अब इस बात का जवाब नहीं हो सकता। एकदम सही कहा आपने चुप रहना ही ठीक है।
अब इस बात का जवाब नहीं हो सकता। एकदम सही कहा आपने चुप रहना ही ठीक है।
और उन लम्हों को अपनी यादों में बसा कर... अपने अरमान सजा लेता है..ekdm s
ekdm sahi kaha,
devar vaali baat bhi aur nanad vaali baat bhi
jara saa aanchal giraao, jhalak dikhla do, devar behcara ghayal,
aur Nanad ka to doosara naam hi chhinar hai, bas koyi nanad nahi bachegi, bas aapka saath rahe comment aate rhaen Nandon ki ragdayi non-stop hogi.
चीर या चूत...
सारे लोगों के अधूरे अरमान पूरे होंगे....एकदम सही कहा आपने, कमल भी तो यही चाहता है,
और रेनू की माँ और चाची भी, पुरानी रीत,... घर के आँगन में पेड़ में फल लगा तो बाहर वाला पहले क्यों खाये,
लेकिन रेनू इतनी हदस गयी, सब लीलवा की चालाकी, खुद तो लीलवा लीलती थी कमल का और रेनू के पत्ते काट दिए,
लेकिन अब रेनू और कमल के दिन बहुरेंगे,...
जैसे उनके दिन बहुरेंगे, वैसे सभी भाई बहनों के दिन बहुरें
अरे वाह... दस-पंद्रह....अगली दस पंद्रह पोस्टों में आपको इन्सेस्ट के ढेर सारे रंग दिखेंगे
लेकिन कमेंट सिर्फ हर पोस्ट पर नहीं आना चाहिए, हर पोस्ट के हर पार्ट पर तब तो मुझे पता लगेगा की मैं इन्सेस्ट लिखने की कोशिश में कितनी सफल हूँ।
ललिया की चालाकी और रेनुआ के अंतर्द्वंद्व पर वो अंतर्मन का उद्गार था...अरे ललिया तो चली गयी अपने बाबू जी, पटवारी के साथ, गाँव वालों ने तबादला करवा दिया, लेकिन अगर वापस आ गयी तो पकड़ के कहानी में घसीट के ले आउंगी और अपनी सहेली की बात भी नहीं मानूंगी
' नो वायलेंस इन लव "
लेकिन तब तक भाई बहनो का मजा लीजिये, ललिया ने जो दीवाल खड़ी की थी भाई बहन के बीच बस वो अब टूटने वाली है।
ये तो सबसे बड़ा डर था...और डर ये भी था की कच्ची कोरी कुंवारी बहन का स्वाद लगने के बाद तो दिन रात उसी कुइंया में डूबा रहेगा, ललिया का नंबर ही नहीं लगेगा
लेकिन हर मौके को आपने सही से उकेरा है...एकदम इस के प्रीक्वेल में सुनील और उसके दोस्त, देवरानी चमेलिया का साजन कल्लू, होली जिसके घर को बिना छुए निकल गयी थी,
और इसी कहानी में चंदू और चुन्नू, देवर भाभी, जीजा साली और नन्दोई सलहज का तो बरस बरस का परब है होली
आप दोनों मिलकर एक और एक ग्यारह नहीं बल्कि एक सौ ग्यारह बनाती हैं...Didi Raji ne kabhi kisi ka saath nhi chhoda ajj tak.
Aap to meri guru ho ,aapka sath bhala kese chhod sakti hu.
Ye sab aap se hi to seekha hai
.Aap ke bagair Raji ka
as writer koi wajud hi nhi hai.
Bahut hi Kamuk likhti ho Komalji aap. mazaa aa jata hai.नैना ननदिया
नैना ने अब फुसफुसा के मुझसे पूछ ही लिया, इन सबो की ऊँगली क्यों नहीं जो बारी कुँवारी हैं,... और मैंने उसे प्रोग्राम बताया की कल इन सबकी इनके सगे भाई से फड़वाई जायेगी और जिसके सगे नहीं होंगे उनके चचेरे ममेरे , जिसको भी कभी भी राखी बाँधी होंगी सब लौंडे चढ़ेंगे इन सबके ऊपर , सब के सामने,... "
मान गयी कोमलिया भौजी ( मैंने नैना को बोल दिया था वो ननद के साथ मेरी सहेली भी है तो नाम लिया करे पर ननद का हक कौन छोड़ता है तो वो नाम भी लेती थी भौजी भी कहती थी ) और यह ख़ुशी में कुछ मीठा हो जाए,... नैना बोली।
साडी तो मेरी कब की उतर चुकी थी ननदों की पकड़ धकड़ में ब्लाउज भी फट के बस लटका सा था,... और नैना ने उसे पकड़ के खींच दिया मेरे दोनों जोबन बाहर, एक मेरी ननद की मुट्ठी में और एक मुंह में,..स्साली नैना क्या मस्त चूँची चूसती थीं, साथ में मेरे निप पर अपने जीभ से फ्लिक भी कर रही थी।
मेरी ननद के जोबन बंद रहे बड़ी नाइंसाफी और है जहाँ मेरा फटा ब्लाउज जमीन पर था वहीं नैना का टॉप और अब मैं उसके जोबन कस कस के मीज रही थी एकदम जैसे उसके भैया और मेरे सैंया दबाते मसलते थे पूरी ताकत से ,...
