• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
23,543
63,460
259
भाग १०६ - रीत रस्म और गाने, पृष्ठ, १०९५

छुटकी - होली दीदी की ससुराल में, अपडेट पोस्टेड,

कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
भाग १०३ इमरतिया


२५,६२,२०३


Teej-Gao-06a0631fb0aa05005635989345051874.jpg

इमरतिया इस कहानी में कई बार आयी और फिर कई बार आएगी तो शुरू से कुछ बातें और फिर कहानी जहाँ छोड़ी थीं वहीं से धागे पकडूंगीं, यानी जब सूरजबली सिंह, सुगना के ससुर की शादी की तैयारी चल रही थी, लेकिन पहले इस कहानी में मतलब, हमारे गाँव में जब गौने के बाद सुगना आयी थी लेकिन उसके साथ ही सबसे पहले मेरे गाँव के नाऊ ठाकुर लोगों के बारे में।



दस बारह घर थे, और पूरे बाईसपुरवा में सब की जजमानी, जो बड़े काश्तकार थे उन लोगो ने कुछ कुछ जमीन दे रखी थी, और कुछ फसल काटने पर, बाकी सब काम काज, प्रयोजन में मिलता ही था। गुलबिया का परिवार हम लोगों की पट्टी का काम देखता था और सुगना वाली पट्टी का इमरतिया का खानदान, वैसे ही बाकी दस बारह परिवारों में बटा था सब काम धाम। नाउन तो घर का एकदम हिस्सा होती थी, कोई काम उसके बिना हो ही नहीं सकता था।



तो बात इमरतिया की।

बात करीब साल भर पहले की थी, सूरज बली सिंह की शादी से करीब साल भर पहले। और जब उतरी तो परछन करने वालियों में सबसे आगे, सूरज बली सिंह की माँ, आखिर उनके नाउन की बहू थी , और उसका रूप जोबन आँख में उतर गया सबके।

सींक सलाई नहीं, भरी भरी देह, खूब गदराता जोबन, गोरा रंग, उमर में सूरज बली सिंह से साल दो साल छोटी ही होगी या समौरिया, लेकिन गाँव के रिश्ते से भौजी तो रिश्ता पहले दिन से ही भौजी का हो गया।

Teej-Gao-desktop-wallpaper-amrapalli-dubey-bhojpuri-actress.jpg


मरद भी उसका कड़क जवान था लेकिन जैसा गाँव की और गाँव की नयी नई दुल्हनों की किस्मत, महीना भर नहीं गुजरा था, पंजाब में कटाई का काम चालू हो गया और वो ट्रेन पकड़ के, ….

अब एक की जगह दो परानी, खेती किसानी से इतना तो मिलता नहीं और नाउन के बिना तो अभी कुछ नहीं होता लेकिन नाऊ का रोज का काम तो रेजर और सैलून ने ले लिया।



इमरतिया को उसके मर्द के जाने के हफ्ते दस दिन बाद सूरजबली सिंह की माई ने बुलाया। उदास, पहले की परछाई सी आके जमीन पे बैठ गयी , बिन बोले टपटपाती आँखे सब कह रही थीं।

माथे पे हाथ फेर के सूरजबली सिंह की माई बोलीं, " अरे आय जाया करो, तनो हमार हाथ गोड़ मीज दिया करो, कउनो बात हो तो बोलो।



बारिश की धूप की तरह वो बहुत दिन बाद इमरतिया मुस्काई और सूरजबली सिंह की माई भी और हंस के बोलीं,



" अब लग रही हो नई बहुरिया की तरह, "

फिर आंगन में दाना चुगती दो चार गौरेया की ओर इशारा करके बोलीं,

" देखो हम गाँव क औरतों क जिन्नगी एही तरह, सुख के दो चार दाने इधर उधर बिखरे रहते हैं, बस वही चुग के काम चलाना पड़ता है। आय जाय करो, हमार तोहार दोनों क मन बहल जाएगा, कोई बात हो बताना जरूर। "

फिर धीमे से उसकी ठुड्डी उठा के बोली,

" समझ रही हूँ, भूख यह उमर में पेट से ज्यादा पेट से बित्ते भर नीचे वाले गड्ढे में लगती है , तो मरद तो किसके घर के नहीं चले जाते, और ससुरे लौट के भी नहीं जल्दी आते, बहुत हुआ तो चिट्ठी, मनीआर्डर लेकिन मरद न हो, देवर की कमी है क्या । जब तक देवरानी नहीं आती भौजी का जिम्मेदारी, "



Teej-MIL-cd63daef51a009b0dfdde659de359d6d.jpg

तबतक सुरजबली सिंह अखाड़े से लौटे लेकिन इमरतिया को देख के हलके से ठिठके पर उनकी माँ ने हड़काया,

" अरे तोहार भौजी हैं हैं नयकी भउजी, "

इमरतिया ने हड़बड़ा के उठने की कोशिश की, बड़के घर क लड़का, लेकिन सूरजबली सिंह की माई ने हड़का लिया

" अरे बैठों, छोट देवर हैं,… उनसे कौन "



सूरजबली सिंह एक पल के लिए रुके मुस्कराये, लेकिन फिर तुरंत ही अपने कमरे की ओर, पर वो मुस्कराहट न उनकी माई से छुपी न इमरतिया से।
क्या बात है. वक्त बदल जाए. किरदार बदल जाए. पर खेल वही रहता है. उस वक्त गुबिया की बहुरिया मतलब गांव की नईकी भौजी इमरती थी. और ऊपर से उसका मरद गया पंजाब. फसल काटने. कमाई करने.

a500892588b906ff467da69cf0c80f9c
सूरजबली की महतारी बिलकुल सही तो कह रही है. गांव मे क्या देवरो की कमी है. पर उस वक्त वो शर्माती थी. और सूरजबली की हसीं देख कर वो भी समझ गई.

0ae92c3f3d203d78ed360dcc5b7b1dff

de duplicate
 
  • Like
Reactions: komaalrani

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
भउजी- देवर

Teej-Gao-Screenshot-20231014-022454.jpg


फिर तो दो चार दिन बाद से छुटकी नाउन, इमरतिया भउजी की बुलाहट शुरू हो गयी, कभी अचार डालना होता था तो कभी बड़ी बनानी होती थी, हफ्ते में दो तीन बार तो कम से कम और कभी वैसे भी आ गयी तो नयको तनी सर में तेल लगा दो, तो कभी गोड़ दबा दो और घंटो सूरजबली सिंह की माई उससे गप्प लड़ाती और अक्सर बात एकदम खुल के शुरू हो जाती

और उसे बुलाने के लिए जाते सूरजबली सिंह ही,

" भउजी माई बुलाई हैं " और एक दो बार के बाद इमरतिया भी समझ गयी देवर कुछ ज्यादा ही सोझ है, एकदम लजाधुर तो बिना चिढ़ाए छोड़ती नहीं


" अरे हमार गोड़ पिरात बा, ….ऐसे न आईब, कोरा में ले चला " और खिस्स से मुस्करा देती


Teej-Gao-tumblr-718852d4240fea64de71c74136f7e3a8-5240a88e-640.jpg


और सुरजू देवर झेंप जाते भौजाई क बदमाशी समझ के।

कभी खुद खींच के घने गन्ने के खेत के बीच में से ले जाती, पगडण्डी, पगडंडी ये बोल के कि जल्दी पहुँच जाएंगे और रस्ते में देह से देह रगड़ते बोलती

