कर शोभा के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसा और फिर सीधा होकर बैठ गया
बबलू; इतनी जल्दी भी क्या है मेरी रानी तुम्हे तो सारी जिंदगी चोदुन्गा पर अब तुम्हे मेरे बात माननी पड़ेगी

शोभा: इससस्स समीईए तो ब्स्स्स मेरी चूत्त्त की अग को अपने कामरस से ठंडा तो कर दो

बबलू: अगर मेरा लंड चाहिए तो तुम्हें अभी रेणु के सामने चुदना होगा नही तो में तुम्हें कभी नही चोदुन्गा

शोभा:तुम क्या कह रहे हो अभी नही में रेणु के सामने नही कर सकती

बबलू खड़ा हो गया और शोभा के हाथ को पकड़ कर अपने सर पर रखते हुए तुम्हें मेरी कसम हैं जैसे मेंने अपनी कसम को निभाया है अब तुम्हारी और रेणु की बारी है में उसे लाने जा रहा हूँ तुम बस यूँ ही लेटी रहो और हां कपड़े मत पहन लेना नही तो मुझे हमेशा के लिए खो दोगी

शोभा;बबलू प्लीज़ ऐसे ना करो में शरम के मारे मर जाउन्गी
 

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UPDATE: 36

बबलू मुस्कराता हुआ बाहर निकल गया शोभा के दिल ने ज़ोर-2 से धड़कना शुरू कर दिया उसे समझ नही आ रहा था कि वो अब क्या करे वो कैसे रेणु का सामना कर पाएगी

बबलू वापिस अपने रूम में आ चुका था और वो बेड के पास आ गया और बेड पर बैठ गया रेणु अब भी सो रही थी बबलू ने अपना एक हाथ रेणु के चुचि पर रख दिया और उसे धीरे-2 मसलने लगा रेणु के नींद टूट गयी बबलू को अपने ऊपर झुकी हुए देख रेणु मुस्कराने लगी

रेणु:क्या बार है नींद नही आ रही

बबलू ने झुक कर रेणु के होंठो को अपने होंठो में ले लिया बदले में रेणु ने भी अपने होंठो को खोल लिया और अपनी बाहों को बबलू की पीठ पर कस लिया बबलू ने अपने होंठ हटाए और अपना एक हाथ को रेणु की टाँगों से नीचे ले जाकर रेणु को अपनी गोद में उठा कर खड़ा हो गया

रेणु:मुस्कुराते हुए) इस वक़्त उठा कर कहाँ ले जा रहे हो

बबलू: अपनी सास के कमरे में

रेणु;क्या नीचे उतारो मुझे प्लीज़ छोड़ो

बबलू: पर तुम ने ही तो कहा था और ये मेरा सर्प्राइज़ है तुम्हारे लिए

रेणु:प्लीज़ में इस हालत में माँ के सामने नही जा सकती मुझे नीचे उतारो

बबलू रेणु के बात को अनसुना करते हुए रेणु को उठाए हुए कमरे से बाहर आ गया और शोभा के रूम के तरफ बढ़ने लगा

रेणु;प्लीज़ जानुउऊ मान जाओ नाआ में तो मररर्ररर हीईई जाउन्गी

कुछ ही पलों में बबलू रेणु को उठाए हुए शोभा के रूम के बाहर खड़ा था अंदर शोभा की हालत भी रेणु जैसे ही थी वो बेड पर बिना किसी कपड़ों के लेटी हुई थी बाहर आहट सुन कर शोभा के दिल ने धड़कना बंद कर दिया और शोभा की साँसें थाम गये शोभा जल्दी से बेड पर करवट के बल लेट गयी और अपना फेस नीचे की ओर करके बेड शीट से सटा लिया डोर खुलने की आवाज़ से शोभा का दिल मानो जैसे थम गया हो रेणु ने अपने चहरे को बबलू की चेस्ट में छुपा लिया था बबलू रेणु को उठाए हुए अंदर आ गया और रेणु को बेड पर शोभा के बगल में लेटा दिया रेणु अपनी आँखें बंद की हुई थी बबलू बेड पर चढ़ कर रेणु के ऊपर लेट गया और उसके होंठो को चूसने लगा रेणु अपने हाथों से अपनी चुचियों को छुपाई हुई थी शोभा की पीठ उन दोनो की तरफ थी बबलू ने एक हाथ आगे बढ़ा कर शोभा की गान्ड पर रख दिया शोभा का पूरा बदन हिल गया

बबलू धीरे -2 अपनी उंगलियों को शोभा की गान्ड के दरार में रगड़ने लगा शोभा ने अपनी गान्ड को सिकोड लिया पर बबलू अपनी एक उंगली से शोभा की गान्ड के छेद को कुरेदने लगा रेणु के हाथों को उसकी चुचियों से हटा कर उसकी एक चुचि को मूँह में लेकर चूसने लगा रेणु ने अपने आप पर काबू रखने की पूरी कोशिश की पर उसके मूँह से अहह निकल ही गयी
उधर अपनी बेटी की मस्ती भरी आवाज़ सुन कर शोभा की चूत भी खुजलाने लगी बबलू ज़ोर से रेणु के एक निपल को चूस रहा था और हाथ से शोभा की गान्ड के छेद को रगड़ रहा था रेणु ने हिम्मत जुटा कर अपनी आँखें खोली और शोभा की तरफ देखा शोभा की नंगी पीठ और गान्ड देख रेणु पूरी तरह से हिल गयी रेणु ने देखा बबलू अपने हाथ से उसकी माँ की गान्ड की दरार में सहला रहा है रेणु ये सब एक टक देखे जा रही थी बबलू उठ कर घुटनों को बल बैठ गया और रेणु को भी खींच कर बैठा दिया फिर बबलू ने शोभा को कमर में हाथ डाल कर सीधा करने लगा पर शोभा अपनी पूरी ताक़त से सीधा होने से बचने की कोशिश कर रही थी पर आख़िर कार बबलू ने उसे सीधा कर ही दिया शोभा ने अपने हाथों से अपनी चुचियों को ढक लिया रेणु आँखें फाडे अपनी माँ के भरे पूरे बदन को देख रही थी उसकी बड़ी-2 चुचियों से रेणु की आँखें हट नही रही थी जबकि शोभा ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी बबलू शोभा की जाँघो को फैला कर बीच में बैठ गया और रेणु को अपनी तरफ खींचते हुए बोला

बबलू;आज में तुम्हें वो छेद दिखाता हूँ यहाँ से तुम इस जहाँ में आई थी बबलू ने शोभा की जाँघो को घुटनों से मोड़ कर ऊपर की ओर उठा दिया जिससे शोभा की चूत रेणु और बबलू की आँखों के सामने आ गयी

शोभा:नहियीईईईईई बबलू
और शोभा ने अपने हाथो एक हाथ को अपनी चुचियों से हटा कर अपनी चूत के ऊपर रख लिया बबलू ने शोभा के हाथ को पकड़ कर झटक दिया

बबलू:आररीए सासू जी अगर आप ही ऐसे शरमाएँगी तो कैसे चलेगा आज नही तो कल ये होना ही है

बबलू रेणु के हाथ को पकड़ शोभा की चूत की तरफ बढ़ाने लगा
रेणु: घुटि हुई आवाज़ में)नही बब्लुउउुउउ
पर बबलू कहाँ मानने वाला था बबलू ने रेणु के हाथ को शोभा की चूत के छेद पर रख दिया शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली बबलू अपने हाथ से रेणु के हाथ को पकड़ कर शोभा की चूत को मसलने लगा शोभा अपनी आवाज़ और सिसकारियों को दबाने के पूरी कोशिश कर रही थी रेणु बबलू के बिल्कुल बगल में बैठी हुई थी

बबलू:अगर तुम दोनो मुझे प्यार करती हो तो जो में कहता हूँ बस मानती जाओ रेणु अपने दोनो हाथ से शोभा की चूत की फांकों को फैला दो मेरा लंड शोभा की चूत में जाने के लिए मचल रहा है
रेणु बबलू की ओर हैरानी से देखने लगी बबलू शोभा को उसके नाम से ऐसे बुला रहा था जैसे वो उसकी ही पत्नी हो रेणु वैसे ही बिना हिले घुटनो के बल बैठी रही बबलू ने अपना एक हाथ रेणु के पीछे ले जाकर रेणु के नरम चुतड़ों पर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगा रेणु की गान्ड उसकी पिंडलयों से सटी हुई थी बबलू ने गान्ड के नीचे हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया रेणु ने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपर उठा लिया जिसका फ़ायदा उठाते बबलू ने अपने हाथ को आगे लेजा कर रेणु की चूत में अपनी एक उंगली को घुस दिया और अंदर बाहर करने लगा रेणु भी गरम होने लगी रेणु ने आगे झुक कर अपने हाथों से शोभा की चूत की फांकों को फैला दिया रेणु अपनी साँसें थामे शोभा की चूत को देख रही थी जो उसे अपनी चूत से बिल्कुल अलग नज़र आ रही थी


शोभा की चूत की फाँकें ज़्यादा बड़ी और लटकी हुई थी उसकी चूत का छेद रेणु की चूत के छेद से काफ़ी खुला हुआ था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे पर थूक लगा कर अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद के पास टिका दिया शोभा ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रखा था बबलू ने अपनी कमर को पूरी ताक़त से आगे की तरफ धक्केल दिया लंड चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया शोभा के मूँह से घुटि हुई अह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गइई बबलू ने आगे झुक कर शोभा के हाथों को उसकी चुचियों से हटा दिया और शोभा की जाँघो को पकड़ कर धना धन शॉट लगाने लगा और अपने एक हाथ से रेणु की चूत में उंगली को अंदर बाहर करने लगा बबलू ने एक ज़ोर का झटका मारा लंड ठप की आवाज़ के साथ शोभा की चूत में जड तक घुस गया रेणु अपने आँखें फाडे देख रही थी बबलू ने एका एक रेणु को आगे करके शोभा के ऊपर झुका दिया और रेणु की एक टाँग उठा कर शोभा के ऊपर से दूसरी तरफ रख दी अब रेणु शोभा के ऊपर डॉगी स्टाइल में आ गयी थी नीचे शोभा लेटी हुई थी रेणु उसके ऊपर दोनो तरफ पैर करके घुटनों के बल झुकी हुई थी

रेणु:नहियीईईईईईईई ईईई क्या कार्ररर रही हो

बबलू ने बिना कुछ बोले शोभा की चूत से लंड निकाल लिया और थोड़ा सा ऊपर होकर रेणु की चूत पर अपने लंड के सुपाडे रगड़ने लगा शोभा अपनी आँखे बंद किए हुए थी उसे ये तो पता था कि रेणु अब उसके ऊपर है पर उसे पता नही था कि बबलू क्या कर रहा है रेणु अपनी चूत पर बबलू के लंड रगड़ने से गरम होने लगी थी

रेणु;अहह बब्लुउउुुुुुुुउउ क्या कर रहीईई हूऊऊ ओह मररर्र्ररर गीईईईई
बबलू ने एक ही झटके में रेणु की चूत में अपना पूरा का पूरा लंड पेल दिया था और रेणु की कमर पकड़ कर अपने लंड को अंदर बाहर करके चोदे जा रहा था शोभा ने अपनी आँखों को थोड़ा सा खोला और देखा रेणु उसपर झुकी हुई थी उसकी 36 साइज़ की चुचियाँ आगे पीछे उसके चहरे के ऊपर 1 इंच के दूरी पर हिल रही थी नीचे बबलू की जांघे रेणु के चुतड़ों पर चोट कर रही थी शोभा अपनी बेटी को ऐसी हालत में देख कर गरम होने लगी थी उसने अपनी जिंदगी में कल्पना भी नही की थी वो ऐसे भी अपनी बेटी को इतने करीब से चुदते हुए देखे गी बबलू ने अपने दोनो हाथों को रेणु के कंधों पर रख कर रेणु को शोभा के ऊपर झुकाने लगा रेणु अपनी चूत को अपनी जांघे खोल कर चुदवा रही थी रेणु की चुचियाँ शोभा की चुचियों पर रगड़ खाने लगी रेणु के तने हुए निपल्स शोभा के निपल्स से बार-2 रगड़ खा रहे थे कुछ ही पलों में रेणु की चुचियाँ शोभा की बड़ी-2 चुचियों में धँस गयी रेणु भी गरम हो चुकी थी


