• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
24,237
65,442
259
छुटकी -होली दीदी की ससुराल में

भाग ११० नाच -चुनिया और बुच्ची
अपडेट पोस्टेड, एक मेगाअपडेट . कृपया पढ़े, लाइक करे और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Sutradhar

Member
329
943
93
बन्ना- बन्नी ---बुच्ची चुनिया

Girl-2c5ac43f7e2c1ef7d2f0d0cb70516859.jpg

असल में लड़के के घर में बन्ने गाये जाते हैं और लड़की के घर में बन्नी, और लड़के के घर के गाने में लड़की वालों का मजाक होता है, और लड़की के यहां बन्ने को चिढ़ाया जाता है,

लेकिन भौजाइयां बन्ने को भी नहीं छोड़ती, आखिर आने वाली दुलहिनिया, बन्नी उनकी देवरानी होगी और उन्ही के साथ ननदों का शलवार खोलेगी और फिर चुनिया भी तो रामपुर वाली भौजी की छोटी बहन तो वो भी, और उसके पास तो छेड़खानी वाले गानों का खजाना था तो वो चालू हो गयी,

अपनी सहेली बुच्ची को चमका चमका के चिढ़ा चिढ़ा के गाने,


बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे

बन्ना कैसे तरसे, हो बन्ना कैसे तरसे

बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे

बन्ने के बाबू गए छुड़ाने, बन्दर घुड़की मारे

अरे घुड़की की तो घुड़की मारे, अरे दिखा दिखा के फाड़े

बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे




मंजू भाभी ने मुंह में दो उंगली डाल के जोर से सीटी मारी और बोलीं,

" अरे बन्ने के पाजामे के अंदर वाला, पिछवाड़े वाला तो नहीं फाड़ दिया,? '


dholak-2-download.jpg

' अरे वो बच भी जाएगा तो ससुराल में सास और सलहज कोहबर में फाड़ देंगी, फटने वाली चीज तो फटेगी ही " जवाब रामपुर वाली भौजी, चुनिया की बड़ी बहन ने दिया

Teej-MIL-f83c96c3be0a9fe914bc1ea27c213b89-high.webp



और चुनिया ने गाना अब बुच्ची की ओर मोड़ दिया


बन्ने की बहना पहने शलवार, बुच्ची रानी पहने शलवार

बन्दर ले गया शलवार, बन्ने की बहना कैसे तरसे,
Salwar-IMG-20231120-102404.jpg


बन्ना बिचारा गया छुड़ाने, बुच्ची के भैया गए छुड़ाने

बन्दर घुड़की मारे

अरे घुड़की की तो घुड़की मारे, अरे दिखा दिखा के फाड़े

बेचारी बुच्ची नंगी नाचे रे, बन्ना मेरा ताली बजाये
रे



और अब तो सुरजू की माई के मायके वाली सब लड़कियां औरत्ते, सुरजू की भौजाइयां हँसते हँसते,

बुच्ची ने आँखे तरेर कर अपनी सहेली को देखा फिर वो भी मुस्करायी और ढोलक अपनी ओर खींचने की कोशिश की पर चुनिया बोली,

" यार बस एक, एक सेहरा तो हो जाए बन्ने का, तेरे भैया का, और ढोलक फिर टनकना शुरू हो गयी,

और चुनिया चालू हो गयी,


अलबेला बन्ना, अरे सुन्दर बना

बन्ने के माथे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,

मैं तुमसे पूछूं ऐ बन्ने, सेहरा कहाँ पाया,

मेरा बहना का यार, मलिया ले आया,

अरे बुच्ची सोई उसके संग, मलिया ले आया




बुच्ची और चुनिया हमेशा साथ साथ गातीं, एक गाना शुरू करता तो दूसरा और उसके साथ में बाकी लड़कियां औरतें उस लाइन को दुहरातीं, लेकिन बुच्ची गा तो रही थी लेकिन बनावटी गुस्से से अपनी पक्की सहेली को देखा।

असली बात थी, गाने में जिसका नाम लेकर न छेड़ा जाय जो न गरियाया जाय वो ज्यादा बुरा मानता था।




बन्ने के पैरों में जूता सोहे, जूता सोहे अरे जूता सोहे

मैं तुमसे पूछूं ए बन्ने, जूता कहाँ पाया

अरे मेरी बहना का यार, मेरी बुच्ची का यार मोची ले आया,

अरे बुच्ची सोई उसके संग, टांग उठायी, जांघ फैलाई उसके संग,

अरे मोची ले आया




तबतक भरौटी क कउनो भौजी बोलीं," आज कल क बिटिहिनीं सब, अरे साफ़ साफ़ काहे न बोलती,

" अरे बुच्ची चोदावे मोचिया से, जुतवा वही लाया "
Teej-Gao-IMG-20231002-194747.jpg


" अरे तो कौन गलत कर रही है "

चुनिया की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी, जो सुरुजू के ननिहाल से आयी थीं , सुरजू की माई के पास छोटी मामी के पीछे बैठीं थीं, वही से बुच्ची के समर्थन में गुहार लगाई,

" अरे तो हमर ननद रानी कौन गलत कर रही हैं , बुरिया है तो चोदी ही जायेगी, तो मालिया से चुदवा के सेहरा, बजजवा से चुदवा के कपड़ा और मोचिया से चुदवा के अपने भैया के लिए जूता ले आयी तो बहन हो तो ऐसी, चुदाई का मजा भी और पैसे की बचत भी , मंहगाई के जमाने में "
Teej-89092d131b50bff4329814171751fe34.jpg


लेकिन साथ ही में अपनी छोटी बहन चुनिया को अपने सामने बैठी अपनी फुफिया सास, सुरजू की माई की ओर इशारा किया

और चुनिया के पास तो खजाना था, वो चालू हो गयी और अबकी निशाने पे सुरजू की माई थीं, वैसे भी दूल्हे की बहन और माई सबसे ज्यादा गरियाई जाती हैं और बहन से भी ज्यादा माई

एक दो लाइने तो बन्ने की तारीफ़ में फिर बाद मुद्दे पे पहुँच गयी



बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,

बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे

बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे, अरे लोग कहें मलिया का जना,

बन्ने के तन पे सूट सोहे , अरे सूट सोहे,

अरे सूट सोहे, लोग कहें,, बजजवा जना


सुरजू की गाँव की एक बूआ अपनी भौजाई, सुरजू की माई से बोलीं,

" अरे भौजी केतना लोगन से चुदाई के मुन्ना को पैदा की हो, मालिया भी बजजवा भी , मोचिया भी, की अपने मामा क जनमल हो "



सुरजू क माई अपनी ननद को कुछ जवाब देती उसके पहले चुनिया ने अगली लाइन शुरू कर दी

धोबी की गली हो के आया बना, लोग कहें धोबी का जना

अरे लोग कहे, अरे लग कहें, गदहे का जना


अबकी तो खूब जबरदस्त ठहाका लगा और सबसे ज्यादा खुद सुरजू क माई और सबसे पहले कमेंट उन्होंने ही मारा, अपने पीछे बैठी मुन्ना बहू और इमरतिया और रामपुर वाली भौजी को देख के

" भाई गदहे वाली बात तो दूल्हे क भौजाई लोग अच्छी तरह से बता सकती हैं,.... अब ये जिन कहा की नाप तौल नहीं की हो अपने देवर की "
Bengali-MM-17309759-1121531641291211-6740995023178432255-n.jpg

शानदार अपडेट कोमल जी

अबतक के सभी अपडेट पर भारी और कई दिनों बाद देशज गीतों का आना, मजा आ गया।

और पात्रों के नामों का तो कहना ही क्या !!! पता नहीं कहां - कहां से ढूंढ कर लाती हो एकदम अपने से लगते हैं, जाने पहचाने से।

nostalgic फीलिंग हो रही है, बुलऊंओं की यादें ताजा हो गई।

जल्दी से अपडेट दीजिए।


सादर
 

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
बुच्ची और उनके भैया - सोने की थाली में जोबना परोसे

Girl-school-c357e0f26c90884ab22a998e3b0e678a.jpg


और पहल भी बुच्ची ने ही की, कौर भैया के मुंह में डालने के चक्कर में थोड़ा सा और वो सरकी, एक बार में खुले मुंह में कौर डाला और सरकने से खूंटा उसके भैया का बुच्ची की अगली दरार के मुंह पे,

pussy-teen-IMG-0293.jpg


मस्ती से बुच्ची के निचले होंठ पहले से ही गीले थे और अब पहली बार मर्द के खूंटे की रगड़ लगी,.... तो एकदम गिनगीना गए, फड़कने लगे।

बुच्ची की देह में एक नया नशा छा गया, मजाक की, चिढ़ाने और छेड़ने की बात अलग है,... लेकिन भाई का खूंटा वो भी एकदम सीधे सीधे बहन की बिल पे,.... उसकी ऊपर की सांस ऊपर नीचे की नीचे लेकिन हिम्मत कर के उसने सुरजू को उकसाना छेड़ना जारी रखा, और अबकी इमरतिया को जवाब दिया

" अरे भौजी, आज क्यों,… रोज, जब भैया का मन करे,.... हाँ अब आपके देवर का ही मन न करे तो बात अलग है " और जैसे मुंह बना के उदास सी हो गयी।
Girl-c7e8d1095c04b2b6de289ae6a0b39769.jpg


सच में ननद की जात ही छिनार की जात है।

' मन क्यों नहीं करता, बुच्ची मन तो बहुत करता है, "

सुरजू के मन से अब मन की बात निकल गयी और भौजी ने कैच कर लिया।

" अरे मन करता है तो लो न कस के, अब यहाँ और कौन है मैं हूँ, बुच्ची है और तुम हो "

इमरतिया ने ललकारा और आँख से घुरा भी जैसे कह रही हो यही साले सिखाया था इत्ती देर से,

और सुरजू के दोनों हाथ, अब बुच्ची के छोटे छोटे जुबना कस कस के मसलने, रगड़ने लगे, कभी दबाते, कभी कुचलते।

ताकत की तो कमी न थी और थोड़ी देर पहले ही इमरतिया के बड़े बड़े जोबन का रस ले लेकर काफी कुछ वो सीख चुका था। बस रस ले ले कर बुच्ची की जस्ट आती हुयी कच्ची कच्ची चूँची और नीचे से अब खूंटा भी एकदम खड़ा बार बार बुच्ची की बुर में डंक मार रहा था. और बुरिया भी ऐसी की जहाँ अभी साल भर भी नहीं हुए थे झांटे आते, एकदम टाइट, ढंग से सहेलियों की भौजाइयों की ऊँगली भी अभी नहीं गयी थी, दोनों फांके एकदम चिपकी।