" हे देवर कभी अपने खेत क गन्ना खिलाओ न, सुना है बहुत मोटा, रसीला लम्बा होता है "

Sugarcane-crushing-could-face-delay.jpg


बेचारे सूरजबली सिंह, झोंके में बोल जाते एकदम

" भउजी, इतना रस किसी गन्ने में नहीं निकलता,जितना हमरे गन्ने में है, और देखो मोट केतना है दस बीस गाँव में अइसन गन्ना न मिली "

लेकिन फिर समझ के भउजी किस गन्ने की बात कर रही हैं फिर से झेंप जाते, और इमरतिया और रगड़ती,गाँव की किसी लड़की का नाम लेकर जो उनकी रिश्ते में बहन लगती,

" बिन्नो को खिलाये हो आपन गन्ना,... बेचारी बैगन से काम चला रही है "

जब गाँव की भौजाइयों की छेड़खानी से बचने के लिए सूरजबली सिंह ने बँसवाड़ी के पीछे अपना डंड पेलने का अड्डा बनाया तो उसकी महक सबसे पहले इमरतिया को लगी, और वो अक्सर, आते जाते अब उधर से ही, सबेरे सबरे, एक दिन वो लंगोट कसरत के पहले बाँध रहे थे की इमरतिया की नजर पड़ गयी और वो दहल के रह गयी

samu-langot-56249fd381867e515ac47f34102e4e16.jpg


एकदम कड़ियल नाग, फनफनाता

इमरतिया ब्याहता थी, कितनी बार उसने देखा था, पकड़ा था अंदर लिया था, दबोच के उसका जहर निकाला था लेकिन ये तो एकदम अलग

बित्ते भर से कम का नहीं होगा, और मोटा कितना,सोच भी नहीं सकती थी, किसी मरद का ऐसा भी हो सकता है,... कईसे कोई लेगा इसे अंदर



सूरजबली सिंह की माई की सगी क्या कोई चचेरी बहू भी नहीं थी, उनके ससुर भी एक भाई और लड़का भी एक ही

और बेटा खेत खलिहान या अखाडा, दंगल

तो इमरतिया सच में बहू की तरह और सूरजबली सिंह की बड़की भउजी की तरह



तो अब थोड़ा फ़ास्ट फारवर्ड
वाह उस वक्त तो सब ज्यादा होता था. इमरती बिलकुल ठीक छेड़ रही है अपने देवर को. अरे यही तो काम होता है भौजी का. अपने देवरो को उनकी बहन के नाम से छेड़ना. मौका मिले तो चढ़ा कर बहनचोद बनवा ना. लेकिन सूरजबली शरमाते बहुत है. वाह इमरती वाह. आ ही जाएगा लाइन पर.

51060054bdb0848c7561bed5764ca045 03d6bc461180bfda84f5a98e569e0191
 

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
सब जिम्मेदारी इमरतिया की- तोहार देवर तोहरे हवाले


Teej-0814aab0a7c31af5fee8f7caa460af10.jpg



तिलक चढ़ गयी थी उनकी, तिलकहरुओं ने पूरा आँगन भर दिया था, इतना सामान, और परजा पौनी को भी ,

शादी १२ दिन बाद थी पूरा घर रिश्तेदारों से भरा, अगले दिन उड़द छूने के बाद ही रीत रिवाज चालु हो गए थे और नाउन होने के नाते सब जिम्मेदारी इमरतिया की फिर भउजी भी थी बड़ी।



नई दुल्हन के लिए कमरा ऊपर था और कोहबर भी ऊपर ही बना था। उन कमरों के आगे बड़ी सी खुली छत, और एक ;लंबा सा बरामदा, जिसमे से दोनों कमरों के, कोहबर के और सूरजु सिंह के दरवाजे खुलते थे, और सीढ़ी भी उसी बरामदे में खुलती थी।

नीचे मेहमान सब भरे


तिलक के दो दिन पहले से ही हलवाई बैठ गए थे, एकलौते लड़के की शादी, खूब चहल पहल।

तिलक के अगले दिन से सब रीत रिवाज, और सबसे ज्यादा जोश में सूरजबली सिंह की माई, सबेरे सबेरे मांगर आया, ढोल की पूजा, कोहबर ऊपर था और लड़के का कमरा भी, उस जमाने में गाँव में पक्के घर दो चार ही थे और दुमंजिला तो उस पट्टी में खाली उन का ही, इसलिए पूरे बाईसपुरवा में बड़का घर बोला जाता था।

तिलक के अगले दिन सांझ की जून, छत पर औरतों का घमकच, और उन के बीच दबे सहमे सिकुड़े बैठे, सुरजू। सामने उन की माई और उन के बगल में इमरतिया, नाउन भी, भौजाई भी।

" आज से मुन्ना बरात निकले तक एहि कोठरी में रहना है, बाहर कदम नहीं निकालना है , और कुछ भी हो, तो तोहार भौजी तोहरे साथ रहिए, अब दस बारह दिन उन्ही क राज, बिना सोचे कुल बात माननी होगी, अइसन मीठ मिठाई ऐसे थोड़ी मिलेगी "

सुरजू की माई ने इमरतिया की ओर इशारा करते हुए कहा।

Teej-MIL-f83c96c3be0a9fe914bc1ea27c213b89-high.webp


रिवाज भी यही था, कोहबर के बगल के ही एक कमरे में दूल्हे को रखा जाता था और वही कपडे पहने, और कोहबर में मांडव में कोई भी रीतरिवाज के लिए, माटी खोदने, ताल पोखर जाना हो तो सब साथ में नाउन और भौजी, जिसके ऊपर दूल्हे की जिम्मेदारी होती थी , किसी की नजर न पड़े।और यहाँ तो नाउन भी इमरतिया और भौजी भी इमरतिया और सुरजू की माई की सहेली कहें राजदार कहें, वो भी इमरतिया और सुरजू सिंह जिसे देख थोड़ा बहुत लुभाते थे, वो भी इमरतिया, और ये बात इमरतिया को भी मालूम थी और सुरजू की माई, बड़की ठकुराइन को भी।

" एकदम, भौजाई क बात नहीं मानोगे तो बियाह के मिठाई ले आओगे तो भी नहीं मिलेगी, ...हफ्ता भर बाद कंगन खुलवाउंगी" एक गाँव क भौजाई बोलीं।
Teej-Gao-Shal-desktop-wallpaper-arshi-khan.jpg


लेकिन इमरतिया अपने देवर की ओर से बोली,

" अरे नाही, हमर देवर को ऐसे घबड़ाय रहु हो , ...बेचारे इतने दिन से भूखे हैं मिठाई के लिए, ...अरे ओहि दिन मिले, ....खाया मन भर मजा ले ले के "



और सब औरतों की खिलखिलाहट से छत गूँज गयी।


वैसे तो औरतें जहाँ इकट्ठा होती थीं, खुल के मजाक, न उम्र का लिहाज, न रिश्ते का, हाँ लेकिन ये सब मर्दो के सामने नहीं होता था, गारी भी गयी जाती थी कोठरी में से, पर शादी बियाह में औरतें एकदम बउरा जाती हैं। और मर्दो वाली शर्म लिहाज में दूल्हा नहीं जोड़ा जाता, उसी के सामने उसकी भौजाइयां, बुआ सब उसकी महतारी, बहन सब खुल के गरियाती हैं। सब रस्म में दुलहा तो रहता ही है तो उसका कोई लिहाज नहीं होता, जैसे वो वहां हो ही नहीं,...और उसके साथ सिर्फ नाउन या कोई भावज ख़ास बस।

