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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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भाग ९६

ननद की सास, और सास का प्लान

Page 1005,


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भाग ४३

इन्सेस्ट कथा- माँ के किस्से, मायके के








" तो तीन बार ट्रिपलिंग हुयी आपकी, ", गीता ने मुस्कराते हुए पूछा,...


और माँ ने खीझ के उसके गाल मींड़ते हुए बोला,

" जब तीन तीन चढ़ेंगे न एक साथ तेरे ऊपर तो पता चलेगा, अभी तो मेरा बेटा अकेले तेरी गाँड़ फाड़ देता है। और एक बार नहीं तीन बार, और मेरी कमीनी मौसेरी बहनें हर बार , मेरे बिल साफ़ कर देती ही जिससे उनके मर्दों का सूखी, बुर, गाँड़ में दरेरता रगड़ता घुसे। ढाई तीन घण्टे तक लगातार मूसल चले तीन तीन। "

" अरे उसके बाद तो आपकी छुट्टी हो गयी होगी न फिर काहें कह रही हैं की ससुराल से ज्यादा मायके में रगड़ाई हुयी होली में,... "

गीता फिर से बोली।

"अरे मेरी तीन तीन मौसियां है , मझली वाले के तीन दामाद , जिन्होंने ये रगड़ाई की , उसके बड़ी मौसी के भी दो और छोटी मौसी के भी दो ,... मैं चचेरी मौसेरी ममेरी सब बहनों में सबसे छोटी हूँ, तो सबकी छोटी साली और सबको मैंने यही बोल के टाला था , शादी के बाद,... तो फिर उन तीनों जीजा के जाने के बाद , खाने के बाद, बड़ी मौसी वाले दोनों जीजू और शाम को थोड़ा लेट, छोटी मौसी वाली मेरी दोनों बहने और उनके मर्द,... उन लोगो ने भी साथ साथ ही नंबर लगाया , इसलिए मुंह तो बचता था लेकिन बुर और गाँड़ दोनों का तो कबाड़ा हो गया और आज तक मैंने ऐसा मरद नहीं देखा है जो गाँड़ मारने के बाद लंड सीधे गाँड़ से निकाल के मुंह में न डालता हो , ... सीधे से नहीं तो जबरदस्ती,... फिर भाभियाँ कौन किस मरद से कम और दो सहेलियों की शादी हो गयी थी उनके भी मरद ससुराल आये थे,... "

माँ ने गीता से हाल बयान किया



माँ बेटी एक दूसरे की नज़रों की जुबान समझती थी. माँ समझ गयी इस तरह जल्दी जल्दी बता देने में बेटी को रस नहीं मिला, वो माँ के होली के किस्से खुल के विस्तार से सुनना चाहती थी,... माँ ने खींच के उसे गले से लगा लिया, चल अपनी छिनार मौसियों और भँड़वे मौसा लोगों का किस्सा सुनने का बड़ा मन कर रहा है न तो चल बताती हूँ,...

तीन साढ़े तीन घण्टे तक जो उनके तीनो जीजा ने तीनों छेदों की रगड़ाई की थी उससे उनकी रग रग दुःख रही थी, तीन बार बुर चोदी गयी, तीन बार गाँड़ मारी गयी, और तीन बार मलाई मुंह के रस्ते पेट में गई,... पहले तो वो सोचती थीं की आखिर जीजू में कितनी ताकत एक बार झड़ने के बाद कुछ टाइम तो लगेगा टाइट होने में लेकिन उनकी छिनार बहने, ... लगता है असली शिलाजीत खिला के लायी थीं , प्लानिंग छिनारों ने पूरी की थी,...

और माँ ने अपने मायके में गितवा के मौसा लोग कैसे चढ़े सविस्तार बताना शुरू किया, ... कुछ इसलिए की जवानी की चौखट पे खड़ी लड़की है कुछ सीखेगी ही,


"पहली बार गाँड़ मारने के बाद बड़े जीजा तो सीधे गांड से निकला लिथड़ा चुपड़ा लंड लेके जबतक वो सम्हले उनके मुंह में ठेल दिया और कस के गाल दबा के , नाक दबोच के ,... फिर कोई रास्ता बचता क्या उस गाँड़ से निकले लंड को चूसने चाटने के अलावा,...



और एक बहन, सबसे छोटी रीनू, उनकी समौरिया बस जैसे कोई बोरे का टुकड़ा हो, ... एकदम सैंड पेपर की तरह सीधे पहले उसकी गाँड़ में दो तीन ऊँगली डाल के घुसेड़ दिया बत्ती बना के लम्बी सी और ऐसी ही एक बत्ती बुरिया में और उसे चिढ़ा भी रही थी,...

"खूब गटकी हो मलाई न जीजू लोगों की , अरे साफ़ इसलिए कर दे रही हूँ की तुझे याद रहे की मझले जीजा की मलाई बुरिया में कैसे लगती थी और मेरे मर्द की गाँड़ में , वरना पुराना स्वाद ही रह जाएगा न ,... अरे थैंक यू तो बोल दे मेरी छिनार बहना,..."

और रीनू के मर्द को सबसे बड़ी वाली बहन ने कैच कर लिया ,

बुर का मजा ले लिए न अब गाँड़ में अपनी ताकत दिखाना भंडुए ,... लेकिन पहले जरा तेरा चूस चास के

और मंझली ने दूसरे जीजा को , ... बस पांच मिनट में जबतक बुर गाँड़ की मलाई पोंछ के रीनू ने सुखा दिया , तब तक बाकी दोनों बहनो ने चूस चूस के मेरे दोनों जीजा को टनाटन कर दिया ,



पहली बार मैं छोटे वाले के खूंटे पे चढ़ी थी तो अगली बार मंझले के खूंटे पे और गाँड़ मारी रीनू के मर्द ने,...



हाँ अगली बार दस मिनट का इंटरवल मिला लेकिन तेरी स्साली छिनार मौसिया,...

सब एक एक चीज प्लान कर के आयी थीं, गाँड़ और बुर दोनों की हालत तो खराब थी ही लेकिन सबसे ज्यादा मुंह की , घंटे भर से चियारे चियारे, अरे ऐसा नहीं था की पहले मैंने लंड नहीं चूसा था, ... लेकिन पांच मिनट , दस मिनट बाद उसके बाद मरद मेन कार्यक्रम पे आ जाता था और तोहरे बाऊ, जब पांच दिन वाली छुट्टी में , लेकिन बीच बीच में निकाल के उनका तो मुट्ठ भी मार लेती थी और हलक तक ढकेलना जरूरी नहीं था, ...

गाल थक गया तो जीभ से चाट चूट के , थोड़ा आराम मिल जाए तो फिर अंदर, लेकिन यहां तो जीजू सब सर पकड़ के ऐसे जबरन हलक तक पेले थे पूरे आधे घंटे,... और अगवाड़े पिछवाड़े तो आराम मिल भी गया था जब रीनू स्साली मेरी कमीनी बहना मेरी बुर गाँड़ सुखाती, लेकिन मुंह में तो,.... जो जीजू गाँड़ मार रहे होते वो झड़ना शुरू होते ही मुंह में ठेल देते,...


माँ एक पल के लिए रुकीं फिर उन्होंने अपनी शादी के बाद की मायके की होली का किस्सा जारी रखा,...

