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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Thanks so much, welcome to thread, aap jasie readers ka support hi writer ko help aur guide karta hai will be looking forward to your regular commentspls start a new story with full on incest ....from this part onwards this could be my .best story so far from my opinion
लेकिन मस्त बिल वाली है....Kya baat hai , har koi geeta ko maa ko gabhin krne ke picche pada or do round se kam koi nahi . Bade dil wali geeta ki maa
सूखी नहीं.... अंदर बाहर सब जगह से गीली... बल्कि बजबजाई हुई...Wahin me sochi ki komali ji ki story me kisi ki holi sukhi sukhi kese jaa skti hai,
कोमल रानी is always best.होली की स्टोरी लिखने में आपकी बराबरी कोई नहीं कर सकता....
जै बार पढ़ो.. उत्ती बार नयापन लगता है...
और ये जो नया प्रयोग किया है... इसमें भी आपने एक नई बुलंदी को छुआ है...
गीता और उसकी माँ तो ऐसा लगता है कि मुख्य कलाकार होतीं तो कितना अच्छा रहता...
इनके बीच का कुछ वार्तालाप.. जो पिछले चार-पांच अपडेट में आया है... वो दिल को छू गया....
ऐसी कहानियों का अभाव है इस फोरम पर...
और आप उस कमी को ऐसे रंगों से बिखेर कर इन्द्रधनुषी कर देती हैं...
अरे महा-खिलाड़िन है...“" बेटी इस का तो जवाब मैं भी नहीं दे सकती। कित्ता कोशिश करूँ, तो भी नहीं””
गीतवा को भी मालूम पड़ना शुरू हो गया की उसकी माँ उससे बड़ी या यू कहूँ की सबसे बड़ी खिलाड़ींन है
८४ आसन .. अगर कम से कम दो बार try किए जाएं तो १६८ सेशन...“”वैसे भी माँ को उस का कोई डर नहीं था क्योंकि ८४ आसन से कोई बचा नहीं था,जिसको अपने सगे भाई के साथ दो चार बार ट्राई न किया हो””
वाह बस २ ही लाईन में गीतवा की माँ और मामा की पूरे २-३ महीने के कामुक पलंगतोड़ प्यार की कहानी लिख दी
खिलाड़ी तो खिलाड़ी...“" अरे सलहज को पेलते तो सब हैं होली में गाभिन कर के छोड़ना,
और वही आँगन में , ... और सिर्फ एक राउंड नहीं ,
“”
" अरे आराम से,... निकालने की जल्दी मत करिये सब की सब मेरी गोरी गोरी मीठी मीठी भौजी की बच्चेदानी में जाना चाहिए, अगले महीने वाली पांच दिन की छुट्टी ख़त्म , एक एक बूँद रोपिये ठीक से ,... इतने दिन से तड़प रहे थे न , मड़वे में जिद किये थे की नेग में सलहज चाहिए तो अब मिल रही है सलहज तो मजे से लीजिये,... ऐसी सलहज सपने में भी नहीं मिलने वाली "
””
उफ़ ऐसा आदेश सुन के तो हर मर्द को जोश आ जाएगा , बहुत ही कामुक खेल शुरू हुआ है होली का
अरे गाभिन होगी तभी तो गितवा का पदार्पण होगा...“”अरे पाहुन जी बहुत गरमा रही तेरी सलहज आज गाभिन कर के जाओ,... आज देख लूँ , समधन का जोबन तो जबरदस्त है पूरे गाँव से मिजवाया होगा, लेकिन देखूं बेटे को कुछ दूध वूध पिलाया है की नहीं,... "”
बहुत ही गरम