बबलू: देखो शोभा तुम्हारी बेटी कैसे तुम्हारी चुचियों से चिपकी हुई है इसे अपनी बाहों में भर कर प्यार करो

शोभा बिना कुछ बोले अपने आँखें बंद किए लेटी रही बबलू अपनी पूरी ताक़त से रेणु की चूत में लंड पेल कर चोदने लगा

रेणु अहह ओह सीईईईईईईईईईईई करने लगी बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा की चूत के भगनासे (क्लिट ) को अपनी उंगलियों से मसलना चालू कर दिया शोभा के बदन में मानो जैसे करेंट दौड़ गया हो

शोभा:ओाहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहियीईईईईईई मात्त्ततत्त कारूव

बबलू:चुप साली अब क्यों नखरे कर रही है चल अब अपनी बेटी को अपनी बाहों में लेकर उसकी चुचियों को चूसना चालू कर अब शोभा भी पूरी गरम हो चुकी थी ना चाहते हुए भी उसने रेणु को अपनी बाहों में भर लिए बबलू ने रेणु की चूत से लंड निकाला रेणु की चूत के पानी की कुछ बूंदे शोभा की चूत के ऊपर गिरने लगी बबलू ने अब नीचे होकर अपने लंड को शोभा की चूत पर टिका दिया और उसकी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का दिया लंड शोभा की चूत के अंदर चला गया

शोभा;हइईईई मररर्र्ररर गइईईईई धीरीईई

बबलू धना धन शॉट लगा कर शोभा की चूत को चोदने लगा शोभा मस्ती से भर चुकी थी बबलू ने एक हाथ की एक उंगली को रेणु की चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा रेणु भी अपनी माँ के साथ चिपकी हुई थी दोनो की साँसें एक दम तेज से चल रही थी बबलू ने रेणु के कंधों को पकड़ कर सीधा किया और उसके कान में बोला
बबलू: अपनी माँ के चुचियों को चूसो

और रेणु फिर से बेजान बुत की तरह शोभा पर झुक गयी और शोभा की चुचि को मूँह में ले लिया शोभा की चूत का ज्वाला मुखी अब फटने को तैयार था शोभा अपनी कमर उचका उचका कर अपनी चूत को बबलू के लंड पर मारने लगी थप-2 की आवाज़ पूरे रूम में गूंजने लगी और शोभा का बदन झटके खाने लगा और उसकी चूत ना पानी छोड़ दिया शोभा का बदन ढीला पड़ गया बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाल कर रेणु की चूत के छेद पर टिका दिया और रेणु की गान्ड को पकड़ कर पीछे की ओर खींचने लगा लंड चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस गया बबलू रेणु की गान्ड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और कुछ देर बाद उसने रेणु की गान्ड से अपने हाथ को हटा लिया रेणु ने आगे से झुक पीछे अपनी गान्ड को ऊपर उठा लिया जिससे उसकी चूत ऊपर की तरफ हो गयी और वो अपनी गान्ड पीछे धक्केल धक्केल कर बबलू का लंड अपनी चूत में अंदर बाहर लेकर चुदवाने लगी बबलू ने उसके चुतड़ों पर एक थप्पड़ जड दिया
रेणु:अहह दर्द्द्दद्ड होता हाईईईई
बबलू;और तेज कर मेरी रनीईईईइ रेणु ने भी पुर जोश में आकर अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना चालू कर दिया लंड तेज़ी से चूत के अंदर बाहर होने लगा

रेणु;अहह ओह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मेईईईईन्न्नननननननणणन् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और रेणु की चूत ने भी पानी उगलना चालू कर दिया और वो शोभा की चुचियों पर गिर पड़ी बबलू ने रेणु की कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और ताबडतोड़ धक्के लगाने चालू कर दिए बबलू जैसे ही झड़ने के करीब आया बबलू ने रेणु की चूत से लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से दो तीन बार हिलाया बबलू के लंड से वीर्य की धार निकलने लगी और सीधा रेणु की चूत के ऊपर जाकर गिरने लगी एक के बाद एक बबलू के लंड से चार बार रुक रुक कर पिचकरी छूटी और रेणु की चूत को भीगो दिया रेणु की चूत से वीर्य बह कर शोभा की चूत पर गिरने लगा दोनो की चूत बबलू के काम रस से भीग चुकी थी दोनो को अपनी चूत पर बबलू के गरम वीर्य का अहस्सास हो रहा था जो रेणु और शोभा को बहुत अच्छा लग रहा था बबलू बेड से उतर कर खड़ा हो गया
बबलू:में सोने जा रहा हूँ रूम में आ जाना
और बबलू बाहर आकर रेणु के रूम जो अब दोनो का था में आ गया और बेड पर लेट गया रेणु बेड से उठ कर खड़ी हुई और शोभा की तरफ देखने लगी शोभा बेड पर लेटी गहरी साँसें ले रही थी उसकी आँखें अभी भी बंद थी शोभा की जांघे फैली हुई थी उसकी चूत की फाँकें अभी भी खुल हुई थी जिसपर बबलू का वीर्य भरा हुआ था रेणु ने अपनी जाँघो को फैला कर अपना एक हाथ नीचे लेजा कर अपनी चूत पे लगा कर देखा उसकी चूत पर भी बबलू का काम रस लगा हुआ था रेणु ने पास पड़े एक कपड़े से अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत और जाँघो को साफ किया और रूम से बाहर आ गयी रेणु आज पहली बार इसतरह अपने घर में बिना कपड़ों के घूम रही थी ना चाहते हुए भी उसे ये अब बहुत अच्छा लग रहा था रेणु अपने रूम में आ गयी और उसने डोर लॉक कर दिया और बेड पर आकर लेट गये बबलू ने उसे अपनी तरफ खींच कर बाहों में भर लिया

बबलू; तो कैसा लगा मेरा सरप्राइज

रेणु:आप बहुत गंदे हो पता है मुझे कितनी शरम आ रही थी

बबलू: चल अब ये शरम छोड़ और सो जा में बहुत थक गया हूँ
रेणु बबलू की बाहों में नींद के आगोश में समा गयी
 

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UPDATE: 37

सुबह के 10 बज रहे थे घर में अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की आँख खुली और उसने अपने आप को कमरे में बेड पर नंगा पाया शोभा शरमाने लगी रूम का डोर भी खुला हुआ था शोभा ने बेड से उठ कर डोर लॉक किया और सीधा बाथरूम में घुस गयी फ्रेश होने के बाद शोभा नाइटी पहन कर किचन में आ गयी और चाइ बनाने लगी चाइ बनाते हुए उसके दिमाग़ में सुबह 4 बजे की सारी घटनाए सामने आने लगी और शोभा खड़ी-2 शरमाने लगी शोभा मन में सोचने लगी कि अब वो रेणु का सामना कैसे करेगी चाइ बन कर तैयार हो गयी पर शोभा ने बबलू और रेणु को उठाना ठीक नही समझा और खुद अपने रूम में आकर चाइ पीने लगी चाइ पीने के बाद शोभा नाश्ता तैयार करने लगी सुबह के 11 बज रहे थी रेणु और बबलू भी उठ चुके थी रेणु फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आई उसके बदन पर केवल छोटा सा टवल था उसने अलमारी से साड़ी निकाली और पहनने लगी पर बबलू ने उसे साड़ी पहनने से मना कर दिया

बबलू: रेणु यार इतनी गरमी है और तुम साड़ी पहन रही हो कल रात वाली नाइटी ही पहन लो

रेणु:तो क्या मैं घर में वो नाइटी पहन कर घूमूं

बबलू: तुम मेरे लिए ये भी नही कर सकती

रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी उसने साड़ी को अलमारी में वापिस रख दिया और ब्रा उठा कर पहनने लगी बबलू उठ कर बाथरूम में घुस गया जब बबलू 15 मिनट बाद बाहर आया तो रेणु रूम में नही थी बबलू रूम से बाहर आ गया और किचन के सामने हाल में सोफे पर बैठ गया शोभा और रेणु दोनो किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी दोनो आपस में कोई बात नही कर रही थी ना ही दोनो में से किसी की हिम्मत हो रही थी बबलू सोफे पर बैठा अपनी किस्मत पर इतरा रहा था बबलू उठ कर किचन में आ गया रेणु और शोभा दोनो की पीठ बबलू की तरफ थी दोनो ने पीछे मूड कर बबलू को देखा रेणु ने स्माइल किया पर शोभा ने रिएक्ट नही किया बबलू शोभा के पीछे आकर शोभा से सट कर खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथों को शोभा के बड़े-2 चुतड़ों पर रख कर सहलाने लगा शोभा ने नाइटी के अंदर कुछ नही पहना था शोभा के दिल की धड़कने तेज हो गयी रेणु अपनी कनखियो से बबलू को देख रही थी रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी बबलू शोभा की गान्ड को मसल्ने जा रहा था शोभा ने अपने हाथों से सेल्फ़ को कस्के पकड़ लिया

शोभा:धीमी आवाज़ में”)छोड़ो क्या कर रहे हो

बबलू ने शोभा की नाइटी को उठाना चालू कर दिया शोभा बेचारी चुप चाप खड़ी रही बबलू ने उसकी नाइटी को उसकी कमर तक उठा दिया शोभा के बड़े-2 चूतड़ बाहर आ गये बबलू दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को फैला कर मस्ल रहा था रेणु सर झुकाए खड़ी सब देख रही थी रेणु से रहा नही गया और रेणु मूड कर बाहर की तरफ जाने लगी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ लिया

बबलू:अर्रे तुम तो अभी भी शरमा रही हो

बबलू ने उसे सेल्फ़ के पास खींच कर खड़ा कर दिया रेणु की पीठ सेल्फ़ की तरफ थी जबकि शोभा का फेस सेल्फ़ की तरफ था

रेणु: बहुत धीमी आवाज़ में)प्लीज़ मुझे जाने दो

बबलू ने ना में सर हिला दिया और रेणु की रेड कलर की शॉर्ट नाइटी जो कि उसके जाँघो तक ही आ रही थी उसे ऊपर उठा दिया शोभा कनखियों से रेणु को देख रही थी रेणु की गोरी जांघे उसे सॉफ नज़र आ रही थी और दोनो जाँघो के बीच रेणु के वी शेप रेड कलर की पैंटी उसकी जाँघो को और सुदार बना रही थी बबलू जो कि शॉर्ट्स में था उसने अपना शॉर्ट्स नीचे सरका कर निकाल दिया बबलू का 8 इंच का लंड हवा में झटके खा रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे पर थूक लगा कर शोभा की जाँघो को थोड़ा सा फैला दिया और शोभा को सेल्फ़ पर झुका दिया और खुद थोड़ा सा अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे होकर अपने लंड को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु सर झुकाए सब देख रही थी रेणु ने शोभा के फेस की तरफ देखा शोभा अपनी आँखें बंद किए हुए थी और उसने अपने होंठो को अपने दाँतों में भींच रखा था बबलू ने दो चार धक्को में अपने लंड को जड तक शोभा की चूत में घुसा दिया शोभा की चुचियाँ सेल्फ़ के ऊपर हिल रही थी बबलू ने एक हाथ आगे बढ़ा कर रेणु को अपनी तरफ खींचा और रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपनी कमर हिलाने लगा बबलू की जांघे शोभा की गान्ड से टकराने लगी और थप-2 की आवाज़ से पूरा घर गूंजने लगा बबलू ने एक हाथ नीचे लेकर रेणु की वीशेप पैंटी के अंदर डाल दिया और अपने हाथ से उसकी चूत की फांको को सहलाने लगा रेणु मचलने लगी बबलू ने जोश में आकर अपनी पूरी ताक़त से धक्के लगाने चालू कर दिए