तो दूसरे राउंड के बाद मैंने अपने मुंह की ओर इशारा करके दिखाया ,





मैं कहना चाहती थी की मेरा मुंह दर्द कर रहा है तो बड़ी वाली तेरी मौसी बोली
" अरे पियास लगी है ,अभी बड़े और मंझले जीजू की मलाई पी पी के साली जी की प्यास नहीं बुझी "

मेरी तो बोली नहीं निकल रही थी, उधर रीनू तेरी सबसे छोटी मौसी पहले से तैयार खड़ी थी जैसे, बस उसने एक हाथ लम्बा गिलास, ठंडाई सीधे अपने ही हाथ से मेरे मुंह में लगा दिया। जब मैं आधा गटक गयी, थोड़ी जान में जान आयी तब समझ में आया डबल नहीं ट्रिपल भांग पड़ी थी,... लेकिन तबतक मंझली भी रीनू के साथ और दोनों ने जबरन पूरी की पूरी, ... तीन भांग की बड़ी बड़ी गोलियां मेरे पेट के अंदर,... जो दस पंद्रह मिनट के अंदर अपना असर दिखा देती

और तेरी बड़ी मौसी ने मुझे धक्का देके जमीन पे गिरा दिया बोलीं , निहुरे निहुरे बेचारी की पीठ भी थक गयी होगी चल मेरी प्यारी बहना थोड़ा आराम कर ले,... और सच में कच्चा आँगन, जमीन पे पीठ लिटा के लेटना बड़ा अच्छा लग रहा था,...


और अब वो मेरे पीछे पड़ गयीं , " हे स्साली जीजू लोगों के साथ तो बहुत मस्ती की जरा हम बहने भी तो अपनी छोटी बहन से प्यार दुलार कर लें , " और अपनी छोटी दोनों बहनों को आँख मार के इशारा किया,...


और खुद मेरे दोनों जोबन के पीछे पड़ गयी, सहलाते मसलते अपने मरद मेरे बड़े जीजू की ओर इशारा कर के उन्हें उकसा रही थीं , है न मेरे जोबना मस्त , तुम सब अगवाड़े पिछवाड़े के चक्कर में इसको तो भूल ही गए, चल तेरी ओर से मैं ही ,...



क्या मस्त सहला रही थीं , मैं इतनी थकी मजे से में आँखे बंद हो रही थीं,... तबतक मेरी मंझली बहन मेरी जाँघों के बीच पहले तो अपनी हथेली से मसल रगड़ के , ... फिर सीधे मुंह लगा के कस कस के मेरी चूत चूसने लगी,

अच्छा तो बहुत लग रहा था लेकिन मैं नहीं चाहती थी की सब जीजू लोगों के सामने ,... वैसे हर साल गर्मी की छुट्टी में जब मेरी मौसेरी बहने आती थी तो ये सब तो रोज बिना नागा होता था और जाड़े में रजाई में सेंध लगा के, .. लेकिन आज




मैंने मना किया तो बड़ी दी ने मुझे नहीं हड़काया लेकिन जैसा हर बार वो करतीं थी किसी न किसी छोटी बहन को मुंह बंद करने के काम पे लगा देती थीं तो आज रीनू सबसे छोटी वाली को ,... और वो अपनी चूत फैला के सीधे मेरे मुंह पे और मुंह सील , पर उसका तो मुंह खुला था वो लगी गरियाने,...

" स्साली नखड़ा मत चोद अभी हम लोगो के मर्द का तो इतना मस्त चूस रही थी और बहन के नाम पे गाँड़ फट रही है,... और गाँड़ फड़वाने का शौक है तो आज वो भी पूरा कर देतीं हम तेरी गाँड़ में पूरी मुट्ठी पेल के,... लेकिन अभी मेरे मरद को तेरी गाँड़ फाड़नी है इसलिए छोड़ दे रही हूँ,...

Daad deni hogi geeta hai, bechari ki halat khrab hai
 

Random2022

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माँ की होली की मस्ती - मायके में



" माँ मान गयी आपको ,... तो शूली पे चढ़ने से बच गयी आप, बड़े मौसा को तो निपटा दिया अपने इत्ती कस के तो उनकी तो थोड़ी देर के लिए छुट्टी,... " गीता ने बात आगे बढ़वाई, और माँ ने गतांक से आगे बताना शुरू किया,...


" बात तो तेरी सही है लेकिन मैं जिस तरह से तेरे बड़े मौसा का खूंटा अपनी चूँची में रगड़ रही थी न , तो देख देख के छोटे मौसा का फनफना गया एकदम हालत खराब थी बेचारे की ,.. और तेरी दोनों मौसियां , खानदानी छिनार, पांच दिन से अपने मर्दों को उपवास करा रही थीं मेरा भोग लगवाने को,... तो बस वहीँ कच्चे मिट्टी वाले आंगन में लिटा के, ..दोनों टाँगे उठा के ,... एक धक्के में पूरा खूंटा पेल दिया, मेरी तो चीख निकल गयी, क्या धक्का मारा तरह सीधे बच्चेदानी में लगा और दोनों चूँची पकड़ के हुमच हुमच के चोदने लगे, ...





और ऊपर से तेरी नानी अपने दामाद का साथ दे रही थीं बोल रही थीं,...

" अरे बरस दिन का त्यौहार होली और आज के दिन जो जीजा साली को उसके आंगन में पटक के न पेले,... आज लग रहा है यह आँगन में जीजा साली की होली हो रही है , लाल पियर रंग तो सब लगा लेते हैं साली जीजा क होली तो सफ़ेद रंग क ही निक लगती है,... आज देखाय दे आपन ताकत,... अरे हमार समधन क ताल पोखर ना हो जहां तोहरी ससुरारी के कुल मरद डुबकी लगाते हैं , हमार एक;एकलौती बिटिया और तोहार सबसे छोट साली हो,... "




बस माँ की ललकार सुन के मैं भी कस कस के नीचे से चूतड़ उठा उठा के धक्के मारने लगी दोनों पैरों को उनके कमर पे लपेट लिया, हाथ से पीठ को दबोच लिया और मेरे नाख़ून उनके कंधे पे गड़ने लगे, मेरे जुबना के तो मेरे सब जीजा कुंवारेपन से दीवाने थे बस अपनी दोनों चूँची तेरे मौसा के सीने पे रगड़ने लगी ,..

जब चोदते समय मरद को लगे चुदवाने वाली को मज़ा आ रहा है वो भी साथ दे रही है तो बस वो दूने जोश से चोदता है और दुबारा भी उसका मन करेगा , वरना अक्सर एक बार लौंडे जिस लड़की पे चढ़ जाते हैं , फिर दूसरी के चक्कर में पड़ जाते हैं। "

माँ की बात गीता सुन भी रही थी, सीख भी रही थी समझ भी रही थी, ... और गाँठ भी बाँध रही थी। लेकिन कहानी भी वो बढ़वाना चाहती थी , माँ पहली बार इस तरह खुल के अपने मायके के किस्से सुना रही थीं, ... तो उसने पूछ लिया,... और माँ बड़े मौसा,...


" अरे यही तो असली खेल है , भले एक साथ तीन चार लौंडे हो , लेकिन सबको लगे लड़की तो बस उन्ही को देख के मस्त हो रही है उन्ही से चुदवाने के लिए गरमा रही है, असली खेल तो मन का है , तन का खेल तो मिनटों का होता है , सटाया, घुसाया , डाला रगड़ा फ़ुस्स ,... असली तो मरद गरमाते हैं सोच सोच के , तो जब तेरे छोटे मौसा मेरे ऊपर चढ़े थे और मैं नीचे से चूतड़ उठा उठा के उनका साथ दे रही थी , उन्हें एड लगा रही थी ,... मेरी आँखे तेरे बड़े मौसा को देख के मुस्करा रही थीं , चिढ़ा रही थीं , होंठ गोल कर के चूसने का इशारा कर रही थी,... तो तेरे छोटे मौसा ने आठ दस मिनट हचक के मुझे चोदा होगा , और तेरे बड़े मौसा गरमा रहे थे , बस ऊँगली के इशारे से मैंने उन्हें पास बुलाया,




" और " गीता भी खूब गरमा रही थी , थूक गटकते हुए बोली।

" और थोड़ी देर तक तो उन्हें मुठियाती रही , अभी आधा सो रहा था ,..




