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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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Chhutki bhi na. Akhir rahi to komaliya ka hi chhota sa roop. Puri kahani vo na jane use chen kaha. Maza aa gaya. Full eroticसाड़ी के फ़ायदे और दर्जिन भौजी
मुझे लगा की छोटी स्कर्ट से झांकती जाँघों को लेकर,... सच में रास्ते में दर्जनों लौंडे, सब की निगाह वहीँ,... वो तो माँ थी, वरना एक से एक कमेंट सुनने को मिलते, ... मैंने टोका,
" मैं तो कह रही थी आप से शलवार कुरता पहन लेती हूँ,... लेकिन,... "
मेरी बात काटते हुए खिलखिलाते हुए वो बोलीं,
"अरे पगली, कभी तू बाहर गयी, बाजार, शहर , ननिहाल,... वो सब वहां के लिए सूट वूट,... अरे समझ जायेगी धीरे धीरे, गाँव में साड़ी पहनने के बहुत फायदे हैं , जितना चाहो आसानी से ऊपर उठा सकती हो,... और शलवार,... रास्ते में देख रही थी, जगह जगह कीचड़, पानी,... ये तू तूने स्कर्ट पहन रखी थी इसलिए कोई दिक्क्त नहीं हुयी,... तो मैं कपड़ा ले आयी हूँ,... तोहरे दर्जिन भौजी से तोहरे लिए बिलाउज सिलवा लूंगी, एक दो। साड़ी तो तू मेरी भी पहन सकती है , फिर कभी शहर चलेंगे या भैया के साथ जा के दो तीन ले आना। "
( साडी का असली फायदा मुझे आठ दस दिन बाद पता चला, जब भरी दुपहरिया, बीच बाग़ में , एक बड़े पुराने महुआ के पेड़ के नीचे, बस एक मोटी डाल के सहारे मुझे भैया ने निहुरा के, साड़ी मेरी कमर तक उठा के पेटीकोट के साथ कमर में फंसा के , हचक के चोद दिया,...
उसके बाद तो कभी गन्ने के खेत में , कभी बँसवाड़ी में,
बस उठाया सटाया और पेल दिया,... तब मुझे माँ की बात का असल मतलब समझ में आया, साड़ी का असली फायदा )
दर्जिन भौजी से जब माँ ने बताया तो माँ की सारी प्लानिंग उन्होंने एक झटके में फेल कर दी,... कपड़ा जो माँ लायी थीं, ...
बोलीं "
ये तो तोहरे नाप का है, हमरी ननद का काम तो बित्ते भर के कपडे से चल जाएगा, अभिन छोट छोट टिकोरा तो हैं, ... और ये सब कपडा बेकार हो जाएगा , काटने के बाद ,... एहसे मैं आपका बना दूंगी, एकदम नई कट का,.. और इसकी चिंता छोड़ दीजिये मेरे ऊपर,... भौजी हूँ , पहला बिलाउज अपने हिसाब से बनाउंगी,.. "
और उन्होंने एक कपडा निकाला,... और देखते ही में उछल पड़ी,...
" अरे नाहीं भौजी, ये तो एकदम झलकौवा है इससे तो सब कुछ दिखाई देगा, पहनना न पहनना सब बराबर,... "
प्याजी रंग का कपडा था मैंने हाथ में रख कर देखा। हाथ की एक एक लाइन तक साफ़ साफ़ दिख रही थी।
मैंने माँ की ओर देखा तो उन्होंने बीच बचाव करने से इंकार कर दिया सिर्फ बोलीं, ननद भौजाई के बीच में मैं नहीं पड़ती,...
" अरे घबड़ा जिन नीचे अस्तर लगा दूंगी,... लेकिन केतना लगाउंगी, कौन कट, ये सब फैसला बाद में, पहले तेरा नाप ले लूँ,... "
और जब तक मैं समझूं भौजी ने टॉप ऊपर उठा के अलग, और बोलीं, ...
" अरे जोबन तो खूब गदरा रहें, अरे दबवाना मिजवाना शुरू कर दो,... २८ से ३० होते देरी नहीं लगेगी। "
दर्जिन भौजी की ये खास बात थी की नाप आँख से देख के ले लेती थीं किसी की बायीं चूँची बड़ी है , दायीं वाली छोटी, उसका भी उन्हें अंदाज था।
पर मेरा नाप वो पहली बार ले रही थी और फिर रिश्ते की ननद तो , दबाने मसलने का मज़ा कौन भौजाई छोड़ती है, ... निपल खींच के दोनों, उसके बीच की भी दूरी नापी,..