शोभा:अहह ओह धीरीईई बब्लुउउुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रेणु अपनी माँ शोभा की सिसकारियों को सुन कर गरम होने लगी थी बबलू ने रेणु के होंठो से अपने होंठ हटाए

बबलू:हन्ंननणणन् बोल मेरे रानी कैसा लग रहा मेरा लौडा तेरी भोसड़ी में

रेणु बबलू के मुँह से ऐसे बातें सुन कर हैरान तो हो रही थी पर उसे बबलू की बातों से और मज़ा आ रहा था

शोभा बिना कुछ बोले अह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर और ताक़त से अपना लंड शोभा की चूत में पेलने लगा

बबलू:बोल्ल्ल्ल्ल्ल्ल साली रांद्द्द्दद्ड कैसा लग रहा हाईईइ बोल

शोभा से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था बबलू का लंड सीधा शोभा की बच्चेदानी पे जाकर ठोकर मार रहा था

शोभा:ओह भ्तुउउउउउउउ अच्छा लगा र्हाअ हाईईइ मेरीई चूत्त्त्त को फद्द्द्दद्ड दूओ मीरीईई जमाइईईईईई राजा अहह ओह और्र्र्र्ररर चोद्द्द्द्द्द्द्द और चोद अपनी सास को

रेणु आँखे फाड़ कर ये सब देख और सुन रही थी
बबलू:चल साली खड़ी क्या हाईईईईई चल अपनी गान्ड हिला में थक गया हूँ

और शोभा ने अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया
शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेंन्नननननननणणन् झड़ने वाली हुन्न्ञननननननणणन् ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और शोभा झड गयी और लंबी साँसें लेने लगी बबलू ने शोभा की गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए और उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया कुछ देर बाद बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाला और रेणु को इशारे से नीचे बैठने को कहा शोभा पहले से नीचे घुटनो के बल बैठी अपनी साँसें दुरस्त कर रही थी दोनो माँ बेटी पास में बैठ गयी बबलू ने रेणु के हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो अब ढीला पड़ चुका था

बबलू:एक बार इस मूँह में लो ना मेरी जानणन्न्

रेणु ने अपना मुँह खोल कर बबलू के लंड को अंदर ले लिया और चूसने लगी रेणु को अपनी माँ और बबलू के पानी का स्वाद का अजीब ही मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और बबलू नीचे बैठ गया और रेणु के होंठो को चूसने लगा दोनो माँ बेटी ने आँखें बंद कर रखी थी बबलू ने रेणु के होंठो को छोड़ा और शोभा के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना चालू कर दिया 1 मिनट तक शोभा के होंठो को चूसने के बाद बबलू ने अपने होंठो को हटाया और रेणु के कान में बोला
बबलू:एक बार मेरे सामने अपनी माँ के होंठो को चूसो
रेणु ने अपनी आँखें खोली और बबलू के तरफ देखा उसके फेस पर सावलिया निशान थी पर फिर रेणु में नज़ाने कहाँ से हिम्मत आ गयी उसने आगे बढ़ कर अपने हाथों से शोभा के फेस को पकड़ कर अपने होंठों को शोभा के होंठो पर रख दिया जैसे ही रेणु के होंठ शोभा के होंठो पर पड़े शोभा के दिल की धड़कने बढ़ गई शोभा ने अपनी आँखें खोल कर देखा रेणु उसके होंठो को चूस रही थी शोभा ने अपने होंठो को आपस में सटा रखा था शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली और कुछ देर बाद अपने होंठो को खोल दिया रेणु को भी बहुत अच्छा लग रहा था जैसे ही शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ा रेणु ने शोभा के ऊपर वाले होंठ को होंठों में लेकर चूसना चालू कर दिया और शोभा रेणु के नीचे वाले होंठ को चूसने लगी दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी दोनो को किस करते हुए 2 मिनट हो चुके थी बबलू पास में बैठा देख कर मुसकरा रहा था

बबलू;अर्रे भाई बस भी करो तुम माँ बेटी तो मुझे भूल ही गयी

दोनो जैसे नींद से जागी हों एक दम से अलग हो गयी शोभा खड़ी हो कर जल्दी से बाहर चली गयी रेणु वहीं सर झुकाए नीचे बैठ हुई थी उसके गाल शरम के मारे लाल हो चुके थे

बबलू:क्यों कैसा लगा मेरे हजूर

रेणु: शरमाते हुए) सच बताऊं

बबलू:हां

रेणु:पहले कुछ अजीब सा लगा पर बाद में अच्छा लगाने लगा था

बबलू:चलो एक काम करतें है नाश्ता करने के बाद कहीं घूमने चलते हैं और दोपहर का खाना भी किसी रेस्टोरेंट में कर लेंगे

रेणु:ठीक है में तैयार हो कर आती हूँ आप माँ को भी बता देना

तीनो नाश्ता करने लगे और तैयार होकर घर से निकल पड़े

रेणु:हम जा कहाँ रहे हैं

बबलू: पहले तो चल कर किसी माल में शॉपिंग करतें है और बाद में मूवी देखने चले जाएँगे

रेणु;हां ये ठीक रहेगा और लास्ट मे लंच करके घर वापिस चलेंगे

कुछ ही देर में तीनो एक शॉपिंग माल में पहुँच गये शोभा बबलू और रेणु से कुछ आगे चल रही थी बबलू ने रेणु के कान में कुछ कहा रेणु के होंठो पर मुस्कान आ गयी रेणु एक लॅडीस अंडरगार्मेंट की शॉप के सामने आ कर खड़ी हो गयी रेणु ने शोभा को आवाज़ दी शोभा ने पीछे मूड कर देखा तो रेणु ने उसे इशारे से शॉप में आने के लिए कहा शोभा रेणु के पीछे शॉप में चली गयी बबलू ने शोभा से बोला आप शॉपिंग करो में ज़रा घूम कर आता हूँ शॉप के अंदर जैसे ही शोभा आई तो अपने चारो तरफ डिज़ाइनर ब्रा देख कर शोभा हैरान हो गयी शोभा ने जिंदगी में पहली बार इस तरह की ब्रा देखी थी दोनो काउंटर पर खड़ी हो गयी एक 18 19 साल की लड़की उनके पास आई और पूछा मेडम क्या चाहिए आपको ।
रेणु:जी हमें कुछ ब्रा और पैंटी लेने है और हां शॉर्ट नाइटी भी

लड़की:श्योर मेडम आप मेरे साथ आइए

रेणु और शोभा उस लड़की के साथ शॉप के अंदर लास्ट काउंटर पर चली गयी

लड़की:मेडम साइज़ बताइए

रेणु;माँ अपना साइज़ बताओ

शोभा:में नही मुझे कुछ नही चाहिए तुम अपने लिए ले लो

रेणु:प्लीज़ माँ जल्दी अपना साइज़ बताओ

शोभा:38

रेणु ने लड़की के कान में कुछ में कहा और लड़की ने थोड़ी देर में कुछ ब्रा और पैंटी के सेट शोभा के सामने रख दिए

रेणु: माँ इनमे से कोई पसंद कर लो

शोभा ब्रा को उठा कर देखने लगी सभी ब्रा और पैंटी बहुत ही फॅन्सी थी पैंटी वीशेप की थी और ब्रा फ्रंट साइडेड ओपन थी

शोभा:पर ये तूऊ

रेणु:अरी माँ कोई भी पसंद कर लो

उधर बबलू शॉप के बाहर खड़ा होकर सब देख रहा था उसके चहरे पर मुस्कान थी कुछ देर बाद शोभा और रेणु दोनो बाहर आ गयी उन्होने ने शॉपिंग कर ली थी उसके बाद तीनो मूवी देखने चले गये मूवी देखने के बाद तीनो ने लंच किया और घर वापिस आ गये शाम के 3 बज चुके थे तीनो बहुत थके हुए थी बबलू रेणु को रात का सारा प्लान समझा चुका था शोभा और रेणु बबलू अपने अपने रूम में सो गये तीनो के तीनो घोड़े बेच कर सोए हुए थे शाम के 7 बजे चुके थे पर घर पर अभी सन्नाटा छाया हुआ था शोभा की नींद टूटी शोभा उठ कर बैठ गयी और अपनी आँखों को मलते हुए दीवार पर लगी घड़ी की और देखा शोभा एक दम चोंक गयी

शोभा:हे भगवान 7 बज गये टाइम का पता नही चला शोभा जल्दी से खड़ी हुई और बाथरूम में घुस गयी और मूँह हाथ धो कर बाहर आ गयी घर में अंधेरा फैला हुआ था शोभा ने सबसे पहले घर की लाइट्स ऑन की और उसके बाद जाकर रेणु के रूम के डोर को नॉक किया आवाज़ सुन का बबलू उठा और डोर खोला

शोभा:रात के 7 बज रहे हैं उठना नही है क्या

बबलू:शोभा को अपनी तरफ खींच कर बाहों में लेते हुए) आप ने कह दिया और हम उठ गये

शोभा: क्या कर रहो कहीं भी शुरू हो जाते हो

बबलू; जब पास में दो दो हसीन चुते हों तो कॉन सबर कर सकता हैं

शोभा:तुम बहुत बोलने लगे हो

बबलू ने शोना के होंठो को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा थोड़ी देर शोभा के होंठो को चूसने के बाद उसने अपने होंठो को हटा लिया शोभा शरमाने लगी बबलू ने उसे छोड़ दिया

शोभा:चलो रेणु को भी उठा दो में खाना की तैयारी करती हूँ

शोभा किचन में चली गयी बबलू ने रेणु को उठाया रेणु भी टाइम देख कर हैरान हो गयी

बबलू:रात के प्लान याद है ना

रेणु: मुस्कराते हुए) हां याद हैं पर आप ये सब सोच
कैसे लेते हो

बबलू:बस ऐसे ही दिमाग़ में आ गया था

रेणु उठ कर बाथरूम में घुस गये बबलू हाल में आकर टीवी देखने लगा शोभा किचन में खाना तैयार कर रही थी कुछ देर बाद रेणु बबलू के सामने ऊपर छत पर चली गयी बबलू के होंठो पर मुस्कान आ गयी रात के करीब 10 बजे तीन डिन्निंग टेबल पर बैठे खाना खा रहे थे बबलू ने रेणु से इशारे से कुछ पूछा रेणु ने हां में सर हिला दिया तीनो ने खाना खाया और शोभा और रेणु बर्तन उठाने लगी बर्तन सॉफ करने के बाद शोभा अपने रूम में आकर बेड पर लेट गयी कुछ देर बाद बबलू शोभा के रूम में आया उसके हाथ में एक हॅंड बॅग था बबलू ने उसे शोभा को दिया

शोभा:क्या है ये

बबलू: खोल कर देख लो और हां इन्हें पहन कर ऊपर आ जाना आज हम ऊपर ही सोउंगी

और बबलू बाहर चला गया बबलू के जाने बाद शोभा बेड से उठ कर खड़ी हुई और हॅंड बॅग को खोल कर देखने लगी शोभा ने उसमे रखे समान को बेड पर पलट दिया शोभा की आँखें फटी की फटी रह गयी सामने एक पिंक कलर की नाइलॉन ब्रा और पैंटी थी और पिंक कलर का ही एक शॉर्ट गाउन था शोभा का दिल जोरों से धड़कने लगा शोभा ने पैंटी को हाथ में पकड़ कर उठा लिया और पैंटी को देखने लगी शोभा ने पैंटी की इलास्टिक में दोनो हाथों की उंगलियों को डाल कर खींचा और देखने लगी


