धरावाहिक के हरेक एपिसोड के अंत में सस्पेंस रहता है...“”
" तू भी न पगली कभी एक बार मेरे अरविन्द का खूंटा पकड़ेगी न,... देख के लोग दीवाने हो जाते हैं माँ ने तो अगवाड़े पिछवाड़े दोनों घोंटा था, और रात में बोल रही है तू, रात दिन दोनों टाइम, बल्कि उन दोनों के चक्कर में मैं मैं भी पिसती थी। "
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उफ़ क्या पॉइंट पे रोका है अब अगले अपडेट का इंतज़ार करो बस
अगले की प्रतीक्षा के लिए...