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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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मोल लगवाने या फिर बोली लगवाने...वो सीन भी आएगा जब ननदिया मीना बाजार जायेगी , जुबना का मोल लगवाने
लेकिन इस कहानी में नहीं, जोरू का गुलाम में, गुड्डी ननदिया,
और इन सबको पिरो कर ..सब की अपनी अपनी चिंताएं, किसान गृहस्थ के लिए तो खेत गाय गोरु
नयी चढ़ती जवानी वालों के लिए जोबन का बोझ,
सब के अपने सपने अपने डर अपनी आशाएं
आखिर शो के हीरो-हिरोइन की मौजूदगी.. सबसे जरुरी है...भाग ६९
पिलानिंग कल की,ननदों की
12,26,775
कुछ भौजाइयां भी अपने अपने घर के ओर, पर हम आठ दस लोग दूबे भाभी के घर रुक गए कल का प्लान बनाने। मैं, मंजू भाभी, दूबे भाभी, रज्जो और मोहिनी भाभी, चमेलिया, गुलबिया, रामजानिया और दो चार और लोग।
अब लग रही थी थकान, सब को भी मुझे थोड़ी और, सुबह सुबह चंदू देवर ने चोद चोद करके थेथर कर दिया था, जिस मूसल के आगे चार बच्चों की माँ भोंसड़ी वाली चिल्लाती थी, उसे दो बार मैंने घोंटा, पूरे जड़ तक वो भी हँसते मुस्कराते, अपने देवर की माँ बहिन गरियाते,... लेकिन उस के बाद जो निकली तो मेंड़ पर सीधे पैर नहीं पड़ रहे थे, फिर चुन्नू और उसके बाद कब्बडी और उसके बाद की मस्ती, और कल रात में भी कहाँ, ये भी और ननदोई जी भी, अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ नहीं बचा था,... थकान के बावजूद, मैं मुस्करा उठी,...
दूबे भाभी मुझे मुस्कराते देख के मुस्करा उठीं,... बोलीं अभी सब थकान दूर हो जायेगी,... उनके घर बाहर एक कूंवा था, कूंवा क्या कुइंया उसी ओर चरखी लगी थी,... चमेलिया से दूबे भाभी बोलीं,
" सब को एक एक डोल नहलवा दो "
बाद में पता चला की मान्यता यही थी जो ननदें,. मेरी जेठानियाँ घर गयीं थीं सब पहले नहा के ही कुछ और,... कबड्डी के मैदान की मस्ती और देवी के दरसन के बाद का असर,... लेकिन बाद में मेरे समझ में असर धुलता नहीं था,... वो रोम रोम में होकर देह में घुल जाता था, हाँ वो सब नशा थोड़ा कम हो जाता था तो रोज मर्रा की जिंदगी की ओर लौटना शुरू हो जाता था,
और जब सिर्फ भौजाइयां हों या एक दो बियाहिता ननदें,... तो मजाक का असर एकदम नए लेवल पर पहुँच जाता है, बजाय गरियाने और चिढ़ाने के सीधे देह के स्तर पर और अब सब के चिढ़ाने का सेंटर मैं ही थी, ... और सबसे ज्यादा मेरी दोनों पक्की सहेलियां, चमेलिया और गुलबिया यहाँ तक की दूबे भाभी भी ,...
कपडे तो किसी के ठीक से नहीं बचे थे, कुछ कबड्डी में फटे कुछ कबड्डी के बाद और कुछ ननदों को चुसवाने चटवाने में उतर गए, बस किसीकी फटी साड़ी का टुकड़ा किसी ने बस लपेट लिया था, बाग़ से निकलने के पहले और यहाँ नहाने के पहले वो सब भी उतर गए,... दूबे भाभी ने चमेलिया से कहा, मेरी ओर इशारा करके,
' अरे नयकी के बुर महरानी में एक डोल पानी डाल दो, बहुत गरमाई है "
चमेलिया ये मौका क्यों छोड़ती, और मैं भी,... मैंने जाँघे अच्छी तरह फैला दीं और चमेलिया डोल का पानी सीधे जांघों के बीच डालती मुझे चिढ़ाते दूबे भाभी से बोली,
" ये हमरी जेठानी और तोहरी देवरानी क बुर महारानी का गरमी कल जब देवरन का पानी से नहाइएं न तब सांत होई। आठ दस देवरन क मलाई पड़ी ऊपर तक बजबजायी न तभी कुछ ठंडक पहुंची "
" अरे हमार एकलौती देवरानी, तोहरे मुंह में घी गुड़,... हमार देवर रोज तोहें रगड़े,... कउनो दिन बिन मलाई के न जाये"
मैं चमेलिया से हँसते हुए बोली। मेरे बगल में मोहिनी भाभी को गुलबिया पानी डाल के नहला रही थी,... मैंने सीधे अपनी जेठानी की बिल में रगड़ते हुए गुलबिया से कहा,
" तू पानी डाल हम दोनों की जेठानी है, मैं रगड़ रगड़ के नहला दे रही हूँ " और दो ऊँगली अंदर घुसेड़ दी.