लेकिन इमरतिया को अब इतने में मजा नहीं आ रहा था, उसने सुरजू को बगल में रखी तेल की कटोरी की ओर,.... और ननद की बुर की ओर इशारा किया,

Mustard-Oil-600x600.png

बस

सुरजू की हथेली अब बुच्ची की जांघ के बीच सीधे बिलिया पे और बुच्ची ने पूरी ताकत से जाँघे फैला दी जिससे पूरी हथेली सीधे रगड़ रगड़ .भाभियों, सहेलियों ने तो बहुत चुनमुनिया को रगड़ा था, दुलार किया था राजदुलारी का लेकिन पहले बार गुलाबो पर किसी मरद का हाथ पड़ा था, वो भी भाई का, जिसका खूंटा घोंटने के लिए बुच्ची खुद बेचैन थी।


pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif


सिसकते हुए वो भैया को खाना खिला रही थी लेकिन इमरतिया बोली,

अरे बुच्ची अब खीर और सीधे सकोरे से, भैया का मुंह लगाय के


और सुरजू से बोली, और जुठ कर के थोड़ा बहिनिया के लिए छोड़ देना,


Kheer-gajar-ki-kheer-recipe-in-hindi.jpg


सकोरे को जैसे मुंह सुरजू ने लगाया,

इमरतिया ने खुद सुरजू का हाथ पकड़ के पहले दो उंगलिया तेल के कटोरे में डुबोई और फिर बुच्ची की बिल में

अब सुरजू को उसके आगे बताने की जरूरत नहीं थी। इमरतिया ने दस बार बताई थी बुच्ची के आने के पहले, 'ऊँगली जरूर करना, जो लड़की आज ऊँगली घोंटेंगी, कल लंड जरूर घोंटेंगी "

गच्चाक

पूरी ताकत से ऊँगली पेल दी, पहलवान का हाथ गच्च से दो पोर अंदर चला गया। लेकिन सूरजु को भी कसी चूत का मतलब समझ में आया, तेल में चुपड़ी थी,तेल टपक रहा था तब भी पूरी कलाई का जोर लगाने के बाद घुमा घुमा के, एक ऊँगली किसी तरह घुसी और बुच्ची ने खुद अपनी जाँघे फैला ली, इमरतिया भौजी सही कह रही है, बिना पूरा जोर लगाए इस बिल में लंड नहीं घुसने वाला, लेकिन बिना घुसाए अब वो छोड़ेगा भी नहीं।

और बुच्ची की सिसकी निकल गयी।

ओह्ह भैया ओह्ह्ह बदमाश नहीं हाँ ओह्ह

लेकिन थी वो भी बदमाश,
एक हाथ से सकोरे को पकडे दूसरे हाथ से सीधे भैया के मस्ताए लंड को पकड़ लिया और अपनी बिल के ऊपर,....

holding-cock-tumblr-p9e0ge-Heew1wq8vvjo1-1280.png


सुपाड़ा पागल हो रहा था, उस दर्जा नौ वाली टीनेजर की कच्ची कसी फांको पे रगड़ रहा था, धक्के मार रहा था।

खाना ख़तम हो गया था, लेकिन देह की जो भूख सूरजु और बुच्ची के मन और तन में लग गयी थी वो इतनी जल्दी नहीं ख़तम होने वाली थी।



जैसे एक बार इंसान का गोश्त खाकर शेर आदमखोर हो जाता है उसी तरह लंड भी एक बार चूत का मजा पाकर, उसके बिना रह नहीं पाता।

और फिर बुच्ची जैसी कच्ची कली जो अभी कैशोर्य का दरवाजा खटखटा रही थी, उसकी कच्ची चूत में पहले तो तेल लगी ऊँगली और फिर मोटा सुपाड़ा दोनों फांको के बीच फंसा, धंसा, कसमसाता, बस सूरजु सोच रहे थे बस एक बार मौका मिल जाए, बिन फाड़े छोडूंगा नहीं और उससे बढ़कर उन्हें बुच्ची में अपनी पांच छह दिन बाद मिलने वाली दुलहिनिया नजर आ रही थी।

बुच्ची से मुश्किल से साल भर ही तो बड़ी होगी, ऐसी ही कसी कसी उसकी भी होगी, लेकिन जो ट्रिक भौजी ने सिखाई थी, माई भी तो बोली थीं, दो चार गाँव न सही लेकिन अपने गाँव में तो जरूर चीख सुनाई देगी, बहुत मजा आएगा, और दुलहिनिया को सोचते हुए बहिनिया की बिल में रगड़ घिस रगड़ घिस



और बुच्ची की बुर में आग लग गयी थी,


बस वह यही सोच रही थी, चाहे कितना दर्द हो, भले बुर खून का आंसू रोये, फट के चिथड़ा हो जाए, लेकिन अपने भैया का, सूरजु भैया के वो लेगी जरूर अपने अंदर
Girl-desktop-wallpaper-rashmika-mandanna-telugu-actress.jpg



ख़तम हो गया था, खाने की थाली इमरतिया ने उठा ली थी। लेकिन खीर का सकोरा अभी भी बुच्ची पकडे थी



लेकिन तभी झटके से दरवाजा खुला और मंजू भाभी और शीला अंदर, ये बोलने के लिए की कोहबर वालियों का खाना वो लोग ले के आयी है, बुच्ची और इमरतिया भी आ जाएँ। लेकिन सुरजू को देख के मंजू भाभी ने देवर को हड़काया
मै तो बहोत पहले से नांदिया के साथ छिनार शब्द जोड़ती आई हु. ऐसे ही थोड़ी. यह नांदिया पैदा होने से पहले ही छिनारपन का टाइटल लेकर आती है. क्या इरोटिक सीन क्रिएट किया है बाकि. नांदिया छिनार को सूरजवा उसके भैया की गोद मे बिठा दिया. और भरतपुर और मुँह का मिलन भी करवा दिया. गचा लगवाने तेल भी चुपड़वा दिया. पर एन्ड वक्त पर मंजू भाभी एंड पार्टी आ गई. अमेज़िंग अपडेट.

F0s-Guwk-Xo-AQi-QN9 Dlpmjly-Uc-AARjm-Z

Ek-IGWUx-Wo-AEUb-L2
 

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
खीर -बहन के लिए

Kheer-Sakora-hq720.jpg


" अरे थोड़ सी जुठ खीर बहन के लिए छोड़ दे लालची, उसका नेग होता है भाई का जूठा खाने का "

और बुच्ची खड़ी हो गयी, स्कर्ट ने खुली मजे से फड़फड़ाती पागल गीली, चाशनी में भीगी बिल को ढंक लिया, और सुरजू ने भी रजाई कमर के ऊपर कर ली। लेकिन देखने वालों ने सब देख लिया।



मंजू भाभी की तेज निगाह ने ताखे में रखे छलकते, लबलबा रहे सकोरे को देख लिया और इमरतिया को देख के मुस्कराने लगी। देवर का माल है समझ गयी और बुच्ची से बोलीं


" घबड़ा मत तेरी खीर में भी मलाई डाल के अभी बराबर कर देती हूँ "
Teej-a78d22344a57eb91c3199434240052fa.jpg


पर बुच्ची अभी अपने कपडे सम्हालने में, थाली पकड़ने में फंसी थी और इमरतिया को दिखा के वो माल मलाई खीर के सकोरे में मंजू भाभी ने डाल दी,

" अरे तू पहले खा ले खीर,.... बाकी मैं समेट लुंगी "


और सकोरे को मुंह लगाके बुच्ची सब गड़प कर गयी, बची खुची खीर मलाई चाट गयी और मंजू भाभी के साथ कोहबर वाले कमरे में

"बस मैं आती हूँ अभी " इमरतिया बोली , उसके जिम्मे एक काम अभी बचा था।

Teej-SA-image-1259611634575205.jpg


इमरतिया की आँखे चमक रही थीं, जो उसने सोचा था उसका आठ आने का काम तो हो गया था, सूरजु देवर के साथ और बाकी भी जल्द ही हो जाएगा।

दो चार दिन पहले तक जो औरतों लड़कियों की छाया से दूर रहता था, लंगोटे का पक्का, चूत से भूत की तरह डरता था अब खुद चूत का भूत बन गया था।

और सिर्फ इमरतिया ही नहीं, बड़की ठकुराइन, सुरुजू की माई भी यही चाहती थीं, और इमरतिया से उनका कुछ ढंका छिपा तो था नहीं, दोनों एक दूसरे से पूरी तरह खुले, हर मामले में, तो इसलिए ही बड़की ठकुराइन ने यह काम अपने दुलरुवा का इमरतिया के जिम्मे सौंपा था और सुरुजू को बोल भी दिया था,

' चुप चाप भौजी की कुल बात मानो । "

और वो बात मानने में अगर इतना मजा मिलता हो तो सूरजु काहें पीछे रहते,

इमरतिया कुछ कर रही थी, और बीच बीच में अपने देवर को देख के मुस्करा रही थी, और सुरुजू भी कभी झेंप जाता कभी मुस्करा देता, खूंटा अभी भी फनफनाया, बस एक पतले से गमछे से ढंका,

और इमरतिया भी उस फनफनाते नाग को देख रही थी, मुस्करा रही थी।

बहुत उसने भी घोंटे थे, उसके मरद का भी जबरदस्त था, फिर ससुरारी में देवर नन्दोई,

सूरजु के नवासे, बड़की ठकुराइन के मायके जब जाती तो कउनो दिन नागा नहीं होता, लेकिन लम्बाई में कउनो इससे १८-१९ भी नहीं होगा, और हल्का। इमरतिया ने अपने बित्ते से खुद नापा था, बित्ता छोटा पड़ गया था, लेकिन उससे भी खतरनाक थी मोटाई। कलाई से कम क्या होगा और जिस नंबर की वो चूड़ी पहनती थी उसके हिसाब से ढाई इंच से तो ज्यादा ही, तीन के आसपास, मोटका बैगन मात।

कटोरी भर कडुवा तेल अपनी बुर को पिला के उसके ऊपर चढ़ी थी, फिर भी जाड़े में पसीना छूट गया, खाली सुपाड़ा घोंटने में दस मिनट लग गया। और कुछ सोच के इमरतिया और मुस्करायी।



बुच्ची, असल कच्ची कली , और वो कैसे घोंटेंगी? लेकिन घोंटना तो पड़ेगा, ...और वो भी जड़ तक, आखिर दूल्हे की बहन है , भौजी की ननद

लेकिन बुच्ची आज जैसे गर्मायी थी अब बिना चुदे न वो रह पाएगी न उसे बिना चोदे उसका भाई।

पर मंजू भाभी ने जो इमरतिया से बुच्ची को देख के कहा था, " छटल छिनार, और वो भी नयकी दुलहिनिया के आने के पहले " ,

