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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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छुटकी -होली दीदी की ससुराल में

भाग १११ पंडित जी और बुच्ची की लिख गयी किस्मत पृष्ठ ११३८

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Last edited:

motaalund

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धन्य हो कोमल मैम

क्या शानदार अपडेट है !!!! बस पढ़ते ही आनन्द आ गया।

इंतजार का फल मीठा होता है सुना था, लेकिन इतना तो उम्मीद से भी परे था।

जबरदस्त इरॉटिक भी और सस्पेंस भी, एकदम रोलर कोस्टर की तरह।

वाह, मजा आ गया।



सादर
महोदय...
यहाँ तो फलों से भरी टोकरी है...
जहाँ मर्जी हो वहाँ मुँह मार लें...
नमन...
 

motaalund

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Wah maza aa gaya. Jaha bahu aur sas damad nadoi ke land se khel rahi hai vahi nandiya chhinar to pura gambhin ho rahi hai. Maza aa gaya. Sali ne vada kiya hai. Aur nibhargi bhi. Magar ab vaha to damad apni sas ka pichhvada chodne ke firag me hai. Maza aa gaya.

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कबड्डी जीतने की शर्त ..
जो ननदें हार गईं हैं...
वो ट्रॉफी तब तक पूरी हासिल नहीं होगी
जब तक खुद की ननद भी अपने भाई से ना चुदे...
 

motaalund

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नंदोई के बजाय सास हीं चढ़ गई..
सास तो तेज-तर्रार निकली...
बेटी के बदले दामाद को महतारी की गाली देते हुए..
तीन साल की देरी को वसूल रही हैं.
जब जब जो जो होता है...
तब तब सो सो होता है..
 

motaalund

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बहुत दिनों बाद मेरी सास चुद रही थीं, और वो भी अपने दामाद से बहू के सामने। और मजे से चीख रही थीं, सिसक रही थीं
सास के गाँव के देवर तो यहीं रहते होंगे..
फिर होली के शुभ अवसर सास बची कैसे रह गईं...
देवरों के साथ फागुन का मौसम तो सालों भर रहता है...
सास का भी धीरे-धीरे खुलासा होगा...
 

motaalund

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सास-बहु ने अपनी जुगलबंदी से नंदोई की महतारी के बजाय नंदोई को हीं नचा दिया..
और सास की बिल देख कर नंदोई का नाग लहराने लगा है...
और लहराते हुए अपना बिल भी ढूंढ लिया...
 

motaalund

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नन्दोई तो वैसे ही पिछवाड़े के छेद के रसिया
सलहज ने नंदोई के रसियेपन को परवान चढ़ा दिया...
लेकिन सास का भी ख्याल रखा कि इतने मोटे सुपाड़े से बिना तेल के खून खच्चर ना हो...
फिर अपने मर्द को भी एकदम ताजा और कसा हुआ माल मिलेगा...
कोमल जी सबका ध्यान रखती है...
खासकर अपने पति को किसी प्रकार से मजे में कोई कमी न मिले...
 

motaalund

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बहु तो एक पंथ दो काज में विश्वास रखती है...
भाई बहन के नजारे के साथ-साथ सास की भी तीमारदारी...
फिर नंदोई तो सलहज के गुलाम बने हीं बने...
Multi-tasking बहु...
 

motaalund

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बहु तो दोनों कमरों का मजा ले रही है...
३ इडियट्स का डायलोग " ज्ञान बंट रहा है... जहाँ से मिले लूट लो.."
इसी प्रकार मस्ती की बहार है... जिस कमरे से मिले हंसोत लो...
 
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