रमजानिया दुबे भाभी को नहला रही थी, उनकी बिल पे हथेली से रगड़ती चिढ़ा रही थी, आज तो ननदन क ऊँगली गयी है,... कल देवर क लंड जाएगा,...
मैंने भी छेड़ा, वैसे तो उमर में हम लोगों से काफी बड़ी थीं, मेरी सास से दो चार साल ही छोटी होंगी,... पर मज़ाक के मामले में एकदम समाजवाद चलता है,...
" भौजी आप सबसे बड़ी हैं,... तो आप पहले बता दीजिये कौन देवर पसंद है, हम लोग उधर मुंह भी नहीं करेंगे सीधे चढ़ा देंगी,... "
" अरे नयको इहो पूछने की बात है,... भौजी सबसे बड़ी हैं तो जिसका सबसे बड़ा होगा, सबसे कड़ा होगा,... बस उसी को चढ़ा देंगे और जो सबसे छोटी होगी,... " रज्जो भाभी ने बोला
लेकिन कहीं वो मेरा नाम न ले लें तो मैं उनकी बात बीच में काट दी और बोली,
" सही कहा आपने, चमेलिया सबसे छोट है, गाँव में हमारी अकेली देवरानी, हमरे बाद गौने उतरी है है,... ओहि के जिम्मे ये काम रहेगा, देवरन क नाप जोख कर के,... सीधे हम सबकी जेठानी के ऊपर,... "
चमेलिया ने एक डोल पानी सीधे दूबे भाभी के जांघ के बीच में डाला और बोली मंजूर,
"अपने जेठानी के लिए ये कौन बड़ा काम है, और एक से का होगा, तीनो छेद के लिए तीन पकड़ के लाऊंगी,... जैसे आज ये पानी जा रहा है वैसे कल हमरे देवरन क मलाई से नहलाईब,..."
मोहिनी भाभी सबसे पहले नहां के निकली, ... अभी कुछ सरम लाज का मामला नहीं था, मर्दों को आने में अभी भी घंटे दो घंटे की देर थी, सास सब, उन को हाँक के मेरी सास हम लोगों की छावनी ले गयी थीं अभी गाँव में हमी लोग थे,... मोहिनी भाभी का घर दूबे भाभी के घर से एकदम सटा था वो आधी बाल्टी गरम गरम चाय, ... और हम सब लोगों के लिए साड़ियाँ ले आयीं,...
हम सब लोग दूबे भाभी के घर में नहा के पहुंचे थे की थोड़ी देर में गुलबिया और मोहिनी भाभी चाय और कपडे,... कपडे में सिर्फ साड़ी थी,... बस हम सब लोगों ने देह में लपेट लिया,... चाय पी के फुर्ती आ गयी,...
पहला सवाल ये था की कौन कौन आएगा, कल
सबसे पहले मंजू भाभी ने बोला की वो नहीं आ पाएंगी,
मुझे पहले लगा शायद चुन्नू के चक्कर में, जैसे मैंने बेला की गाँठ चुन्नू से जोड़ने का तय किया था,.... वो अकेला लड़का था जिसे वो बचपन से राखी बांधती थी, न बेला का कोई भाई, न चुन्नू की कोई बहन,... और रिश्ते में चचेरी बहन ही लगती थी,.... दोनों सुकुवार,... तो जब मैंने मंजू भाभी से पूछा की कल चुन्नू को ले आऊं,... तो मुझे बहुत जोर की डांट पड़ गयी, वो एकदम असली जेठानी के रूप में आ गयीं। बोलीं तोहार देवर है की नहीं
सम्हल के बोली मैं,...एकदम है। आज ही तो मैंने उस हाईस्कूल वाले की नथ उतारी थी सुबह सुबह।
" तो मुझसे काहे पूछ रही है ? " मुस्कराते हुए बोलीं फिर जोड़ा लेकिन तोहरे हवाले रहेगा, तोहार जिम्मेदारी,...
मैं समझ गई उनकी बात और हँसते हुए बोली, आप चिंता मत करिये, कल वो लौंडे से पूरा मरद बन जायेगा,... असली सांड़ "
लेकिन मंजू भाभी के न आने का कारण दूसरा था वो उन्होंने मुझे बाद में अलग से फुसफुसा के बताया,...