उस जमघट में औरतों के साथ गाँव की लड़कियां, बच्चिया भी और उसी में एक शीला, सूरजबली सिंह की फुफेरी बहन बुच्ची की सहेली, उसी की समौरिया, बोल पड़ी


" अरे हमरे भैया को समझती का हो सब लोग,.... रोज हजार डंड पेलते हैं "
Girl-1d36574ac829d0c8fbedf3ac10603e22.jpg


" अरे अब लंड पेलेंगे, ....और जब तक तोहार भौजाई नहीं आती हैं,... तो तोहरे साथ "

एक गाँव क भौजाई बोलीं


Teej-Gao-IMG-20230408-013747.jpg


और अबकी जब ठहाके गूंजे सबसे तेज सूरजबली सिंह की महतारी की आवाज थी, अब वो इमरतिया से बोलीं,

" और बुकवा ( उबटन ) आज से ही लगना चाहिए और दूनो जून, अब तोहार देवर तोहरे हवाले "

" एकदम अभी से दो कटोरा पीस के रखी हूँ, बस थोड़ी देर में, खाने से पहले ही "

इमरतिया सूरज सिंह की ओर मुस्करा के देखते बोली।

" भौजी, तिसरकी टांग में जरूर लगाइएगा " गाँव की एक बियाहिता लड़की इमरतिया को छेड़ते बोल पड़ी।

इमरतिया क्यों किसी ननद को रगड़ने का मौका छोड़ती, बोली

" एकदम खूब रगड़ रगड़ के, ...लेकिन जो शीरा निकलेगा, वो ननद को पीना पड़ेगा "
Teej-Gao-desktop-wallpaper-charmi-kaur-telugu-actress-thumbnail.jpg
वाह कोमलजी. आप ने तो मोहे रंग दे की याद दिला दी. सगुना के ससुर की ब्याह की बाते. बेचारे कितना शरमाते थे. अब इसमें भी इमरतीया ही नाऊन और भौजी दोनों का फ़र्ज निभा रही थी.

2fbc09defadc47597ae93dd5fd62938f
उनकी महतारी भी समझ गई थी की सूरजबली अपनी भौजी को देखता है. तभि तो उन्हें काम दिया
पर शिला उनकी दूर की बहन को मस्त ज़वाब दिया.

हमार भैया दंड पेलते है.

अब लंड पेलेगा.

fe30c7d7f28bc1fffad656ee34ba2df7 03099ab0a21b48386b79c8d41ca56896
 

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
बुच्ची
Girl-6bc8dc42f83d2c24581db8f8389c45ce.jpg


और तबतक बुच्ची आ गयी,

वही सूरजु की बूआ की लड़की, कच्चे टिकोरे वाली, जो जरा सा चिढ़ाने पे मुंह बना लेती थी और पैर पटकने लगती थी और ऐसी नंदों की तो भौजाइयां ऐसी की तैसी कर के रख देती थीं और शादी ब्याह का मौका हो तो और, लेकिन अभी कोई भौजाई बोलती बेचारी बुच्ची, खुद बोल पड़ी, बिना समझे

" शीरा तो मुझे बहुत अच्छा लगता है, एक एक बूँद चाट जाउंगी "
Girl-073f48a1c90e7673cbad2685ad6babb4.jpg


अब सब भौजाइयां मुस्कराने लगीं और इमरतिया की एक सहेली, कहारिन,मुन्ना बहू जो उससे भी ज्यादा मुंहफट थी हंस के बोली

" ननद हो तो ऐसी, ….इमरतिया अब तोहार बारी,... आज ही शीरा पीयाय देना "
Teej-Gao-d1445f44cffbed383500137a95109239.jpg


सबसे ज्यादा सुरजू सिंह की माँ मुस्करा रही थीं, अब लग रहा था शादी बियाह का घर।



और इमरतिया क्यों पीछे रहती वो बुच्ची से बोली

" अरे ये भी एक रस्म है, दूल्हे की बहन को रोज जो दूल्हा मिठाई खायेगा, .खाना होता है ..तो तो तोहार भैया क रसगुल्ला क शीरा "
Teej-01a6bfc8511834a415471e3c19893c18.jpg


बड़ी मुश्किल से औरतें अपनी मुस्कान रोक पा रही थीं, और ऊपर से सूरज सिंह की महतारी वो भी मैदान में आ गयीं

" और क्या बिना रस्म रिवाज के, इतनी आसानी से भौजाई मिले और बुच्ची तू और शीला दुनो जनी यहीं रात में कोहबर रखावे, और साथ में तोहार भौजाई लोग "

( उन्होंने इमरतिया और मुन्ना बहू, वही इमरतिया की सहेली कहारिन को इशारा किया, कोहबर में पांच औरतें रात में रहती थीं, जिसमे कुछ सुहागिन और कुछ कुँवारी लड़कियां रहती थीं। वो रात में कोहबर वाले कमरे में ही जबतक दुल्हन घर में नहीं आ जाती थी वहीं सोती थी। वो कमरा जिस कमरे में दुलहा रहता था उसके बगल में ही )

और पांचवीं औरत को वो ढूंढ ही रही थी की सूरज सिंह के ननिहाल की, रिश्ते की एक भौजाई, मंजू भाभी बोलीं, मैं रहूंगी ऐसी मस्त कच्ची कलियाँ साथ में रहेगी और बुच्ची का गाल नोच लिया।
Teej-c02670d903500b3d8aae7d3c8de20803.jpg



अब तो सब भौजाइयां एकदम ननदों के पीछे,

" लेकिन ठंड, " बुच्ची ने बचने की कोशिश की तो गाँव की कोई नयी ब्याहता लड़की, दुलारी उसे चिढ़ाते बोली,

" अरे ठंड क इलाज,... लंड है :"

और फिर भौजाइयां, सब एक साथ चालू हो गयीं। मुन्ना बहू सीधे बुच्ची से बोली

" और शादी बियाह के घर में तोहरे अस मस्त माल के लंड क कौन कमी, सब तो तोहरे भाई लगेंगे, करवा ला घपाघप, घपाघप ।

दूसरी बोली, ' जितना गर्मी चुदाई में है उतना रजाई में नहीं , एक बार करवाय के देख लो, फिर खुदे खोल के टहरोगी। "

Teej-gao-desktop-wallpaper-amarapalli-dubey-bhojpuri-actress-thumbnail.jpg


बुच्ची से ज्यादा हालत सरजू सिंह कीखराब हो रही थी, उनकी माँ ठीक सामने बैठीं थी, और ये सब बात सुन के खूब रस ले ले के मुस्करा रही थीं पर वो सुरजू की हालत समझ रही थीं, इमरतिया से बोलीं

" ले जा आपने देवर के उनकी कोठरी में, "

और इमरतिया ने उनका हाथ पकड़ के उठाया और कमरे की ओर लेकिन वो लोग कमरे में घुसे ही थे की सूरज सिंह की माँ ने अपने पूत को आवाज लगा के रोक लिया

" और सुनो, अपने भौजाई क कुल बात माना, अब तू उनके हवाले, ....सोच लो तभी मिठाई खाने को मिलेगी जो जो वो कहें " मुस्करा के वो बोलीं
Teej-MIL-IMG-20231012-021759.jpg
क्या बात है. क्या बात है. वो ब्याह ही क्या. जिसमे दूल्हे की बहन को भौजाई पार्टी छेड़े नहीं. गरियाए नहीं. और यहाँ तो खुलम खुल्ला. शिराह भी पुलवाने की बात चली तो ठंड भागने के लिए लंड लेने की. बेचारी बुचि. माझा बहोत आया.

images-2 images-1

और वही बेचारे दूल्हे सूरजबली. शर्म के मारे हालत ख़राब हो गई.अब माझा आएगा. सुना सूरजबली की महतारी ने क्या कहा. अब तू अपनी भौजी के हवाले. वो जो कहे वही करना.