और छिनार का मतलब जो लौंडिया एक साथ न सही लेकिन एक दिन में कम से कम छह मरद के आगे टांग फैलावे, और बियाहे के घर में लौंडन की कौन कमी, सूरजु के ननिहाल, मंजू भौजी के ससुराल से ही आधे दर्जन से ऊपर लौंडे, बुच्ची को देख के छुंछिया रहे थे, फिर इमरतिया के नाऊ टोला में एक से के कड़क लौंडे थे, चमरौटी भरौटी, अहिराना, अरे जब एक बार दूकान खुल जाएगी तो हर तरह के गहकी आएंगे, बुच्ची बबुनी के,


लेकिन पहले सूरजु देवर का नंबर लगेगा और वो भी तीनो छेद पे, और एक बार नहीं कई बार, स्साली चिंचियायेगी, गांड पटकेगी, मिर्च लगेगी पिछवाड़े, लेकिन इमरतिया अपने हाथ से अपने देवर का लौंड़ा बुच्चिया की कसी कच्ची गांड़ में सटायेगी, और पहलवान तो है ही उसका देवर, एक धक्के में मोटा सुपाड़ा अंदर,
anal-cu-tumblr-la59rbw2-C51qddtv4o1-640.jpg


बुच्चिया को जब सुरुजू चोदेगा, आधे टाइम उसके मन में उसकी दुल्हनिया रहेगी, और आज भी जब उसका खूंटा खाते समय, बुच्ची की कच्ची बुर में धक्के मार रहा था, इमरतिया अपने देवर के चेहरे के भाव देख के समझ गयी थी, सूरजु के मन में उसकी आने वाली दुलहिनिया की बिल है।

और हचक हचक के दर्जा नौ वाली की चूत, गांड़ दोनों फाड़ने के बाद, जब दुलहिनिया मिलेगी तो सुरुजू के मन में पक्का रहेगा, की जब दर्जा नौ वाली ने इतने मजे से घोंटा है तो ये दर्जा दस वाली तो और आसानी से घोंटेंगी, और कुछ नखड़े कर रही है तो बस ये उसके मायकेवालियों ने सीखा के भेजा है, बस थोड़ा जबरदस्ती की जरूरत है।



इमरतिया को मालूम था मरद असली चोदू तब होता है जब हर औरत हो या लड़की, उस में उस को चूत नजर आती है और वो चोदने के लिए तैयार माल, सूरजु के देह में ताकत बहुत थी, और औजार भी गजब था, बस थोड़ी बहुत झिझक थी और उसकी सोच बदलने की जरूरत थी, तो उसके लिए इमरतिया थी न।

इमरतिया का काम ख़तम हो गया था, ऊपर से कोहबर से मंजू भाभी और बुच्ची दोनों ने साथ साथ गोहार लगाई थी की खाना ठंडा हो रहा है तो इमरतिया ने इशारे से सुरुजू को अपनी ओर बुलाया, और धीरे से बोली,

" अभिन थोड़ी देर में बगल में गाना नाच शुरू होगा "
teej-102ba0676c9310160f53c3a468d5a9fe.jpg
मान गए. कोबहार वाले कमरे का माहौल तो कुछ अलग ही गरमाया है. इमरतिया चुप रही तो मंजू भाभी ने काम आगे बढ़ाया. बुची को खीर मलाई वाली खिलवा ही दी. और वो छिनार गट गट चाट गई.
और छिनार तो एक साथ छे घोंट लेती है. पर हमार नांदिया तो 10 से निचे बात नही करेंगी. वैसे इमरतिया ने ठकुराइन का काम संभल ही लिया. अब सूरजवा को चस्का लगा ही गया है.


images-1 images Hot-Wear-Bra-Panty-1926
 

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
गाना नाच

Teej-558888210-799076726058880-6373498141038093202-n.jpg


इमरतिया ने इशारे से सुरुजू को अपनी ओर बुलाया, और धीरे से बोली,

" अभिन थोड़ी देर में बगल में गाना नाच शुरू होगा "

सूरजु थोड़ा मुस्करा के थोड़ा उदास हो के उसी तरह धीमे से फुसफुसाते बोला, " तो हमें कौन देखे सुने के मिली, बाहर से कुण्डी लग जाई और सबेरे खुली। "

इमरतिया खुल के हंसी।

सच में होता यही था। इसी लिए रात के गाने का प्रोग्राम छत पर, मरद लड़के सब नीचे, और सीढ़ी का दरवाजा बंद , खाली सांकल ही नहीं ताला भी।

हाँ दूल्हे से उतनी लाज शर्म नहीं होती थी, उसी का नाम ले ले के तो सब बहिन महतारी गरियाई जाती थीं/ लेकिन ये बात भी सही थी की उसके कमरे के बाहर भी कुण्डी लगा दी जाती थी, थोड़ा बहुत आवाज सुनाई दे तो दे,

लेकिन देखने का कोई सवाल नहीं था और इसलिए भी की शायद ही किसी की साडी ब्लाउज बचती, और ज्यादा जोश हो तो बात उसके आगे भी बढ़ जाती, भौजाइयां ननदों की शलवार का नाड़ा पहले खोलती थीं।

गाल पे कस के चिकोटी काटते इमरतिया बोली,

" अरे हमरे देवर, तोहार ये भौजी काहें को है, कुल दिखाई देगा, तोहार बहिन महतारी सब का भोंसड़ा, लेकिन मैं बत्ती बंद करके जाउंगी और बत्ती खोलना मत, और ये देखो "


Teej-548782823-786839337282619-8389918497315098748-n.jpg


इमरतिया ने बत्ती बंद की, और एक पतला सा काला कागज़ जो उसने खिड़की पे चिपका रखा था, उसे उचाड़ दिया, बस कई छोटे छोटे छेद, जैसे बच्चे बचपन में आँख लगा के ध्यान से बाइस्कोप देखते हैं, सूरजु ने आँख लगा लिया और उस पार का पूरा इलाका दिख रहा था, एक एक आवाज साफ़ आ रही थी जैसे उसी के कमरे में कोई बोल रहा हो, अभी इंतजाम हो रहा था, फर्श पे दरी बिछ रही थी, एक भौजी नीचे से ढोलक ले आयी थीं।

वो जोर से मुस्कराया और इमरतिया ने फिर कागज चिपका दिया और आगे की हिदायत दे दी,


" हे अपनी बहिन महतारी क देख देख के अगर ये टनटना जाए तो मुट्ठ मत मारने लग जाना और इस मोटू को खोल के रखना, "



लेकिन सूरजु भी अब चालाक हो गए थे, भौजी से बोले, " और भौजी, अगर तोहें, हमरी रसीली भौजी को देख के टनटना जाए तो

" तो अगली बार जैसे मिलूंगी चोद लेना और अगली बार मैं ऊपर नहीं चढूँगी तुम चढ़ के पेलना, ....जैसे हमारी ननद बुच्ची को चोदोगे , "
Teej-f20895be311f152027380a6331013dfd.jpg




इमरतिया बोली, और झुक के खड़े खूंटे को कस के दबोच लिया और प्यार से मसल दिया ,और निकलते हुए बत्ती बंद कर दी।



1138
यह सही है. औरतों के यह प्रोग्राम मर्दो की गेर मौजूदगी मे ही होते है. पर लोंडे लफैड़े देवर देखने के चक्कर मे रहते है. लेकिन सूरजवा के लिए तो इमरतिया ने जुगाड़ कर ही दिया. जैसे भी मन करें. माझा आ गया.

4e18aecf4a969a2e332414d736cee160 adaa4fc375ad18739b066113f57491c6 8c0bf4ecc35fde420c48ba0b1eef4179
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,987
8,854
173
छोटी मामी
Teej-a78d22344a57eb91c3199434240052fa.jpg


और सूरजु ने झट से रजाई ओढ़ ली, छोटी मामी को अपनी ओर आते देख के वो घबड़ा गया,


छोटी मामी कुछ ज्यादा ही उसे छेड़ती थीं, घर क्या मोहल्ले टोले की सबसे नयी बहु,

साल भर मुश्किल से हुआ होगा, लेकिन गाने में, मजाक और छेड़खानी में अपना सिक्का उन्होंने जमा लिया और सूरजु के पीछे तो हाथ धो के,

जितना सूरजु लजाधुर,... उतना ही छोटी मामी उन के पीछे, छोटी सी चोली पहनती और जोबन छलकते रहते,

8989fee3d939772f69c6bd8399208e1a.jpg


बियाह के बाद नयी दुल्हिन तो दूल्हे की मलाई घोट के मरद की देह लग के रस की छलकती गागर हो जाती हैं।

छोटी मामी तो वैसे रस क पुतली, कम उम्र में शादी, गौना सब हो गया, उमरिया क बारी, जोबन का भारी, जोबन सम्हलाते नहीं सम्हलता था, और ऊपर से जिसके ऊपर उन्हें रगड़ने मसलने की जिम्मेदारी थी,... वो दस दिन में ही नौकरी पर चला गया,

और बाकी लौंडो की तरह सूरजु भी ललचाते थे, लेकिन झिझकते थे तो बस चोरी छिपी, कनखियों से,.... और फिर तो छोटी मामी पीछे पड़ गयीं

" हे तोहार मामा तो चले गए तो अब भानजे से ही काम चलाऊंगी, सीधे से नहीं मानोगी तो जबरदस्ती, वो का कहते हैं रेप। अरे खड़ा वड़ा तो होता होगा, पानी कभी निकला,…? “

59f36a4715ad705a1be2d574dd26a5ea.jpg


और सूरजु और लजा के,... और बाकी औरतें भी हंस के छोटी मामी का ही साथ देतीं,...


तो छोटी मामी को अपनी ओर आते देख के सूरजु ने कस के आँखे भींच ली,

उन्हें पक्का बिश्वास था उसकी चोरी छोटी मामी ने पकड़ ली और अभी उसे उठाकर कहीं और कर देंगी,
लेकिन वो पलंग के पीछे चली गयी, अलमारी में कुछ खटपट हुयी, और जैसे ही वो कुछ समझ पाते पीछे से छोटी मामी रजाई में धंस गयीं, और उसके चेहरे को सहलाती बोलीं,

" देखूं मुन्ना सो रहा है की चुपके से मजा ले रहा है "

उन्होंने कस के आँख भींच ली, और छोटी मामी बोलीं " आँख, चेहरा तो सो रहा है "

फिर उनकी उँगलियाँ सूरजु के सीने पे, हाथ पे और फिर बोलीं, “ये भी सो रहा है,”

और फिर पेट पे, नाभि पे हलकी सी ऊँगली सहलाती बोलीं,...



