भाग ६० कबड्डी राउंड २
( पहला राउंड - भौजाई २ - ननद १ )
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पहले ब्रेक के समय हम लोग एक प्वाइट से आगे थे, ननदो की टीम के दो खिलाडी खेल से बाहर थे और हमारी ओर से एक, नंदों की एक तगड़ी खिलाड़ी, रेनू को छुटकी ने उनके पाले में जा कर छू के मारा था और कजरी हमारे इलाके में रगड़ी गयी।
पांच मिनट के इस ब्रेक में मैंने छुटकी चननिया और मिश्राइन भाभी के साथ क्विक स्ट्रेटजी सेशन किया। रमजानिया ने नैना की टीम के एक एक मेंबर का हाल खुलासा बताया।
सबसे तगड़ी थीं वो चार जो पकडने का काम करती थीं, लीला, नीलू, चंदा, और रेनू। चारों उमर में बड़ी थीं, दो की तो शादी हो गयी थी, गौना नहीं हुआ था, लीला और नीलू, . चंदा थोड़ी स्थूल थी.
इन चारों का पिछले चार साल से कबड्डी में भौजाइयों कोहराने में बड़ा हिस्सा था।
रेनू बिनचुदी थी हालांकि १२ वे पहुँच गयी थी,... और उसी का चचेरा भाई कटखने कुत्ते की तरह दौड़ता था अगर कोई उसके बहन को इशारा भी करे। रेनू और चंदा बायीं साइड पे रहती थीं और नीलू और लीला दायीं ओर। रेनू को छुटकी ने उनके पाले में जा कर छू के मारा था.
नैना और गीता दोनों सेण्टर में, लेकिन जैसे ही कोई अपनी ओर वाली घुसती थी पहले तो दोनों अपनी बगल में खड़ी नई उमर वालियों को इशारा करके,... और उसके आगे बढ़ने पर नैना दायीं ओर और गीता बायीं ओर का मोर्चा सम्हालती। जब रज्जो भाभी वापस आयीं और उन्होंने देखा लीला, नीलू, चंदा खड़ी है तो बायीं ओर से बच निकलने के लिए कन्नी काट के, पर गीता पहले से अंदाज लगा लेती थी की आने वाली बच के कन्नी काट के किधर से वो वहीँ पे और उस के साथ एक दो छुटकियाँ, उसी में से एक ने उनकी साड़ी पर हाथ मारा बस उसे बचाने के चक्कर में,... वो तब भी बच जातीं एक ने लंगड़ी मारी , गिर वो लाइन की ओर रही थीं और हाथ उन्होंने लम्बा कर लिया था ऐसे क्रिकेट में बैट्समेन रन आउट से बचने के लिए डाइव मारता है,... पर गीता ने समझ लिया था पहले ही और उनके गिरते ही उनकी टांग पकड़ के घसीट लिया।
अब बची पांच छुटकियाँ, सब की सब अपनी छुटकी की उमर की एक दो और भी कच्ची। कजरी को छोड़ के बाकी सब की सब कोरी।
मान गयी मैं नैना ननदिया को, वो सोच रही थीं की पिछले साल जैसे गितवा ने भौजाइयों के साथ ये ट्रिक चली थी,.. आधी तो उस के भाई अरविंदवा की चोदी,... और अरविंदवा ने सबका हाल खुलासा गीता को बता रखा था कौन कब कैसे चुदी, बस वो कान में यही बोलती थी, कहो भौजी सुना दूँ अरविन्द भैया के साथ अमराई में का हुआ था, और सामने सबकी सास बैठीं,... बस जहाँ तीन चार भौजाइयां टूटीं, ... घंटे भर में उसने मैदान मार लिया।
बस इसी से बचने के लिए , और उन्ही पांचो को वो भेजती थी, सब की सब दुबली छरहरी बहुत फुर्तीली,... और हम अगर उनको पकड़ भी लेते तो उनके किसी राज़ की बात उनके कान में नहीं बोल सकते थे,... जो मैंने रमजनिया को टीम में जोड़ के सोचा था की सब ननदों का हाल चाल मिलेगा वो फायदा आधा रह गया था।
ये पांचो तीर के फल की तरह उसका शीर्ष धंसने वाला हिंसा, ... हमला करने भी वही आती, और जो हमारी टीम की ओर से जाती, उसे भी ललचाती, चिढ़ाती खूब अंदर तक
और जैसे ही वो चारों,... लीला, नीलू, चंदा और रेनू रास्ता रोक लेती इन पाँचों में से भी दो दाएं की ओर, दो बाएं की और साइड से खड़ी, जिधर भौजाई कन्नी काट के निकले बस वही लंगड़ी मार के गिराने में,... फुर्तीली तो सब थीं ही और एक जो बची रहती वो जिधर भौजाई मुड़ती उसके दूसरे ओर की कहीं आखिरी मिनट पर कोई कन्नी काट के, और नैना भी उसी के साथ,
कजरी के अलावा बाकी चार थीं,... कम्मो, नीता, बेला और पायल।
पहले राउंड में छुटकी ने ताड़ लिया था की ये चार ही सबसे घातक होंगी,... जो दाएं बाएं है और दीवाल बना लेती हैं और उसने उनमे से एक रेनू को निपटा दिया था. कजरी आ के फंस गयी थी। पर अब रेनू की जगह ज गीता झप्पट के ले लेती।
पर जो चीज मैं देख के भी नहीं देख पा रही थी वो छुटकी और मिश्राइन भाभी ने देख लिया था,
कपडे।
वो पांच जिनके जिम्मे हमले का काम था, ललचा के भाभियों को अंदर तक ले जाने का काम था, कम्मो, चंदा, बेला और पायल सब की सब या तो फ्राक में थीं वो भी बहुत टाइट, या टॉप और लेगिंग में,...
