बन्ना- बन्नी ---बुच्ची चुनिया
असल में लड़के के घर में बन्ने गाये जाते हैं और लड़की के घर में बन्नी, और लड़के के घर के गाने में लड़की वालों का मजाक होता है, और लड़की के यहां बन्ने को चिढ़ाया जाता है,
लेकिन भौजाइयां बन्ने को भी नहीं छोड़ती, आखिर आने वाली दुलहिनिया, बन्नी उनकी देवरानी होगी और उन्ही के साथ ननदों का शलवार खोलेगी और फिर चुनिया भी तो रामपुर वाली भौजी की छोटी बहन तो वो भी, और उसके पास तो छेड़खानी वाले गानों का खजाना था तो वो चालू हो गयी,
अपनी सहेली बुच्ची को चमका चमका के चिढ़ा चिढ़ा के गाने,
बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे
बन्ना कैसे तरसे, हो बन्ना कैसे तरसे
बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे
बन्ने के बाबू गए छुड़ाने, बन्दर घुड़की मारे
अरे घुड़की की तो घुड़की मारे, अरे दिखा दिखा के फाड़े
बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे
मंजू भाभी ने मुंह में दो उंगली डाल के जोर से सीटी मारी और बोलीं,
" अरे बन्ने के पाजामे के अंदर वाला, पिछवाड़े वाला तो नहीं फाड़ दिया,? '
' अरे वो बच भी जाएगा तो ससुराल में सास और सलहज कोहबर में फाड़ देंगी, फटने वाली चीज तो फटेगी ही " जवाब रामपुर वाली भौजी, चुनिया की बड़ी बहन ने दिया
और चुनिया ने गाना अब बुच्ची की ओर मोड़ दिया
बन्ने की बहना पहने शलवार, बुच्ची रानी पहने शलवार
बन्दर ले गया शलवार, बन्ने की बहना कैसे तरसे,
बन्ना बिचारा गया छुड़ाने, बुच्ची के भैया गए छुड़ाने
बन्दर घुड़की मारे
अरे घुड़की की तो घुड़की मारे, अरे दिखा दिखा के फाड़े
बेचारी बुच्ची नंगी नाचे रे, बन्ना मेरा ताली बजाये रे
और अब तो सुरजू की माई के मायके वाली सब लड़कियां औरत्ते, सुरजू की भौजाइयां हँसते हँसते,
बुच्ची ने आँखे तरेर कर अपनी सहेली को देखा फिर वो भी मुस्करायी और ढोलक अपनी ओर खींचने की कोशिश की पर चुनिया बोली,
" यार बस एक, एक सेहरा तो हो जाए बन्ने का, तेरे भैया का, और ढोलक फिर टनकना शुरू हो गयी,
और चुनिया चालू हो गयी,
अलबेला बन्ना, अरे सुन्दर बना
बन्ने के माथे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,
मैं तुमसे पूछूं ऐ बन्ने, सेहरा कहाँ पाया,
मेरा बहना का यार, मलिया ले आया,
अरे बुच्ची सोई उसके संग, मलिया ले आया
बुच्ची और चुनिया हमेशा साथ साथ गातीं, एक गाना शुरू करता तो दूसरा और उसके साथ में बाकी लड़कियां औरतें उस लाइन को दुहरातीं, लेकिन बुच्ची गा तो रही थी लेकिन बनावटी गुस्से से अपनी पक्की सहेली को देखा।
असली बात थी, गाने में जिसका नाम लेकर न छेड़ा जाय जो न गरियाया जाय वो ज्यादा बुरा मानता था।
बन्ने के पैरों में जूता सोहे, जूता सोहे अरे जूता सोहे
मैं तुमसे पूछूं ए बन्ने, जूता कहाँ पाया
अरे मेरी बहना का यार, मेरी बुच्ची का यार मोची ले आया,
अरे बुच्ची सोई उसके संग, टांग उठायी, जांघ फैलाई उसके संग,
अरे मोची ले आया
तबतक भरौटी क कउनो भौजी बोलीं," आज कल क बिटिहिनीं सब, अरे साफ़ साफ़ काहे न बोलती,
" अरे बुच्ची चोदावे मोचिया से, जुतवा वही लाया "
" अरे तो कौन गलत कर रही है "
चुनिया की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी, जो सुरुजू के ननिहाल से आयी थीं , सुरजू की माई के पास छोटी मामी के पीछे बैठीं थीं, वही से बुच्ची के समर्थन में गुहार लगाई,
" अरे तो हमर ननद रानी कौन गलत कर रही हैं , बुरिया है तो चोदी ही जायेगी, तो मालिया से चुदवा के सेहरा, बजजवा से चुदवा के कपड़ा और मोचिया से चुदवा के अपने भैया के लिए जूता ले आयी तो बहन हो तो ऐसी, चुदाई का मजा भी और पैसे की बचत भी , मंहगाई के जमाने में "
लेकिन साथ ही में अपनी छोटी बहन चुनिया को अपने सामने बैठी अपनी फुफिया सास, सुरजू की माई की ओर इशारा किया
और चुनिया के पास तो खजाना था, वो चालू हो गयी और अबकी निशाने पे सुरजू की माई थीं, वैसे भी दूल्हे की बहन और माई सबसे ज्यादा गरियाई जाती हैं और बहन से भी ज्यादा माई
एक दो लाइने तो बन्ने की तारीफ़ में फिर बाद मुद्दे पे पहुँच गयी
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे, अरे लोग कहें मलिया का जना,
बन्ने के तन पे सूट सोहे , अरे सूट सोहे,
अरे सूट सोहे, लोग कहें,, बजजवा जना
सुरजू की गाँव की एक बूआ अपनी भौजाई, सुरजू की माई से बोलीं,
" अरे भौजी केतना लोगन से चुदाई के मुन्ना को पैदा की हो, मालिया भी बजजवा भी , मोचिया भी, की अपने मामा क जनमल हो "
सुरजू क माई अपनी ननद को कुछ जवाब देती उसके पहले चुनिया ने अगली लाइन शुरू कर दी
धोबी की गली हो के आया बना, लोग कहें धोबी का जना
अरे लोग कहे, अरे लग कहें, गदहे का जना
अबकी तो खूब जबरदस्त ठहाका लगा और सबसे ज्यादा खुद सुरजू क माई और सबसे पहले कमेंट उन्होंने ही मारा, अपने पीछे बैठी मुन्ना बहू और इमरतिया और रामपुर वाली भौजी को देख के
" भाई गदहे वाली बात तो दूल्हे क भौजाई लोग अच्छी तरह से बता सकती हैं,.... अब ये जिन कहा की नाप तौल नहीं की हो अपने देवर की "
शानदार अपडेट कोमल जी
अबतक के सभी अपडेट पर भारी और कई दिनों बाद देशज गीतों का आना, मजा आ गया।
और पात्रों के नामों का तो कहना ही क्या !!! पता नहीं कहां - कहां से ढूंढ कर लाती हो एकदम अपने से लगते हैं, जाने पहचाने से।
nostalgic फीलिंग हो रही है, बुलऊंओं की यादें ताजा हो गई।
जल्दी से अपडेट दीजिए।
सादर