"ये भी सो रहा है, " और अचानक सूरजु के नेकर में हाथ डाल के 'उसे ' पकड़ लिया, वो तो पहले से ही फनफनाया, तना एकदम कड़ा खड़ा था

" ये तो पक्का जग रहा है, बदमाश "

Teej-aeaf6455feb0b44c7913421bc4563cda.jpg


वो बोलीं और फिर पहले तो सिर्फ दो उँगलियों की टिप से उसे सहलाया, उसका कड़ापन महसूस किया, केंचुआ है की कड़ियल नाग,

और फिर हलके से सहलाते हुए पकड़ लिया, और कस के जकड़ते हुए धीरे धीरे मुठियाते चिढ़ाया,

" ये तो एकदम जगा है, ...बहुत ही बदमाश है "

और एक झटके से सुपाड़े का चमड़ा खोल दिया और उसे अंगूठे से दबा के उस मांसल लाल मोठे सुपाड़े को सहला के बोलीं,

" हे इसे खोल के रखा करो, और दोनों टाइम तेल मालिश, नहीं तो चलो मैं ही इसकी मालिश कर दूंगीं। अरे हथियार को चमका के रखा करो, कब मौका लग जाए इस्तेमाल करने का, ...."
holding-cock-IMG-9850.jpg


हलके हलके वो मुठिया रही थीं, और सोच रही थीं, इस उम्र में इतना मोटा है, पूरा तन्नाया, कड़ाई और लम्बाई में तो अपने मामा से भी २० होगा। फिर सूरजु को चिढ़ाया, धीरे से कान में बोली,

" अपनी बहनिया की बिलिया देख के ये हालत हो रही है ? अरे लिए तो होगी उसकी ? नहीं लिए तो तुम से बुद्धू कोई नहीं, ....बहन चोदने के लिए होती हैं छोड़ने के लिए नहीं, ...माल एकदम तैयार है। या फिर हमारी ननद को, ....माई का देख के फड़फड़ा रहा है "
Teej-cleav13a480be4526f03483c78d1690623cb.jpg

लेकिन उनकी फुसफुसाती आवाज को ब्रेक लग गया जब गाने में से किसी ने उन्हें आवाज दी और वो चल दी।

हाँ चलते हुए सूरजु के पास रखी लालटेन भी उन्होंने उठाली, उनके दूसरे हाथ में अलमारी से निकाली सरसों के तेल की नयी बोतल थी। और सूरजु की नेकर भी सरका के उन्होंने घुटने तक कर दी थी।

laalten-22451702035.jpg


लेकिन लालटेन जाने का एक फायदा हुआ,

सूरजु जहाँ लेटे थे वो जगह अब एकदम अँधेरे में डूब गयी, और किसी भी हालत में जहाँ रतजगा हो रहा था वहां से सूरजु को कोई नहीं देख सकता था।

चाहे सूरजु रजाई उठा के हाल खुलासा देखें।



लालटेन छोटी मामी ने जहाँ गाना हो रहा था, वहां रख दिया और अब सूरजु को एकदम साफ़ दिख रहा था, लेकिन उन्हें कोई नहीं देख सकता था।

और असली खेल तो अब शुरू हुआ,

छोटी मामी ने सूरजु की माई के सामने बैठ के पहले तो लालटेन रखी, फिर उन्हें दिखाते हुए, सरसों के तेल की बोतल, और अपने दाएं हाथ की चूड़ियां एक एक करके उतारनी शुरू कर दीं,


bangles-Bridal-bangles.jpg

सूरजु आँख गड़ा के देख रहे थे, लेकिन उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था,

लेकिन सूरजु की माई झट्ट से समझ गयीं और अबकी घबड़ाहट उनके चेहरे पे थी, और छोटी मामी से बोलीं,

" अरे छुटकी भौजी, ....ये नहीं "

समझ तो बाकी सूरजु की माई की भौजाइयां भी गयीं,

और खिलखिलाते हुए उनकी एक बड़ी उमर की भरौटी की भौजी ने कस के हाथ पकड़ लिया

और घर में काम करने वाली कहारिन ने दोनों हाथों से सूरजु की माई की कमर जबरदस्त दबोच ली, अब हिलने को कौन कहे, वो सूत भर सरक भी नहीं सकती थीं, और छोटी मामी ने चिढ़ाया,

" अरे ननद रानी, जिस बुरिया से इतना जानदार तगड़ा लौंडा निकाल दी हो, उसका एक दो ऊँगली से का होगा, ऊंट के मुंह में जीरा।। फिर सूरजु के मामा, हमरे मरद बचपन में बहुत सेवा किये होंगे, हमरे जेठ देवर, तो भाई के साथ मौज मस्ती और भौजाई की बारी आने पे छिनरपन?"
Teej-9698c1d885773ccb17089dca57b185ed.jpg


" सही तो कह रही है, नयको, ( छोटी मामी सबसे नई थीं घर में तो उनकी सास, जेठानियाँ उन्हें नयको ही कहती थीं ) बड़ी मामी बोली और सूरजु की माई को छेड़ा,

"और सूरजु क मामा तो हमसे खुदे क़बूले हैं की खाली थूक लगाए के तोहार मारते थे, ये तो भौजी लोग तोहार शरीफ हैं की की कडुआ तेल लगाय के, "

और मंझली मामी ने सूरजु की माई के बिल में से दो उंगलिया निकाल के दोनों निचले होंठ फैला दिए,


छोटी मामी ने लालटेन की ओर इशारा किया तो एक गाँव की औरत ने लालटेन सीधे वहीँ सामने
Ufffff gajab ka update hai.
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,987
8,854
173
बन्ना- बन्नी ---बुच्ची चुनिया

Girl-2c5ac43f7e2c1ef7d2f0d0cb70516859.jpg

असल में लड़के के घर में बन्ने गाये जाते हैं और लड़की के घर में बन्नी, और लड़के के घर के गाने में लड़की वालों का मजाक होता है, और लड़की के यहां बन्ने को चिढ़ाया जाता है,

लेकिन भौजाइयां बन्ने को भी नहीं छोड़ती, आखिर आने वाली दुलहिनिया, बन्नी उनकी देवरानी होगी और उन्ही के साथ ननदों का शलवार खोलेगी और फिर चुनिया भी तो रामपुर वाली भौजी की छोटी बहन तो वो भी, और उसके पास तो छेड़खानी वाले गानों का खजाना था तो वो चालू हो गयी,

अपनी सहेली बुच्ची को चमका चमका के चिढ़ा चिढ़ा के गाने,


बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे

बन्ना कैसे तरसे, हो बन्ना कैसे तरसे

बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे

बन्ने के बाबू गए छुड़ाने, बन्दर घुड़की मारे

अरे घुड़की की तो घुड़की मारे, अरे दिखा दिखा के फाड़े

बन्दर ले गया पाजामा, बन्ना कैसे तरसे




मंजू भाभी ने मुंह में दो उंगली डाल के जोर से सीटी मारी और बोलीं,

" अरे बन्ने के पाजामे के अंदर वाला, पिछवाड़े वाला तो नहीं फाड़ दिया,? '


dholak-2-download.jpg

' अरे वो बच भी जाएगा तो ससुराल में सास और सलहज कोहबर में फाड़ देंगी, फटने वाली चीज तो फटेगी ही " जवाब रामपुर वाली भौजी, चुनिया की बड़ी बहन ने दिया

Teej-MIL-f83c96c3be0a9fe914bc1ea27c213b89-high.webp



और चुनिया ने गाना अब बुच्ची की ओर मोड़ दिया


बन्ने की बहना पहने शलवार, बुच्ची रानी पहने शलवार

बन्दर ले गया शलवार, बन्ने की बहना कैसे तरसे,
Salwar-IMG-20231120-102404.jpg


बन्ना बिचारा गया छुड़ाने, बुच्ची के भैया गए छुड़ाने

बन्दर घुड़की मारे

अरे घुड़की की तो घुड़की मारे, अरे दिखा दिखा के फाड़े

बेचारी बुच्ची नंगी नाचे रे, बन्ना मेरा ताली बजाये
रे



और अब तो सुरजू की माई के मायके वाली सब लड़कियां औरत्ते, सुरजू की भौजाइयां हँसते हँसते,

बुच्ची ने आँखे तरेर कर अपनी सहेली को देखा फिर वो भी मुस्करायी और ढोलक अपनी ओर खींचने की कोशिश की पर चुनिया बोली,

" यार बस एक, एक सेहरा तो हो जाए बन्ने का, तेरे भैया का, और ढोलक फिर टनकना शुरू हो गयी,

और चुनिया चालू हो गयी,


अलबेला बन्ना, अरे सुन्दर बना

बन्ने के माथे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,

मैं तुमसे पूछूं ऐ बन्ने, सेहरा कहाँ पाया,

मेरा बहना का यार, मलिया ले आया,

अरे बुच्ची सोई उसके संग, मलिया ले आया




बुच्ची और चुनिया हमेशा साथ साथ गातीं, एक गाना शुरू करता तो दूसरा और उसके साथ में बाकी लड़कियां औरतें उस लाइन को दुहरातीं, लेकिन बुच्ची गा तो रही थी लेकिन बनावटी गुस्से से अपनी पक्की सहेली को देखा।

असली बात थी, गाने में जिसका नाम लेकर न छेड़ा जाय जो न गरियाया जाय वो ज्यादा बुरा मानता था।




बन्ने के पैरों में जूता सोहे, जूता सोहे अरे जूता सोहे

मैं तुमसे पूछूं ए बन्ने, जूता कहाँ पाया

अरे मेरी बहना का यार, मेरी बुच्ची का यार मोची ले आया,

अरे बुच्ची सोई उसके संग, टांग उठायी, जांघ फैलाई उसके संग,

अरे मोची ले आया




तबतक भरौटी क कउनो भौजी बोलीं," आज कल क बिटिहिनीं सब, अरे साफ़ साफ़ काहे न बोलती,

" अरे बुच्ची चोदावे मोचिया से, जुतवा वही लाया "
Teej-Gao-IMG-20231002-194747.jpg


" अरे तो कौन गलत कर रही है "

चुनिया की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी, जो सुरुजू के ननिहाल से आयी थीं , सुरजू की माई के पास छोटी मामी के पीछे बैठीं थीं, वही से बुच्ची के समर्थन में गुहार लगाई,

" अरे तो हमर ननद रानी कौन गलत कर रही हैं , बुरिया है तो चोदी ही जायेगी, तो मालिया से चुदवा के सेहरा, बजजवा से चुदवा के कपड़ा और मोचिया से चुदवा के अपने भैया के लिए जूता ले आयी तो बहन हो तो ऐसी, चुदाई का मजा भी और पैसे की बचत भी , मंहगाई के जमाने में "
Teej-89092d131b50bff4329814171751fe34.jpg


लेकिन साथ ही में अपनी छोटी बहन चुनिया को अपने सामने बैठी अपनी फुफिया सास, सुरजू की माई की ओर इशारा किया