7395a1c788c3595141537da94a75c9a8

अब माझा आएगा. इमरतीय छोड़ना नहीं री अपने देवर को.
 

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
दूल्हे की कोठरी
---
Teej-gao-ca692952edbcedf96f30ffb367fba111.jpg


और कोठरी में घुसते ही इमरतिया ने दरवाजा बंद कर के कुण्डी लगा दी, और आँख नचा के बोली

" नई दुल्हन इतना नहीं लजाती, जितना तू लजा रहे हो। अरे कउनो परेशनी नहीं होगी, तोहार भौजी हैं न साथ में, बस जउन बात तोहार महतारी कहें है वही, और सीधे से नहीं मानोगे तो जबरदस्ती, बस अभी हम थोड़ी देर में बुकवा ले के आ रहे हैं."


. इमरतिया ने एक बार ध्यान से कमरे को देखा, इसी कमरे में उसका देवर अपनी नयकी दुलहिनिया की, उस हाईस्कूल पास की, चूत फाड़ेगा, अभी चौदह दिन बाद होगी चुदाई जबरदस्त, ११-१२ दिन बाद तो बरात जायेगी, दो दिन की बरात, चौदह दिन बाद उतरेगी दुल्हिन, और ये बात तो बियाह के पहले से लड़के लड़की दोनों को मालूम रहती है, खाली दुल्हिन के बियाह के लाने से कुछ नहीं होगा, जब तक नाउन और भौजी लोग कंगन नहीं खुलवाएंगी, मौरी नहीं सेरवाई जायेगी, ललचाते रो एक दूसरे को देख के मिठाई खाने को नहीं मिलेगी।

लेकिन इमरतिया ने इसलिए सुरजू देवर को समझा दिया था, पहले दिन ही कुश्ती होगी, बेचारे इतने सोझ, भौजाई चिढ़ा रही थीं और वो सच मान गए चेहरा कुम्हला गया, कैसा भुकुस गया,



कमरा खूब बड़ा था, आठ दस पलंग आ जाएँ ऐसा लेकिन अभी कोई पलंग क्या कुछ भी नहीं था, सिर्फ जमीन पर एक बिस्तर था, और दरी बिछी थी, हाँ जब बारात जायेगी तो बड़की ठकुराइन ने खुद इमरतिया को बताया था,

इमरतिया ने ही छेड़ कर ठकुराइन से पुछा था गोड़ दबाते समय,


सुरजू की माई को तेल लगाते समय बस पांच मिनट के अंदर साडी पेटीकोट सब इमरतिया कमर तक उलट देती थी, बोलती, अरे तेल लग जाएगा, और चला हमहुँ आपन उघाड़ ले रहे हैं कमरा तो बंद है"

तो बस तेल लगाते हाथ सरक के जांघ पे, फिर तेल की कटोरी सीधे, वहीँ , तो बस उसी समय इमरतिया ने सुरजू का जिक्र करते हुए छेड़ा था,

" हमार देवर तो पहलवान है, बड़की ठकुराइन तो कहीं पहली रात ही पलंग न टूट जाए, बड़ी बेइजजती होगी "
Teej-Gao-Sofia-Ansari-Latest-Hot-Pictures-819x1024.jpg


" अपने देवर को बोल देना, ओह हाईस्कूल वाली पे जितना जोर लगाना हो लगा लेगा, पलंग नहीं टूटने वाली है, तोहरे देवर और ओकर दुलहिनिया के लिए अबकी सहर से नयी मसहरी बनवाये हैं, अइसन मजबूत लकड़ी है की हाथी चढ़ जाए तो न टूटे, और चौड़ी इतनी की तोहरे देवर क दुल्हिन के साथे ओकर दो चार बहिन महतारी हों तो वो भी लेट के मजा मार लें। और साथ में कुर्सी वुरसी सब, बरात जायेगी तो बस उसी दिन सब आ जायेगा, "

बस इमरतिया ने दोनों फांक फैला के तेल चुआना शुरू कर दिया, बस इन्ही सब बदमाशियों से तो बड़की ठकुराइन सुरजू क माई इमरतिया को मानती थीं, पर वो इमरतिया से बोलीं,

" तोहरे देवर को ताकत चाहे जितनी हो, लेकिन पलंग क कुश्ती क दांव पेंच में एकदम अनाड़ी है,...अभी तक खाली कुश्ती, अखाडा और लंगोट का सच्चा, "
MIL-KG-1071261ffe768ae5137229b9adb9c635d461701.jpg


इमरतिया, सुरजू का माई क मतलब समझ गयी, अपनी हथेली से बड़की ठकुराइन की प्यासी चुनमुनिया पे मसलती बोली,

" अरे देवर क भौजाई काहें लिए है, लगन एक बार लगने दीजिये, कुल गुन सिखा दूंगी, गाँव का नंबरी चोदू मात, पहले दिन ही वो हाईस्कूल वाली अस चोकरेगी की ओकर महतारी क भी मालूम हो जाएगा, बिटिया अच्छे से चुद रही है "


बड़की ठकुराइन सिसकी लेते बोलीं,

" एकदम दस बार बोलीं,ओकर महतारी की हमार बिटिया हाईस्कूल पास है, मन में आया की बोल दूँ की आखिर भेज तो चुदवाने के लिए रही हो लेकिन सोचा की कहीं नया नया रिश्ता है बुरा न मान जाए, शहर के लोग "


" अरे बुरा मानने से कहीं बुरिया बचती है, " हँसते हुए मलते हुए इमरतिया बोली।



Teej-Gao-desktop-wallpaper-malavika-sharma-telugu-actress-saree-lover-navel-show-thumbnail.jpg



तब तक सुरुजू बोले, और इमरतिया का ध्यान टुटा,

" भौजी, का सोच रही हो "

इमरतिया मुस्करा के छेड़ते बोली

" यही सोच रही हूँ देवर जी की चौदह दिन के बाद का होगा रात में यह कुठरिया में जब नयकी दुलहिनिया आएगी "



और सुरजू झेंप गए, उनका गाल मींजते हुए भौजी ने चिढ़ाया,

" इतना तो तोहार दुहिनिया न लजाये, अरे चुदवाये आएगी, तो चोदी जायेगी, न चोदबा का, अरे भौजाई और महतारी क नाक जिन कटवाया "


Teej-0c587a561f244b0481fa68f76e0625f3.jpg


और ऊँगली से चुदाई का इंटरनेशल सिंबल बना के अपने देवर को दिखाया,

" धत्त, भौजी "