लेकिन साली के हाथ की गरमी किस स्साले का नहीं टनटना जाता बस दो तीन मिनट में , और फिर मैंने मुंह में , पूरा नहीं सिर्फ सुपाड़ा जैसी स्कूल वाली लड़कियाँ नहीं लॉलीपॉप मुंह में लेकर चूसती है मजे ले ले कर एकदम वैसे ही ,...



बस दो चार मिनट और उनका एकदम खड़ा हो गया था,...

बस मैंने तेरे छोटे मौसा को एक मिनट के लिए उठने का इशारा किया,... और वो अब मेरे नीचे मैं उनके ऊपर चढ़ी ,




पंद्रह मिनट से चोद रहे यही पूरी रफ़्तार से वो , तो वो भी थोड़ा चेंज, ... और बड़े मौसा तेरे कोहबर से ही मेरी कच्ची अमिया के साथ साथ पिछवाड़े के ,.. कोहबर में मैं उनकी गोद में चढ़ के बैठी थी,... और अपने छोटे छोटे चूतड़ ,... और तेरी दोनों मौसियां बस उन सबो ने मेरे पिछवाड़े ,... फिर एक साथ दोनों छेदो का मजा,.. मजा मुझे भी आ रहा था , तेरे बड़े मौसा एक बार झड़ चुके थे तो दूसरी बार तो उन्हें आधा घंटा लगना ही था।



लेकिन गितवा जानती है तेरे बड़े मौसा गाँड़ बड़ी मस्त मारते हैं,... अरे यार चूत तो कोई स्साला चोद लेगा, असली मर्दानगी मर्द की गाँड़ मारने में ही पता चलती है,...


गीता के मुँह से निकलते निकलते रह गया ,... " माँ एक बार मेरे भैया से गाँड़ मरावेगी न तो सब अपने भाई, जीजा देवर नन्दोई को भूल जाओगी "

लेकिन माँ ने जो अगली बात कही तो वो चुप नहीं रह पायी, माँ ने बोला,...

" तेरे मौसा इत्ते मस्त ढंग से गाँड़ मार रहे थे खूब ताकत लगा लगा के,... मैं भी उन का साथ देने लगी, असली मजा मजा देने में है जब गाँड़ मारने वाले को लगे की मरवाने वाली भी मजा ले रही है तो वो दूनी ताकत से मारता है और तब आता है गाँड़ मरवाई का असली मजा , "

ये बात गीता को समझ में नहीं आई की गाँड़ मरवाने वाली कैसे मज़ा दे सकती है , उसे मालूम था की उसके भाई को पिछवाड़े बहुत मजा आता है अगर वो भी कुछ सीख लेती तो , और उसने माँ से पूछ लिया,...

" गाँड़ मरवाने वाली कैसे मरद को मजा दे सकती है,... " गितवा ने धीरे से माँ से पूछा।



" अरे पगली, ये सब सीखना तो बहुत जरूरी है वो भी तेरी उमर में,... देख गाँड़ में मरद जब ठेलता तो उसे बहुत मज़ा मिलता है क्योंकि खूब कसा कसा, एकदम रगड़ के दरेरते हुए घुसता है दूसरे सिर्फ एक बार नहीं दुबारा जब गाँड़ का छल्ला पार होता है तो फिर उसे मज़ा है क्योंकि नीचे दबी लौंडिया तड़पती है, मचलती है और एक बार फिर खूब कसा कसा,... जबत पहले सुपाड़ा रगड़ता है फिर पूरा लंड,... लेकिन जब एक बार अंदर घुस गया तो पूरा जड़ तक , तो ,...

माँ चुप हो गयी , और गीता एकदम ध्यान से सुन रही थी , और माँ ने समझा के बताना शुरू किया,...

देख मान ले लंड एकदम जड़ तक गाँड़ में घुस गया है , पूरा ठोंक दिया है ,... तो अब तेरा काम शुरू होता है, बस हलके उस मोटू को अपने अंदर भींच, कस के पूरी ताकत से सिकोड़, जैसे कुछ तेरी गाँड़ से निकलने वाला है और तू उसे बस सिकोड़ के रोक रही है,... फिर थोड़ी देर बाद खूब धीमे धीमे उसे छोड़, बस दस बीस बार करेगी तो मरद पागल हो जाएगा,...

अरे तुझे चूत के लिए सिखाया था न मूत रोकने के लिए जैसे चूत सिकोड़ते हैं उसी तरह चूत को हरदम टाइट रखने के लिए बस वही काम गाँड़ में भी ,... पक्की हो जाएगी तू।

.. और फिर धक्का मारते हुए अगर रुक जाये थोड़ी देर तक उसी तरह से सिकोड़ और ढीला छोड़ के फिर खुद हलके हलके धक्का मार,...

मर्द को जब लगता है न लड़की को उसका लंड पसंद आ रहा है तो उससे ज्यादा ख़ुशी की बात कुछ नहीं होती बस वो और ताकत से मजे ले ले के मारता है , और तेरे बड़े मौसा तो मुझे पता था की नंबरी लौण्डेबाज स्कूल के जमाने के , कोई चिकना उनके स्कूल का बचता नहीं था, या तो सीधे से नेकर सरका दे या वो जबरदस्ती , गन्ने बाजरे के खेत में ले जाके निहुरा के ,


गितवा मुस्करा रही थी , ... मालूम तो उसे भी था ये सब लड़के भी आपस में,... लेकिन उसे अजीब नहीं लगता था जब हम लड़कियां आपस में , सब सहेलियां,... तो लड़के भी ,.. तो क्या हुआ, ...पर माँ के मुंह से ये सब खुल्लम खुल्ला सुनना,.. उसे बहुत अच्छा लग रहा था,... पर बात बनाते हुए वो बोली ,

"तो बड़े मौसा जी ने तो बड़ी देर तक"

" एकदम, जैसा मैं कह रही थी की वो पिछवाड़े के शौक़ीन और फिर अभी तो झड़े थे और मुझे उनसे गाँड़ मरवाने में बहुत मज़ा आ रहा था ,



खूब लम्बे लम्बे धक्के माते थे फिर तेरे छोटे मौसा जब पंद्रह मिनट चोद चुके थे तब उन्होंने गाँड़ मारनी शुरू की, ... तो दस मिनट के बाद में तो छोटे मौसा ने करीब २५ मिनट चोद के पानी छोड़ दिया, पर मैं नीचे लेटे तेरे मौसा जी के ऊपर से उठी नहीं , दो

चार मिनट ऐसे ही , फिर बड़े मौसा जी ने ही मेरे कान में कुछ समझाया और खुद ही मुझे उठा के जमीन पे ही पीठ के बल लिटा के गाँड़ मारना शुरू कर दिया ,... उसके मजे अलग है , आप मारने वाले को देख सकते हैं , चुम्मा चाटी , चूँची दबाने के साथ साथ वो चूस भी रहे थे , आधे घंटे से ज्यादा ही मेरी गाँड़ मारी और फिर कटोरी भर मलाई,... सब की सब पिछवाड़े,... "



माँ अब चुप हो गयी थी और सेकेण्ड राउंड का किस्सा उसने एक लाइन में समेट दिया, ... खाने पीने के बाद मैं ही शूली पे चढ़ी , तेरे बड़े मौसा के और छोटे वाले पिछवाड़े ,... पांच बजे के करीब वो लोग गए। कुछ देर तक माँ चुप रही लेकिन गीता ने बात छेड़ दी , और आपकी छोटी मौसी वाली दोनों मेरी मौसियां वो कब आयीं,... ?
Geeta ki Maa kisi jiju ko mana nahi karti.or sab jiju lambi race ke ghode. Koi bhi jaldi se free nhi karta, sprint nahi marathon hota hai
 

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भौजी








माँ अब चुप हो गयी थी और सेकेण्ड राउंड का किस्सा उसने एक लाइन में समेट दिया, ... खाने पीने के बाद मैं ही शूली पे चढ़ी , तेरे बड़े मौसा के और छोटे वाले पिछवाड़े ,... पांच बजे के करीब वो लोग गए। कुछ देर तक माँ चुप रही लेकिन गीता ने बात छेड़ दी ,

"और आपकी छोटी मौसी वाली दोनों मेरी मौसियां वो कब आयीं,... ?