और चुनिया के पास तो खजाना था, वो चालू हो गयी और अबकी निशाने पे सुरजू की माई थीं, वैसे भी दूल्हे की बहन और माई सबसे ज्यादा गरियाई जाती हैं और बहन से भी ज्यादा माई

एक दो लाइने तो बन्ने की तारीफ़ में फिर बाद मुद्दे पे पहुँच गयी



बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,

बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे

बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे, अरे लोग कहें मलिया का जना,

बन्ने के तन पे सूट सोहे , अरे सूट सोहे,

अरे सूट सोहे, लोग कहें,, बजजवा जना


सुरजू की गाँव की एक बूआ अपनी भौजाई, सुरजू की माई से बोलीं,

" अरे भौजी केतना लोगन से चुदाई के मुन्ना को पैदा की हो, मालिया भी बजजवा भी , मोचिया भी, की अपने मामा क जनमल हो "



सुरजू क माई अपनी ननद को कुछ जवाब देती उसके पहले चुनिया ने अगली लाइन शुरू कर दी

धोबी की गली हो के आया बना, लोग कहें धोबी का जना

अरे लोग कहे, अरे लग कहें, गदहे का जना


अबकी तो खूब जबरदस्त ठहाका लगा और सबसे ज्यादा खुद सुरजू क माई और सबसे पहले कमेंट उन्होंने ही मारा, अपने पीछे बैठी मुन्ना बहू और इमरतिया और रामपुर वाली भौजी को देख के

" भाई गदहे वाली बात तो दूल्हे क भौजाई लोग अच्छी तरह से बता सकती हैं,.... अब ये जिन कहा की नाप तौल नहीं की हो अपने देवर की "
Bengali-MM-17309759-1121531641291211-6740995023178432255-n.jpg
Too good Komal ji. Bahut hi sundar tarike se likh rahi ho. Mazaa aa gaya. Gaon ki tashveer ekdam utaar di hai.
 
  • Like
Reactions: Shetan

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
छुटकी -होली दीदी की ससुराल में
भाग १०९ - नाच गाना, मस्ती और सुरजू
२७,६४,297
Teej-000e2b08b933ffa57c5359d0e2b86a85-high.webp



रतजगे की मस्ती,

इमरतिया को मालूम था मरद असली चोदू तब होता है जब हर औरत हो या लड़की, उस में उस को चूत नजर आती है और वो चोदने के लिए तैयार माल, सूरजु के देह में ताकत बहुत थी, और औजार भी गजब था, बस थोड़ी बहुत झिझक थी और उसकी सोच बदलने की जरूरत थी,

तो उसके लिए इमरतिया थी न।


Teej-Gao-4bda149f17899767dd8caf3be3f77582-high.webp


और जहाँ ज्यादतर बबुआने के लौंडो के सामने परेशानी रहती है की जितना जल्दी गर्माता है उससे ज्यादा जल्दी ठंडा होता है,

वहां सूरजबली सिंह की परेशानी दूसरी थी, न उनके औजार में कोई कमी, अबतक इमरतिया ने वैसा औजार घोंटना तो कौन कहे उसके बारे में सुना भी नहीं था और न कोई जल्दी बाजी, तीन चार बार खूब खेली खायी औरत का भी पानी निकाल के झड़ें, गोर सुन्दर देह, कसरत और अखाड़े क सधी, देख के लगता है दस हाथी क जोर होगा, लेकिन परेशानी दूसरी थी।

गाँव क कुल लौंडन का सिखाई पढ़ाई, घर में गाँव में हो जाती है, कउनो भौजाई, काम करने वाली, नहीं तो खेत में कटाई बुवाई वाली, मुर्गा के फड़फड़ाने के पहले नाडा खोल के स्वाद दे देती थीं, उसके बाद तो लौंडा खुद जहाँ बुर की महक सूंघा,... पीछे पीछे,


Sugarcane-xxxx-images.jpg


लेकिन सूरजु के लिए गाँव क कुल औरत लड़कियां सब कोई बहन कोई काकी, यहाँ तक की भौजाई सब भी, पठान टोला की सैयदायिन भौजी एतना खुल के मजाक के करती हैं,बिना बहन महतारी की गारी के बात नहीं, लेकिन बस मुस्किया के रह जाते हैं, और गाँव का भौजाई भी, छेड़ेंगी तो इनकी निगाह गोड़े से ऊपर नहीं, हाँ खाली इमरतिया को चोरी चोरी सुरु से और ये बात न खाली इमरतिया को मालूम थी बलि सूरजु सिंह की माई को भी,



तो बस वही सूरजु की धड़क खोलने का इंतजाम कर रही थी इमरतिया,


ससुर कौन लौंडा होगा जो रतजगा में औरतों क नाच गाना सुनने देखने के लिए नहीं परेशान होगा,

लेकिन असली रतजगा तो बरात के जाने के बाद होता था, जब एकदम खुल के मस्ती, बियाह से लेकर बच्चा पैदा होने तक सब होता था, पर मरद लौंडे तो बरात में, नहीं तो कहीं गारी वारि शुरू हुयी और ससुर भसुर मंडराने लगे तो लम्बा घूंघट, तो केकर पेटीकोट उलटा जाएगा, और असली मजा तो मुंह दिखाई साफ़ साफ़ बोले तो बुर दिखाई का होता था,

लेकिन बड़की ठकुराइन का इंतजाम,


Teej-9410f99d5498de1ef83697f1d5401224.jpg


बोलीं की जितना मस्ती बरात जाने के बाद रतजगा में होती है, उससे दस गुना रोज होगी

और मर्दों लौंडो का इंतजाम भी पक्का, जितने लौंडे हैं, सब आँगन के उधर पक्के वाले हिस्से में जो दालान है, चार पांच बड़े बड़े कमरे है उसमे उनके सोने का इंतजाम, खाना आठ बजे के पहले, और साढ़े आठ बजे दोनों आंगन के बीच में दरवाजा बंद, ताला बंद, और नौ बजे के पहले घर क कुल लड़की मेहरारू, छते पे, और मंजू भाभी क जिम्मेदारी छत पे भी ताला बंद, तो बस आस पास भी कउनो मर्द क परछाई भी नहीं पड़ेंगी, करा मस्ती खुल के सब जने, ननद भौजाई, सास पतोह, .....बड़की ठकुराइन के बेटवा क बियाह याद रही

एक बार सब लोग आ जाए तो, और छत में बड़का बरामदा में तिरपाल लगा था कउनो आंगन से भी बड़ा, ये कमरा कोहबर सब जोड़ के,



और गाने के लिए सूरजु क माई बोलीं थीं मुन्ना बहू से जो सबसे चटक खुल के गाने वाली हो, तगड़ी हो देह की, मस्ती करने में एकदम आगे


Teej-Gao-IMG-20230703-195648.jpg


अहिरौटी, भरौटी, कहारौटी, कउनो टोला बचना नहीं चाहिए, पहले से बता देना की रतजगा से ज्यादा मस्ती होगी लेकिन नौ बजे के पहले सब पहुँच जाएँ

तो बस अगर आज सूरजु अपनी बहनियों की रगड़ाई देखेंगे, और वैसे भी दूल्हे की बहन महतारी सब से ज्यादा गरियाई जाती हैं तो जो बात इमरतिया चाहती थी, की सूरजु कउनो लौंडिया को देखें औरत को देखे तो बस ये सोचे की स्साली चोदने में केतना मजा देगी और जब औरतों को लड़कियों को खुल के मस्ती करते देखंगे तो खुद उनकी झिझक चली जायेगी।

तो बस मोटा सूजा लेकर इमरतिया ने खिड़की में दस पांच छेद कर दिए थे,

दूल्हे की कोठरी में तो अंधियार रहेगा तो बाहर से कुछ पता नहीं चलेगा और अंदर से सूरजु अपनी माई बहिन की रगड़ाई खुल्ले आम देखेंगे।

तो बस खूंटा फड़फड़ायेगा, झिझक ख़तम होगी और इमरतिया सोचती थी की सूरजु को बारात जाने के पहले कम से कम आठ दस पे, आठ दस बार नहीं, आठ दस लड़कियों औरतों पे चढ़ा दे तो तरह तरह क बुर क मजा लेना सीख जायेंगे तो एक तो दुलहिनिया के साथ कउनो हिचक नहीं होगी, रगड़ के पेलेंगे, दूसरे एक बार बियाहे के पहले जो मरद को दस बारह बुर का स्वाद लग गया, वो बियाहे के बाद भी किसी एक के पेटीकोट के नाड़े से नहीं बंधा रहेगा, सांड की तरह सबका खेत चरेगा।

तो बस रात भर नाच गाना देखने का इंतजाम इमरतिया ने कर दिया।

इमरतिया का काम ख़तम हो गया था, ऊपर से कोहबर से मंजू भाभी और बुच्ची दोनों ने साथ साथ गोहार लगाई थी की खाना ठंडा हो रहा है तो इमरतिया ने इशारे से सुरुजू को अपनी ओर बुलाया, और धीरे से बोली,

" अभिन थोड़ी देर में बगल में गाना नाच शुरू होगा "




सुरुजू सिंह से जैसे इमरतिया ने बोला, की रतजगा का गौनही देखने का इंतजाम कर दिया है, बस आधे पौन घंटे में खेल शुरू होगा, बस चुप्पे मार के पड़े रहें, बत्ती बंद, और जो जो छेद बनाई थी भौजी बस, कागजवा हटा के, पूरा बरमदा दिखेगा।



भौजी तो वो जो बिना कहे देवर क मन क बात जान ले और पूरा कर दे, ओह मामले में तो इमरतिया भौजी असल भौजी थीं, अच्छा हुआ माई उन्ही के जिम्मे की, कैसे कैसे उनका मन कर रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं पड़ रही थी, वही झिझक, लाज, कहूं भौजी कुछ, लेकिन इमरतिया भौजी खुदे उनके खूंटा पे चढ़ के, वो सोच रहे थे कैसे सटायेंगे, कैसे धसाएंगे, कहीं फिसल के बाहर, फिर अंदाज से छेद क अंदाज कैसे लगेगा, आज तक मेहरारुन से तो दस हाथ दूर रहते थे, लेकिन खड़ा तो अपने आप हो गया, भौजी के हाथ का असर, और कैसे भौजी चढ़ के गप्प से ले लीं,

और जब वो घबड़ा रहे थे की झड़ न जाएँ तो कैसे खुल के बहिन महतारी कुल गरियाया, भौजी ने और हटने नहीं दिया, ओकरे कितने देर बाद तक, और जब पानी निकरा तो