इमरतिया जान रही थी की गाँव में १०० में ९५ लड़के तो घास वाली को काम वाली को चोद चोद के पक्के हो जाते है, बियाह के पहले दर्जनों को निपटा देते हैं बाकी पांच में दो चार को डर रहता है की मुट्ठ मार मार के कहीं कमजोर तो नहीं हो गया, ऐन मौके पे खड़ा होगा की नहीं और एकाध ही सुरजू की तरह सोझ होते हैं लेकिन सोचते वो भी हैं की हो पायेगा की नहीं, कभी किया तो है नहीं। "

लेकिन इमरतिया को अपने देवर के औजार पे पूरा भरोसा था हाँ वो चाला कैसा पायेगा, ये तो उसे ट्रेन करने पे था, फिर से छेड़ते सीधे सुरजू के खूंटे को घूरते बोली,

" लजा जिन, और अब तू भले लजा लो, मैं नहीं लजाने वाली, आज से ही तोहार कुल लाज बुकवा के साथे रगड़ रगड़ के छुड़ा दूंगी "



बाहर से भौजाइयां जिस तरह से नंदों को छेड़ रही थीं, सब आवाज साफ़ साफ़ आ रही थीं, सबसे ज्यादा बुच्ची की रगड़ाई हो रही थी और सबसे ज्यादा आवाज साफ़ सुनाई पड़ रही थी, सुरजू की माई की और वो भौजाइयों को खूब चढ़ा रही थीं ,



इमरतिया ने देखा, कमरे में तीन ओर बड़ी बड़ी खिड़कियां थीं, एक तो बरामदे में ही खुलती थीं, जहां औरतें बैठी थीं और जहाँ गाना होना था। लगता है बंद खिड़की में भी कुछ फोफर होगा, जिससे आवाज साफ़ साफ़ आ रही थी।


एक खिड़की सीढ़ी की ओर और एक पीछे आम के बगीचे में खुलती थी, शायद ठकुराइन ने सोचा होगा की दूल्हा दुल्हिन खिड़की खोल के पुरवाई का मजा लेते हुए चुदवाने का सुख लेंगे, खुद उन्होंने इमरतिया से बोला था



" एक बार दुल्हिन को ननद कुल पहुंचा देंगी तो रात में सीढ़ी का दरवाजा भी बंद, बारह घंटे बाद ही खुलेगा। कम से कम महीने भर सुरजू क खेत वेत जाना बंद, पोते का मुंह देखना है तो ये सब करना पड़ेगा "



Teej-MIL-IMG-20230317-125432.jpg

" और क्या नया खेत जोते न, डारे पानी मन भर " हँसते हुए इमरतिया बोली सुरजू क माई से बोलीं ,

तो एक बार सीढ़ी बंद हो जाती तो जहाँ चाहें छत पे वहां मजा लें और खिड़की खोल के तो एकदम ही , गाँव में किसी और का दुतल्ला उस समय तो था नहीं।

आती हूँ अभी बुकवा ले के और ये सब कपडा उतार के एक तौलिया पहन के तैयार रहना, हर जगह लगेगा " इमरतिया ने अपना इरादा साफ़ कर दिय और बाहर।

और बाहर सूरजु सिंह क महतारी सब औरतो को आगे क काम बता रही थी, और सबसे पहले बुच्ची और उसकी सहेली दखिन पट्टी वाली शीला को,
Girl-a8e30ed6a61dea9248c86456ffdd1852.jpg


" अभी जाके नीचे से बिछौना, बड़की रजाई, और अपने भैया के लिए खाना, ….जउन इमरतिया भौजी कहें, वो सब नीचे से और कउनो चीज्ज चाहे तो हलवाई से बोल के, …..बड़ी जिम्मेदारी है कोहबर रखावे की, अइसन मीठ मीठ भौजाई ऐसे न मिली और जैसे जैसे भौजी लोग कहें, …..पहले तोहार भैया खाय ले ओकरे बाद,"



और फिर भरौटी से आयी दो औरतों को उन्होंने काम पकड़ाया,

" कल से गाना शुरू हुयी, तो तोहनन क जिम्मेदारी आज से जाके बबुआने के साथ साथ भरौटी, चमरौटी , अहिरौटी, बाइस पुरवा क कउनो पुरवा बचना नहीं चाहिए। बोल देना की बड़के घरे में इतने दिन बाद बियाह पड़ा है, कउनो मेहरारू बिटिया, और ननदों को तो जरूर, नाच गाना, और कुल नंदों का पेटीकोट का नाडा खुलना चाहिए,
Teej-MIL-IMG-20230317-125532.jpg
मान गए कोमलजी. जिस तरह शादी का माहोल आप दिखाती हो. जताती हो. वैसा तो कोई नहीं जाता सकता. और खास कर गाउ की शादी का माहोल. नाच गाना, गरियाना, लोक गीत, रिस्तो मे मज़ाक और छेड़ छाड़. खुशियाँ बयान करने का तरीका जो आप मे है. वो किसी और मे नहीं.

सूरजबली तो बहोत सीधे है. गांव की भौजी जिस तरह उन्हें सत्ता रही है. वो तो सब सच मान कर परेशानी मे डूब गए. इमरती ने तेल मालिश करते हाथ घुमाते खूब सताया. खास कर बहन और महतारी के नाम पार. वहां बुचि तो भौजाईयो के कब्जे मे ही है. कोई मस्त सीन क्रिएट होने वाला है लगता है.

ef6bc041d915cc6f3b468af672a1d86e e986e8661815dfaccc92be1f841b21f0 0cc936ca6e5002ecf170b0193185078e
 

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
ननद भौजाई- बुच्ची और इमरतिया
girl-c357e0f26c90884ab22a998e3b0e678a.jpg


" और जो शलवार वाली हैं ? " उनके मायके से आयी, मंजू भाभी ने ललचायी निगाह से कच्ची कलियों को देखते पुछा।

बुच्ची और शीला को देख के मुस्करा के सुरजू की माई बोलीं, " उनका तो सबसे पहले,....दूल्हा क बहिन हैं "
shalwar-shriya-actress-salwar-kameez.jpg


बुच्ची का गाल सहलाते वो कहाईन मुन्ना बहू बोली,

" अरे नीचे क घास फूस साफ़ कर लीजिएगा, कल बिलुक्का ( बिल ) देखायेगा। "
Teej-Gao-Mil.jpg


तबतक इमरतिया सूरजु को पहुंचा के बाहर निकल आयी थी और बुच्ची को पकड़ के बोली,

" अरे काहें हमारी बारी सुकुवाँरी ननद को तंग कर रही हो, वो काहें साफ़ करेंगी ? आखिर नाउन भौजी काहें हैं ? अरे नाऊ लोग जैसे मर्दन का दाढ़ी मूंछ बनाते हैं न ओहि से चिक्क्न, तोहार भौजी, नीचे वाले मुंह क बाल साफ़ करेंगी। जउन तोहार मक्खन अस चिक्कन गाल है न उससे भी चिक्कन नीचे वाला मुंह हो जाएगा , महीना भर तक झांट का रोआं भी नहीं जामेगा। जउन मरद देखेगा, चाहे तोहार भाई , चाहे भौजाई क भाई, बस गपागप, गपागप, घोंटना रोज टांग उठाय के "