" तू भी न एक एक बात पूछ के ही दम लेगी "

माँ मुस्कराईं, फिर हंस के बोलीं की लेकिन तुझे एक बात समझा देती हूँ,... सबसे बड़ी दुश्मन कोइ होती है तो वो भौजाइयां,.... नंबरी कमीनी, होली में तो और पगला जाती हैं, आधी के मरद पंजाब, दुबई छनछनाई रहती हैं तो सब मरदो की बहनों के ऊपर,... और तेरे इस गाँव की. तेरे मायके की भौजाइयां तो नंबरी नहीं दस नंबरी कमीनी हैं,... हाँ जब तक ननद कुँवारी है, मतलब उसकी फटी नहीं है तब तक तो सिर्फ ऊपर झाँपर से,

गीता ने माँ की बात काट दी। कोई भी उसके गाँव को कुछ बोलता है तो वो कटखनी बिल्ली की तरह चाहे वो माँ ही क्यों न हों, झपट के बोली,

" अरे माँ ये नहीं कहती की हमारी भौजाई सब कितनी सीधी हैं, ननद के ऊँगली कर कर के तो नहीं जब तक कुँवारी,... "



अब बात काटने की पारी गीता की माँ की थी, हंस के बोली

" अरे स्साली खाली भाईचोद होने से अकल नहीं आती, अरे तेरी भौजाइयां इस लिए छोड़ती है की जानती हैं की हमारी ससुरार और तोहरे मायके की माटी -पानी का असर है, की यहाँ की बियाई कोई बिटिया बिना चोदवाये गवने नहीं जाती। तो घी कहाँ गिरेगा, खिचड़ी में ही न,... अरे कउनो इस गाँव का लड़का ही चोद के फाड़ेगा, उन की ननद को,... तो बस अपने देवर के फायदे के लिए,... और मरद चोदेगा तो और जोर से चोकरेगी और भौजाइयों को चिढ़ाने का मौका भी मिल जाएगा, बस इसी लिए, बिन चुदी को बक्श देती हैं। अबकी होली में पता चलेगा , जब तोहरी भौजाइयों को पता चल जाएगा की उनकी इस ननदिया की फट गई, जितना हमारे बेटवा के पेलने पे पिराया होगा न उससे दस गुना रगड़ रगड़ के,... "



प्यार से माँ ने गीता के गाल पे चिकोटी काट ली , और गीता भी समझगयी माँ , माँ हैं उनसे जीता नहीं जा सकता है , लेकिन चिढ़ाने का हक तो था ही तो बात बदलते हुए हंस के बोली,

"अरे आपकी भौजाई ने क्या किया आपके साथ ये बताना आप गोल कर गयीं और मेरी भौजाइयों को गरियाने लगीं। पहले अपनी भौजाई का हाल बताइये , फिर बात तो आप अपने जीजू की कर रही थीं ये भौजाई कहाँ से आगयी बीच में।"

माँ मुस्करायीं एक बार फिर वो उस मायके में हुयी जीजा और भाभियों के साथ की होली की यादों में खो गयी थी , और एक बार फिर उन्होंने शुरू किया,

" तेरी वो दोनों मौसियां, मेरी सबसे छोटी मौसी की दोनों बेटियां मुझसे ६-७ महीने ही बड़ी रही होंगी, ... दोनों जुड़वा और दोनों की शादी भी एक साथ एक मंडप में हुयी थी।




दोनों मेरी पक्की सहेलियां लेकिन उन लोगों के आते आते शाम बस होने ही वाली थी तो पानी वाली होली तो नहीं हुई लेकिन भांग वाली ठंडाई, मिर्च वाले दहीबड़े , और भांग पड़ी गुझिया सब चली ही, और सूखी होली में दोनों ने मेरी चोली में हाथ डाला और शैतान बहनों ने चोली के बंध खोल दिए , की कहीं फट न जाये, और दोनों जोबन उन दोनों के मर्दों के हवाले और अबीर गुलाल लगा लगा के दोनों ने खूब मसला रगड़ा, पर मैं कौन कम थी मैंने पजामे का नाडा भी खोल दिया बल्कि तोड़ दिया,

लेकिन तभी पड़ोस की भौजी आ गयीं, बस मेरे बड़े जीजा से दुआ सलाम की उन्होंने अपने बड़े बड़े जोबन रगड़ के ,... और जीजा लोगों से कानफुसी भी और मुझे चिढ़ा के बोलने लगी,

"अब होगी असली होली , स्साली का अगवाड़ा पिछवाड़ा एक साथ, दो दो जिज्जा होने का फायदा "



लेकिन मैं कौन कमजोर ननद थी मैंने भी तुरंत जवाब दिया,

" अरे नहीं भौजी आपके नन्दोई साली सलहज में फरक नहीं करते , मैं पीछे थोड़े हटने वाली हूँ पर दो जीजू एक साली एक सलहज, बस एक साली के साथ एक जीजू और ननदोई सलहज के साथ,... बड़े बड़े मस्त ऐसे चूतड़ वाली सलहज, नन्दोई को देख के और मजे मजे से मटका रही हों और बच जाए तो बड़ी नाइंसाफी होगी, ..

मेरे बड़े जीजू केसाथ भौजी बतिया रही थीं , वो रुक के बोलीं,
" छिनार चल बताती हूँ , पहले ननद भौजाई का हिसाब हो जाए , फिर नन्दोई जीजा का भी,... "
और जब तक मैं सम्ह्लू, भौजी ने टंगड़ी मार के मुझे उस कच्चे मिटटी के आंगन में गिरा दिया और वो मेरे ऊपर , कपडे हम दोनों के दूर,... और फिर 69 चालू , उन्होंने मेरे शहद के छत्ते में मुंह मारा और मैंने उनकी प्रेम गली में सेंध लगाई,...




मेरे दोनों होंठों के बीच भौजी के निचले होंठ मैं कस कस के चूस रही थी चाट रही थी, जीभ अंदर डाल के पेल रही थी लेकिन साथ साथ दोनों हाथों से भौजी के बड़े बड़े चूतड़ दिखा के फैला के बीच का छेद दिखा के जीजू लोगों को ललचा रही थी और बीच में उन्हें ललकार भी रही थी सलहज के मस्त पिछवाड़े पे हमला करने के लिए बड़े जीजू तो पास में ही थे , मैंने उन्हें खींच के उनकी सलहज के पास , ... और खुद फैला के छेद, अपने हाथ और पैर से भौजी को कस के जकड़ लिया था

बस भौजी के नन्दोई ने पिछवाड़े मूसल ठोंक दिया,...



और मैं न क्या कहते हैं एकदम सामने वाले सीट पे, भौजी की चूत पे ननद का कब्ज़ा और गाँड़ पर नन्दोई का, क्या हचक के जीजू पेल रहे थे पांच दस धक्कों में मूसल पूरा अंदर था ,... जीजू ने पेला तो अपनी सलहज की गाँड़ में सूखा था लेकिन एक बार उनकी सलहज के पिछवाड़े घुस गया फिर तो ,... अंदर तो मक्खन ही मक्खन भरा था,... और उसका असर भी मुझे दिख रहा था जब जीजू का मोटा मूसल बाहर आता तो लिथड़ा चुपड़ा ,... और फिर तो उनकी कमर का जोर और अंदर की चिकनाई सटासट, सटासट,...