ओह्ह अइसन मजा तो बड़ी बड़ी से कुश्ती जीते थे तो भी नहीं आया, और बोल के गयी हैं, कल फिर, और अबकी सुरुजू ऊपर रहेंगे, जैसे बुच्चीको पेलेंगे एकदम वैसे,



बुच्चियो खूब मस्त है, और कैसे भौजी ओके, सूरजु क मलाई खीर में मिलाई के खिलाई दी और वो भी सूरजु को देख के, दिखा के गटक कर गयी, एक एक बूँद जैसे अपने बिलियों में वैसे ही कुल मलाई घोंटेंगी, एक बूँद भी बाहर नहीं निकलने देगी,


और अब बस थोड़ी देर में गाँव में कउनो लौंडा,मरद ऐसा नहीं था जो छुप छुप के गाना ये औरतों का खेला नहीं देखना चाहता था, लेकिन कभी हो नहीं पाता था, अक्सर रतजगा बरात के जाने के बाद ही होता था, तीन दिन की बरात, दो रात घर, गाँव से दूर, तो घर के मरद लौंडे तो सब बरात में, एकाध बूढ़ पुरनिया कोई बचते तो उनकी खटिया वैसे ही घर के बाहर, और उन की भी जो भौजाइयां लगती, जा के नाक वाक् पकड़ के चूड़ी खनका के चेक कर लेतीं, और एक बार तो एक बुजुर्ग बाहर खटिया पड़ी, कंबल वंबल ओढ़े, लेकिन एक दो औरतों को शक हुआ की बुढऊ बहाना बना के मजे ले रहे हैं, और चार पांच जवनको को इशारा किया की ससुर के अपने, और वो सब उनकी बँसखटिया पकड़ के उठा के गाँव के बाहर घूर के पास रख आयीं,



लेकिन सूरजु को याद आया,


याद आया क्या हरदम याद आता था, एक बार उन्होंने कुछ कुछ देखा था खोइया का मजा, अपने ननिहाल में,

माई उनकी साल में चार पांच बार तो मायके का चक्कर लगा के आती थीं और साथ में सूरजु भी, न सगा मामा, न मौसी, और साथ में सूरजु भी। लेकिन गाँव में सगे तो सभी हो जाते है, चचेरे मामा लोगों की, पट्टीदारी में ही कमी नहीं थी, और वो सगे से बढ़कर और सूरजु का खूब लाड दुलार, आधा टाइम तो उन्ही मामा मामी के यहाँ,
बहोत ही जबरदस्त स्टार्ट लिया है. सूरज की कमी. इमरतिया समझ गई की सूरज मन की बात कभी बोलेगा नही. जहा दूसरे लोंडे लापडे पहले से ही सिख जाते है. भौजी अपनी बहनिया पर चढ़ जाते है.
4391254fcd17b4bd9519d4db68c7ce26
वहां सूरजवा सब से दूर और लंगोट कशा हुआ. लेकिन इमरतिया ने चुत का स्वाद चखाया तब जाकर एहसास हुआ की इस कुश्ती मे तो उस कुश्ती से भी ज्यादा माझा आता है. सूरजवा शरीर से बलवान जो खेली खाई औरतों का भी पानी निकाल दे. पर इमरतिया का काम तो सूरजवा को असली चुदकाड बना ने का है.
b0e3767fe03a3ee44f804d127a024822
जो बहन महतारी या भौजी मे फरक ना समझे. और चढ़ जाए ऊपर. गचक देकर अंदर. एकदम असली वाला चुदक्कड़. और वैसे भी यह काम उसकी महतारी ने उसे दिया है. वाह भी यही चाहती है. तो इमरतिया ने भी तो यही किया है.
4812b649c0a84f925033aca847c0eb7f
बिन बोले समझ गई. और कागज़ हटाकर प्रोग्राम दिखाने का बंदोबस्त कर दिया. जहा उसकी बहन महतारी की मुख चुदाई होंगी. भौजी को लोग ऐसे ही थोड़े ना देवी बोलते है. भौजी बिना तो सुना संसार.
8d559e3470950cd8646f92986928c272
जो गांव के लोंडे लापडे नही देख पाते वो सूरजवा को देखने का बंदोबस्त कर दिया. ठकुराइन ने सारा प्रोगाम फिट कर दिया. अब छत पर होगा नाच गाना गरियाना.
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
सूरजु की ननिहाल की शादी और रतजगा
Teej-Gao-IMG-20221123-135440.jpg


तो उनके एक चचेरे मामा की शादी थी।



सूरजु की उमर, बस यही समझिये, जो लड़कियों की चूँचियाँ उठान में होती है, घर वाले सोचते हैं अभी तो गुड्डे गुड़िया खेलने की उमर है और बाहर के लौंडे सीटी मार मार के उठती चूँची पे नजर गड़ाना, लाइन मारना शरू कर देते हैं की देखे कौन इस तालाब में पहले डुबकी मारता है.

तो बस वही, ....अभी उन्होंने लंगोटा नहीं बाँधा था, बस पांच छह महीने बाद अखाड़े में जाना शुरू किया, हाँ मुर्गे ने फड़फड़ाना शरू कर दिया था , एक दो दोस्तों ने हाथ के इस्तेमाल की तरकीब भी बताने की कोशिश की, पर बचपन के लजाधुर, बरात में वो नहीं गए, थोड़ी तबियत खराब थी, तो बस,

जाड़े का समय, मरद तो सारे बरात गए, गाँव में तो वैसे ही रात जल्दी होती है, लालटेन लैम्प का जमाना था, तो बस आंगन में औरतों का जमावड़ा और बगल के एक कमरे में एक कोने में रजाई ओढ़ा के सूरजु को रजाई ओढ़ा के उनकी माई ने लिटा दिया था, दरवाजा खोल के की आहट लगती रहे,



सूरजु थोड़ी देर तक तो औंघाते रहे, सो भी गए, लेकिन जब उनका नाम कान में पड़ा तो उनकी नींद खुल गयी, और रजाई में लेटे जरा सा आँख खोल के देखा उन्होंने,

गाँव में चाहे बुलाना हो या गरियाना हो, तो बहिन महतारी को भाई, बेटे के नाम से ही तो सुरुजू का नाम लिया जा रहा थी, उनकी एक रिश्ते की ममेरी बहन को गरियाने के लिए, गाँव की भौजाइयां पीछे पड़ी थीं, उनकी बड़ी मामी की बेटी, उन्ही की उम्र की रही होगी,या थोड़ी बहुत छोटी,हाँ दो ढाई साल छोटी ही थी, लेकिन कच्ची अमिया जबरदस्त आ गयी थीं, पिछवाड़ा भी गोल गोल होना शुरू हो गया था, खूनखच्चर भी पिछले साल होना शुरू हो गया था,
Girls-Y-201537018-157159713120431-7606454904916764407-n.jpg


एक तो लड़कियों पे जवानी जल्दी आती भी है और दूसरे गाँव में और जल्दी चूँचिया उठान हो जाता है और उससे भी बड़ी बात की रतजगे में, खोइए में, ननद की उमर नहीं देखी जाती, झांट आयी है की नहीं यह भी नहीं, ननद तो ननद, फ्राक तो उठायी ही जाएगी, नाड़ा तो खुलेगा ही।

और गाँव में मजाक भी एकदम खुले आम खास तौर से काम करने वालियां, जो रिश्ते में भाभी लगती हैं, वो तो एकदम।

एक कहारिन थीं, बड़ी मामी के यहाँ घर जैसी है, वो तो सूरजु के एकदम पीछे ही, और उस ममेरी बहन को जोड़ के,

" अरे भैया आये हो तो अबकी बबुनी का नेवान कर के जाओ, अरे कौन सगी बहिन तोहरे हैं नहीं, और नहीं तो हम कह रहे हैं जल्दी ही कउनो सुग्गा ठोर मार देगा, अइसन टिकोरा आया है जबरदस्त "
Teej-Gao-Mil.jpg


और ये कहकर सूरजु को दिखा के ही उनकी उस ममेरी बहन के टिकोरे मीस देती, और साथ देती थीं तो घर की नाउन वो दो साल पहले बियाह के आयी थी तो और गर्मायी और सूरजु के एकदम पीछे,

" हे भैया, तू ना नाडा खोलबा तो हमरे नाऊ टोला का कउनो लौंडा का बुलाये के, .....बेचारी कब तक बैगन मूली से काम चलाएगी। "

उनकी ममेरी बहन से ज्यादा सूरजु झेंप जाते, बचपन के लजाधुर।



दो चार भौजाइयां सूरजु की ममेरी बहन के पीछे पड़ी थीं, गा रही थीं, सुरुजू का नाम ले ले कर,




' झमकोईया मेरे लाल, अरे झमकोईया मेरे लाल, हमरे पिछवाड़े बड़का है ताल, अरे झमकोईया मेरे लाल

ओहमे सूरजु क बहिनी करें अस्नान,

फिर वो कहारिन भौजी भी उस सूरजु की ममेरी बहन के पीछे पड़ गयीं और नाम तो लेते नहीं और उसका कोई सगा भाई था नहीं, तो सूरजु का ही नाम लगा के

सूरजु की बहिनी के दो दो दुआर, सूरजु क बहिनी पक्की छिनार

अरे सुरज्जु क बहिनिया पक्की छिनार, एक जाए आगे एक जाए पीछे

एक जाए आगे, एक जाए पीछे, बचा नहीं कउनो नउवा, कहार, अरे सूरजु क बहिनी क दस दस भतार।




और उन्ही की पट्टी की कोई भौजाई कहारिन भौजी को उकसा के पूछती, "अरे तो हमरे देवरे क बहिन, पिछवाड़े भी,.... तो का गाँड़ भी मरावत हैं,?"