" कल तोहरे जेठ आ रहे हैं तिझहरिया में, और यह गाँव के मर्दों को तो तुम जानती ही हो उन्हें एक ही चीज चाहिए और सब के सब एकदम सांड़ हैं,... और वो तो महीने में एक बार आते हैं चार दिन की छुट्टी इकट्ठे लेते हैं,... पहले पूछ लेते हैं की मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी तो नहीं चल रही है और आते ही चालू तो कल दिन में थोड़ा सो लूंगी उनके आने के पहले, तुम हो, दूबे भाभी हैं कल देख लेना। "
तो हमारी कबड्डी टीम के ११ में से ५ कल नहीं आने वाले थे, ...
६ जो आने वाले थे, दूबे भाभी, मोहिनी और रज्जो भाभी, मैं, चमेलिया और गुलबिया।
छुटकी के आने का सवाल ही नहीं था न तो वो भाभी थी न ननद और वैसे भी उसका दूसरा प्रोग्राम चल रहा था, मंजू भाभी मेरे जेठ के आने की तैयारी करेंगी। चननिया पहले ही चली गयी बगल के गाँव में किसी की भैंस बियाने वाली थी आज रात बिरात। रमजानिया को भी कुछ काम था, वो आएगी लेकिन आधे एक घंटे में उसे जाना था, उस की भी कहीं बुलाहट थी.
हाँ बाकी भौजाइयों में कुछ के आने की बात थी लेकिन दूबे भाभी बोली, उनकी चिंता हम लोग न करें कुछ न कुछ सबसे बाद में उनके बारे में सोच लेंगे, लेकिन पहले ननद और देवर,
कुछ जोड़ियां ऊपर बनती हैं...ननद और देवर
जोड़ियां बहनिया और भाई की
हाँ बाकी भौजाइयों में कुछ के आने की बात थी लेकिन दूबे भाभी बोली, उनकी चिंता हम लोग न करें कुछ न कुछ सबसे बाद में उनके बारे में सोच लेंगे, लेकिन पहले ननद और देवर,
" एकदम और किस कुँवारी की कौन फाड़ेगा ये तय कर लेते हैं " मैंने भी उनकी बात मान ली।
सबसे बड़ी बात ये थी की पहले जो हम लोगो ने सोचा था बिन चुदी नंदों की संख्या दस के आसपास होगी और उन सबको उनके सगे चचेरे भाइयों से ही फड़वा जाएगा। पांच बिन चुदी लड़कियां तो कबड्डी की टीम में ही थीं और रमजनिया को सब का हिसाब पता था, कम्मो, पायल नीता और बेला तो खैर उमरिया की बारी थीं, लेकिन रेनू जिस उम्र की थी, इंटर में पढ़ रही थी उस उमर की बिना फड़वाये लड़की तो इस गाँव क्या आसपास के दस बीस गाँव में नहीं होगी। लेकिन पहले रमजनिया और बाकी भौजाइयों से पता चला की उसका चचेरा भाई कमल, एकदम कटखने कुत्ते की तरह,... एक लड़के की तो उसने सच में टांग तोड़ दी थी, बस इसलिए वो बची थी.
बाहर बैठी नन्दो में पांच का हम लोगो को अंदाजा था, लेकिन नैना ने बताया की उसनमे से मीना की चार पांच महीने पहले फट चुकी है,... गाँव के किसी लड़के से नहीं इसलिए किसी को पता नहीं, वो अपने ननिहाल गयी थी वहीँ उसके ममेरे भाई से,... लेकिन उसके अलावा कोई और नहीं चढ़ा है अभी, हाँ बाकी चार सच में कुँवारी है.
लेकिन हिसाब गड़बड़ हुआ वो पांच लड़कियां जो अभी पिछली होली के बाद रजस्वला हुयी थीं, और जिन्हे आशीष मिला था, जिनके बारे में दूबे भाभी ने बोला था की भभूत लगने के बाद तो इनपर ऐसा लंड का भूत चढ़ेगा,... जितनी मलाई घोंटेंगी ये सब उतनी ही चूत में जनम जिंदगी के लिए आग लगेगी, कभी भी टांग सिकोड़ने की सोचेंगी भी नहीं,...
" तो सबसे पहले चौदह कुंवारियों को चुदवाने का प्लान " हंसती हुयी रज्जो भाभी बोलीं।
और दूबे भाभी ने हम लोगों की समस्या का हल कर दिया एक नीतिगत निर्णय से,...