पैंटी बहुत ही छोटी थी वी शेप पैंटी नीचे से बहुत ही पतली से पट्टी थी शोभा के गाल शरम के मारे लाल हो गये तभी उसका डोर खुला और बबलू अंदर आ गया शोभा हाथ में पैंटी पकड़े हुए थी

बबलू: क्या हुआ इतनी देर क्यों लगा रही हो

शोभा:बबलू में ऐसे कपड़े पहन कर ऊपर नही आ सकती

बबलू:तुम तो जानती हो हमारे घर के आस पास दूर-2 तक कोई 2 मंज़िला घर नही है और छत पर कैसे दिखेगा वैसे 5 फुट के बाउंड्री वाल भी हैं जल्दी कर ऊपर आ जा

शोभा ने ब्रा पैंटी और गाउन को उठाया और बाथरूम में घुस गयी शोभा ने अपनी नाइटी उतार दी शोभा ने नीचे कुछ नही पहना हुआ था शोभा ने सबसे पहले ब्रा पहनी जिसके हुक्स सामने की तरफ थे शोभा ब्रा के हुक्स को बंद करने लगी शोभा की चुचियाँ छोटी सी ब्रा में कस गये फिर उसने पैंटी उठाई और झुक कर उसे अपनी टाँगों में डाल कर ऊपर करने लगी पैंटी बहुत ही छोटी थी पर बहुत ही फ्लेक्षिबल थी शोभा ने अपनी जाँघो को थोड़ा सा फैला कर पैंटी को अपने चुतड़ों पर चढ़ा लिया वीशेप पैंटी में शोभा की चूत की फांके भी समा नही पा रही थी और ना ही शोभा इस तरह की पैंटी पहनने की आदि थी शोभा की चूत की एक फाँक पैंटी से बाहर झाँक रही थी शोभा ने अपने दोनो हाथों की उंगलियों को पैंटी की पट्टी में डाल कर उसे अपनी चूत की फांकों पर सेट किया और पीछे हाथ ले जाकर अपनी दोनो हाथों की उंगलियों से अपनी गान्ड की दरार में घुसी हुई पैंटी को ठीक किया शोभा ने पिंक कलर का गाउन उठाया और उसे पहनने लगी पर ये क्या ये तो सामने से बिल्कुल खुला था गाउन के सामने की तरफ कमर के पास दोनो तरफ एक पिंक कलर का बेल्ट नुमा कपड़ा लटक रहा था शोभा ने उसे पकड़ कर बाँधा और बाथरूम से बाहर आ गयी कुछ देर सोचने के बाद शोभा कमरे से बाहर आकर छत की तरफ बढ़ने लगी ।
 
Last edited:

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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UPDATE:38

जैसे ही शोभा छत पर पहुँची तो सामने का नज़ारा देख शोभा एक दम सन्न रह गयी छत पर कोई नही था छत के बीचो -बीच एक बड़ा सा बिस्तर लगा हुआ था जिसपर रेड महरूण कलर की बेड शीट बिछी हुई थी और उसपर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियाँ सजी हुई थी शोभा काँपते दिल के साथ बिस्तर की तरफ बढ़ने लगी चारो तरफ गुलाब के फूल बिखरे हुए थी फूलों की खुसबू महॉल को और मादक बना रही थी शोभा बिस्तर पर आ कर बैठ गयी और अपने हाथ की हथेली को बिस्तर पर रखी गुलाब की पंखुड़ियों पर फेरने लगी शोभा की चूत ने अभी से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था उसे समझ में आ चुका था कि आज उसकी और रेणु की जम कर चुदाई होने वाली है खुले आसमान के नीचे चुदाई का तो अलग ही मज़ा आएगा ये सोच कर शोभा गरम होने लगी थोड़ी ही देर में बबलू भी छत पर आ गया शोभा अपने ख्यालों में खोई हुए नीचे बिस्तर पर बैठी थी बबलू शोभा के पीछे आकर बैठ गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया शोभा एक दम से घबरा गयी और बबलू की बाहों में सिमट सी गयी


बबलू ने शोभा की नेक पर अपने होंठो को रख दिया और उसकी नेक को चूमने लगा

शोभा:अहह सीईईईई बबलू अगर तुम मेरी जिंदगी में ना होते तो मेरी जिंदगी में ये दिन रातें ये हसीन लम्हे ना होते

बबलू ने शोभा के फेस को पीछे की तरफ घुमा कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया बबलू उसके होंठो का रस चूसने में मगन हो गया बबलू बिना रुके शोभा के होंठो का रस चूसे जा रहा था कि अचानक रेणु भी ऊपर आ गयी शोभा ने अपने होंठो को बबलू के होंठो से अलग किया और सर झुका कर बैठ गयी

रेणु मुस्कुराते हुए दोनो के पास आकर बैठ गयी आसमान एक दम खिला हुआ था तारे आसमान में चमक रहे थे ठंडी -2 हवा चल रही थी और गुलाब के फूलो के महक महॉल को और दिल कश बना रही थी बबलू ने शोभा को दोनो कंधों से पकड़ कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा दिया और खुद उसके बगल में करवट के बल लेट कर उसके ऊपर झुक कर उसके फेस को चूमने लगा शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली रेणु शोभा के दूसरी तरफ उसके पास आकर करवट के बल लेट चुकी थी बबलू और रेणु दोनो तरफ से शोभा से एक दम सटे हुए थे

बबलू रेणु को सर के पीछे से हाथ डाल कर उसके फेस को भी शोभा के फेस के पास ले आया और रेणु के होंठो को चूसने लगा बबलू कभी शोभा तो कभी रेणु के होंठो को चूस्ता दोनो माँ बेटी की साँसें तेज़ी से चल रही थी दोनो के दिलों की धड़कने बढ़ गयी थी बबलू ने शोभा की एक बाजू को पकड़ अपने सर के नीचे रख लिया शोभा का हाथ बबलू के सर से नीचे होते हुए उसके कंधों के पास पीठ पर आ चुका था रेणु ने शोभा के दूसरे हाथ को पकड़ कर बबलू ने जिसे अपने सर के नीचे ले जाकर अपनी पीठ पर रख लिया अब शोभा अपनी दोनो बाहों में रेणु और बबलू को कसे हुए थी बबलू ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शोभा के गाउन की बेल्ट नुमा रिब्बन की गाँठ को खींच दिया और शोभा का गाउन दोनो तरफ़ से हट गया शोभा के सामने का हिस्सा खुल गया उसके बदन पर पिंक कलर की ब्रा और पैंटी थी
शोभा की साँसें तेज़ी से चलने लगी बबलू ने अपने हाथ से शोभा की ब्रा के फ्रंट साइडेड हुक्स खोल दिए जैसे ही ब्रा के हुक्स खुले कसी हुई ब्रा के कप्स साइड मंर खिसक गये शोभा की 38 साइज़ की चुचियाँ बाहर आ गयी शोभा की चुचियों के काले मोटे निपल्स एक दम तने हुए थी बबलू ने झुक कर शोभा की एक चुचि को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया और रेणु को आँख मार कर इशारा किया रेणु भी तुरंत शोभा के ऊपर झुक गयी और उसकी दूसरी चुचि को मूँह में लेकर चूसने लगी अपनी दोनो चुचियों को रेणु और बबलू के मूँह में महसूस कर शोभा सिसकियाँ भरने लगी दोनो चुचियों को एक साथ चुसवाने में शोभा को बहुत मज़ा आ रहा था शोभा एक दम मस्त हो चुकी थी

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

शोभा रेणु और बबलू के होंठो को अपने चुचियों पर एक साथ महसूस करके कसमसाने लगी शोभा की चूत में आग लग चुकी थी बबलू शोभा की चुचि को छोड़ कर नीचे का तरफ बढ़ने लगा शोभा अपनी नाभि पर बबलू के होंठो को महसूस करके ऐंठने लगी बबलू चूमता हुआ नीचे आ गया और शोभा की वीशेप पैंटी के ऊपर से जो मुस्किल से उसकी चूत की फांकों को ढक पा रही थी अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा

शोभा;अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बब्लुउउुुुुुुुुुउउ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

शोभा एक दम मस्त हो चुकी थी उसकी पैंटी उसकी चूत के पानी से पहले से ही गीली हो चुकी थी शोभा से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था रेणु शोभा की चुचियों चूस्ते हुए बबलू को देख रही थी रेणु ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर शोभा की पैंटी को नीचे से पकड़ कर एक साइड में कर दिया पैंटी की पट्टी शोभा की चूत से हट कर साइड में हो गयी बबलू ने दोनो हाथों से शोभा की चूत को फैला कर अपने होंठो को शोभा की चूत पर लगा दिया और शोभा की चूत को चाटने लगा

शोभा:अहह माररर्ररर गेइईईईई ओह नहियीईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

बबलू अपनी जीब निकाल शोभा की चूत के छेद को अपनी जीभ से चोदने की कोशिश कर रहा था शोभा मस्ती में आकर अपनी कमर हिलाने लगी शोभा की चूत की आग बढ़ती जा रही थी बबलू ने शोभा की पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर खींचना चालू कर दिया शोभा ने मस्ती में आकर अपनी गान्ड ऊपर उठा ली ताकि बबलू उसकी छोटी सी वीशेप पैंटी को आसानी से निकाल सके बबलू ने शोभा की पैंटी को निकाल कर एक तरफ रख दिया और खुद घुटनो के बल बैठ कर अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दिया बबलू का 8 इंच का लंड हवा में झटके खाने लगा

शोभा ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर फैला लिया शोभा की चूत का छेद फुदक रहा था बबलू का लंड लेने के लिए मचल रहा था बबलू शोभा की जाँघो के बीचे में आ गयी और अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया रेणु अभी भी शोभा की चुचियों को चूस रही थी बबलू ने अपने लंड को हाथ में पकड़ कर एक धक्का मारा लंड आधा चूत में घुस गया शोभा के होंठो पर ऐसी मुस्कान आ गयी जैसे किसी ने जलती भट्टी में पानी डाल कर उसे ठंडा कर दिया हो बबलू ने अपना हाथ लंड से हटा कर एक और ज़बरदस्त धक्का मारा लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया और लंड का सुपाडा सीधा बच्चेदानी से जा टकराया ।

बबलू शोभा के ऊपर झुक गया और शोभा की एक चुचि को चूसना चालू कर दिया शोभा एक दम गरम हो चुकी थी बबलू अपना लंड डाले उसके ऊपर लेटा हुआ था शोभा से रुका नही गया और शोभा ने अपनी चूत को ऊपर की तरफ उछालना शुरू कर दिया लंड अंदर बाहर होने लगा अपनी माँ को इतना उत्तेजित देख रेणु भी गरम होने लगी थी शोभा अपनी गान्ड उछाल-2 कर बबलू का लंड चूत में लेकर चुदवाने लगी

शोभा;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर्नूऊऊऊऊ नाआआआआअ अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत मज़ा आआआआआ रा हाईईईईईईईईईईईईईईईईई ज़ोर सीईईई फाड़ दो मेरईईईईईई चूतत्त्त्त्त्त्त्त्त

बबलू ने भी जोश में आकर अपनी कमर को हिलाना चालू कर दिया शोभा की चूत पानी से भीगी हुई थी बबलू का लंड भी शोभा की चूत के काम रस से भीग गया और लंड फतच-2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर होने लगा खुले आसमान में फतच-2 की आवाज़ा फैलने लगी शोभा की सिसकियाँ बदस्तूर जारी थी

शोभा;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हन्ंननननननननननननननणणन् मेरईईईई जमाई राजा अहह ओह और चोदो मेरी भोसड़ी की प्यास बुझा डूऊऊऊ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू धना-धन शोभा की चूत को चोदे जा रहा था शोभा झड़ने के बहुत करीब थी शोभा की गान्ड अब बिस्तर से 3 इंच ऊपर उछलने लगी थी शोभा अपनी जाँघो को पूरा फैला कर अपनी छूत को बबलू के लंड पे पटक रही थी

