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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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Mast planning chal rahi h..भाग (१० )
ननद, नन्दोई और छुटकी का पिछवाड़ा
थोड़ी देर मैं अलसायी रही , फिर मुझे याद आया अभी नहाना भी है उसके बाद किचेन में ,...
मैंने अलमारी से एक फ्रेश साडी ब्लॉउज पेटीकोट निकाला , फिर पेटीकोट वापस रख दिया ,...
होली का मौका हो , घर में रसिया नन्दोई हों , तो उन्हें न तड़पाना सलहज को शोभा नहीं देता ,...
एक कमरे बाद ही , नन्दोई जी का कमरा था और ननद नन्दोई की बातें साफ साफ़ सुनाई दे रही थीं , मैं एक पल के लिए रुक गयी और सुनने लगी
और किस की बात होती , मेरी छोटी बहन ,दर्जा नौ वाली , छुटकी ,
बहुत रस ले ले कर मेरी मंझली ननद और नन्दोई उसी की बातें सुनाई पड़ रही थी , दरवाजे की फांक से सिर्फ सुनाई ही नहीं पड़ रहा था , हलके हलके दिखाई भी पड़ रहा था ,
ननद रानी , नन्दोई के तन्नाए खूंटे को हलके हलके मसल रही थीं और चिढ़ा रहीं ,
" सलहज के छुटकी बहिनिया को देख के ये हालत है , ... है न ,... पिछवाड़ा कोरा है उसका लेकिन आज नहीं रहेगा , है न ये पेल देना "
" थोड़ी कच्ची उम्र की है अभी ,... " ननदोई थोड़े हिचक रहे थे , लेकिन मेरी ननद थी न पैदायशी छिनार बचपन की रंडी , उन्हें कस के उकसाया
" ये मत कहना की इस उमर के किसी लौंडे की नेकर सरका के , निहुरा के नहीं लिए हो , तो फिर गाँड़ तो गाँड़ , लेकिन एक बात हमारी भी समझ लो , एकदम सूखे , थूक वूक भले ,... कउनो क्रीम तेल की जरूरत नहीं , .... "
ननदोई जी का मूसल एक बार फिर पूरा खड़ा था और ननद उसे दबा दबा के, छुटकी के पिछवाड़े की बात कर कर के और गरमा रही थीं।
" लेकिन घुसेगा , देखा तो तूने भी जब नैना ने उसकी फ्राक उठायी थी , ऊँगली भी नहीं गयी होगी पिछवाड़े उसके ,... " नन्दोई जी फिर छुटकी की ओर से ही बोल रहे थे
" देखा था मैंने , सच बोल रहे हो बहुते टाइट है , चिपकी हुयी एकदम,... "
ननद ने स्वीकार किया लेकिन फिर से एक बार नन्दोई को उकसाने पर लग गयीं
" ये तेरी जिम्मेदारी है , कैसे पेलते हो , कैसे फाड़ते हो , लेकिन मैं बस इतना जानती हूँ , कउनो तेल क्रीम नहीं लगनी चाहिए ,... अरे ये सोचो , हम और तोहार सास दोनों उसके नैना के हवाले कर दिए हैं , फिर दो चार दिन बाद तो गन्ने के खेत में , अरहर के खेत में , ... कौन गाँव क लौंडे तेल क्रीम लेके चलते है सब पटक के बुर भी पेलेंगे , गाँड़ भी मारेंगे ,... लेकिन ये बताओ ,... ये बात तो तोहार ठीक की वो चिल्लायेगी बहुत दर्द तो बहुत होगा ,... तो कहाँ करोगे उसका निवान ,... "
नन्दोई जी चुप रहे और ननद रानी हलके हलके उनका तन्नाया खूंटा प्यार से सहलाती रहीं जैसे कुछ सोच रही हों , फिर मुस्कराते बोलीं , ...
" मेरे ख्याल से वो आम की बगिया है अपनी न , खूब गझिन बस वहीँ ,.... अपने साले के साथ ले जाना ,... और वहीँ पटक के ,... एक बात और चिल्लाये चाहे जितना लेकिन पहली बार है तो हाथ पैर भी बहुत फेंकेगी , छपटपटायेगी भी बहुत , ... बस उसी के ब्रा चड्ढी से दोनों हाथ कस के एक बार बाँध दोगे न ,... "
नन्दोई जी एकदम खुश , ननद का गाल चूम के बोले ,
" बात तो तेरी एकदम ठीक है ,... ब्रा से एकबार कस के हाथ बांध दूंगा न फिर तो वो लाख छटपटाये ,... "
Aag laga rakhi h apne is forum par komal Ji. Naam to komal hai apka but kaam apka usko Hard krna hननदिया मेरी- भाईचोद
उनके छाती पे अपनी ग़द्दर चूचियां जोर-जोर से रगड़ते मम्मी ने छेड़ा-
"हे बोल, भूँड़वे, तेरी माूँ को गदहे चोदें, अपनी महतारी और बाप की बहन के अलावा और
किसको किसको अपने घर में चोदा?
वो थोड़ा सा मुश्कुराये और किर मुझे देखकर मेरी ओर इशारा करके कुछ हिचकिचाते हुए कबूल कर लिया
“मम्मी, इसकी ननद को भी, " मेरी तो फट के हाथ में आ गयी। बड़ी मम्मी ने आज क्या-क्या पता लगाया।
मम्मी ने किर पूछा-
“क्यों शादी के पहले चोदी थी, या…”
मम्मी की काट के वो जोर से मुश्कुराते बोले-
“मैंने कित्ता बोला बोला वो नहीं मानी बोली- “शादी के बाद भैया, चाहे जितनी बार ले लो… "
चोदा तो शादी के बाद, लेकिन उसके पहले मेरे हथियार की की दीवानी थी वो।
स्कूल से हम दोनों साथ आते थे,…और आते ही कपड़े बाद में बदलते थे, वो मेरी नेकर खोल के, सीधे मुूँह में लेकर जबरदस्त चूसती थी।
पूरी मलायी गटक लेती थी।
मैं भी उसकीस्कर्ट उठा के चूसता, कम से कम दो बार पानी निकालता था उसका।
सब कुछ करवाती थी। लण्ड चूत पे रगड़वाती थी, गाण्ड पे रगड़वाती थी लेकिन बस अंदर नहीं घुसेड़ने देती थी , चूत के ऊपर से तो खूब रगड़ता था लंड मैं , बस अंदर नहीं घुसेड़नी देती थी।
मैं भी उसकी शादी के चार दिन बाद हमारे यहाँ भाई चौथी लेकर जाता है बस, मैंने उसी के बिस्तर पे पे पटक के पेल दिया ।
फिर तो क्या मायका क्या ससुराल,
और जीजू का थ्रीसम का मन था
तो कई बार तो मैंने और जीजू ने मिल के के उसकी सैंडववच बनायी…”