और हम सब ध्यान से सुन रहे थे,
" न जाने केतना साल बाद भौजाई कुल जीती हैं तो बरस बरस की साध तनी ठीक निकलनी चाहिए,... फिर कउनो ननदन क महतारी कुल तो गाँव में भी नहीं रहेंगी,... फिर तो एकदम,... जब तक रोई रोहट न हो, चमरौटी भरौटी तक ननदन क चीख पुकार न जाए, तब तक का मजा,... तो जितने नंबरी चोदे वाला हैं, ... कउनो बचना नहीं चाहिए, सब हाजिर हों,... और जइसन मौका हो ननद चढ़ाओ सबन के ऊपर,... सबसे पहले ये जो नंबरी चोदू हैं, जितनी खेली खायी ननदिया हैं , उनके ऊपर, अइसन वइसन से तो उन सबो को पता भी नहीं चलेगा,...
" या तो बड़ी उमर वाली हैं भले अभी तक न चुदवायी हों, ... " मेरे मन में रेनू और उसका चचेरा भाई कमल था.
" एकदम,... " और दूबे भाभी ने अपनी बात जारी रखी,... और जो एकदम छुटकी है, नयकी तनी ध्यान से, रोई रोहट तो होये लेकिन हदस न जाए सब,... तो उनकर भाई,.... और जो सब जरा आराम आराम से करें,... हाँ लेकिन एकबार सील खुल जायेगी न तो खून खच्चर हो जाएगा तो दूसरी तीसरी बार वो नंबरी चोदू को जो रुवा रुवा के चोदे,... "
" जो सब छुटकी बाहर से बहुत गरिया रही थीं उन सबकी उतने ही तेजी से चीख निकलनी चाहिए,... " रज्जो भाभी ने भी हाँ में हाँ मिलाया और समझाया।
" लीलवा की छुटकी बहिनिया बहुत बोल रही थी रुपवा " मोहिनी भाभी ने रूपा का नाम नोट कराया।
दूबे भाभी ने उलटे बॉल मोहिनी भाभी की ओर छोड़ दी,... " अरे तो वो तोहरे हवाले,... उहो और लीलवा दूनो नम्बरी चोदू ढूंढ के रखना।
लेकिन रमजनिया बात को खींच के पटरी पर ले आयी,
" दर्जन भर से ऊपर चोदू आने चाहियें,... बित्ता से बड़ा जेनकर खूंटा हो , लेकिन भौजी अब एतना ख़ुशी का मौका है, आपन गोली वाला पिटारा खोल दिया,... फिर तो कउनो पांच छह बार से कम, और सिधवा भी चोदू हो जाएंगे। " दूबे भाभी से हँसते हुए वो बोली।
मेरे अलावा सब को पिटारे का खेल मालूम था अब सब औरतें दूबे भाभी के पीछे पड़ गयीं,...
सब मर्ज की एक दवा.. दूबे भाभी का इलाज और उनकी जड़ी-बूटियां...दूबे भाभी का पिटारा , रमजनिया की बूटी
लेकिन रमजनिया बात को खींच के पटरी पर ले आयी,
" दर्जन भर से ऊपर चोदू आने चाहियें,... बित्ता से बड़ा जेनकर खूंटा हो , लेकिन भौजी अब एतना ख़ुशी का मौका है, आपन गोली वाला पिटारा खोल दिया,... फिर तो कउनो पांच छह बार से कम, और सिधवा भी चोदू हो जाएंगे। "
दूबे भाभी से हँसते हुए वो बोली।
मेरे अलावा सब को पिटारे का खेल मालूम था अब सब औरतें दूबे भाभी के पीछे पड़ गयीं,...
गुलबिया ने मेरे कान में किस्सा बताया,... पिटारे का.
दूबे भाभी के पिता जी जबरदस्त वैद्य थे, कई जिले में मशहूर,...और ये उनकी अकेली बेटी तो काफी वैद्यक सीख गयी थीं, फिर हिमालय से लाया गया असली शिलाजीत,...
अपने मायके से लायी थीं,... और उसी की गोली,... बस गाँव में कोई भी औरत,... अगर उस का मरद परदेस से आया और कुछ ढीला हुआ तो वो सीधे दूबे भाभी के यहाँ, लेकिन वो बहुत ठोंक बजा के पूछ ताछ कर के बड़ी मुश्किल से एक गोली देती थीं, लेकिन असर पक्का होता था,... बकरा सांड़ हो जाये,... जिसका चूसने पे भी न खड़ा हो वो जीभ पे पड़ते ही फनफना जाता था, और चढ़ने के बाद आधे घंटे से पहले उतरता नहीं था
दूबे भाभी न सिर्फ मान गयी बल्कि उन्होंने खजाने का मुंह खोल दिया, लेकिन रमजानिया को भी साथ साथ लपेट लिया,...