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेईईईईईईईईन्न्ननननननणणन् गइईईईईईई
औईईईईईईईईईए शोभा नीचे लूड़क कर भारी साँसें लेने लगी बबलू का मन अभी नही भरा था बबलू ने शोभा की चूत से लंड निकाला शोभा के सर की तरफ आ गया और रेणु के सर को पकड़ कर अपने लंड पर झुका दिया रेणु ने बबलू के लंड को हाथ में पकड़ कर अपने मूँह में ले लिया शोभा भारी साँसें लेते हुए ये सब देख रही थी बबलू का लंड ठीक उसकी आँखों के ऊपर था और उसकी लाडली बेटी बबलू का लंड मूँह में लेकर चूस रही थी रेणु का सर तेज़ी से आगे पीछे हो रहा था लंड रेणु के मूँह के अंदर बाहर हो रहा था रेणु ने बबलू के लंड को बाहर निकाला और अपनी जीभ निकाल कर बबलू के लंड के सुपाडे के चारो तरफ घुमा -2 कर चाटने लगी फिर रेणु ने अपने होंठो को बबलू के लंड के सिरे से जड तक रगड़ कर सॉफ किया और बबलू की गोलियों को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया

ये सब देख शोभा हैरान हो गयी उसे यकीन नही हो रहा था कि उसकी अपनी बेटी उसके सामने बबलू का लंड मूँह में लेकर चूस रही थी और उसकी अपनी खुद की चूत के पानी को चाट चाट कर सॉफ कर रही है बबलू ने रेणु के सर को पकड़ कर पीछे कर दिया रेणु ने एक झटके में अपनी नाइटी को उतार फेंका रेणु के बदन पर अब ब्लू कलर की पैंटी और ब्रा थी रेणु ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक्स खोल कर उसे निकाल दिया फिर बड़ी नज़ाकत के साथ अपनी दोनो टाँगों को पास करके अपनी गान्ड को थोड़ा सा उठा के अपनी पैंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी थोड़ी ही देर में रेणु एक दम नंगी बिना कपड़ों के शोभा और बबलू के सामने थी रेणु शोभा के ऊपर आ गयी और अपने पैरो को शोभा की कमर के दोनो तरफ करके उसके ऊपर डॉगी स्टाइल में आ गयी रेणु ने अपनी चुचि को अपने हाथ में पकड़ कर दबाया चुचि का निपल बाहर की तरफ निकल आया रेणु अपनी चुचि के निपल को शोभा के होंठो के पास ले आई शोभा आँखे फाडे सब देख रही थी

बबलू;देख क्या रही हो सासू जी अब रेणु को भी मज़ा दो ना

शोभा ने हिम्मत जुटा के रेणु की चुचि को मूँह में ले लिया और निपल को चूसने लगी

रेणु:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू रेणु के पीछे आ गया और झुक कर रेणु की चूत की फांकों को फैला कर अपने होंठो को रेणु की चूत के छेद पर लगा दिया रेणु की कमर भी झटके खाने लगी रेणु शोभा के गालों को चूमने लगी अब शोभा भी इन सब बातों के लिए नॉर्मल हो रही थी शोभा ने रेणु की दूसरी चुचि को हाथ में लेकर मसलना चालू कर दिया रेणु की तनी हुई मुलायम चुचियों का अहसास बहुत अच्छा लग रहा था रेणु भी मस्त हो चुकी थी और अपनी कमर हिला हिला कर अपनी चूत को बबलू के होंठो पर रगड़ रही थी

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जानीउऊुुुुुउउ अहह हाआाआआन्णन्न् आईसीईईईईईईई हीईईईई और जोर्र्र्रर से चूसोन्ंननननणणन् अहह बहुत मज़ा आआआआ र्हहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हन्ंनननननननणणन् अपणीईीईईईईई जीईभह मेरीईई चूत्त्त्त्त्त्त्त्त्त मेंन्ननणणन् घुसाा दूऊव ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू पागलों की तरह रेणु की चूत को चूस-2 कर लाल कर चुका था बबलू सीधा हो कर घुटनों के बल बैठ गया और अपने लंड के सुपाडे को रेणु की चूत की फांकों पर रगड़ने लगा

रेणु:क्य्ाआअ कर र्हाईईई हूओ जल्दीीईई घुस्साआ नाआआ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माँ मेरईईईई चूत्त्त्त क्ीईए को फैला नाआअ अहह मेरे चूत्त्त्त्त्त लंड्ड लेने के लिए तरस रही हाईईईईईई

शोभा को यकीन नही हो रहा था कि उसकी अपनी बेटी उसे कह रही कि उसकी माँ उसकी चूत को फैला कर खुद लंड डलवाए

रेणु:क्या सोच रहियिइ हो माआआअ जल्दीीई करूऊऊओ ना

शोभा ने अपने काँपते हाथों को नीचे लेजा कर रेणु की चूत की फांकों को हाथों से फैला दिया रेणु की गुलाबी चूत का छेद बबलू के आँखों सामने आ गया जो चाँद की रोशनी में और भी हसीन लग रहा था बबलू ने अपने लंड के सुपाडे को रेणु की चूत के छेद पर टिका कर रेणु की कमर को पकड़ कर ज़ोर दर धक्का मारा . धक्का इतना तेज था कि रेणु चीख पड़ी और रेणु धक्का लगाने के कारण आगे की तरफ हो गयी रेणु के निपल पच पच की आवाज़ से शोभा के मूँह से बाहर आ गये

रेणु:हाययइईईई इतनीईीईईईईईई बहरहमी क्योंन्ननणणन् देखाा रहिी हूऊओ चूत को छील कर रख दिया जालिम अह्ह्ह्ह्ह्ह
बबलू ने अपना लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना चालू कर दिया कुछ ही देर में बबलू का लंड रेणु की चूत में पूरा अंदर बाहर होने लगा और सीधा जाकर रेणु की बच्चेदानी से टकराने लगी

रेणु:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरीईई ज़ाआआआं हाआअँ और्र्र्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्ररर सीईए चोदूऊ अहह बहुत मजाआ आआआअ रहा हाीइ बबलू रेणु की कमर को दोनो हाथों से थामे धना धन धक्के मार रहा था रेणु ने अपनी चुचि को पकड़ कर फिर से शोभा के होंठो पर अपने निपल को रगड़ना चालू कर दिया और शोभा ने भी अपने होंठो को खोल कर अपनी बेटी के निपल को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह बहुत्त्त्त्त्त्त्त्त मज़ा आ रहा हहियीई और्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्र्ररर से चोदूऊऊऊ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
रेणु ने शोभा का हाथ पकड़ कर अपनी दूसरी चुचि पर रख दिया और अपने हाथ से शोभा का हाथ अपनी चुचि पर दबाने लगी शोभा को भी इस खेल में अब मज़ा आने लगा था शोभा भी धीरे-2 रेणु की चुचि को मसल रही थी और दूसरी चुचि को चूस रही थी रेणु एक दम गरम हो चुकी थी उसके गाल उतेजना के मारे लाल हो चुके थी आँखें वासना के कारण बंद हो गयी मस्ती इस कदर चढ़ चुकी थी कि वो अपने होंठो को दाँतों में भींच कर काटने लगी और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ फेंक-2 कर बबलू का लंड चूत में लेकर चुदवा रही थी

रेणु;अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जाआअनीउऊुउउ ओह बहुत मज़ा आआआआआआ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईई मेरिइईई चूत्त्त्त्त्त्त्त्त की सारी खुजली मिटा दूऊऊऊओ अपने काम रस्सस्स से मेरी चूत और्र्ररर बच्चेदानी को भर दूऊऊऊ अहह मुझीईए माँ और्र्ररर माआ कूऊऊऊ नानी बनन्नाआ दूऊव

शोभा रेणु की बातें सुन कर गरम होने लगी थी और रेणु भी झड़ने के बिल्कुल करीब आ चुकी थी बबलू ने अपनी कमर को और तेज़ी से हिलाना चालू कर दिया रेणु अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करके झड़ने लगी और गहरी साँसें लेते हुए शोभा के ऊपर लूड़क गयी बबलू भी झड़ने के करीब आ चुका था बबलू ने अपना लंड बाहर निकाला और हाथ 3 4 बार हिलाया और बबलू के लंड से वीर्य की धार निकल कर रेणु की चूत के ऊपर पड़ने लगी 1 के बाद 1 बबलू के लंड ने चार बार पिचकारी मार कर अपना लावा रेणु की चूत के ऊपर उगल दिया तीनो तेज़ी से साँसें ले रहे थे रेणु की चूत से बबलू का वीर्य बह कर शोभा की चूत पर गिरने लगा दोनो माँ बेटी की चूत बबलू के वीर्य से सन गयी थी।
बबलू शोभा के बगल में आकर लेट गया और रेणु बबलू के दूसरी तरफ लेट गयी बबलू दो दो चुतो के बीच लेटा हुआ था 2 घंटे चली लंबी इस वासना के खेल में तीनो थक चुकी थी खुले आसमान में ठंडी हवा के झोंके उन्हे सुस्त करने लगे और तीनो को नींद आने लगी तीनो नींद के आगोश में समा गये रात का 1 बज रहा था शोभा अभी उसी हालत में सोई हुई थी कि अचानक उसकी किसी आवाज़ से नींद टूटी उसने सबसे पहले अपने आप को देखा और अपने को देख वो शरमा गयी उसने बिस्तर की दूसरी तरफ नज़र डाली पर वहाँ कोई नही था अचानक उसका ध्यान छत के चारो तरफ बनी बौंडरी वॉल के एक तरफ गया शोभा एक दम सन्न रह गयी रेणु बाउंड्री वॉल पर अपने दोनो हाथों के रख कर झुक कर खड़ी थी उसके जिस्म पर कुछ भी नही था उसके पीछे बबलू खड़ा उसकी गान्ड को थामें धना-धन रेणु को चोद रहा था रेणु के बाल बिखरे हुए थे रेणु की सिसकारियाँ शोभा सॉफ सुन सकती थी और रेणु भी अपनी गान्ड को पीछे धकेल -2 कर बबलू का लंड अपनी चूत में लेकर चुदवा रही थी बबलू पागलों की तरह पूरी रफतार में रेणु को कमर हिला कर चोद रहा था कुछ ही देर में दोनो शांत पड़ गये बबलू ने जैसे ही अपना लंड बाहर निकाला रेणु लड़खड़ा कर नीचे बैठ गयी और हाँफने लगी शोभा बिना कुछ बोले और बिना हिले वैसे ही पड़ी रही बबलू अपनी जगह पर आकर लेट गया और कुछ देर बाद रेणु भी अपनी गान्ड हिलाते हुए बबलू के पास आकर लेट गयी शोभा को अंदाज़ा हो गया था कि बबलू ने रेणु की ज़बरदस्त तरीके से चुदाई की है उसके बाद तीनो सो गये ।
 

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अगली सुबह दूसरी तरफ सीमा के घर में सीमा का हज़्बेंड हाल में सोफे पर बैठा चाइ पी रहा था अमन अभी अपने रूम से बाहर नही आया था सीमा किचन में ब्रेकफास्ट तैयार कर रही थी तभी फोन की रिंग बजी सीमा के हज़्बेंड ने उठ कर फोन उठाया और बात करने लगा सीमा को कुछ सुनाई नही दे रहा था सीमा अपने काम में व्यस्त थी थोड़ी देर बाद सीमा का हज़्बेंड किचन में आया

सीमा:क्या हुआ किसका फोन था

महेश: वो रीमा का फोन था (रीमा महेश की बेहन यानी सीमा कि ननद थी)

सीमा:क्या हुआ सब ठीक तो है (अपने पति को थोड़ा परेशान देख कर)

महेश: नही कोई खास बात नही बस वो रीमा की सास की हालत खराब है वो बोल रही थी एक बात उनका हाल चाल आकर पूछ लेते

शोभा:तो चले क्यों नही जाते

महेश : नही तुम तो जानती हो आगे ही बहुत लीव ले चुका हूँ ऐसा करो तुम ही हो आओ और अमन को साथ ले जाओ वो भी घूम आएगा

