ढेला का बाप अपनी बहुरिया की बुर चोदते हुयेछिनाल बहुरिया-16
ढेला मोनू खेत मे चले गये थे तो सोनू छुटकी को लेने स्कूल सासू पड़ोस मे ससुर आँगने मे बैठे टोकरी बना रहे थे मै झाडू लगा रही थी मै पेटिकोट ब्लाऊज मे थी ब्लाऊज काफी काटा छोटा वा टाईट था जिसमे मेरी चुची आधी से जादा बाहर था मात्र निप्पल निकलने भर की देरी हो उधर मै ताण चुकी थी कि बुढ्ढे की नजर मेरे चुतडो पर थी महीन पेटिकोट में मेरे चुतड कयामत ढा रहे थे तभी ससुर बोल उठे
ससुर बहु सच कहता हूँ तेरे ये चुतड़ बडे जानलेवा है
मै छी बाबूजी
ससुर अरे सुंदर को सुंदर ना कहूँ तो क्या कहूँ रात को जब से तेरी मादक जवानी देखी है देख मेरा तो लंड तबसे बैठा तक नही
मै देखा तो सच से ससुर का लंड किसी साँप की भाँति धोती मे फुँकार रहा था दूर से मालूम होता था जालिम बडा दमदार है
मै हाये बबूजी धोखा हो गया
ससुर हाये उसी धोखे ने तो चैन उड़ा रखा है मदमस्त चुतड़ो पर गजब की महेंदी सच कहता हूँ धोती मे यह दो बार झड चुका है मगर बैठा नही देख कैसा तडप रहा है बेचरा और यह कहते हुये उन्होंने अपनी धोती हटा दी
बाप रे इतना बडा मोटा किसी जानवर का जैसे कटा लगा लिया हो मै बस डर से उसे देख रही थी
मै ससुर के पास बैठ गई सुबह से गर्मयी बुर ने इतना जानदार लंड देख पर पानी चुआना शुरू कर दिया था मैंने लंड पर चपत लगाते बोली
मै क्यो रे शैतान मेरे प्यारे ससुर को परेशान कर रखा है उनकी बहु की गांड बुर पर नजर रख रहा है तुझे कुछ शर्म हया है या बेच खायी,
कुछ अलग है लीक से हटकर है। कहानी के बारे में मेरी राय भी यही है कि ये लम्बी लिखी जाए।Deeply भाई कहानी में अभी बहुत सारा potential है इतने छोटे में ही बंद कर दोगे तो कैसे चलेगा फोरम किसी भी कहानी को चलने में वक्त लगता है मैं ये यकीन से के सकता हूं रीडर बोर नहीं होने वाले सेम ऐसा प्लॉट मैने भी सोचा था पर लिख नही पाया उम्मीद करता हूं कि आप इसे पूरा करें ।
शबदों के साथ साथ चित्र चयन भी शानदार है।छिनाल बहुरिया-16
ढेला मोनू खेत मे चले गये थे तो सोनू छुटकी को लेने स्कूल सासू पड़ोस मे ससुर आँगने मे बैठे टोकरी बना रहे थे मै झाडू लगा रही थी मै पेटिकोट ब्लाऊज मे थी ब्लाऊज काफी काटा छोटा वा टाईट था जिसमे मेरी चुची आधी से जादा बाहर था मात्र निप्पल निकलने भर की देरी हो उधर मै ताण चुकी थी कि बुढ्ढे की नजर मेरे चुतडो पर थी महीन पेटिकोट में मेरे चुतड कयामत ढा रहे थे तभी ससुर बोल उठे
ससुर बहु सच कहता हूँ तेरे ये चुतड़ बडे जानलेवा है
मै छी बाबूजी
ससुर अरे सुंदर को सुंदर ना कहूँ तो क्या कहूँ रात को जब से तेरी मादक जवानी देखी है देख मेरा तो लंड तबसे बैठा तक नही
मै देखा तो सच से ससुर का लंड किसी साँप की भाँति धोती मे फुँकार रहा था दूर से मालूम होता था जालिम बडा दमदार है
मै हाये बबूजी धोखा हो गया
ससुर हाये उसी धोखे ने तो चैन उड़ा रखा है मदमस्त चुतड़ो पर गजब की महेंदी सच कहता हूँ धोती मे यह दो बार झड चुका है मगर बैठा नही देख कैसा तडप रहा है बेचरा और यह कहते हुये उन्होंने अपनी धोती हटा दी
बाप रे इतना बडा मोटा किसी जानवर का जैसे कटा लगा लिया हो मै बस डर से उसे देख रही थी
मै ससुर के पास बैठ गई सुबह से गर्मयी बुर ने इतना जानदार लंड देख पर पानी चुआना शुरू कर दिया था मैंने लंड पर चपत लगाते बोली
मै क्यो रे शैतान मेरे प्यारे ससुर को परेशान कर रखा है उनकी बहु की गांड बुर पर नजर रख रहा है तुझे कुछ शर्म हया है या बेच खायी,