" ठीक है, ठीक है,... गोली भी दूंगी और भस्म, और लेप भी,... लेकिन आपन गुन ढंग काहें को छिपाई हो, कल उसका भी असर मालूम होना चाहिए,... "
और रमजनिया का ये गुन मैं जानती थी, मैं क्या सारा गाँव,...
जड़ी बूटी पहचानने में उसकी आँखे बहुत तेज थीं और बीस पचीस कोस दूर एक जंगल था वहां से भी चुन चुन के वो लाती थी ,
ऐसी बूटियां जो सिर्फ पूनो की रात में ही चुनी जाती हैं,... कोई दवा गोली मरद का कड़ा कर देगी, स्तम्भन की ताकत बढ़ा देंगी,...
लेकिन रमजनिया की जड़ी का असर था,... जो दो बार में टे बोल जाते थे वो भी चार पांच बार तो कम से कम,... और असली बात तो यही थी , ननद भौजाई मिला के देवरों के दूने नहीं तो डेढ़ गुने और हर ननद पर कम से कम तीन बार चढ़ाई तो होनी ही थी, भौजाइयों का भी मन तो करेगा ही,...
फिर आज की तरह कुल होली की मस्ती ५-६ घंटे चलनी थी,... रमजनिया के पास मोहिनी मन्त्र पढ़ा हुआ कामचूर्ण भी था,...
जिस लड़की को जरा सा चटा के उसके यार को चढ़ा दो बस जिंदगी भर वो खुद उससे चुदवाने भरी बारिश में दौड़ी चली आएगी। जिस लड़की औरत को उसकी बूटी का रस पिला दी, काम में माती रहेगी, अगर कोई लौंडा जरा भी ना नुकुर किया तो चढ़ के चोद देगी।
दूबे भाभी ने मुझसे पूछा कित्ते देवर होंगे तुम्हारे,... तो मैं हंस के बोली भौजी दो दर्जन से कम का होंगे,...
और फिर मैंने नैना से जो बात हुयी थी बिना उसका नाम लिए जस का तस बता दी,...
नैना ने चार पांच और देवरों के नाम बताये थे
जो सब सात इंच से तो ऊपर ही थे, मोटे भी अच्छे खासे लेकिन सबसे असली बातें दो थीं, एक तो सब के सब लम्बी रेस के घोड़े, बारह पंद्रह मिनट से पहले डालने के बाद,... चाहे अगवाड़े का छेद हो या पिछवाड़े का, फुल स्पीड से,... रगड़ाई करते हैं,... और उससे भी बड़ी बात एक से उनका मन नहीं भरता, पांच छह को तो निबटाएंगे ही,...
दूसरे जो भाइयों का चक्कर था उसमें भी उसने कुछ सहायता कर दी थी, ये आइडिया उसको भी अच्छा लगा था की जितनी कुंवारियां हैं उनके ऊपर जिसके जिसके सगे हैं नहीं तो चचेरे, रिश्ते के भाई सबके सामने उन्ही से फड़वाएंगे,...
टीम में जो थीं उंनका जुगाड़ तो हो गया था लेकिन बाहर जो बैठी थीं उनके बारे में भी नैना ने बता दिया था दो के सगे भाई है लेकिन थोड़े शर्मीले, कुछ जोर जबरदस्ती करनी पड़ेगी पर हैं नंबरी चोदू अभी घास वालियों पर हाथ साफ़ करते हैं और दो के चचेरे हैं,...
दूबे भाभी ने फिर रमजनिया को काम पे लगाया,
"सुन अभी लौटेगी तो चंदा से मिल लेना उसके मोच की दवा दे देना और उसमें थोड़ा अपनी बूटी भी मिला देना ,.. और उस के तो कितने दर्जन यार होंगे उसमें से जितने बित्ते भर वाले होंगे, पांच दस, सब को बुलौवा दे देगी वो,... एक भी नहीं आया न तो बोल देना उसको,...."