" और का,,,, तब तो चूतड़ अस चाकर हो रहा है " नउनिया क बहु हंस के सूरजु के बहिनी के गाल पे चिकोटी काट के जवाब देती और अगली गारी शरू कर देती,

लेकिन बरात जाने के बाद गाना तक तो बात नहीं रहती और जब ननद भौजाई का मामला हो, बस पीछे से दो अहिरौटी की तगड़ी नयी बयाह के आयी भौजाई, ग्वालिनों ने सूरजु की बहिनी का हाथ पकड़ लिया, और उनकी पकड़ तो छुड़ाने का सवाल ही नहीं,

लाख सूरजु की वो ममेरी बहिनिया कसमसाती रही, फिर आराम से उन्ही की पट्टीदारी की एक भौजाई ने आराम से उस बेचारी का फ्राक उठा दिया और बोली,

"अरे तनी बुलबुल को हवा धूप तो दिखाओ, कब तक पिजड़े में रखोगी "


Teej-Gao-ddd6fefa9a9253a4f23d41ab76bfbef5.jpg


वो बेचारी छटपटाती रही, लेकिन उसी के यहाँ काम करने वाली कहारिन क बहु, चार महीने पहले गौने उतरी थी, उस ने सूरजु क बहिनी का चड्ढी का नाड़ा पहले खोला, फिर खींच के पहले तो नाड़ा पूरा निकाल लिया और फिर चड्ढी सरका के घुटने के नीचे, और चिढ़ाते हुए बोली,

"अरे हम भौजी लोगन का रहते, ननद लोग काहें आपन हाथ लगाएंगी, लेकिन ये बतावा की ये बिलुक्का में अबतक केकर केकर गया है, सूरजु देवर क घोटलु की ना। घोंटने लायक तो हो गया है "
सूरजु टुकुर टुकुर देख रहे थे, नींद पूरी खुल गयी थी,

उनकी ममेरी बहन की खुली जाँघे और हलकी हलकी झांटें और एकदम चिपकी बुर,
Pussy-821-1000.jpg


नेकर में तूफ़ान मचने लगा, अंगड़ाई शुरू हो गयी।

वो अपनी जाँघे सटा भी नहीं सकती थी, हाथ तो दो भौजाई ने पकड़ा ही था और पैर भी दो ने, और वो कौन पहले रतजगे में थी, उसे मालूम था आज कोई ननद बचेगी नहीं, लेकिन तब भी उसने अपनी माँ, बड़ी मामी की ओर देखा लेकिन तक तब एक भौजाई ने उस की बुरिया को सहलाते हुए पूछ लिया,

"हे बुर रानी, तोहें रोज नया नया लम्बा लम्बा मोट मोट लंड मिले,… ये बतावा अब तक कितने भाई लोगन क लंड घोंटा है ? ”
Teej-gao-IMG-20230323-152523.jpg


बेचारी लड़की, अपनी माँ की ओर,सूरजु की मामी की ओर देख रही थी, की शायद भौजाइयों से बचाएं,


लेकिन बचाने के बजाय सूरजु की मामी ने आग में पेट्रोल डाल दिया, और बोलीं,

"अरे ये कोई पूछने की बात है, यह गाँव की तो रीत है, कुछ हवा पानी में है,…. कौन लड़की है यह गाँव की, जो बिना अपने भाई क लंड घोंटे, जवान हुयी हो, चाहे बुर हो चाहे चूँची जबतक भाई क हाथ न लगे, …"
Teej-MIL-02538c5fbc4c735997cce36bc6fabfcc-high.webp
वाह भाई वाह. कहानी को और पीछे ले गए. पर हर जगह रीत वही है. पुरातन कल से सदा रीत चली आई है. भौजी बरसो से अपनी छिनाल नंदियाओ को अपने देवर उनके भाइयो से चुदवाती चली आई है. उस वक्त सूरज बहोत छोटा था. और अपनी मामेरी बहन के साथ जब उस गांव की भोजाई पार्टी ने उसकी बहन के साथ नाम जोड़ा तो उसकी तुरंत नींद खुल गई. वही भोजाई ने जब उसकी बहन की फ्रॉक ऊपर उठाई तो उसकी मुनिया सूरजवा ने देख ली. तुरंत ही टन टना गया. अमेज़िंग. वही उसके बहन की महतारी ने भी रीत सुना दी. कोनसी बड़ी बात है. अमेज़िंग.

सबसे मस्त तो गरियाना था.

सूरज की बहनी पक्की छिनार... घोटे दस भतार... लव इट.

b2288363d3280cabd15c4820d8a7ab13 90c5d9ec819d5f4a88c3860f23e01f75 0465d6dc2ec848e82e425a91139e1d47 8a4def044e0535de534e0bfcbd75a725
 

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
सूरजु क माई

Teej-MIL-60d8eca0bf34a32a5829136d0d43add8.jpg


सूरजु की बड़ी मामी ने आग में पेट्रोल डाल दिया, और बोलीं,

"अरे ये कोई पूछने की बात है, यह गाँव की तो रीत है, कुछ हवा पानी में है,…. कौन लड़की है यह गाँव की, जो बिना अपने भाई क लंड घोंटे, जवान हुयी हो, चाहे बुर हो चाहे चूँची जबतक भाई क हाथ न लगे, …"

और बड़ी मामी के इशारे पर उनकी ननद थीं, सूरजु की माई,

और अब मंझली मामी ने मोर्चा सम्हाला, बोलीं

"अरे हम तो अपनी बात कह रहे हैं, हम इहे सूरजु के मामा से, तोहरे देवर से पूछे, की,.... इतना मस्त जोबन मसले कहाँ सीखा है तो लजाते बोले, तोहरी ननद के साथे "

उन्ही की पट्टी की एक दूसरी औरत भी मैदान में आ गयी,

"अरे एकदम सही है, बिन्नो क तो बियाहे के पहले से टनाटन था, तो क्या बिना मिसवाये ? .....लेकिन अब गाँव के मर्द,... कुल बाराती चला गए हैं इसलिए आज उदास हैं, इनके कउनो भाई बचे नहीं है रगड़ने मसलने के लिए, कुल तो बरात में "
Teej-Gao-d1445f44cffbed383500137a95109239.jpg


" अरे हम लोग हैं न भाई नहीं तो भौजाई सही, " ब

ड़ी मामी बोलीं, और कुछ इशारा किया, जैसे उन दोनों ग्वालिनों ने सूरजु की ममेरी बहन की कलाई पकड़ी थी, अब सूरजु क माई क हाथ पकड़ा और बड़ी और मंझली मामी ने मिल के ब्लाउज उतार के दूर फेंक दिया।

Nip-93.jpg


गाँव में कोई ब्रा तो पहनता नहीं तो सूरजु की माई भी नहीं,

लेकिन सूरजु जो कान पार के एक एक बात सुन रहे थे, रजाई में सर छुपाये उनकी आँख एकदम फ़ैल गयीं

जैसे अँधेरे में १००० वाट के दो बल्ब जल गए हों, खूब बड़े बड़े कड़े, गोरे गोरे, तने, टनटनाये, और ऊपर से सुरजू की माई के दोनों निपल साफ़ साफ़ दिख रहे थे

nip-mil-tumblr-4e4c0d2d391134be22a6153140a1fc77-450d0699-640.jpg


नेकर एकदम तन गया, पूरे ९० डिग्री पे,

और सूरजु की साँसे तेज चलने लगीं, पहली बार उन्होंने ऐसे देखा था, सुरजू की माई के जोबन दिखना तो बंद हो गए लेकिन उसके बाद जो हुआ,...बंद इसलिए होगये की सुरजू की माई की दो भौजाइयों ने सुरजू की दो मामियों ने ने बाँट लिया, बड़ी मामी ने बायां, मंझली ने दांयां, और फिर क्या रगड़ाई की, साथ में एक से एक गारी, कभी निपल पकड़ के खींच लेतीं, कभी कस के दबा देतीं और पूछतीं,

" सूरजु के मामा ऐसे ही दबाते थे ना "
nips-pull-20912748.gif


लेकिन सूरजु की माई भी कम थोड़ी थीं, खिलखिला के अपनी भौजाइयों को छेड़ती बोलीं,

" अरे भैया लोग बराते गएँ, यह लिए इतना छनछनात घूम रही हो, दो दिन लंड नहीं मिला, तो अइसन गर्मी लाग हो, चला कल बरात लौट आये तो हमें खुदे भैया से बोलब, .....अगवाड़ा पिछवाड़ा दुनो ओर से सफ़ेद नदी बही "
Teej-MIL-5f7bcb4ab7ecfac130de2ea7368f90f5.jpg



और अब छोटी मामी मैदान में आ गयीं, और अपनी ननद का, सूरजु की माई का पेटीकोट उठाते बोलीं,

" अरे असली गर्मी तो यहाँ लगी है और आप लोग ऊपर वाले मंजिल में उलझी हैं, पूरी भट्ठी सुलग रही है, ऊँगली डाल के देखिये "

और हथेली से कस कस के उनकी बिलिया सहलाने लगीं

" अरे कल इनके आती ही बोलूंगी, तोहार बहिनिया बहुत गरमान हैं, जा चढ़ जा नहीं तो कहीं गदहा घोडा ढूंढेंगी नहीं तो हम अपने मायके से चार पांच लौंडन क बुलाय के चढ़वाय दूँ, "

Teej-0814aab0a7c31af5fee8f7caa460af10.jpg


" अरे भौजी तोहरे मुंह में घी गुड़, अरे हमरे भैया क सालों की कमर में इतना दम होता तो आपन बहिन चुदवावे यहाँ हमरे गाँव भेजते, बुलाय ला, ये गाँव में लौंडे बाज भी बहुत हैं, स्सालों की गांड मार के गोदाम बना देंगें, उहो मान जाएंगे की बहिनिया को सही गाँव में भेजे चुदवाने"

हँसते हुए सूरजु क माई बोली और अब मंझली मामी ने मोर्चा थामा, बोलीं

" न तोहार भैया, न हमार भैया, अभी तो हम ही लोग तोहार पानी निकालेंगे, घबड़ा जिन ननद रानी "

और दोनों निचले होंठ फैला दिए।



सूरजु को साफ़ साफ़ दिख रहा था, की बड़ी मामी दोनों ऊँगली, उसकी माई को दिखा के जोर से चूस रही हैं और उसपर खूब थूक लगा रही हैं। सूरजु का जोर का टनटना रहा था, नेकर एकदम टाइट, मन कर रहा था की, समझ में नहीं आ रहा की क्या मन कर रहा है लेकिन ऐसी हालत पहले नहीं हुयी थी,



और गच्च से मामी ने सूरजु की माई की, अपनी ननद की बिलिया में दोनों ऊँगली एक साथ पेल दी। बड़ी ताकत थी उनकी कलाई में एकदम जड़ तक अंदर।



लेकिन उनके बड़े बड़े कड़े जोबन आजाद हो गए थे, दोनों मामियां अब नीचे के मोर्चे पे तैनात थीं, लेकिन गाँव में भौजाइयों की कमी, वो भी रतजगते में, सात टोले की कुल औरतें लडकियां



ग्वालिन भौजी ने पीछे से कस के सूरजु की माई को दोनों चूँची दबोच ली और बहुत दम था उनकी कलाई में



उईईई जोर से चीखी, वो और बोलीं , " अरे ग्वालिन भौजी तनी " …

लेकिन छोटी मामी कहाँ मौका चूकतीं, उन्होंने और आग लगाई

" अरे इनके घर क भैंस बहुत दुहे होगी आज गाय दुहने क मौका मिला है, बिना दूध निकाले छोड़ना मत, मैं बाल्टी लेकर आ रही हूँ,… "

दर्द भी हो रहा था, मजा भी आ रहा था और बिना जवाब दिए छोड़ने वाली ननद नहीं थीं वो, बोलीं छोटी मामी से

" अरे सूरजु क बाद ही यहाँ दूकान में ताला लग गया है, हाँ अब तोहरे बियाये का टाइम है, तो बुआ क नेग बदले दूध लेब "

लेकिन छोटी मामी, कुछ कनखियों से जिस कमरे में सूरजु लेटे थे उधर देख रही थी, सूरजु तो नहीं लेकिन उस कमरे में रखी एक लालटेन की रौशनी साफ़ साफ़ दिख रही थी,



सूरजु की माई ने झुक के छोटी मामी के कान में कुछ कहा और छोटी मामी मुस्करा के खड़ी हो
गयी,
वाह जी वाह. यहाँ तो ठकुराइन ही नांदिया बन गई. और सरजू की मामिया इसकी भाभी हुई तो वही मज़ाक तो बनता है. आखिर उसकी मामिया सूरजवा के महतारी की नांदिया जो लगी. तो कोनसी भौजी अपनी नांदिया छिनार को छोड़ेगी. मौका मिला और ठकुराइन का जोबन एकदम नंगा. वही सूरजवा बेचारा अपनी महतारी के जोबन को देख कर ही टन टना गया. माझा ही आआ गया. क्या मस्त छेड़ छाड़ हुई सूरज की मामिया और महतारी के बिच.