बीच बीच में मैं भी जीजू के रसगुल्ले को जीभ निकल के चाट लेती तो उनका जोश दूना हो जाता ,




और भौजी अब बेचारी क्या करतीं खूंटा तो गाँड़ में घुस ही गया था , बस मुझे गरिया रही थीं जीभ की जगह तीन तीन उंगलिया मेरी बुर में पेल के हचक के चोद रही थीं,... अंगूठे से मेरी क्लिट रगड़ रही थीं
तो मैं भी जवाब में उनकी क्लिट मुंह में लेके चूसने लगती और भौजी गिंगिनाने लगती।

पांच छह मिनट हचक के गाँड़ मारने के बाद , मेरी समझ में नहीं आया, जीजू का तीन चौथाई लंड अंदर और थोड़ा सा करीब दो इंच बाहर और उसे पकड़ के गोल गोल मथानी की तरह भौजी की गाँड़ में घुमा रहे थे और भौजी भी उनका साथ दे रही थीं,... खूब तेजी से गोल गोल ,




और भौजी ने ऊँगली से मेरी बुर चोदने की रफ्तार बढ़ा दी थी


छह सात मिनट तक वो मथानी चलती रही तभी अचानक भौजी ने कस के मेरी क्लिट काट ली और नाख़ून मेरी बुर पे गड़ा दिए,... मैं जोर से चीख पड़ी और उसी समय उनके नन्दोई ने अपनी सलहज की गाँड़ से मथा, अच्छा ख़ासा लिथड़ा चुपड़ा मोटा मूसल निकाल के मेरे मुंह में पेल दिया, ...




मैं हाथ पैर फेंक रही थी, हटाने की उन्हें कोशिश कर भौजी ने अपना पूरा वजन मेरी देह पर डाल रखा था और उनकी पकड़ सँड़सी से भी मजबूत थी , और जीजू ने भी पूरी ताकत लगा दी थी थोड़ी देर में आधे से ज्यादा लंड, उनकी सलहज की गाँड़ से निकला मेरे मुंह एक अंदर था और तब मैं समझी ननदोई सलहज की मिली जुली , लगी बुझी थी और जान बुझ के भौजी ने 69 किया और अपने नन्दोई को गांड में लिया,...

जब वो समझ गयी की मैं अब कुछ नहीं कर सकती तो उठीं और मुझे चिढ़ाने लगीं

" अरे चल तेरे पिछवाड़े का स्वाद तो बहुत नन्दोई लोगो ने चिखाया होगा अब ज़रा अपनी भौजाई के पिछवाड़े का भी स्वाद ले ले,.. अरे चटखारे ले ले के चाट,... सब तेरी भौजी का ,... "

जीजू कस के ठेले हुए थे और भौजी ने साफ़ साफ़ बोल दिया कस के मेरे निपल मलते

" ननद रानी, जबतक ये मेरी गाँड़ से निकला मेरे नन्दोई का खूंटा चाट चूट के साफ कर के नहीं,... तब तक न नन्दोई निकालनेगे न मैं तेरे ये निपल छोडूंगी

मैं समझ गयी अब कोई बचत नहीं है और चार पांच मिनट में अच्छी तरह से चाट के ,... लेकिन जैसे जीजू ने निकाला मेरे मुंह से तुरंत उनकी सलहज अपना पिछवाड़ा फैला के खोल के सीधे मेरे मुंह के ऊपर और नाक कस के दबा दिया , ...


" ननद रानी अभी यही तो मेरे नन्दोई के खूंटे पर से इतना स्वाद ले ले के चाट रही थी, चल मुंह खोल जैसे लड्डू खाने के लिए खोलते हैं खूब बड़ा सा , हाँ हां और थोड़ा और बड़ा , ... बस मुंह बंद करने की सोचना भी मत वरना तेरी नाक, और एक बार फिर से हचक के मेरे मुंह पे ,...





और जीजू ने ,... झड़े तो वो थे नहीं ,... अब सीधे मेरी गाँड़ में खूंटा गाँड़ दिया और लगे हचक के मेरी गाँड़ मारने ,... मेरे मुंह के ऊपर उनकी सलहज चढ़ी और पिछवाड़े सलहज के नन्दोई ,... अब अपने छोटे नन्दोई का भौजी ने मुंह में ले लिया,... पहले बड़े जीजू गाँड़ में मेरी झड़े और छोटे वाले जैसे ही भौजी के मुंह में झड़ना शुरू किये भौजी ने जैसे कोई होज पकड़ के , सीधे मेरे चेहरे पे चूँची पे बाल पे सब मलाई जीजू की,...



अब माँ ने थोड़ा सा ब्रेक लिया और बोलीं इस लिए मैं कह रही थी की ननदों के लिए सबसे बड़ा खतरा भौजियां होती हैं ,..देवर , जीजू नन्दोई क्या करेंगे अगवाड़े पिछवाड़े का मजा ले के ,... और मैं तुझसे अभी से बोल रही हूँ अबकी इस होली में तेरी,... तेरी भौजाइयां तो मेरी गाँव वालियों से १०० गुना ज्यादा कमीनी हैं क्या करेंगी पता नहीं।

और जोड़ा,

'और खाली मेरे जीजू थोड़े ही थे मेरी सहेलियों के भी, जिनकी शादी हो गए थे उनके भी मर्द, तेरी नानी ने सब को बोल रखा था फिर भौजाइयां भी तो थीं आग लगाने वाली रात को खड़े होने की हालत नहीं थी , याद भी नहीं आ रहा था कितने मर्दों ने ,..आधी बाल्टी से कम बीर्य नहीं घोंटा होगा मेरे तीनों छेदो ने। '

गीता छुटकी को माँ की मायके की होली का किस्सा बता रही थी



लेकिन छुटकी तो कुछ और जानना चाहती थी, वो गीता के पीछे पड़ गयी,


" गीता दीदी, आप असली बात गोल कर रही हैं ये बताइए, भैया का माँ ने कब कैसे घोंटा,... और ये मत कहियेगा की भैया माँ के ऊपर नहीं चढ़ा। सीधे उसी बात पे आइये। "

Geeta ki Maa ne to record bana diya, koi Ginti nahi, kitne logon ne kue me dubki lagayi
 

komaalrani

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Xforum pr story padhan or comment krna mushkil ho gya hai. Page apne aap redirect hota rehta hai, yeh msg krne me bhi kitne baar page refresh hua,.
ab aap kahani post karne vaali ka dukh dard samjh sakte hain , many time i wrote but mods/admin say that it is business decision. But if eyeballs come down, foot falls move away, it too will impact add revenue, the refuse to acknowledge and no importance of content writers is acknowledged. every time it is three attempt so i will have to save it somewhere otherwise long posts will vanish. Earlier i will do editing , add pic use font and then post but now i post first, so that at least main post is saved. After that two three times editing so like lost post 3-4 hours in posting itself.

But ours is not to reason why,...
 

komaalrani

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Geeta ki Maa kisi jiju ko mana nahi karti.or sab jiju lambi race ke ghode. Koi bhi jaldi se free nhi karta, sprint nahi marathon hota hai
sorry ekdam galat.


speed sprint ki, distance marathon ka, takat shotput ki 🤣😂
 

komaalrani

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Geeta ki Maa ne to record bana diya, koi Ginti nahi, kitne logon ne kue me dubki lagayi
Maths thodi kamjor hai unki usi men to highschool men,...

lekin mamala asal me kuch aur tha, Panchtantra ki kahaniyon ka kya matalb hai vo to basically education devices thin ya jaise bachpan men har story ke baad ek svaal hota tha na , " Bahcco is kahanni se hamen kya siksha milti hai " to bas HOLI ka kissa to bahana tha , asali purpose to Gita ko sikhana tha,... uski himmat badhani thi aur motivate karana tha example ke jariye
 

komaalrani

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Sister_Lover

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छुटकी का सवाल भी सही है.... हम भी तो तड़प रहे जानने को आखिर गितवा के भैया मादरचोद कैसे बने....
 

Shetan

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भाग ४३

इन्सेस्ट कथा- माँ के किस्से, मायके के








" तो तीन बार ट्रिपलिंग हुयी आपकी, ", गीता ने मुस्कराते हुए पूछा,...