हम लोग निकलने ही वाले थे की दूबे भाभी को कुछ याद आया, रमजानिया से बोलीं, अरे उ आशा बहू को बुलाया था आयी की नहीं
" आयी हैं बाहर बैठीं है,... " किसी ने बोला,
" अरे तो बुलाओ न, यह गाँव की नहीं है तो का हुआ लगेंगी तो भौजाई ही " दूबे भाभी ने हँसते हुए कहा।
पहले छोटी सुई से प्रैक्टिस .. फिर मोटी सुई...आशा बहू और अंतरा
हम लोग निकलने ही वाले थे की दूबे भाभी को कुछ याद आया, रमजानिया से बोलीं, अरे उ आशा बहू को बुलाया था आयी की नहीं
" आयी हैं बाहर बैठीं है,... " किसी ने बोला,
" अरे तो बुलाओ न, यह गाँव की नहीं है तो का हुआ लगेंगी तो भौजाई ही " दूबे भाभी ने हँसते हुए कहा।
आशा बहू के आते ही मैं पहचान गयी, उन्ही के साथ तो मुझे मेरी सास ने भेजा था, आने के हफ्ते भर बाद ताम्बे का ताला लगवाने,... कहाँ गोली ओली के चक्कर में पड़ी हो, मेरी सास बोलीं मुझसे,... और उसी दिन से दोस्ती हो गयी थी, मैंने उन्हें जेठानी मान लिया था और उन्होंने देवरानी,... फिर तो सब ननदों की, गाँव की लड़कियों की बातें,... किस लड़की की चूत पे कितने बाल है ये भी आशा बहू को मालूम था, बड़ी मजाकिया, हंसमुख, मिलते ही दोस्ती और फिर पेट का राज उगलवा लेने में माहिर,... उमर में मोहिनी भाभी की समौरिया होंगी, मुझसे तीन चार साल बड़ी,...
" अरे कल तोहार बहुत जरूरत पड़ी,... सुबह वही बड़की आम वाली बगिया में पोखरा के बगल वाली, बस वहीँ दस बजे के आस पास,... और ये बतावा ,... वो जो सुइया लगाती हो, का तो बोलते हैं,... " दूबे भाभी सीधे मुद्दे पर आ गयीं।
" अंतरा, एक बार लगवाओ,.... तीन महीने अपने यारों से लगवाती रहो,... वही वाली न "
हँसते हुए आशा बहू बोली, वो हंसती थी गालों में गड्ढे पड़ जाते थे और कितने बड़े बड़े डाक्टर अफसर उन गड्ढो में डूब चुके थे।
" हाँ हाँ वही, तोहरे ननदन के लिए चाही,... केतना होगी तोहरे पास,... " दूबे भाभी ने बात साफ़ की।
" बीस तो होंगी ही लेकिन चाही केतना " आशा बहू ने पूछा।
"तीस के आसपास तो होंगी की कम से कम "
मैंने झट से जोड़ा, पंद्रह तो कच्ची कलियाँ ही थीं जिन्हे फूल बनना था कल,... और पंद्रह बीस कम से कम और, कुछ ने ताला लगवा रखा होगा, तो तीस तो मैंने सोचा।
" अरे तो मैं चालीस पैंतालिस ले आउंगी,... हेल्थ सेंटर में आज ही नया स्टॉक आया है,... रात में जा के खुलवा के ले आउंगी,... कोई बात नहीं चिंता की,... " वो हँसते हुए बोली,...
" लेकिन तुम्ही को लगाना है " दूबे भाभी ने काम उसका साफ साफ बता दिया,
" अरे एकदम भौजाई काहें के लिए हूँ, पहले भाभी से पतली सुई लगवाएंगी,... फिर बाद में अपने भाइयों से बिना डर के मोटी सुई,... और मैं सेंटर जाउंगी ही अपनी फटफटिया से तो वहाँ एक नयी मिडवाइफ आयी है, पहली पोस्टिंग,... उसको भी बैठा के ले आउंगी,... दो लोग रहेंगी तो झटाझट हो जाएगा कल मिलती हूँ दस बजे " वो बोल के निकल गयी.
बाकी मेरी जेठानियाँ कल की प्लानिंग पे बात कर रही थीं,
दूबे भाभी एक कोने में मुझे हल्की आवाज में जो साड़ी आसीर्बाद में मिली थी उसके बारे में बता रही थीं,..
" बहुत असर होता है इस साड़ी का. लेकिन असर पूरा तब ही होगा जब इस साड़ी के अंदर कुछ नहीं पहनोगी, न बिलाउज न पेटीकोट,... "
" मतलब साड़ी एकदम देह से छूती रहे,... " उनका मतलब समझ के मैं भी हलके से बोली,...
" हाँ तभी तो उसका असर पूरी देह में रिसेगा, और घंटा दो घंटा में वो असर हो जाएगा,... की मरद हो औरत हो, लड़की हो, ... आँख मूँद के बात मानेगी, दूर से एक झलक देख के भी लौंडों का तनतना जाएगा। और उसके साथ सिंगार पटार पूरा हो एकदम सुहागिन वाला,... उसमें कोई रोक नहीं है, लेकिन कपडा कुछ नहीं और साड़ी ढीली नहीं देह से एकदम चिपकी,... " दूबे भाभी ने बोला,...
