ऐसा वर्णन कहीं और नहीं मिलता... बस कोमल रानी की कृपा है...“”
कैसे सरसराते गन्ने के खेतों के बीच में हाथ पकड़ के खींच के ले गया,इतने ऊँचे गन्ने की दो हाथ दूर भी कोई हो पता न चले की कोई लड़की चोदी जा रही है, नीचे मिट्टी, ऊपर आसमान, ... चूतड़ से रगड़ रगड़ के मिटटी का ढेला चूर चूर हो जाता है,...
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Waaah kya explanation diya![]()