दोनों निपल के ऊपर से भी टेप लगाया, और फिर उभारो के बेस पर भी और फिर दर्जन भर और,... तब मेरा टॉप वापस मिला।
लेकिन उसके पहले भौजी की तेज निगाह से भैया के दांत के निशान दो चार जगह लगे थे जुबना पे , वो न बचे,... वहां सहलाते बोली,
"अच्छी बात है टिकोरे पे कउनो तोता चोंच मार दिया है , लेकिन यह उमर में यही तो अमिया क सोभा है "
कब तक मिलेगा , मैंने पूछ लिया और वो बोलीं , बस घंटे भर में, सब काम छोड़ के ननद का काम,..
माँ ने मुझसे कहा ठीक है जब हम लोग चाची के यहाँ से लौटेंगे तो ले लेंगे।
चाची के यहाँ एक घंटे के लिए हम लोग गए थे, पूरे सवा दो घंटे रुके,... चलते हुए जब हम दर्जिन भौजी के यहाँ पहुंचे तो गाँव के प्रधान वही मिल गए,... बाहर ही. माँ उनसे बतियाने लगीं और मुझसे बोलीं की तू जा के झट से अंदर से ले आ, लगता है बारिश जल्दी आयेगी।
" हे ननद रानी, पहले अपना ये टॉप उतारो, ... "
मैं झिझकी तो उन्होंने खुद और ब्लाउज पकड़ा दिया,...
" भौजी बहुत टाइट हो रहा है, "
सामने शीशे में देखते मैं बोली।
" अरे ननद रानी, चोली टाइट नहीं होगी तो लौंडों का पैंट कैसे टाइट होगा, मेरी ननदिया के बाला जोबनवा को देख के "
ऊपर से चिकोटी काट के बोलीं, और जोड़ा, देख अस्तर भी लगा दिया है,...
बात सही थी , अस्तर था, मोटा भी था लेकिन दो इंच का भी नहीं होगा सिर्फ एक चौड़ी सी पट्टी,... सबसे नीचे जो उभारों को और उभार के सामने लाती, वी टाइप गला, लेकिन एकदम नीचे तक, पूरा की पूरी गहराई दिखती थी. टाइट नीचे से ज्यादा था,...
और एकदम ऊपर थोड़ा सा ढीला, जिससे अंदर का एक तो सब कुछ दिख जाए, और कोई हाथ डालना चाहे तो कोई रोक टोक नहीं, हाँ अस्तर के कारन ब्रा की जरूरत एकदम नहीं थीं, निपल के पास एकदम टाइट था, जिससे चूजे की चोंच साफ साफ़ दिख रही थी, कड़ाव, उभार, सब कुछ. सिर्फ दो बटन वो भी चुटपुटिया, ...
स्लीवलेस,... सिर्फ एक रस्सी सी पतली पट्टी गोटे की, दोनों कन्धों पर और पीछे भी वैसे ही, एलस्टिक वाली, चाहो तो बिना बटन खोले उतार दो, सरका दो,
दूसरा वाला भी, वैसा ही लेकिन गोल गला और बहुत डीप लो कट.
लेकिन छुटकी असली मुद्दे पर आना चाहती थी, बोली,
" दी, रात का हाल बता न , माँ और भैया के साथ। "
और गीता सीधे मुद्दे पे आ आगयी लेकिन उसने रात में खाना बनाते समय, रसोई में वो और माँ थी उस समय का भी हाल बताया की माँ और उस में कैसे सहेलियों से भी बढ़ के पक्की दोस्ती हो गयी,...
उसने अपनी गुलाबो के बारे में कुछ बोला तो माँ ने हड़काया, और बेलन दिखाते मजे ले ले कर बोलीं,...
" स्साली भाईचोद, चूत में भाई का लंड घोंटने में शरम नहीं, माँ के सामने और,... आज से मेरे सामने, इस घर में और बाहर भी कभी तेरे मुंह से चूत, बुर, लंड.गाँड़ और चुदाई के अलावा कुछ इधर उधर का सुना न तो ये बेलन देख रही है,... तेरे भैया के लंड से भी बड़ा है , तेरी गाँड़ में घुसा के फाड़ दूंगी। "
और गीता भी खिलखिलाते बोली, ...
" अरे माँ मेरे भाई को समझती क्या हो, अभी तो बहनचोद ही बना है, जल्द ही मादरचोद बन जाएगा, वो भी बहन के सामने , बोल चुदवायेगी, बेटा चोद "
माँ भी हँसते बोली
,' स्साली रंडी की, पक्की छिनार है। अरे जिसके बाप से चुदवा के उसे पैदा किया, उसके लौंड़े से डरूंगी, उसके बाप से नहीं डरी तो,... बोल देना बहनचोद को,... "
जल्द खाना बना के तीनों खा के,.... माँ ने कहा था,... आज हम तीनो जैसे जब तुम दोनों छोटे थे, मेरे साथ सोते थे , उसी तरह, मेरे कमरे में वहां बिस्तर भी बड़ा है,...