नैना के साथ जो मज़ा आ रहा था आज तक किसी भी ननद के साथ नहीं आ रहा था, दबवा दबवा के उसके उभार बड़े हो गए थे, लेकिन थे उसी तरह कड़े और मस्त जैसे टीनेजर्स के होते हैं,
उमर में मुझसे दो साल छोटी थी लेकिन साइज में मुश्किल से १-२ का फरक रहा होगा, मैं कभी कभी हलके हलके उसके जोबन मीजती कभी कस के मसल देती और उसकी सिसकी निकल जाती तो मैं मटर के दाने के बराबर उसके निपल पकड़ के कभी पुल कर लेती तो कभी नोच देती,... और वो सिसक उठती।
मेरे मुंह में उसकी जीभ घुसी हुयी थी और मैं मस्ती में चूस रही थी,... जब पल भर के लिए हम दोनों के होंठ अलग हुए तो खुश होके नैना बोली,...
" भौजी,... स्साले किसी लौंडे के साथ भी इतना मजा नहीं आया जितना आज तोहरे साथ आ रहा है,... अगले जनम में तू हमार मरद हम तोहारऔरत,... "
कचकचा के उसका गाल काटती मैं बोलीं,... " यार देर कर दी,... अब तोहरे भैया के साथ सात जन्म का तो पक्का है पर आठवे में हम मांग किये हम मरद और वो हमारी दुलहिनिया, फिर उन्हें रगड़ रगड़ के चोदुंगी, गाँड़ मारूंगी,... हाँ नौंवे जनम की बात,... लेकिन इतना इन्तजार कौन करेगा, यही जन्म में,... लूटूँगी न तोहार भरतपुर,... "
और मेरे हाथ पलभर के लिए उसके जोबन से हटे और उसकी लेगिंग सरक के नीचे, और मेरा वो हाथ सीधे चुनमुनिया पे स्साली मक्खन मलाई, एकदम चिक्क्न,... कोई कह नहीं सकता था सैकड़ों मूसल इसके अंदर घुस चुके हैं,... और इस मामले में वो मुझसे मीलों आगे थी, मेरे तो सब देवर ननदोयी जोड़ के भी दस नहीं पूरे हुए थे,...
नैना ननदिया की लेगिंग नीचे सरकी और मेरा पेटीकोट ऊपर
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उफ्फ्फ, ओह्ह्ह उह्ह्ह्ह,.... क्या मस्त नैना ननदिया ने ऊँगली पेली मेरी बुरिया में, एक साथ दो, एक पर एक चढ़ा के,... होली में ससुराल में कितनी ननदों, जेठानियों, यहाँ तक की मेरी सास ने भी खूब ऊँगली की थी,... पर जो मजा इस की ऊँगली में,...
सिर्फ आगे पीछे, आगे पीछे नहीं, बल्कि हलके हलके गोल गोल और लग रहा था नैना की उँगलियों में कुछ अलग से जान है,... मेरी प्रेम गली की अंदर की दीवारों को कभी कभी वो हलके हलके टैप करती, कभी चम्मच की तरह ऊँगली मोड़ के रगड़ देती, कभी कैंची की फाल की की तरह दोनों उँगलियाँ फैला देती,...
न झड़ने की जल्दी मुझे थी न झाड़ने की उसे,... नैना को जैसे मेरी देह के एक एक नर्व एंडिंग के बारे में पता हो, जैसे सितार बजाने वाला कोई उस्ताद जाने की तार को किस जगह छेड़ने पर कौन सा सुर निकलेगा,... बस उसी तरह,... सितार के साथ जैसे तबले की ताल हो,... नैना का दूसरा हाथ मेरे खुले जोबन पर, कभी जोर से थाप देता तो कभी बस छू देता,...
कौन कहता है लड़कियां आपस में मजे नहीं ले सकतीं, आखिर ननद भौजाई के रिश्ते में इतना रस क्यों है, एक थोड़ा खेली खायी एक जवानी की दहलीज पर खड़ी किशोरी, कभी लजाती कभी ललचाती, कभी पर्दा उठा के हलके से झांकती तो कभी सोचती ये क्या कर रही हो,...
और नैना के साथ मैं भी चालू थी, पहले तो मैं अपनी ननद की चुनमुनिया को बस अपनी हथेली से हलके हलके रगड़ रही थी और धीरे धीरे एक तार की चाशनी नैना की रसीली बुरिया से निकलने लगी, फिर मैंने रगड़ने मसलने की रफ्तार बढ़ा दी और जब नैना ने अपनी ऊँगली मेरी बिल में तो मैंने भी दो नहीं एक साथ तीन ऊँगली पेल दी,... हम दोनों मस्ती कर रहे थे, चारो ओर क्या हो रहा है उससे बेखबर,... कभी मस्ती में आँखे बंद हो जातीं कभी चूमा चाटी
लेकिन जो ननदों की आपस में कुश्ती चल रही थी वो भी मस्त थी, नैना ने ही मेरा ध्यान उधर खींचा
लीला के साथ पायल, नीलू के साथ बेला, रेनू के साथ नीता और कजरी और कम्मो