सीमा:ठीक है में अमन को साथ लेकर चली जाती हूँ पर हां अगर रीमा ने कुछ दिन रुकने के लिए कहा तो मैं वहाँ कुछ दिन रुक कर आऊँगी

महेश:ठीक है तुम अमन को बता दो ताकि वो तैयार हो जाए और तुम भी तैयारी कर लो अगर टाइम से घर से निकलो गी तो शाम तक वहाँ तक पहुँच जाउन्गी

सीमा:ठीक हैं मैं अमन को तैयार होने के लिए बोलती हूँ

और ये बोल कर सीमा अमन के रूम में चली गयी आज अमन को आए हुआ दूसरा दिन था पर सीमा को अमन के साथ अकेले में एक पल भी नही मिला था सीमा ने अमन के रूम का डोर नॉक किया पर अमन अंदर नही था महेश ने बाहर से चिल्लाते हुए सीमा से बोला
महेश :आररी हां मैने अमन को ऊपर छत पर जाते हुए देखा है

सीमा छत की तरफ जाने लगी सीडीयाँ चढ़ते सीमा खुशी से भरी हुई थी जैसे ही सीमा ऊपर के मंज़िल पर पहुँची तो अमन छत से नीचे की तरफ आ रहा था सीमा अमन को देख मुस्कराने लगी सीमा ने अमन को एक साइड में खींच लिया और अमन से लिपट गयी अमन ने भी अपनी बाहें सीमा की कमर मे कस ली सीमा अमन के गालों को चूमते हुए बोली
सीमा:अमन आज में बहुत खुश हूँ

अमन:क्यों क्या हुआ मौसी

सीमा:तुम्हें मेरे साथ आज ही रायपुर चलना है

अमन:रायपुर क्यों

सीमा:वहाँ मेरी ननद रहती है उसकी सास की तबीयत बहुत खराब है उनसे मिलने जाना है

अमन:तो इसमे खुश होने की क्या बात है

सीमा: वो जब तुम मेरे साथ चलोगे तो पता चल जाएगा
और सीमा ने अपने होंठो को अमन के होंठो पर रख दिया अमन सीमा के होंठो को चूसने लगा सीमा अमन से अलग हुई और अमन को जल्दी तैयार होने को कहा अमन और सीमा दोनो जल्दी नीचे आ गये अमन अपने रूम में जाकर तैयार होने लगा और सीमा भी तैयार होने लगी करीब एक घंटे में दोनो अपने बॅग्स पॅक करके तैयार थे
दोस्तो मैं आप को ज़रा रीमा के बारे में कुछ बता दूं फिर ही आप को रीमा के पास ले कर चलूं ताकि आप समझ सको सीमा रीमा के पास जाने के लिए खुश क्यों थी रीमा सीमा की ननद जिसकी शादी को करीब 15 साल हो चुके थी और सीमा के हज़्बेंड यानी महेश से 4 साल बढ़ी थी रीमा का पति पेशे से किसान था गाओं में काफ़ी ज़मीन ज़्यादाद थी पर शादी के कुछ सालों बाद ही रीमा का पति ज़्यादा ज़मीन होने के कारण दिन रात काम में लगा रहता था उसके गाओं के आस पास किसी के पास इतनी ज़मीन ज़्यादाद नही थी और रीमा शहर में पड़ी लिखी लड़की थी उसने अपनी चूत की आग बुझाने के लिए उसने अपने जेठ से नज़ायज़ संबंध बना लिए थे जिसे रीमा ने कभी ग़लत नही माना था क्योंकि रीमा खुले विचारों वाली औरत थी वो तो बस अपनी चूत की आग बुझाना जानती थी चाहे वो कैसे भी हो रीमा के पति हरिओम को रीमा की करतूतों का पता चल गया था पर रीमा का पति समाज में अपनी खिल्ली उड़ाने से बचाने के लिए चुप रहा पर उसके मन में कहीं ना कहीं द्वेष ज़रूर था पर रीमा की जवानी को फिर भी तरसना ही लिखा था 8 साल पहले उसके जेठ का देहांत भी हो चुका था एक बार तो रीमा के पति हरी ओम ने सीमा से अपनी पत्नी के बारे में सब कुछ बता दिया था ताकि वो रीमा को समझा सके यानी कि उसके बाद सीमा रीमा की राज दार बन गयी रीमा का संबंध एक दो और आदमियों से बना पर वो भी बहुत ज़्यादा लंबा ना चला और रीमा जब भी सीमा यानी अपने भाई के घर आती थी तो सीमा और रीमा दोनो एक दूसरे की चूत चाट कर चूत में उंगली कर एक दूसरे के गरमी को शांत करने के कोशिश करती थी


रीमा को एक बेटा और बेटी थे और बेटी की शादी हो चुकी थी और बेटे की भी शादी हो चुकी थी बेटे की शादी को 3 साल हो चुके थे पर रीमा अब तक अपने पोते का मूँह नही देख पे थी उसका कारण ये था कि उसका बेटा जब जवान होने लगा था एक दिन उसके ही घर की भैंस ने रीमा के बेटे के गुप्ताँग पर सींग मार दिया जिससे बहुत बढ़ा घाव हो गया था और कई दिनो के इलाज के बाद घाव तो भर गया पर उसके लंड का विकास रुक गया रीमा के बेटे का लंड खड़ा तो होता पर 4 इंच का लंड कमजोर और ढीला था

अब में आप को स्टोरी पर वापिस ले चलता हूँ सीमा और अमन तैयार होकर महेश के साथ घर से निकल पड़े महेश ने उन्हें बस स्टॅंड पहुँचा कर बस में बैठा दिया बस चल पड़ी सीमा ने ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी और साथ में मॅचिंग स्लीवलेशस ब्लाउस पहना हुआ था होंठो पर रेड लिपस्टिक और हल्का सा मेकप किया हुआ था अमन अपने आप में बहुत प्राउड फील कर रहा था कि उसने सीमा मौसी जैसी सुंदर औरत के जिस्म को भोगा है बस कई मर्द सीमा के खूबसूरती के कियल हो गये और बार -2 सीमा को देख रहे थी सीमा के खुशी उसका चाहेरा बयान कर रही था सीमा बहुत खुस थी क्योंकि ननद रीमा के घर पर उसे और अमन के साथ काफ़ी टाइम मिलने वाला था और सीमा अपनी ननद रीमा से भी मिलना चाहती थी सीमा और अमन दोनो बैठ कर बातें कर रहे थे कोई 3 घंटे के सफ़र के बाद बस एक छोटे से कस्बे में पहुँची वहाँ से उतर कर अमन और सीमा ने एक लोकल बस रायपुर गाओं के लिए पकड़ी बस की हालत बहुत खराब थी और एक दम ठसा ठस भरी हुई थी किस्मेत से दोनो को सीट मिल गयी और कोई 2 घंटे के धीमे सफ़र के बाद सीमा खड़ी हो गयी बस रुकी और अमन और सीमा नीचे उतर गये मेन रोड से बाएँ तरफ एक कच्चा रास्ता जा रहा था सीमा और अमन अपना बॅग उठा कर उस रास्ते पर चलने लगे सीमा तो पहले भी कई बार रीमा के ससुराल आ चुकी थी पर अमन पहली बार यहाँ आया था कच्चा रास्ता जिसके एक तरफ खेत ही खेत और किनारे पर घने घने पेड़ लगे हुई थी दूसरी तरफ एक नहर (नदी) और नहर के तरफ भी घने-2 पेड़ और झाड़ियाँ थी जैसे अमन और सीमा कच्चे रास्ते पर आगे बढ़ रहे थी हरियाली बढ़ने लगी दोनो इधर उधर की बातें कर रही थी उस कच्चे रास्ते पर दूर-2 तक कोई दिख नही रहा था दोपहर के 3 बज रहे थे गर्मी बहुत थी पर घने पेड़ो की छाँव में उन्हे ठंडक मिल रही थी सीमा अमन के आगे-2 चल रही थी

अमन:और कितनी दूर चलना पड़ेगा मौसी

सीमा: अमन अब यहाँ कोई है जो तुम मुझे मोसी कह रहे हो

अमन:सॉरी सीमा

सीमा मुस्कुराने लगी और अपने बॅग को छोड़ कर नीचे रख दिया और पलट कर अमन के पास आई सीमा क्या कयामत लग रही थी और सीमा ने अपनी बाहें अमन के गले में डाल दी अमन ने अपने दोनो हाथों को सीमा की कमर पर रख दिया और सीमा आँखें बंद करके अपने होंठो को अमन के होंठो की तरफ बढ़ाने लगी अमन ने सीमा के होंठो को अपने होंठो में ले लिया सीमा की लिपस्टिक के स्वाद से अमन का मूँह भर गया कुछ देर किस करने के बाद सीमा पीछे हुई और अमन की तरफ मुस्करा कर देखा और फिर पलट कर अपना बॅग उठाया और चलने लगी अमन भी बॅग उठा कर सीमा के साथ चलने लगा दोनो आपस में बातें करतें चल रहे थे आख़िर कार दोनो गाओं पहुँच गये अमन ने अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसा गाओं देखा था गाओं काफ़ी पिछड़ा हुआ महसूस हो रहा था गाओं के ज़्यादातर घर कच्चे थे लोगो की हालत बेकार लग रही थी जब दोनो गाओं की गली में आगे बढ़ रहे थे तो लोग उन्हे घूर कर देख रहे थे
अमन:मौसी ये लोग हमें ऐसे क्यों देख रहे है

सीमा:दरअसल यहाँ के लोग काफ़ी ग़रीब हैं और पिछड़े हुए हैं और बहुत कम लोग ही सहर से आते है शायद हमारा पहनावा इन्हे नया लग रहा हो

आख़िर कार काफ़ी चलने के बाद सीमा एक लकड़ी के बड़े से दरवाजे के बाहर खड़ी हो गयी और दरवाजा खटखाया और अंदर से आवाज़ आई कॉन है

सीमा: रीमा दीदी में हूँ सीमा

रीमा ने जल्दी से दरवाजा खोला और सीमा के गले लग गयी

रीमा:और सूनाओ भाभी कैसी हो भाई साहिब नही आए

सीमा:नही उन्हें आगे छुट्टी नही मिली में ठीक हूँ दीदी आप कैसे हो

रीमा:में भी ठीक हूँ आओ अंदर आओ

अमन पीछे खड़ा मुस्करा रहा था

सीमा:दीदी ये मेरी बेहन शोभा का लड़का अमन है

अर्रे अमन बहुत बड़ा हो गया है जब आख़िरी बार देखा था तो शोभा की गोद में था

अमन और सीमा अंदर आ गये रीमा ने दरवाजा बंद किया

अमन रीमा के घर को देखने लगा घर का आँगन बहुत ज़्यादा बड़ा था और आख़िर में तीन बड़े-2 कमरे बने हुए थे और कमरों के आगे बड़ा सा बरामदा था और बरामदे के आगे एक बड़ा सा रसोई घर बना हुआ था तीनो कमरे एक लाइम में और एक तरफ छोटा सा रूम था जिसमे रीमा की सास रहती थी सामने की तरफ थी रीमा ने दोनो को एक रूम में ले जाकर सोफे पर बैठा दिया और ज़ोर से अपनी बहू काजल को आवाज़ लगाई और थोड़ी देर बाद पायल की खनकती आवाज़ के साथ रीमा की बहू काजल कमरे में आ गयी