जिससे उन्हें भागने दौड़ने में कोई दिक्कत नहीं थी. जो चार रोकने का काम कर रही थीं उनमे एक दो टॉप लेगिंग में और दो शलवार सूट में,... हमारी ओर से छुटकी ही सिर्फ टॉप और एक छोटे से सफ़ेद शार्ट में थी, बाकी सब साड़ी में, हालांकि रज्जो भाभी के गिरते ही हम सब ने साड़ी ब्लाउज पर से हटा के फेंटे की तरह बाँध लिया था, पर फिर भी,... एक दो झिझक रही थी की फेंटे की तरह बांधने में ब्लाउज खुल जाएगा, जोबन दिखने लगेगा,... तो मैंने समझाया
" अरे अपने टिकोरे दिखा रही हैं तो हम लोगों को क्या,... "
और मिश्राइन भाभी ने बोला साड़ी उतार दो अगर ज्यादा झंझट है,...
हर बार तो भाभियाँ पहले से हार मान जाती थीं लेकिन अबकी कम से कम हम आगे थे हाँ मैं यह समझ गयी थी की मुकाबला तगड़ा नहीं बहुत तगड़ा है और हमारा ट्रम्प का पत्ता छुटकी ही है और आगे से नैना की टीम मुझे और छुटकी को मारने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। पांच मिनट के ब्रेक में हम लोगों ने फिर हिम्मत बढ़ाई और थोड़ी बहुत स्ट्रेटजी भी बनाई।
लेकिन तबतक ब्रेक का सेंशन ख़त्म हो गया था उनमे से किसी ने ये बात सुन ली और ननदों ने छेड़ना शुरू कर दिया,...
" अरे भौजी एक दिन भैया नहीं है तो ऐसे गरमा रही हो की साड़ी उतार के फेंक रही हो, घबड़ा मत अभी ब्लाउज पेटीकोट कुल उतरेगा "
लीला अपनी कुहनी दिखा के सीधे मुझसे बोली,... " अरे नयकी भौजी, आपकी ननद है न, काहें परेशान सीधे कुहनी तक पेलूँगी,... "
उसके साथ की नीलू बोली,... " अरे भौजी क बुर तू चोदना, मुट्ठी से गाँड़ मैं मारूंगी,... अइसन मस्त मस्त चूतड़, जबतक गाँड़ में मुट्ठी न जाए,... बस थोड़ी देर,... मैचवा ख़तम होने दीजिए रज्जो भाभी के साथ तो कुछ नहीं हुआ। "
छुटकियाँ कम नहीं थीं उन में से एक कम्मो बोली,...
" अरे भौजी को इतना इन्तजार नहीं होगा बहुत मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं, ... इनकी महतारी दान दहेज़ देके भेजी हैं हमरे गाँव चुदवाने, गाँड़ मरवाने और बेचारी भौजी, तरसे,... अरे अबकी आप आ जाइये पक्का नंदों के आगे देवर ननदोयो भूल जाइयेगा, एक साथ मुट्ठी घुसेगी अगवाड़े भी पिछवाड़े भी और हम सब, तेलियाई के आयी हैं की नहीं अपनी बुर और गाँड़,... जितना रात भर में झड़ती होंगी, उतना हम सब ननदें अभी झाड़ देंगे सबके सामने "
और बाहर देख रही ननदें भी चिल्लाने लगीं नयकी भौजी, नयकी भौजी,... ले लो ननदों की मुट्ठी का मजा,... अपने मायके के यारों को भूल जाइएगा,...
मुझे बहुत मजा आ रहा था, जितना मजा गारी देने में आता है उससे ज्यादा गारी सुनने में आता है,... लेकिन मैंने मिश्राइन भाभी की ओर देखा, वो भी मुस्करायीं और हाँ में सर हिला दिया, मैंने उन्हें पहले ही बोल दिया था और अब जिस तरह से लीलवा और निलुआ मुठियाने की बात कर रही थीं,... मेरी बात अब पक्की थी , पहले खाली लड़कोर ननदों के साथ दो चार बच्चे बिया चुकी हों, बुर भोंसड़ा हो चुकी हो उन्ही के साथ मुट्ठी,... वो भी मुश्किल से एक दो के साथ लेकिन अब ये सब खुद बोल रही हैं तो सब मुठियाई जाएंगी, और अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर।
कम्मो की बात का जवान हमारी ओर से गुलबिया ने दिया जिसने अभी थोड़ी देर पहले अपनी ननद कजरी की ऐसी की तैसी की थी, ललकारते हुए
" हे कम्मो छिनार अइसन चूत में आग लगी हो न तो आय जाओ अबकी, कजरी का हाल तो देखा था न उहू से दस गुना ज्यादा,... गाँव के लौंडन को भूल जाओगी ,... "
मुझे भी लग रहा थी की अबकी उन की ओर से बची हुयी चार छुटकियों, कम्मो, चंदा, बेला और पायल में से कोई आएगा और उसी तरह से रमजनिया, चननिया, चमेलिया और गुलबिया खड़ी थीं,... रज्जो भाभी के साथ जो हुआ उसका सूद के साथ बदला देने के लिए .
लेकिन हमारी सारी स्ट्रेटजी दूसरे राउंड के शुरू होते ही फेल हो गयी,
आपसे अच्छा पाठकों के नब्ज पहचानने वाला शायद हीं कोई दूसरा हो..
एकदम पाठकों की अपेक्षाओं पर खरा..
न केवल अपनी कमजोरी और उसका बचाव...
बल्कि प्रतिद्वंदी को भी कम नहीं आंकना..
और साथ में गारी देते हुए...
दर्शकों की भी प्रतिक्रिया...
सबकुछ बेजोड़... बेमिसाल...