और माँ ने खीझ के उसके गाल मींड़ते हुए बोला,

" जब तीन तीन चढ़ेंगे न एक साथ तेरे ऊपर तो पता चलेगा, अभी तो मेरा बेटा अकेले तेरी गाँड़ फाड़ देता है। और एक बार नहीं तीन बार, और मेरी कमीनी मौसेरी बहनें हर बार , मेरे बिल साफ़ कर देती ही जिससे उनके मर्दों का सूखी, बुर, गाँड़ में दरेरता रगड़ता घुसे। ढाई तीन घण्टे तक लगातार मूसल चले तीन तीन। "

" अरे उसके बाद तो आपकी छुट्टी हो गयी होगी न फिर काहें कह रही हैं की ससुराल से ज्यादा मायके में रगड़ाई हुयी होली में,... "

गीता फिर से बोली।

"अरे मेरी तीन तीन मौसियां है , मझली वाले के तीन दामाद , जिन्होंने ये रगड़ाई की , उसके बड़ी मौसी के भी दो और छोटी मौसी के भी दो ,... मैं चचेरी मौसेरी ममेरी सब बहनों में सबसे छोटी हूँ, तो सबकी छोटी साली और सबको मैंने यही बोल के टाला था , शादी के बाद,... तो फिर उन तीनों जीजा के जाने के बाद , खाने के बाद, बड़ी मौसी वाले दोनों जीजू और शाम को थोड़ा लेट, छोटी मौसी वाली मेरी दोनों बहने और उनके मर्द,... उन लोगो ने भी साथ साथ ही नंबर लगाया , इसलिए मुंह तो बचता था लेकिन बुर और गाँड़ दोनों का तो कबाड़ा हो गया और आज तक मैंने ऐसा मरद नहीं देखा है जो गाँड़ मारने के बाद लंड सीधे गाँड़ से निकाल के मुंह में न डालता हो , ... सीधे से नहीं तो जबरदस्ती,... फिर भाभियाँ कौन किस मरद से कम और दो सहेलियों की शादी हो गयी थी उनके भी मरद ससुराल आये थे,... "

माँ ने गीता से हाल बयान किया



माँ बेटी एक दूसरे की नज़रों की जुबान समझती थी. माँ समझ गयी इस तरह जल्दी जल्दी बता देने में बेटी को रस नहीं मिला, वो माँ के होली के किस्से खुल के विस्तार से सुनना चाहती थी,... माँ ने खींच के उसे गले से लगा लिया, चल अपनी छिनार मौसियों और भँड़वे मौसा लोगों का किस्सा सुनने का बड़ा मन कर रहा है न तो चल बताती हूँ,...

तीन साढ़े तीन घण्टे तक जो उनके तीनो जीजा ने तीनों छेदों की रगड़ाई की थी उससे उनकी रग रग दुःख रही थी, तीन बार बुर चोदी गयी, तीन बार गाँड़ मारी गयी, और तीन बार मलाई मुंह के रस्ते पेट में गई,... पहले तो वो सोचती थीं की आखिर जीजू में कितनी ताकत एक बार झड़ने के बाद कुछ टाइम तो लगेगा टाइट होने में लेकिन उनकी छिनार बहने, ... लगता है असली शिलाजीत खिला के लायी थीं , प्लानिंग छिनारों ने पूरी की थी,...

और माँ ने अपने मायके में गितवा के मौसा लोग कैसे चढ़े सविस्तार बताना शुरू किया, ... कुछ इसलिए की जवानी की चौखट पे खड़ी लड़की है कुछ सीखेगी ही,


"पहली बार गाँड़ मारने के बाद बड़े जीजा तो सीधे गांड से निकला लिथड़ा चुपड़ा लंड लेके जबतक वो सम्हले उनके मुंह में ठेल दिया और कस के गाल दबा के , नाक दबोच के ,... फिर कोई रास्ता बचता क्या उस गाँड़ से निकले लंड को चूसने चाटने के अलावा,...



और एक बहन, सबसे छोटी रीनू, उनकी समौरिया बस जैसे कोई बोरे का टुकड़ा हो, ... एकदम सैंड पेपर की तरह सीधे पहले उसकी गाँड़ में दो तीन ऊँगली डाल के घुसेड़ दिया बत्ती बना के लम्बी सी और ऐसी ही एक बत्ती बुरिया में और उसे चिढ़ा भी रही थी,...

"खूब गटकी हो मलाई न जीजू लोगों की , अरे साफ़ इसलिए कर दे रही हूँ की तुझे याद रहे की मझले जीजा की मलाई बुरिया में कैसे लगती थी और मेरे मर्द की गाँड़ में , वरना पुराना स्वाद ही रह जाएगा न ,... अरे थैंक यू तो बोल दे मेरी छिनार बहना,..."

और रीनू के मर्द को सबसे बड़ी वाली बहन ने कैच कर लिया ,

बुर का मजा ले लिए न अब गाँड़ में अपनी ताकत दिखाना भंडुए ,... लेकिन पहले जरा तेरा चूस चास के

और मंझली ने दूसरे जीजा को , ... बस पांच मिनट में जबतक बुर गाँड़ की मलाई पोंछ के रीनू ने सुखा दिया , तब तक बाकी दोनों बहनो ने चूस चूस के मेरे दोनों जीजा को टनाटन कर दिया ,



पहली बार मैं छोटे वाले के खूंटे पे चढ़ी थी तो अगली बार मंझले के खूंटे पे और गाँड़ मारी रीनू के मर्द ने,...



हाँ अगली बार दस मिनट का इंटरवल मिला लेकिन तेरी स्साली छिनार मौसिया,...

सब एक एक चीज प्लान कर के आयी थीं, गाँड़ और बुर दोनों की हालत तो खराब थी ही लेकिन सबसे ज्यादा मुंह की , घंटे भर से चियारे चियारे, अरे ऐसा नहीं था की पहले मैंने लंड नहीं चूसा था, ... लेकिन पांच मिनट , दस मिनट बाद उसके बाद मरद मेन कार्यक्रम पे आ जाता था और तोहरे बाऊ, जब पांच दिन वाली छुट्टी में , लेकिन बीच बीच में निकाल के उनका तो मुट्ठ भी मार लेती थी और हलक तक ढकेलना जरूरी नहीं था, ...

गाल थक गया तो जीभ से चाट चूट के , थोड़ा आराम मिल जाए तो फिर अंदर, लेकिन यहां तो जीजू सब सर पकड़ के ऐसे जबरन हलक तक पेले थे पूरे आधे घंटे,... और अगवाड़े पिछवाड़े तो आराम मिल भी गया था जब रीनू स्साली मेरी कमीनी बहना मेरी बुर गाँड़ सुखाती, लेकिन मुंह में तो,.... जो जीजू गाँड़ मार रहे होते वो झड़ना शुरू होते ही मुंह में ठेल देते,...


माँ एक पल के लिए रुकीं फिर उन्होंने अपनी शादी के बाद की मायके की होली का किस्सा जारी रखा,...

तो दूसरे राउंड के बाद मैंने अपने मुंह की ओर इशारा करके दिखाया ,





मैं कहना चाहती थी की मेरा मुंह दर्द कर रहा है तो बड़ी वाली तेरी मौसी बोली
" अरे पियास लगी है ,अभी बड़े और मंझले जीजू की मलाई पी पी के साली जी की प्यास नहीं बुझी "

मेरी तो बोली नहीं निकल रही थी, उधर रीनू तेरी सबसे छोटी मौसी पहले से तैयार खड़ी थी जैसे, बस उसने एक हाथ लम्बा गिलास, ठंडाई सीधे अपने ही हाथ से मेरे मुंह में लगा दिया। जब मैं आधा गटक गयी, थोड़ी जान में जान आयी तब समझ में आया डबल नहीं ट्रिपल भांग पड़ी थी,... लेकिन तबतक मंझली भी रीनू के साथ और दोनों ने जबरन पूरी की पूरी, ... तीन भांग की बड़ी बड़ी गोलियां मेरे पेट के अंदर,... जो दस पंद्रह मिनट के अंदर अपना असर दिखा देती

और तेरी बड़ी मौसी ने मुझे धक्का देके जमीन पे गिरा दिया बोलीं , निहुरे निहुरे बेचारी की पीठ भी थक गयी होगी चल मेरी प्यारी बहना थोड़ा आराम कर ले,... और सच में कच्चा आँगन, जमीन पे पीठ लिटा के लेटना बड़ा अच्छा लग रहा था,...