लेकिन एक बात उन्होंने नहीं बताई थी की जितना असर लौंडो पर होता था उतना ही मेरे ऊपर भी होगा, काम की ज्वाला दहकेगी।
उसी साड़ी में तो मैंने छुटकी को जो भभूत मिला था वो भी मैंने बाँध रखा था,... चलने के पहले रमजनिया को मैंने बोल दिया की रस्ते में गीता के यहाँ छुटकी होगी, उसको बोल देने के लिए की कुछ भी हो कल सुबह दस मिनट के लिए आठ बजे घर आ जाए।
जब मैं घर पहुंची तो ननद ने खाना करीब करीब बना लिया था पर उनके भैया अभी नहीं आये थे।
लेकिन रात की बात बाद में,
अभी कल की बात, ... जिसके लिए इतनी प्लानिंग हुयी थी, देवरों और ननदों की बात ,
लेकिन घर पहुँचने के पहले ही मेरी मुलाकात हो गयी, रेनू की चाची और कमल की माँ से,...
और क्या खूब बरसा...रेनू और कमल
लेकिन घर पहुँचने के पहले ही मेरी मुलाकात हो गयी, रेनू की चाची और कमल की माँ से,...
वैसे तो उन का घर पूरब पट्टी में था और दूबे भाभी के घर से मेरे घर के रस्ते में नहीं पड़ता लेकिन मैं रज्जो भौजी को घर छोड़ते हुए जा रही थी और रज्जो भौजी का घर रेनू के घर के बगल में ही था, उन्होंने बोला भी था की सुबह वो रेनू को ले के आएँगी, बस , तो बस जैसे ही मैं रज्जो भौजी के घर से निकली उसी समय. रेनू की चाची, निकली,
घर, चूल्हा तो एक ही था,
मुझसे ज्यादा भेट मुलाकात नहीं थी लेकिन पहचानती तो थी ही. लगती तो मेरी सास ही थीं,... झुक के मैंने उनका पैर छूने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पकड़कर उठा लिया और अँकवार में भर लिया,...
जबरदस्त जोबन, खूब गोरी, लम्बी मेरी इतनी हो होंगी, ५-५ के आस पास, और बहुत हंसमुख,... और अपने उभारों से मेरे उभारों को दबातीं खुश होके बोलीं,...
" आज बहुत दिन बाद तू यह गाँव का बहुओं क नाम ऊपर कर दी ,.... "
( भौजाइयों की जीत से सासें भी बहुत खुश थीं, आखिर वो भी तो हम सब की तरह इस गाँव की बहू ही थीं ) और उनके होंठ मेरे गालों से चिपक गए, जैसे हम दोनों न जाने कब की सहेली हों,... और उनकी ख़ुशी का कारण उनकी अगली बात से पता चला गया,...
" सुना है तोहार ननदिया, रेनू ( उनकी जेठानी की बेटी ) पहले राउंड में आउट हो गयी,... बहुत बोलती थी हमको कबड्डी का ये दांव आता है , वो दांव आता है दो चार भौजाई को तो अकेलवे,... "
" आपका आसीर्बाद,... " मैं सिर्फ इतना ही बोली।
लेकिन बात उनकी सही थी, नंदों की टीम की दांव पेंच के लिहाज से सबसे तगड़ी खिलाड़ी वही थी, हर साल जीत दिलवाने में गितवा के साथ उसका भी बड़ा हाथ रहता था, और ये बात हम सब लोगों को मालूम भी थी लेकिन हल ढूंढा छुटकी ने जिसने पहले राउंड में ही जब वह नंदों के पाले में गयी, झप्पटा मार कर पीछे अपनी एड़ी से छू के उसे आउट कर दिया था।
और बाद में नैना ने असली किस्सा खोला उसके कटखने चचेरे भाई कमल का, की रेनू ने उसके सामने शलवार का नाड़ा खोलने से मना कर दिया है इसलिए वो कटखना हो गया है।
पर कल के लिए प्लान मेरा यही थी की उसी कमल से उसकी बहन रेनू की नथ उतराई करवाई जाए , वो भी सब ननदों, भौजाइयों के सामने। लेकिन उसके लिए जरूरी था कल कमल, रेनू के चचेरे भाई का आना,.. नैना ने तो मुझे बोला था की वो खुद उससे बोल देगी कल की होली के लिए बगिया में पहुँचने के लिए, पर उसकी माँ मिल गयी थीं तो मैंने सोचा मैं भी बोल ही दूँ,...
" और हमार देवर कहाँ है, कल आना जरूरी है बगिया में "
" अरे नयकी भौजी क महक लग जाये तो आस पास के गाँव क देवर पहुँच जाये, वो तो पहुंचेगा ही " मुस्करा के रेनू की चाची बोलीं।
बहू और सास में भी खुल के मजाक चलता था, और होली का असर तो अभी चल ही रहा था मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा,...
