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कुछ स्थानीय प्रथा....“”
नाग पंचमी के दिन जैसे लड़के बहनों की गुड़िया की पीट पीट के बुरी हाल कर देते हैं बस वही हाल फुलवा की उस बारी उमर की ननदिया की हो रही थी, ब्लाउज जो कस के छोटे छोटे जोबन को दबोचे था और फुलवा के गाँव के लौंडो को चुनौती दे रहा था, ज्यादातर बटन टूट चुके थे , बस एक दो बटनों के सहारे किसी तरह से ब्लाउज में जोबन छुपने की बेकार कोशिश कर रहे थे.
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ये कुछ समझा नहीं कोमल जी, जरा explain कीजिए
जैसे हम सब श्रोता हैं... मूल श्रोता छुटकी हीं है...Chhutki bhi ese wakt pe sawal puchha ki maza hi aa gaya. Maza aa gaya. Bilkul end time pe chhutki ne sawal puchha. Or sawal ke jawab ke bad sab se last me bhaiya ke khute ka deewana pan. Superb
माल भी लुगाई भी...“”
" अरे तोहरे भैया क सारे क चोदल है ये यह, ये पक्की भाईचोद , ओहि अरविंदवा बहनचोद क चोदी ओकर सगी छोट बहिन है , अभिन खुदे चोकर चोकर के सबसे कह रही थी,... "
" बहिन ना रखैल है अपने भैया क, ओकर माल है "...
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बहुत मस्ट
मुकाबला तो सही में बराबरी में हीं होता है....“”
" अरे हमरे भैया क सारे क रखैल, मुकाबला मनई मनई का होता है , ओह हिसाब से तोहरे जीजा का ही बड़ा है, हमारे भैया क , और जो उनके सारे का,... कउनो आदमी का थोड़ो है , गदहा घोडा,... बल्कि गदहा से भी बीस होगा,... लेकिन ये बात बतावा,... की तोहार महतारी कउनो पंचायती सांड़ के पास गयी थीं का गाभिन होने जो ऐसा लड़का बियाई हैं,... आदमी क जामल तो नहीं लग रहा तोहार भाई। "
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फुलवा की ननदिया भी गरम माल है![]()
गितवा कोई कम थोड़े न है....“”
" अरे हमार भैया न उसी गदहा छाप लंड से तोहार,... जो कच्ची चूत लेके आयी थी न, ... चोद चोद के अइसन भोंसड़ा बनाय के यहाँ से बिदा करेगा न की तोहार बचपन क छिनार महतारी क भोंसडे से भी चाकर होय जायेगी,.. जिसमें से तू सब भाई बहिन निकली हो न ओहु से ज्यादा चौड़ी, लौट के अपनी महतारी क भोंसड़ा खोल के नाप के देख लेना "
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उफ़ क्या जवाब दिया है गीतवा ने मज़ा आ गया![]()
बिना संगी साथी के गीत कैसा....“”
" अब इनका नंबर है गाने का, खाली चुदवाने आयी थीं का एनकर महतारी अपनी तरह से खाली बुर चोदवाना सिखाई हैं की कुछ गाना वाना,...
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मस्ट![]()
गितवा तो अपने भईया का काम बना रही है...“”
" अरे हमरे भैया क रखैल, ये पूछ कौन दिन अरविंदवा नहीं मारता, ... अगवाड़ा बच भी जाए, पिछवाड़ा नहीं बच पाता। आज जब हम रोपनी में आये हैं उसके साथ तो ओकरे पहले अस हचक के हमार गाँड़ मारा था की खड़ा नहीं हुआ जा रहा था, और तू तो हमरे गाँव क मेहमान हो, बिना तोहार गाँड़ मारे तो वो छोड़ेगा नहीं। "
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ख़ुद ही राज़ खोल देती है गीतेवा![]()
टटकी जवानी...
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" अरे खाली दीदी क ननद क गाँड़ ही मजा लेई, एनकर गाँड़ मखमल क और हमनन का टाट पट्टी वाली,... अरे जब तोहार भाई क मोटका मूसर इनकी गाँड़ में घुसी न,... तो आपन पिछवाड़ा फैलाय क पूरा खोल के हम इनके मुंह के ऊपर और मुंह बंद करने की कउनो कोशिश की तो नाक बंद, सांस लेना मुश्किल,... "
" एकदम और दुनो हाथ मैं पकडे रहूंगी,... " गितवा ने अपना रोल भी तय कर लिया,...
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मलाई की मशीन तो है.. लेकिन छेद में अंदर डाल कर छोड़ने वाली सिर्फ अरविंदवा के पास...“”
" देख शक तो सब को था, ... तभी तो मेरे पहुँचते ही सब मेरे भैया का नाम मेरे साथ जोड़ जोड़ के , भैया के सामने ही,... और ऊँगली डालते ही मेरे अगवाड़े पिछवाड़े मलाई बजबजा रही थी , और मैं भैया के साथ घर से ही मुंह अँधेरे आ रही थी , रात अभी भी ख़तम भी नहीं हुयी थी,... और घर में मेरे और माँ के अलावा भैया ही तो था , ... "
" मलाई निकालने वाली मशीन तो माँ के पास है नहीं तो मलाई और किस की होती , अरविंदवा की ही न , बस,... "
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Ufffff अति कामुक![]()