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निकिता ईशाके कॅबिनमें कॉम्प्यूटरपर बैठी हूई थी.ईशा उसकी सुबहकी मिटींग निपटाकर उसके कॅबिनमें वापस आ गई. उसने घडी की तरफ देखा. लगभग दोपहरके बारा बज गए थे. कुर्सी पिछे खिंचकर वह अपने कुर्सीपर बैठ गई और कुर्सीपर पिछेकी ओर झुलते हूए अपनी थकावट दूर करनेका प्रयास करने लगी. निकिताने एक बार ईशाकी तरफ देखा और वह फिरसे अपने कॉप्म्यूटरके काममें व्यस्त हो गई. "किसीकी कोई खास मेल ?" ईशाने निकिताकी तरफ ना देखते हूए ही पुछा. " नही .. कोई खास नही… लेकिन एक उस ‘क्युटबॉय’ की मेल थी. " निकिताने कहा. " क्युटबॉय … कुछ लोग बहुतही चिपकू होते है … नही?" ईशाने कहा.