उसका गाल सहलाते हुए इमरतिया ने समझा दिया।

" और आज रात को ही, अब कोहबर में तो हम ही पांच जने रहेंगे, बस हम हाथ गौड़ पकड़ लेंगे और इमरतिया आराम आराम से एकदम चिक्क्न "

"

मुन्ना बहू बोली,

Teej-gao-HD-wallpaper-ketaki-khot-model-marathi-navel-show-thumbnail.jpg


शीला, बुच्ची की सहेली तो नहीं घबड़ायी, खिलखलाती रही

लेकिन बुच्ची के मन में धकधक हो रहा था कहीं सच में तो नहीं, और सच में मुन्ना बहू की पकड़ एकदम सँडसी ऐसी है, एक अबार होली में पकड़ ली थी, बाएं हाथ से अपने दोनों हाथ की कलाई और लाख कोशिश कर के भी नहीं छूट रहा था। और कोहबर में रात में तो बस वही पांच जन रहेंगे, उसने मंजू भाभी की ओर देखा लेकिन मंजू भाभी जोर से मुस्करायी, और घबड़ायी बुच्ची को और चिढ़ाते इमरतिया को हड़काया,

" अरे खाली झँटिया साफ़ करने से का होगा, चुनमुनिया में अच्छी तरह से तेल चुपड़ चुपड़ के लगाना, अपनी ननदों क। बियाह शादी क घर है, कल कउनो तोहरे देवर क मन डोल जाये, पैंट टाइट हो जाए, तो लौंडे तेल वेल नहीं देखते, सीधे,


Teej-02e18303c52c3202bd4f8af7cde2fde0.jpg


और आगे की बात पूरी की, सुरजू की माई ने हँसते हुए,
" सीधे पेल देते हैं, सही कह रही हो, अपनी सुरक्षा खुद। इसलिए हम अभी कल ही पीली सरसों क अपने खेत क २० सेर कडुआ तेल पेरवाय क मंगाए हैं, कुछ तोहरे नयी देवरानी आएँगी उनके लिए और बाकी "



" हम लोगों की ननद के लिए " हँसते हुए मंजू भाभी ने बात पूरी की। मंजू भाभी, लगती तो बहू थीं लेकिन थीं एकदम सहेली की तरह खुले मजाक अपनी सास से।



" अरे हम लोगन को ननद को कउनो परेशानी नहीं होगी, आप देख लीजियेगा, हमरे और इमरतिया अस भौजाई के रहते, तोहरे सामने आज से कोहबर में ये दोनों क बुरिया हम फैलाइब और इमरतिया, बूँद बूँद कर के पूरे पाव भर कडुआ तेल पियाय देगी, बुर रानी के। चाहे हमरे देवर चढ़े चाहे हमरे भाई, चाहे टांग उठाय के लें चाहे निहुरा के, थूक लगाने की भी जरूरत नहीं, सटासट जाएगा। "मुन्ना बहू बोली,

छत पर अब सुरजू की माई के आल्वा सिर्फ वही पांच औरतें लड़कियां बची थी जिनके जिम्मे कोहबर रखाना था, बुच्ची,शीला, इमरतिया , मुन्ना बहू और मंजू भाभी।



इस छेड़छाड़ में अब सुरजू की माई भी शामिल थी हाँ वो थोड़ा कभी लड़कियों की ओर हो जाती तो बुच्ची का हौसला बढ़ातीं,

बुच्ची का गाल सहलातीं, वो दुलार से बोलीं, " हमरे बुच्ची का तू लोग का समझत हो " फिर बुच्ची से कहा " अरे बर्फी पेड़ा अस मीठ मीठ भाभी चाही, भौजी क दुआर छेंकने क नेग चाही तो बस १०-१२ दिन एकदम कोहबर क रखवारी में भौजी लोगो की बात चुपचाप, बिना दिमाग लगाये मानना चाहिए फिर फायदा ही फायदा "



Teej-MIL-IMG-20230429-102000.jpg


मुन्ना बहू, इमरतिया से भी एक हाथ आगे थी, बोली बुच्ची से, " और पहली बात भौजी लोगन की, कोहबर रखवाई में दूल्हा से चुदवाय ला, हमार देवर पक्का पहलवान है, "

" और पहले अपने भैया से चुदवावा फिर हम लोगन क भैया से " मंजू भाभी बोली और उस समय मंजू और बुच्ची दोनों के मन में रामपुर वाली भाभी के भाई गप्पू की शकल थी, जिस तरह से नैन मटक्का कर रहा था, बुच्ची ने उसके पैंट पे सीधे ' वहीँ' पानी गिराया, और गप्पू की बहन , बुच्ची की सहेली और रामपुर वाली भाभी की बहन चुनिया ने अपने भाई को बुच्ची का दुप्पटा छीन के पकड़ा दिया,

पर फाइनल फैसला सुरजू की माई ने सुना दिया,

" हमरे बुच्ची को समझती क्या हो, अरे यह गाँव का कुल लड़की भाई चोद हैं तो यह कैसे अलग होगी "

और मंजू भाभी ने बात और साफ़ की, " लड़कियां सब भाई चोद और लड़के सब बहनचोद "

" एकदम तो तोहार देवर भी तो इसी गाँव क पानी पिए हैं और बुच्ची क माई ( बुच्ची उनके बुआ की लड़की थी तो बुच्ची की माई उनकी बुआ , सुरजू के माई की ननद लगी, तो गरियाने का जबरदस्त रिश्ता ) तो हमरे आने के पहले से गाँव में कोई से पूछ लो, झांट आने के पहले से दो चार लंड रोज, और बुच्ची की उमर तक आने तक तो जबतक दो चार घोंट न लें तो नाश्ता नहीं करती थीं , मुझसे खुद कहती थीं , भौजी वो भी तो मुंह है भले बिना दांत का हो , तो बुच्ची सबका मन रखेगी लेकिन चलो अब रात हो गयी है, काम शरू करो, कल से गाना शुरू।"
MIL-tumblr-prxuyu-Bi9-F1vllqj4o2-500.jpg


और थोड़ी देर में छत खाली हो गयी, शीला और बुच्ची बिस्तर लाने और मंजू भाभी को इमरतिया ने कुछ काम बता दिया।



थोड़ी देर में जब इमरतिया दो बड़े कटोरे में जब बुकवा ले के लौटी तो ऊपर छत पे खाली मुन्ना बहू थी , इमरतिया के हाथ में कटोरे भर बुकवा के साथ एक खाली कुल्हड़ भी था, उसे मुन्ना बहू को दिखा के मुस्कराती वो सूरजु की कोठरी में घुसी और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।

मुन्ना बहू मुस्करा के अपना आँचल संभालते बोली, " बुच्ची'
Teej-Gao-9955a6d15d9f87ee44e0ce3605f2e0e2.jpg


" हाँ, शीरा" इमरतिया दरवाजे बंद करने के पहले आंख मार के मुस्कराती बोली।



बुकवा ले के आती इमरतिया के आँख के सामने सिर्फ एक नजारा बार बार घूम रहा था,

अखाड़े में जब सूरजु के लंगोट बांधते समय उसने बँसवाड़ी के पीछे से एकदम भोर भिन्सारे, देखा था, नाग नहीं नाग राज, जैसे संपेरा पुचकार के नाग को पिटारी में बंद कर रहा हो, एकदम वैसे ही लंगोट में, लम्बा मोटा और सबसे बड़ी खूब कड़ा, जितना और मर्दों का चूस चास के खड़ा करने पे नहीं होता, उससे बहुत ज्यादा, बित्ते भर का तो होगा।