" एकदम, और हमार देवर कहीं अपने महतारी के भोंसडे में जा के छिपेगें न तो वहां से भी हाथ डाल के निकाल के ले आउंगी, ... "
उन्होंने मजाक के जवाब में कस के मेरे गाल पकड़ के मीड दिए और मेरी महतारी अपनी समधन को एक खूब गंदी सी गाली दी। और बात रेनू की ओर मुड़ गयी, जो नैना का शक था वो एकदम सही निकला, ... चचेरे क्या एक तरह से सगे ही हुए दोनों, बाप तो एक ही है,.... और रेनू की चाची ने सब किस्सा साफ़ साफ़ बता दिया।
कमल के बाबू, रेनू के चाचा तो अपनी भौजाई का खेत अपनी शादी के पहले से जोतते थे, और रेनू की चाची को भी इसमें कुछ बुरा नहीं लगता था। रेनू के बाबू अकसर बाहर रहते थे साल डेढ़ साल में आते। खेत, घर सब एक , चूल्हा एक, तो जब कुछ बांटा नहीं था तो,... लेकिन देवरानी, कमल की माँ , जेठानी के पहले बियाई,
( देवर भौजाई का चक्कर चलता तो लेकिन कुछ कुछ सावधानी बरतते थे , एक दो बार पेट भी गिरवाया ) . कमल पेट में बहुत उत्पात मंचाता था और हुआ भी बड़ी मुश्किल से, और उसके बाद डाक्टरनी ने बोल दिया की अब दूसरा बच्चा नहीं हो सकता,... कमल घर का अकेला लड़का, बंश का दीपक , देवरानी जेठानी के बीच में अकेला,... तो मनबढ़ तो होना ही था। लेकिन जैसे जैसे बड़ा हुआ उसकी जिद्द की उसके कोई बहन क्यों नहीं है,... चार साल का था जिद्द कर बैठा,...
मेरी समझ में कुछ कुछ आने लगा था फिर भी मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए पूछा, तो फिर क्या आपके जेठ आये,...
रेनू की चाची बड़ी जोर से हंसी, बोली, आके भी का करते, उनके बस का कुछ था नहीं और फिर उनका शौक भी अलग था, आगे का नहीं पीछे का, वो भी लड़कों के साथ,... और मारने का नहीं,..."
" .... मरवाने का " हँसते हए मैंने उनकी बात पूरी की,... ये बात मुझे भी मालूम थी की कौन गाँव ऐसा होगा जिसमें चिकने लौंडे या लौण्डेबाज न हों,... तो रेनू की चाची ने आगे बात बढ़ाई,...
" तो एक दिन वो जिद्द कर रहा था तो मैंने उसे उसकी ताई की ओर लुहका दिया , और उनसे बोली भी,... देखिये आपका दुलरुआ है आप ही इसकी इच्छा पूरी करिये,... मुझे तो डाक्टरनी ने बोल ही दिया है कुछ हो नहीं सकता। आपके देवर इतनी मेहनत करते हैं लेकिन कुछ होना जाना नहीं हैं , हाँ अगर आप चाहें,... "
कमल को गोद में लेके प्यार करते वो बोलीं , " अरे अब हमार कुल दीपक कउनो चीज चाहें और हम मना कर दें, ... उसका तेल बुकवा वही सब करती हैं, ... '
मैंने फिर छेड़ा, और नूनी खोल के तेल लगाना भी,... पकड़ के सु सु कराना वो भी।
हँसते हुए वो बोली एकदम और अभी भी मैं कमल के सामने भी उनसे बोलती हूँ , इसकी नूनी जब थी तब तो आपने सबसे पहले पकड़ा सहलाया था , तेल लगा लगा के बड़ा किया ,... लेकिन बात ये हुयी की सावन लग गया था, बहुत दिन से मैं मायके नहीं गयी थी, तो मैं कमल को लेकर महीने भर के लिए मायके चली गयी, और लौटी तो जेठानी हमारी उलटी करती मिलीं, रोज खट्टा मांगती। "
" तो सावन जबरदस्त बरसा, रोपनी अच्छी हुयी, देवर ने भौजी के खेत में पूरी मेहनत की,... " मैंने मुस्कराकर रेनू की चाची से कहा।
" एकदम, ... दिन रात मेहनत की, और अबकी सब पानी खेत में ही जा रहा था और उस समय तो गोली वोली का भी ज्यादा जमाना नहीं था। तो नतीजा अच्छा निकला। " हँसते हुए वो बोलीं।
मैंने भी आज पढ़ना शुरू किया...