Nick107
Ishq kr..❤
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Aakhir bhaujai ne khandan ke liye ang dan kr hi diya..देवर की देवरानी
जहाँ वह लड़कियों के नाम से घबड़ाता, गाँव की औरतों की परछाई देख के दूर हो जाता, आज वहीँ एकदम खुले में , ट्यूबवेल के नीचे, अमराई में , अखाड़े में./
करीब पौने तीन घंटे मैं रही और तीन बार,... कुछ भीगी, कुछ सूखी साडी मैंने देह में लपेट ली , चोली भी जस तस बाँध ली , लेकिन चलने के पहले मैंने उसे एक बार हड़काया,... और चूमा भी,...
" सांझ को फिर आउंगी देवर जी, समझ लो, इन्तजार करना,... और एक बार फिर से,... "
मैं बोल ही रही थी की उसने बोलने की कोशिश की, बस कस के चूम के मैंने उसका मुंह बंद कर दिया और हड़का भी लिया, गरिया भी दिया,...
" तो कहाँ जाओगे, तोहरी महतारी कउनो बयाना दी हैं, उनके भोंसड़ा चोदने का मन कर रहा है, अरे मुझे मालूम है गाँव का रिवाज, एक पहर रात होने से पहले तो तुम गाँव में कदम भी नहीं रख सकते,... मज़ा आया न , तो शाम को फिर से,... "
असल में मुझे यह डर था की यह ब्रम्हचारी कहीं फिर से अपनी उस ब्रम्हचारी वाली खोल में न घुस जाए, इसलिए उसे चूत का चस्का ठीक से लग जाने के लिए दुबारा, तिबारा, चार पांच दिन में तो ये खुद चूत ढूंढता फिरेगा, और पूरे गाँव में नयकी भौजी ने जो बीड़ा उठाया था , उसे पूरा कर दिया ये भी मशहूर हो जायेगा,...
एकदम उसी तरह जिस तरह जेठानियाँ अपनी नयी देवरानी के मन से डर, हिचक दूर करने के लिए, पहली रात को अपने देवर को समझा बुझा के भेजती हैं,
" दुलहिन चाहे जितना नखड़ा करे, बहाना बनाये, ... मैंने चेक कर लिया है उसकी पांच दिन वाली छुट्टी अभी पांच दिन पहले ख़तम हुयी है,... टाँगे सिकोड़े, जाँघे भींचे , लहंगे के नाड़े पर हाथ न रखने दे,...छोड़ना मत उसको,... फटेगी तो उसकी आज ही रात,... और कोई मुर्रवत नहीं, चीखने देना, खूब खून खच्चर होगा तो होगा , दूसरे कम से कम तीन बार,... और हर बार मलाई पूरी की पूरी अंदर,... "
और अगले दिन, फिर दिन में कुछ न कुछ बहाना बना के अपनी देवरानी को देवर के पास छोड़ आतीं हैं , जिससे एक दो बार दिन दहाड़े भी , बस दो चार दिन में नई दुल्हिन के खुद खुजली मचने लगती है , खुद ही लंड का इन्तजार करती है... और यही हालत इस की भी होने वाली है , दो चार दिन, दोनों जून ,... उसके बाद तो ये खुद,...
और एक बात मैंने उससे कही चलने के पहले, पहले तो उसे बिस्वास नहीं हुआ , फिर खुस हुआ फिर लजा गया,...
लेकिन उसके पहले उससे अपना रिश्ता समझा देती हूँ,...
मेरे ससुर के दो बेटे, एक तो जेठ जी, जो अक्सर बाहर रहते हैं,... ससुर जी का बंबई में काफी कारोबार था वो देखते हैं,...
और छोटे ये मेरे साजन, उसी तरह मेरे अजिया ससुर के भी दो बेटे बड़े मेरे ससुर जी और छोटे मेरे चचिया ससुर, जो अब नहीं है , मिलेट्री में बड़े अफसर थे,... लड़ाई में,... ये मेरा देवर उन्ही का एकलौता लड़का, ...