उससे पहले ऐसा नहीं इमरतिया ने नहीं देखा था न हीं घोंटा था, एक से एक, अपने मरद के अलावा भी, लेकिन ये तो बहुत ही जबरदंग, जिस स्साली को मिलेगा, किस्मत बन जायेगी। एक बार भी मिल जाए न तो दूध पिला पिला के अपनी कटोरी का इस सांप को पक्का पालतू बना लेंगी।



लेकिन, लेकिन जरूरी है इस स्साले की सोच बदलना, पता नहीं कहाँ से अखाड़े और ब्रम्हचारी, अरे अब तो, दस दिन में इतनी सुंदर मिठाई मिलने वाली है। दस दिन में इसे न सिर्फ सब गुन ढंग सिखाना होगा, बल्कि पक्का चूत का भूत बना देना होगा, नंबरी चुदक्क्ड़, जो भी औरत को देखो सीधे उसकी चूँची देखे, उसकी चूत के बारे में सोचे, ये मन में आये की स्साली चोदने में कितना मजा देगी, बहन महतारी इसकी लाज झिझक, सब इसके, आखिर कुछ सोच के इनकी महतारी ने इमरतिया के हवाले किया होगा अपने बबुआ को।
Teej-ca9d8d3e973fbb5160b212c500260bcd.jpg
अरे मान गए कोमलजी. इमरतिया, मुन्ना भौजी, और मंजू भौजी ने तो छिनार नांदिया बुचि और उसकी सहेली शिला सबकी सिर्फ बातो से ही हालत ख़राब कर दी.

78969c1f4f79008d9fe2adcf69ad7214 04d2b8ab4df9df8d488c5b2449ad85dc 0185b8b2e0c5b8126f5267da9d66e04c
ऑफर भी तगड़े तगड़े. नाऊन भौजी निचे के बाल साफ कर के तेल भर देगी. फिर देवर चढ़ाओ या भउजीयो के भाई चढ़े गचा गच जाएगा. बेचारी घबरा गई सुनकर. पार छिनार नांदिया को ऐसे थोड़ी बोलते है. बस नेक लेगी. और भौजी की बात मान ने का फायदा. माझा आ गया.

इमरतिया नाऊन भौजी ने लंगोट के पक्के सूरजबली को चुदकड़ बना ने का बीड़ा उठा ही लिया.

0f66248caa841754e9986c12441182a8
 

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
छुटकी-होली-दीदी-की-ससुराल-में.

भाग १०४, बुकवा ( उबटन ) और इमरतिया भौजी
25,86,076
Teej-Gao-desktop-wallpaper-amarapalli-dubey-amrapalli-dubey-bhojpuri-actress.jpg



इमरतिया सोच रही थी .

'" लेकिन, लेकिन जरूरी है इस स्साले की सोच बदलना, पता नहीं कहाँ से अखाड़े और ब्रम्हचारी, अरे अब तो, दस दिन में इतनी सुंदर मिठाई मिलने वाली है। दस दिन में इसे न सिर्फ सब गुन ढंग सिखाना होगा, बल्कि पक्का चूत का भूत बना देना होगा, नंबरी चुदक्क्ड़, जो भी औरत को देखो सीधे उसकी चूँची देखे, उसकी चूत के बारे में सोचे, ये मन में आये की स्साली चोदने में कितना मजा देगी, बहन महतारी इसकी लाज झिझक, सब इसके, आखिर कुछ सोच के इनकी महतारी ने इमरतिया के हवाले किया होगा अपने बबुआ को।"

और उधर सुरुजू, सूरजबली सिंह भी उहापोह में,

अभी इमरतिया भौजी आ रही होंगी, एक तो उसको देख के वैसे ही और अब माई ने, और माई भी क्या क्या। क्या सच में वहां तीसरी टांग में, ....लेकिन भौजाइयों का कोई ठिकाना नहीं, ऐसे ऐसे मजाक करती हैं, बुच्ची के ले के उसके साथ और इमरतिया तो और उन सबसे आगे, फिर माई भी उसको चढाती रहती हैं और आज माई के सामने ही

और तभी इमरतिया दोनों हाथ में बुकवा क दो दो बड़े कटोरे ले के कमरे में और दो काम इमरतिया ने एक साथ किया। पहले तो दरवाजा बंद किया, बाकायदा सांकल लगा के और दूसरे अपनी साड़ी उतार दी।

कुल्हड़ उसी साड़ी के अंदर रख दिया।

Kulhad-60ml-tea-terracotta-clay-kulhad-1000x1000.jpg


और सूरजु बाबू निहारते रह गए,

लालटेन की रौशनी में इमरतिया को, खूब गोरा मुखड़ा, काजल से भरी बड़ी बड़ी आँखे, रसीले पान से लाल होंठ , नाक में छोटी सी नथ, गहरी ठुड्डी और नीचे काला तिल जो न जाने कितनो के लिए काल बना था। पर उनकी साँस रुक रही थी, गदराये रसीले जोबन, जो भौजी ने चोली में कस के बाँध रखा था पर दोनों कबूतर उड़ने को बेचैन थे। और गहरी इतनी की गोराई, गोलाई सब साफ़ दिख रहा था , और चिकने पेट, पतली कमर पे गहरी नाभी, चांदी की करधन और पेटीकोट बस किसी तरह कूल्हे पे टिका था बस।


Teej-Blouse-ca406448c9b3b31bac92c1845cd3bc83.jpg

" अरे साड़ी इसलिए उतार दिए की कुल बुकवा तेल सब लग जाता, और तुंहु देवर कपड़ा सब उतार के ये तौलिया लपेट ला " उनको दिखाते, ललचाते इमरतिया ने अपने गोरे पैरों में पायल झमकायी और कमरे में हजार घुंघरू बज गए।

अलगनी से एक छोटी सी तौलिया उतार के इमरतिया ने उन्हें पकड़ाई और एक चटाई जमीन पर बिछा दिया, " चलो लेटो "

सूरजु कुछ हिचक रहे थे पर कुछ नखड़े के साथ कुछ अधिकार के साथ, हलके से धक्के से इमरतिया ने उन्हें उसी चटाई पे, और दोनों बुकवा वाले कटोरे के साथ एक शीशी में कडुवा तेल ले के, पहले हाथ में तेल मल के,

" तोहार महतारी का कहें थी, मिठाई चाही तो दस बारह दिन चुप चाप भौजी क बात माना तभी मिलेगी। घबड़ा जिन, मैं रहूंगी एकदम परछाई की तरह तोहरे साथ, कउनो परेशानी नहीं होगी हमरे देवर को, मिलेगी मिठाई। खूब जम के भोग लगाना,... उहो समझे कौन गाँव में आयी हूँ , कौन मरद मिला है, जबरद्स्त, ....देह तोड़ के रख देना दुलहिनिया की पहली रात को ही। "


blouse-e1392d755e4562cfd6b71f33e520b1f1.jpg



सूरजु लेकिन एकटक इमरतिया को देख रहे थे, झुकने से इमरतिया की खुली खूब लो कट चोली की गहराई से जोबन अंदर तक दिख रहे थे , मन कर रहा था हाथ बढ़ा के छू ले।