और अब वो मेरे पीछे पड़ गयीं , " हे स्साली जीजू लोगों के साथ तो बहुत मस्ती की जरा हम बहने भी तो अपनी छोटी बहन से प्यार दुलार कर लें , " और अपनी छोटी दोनों बहनों को आँख मार के इशारा किया,...


और खुद मेरे दोनों जोबन के पीछे पड़ गयी, सहलाते मसलते अपने मरद मेरे बड़े जीजू की ओर इशारा कर के उन्हें उकसा रही थीं , है न मेरे जोबना मस्त , तुम सब अगवाड़े पिछवाड़े के चक्कर में इसको तो भूल ही गए, चल तेरी ओर से मैं ही ,...



क्या मस्त सहला रही थीं , मैं इतनी थकी मजे से में आँखे बंद हो रही थीं,... तबतक मेरी मंझली बहन मेरी जाँघों के बीच पहले तो अपनी हथेली से मसल रगड़ के , ... फिर सीधे मुंह लगा के कस कस के मेरी चूत चूसने लगी,

अच्छा तो बहुत लग रहा था लेकिन मैं नहीं चाहती थी की सब जीजू लोगों के सामने ,... वैसे हर साल गर्मी की छुट्टी में जब मेरी मौसेरी बहने आती थी तो ये सब तो रोज बिना नागा होता था और जाड़े में रजाई में सेंध लगा के, .. लेकिन आज




मैंने मना किया तो बड़ी दी ने मुझे नहीं हड़काया लेकिन जैसा हर बार वो करतीं थी किसी न किसी छोटी बहन को मुंह बंद करने के काम पे लगा देती थीं तो आज रीनू सबसे छोटी वाली को ,... और वो अपनी चूत फैला के सीधे मेरे मुंह पे और मुंह सील , पर उसका तो मुंह खुला था वो लगी गरियाने,...

" स्साली नखड़ा मत चोद अभी हम लोगो के मर्द का तो इतना मस्त चूस रही थी और बहन के नाम पे गाँड़ फट रही है,... और गाँड़ फड़वाने का शौक है तो आज वो भी पूरा कर देतीं हम तेरी गाँड़ में पूरी मुट्ठी पेल के,... लेकिन अभी मेरे मरद को तेरी गाँड़ फाड़नी है इसलिए छोड़ दे रही हूँ,...

To jab gitva ki mosi log uske mosa ko bhog lagae to kon chhutki naheniya pe taras khata he. Komaliya ko hi dekh lo. Kachi kali ko parosh diya apne sajan ji ko. Vo bhi kachi kali or train me hi ho gaya khoob khachar. Gitva ki maa ke to teen jija. Nashib vali ho. koiq chhed na bachega. Vo bhi ek sath.
 

Shetan

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माँ की होली की मस्ती - मायके में



" माँ मान गयी आपको ,... तो शूली पे चढ़ने से बच गयी आप, बड़े मौसा को तो निपटा दिया अपने इत्ती कस के तो उनकी तो थोड़ी देर के लिए छुट्टी,... " गीता ने बात आगे बढ़वाई, और माँ ने गतांक से आगे बताना शुरू किया,...


" बात तो तेरी सही है लेकिन मैं जिस तरह से तेरे बड़े मौसा का खूंटा अपनी चूँची में रगड़ रही थी न , तो देख देख के छोटे मौसा का फनफना गया एकदम हालत खराब थी बेचारे की ,.. और तेरी दोनों मौसियां , खानदानी छिनार, पांच दिन से अपने मर्दों को उपवास करा रही थीं मेरा भोग लगवाने को,... तो बस वहीँ कच्चे मिट्टी वाले आंगन में लिटा के, ..दोनों टाँगे उठा के ,... एक धक्के में पूरा खूंटा पेल दिया, मेरी तो चीख निकल गयी, क्या धक्का मारा तरह सीधे बच्चेदानी में लगा और दोनों चूँची पकड़ के हुमच हुमच के चोदने लगे, ...





और ऊपर से तेरी नानी अपने दामाद का साथ दे रही थीं बोल रही थीं,...

" अरे बरस दिन का त्यौहार होली और आज के दिन जो जीजा साली को उसके आंगन में पटक के न पेले,... आज लग रहा है यह आँगन में जीजा साली की होली हो रही है , लाल पियर रंग तो सब लगा लेते हैं साली जीजा क होली तो सफ़ेद रंग क ही निक लगती है,... आज देखाय दे आपन ताकत,... अरे हमार समधन क ताल पोखर ना हो जहां तोहरी ससुरारी के कुल मरद डुबकी लगाते हैं , हमार एक;एकलौती बिटिया और तोहार सबसे छोट साली हो,... "




बस माँ की ललकार सुन के मैं भी कस कस के नीचे से चूतड़ उठा उठा के धक्के मारने लगी दोनों पैरों को उनके कमर पे लपेट लिया, हाथ से पीठ को दबोच लिया और मेरे नाख़ून उनके कंधे पे गड़ने लगे, मेरे जुबना के तो मेरे सब जीजा कुंवारेपन से दीवाने थे बस अपनी दोनों चूँची तेरे मौसा के सीने पे रगड़ने लगी ,..

जब चोदते समय मरद को लगे चुदवाने वाली को मज़ा आ रहा है वो भी साथ दे रही है तो बस वो दूने जोश से चोदता है और दुबारा भी उसका मन करेगा , वरना अक्सर एक बार लौंडे जिस लड़की पे चढ़ जाते हैं , फिर दूसरी के चक्कर में पड़ जाते हैं। "

माँ की बात गीता सुन भी रही थी, सीख भी रही थी समझ भी रही थी, ... और गाँठ भी बाँध रही थी। लेकिन कहानी भी वो बढ़वाना चाहती थी , माँ पहली बार इस तरह खुल के अपने मायके के किस्से सुना रही थीं, ... तो उसने पूछ लिया,... और माँ बड़े मौसा,...


" अरे यही तो असली खेल है , भले एक साथ तीन चार लौंडे हो , लेकिन सबको लगे लड़की तो बस उन्ही को देख के मस्त हो रही है उन्ही से चुदवाने के लिए गरमा रही है, असली खेल तो मन का है , तन का खेल तो मिनटों का होता है , सटाया, घुसाया , डाला रगड़ा फ़ुस्स ,... असली तो मरद गरमाते हैं सोच सोच के , तो जब तेरे छोटे मौसा मेरे ऊपर चढ़े थे और मैं नीचे से चूतड़ उठा उठा के उनका साथ दे रही थी , उन्हें एड लगा रही थी ,... मेरी आँखे तेरे बड़े मौसा को देख के मुस्करा रही थीं , चिढ़ा रही थीं , होंठ गोल कर के चूसने का इशारा कर रही थी,... तो तेरे छोटे मौसा ने आठ दस मिनट हचक के मुझे चोदा होगा , और तेरे बड़े मौसा गरमा रहे थे , बस ऊँगली के इशारे से मैंने उन्हें पास बुलाया,




" और " गीता भी खूब गरमा रही थी , थूक गटकते हुए बोली।

" और थोड़ी देर तक तो उन्हें मुठियाती रही , अभी आधा सो रहा था ,..