रीमा: बहू देखो ये मेरी भाभी है सीमा इनके पाँव छुओ और ये इनका भतीजा अमन है

काजल ने आगे बढ़ कर सीमा के पाँव छुए और अमन ने काजल को नमस्ते कहा

रीमा;जाओ इनके लिए शरबत ले आओ और कुछ नाश्ता भी ले आना

काजल:जी माँ जी में अभी लाती हूँ
 

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सीमा ने जो रस अमन को चुदाई का चखाया तो उसने अमन का हर चीज़ खास कर औरतों को देखने का नज़रिया बदल दिया था अमन काजल के हर अंग का जायज़ा ले रहा था काजल ने गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी जो उसने नाभि से 3 इंच नीचे बाँध रखी थी काजल का रंग थोड़ा सांवला था पर नैन नख्श बहुत अच्छे थे काजल सीमा और रीमा के उलट एक दम कमर से पतली थी और चुचियाँ 38 साइज़ की थी कुलमिलाकर काजल का बदन काफ़ी पतला था काजल किचन में चली गयी अमन काजल के खूबसूरत बदन को देख निहाल हो चुका था तीनो बैठ कर इधर उधर के बातें करने लगी कुछ देर बाद अमन और सीमा ने हल्का फूलका नाश्ता किया और रीमा अमन को दूसरे रूम में ले गई

रीमा:लो बेटा तुम यहाँ पर अपने कपड़े बदल कर आराम कर लो

अमन:ठीक है आंटी जी

और रीमा दूसरे कमरे में सीमा के पास चली गयी

सीमा: और बताओ दीदी आपके पति कहाँ हैं और बेटा भी नज़र नही आ रहा
रीमा:वो तो किस काम से शहर गये हैं 10 -12 दिन के बाद आएँगे कोई कचहरी में काम था
और विजय( रीमा का बेटा) वो तो खेत में गया है कुछ देर पहले ही फसल पक चुकी है काफ़ी ध्यान देना पड़ता है और जमीन भी दूर-2 तक फैली हुई है रात को खाना खाने आएगा मिल लेना उसे

सीमा: और तुम्हारी साँस कैसी है अब कैसी तबीयत है उनकी

रीमा:हां कल ही हॉस्पिटल से वापिसे लाएँ है अभी सो रही है और तू सुना क्या बता बड़ा रूप निखरा हुआ है लगता है भाई साहिब जम कर चुदाई करतें हैं

सीमा:कहाँ दीदी आप तो जानती है साल में एक दो बार ही आते हैं

रीमा:हां वो तो जानती हूँ

सीमा:और तुम सूनाओ सब ठीक है मज़े लूट रही हो या सब बंद कर दिया

रीमा:कहाँ यार क्या बताऊ अब घर पर बहू रहती है और मुझे ये सब ठीक नही लगता और ना ही मोका मिलता है

सीमा:तो बहू से कोई खूसखबरी है या अभी भी नही
रीमा: नही सीमा तुम तो जानती हो विजय के साथ क्या हुआ था बड़े डॉक्टरो को दिखाया कोई फ़ायदा नही हुआ कई घरेलू नुस्खे भी करके देख लिए पर कोई फ़ायदा नही पोते का मूँह देखना तो दूर मुझे तो बहू की चिंता सताती रहती वो भी अपनी हसरतों को मार कर जी रही है मुहँ से तो कुछ नही बोलती पर उदास बहुत रहती है और ऊपर सारे गाओं वाले लोग तरह -2 की बातें करने लगे हैं

सीमा:दीदी एक बात बताओ फिर आज कल चूत की आग को कैसे ठंडा कर रही हो

रीमा:क्या बताऊ यार अब समाज के डर से घर से बाहर तो जा नही सकती बस कभी-2 जवानी के दिनो को याद करके चूत में उंगली कर लेती हूँ पर साली ये चूत ठंडी होने की बजाए और खुजलाने लगती है अब तू ही बता में कर सकती हूँ

सीमा: दीदी में तुम्हारी चूत की खुजली दूर करने की दवाई साथ में लेकर आई हूँ

रीमा: क्या बोल रही है तू सच बता ना क्या लाई है

सीमा:वही जिसे अभी तुम दूसरे कमरे में छोड़ कर आई हो

रीमा: चोन्क्ते हुए) क्या बोल रही है तू मुझे यकीन नही हो रहा

सीमा:अब तुमसे क्या छुपाना दीदी मैने उसे अपने जाल में फँसा लिया है पर उसे जाल में फाँसते -2 में और मेरी चूत खुद उसके लंड के गुलाम हो गये है

रीमा:लेकिन देखने में तो छोटा लगता है तुम्हारी चूत का पानी निकाल पाता भी है या नही

सीमा:एक बार अपनी भोसड़ी में उसका लंड लेकर तो देखो अगर तुम्हारी चूत की धज्जियाँ ना उड़ा दे तो मेरा नाम भी सीमा नही

रीमा:तू सच कह रही है तुमने तो आज मेरा दिल खुश कर दिया (अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए) देख मेरी चूत तो अभी से खुजलाने लगी हीयरी है

सीमा:हंसते हुए) कोई बात नही दीदी तुम्हारी चूत की खुजली भी शांत हो जाएगी बस तुम रात की चुदाई का इंतज़ाम करो बाकी में सब संभाल लूँगी

रीमा:देखते हैं चोदे के लंड में कितना दम हैं

और दोनो हँसने लगी दोनो आपस में बेड पर लेट कर बातें कर रही थी दूसरी तरफ अमन बेड पर लेटा काजल के छरहरे बदन के बारे में सोच -2 कर पागल हुआ जा रहा था क्या कयामत बदन था उसका शाम के 6 बज चुके थे अमन जो कि सो चुका था सीमा ने उसे कमरे में आकर उठाया और बेड पर उसके पास बैठ कर उसके होंठो को चूमते हुए बोली चल हाथ मूँह धो ले और चाइ पी ले
सीमा:बोलो क्या बात है यार अगर ये छोरा किसी तरह से मेरी बहू को चोद कर उसकी बच्चेदानी को अपने वीर्य से भर दे तो उसका पेट भी ठहर जाए मेरी तो मुस्किल हल जाएगी लोगो की रोज रोज के तानों से तो बचूंगी

सीमा:वो तो में अमन को समझा दूँगी पर क्या काजल राज़ी हो गी

रीमा:मुकरते हुए) कोशिश करके देखते है फिलहाल आज तो अपनी चूतो के प्यास बुझा लें बाद में सोचते है
और दोनो हँसने लगती हैं

जब सीमा अमन के रूम में गयी तो अमन उसे बड़ी हैरानी से देख रहा था सीमा ने उसे मुस्कुराते हुए पूछा क्यों कैसा लगा अमन कुछ नही बोल पाया

सीमा; अब जब तक हम दोनो यहाँ है खूब चुदाई का मज़ा लेंगे

अमन:पर रीमा आंटी

सीमा:तुम उसकी फिकर ना करो तुम बस उसकी चूत की खुजली को शांत करते रहे

रात ढल चुकी थी रीमा का बेटा विजय घर आ चुका था खाना तैयार था काजल ने उसे खाना परोस दिया सभी लोग बैठ कर खाना खा रहे थे और इधर उधर के बातें कर रहे थे कुछ देर बाद विजय अपने साथ रात के लिए खाना लेकर चला गया गाओं में सब लोग जल्दी सो जातें हैं इसलिए गाओं में जल्दी ही सन्नाटा पसर गया सीमा और रीमा एक रूम में बैठ कर बातें कर रही थी

सीमा:दीदी तो फिर क्या इरादा है

रीमा:तुम और अमन आज एक ही रूम में सो जाओ अगर में तुम्हारे साथ सोई तो काजल को बुरा ना लगे वैसे भी वो अकेली नही सोती पर एक बार उसका लंड मेरी चूत लेने के लिए मचल रही है दोपहर को तो मैने उसका लंड चूस करके उसका पानी निचोड़ लिया था पर चूत की आग शांत नही हुई ।
सीमा:काजल कहाँ है

मीना:अपने कमरे में है

सीमा:में ऐसा करती हूँ कि पहले अमन को जाकर सब समझाती हूँ बाद में तुम अमन के रूम में चली जाना में काजल के पास जा कर उसे बातों में लगाए रखूँगी

रीमा:ठीक है

सीमा उठ कर अमन के रूम में गयी अमन बेड पर लेटा हुआ था सीमा उसके पास जाकर बैठ गयी और झुक कर उसके होंठो को किस करते हुए बोली

सीमा: देखो अमन थोड़ी देर में रीमा दीदी आ रही हैं में चाहती हूँ कि आज तुम उसकी चूत की धज्जियाँ उड़ा दो में काजल के रूम में जाकर उसे बातों में उलझा कर रखती हूँ घबराना नही

अमन: जिसकी गुरु आप हो मौसी वो कैसे घबरा सकता है आप बेफिकर हो जाओ

अमन और सीमा दोनो मुस्कुराने लगे सीमा उठ कर काजल के रूम में चली गयी रीमा दूसरे रूम के डोर पर खड़ी सीमा को काजल के रूम में जाते देख रही थी जैसे ही सीमा काजल के रूम में घुसी रीमा रूम से बाहर आकर अमन के रूम में आ गयी अमन बेड पर उठ कर बैठ चुका था रीमा ने उस समय वाइट कलर का ब्लाउस और पेटिकोट पहन रखा था साड़ी उसने पहलव ही उतार रखी थी रीमा अंदर आई और दरवाजे पर खड़े हो कर अमन को देखने लगी अमन ने अपनी टी-शर्ट पहले से उतार रखी थी जिस्म पर सिर्फ़ एक शॉर्ट्स था अमन बेड से खड़ा हुआ और अपना शॉर्ट्स खींच कर घुटनो से नीचे कर लिया

अमन का 8 इंच का लौडा रीमा की आँखों के सामने फनफना रहा था रीमा की आँखों में चमक आ गयी रीमा तेज़ी से अमन की तरफ बढ़ी और अमन के पास आकर घुटनों बल नीचे बैठ गयी और अमन के लंड को हाथ में जड से पकड़ लिया और हिलाने लगी उसने अमन के लंड के सुपाडे पर चमड़ी पीछे की और गुलाबी सुपाडे देख कर रीमा की आँखों में चमक आ गयी रीमा ने बिना कुछ बोले पहले अपनी जीभ को बाहर निकाला और सुपाडे पर पेशाब वाले छेद पर लगा दिया और धीरे -2 अपने जीभ से कुरेदने लगी अमन की गान्ड झटके खाने लगी अमन ने आहह के साथ रीमा के सर को अपने दोनो हाथों से पकड़ लिया रीमा ने अपनी जीभ से अमन के लंड के सुपाडे को चाटना चालू कर दिया अमन की मस्ती का कोई ठिकाना नही था अमन रीमा के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर अपनी आँखें बंद किए अपनी गान्ड को धीरे-2 हिलाने लगा रीमा अमन के लंड के सुपाडे को चाट चाट कर सॉफ कर रही थी फिर थोड़ी देर बाद रीमा ने अमन के लंड को एक साइड में करके अपने दोनो होंठो के बीच अमन के लंड को एक साइड अपने दोनो होंठो के बीच में ले लिया और अपने दोनो होंठो को अमन के लंड के शुरू से जड तक रगड़ने लगी अमन के बदन का सारा खून उसके लंड की नसों में इकट्ठा होने लगा रीमा लगातार अपने होंठो को अमन के लंड के आगे से जड तक रगड़ कर चाट रही थी और अपने दूसरे हाथ से अमन के आंडो को सहला रही थी रीमा को महसूस हो रहा था कि अमन के आंडो की थैलियाँ वीर्य से भर कर अकड़ने लगी हैं रीमा ने झुक कर अमन के आंडों को चाटना चालू कर दिया और पूरा मूँह खोल कर उसके आंडों को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया अमन मस्ती में अपनी आँखें बंद किए लंड चुस्वाई का मज़ा ले रहा था रीमा ने फिर अमन के लंड के सुपाडे को मूँह में लेकर चूसना चालू कर दिया और अमन के लंड का सुपाडा रीमा के मूँह के अंदर बाहर होने लगा लंड मूँह में पुतछ-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा

रीमा तेज़ी से अपना सर हिला-2 कर अमन का लंड चूस रही थी रीमा एक झटके के साथ खड़ी हो गयी
रीमा:अब बहुत हो गया चोदे चल जल्दी से अपना लौडा मेरी भोसड़ी में घुस कर मेरे भोसड़ी के खुजली को मिटा दी
रीमा उठ कर सोफे के पास गये और अपने पेटिकॉट को अपनी गान्ड से ऊपर चढ़ा कर दोनो घुटनो को सोफे पर रख कर आगे की तरफ झुक डॉगी स्टाइल में आ गयी

वउूओ क्या मस्त गान्ड है अमन सोचने लगा इतनी बड़ी गान्ड तो सीमा मौसी की भी नही रीमा दोनो जाँघो को फैला कर सोफे पर घुटनो को टिका कर झुकी हुई थी उसकी झान्टो से भरी चूत उसकी झान्टो में छुपी हुई थी रीमा की घूंघुराली झान्टो में उसकी चूत छुपी हुई थी रीमा ने अपना एक हाथ दोनो नीचे ले जाकर अपने दोनो जाँघो के बीच से गुजर कर पानी चूत की फांकों पर रख कर अपनी चूत की फांकों को उंगलियों से खोल दिया रीमा की गुलाबी चूत अमन की आँखों के सामने था
रीमा:क्या देख रहा है चल्ल्ल्ल्ल्ल आज्ज्जा औरर्र मेरी चूत में अपना लौडा डाल दे जल्दी कर

अमन अपना लंड हाथ में थामें रीमा के पीछे आकर खड़ा हो गया और अपने लंड के सुपाडे को रीमा की चूत के छेद पर टिका दिया रीमा के बदन में बिजली कोंध गयी

रीमा:अपनी चूत के छेद पर लंड का सुपाडा लगते ही) अहह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई पहले थोड़ा सा अपने सुपाडे पर थूक लगा लीयी अह्ह्ह्ह्ह्ह

अमन ने अपने लंड पे ढेर सारा थूक लगा लिया और फिर से रीमा की झान्टो भरी चूत के छेद पर लंड के सुपाडे को टिका दिया और धीरे -2 अपना लंड अंदर करने लगा

रीमा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आईसीईए नहियीईईई हरमिीईईई ज़ोर से धक्का माअर

अमन रीमा से ये सब सुन कर अपना आपा खो बैठा और रीमा की गान्ड को दोनो हाथों से थाम कर अपनी पूरी ताक़त से अपनी कमर को हिलाया और लंड एक ही बार में रीमा की चूत की फांकों को फैलाता हुआ जड तक रीमा की चूत में जा घुसा ।

रीमा:अह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मररर्र्र्ररर गइईईईईईईई सलीईई इतनीईई भीए जोर्र्र से नहिी कहा थाआआ

अमन ने रीमा की गान्ड को दोनो हाथों में पकड़ लिया और बिना रुके ताबड तोड़ धक्के लगाने चालू कर दिए रीमा का पूरा बदन हिलगया

रीमा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह धीरीईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह बहू सुन्न्ञनणणन् लीईए गीईई अहह मरररर गाईईईईई

पूरे कमरे में थप-2 की आवाज़ गूंजने लगी थोड़ी देर बाद रीमा की सालों के बाद चुद रही चूत भी अमन के लंड के हिसाब से फैल गयी और लंड धना धन अंदर बाहर होने लगा लंड का सुपाडा सीधा जाकर रीमा की बच्चेदानी पर चोट कर रहा था रीमा भी पूरी तरह मस्त हो कर अपनी चूत चुदवा रही थी

रीमा:अहह ओह मजाआ एयेए गायाअ तू तो बहुत अच्छा चोद्ता हाईईईई रीईई आअज पहली बार किसी नीईए मेरी चूत की दीवारों को हिला कर रख दिया है
अहह मररर्र्ररर गइईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और जोर्र्र्र्र्र्र्ररर से सलीईईईई बढ़ावीईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
अमन भी पूरी तरह जोश में आ चुका था

अमन:लीई सलिइीइ और्र लीई आज्ज्जज्ज्ज्ज तेरी चूत्त्त्त को सूजा ना दिया तो मेरा नाम भी अमन नही

रीमा:अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फद्द्द्द्द्दद्ड दीए मेरीए चूत्त्त्त्त अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

अब दोनो इतने गरम हो चुके थे कि दोनो की आहहें कमरे में गूँज रही थी

रीमा:अह्ह्ह मेरा पानी छूटने वाला हाईईईईईई अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और रीमा शांत पड़ गयी अमन भी उसकी चूत को अपने पानी से भीगोने लगा थोड़ी देर बाद अमन ने अपना लंड रीमा की चूत से निकाला और रीमा की चूत को दोनो हाथों से फैला कर देखा रीमा की झान्टो से भरी चूत अमन के वीर्य से सन चुकी थी रीमा सोफे पर झुकी हाँफ रही थी

रीमा:वाहह रे छोरे तूने तो कमाल कर दिया इस बूढी की चूत से भी पानी निकाल दिया मज़ा आ गया

रीमा सोफे से खड़ी हुई और अपनी गान्ड पे अटके पेटिकोट को ठीक किया और अमन की तरफ देख कर मुस्करा कर बाहर चली गयी और दूसरे रूम में आ गयी जहाँ सीमा और काजल बैठी बातें कर रही थी रीमा की चूत से अमन का पानी बह कर उसकी जाँघो तक फैल चुका था

रीमा:भाभी तुम ज़रा मेरे साथ दूसरे कमरे में चलना में तुम्हारे सोने का इंतज़ाम कर देती हूँ

सीमा उठ कर रीमा के पीछे दूसरे रूम में चली गयी रूम के अंदर जाकर रीमा ने सीमा की तरफ देखा दोनो के होंठो पर कामुक मुस्कान थी

सीमा:कैसे लगा दीदी

रीमा: बस पूछ ना चोदे ने दिल और चूत दोनो लूट लिए मज़ा आ गया ये देख

रीमा ने अपना पेटिकोट को अपनी कमर तक चढ़ा लिया रीमा की झान्टो भरी चूत और मोटी जांघे सीमा की आँखों के सामने थी अमन के लंड का काम रस रीमा की चूत से बह कर उसकी जाँघो तक फैला हुआ था रीमा की चूत की झान्टे अमन के वीर्य से सनी हुई थी उसकी चूत की फाँकें अभी फैली हुई थी

रीमा:तू सच कह रही थी चोदे के लंड में दम तो बहुत है बस मेरा एक काम कर दे मेआइं सारी उम्र तेरा अहसान नही भूलूंगी
सीमा:इसमे एहसान की क्या बात है तुम बात तो करो

रीमा; बस मेरी बहू की बच्चेदानी को बबलू के वीर्य से भरवा दे बस उसका पेट ठहर जाए तो वो भी बच्चे के कारण यहाँ टिकी रहेगी नही तो ऐसा लगता हैं कहीं वो मेरे बेटे विजय को छोड़ कर चली ना जाए


सीमा:कुछ देर सोचने के बाद ) लेकिन क्या काजल मान जाएगी मुझे नही लगता वो हमारे कहने पर मानेगी

रीमा; हां यही तो बात है और में खुद तो उसे बोल नही सकती

सीमा:चल छोड़ो दीदी कल सुबह सोचेंगे

और सीमा अमन जिस रूम में था वहाँ सोने चली गयी सीमा ने एक पतली सी वाइट कलर की लोंग नाइटी पहनी हुई थी सीमा अंदर आकर डोर लॉक करने लगी अमन सीमा को देख रहा था पतली वाइट नाइटी मे से सीमा की गान्ड सॉफ दिखाई दे रही थी उसने नाइटी के नीचे कुछ नही पहना हुआ था सीमा डोर लॉक करके बेड पर आकर अमन की तरफ करवट लेकर लेट गयी और अमन से चिपक गयी अमन ने अपना एक हाथ सीमा की कमर में रख दिया अमन ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी सीमा ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके शॉर्ट्स के अंदर डाल दिया और उसके सिकुडे हुए लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी

सीमा:लगता है आज्ज्जज मेरा राजा काफ़ी थक गया काफ़ी मेहनत जो की है आज्ज्जज्ज

अमन हां मौसी में बहुत थक गया हूँ

सीमा अमन से एक दम चिपकी हुई थी और अमन के लंड को धीरे-2 सहला रही थी थोड़ी देर में अमन के लंड में थोड़ा सा तनाव आया तो सीमा उठ कर बैठ गयी और अमन का शॉर्ट्स उसके घुटनो से नीचे कर दिया और अमन के सोए हुए लंड को मूणः में लेकर चूसना चालू कर दिया धीरे-2 अमन का लंड अकड़ कर तन गया अमन अपने दोनो हाथों से सीमा के सर को थामें अपनी गान्ड को हिला कर सीमा के मूँह को चोदने लगा सीमा के मूँह से पुतछ-2 की आवाज़ आने लगी अमन का लंड खड़ा होकर झटके खाने लगा सीमा ने लंड को बाहर निकाला और एक झटके में अपनी नाइटी को अपने गले से उतार कर बेड के नीचे फेंक दिया और बेड पर पीठ के बल लेट गयी अमन को अपने ऊपर खींच लिया और अपना हाथ नीचे ले जाकर अमन के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया अमन अब तक जो सुस्त पड़ा हुआ था लंड चूत के छेद पर लगते ही अमन की कमर में जैसे जान आ गयी हो और उसने पूरी ताक़त के साथ लंड को चूत में पेल दिया

सीमा:हइईए मआराआ डाला जालिमम्म्म क्या कर्र रहा हाई
अमन ने बिना कुछ बोले अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से पूरी ताक़त के साथ अंदर पेल दिया दो तीन तेज धक्कों के साथ अमन के लंड का सुपाडा सीमा की चूत में पूरा घुस गया और अमन ने झुक कर सीमा के होंठो को अपने होंठों मे ले लिया और चूसने लगा सीमा के हाथ अमन की पीठ को सहला रहे थे अमन धीरे-2 अपनी कमर को हिला-2 कर लंड चूत के अंदर बाहर कर रहा था और दोनो हाथों से सीमा की चुचियों को मसल रहा था सीमा सिसकारियाँ भरने लगी

सीमा;अहह अमान्ंणणन् तुम्हें मालूम नहियिइ मैने तुम्हेन्ंणणन् कितना मिस किया है तुम्हरे बदन का अहसास में कभी भुला नही पे अहह अमान्ंणणन् और जोर्र्र्ररर से चोद अपनी रांड़ मौसी की भोसड़ी को अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अमान्ंनणणन् मेरीईए चूत्त्त्त तरस गयी थी तुम्हारे लंड क्ीईए लिइईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अमान्ंनननणणन्
सीमा भी पूरे जोश में आकर अपनी कमर हिला -2 कर अमन के लंड को अपनी चूत में पिलवा रही थी और अमन भी अपनी गान्ड को उठा उठा कर अपना लंड सीमा की चूत में धकेल रहा था अमन आनंद के सागर में गोते खा रहा था कोई 10 मिनट की चुदाई के बाद दोनो झड गये और हाँफने लगे अमन पलट कर सीमा की बगल में आकर लेट गया दोनो कुछ देर एक दूसरे की बाहों में समाए हुए एक दूसरे के होंठो को चूमते रहे फिर धीरे- 2 सीमा नींद के आगोश में समा गयी अब तक अमन जागा हुआ था उसे अब तक काफ़ी कुछ समझ में आ चुका था जब थोड़ी देर पहले उसने रीमा को चोदा था उसे उतना मज़ा नही आया था क्योंकि रीमा की चूत काफ़ी खुली हुई थी और रीमा की उम्र सीमा से 10 साल ज़्यादा थी अमन सोच रहा था कि अगर सीमा मौसी की चूत उसे इतना मज़ा दे रही है तो काजल की चूत अगर उसे मिल जाए तो मज़ा आ जाए अमन का हाथ काजल के बारें में सोचते हुए अपने लंड पर चला गया
 
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