लेकिन मरद की चोरी कभी औरत से छिपती है और इमरतिया ने रस लेते हुए झिड़क दिया,

" हे आँख बंद, नजरावा जिन, और तनी दोनों टांग फैला दो, अरे तोहसे जल्दी तो तोहार जउन मिठाई आएगी वो टांग फैला देगी, लौंडिया अस लजा रहे हो। अब लाज शरम क दिन गए, झिझक छोड़ा, मजा लेना शुरू करा, यहां तू इतना लजा रहे हो, वाहन तोहरी दुलहिनिया को उसकी भौजाई लोग टांग, फैलाना, टांग उठाना सिखा रही होंगी। अरे ओकरे गाँव क नाउनिया बता रही थी, बहुत सुन्नर, एकदम बारी कुँवारी, चंदा चकोरी, अरे बुच्ची से थोड़िके बड़ी है, साल दो साल मुश्किल से "
वाह इमरतिया भौजी जब आई और पल्लू हटाया. वो सीन माइंड मे भी क्रिएट हो रहा था. उनका आना और साड़ी अलग कर के अपने जोबन के दर्सन देवर को करवाना.

b105a9a03981fab980e212a0c9daa256 5371aca79d2bb58a335f95564187f5c3
imghost


बेचारे सूरजबली की तो हालत ही ख़राब हो गई. और बिलकुल सही तरह से समझाया है इमरतिया ने. हे डर नहीं.

540ad924cae46f8a798cf210d1b9da0b 4a7576d04c81aa777d61e4712888d10c
अब तेरे मीठा मुँह करने के दिन आ गए है. वहां तेरी वाली को उसकी भौजाईया सीखा रही होंगी. कैसे दोनों टांगे खोल कर लेना है. बुचि से थोड़ी ही बड़ी है.

यह तो भौजाई धर्म है. जिसे वही सिखाती है. माझा आ गया कोमलजी. ला जवाब.
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,916
49,357
259
मालिश

Teej-Gao-fb0c3a14a1e28b8df499e4c81e220d1f.jpg

और इमरतिया ने पहले तलुवों में फिर पिंडलियों में मालिश करनी शुरू कर दी। सूरज सिंह को इतना आराम मिल रहा था की बस देह एकदम ढीली होनी शुरू हो गयी, न जाने कब की थकान, टांगो से निकलकर पिघलकर बहकर निकल रही थी।



इमरतिया की मालिश का जादू यही था। वैसे भी गाँव की नाउन,कहाईन की हाथ में बहुत ताकत होती है लेकिन इमरतिया पहले जिस को मालिश करती थी, पहले एकदम सहज कर देती थी, खूब आराम देती थी और उस समय कोई बातचीत भी नहीं, सिर्फ इमरतिया की उँगलियों का जादू।

हाँ बदमाशी शुरू होती थी जब वो उँगलियाँ घुटनो के ऊपर जांघ के आस पास पहुँचती थीं। फिर कभी सांप की तरह रेंगती, कभी बिच्छू की तरह टहलती रह रह के डंक मारतीं, लगता था बस अब खजाने के दरवाजे के पास पहुंची, तब पहुंची, लेकिन पास पहुँच के लौट आती थी और जब मालिश जिस की हो रही वो चूतड़ उचकाने लगती, सिसकने लगती तो कुछ देर तड़पाने के बाद अचानक बाज की तरह झपट्टा मार के गौरेया को दबोच लेती और फिर क्या रगड़ाई होती, जब तक दो तार की चाशनी नहीं निकलती, ....वो छोड़ती नहीं थी।

Teej-Gao-b3a7649ee47e25968d4b70b5d09b651e.jpg


और बड़की ठकुराइन, सूरजु की महतारी को इसी जादू से इमरतिया ने मुट्ठी में कर लिया था। इमरतिया के आये दो का तीसरा दिन हुआ की सूरज सिंह दरवाजे पे, " भौजी, माई बुलाई हैं "।

और वैसे भी और तो कोई घर में था नहीं तो इमरतिया मस्ती की भी सहेली और वैसे भी राजदार,

और आज वही मालिश का जादू,

आज इमरतिया की उँगलियों में एक नया नशा था, एक किशोर मर्द की जवान देह, जिसने कभी स्त्री सुख न भोगा हो और वो ताकत जिसके बारे में सोच सोच के गाँव भर की औरतों के कूँवो में पानी भर जाता हो, आज इस तरह इमरतिया के आगे बिछी,

massage-couple-massage-sm-1.jpg

सुरजू की जाँघों पर इमरतिया की उँगलियाँ कभी फिसलतीं, कभी थिरकतीं, कभी सहम के ठिठकती, कभी पतुरिया की तरह नाचती, कभी हलके से जाँघों को दबा देतीं, कभी सहलाती हुयी, नाख़ून चुभा देती, और वो, वो बस इन्तजार कर रहा था, उसके कान में थोड़ी देर पहले की भौजी की बात गूज रही थी

अरे तिसरकी टांग में तो जरूर लगाउंगी अपने देवर के और रगड़ रगड़ के लगाउंगी जबतक शीरा न निकल जाए, कब भौजी तौलिया हटाएंगी,

" नहीं नहीं भौजी, तौलिया मत खोलिये, नहीं नहीं " उसके मुँह से निकल गया।

कौन भौजी कुंवारे देवर की बात मानती है और इमरतिया तो पक्की आदमखोर, उसने अपने लहुरे देवर को जोर से डपट दिया,

" चुप, भूल गए तोहार महतारी का बोली हैं। चुप चाप भौजाई क बात मानो। हमसे का लाज शर्म, हम तो परछाई की तरह अब जब तक दुल्हिन नहीं आ जाती तोहरे साथ, नहाये जाबा तो, कहीं जाबा अकेले नहीं जाना है, और हमार देवरानी आये जाए तो ओकरे आगे खोलबा की न , की वहां भी पर्दा में छुपाय के, अरे तौलिया खोल नहीं रही हूँ, खाली सरका रही हूँ,। तेल लग जायेगा तो साफ़ तो हमी को करना पड़ेगा


Teej-Gao-desktop-wallpaper-rashmika-mandanna-srivalli-pushpa-navel-thumbnail.jpg

और इमरतिया भौजी ने तौलिया सरका दिया,.... एकदम कमर तक,
वाह एक तो इमरतिया सूरज की भौजी. ऊपर से नाऊन. जिनके हाथो मे अलग ही जादू होता है. इसी जादू से तो उसकी महतारी काबू मे है. अब काबू क्या दीवानी कहो. हाथो से ही छू कर पानी निकाल दे.

bf52eef1b9fe3b050e817cd4b8bbd1ef
तभि तो सूरजवा को भौजी के हवाले कर दिया. अब देवर्जी शर्माना कैसा. भौजी से छुपाने का क्या फायदा. सिराह गिरा तो उन्हें ही साफ करना पड़ेगा.

b024c558834eee90b1179f774b6aba97
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

komaalrani

Well-Known Member
23,543
63,460
259
Atyant kamuk madak sexy & hot update cccccc sssiii cccccc
🌶️🌶️🌶️🌶️
💦💦💦
💯💯
✅
aapki taarif ke liye koyi bhi thanks kam honge, bas aapke comments aate rahen story aage badhti rahegi
 
Top