मेरे अजिया ससुर बड़े जमींदार थे , पन्दरह बीस गाँव की जमींदारी, और अपने रहते ही उन्होंने सब कुछ दोनों बेटों में , मेरे ससुर और मेरे चचिया ससुर में बाँट दिया था, पचासो बीघे तो गन्ने के खेत, बाग़ ,
और भी बहुत,... लेकिन रिश्ता अभी भी एकदम घर का, गलती से भी कभी मैं या कोई भी चचिया नहीं बोलती थी,... और एक बात, मेरी जेठानी के कुछ बच्चेदानी में प्रॉब्लम थी इसलिए उनके लिए बच्चा होना मुश्किल था,... और मेरे इस देवर ने ब्रम्हचारी होने का फैसला कर लिया था और जिद्दी बचपन का,...
तो एक दिन मेरे देवर की माँ, मेरी चचिया सास, मेरी सास के पास, मैं भी थी वहां,... इतनी उदास मेरी सास से बोलने लगी, अब हमार बंस नहीं चलेगा, बात मेरी सास और हम दोनों समझते थे, उनका एकलौता लड़का , मेरा देवर और उसने तय कर लिया था शादी नहीं करेगा, इतनी जमीन जायदाद,... बस आंसू नहीं गिर रहे थे ,
मुझे भी बहुत खराब लग रहा था, लेकिन बात और माहौल बदलने में मेरी सास का कोई मुकाबला नहीं था,... एक बार उन्होंने मुस्करा के मेरी ओर देखा , फिर मेरी चचिया सास को,... और उनकी ठुड्डी पकड़ के बोलीं,...
" तोहें कौन लाया था देवर के लिए,... "
इस उम्र में भी मेरी चचिया सास लजा गयीं, आँखे झुक गयीं , उदास चेहरे पर वो बात याद कर के मुस्कान आ गयी और वो बोलीं,...
" और कौन , आप लायी थीं , उस जमाने में लड़की देखने का कौन रेवाज थोड़े ही था,... "
मेरी ओर इशारा कर के , मेरी सास उनसे बोलीं,
" बस, तो ये हमार तोहार चिंता क बात थोड़े है , हैं न जेठानी,... ये लाएंगी अपने लिए देवरानी काहें को परेशान हो रही हैं, इसका काम है , ये जाने,... "
बस मेरे लिए इशारा काफी था, मैं उनसे हँसते हुए बोली,...
"एकदम, घबड़ाइये मत मेरी जिम्मेदारी है आप काहे को परेशान हो रही हैं, देवरानी मेरी मैं लाऊंगी न,... और सिर्फ लाऊंगी नहीं , जिस दिन देवरानी आएगी न उसके ठीक नौ महीने बाद सोहर होगा , ... अभी से तैयारी कर लीजिये, देवरानी उतारने के लिए चुनरी लूंगी और पोता होने क पियरी , और उसकी दोनों दादी लोगन क सोहर के साथे जम के गारी सुनाऊँगी। "
वो इतनी खुश,... उनसे बोला नहीं जा रहा था, मुश्किल से बोलीं,...
" अरे बहू तोहरे मुंह में घी गुड़,... देवरानी लाने क जिम्मेदारी तो सच में तोहरे हैं "
तो बस, मैंने देवर से वही कहा था, ...
" जब तक देवरानी नहीं आती, ... "
मेरी बात पूरी होने के पहले ही उसके मुंह से कौन निकल गया,
और मैंने जोर से हड़का लिया,
" देवरानी मेरी है की तुम्हारी, ... तुमसे मतलब कौन होगी मेरी देवरानी, तेरी आँख में पट्टी बाँध के ले जाउंगी, बियाह के अपनी देवरानी ले आउंगी, ... हाँ उसके बाद तोहरे हवाले ,... फिर कर लेना अपने मन की,... लेकिन ले मैं ही आउंगी और जल्द ही , समझ लो "....
और उसके बाद मैं मंजू भाभी की ओर मुड़ चली , वहां भी एक किशोर देवर, एक कच्चा केला इन्तजार कर रहा था।
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Itni ragad ke choda he... hmari pd kr ye halat he.. jisne jhela...
Us pr kya gujri hogi..