41e6f3b06478148873a34c5d6a015605 46fb96e119e22a042248d26a93aa4b4f 9e186f46c20fa1781c76645f3d72aee5
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
17,286
50,373
259
छोटी मामी
Teej-a78d22344a57eb91c3199434240052fa.jpg


और सूरजु ने झट से रजाई ओढ़ ली, छोटी मामी को अपनी ओर आते देख के वो घबड़ा गया,


छोटी मामी कुछ ज्यादा ही उसे छेड़ती थीं, घर क्या मोहल्ले टोले की सबसे नयी बहु,

साल भर मुश्किल से हुआ होगा, लेकिन गाने में, मजाक और छेड़खानी में अपना सिक्का उन्होंने जमा लिया और सूरजु के पीछे तो हाथ धो के,

जितना सूरजु लजाधुर,... उतना ही छोटी मामी उन के पीछे, छोटी सी चोली पहनती और जोबन छलकते रहते,

8989fee3d939772f69c6bd8399208e1a.jpg


बियाह के बाद नयी दुल्हिन तो दूल्हे की मलाई घोट के मरद की देह लग के रस की छलकती गागर हो जाती हैं।

छोटी मामी तो वैसे रस क पुतली, कम उम्र में शादी, गौना सब हो गया, उमरिया क बारी, जोबन का भारी, जोबन सम्हलाते नहीं सम्हलता था, और ऊपर से जिसके ऊपर उन्हें रगड़ने मसलने की जिम्मेदारी थी,... वो दस दिन में ही नौकरी पर चला गया,

और बाकी लौंडो की तरह सूरजु भी ललचाते थे, लेकिन झिझकते थे तो बस चोरी छिपी, कनखियों से,.... और फिर तो छोटी मामी पीछे पड़ गयीं

" हे तोहार मामा तो चले गए तो अब भानजे से ही काम चलाऊंगी, सीधे से नहीं मानोगी तो जबरदस्ती, वो का कहते हैं रेप। अरे खड़ा वड़ा तो होता होगा, पानी कभी निकला,…? “

59f36a4715ad705a1be2d574dd26a5ea.jpg


और सूरजु और लजा के,... और बाकी औरतें भी हंस के छोटी मामी का ही साथ देतीं,...


तो छोटी मामी को अपनी ओर आते देख के सूरजु ने कस के आँखे भींच ली,

उन्हें पक्का बिश्वास था उसकी चोरी छोटी मामी ने पकड़ ली और अभी उसे उठाकर कहीं और कर देंगी,
लेकिन वो पलंग के पीछे चली गयी, अलमारी में कुछ खटपट हुयी, और जैसे ही वो कुछ समझ पाते पीछे से छोटी मामी रजाई में धंस गयीं, और उसके चेहरे को सहलाती बोलीं,

" देखूं मुन्ना सो रहा है की चुपके से मजा ले रहा है "

उन्होंने कस के आँख भींच ली, और छोटी मामी बोलीं " आँख, चेहरा तो सो रहा है "

फिर उनकी उँगलियाँ सूरजु के सीने पे, हाथ पे और फिर बोलीं, “ये भी सो रहा है,”

और फिर पेट पे, नाभि पे हलकी सी ऊँगली सहलाती बोलीं,...



"ये भी सो रहा है, " और अचानक सूरजु के नेकर में हाथ डाल के 'उसे ' पकड़ लिया, वो तो पहले से ही फनफनाया, तना एकदम कड़ा खड़ा था

" ये तो पक्का जग रहा है, बदमाश "

Teej-aeaf6455feb0b44c7913421bc4563cda.jpg


वो बोलीं और फिर पहले तो सिर्फ दो उँगलियों की टिप से उसे सहलाया, उसका कड़ापन महसूस किया, केंचुआ है की कड़ियल नाग,

और फिर हलके से सहलाते हुए पकड़ लिया, और कस के जकड़ते हुए धीरे धीरे मुठियाते चिढ़ाया,

" ये तो एकदम जगा है, ...बहुत ही बदमाश है "

और एक झटके से सुपाड़े का चमड़ा खोल दिया और उसे अंगूठे से दबा के उस मांसल लाल मोठे सुपाड़े को सहला के बोलीं,

" हे इसे खोल के रखा करो, और दोनों टाइम तेल मालिश, नहीं तो चलो मैं ही इसकी मालिश कर दूंगीं। अरे हथियार को चमका के रखा करो, कब मौका लग जाए इस्तेमाल करने का, ...."
holding-cock-IMG-9850.jpg


हलके हलके वो मुठिया रही थीं, और सोच रही थीं, इस उम्र में इतना मोटा है, पूरा तन्नाया, कड़ाई और लम्बाई में तो अपने मामा से भी २० होगा। फिर सूरजु को चिढ़ाया, धीरे से कान में बोली,

" अपनी बहनिया की बिलिया देख के ये हालत हो रही है ? अरे लिए तो होगी उसकी ? नहीं लिए तो तुम से बुद्धू कोई नहीं, ....बहन चोदने के लिए होती हैं छोड़ने के लिए नहीं, ...माल एकदम तैयार है। या फिर हमारी ननद को, ....माई का देख के फड़फड़ा रहा है "
Teej-cleav13a480be4526f03483c78d1690623cb.jpg

लेकिन उनकी फुसफुसाती आवाज को ब्रेक लग गया जब गाने में से किसी ने उन्हें आवाज दी और वो चल दी।

हाँ चलते हुए सूरजु के पास रखी लालटेन भी उन्होंने उठाली, उनके दूसरे हाथ में अलमारी से निकाली सरसों के तेल की नयी बोतल थी। और सूरजु की नेकर भी सरका के उन्होंने घुटने तक कर दी थी।

laalten-22451702035.jpg


लेकिन लालटेन जाने का एक फायदा हुआ,

सूरजु जहाँ लेटे थे वो जगह अब एकदम अँधेरे में डूब गयी, और किसी भी हालत में जहाँ रतजगा हो रहा था वहां से सूरजु को कोई नहीं देख सकता था।

चाहे सूरजु रजाई उठा के हाल खुलासा देखें।



लालटेन छोटी मामी ने जहाँ गाना हो रहा था, वहां रख दिया और अब सूरजु को एकदम साफ़ दिख रहा था, लेकिन उन्हें कोई नहीं देख सकता था।

और असली खेल तो अब शुरू हुआ,

छोटी मामी ने सूरजु की माई के सामने बैठ के पहले तो लालटेन रखी, फिर उन्हें दिखाते हुए, सरसों के तेल की बोतल, और अपने दाएं हाथ की चूड़ियां एक एक करके उतारनी शुरू कर दीं,


bangles-Bridal-bangles.jpg

सूरजु आँख गड़ा के देख रहे थे, लेकिन उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था,

लेकिन सूरजु की माई झट्ट से समझ गयीं और अबकी घबड़ाहट उनके चेहरे पे थी, और छोटी मामी से बोलीं,

" अरे छुटकी भौजी, ....ये नहीं "

समझ तो बाकी सूरजु की माई की भौजाइयां भी गयीं,

और खिलखिलाते हुए उनकी एक बड़ी उमर की भरौटी की भौजी ने कस के हाथ पकड़ लिया

और घर में काम करने वाली कहारिन ने दोनों हाथों से सूरजु की माई की कमर जबरदस्त दबोच ली, अब हिलने को कौन कहे, वो सूत भर सरक भी नहीं सकती थीं, और छोटी मामी ने चिढ़ाया,

" अरे ननद रानी, जिस बुरिया से इतना जानदार तगड़ा लौंडा निकाल दी हो, उसका एक दो ऊँगली से का होगा, ऊंट के मुंह में जीरा।। फिर सूरजु के मामा, हमरे मरद बचपन में बहुत सेवा किये होंगे, हमरे जेठ देवर, तो भाई के साथ मौज मस्ती और भौजाई की बारी आने पे छिनरपन?"
Teej-9698c1d885773ccb17089dca57b185ed.jpg


" सही तो कह रही है, नयको, ( छोटी मामी सबसे नई थीं घर में तो उनकी सास, जेठानियाँ उन्हें नयको ही कहती थीं ) बड़ी मामी बोली और सूरजु की माई को छेड़ा,

"और सूरजु क मामा तो हमसे खुदे क़बूले हैं की खाली थूक लगाए के तोहार मारते थे, ये तो भौजी लोग तोहार शरीफ हैं की की कडुआ तेल लगाय के, "

और मंझली मामी ने सूरजु की माई के बिल में से दो उंगलिया निकाल के दोनों निचले होंठ फैला दिए,


छोटी मामी ने लालटेन की ओर इशारा किया तो एक गाँव की औरत ने लालटेन सीधे वहीँ सामने
वाह जी वाह. मतलब जो मेहरबानी इमरतिया भौजी कर रही है. वैसा कुछ छुटकी मामी भी कर चुकी है. क्या इरोटिक सीन क्रिएट किया है. छुटका सूजवा आंखे मुंदे सोने की एक्टिंग करता रहा. और छुटकी मामी ने सोते हुए सूरजवा का टुन टूना सहेला दिया. बल्की थोड़ा मथ भी दिया. वही लालटेन भी ले गई. ताकि उसकी महतारी का सीन दिखा सके. वही ठकुराइन को जकड़ के उसकी राज दुलारी मे ऊँगली घुसा दी.

बहोत जबरदस्त इरोटिक सीन लिखा है कोमलजी.

02923a36d9f27e224b026f3f7dd431f4 be003854eadead04ef11e83b4eb907bb 0d5652da520d2bda77a9d6fbe246ea23
 
Top