लेकिन साली के हाथ की गरमी किस स्साले का नहीं टनटना जाता बस दो तीन मिनट में , और फिर मैंने मुंह में , पूरा नहीं सिर्फ सुपाड़ा जैसी स्कूल वाली लड़कियाँ नहीं लॉलीपॉप मुंह में लेकर चूसती है मजे ले ले कर एकदम वैसे ही ,...



बस दो चार मिनट और उनका एकदम खड़ा हो गया था,...

बस मैंने तेरे छोटे मौसा को एक मिनट के लिए उठने का इशारा किया,... और वो अब मेरे नीचे मैं उनके ऊपर चढ़ी ,




पंद्रह मिनट से चोद रहे यही पूरी रफ़्तार से वो , तो वो भी थोड़ा चेंज, ... और बड़े मौसा तेरे कोहबर से ही मेरी कच्ची अमिया के साथ साथ पिछवाड़े के ,.. कोहबर में मैं उनकी गोद में चढ़ के बैठी थी,... और अपने छोटे छोटे चूतड़ ,... और तेरी दोनों मौसियां बस उन सबो ने मेरे पिछवाड़े ,... फिर एक साथ दोनों छेदो का मजा,.. मजा मुझे भी आ रहा था , तेरे बड़े मौसा एक बार झड़ चुके थे तो दूसरी बार तो उन्हें आधा घंटा लगना ही था।



लेकिन गितवा जानती है तेरे बड़े मौसा गाँड़ बड़ी मस्त मारते हैं,... अरे यार चूत तो कोई स्साला चोद लेगा, असली मर्दानगी मर्द की गाँड़ मारने में ही पता चलती है,...


गीता के मुँह से निकलते निकलते रह गया ,... " माँ एक बार मेरे भैया से गाँड़ मरावेगी न तो सब अपने भाई, जीजा देवर नन्दोई को भूल जाओगी "

लेकिन माँ ने जो अगली बात कही तो वो चुप नहीं रह पायी, माँ ने बोला,...

" तेरे मौसा इत्ते मस्त ढंग से गाँड़ मार रहे थे खूब ताकत लगा लगा के,... मैं भी उन का साथ देने लगी, असली मजा मजा देने में है जब गाँड़ मारने वाले को लगे की मरवाने वाली भी मजा ले रही है तो वो दूनी ताकत से मारता है और तब आता है गाँड़ मरवाई का असली मजा , "

ये बात गीता को समझ में नहीं आई की गाँड़ मरवाने वाली कैसे मज़ा दे सकती है , उसे मालूम था की उसके भाई को पिछवाड़े बहुत मजा आता है अगर वो भी कुछ सीख लेती तो , और उसने माँ से पूछ लिया,...

" गाँड़ मरवाने वाली कैसे मरद को मजा दे सकती है,... " गितवा ने धीरे से माँ से पूछा।



" अरे पगली, ये सब सीखना तो बहुत जरूरी है वो भी तेरी उमर में,... देख गाँड़ में मरद जब ठेलता तो उसे बहुत मज़ा मिलता है क्योंकि खूब कसा कसा, एकदम रगड़ के दरेरते हुए घुसता है दूसरे सिर्फ एक बार नहीं दुबारा जब गाँड़ का छल्ला पार होता है तो फिर उसे मज़ा है क्योंकि नीचे दबी लौंडिया तड़पती है, मचलती है और एक बार फिर खूब कसा कसा,... जबत पहले सुपाड़ा रगड़ता है फिर पूरा लंड,... लेकिन जब एक बार अंदर घुस गया तो पूरा जड़ तक , तो ,...

माँ चुप हो गयी , और गीता एकदम ध्यान से सुन रही थी , और माँ ने समझा के बताना शुरू किया,...

देख मान ले लंड एकदम जड़ तक गाँड़ में घुस गया है , पूरा ठोंक दिया है ,... तो अब तेरा काम शुरू होता है, बस हलके उस मोटू को अपने अंदर भींच, कस के पूरी ताकत से सिकोड़, जैसे कुछ तेरी गाँड़ से निकलने वाला है और तू उसे बस सिकोड़ के रोक रही है,... फिर थोड़ी देर बाद खूब धीमे धीमे उसे छोड़, बस दस बीस बार करेगी तो मरद पागल हो जाएगा,...

अरे तुझे चूत के लिए सिखाया था न मूत रोकने के लिए जैसे चूत सिकोड़ते हैं उसी तरह चूत को हरदम टाइट रखने के लिए बस वही काम गाँड़ में भी ,... पक्की हो जाएगी तू।

.. और फिर धक्का मारते हुए अगर रुक जाये थोड़ी देर तक उसी तरह से सिकोड़ और ढीला छोड़ के फिर खुद हलके हलके धक्का मार,...

मर्द को जब लगता है न लड़की को उसका लंड पसंद आ रहा है तो उससे ज्यादा ख़ुशी की बात कुछ नहीं होती बस वो और ताकत से मजे ले ले के मारता है , और तेरे बड़े मौसा तो मुझे पता था की नंबरी लौण्डेबाज स्कूल के जमाने के , कोई चिकना उनके स्कूल का बचता नहीं था, या तो सीधे से नेकर सरका दे या वो जबरदस्ती , गन्ने बाजरे के खेत में ले जाके निहुरा के ,


गितवा मुस्करा रही थी , ... मालूम तो उसे भी था ये सब लड़के भी आपस में,... लेकिन उसे अजीब नहीं लगता था जब हम लड़कियां आपस में , सब सहेलियां,... तो लड़के भी ,.. तो क्या हुआ, ...पर माँ के मुंह से ये सब खुल्लम खुल्ला सुनना,.. उसे बहुत अच्छा लग रहा था,... पर बात बनाते हुए वो बोली ,

"तो बड़े मौसा जी ने तो बड़ी देर तक"

" एकदम, जैसा मैं कह रही थी की वो पिछवाड़े के शौक़ीन और फिर अभी तो झड़े थे और मुझे उनसे गाँड़ मरवाने में बहुत मज़ा आ रहा था ,



खूब लम्बे लम्बे धक्के माते थे फिर तेरे छोटे मौसा जब पंद्रह मिनट चोद चुके थे तब उन्होंने गाँड़ मारनी शुरू की, ... तो दस मिनट के बाद में तो छोटे मौसा ने करीब २५ मिनट चोद के पानी छोड़ दिया, पर मैं नीचे लेटे तेरे मौसा जी के ऊपर से उठी नहीं , दो

चार मिनट ऐसे ही , फिर बड़े मौसा जी ने ही मेरे कान में कुछ समझाया और खुद ही मुझे उठा के जमीन पे ही पीठ के बल लिटा के गाँड़ मारना शुरू कर दिया ,... उसके मजे अलग है , आप मारने वाले को देख सकते हैं , चुम्मा चाटी , चूँची दबाने के साथ साथ वो चूस भी रहे थे , आधे घंटे से ज्यादा ही मेरी गाँड़ मारी और फिर कटोरी भर मलाई,... सब की सब पिछवाड़े,... "



माँ अब चुप हो गयी थी और सेकेण्ड राउंड का किस्सा उसने एक लाइन में समेट दिया, ... खाने पीने के बाद मैं ही शूली पे चढ़ी , तेरे बड़े मौसा के और छोटे वाले पिछवाड़े ,... पांच बजे के करीब वो लोग गए। कुछ देर तक माँ चुप रही लेकिन गीता ने बात छेड़ दी , और आपकी छोटी मौसी वाली दोनों मेरी मौसियां वो कब आयीं,... ?
Itihash gavah he gitva. Teri mahatari bhi esehi chudi. Jese sari chudti aai he. jija or nandoi. Apni chhutki ka bhog. Or fir har chhutki ki tarah teri mahtari ki vo lalkar. Or umar dhalne se pahele vahi khagad avtar.
 
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