Premkumar65
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Kachhi kaliyon ki kushti ka mazaa alg hi hai. Bahut achha chitin kiya hai.ननदों की कुश्ती
नीलू और बेला
लेकिन जो ननदों की आपस में कुश्ती चल रही थी वो भी मस्त थी, नैना ने ही मेरा ध्यान उधर खींचा
लीला के साथ पायल, नीलू के साथ बेला, रेनू के साथ नीता और कजरी और कम्मो
मैंने नैना से पूछा किस जोड़ी का निबटारा पहले होगा, और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला
नीलू और बेला की
सब लोगों की आँखे भी उसी कुश्ती पे लगी थीं,...
बेला न सिर्फ उमर में बाकी सब से बारी थी, यह सोचिये कजरी, गुलबिया की ननद छुटकी से साढ़े पांच महीने छोटी थी और बेला उससे भी चार पांच महीने,...
जब कपडे उसके फटे तो उसके उभार देख सब भौजाइयों के मुंह से सिसकी निकल गयी ,... जैसे हलवाई की कड़ाही से ताज़ी ताज़ी जलेबिया बस अभी छानने के लिए डाली हों, हल्की सुनहली हो रही हों,... और चारों ओर सब इन्तजार कर रहे हों कड़ाही से निकलने का,
बस सूरज निकलते समय जो ललछौंहा होता है , उसी तरह के कच्चे टिकोरे, बस बौर से कच्ची अमिया बन ही रही थी ... मारे देखा देखी जिससे सब समझे की वो भी अब बड़ी हो गयी महीने भर पहले ही उसने ढक्क्न लगाना शुरू किया था,... शक्ल देख के लगती थी,... दूध के दांत भी न टूटे होंगे, ... गोरी इतनी की , गोरी भी नहीं,... दूध के कटोरे में कोई दो बूँद ईंगुर डाल दे, एकदम बेला की कली जो बस अब तब में खिलने वाली हो,...
और चुनमुनिया भी एकदम चिपकी, दोनों दरवाजे कस के चिपके, कोई सगी भौजाई थी भी नहीं जो पहले दिन से ऊँगली करती,... और होली में भी हम सब से बच गई थी, कच्चे सूत के धागों की तरह दो चार झांटे, काली नहीं भूरी उसी के रंग की तरह जो बड़ी मुश्किल से दिखती थीं, अभी बस आ ही रही थीं,
लेकिन अपनी उमर की लड़कियों की तरह, बल्कि उन सबसे आगे छटकती बहुत तेज थी,.. कभी कभी कोई भौजाई पकड़ भी लेती तो बस सट्ट से फिसल के निकल जाती, हाथ पैर भी अच्छे निकले थे, कभी भागने दौड़ने का उसके स्कूल में हुआ तो हरदम नंबर वन,...
और बेला का मुकाबला जिससे था नीलू, ननदों में छटी छिनार, शादी तो डेढ़ साल पहले हो गयी थी, जेठ में गवना था, बहुत ताकत थी उसके देह में में,... और जोबन भी खूब दबवा दबवा के गदरा गए थे, ...
भरौटी, अहिरौटी, चमरौटी कोइराना कोई जगह नहीं बची थी जहाँ उसके दो चार यार न हों,...
शुरू में तो बेला सट्ट से निकल के कभी उछल के नीलू की पकड़ से बचती रही, और एक बार नीलू ने पकड़ भी लिए तो वो पलट गयी तो लाख कोशिश नीलू करे वो पेट के बल ही और दोनों टाँगे भी बेला ने कस के फंसा रखी थी जिससे उसके बीच से नीलू अपना हाथ न डाल सके,... दो मिनट तो इसी में निकल गए लेकिन जब हाफ टाइम, ढाई मिनट मोहिनी भौजी बोलीं,... तो बस नीलू ने बेला के सीने के नीचे से हाथ डाल के बस आते हुए दोनों उभार पकड़ लिए और लगी दबाने ,... पर बेला ने जमीन नहीं छोड़ी लेकिन नीलू ने शायद उसके निपल पे कस के चिकोटी काट ली तो बस एक पल के लिए बेला की जमीन पर पकड़ ढीली हुयी और नीलू ने दोनों हाथों के जोर से उसे उठा के सीधा करने की कोशिश की,
बेला एक बार फिर सटक के निकल गई और इस बार वो नीलू के ऊपर, और उसकी हथेली नीलू की जम के चुदी बुर पे,...
सब भौजाइयां, ननदें एक साथ हल्ला कर रही थीं,हाँ बेलवा पेल दे , बेलवा पेल दे,...
बेला का हाथ नीलू की दोनों जाँघों के बीच और कोई भी लड़की सनसना जाए , बस नीलू की जाँघे खुल गयी और बेला ने दो उंगलिया
लेकिन उसने न पहले किसी की ऊँगली की थी न किसी से ऊँगली करवाई थी,... तो बस वो दोनों फांकों के बीच छेद ढूंढ़ती रही, फांको को मसलती रही,... और जब मुश्किल से उसे छेद मिला, आधी ऊँगली अंदर गयी,... बेला अपने डिफेन्स से पूरा ध्यान हटा कर सिर्फ छेद ढूंढने पर लगा रही थी और नीलू के लिए इतना मौका काफी थी, गाँव का कोई गन्ने अरहर का खेत नहीं था जिसमें उसने कुश्ती नहीं लड़ी हो,... बस झटके से पूरी ताकत से उसने बेला को हटाया, ... उसे नीचे किया,... और दोनों टाँगे फैला ली,..
लेकिन तभी नीलू को याद आया बेला के ऊँगली तो की नहीं जा सकती,... और बेला कसमसा रही थी पल भर की देर होती तो वो छटक के निकल जाती, ...
साढ़े तीन मिनट टाइम मोहिनी भौजी ने बोला,...
बस दो ऊँगली से दोनों फांको को दबा के कस कस के बेला ने मसलना शुरू किया, पहली बार बेला की चूत पे किसी का हाथ पड़ा था, ... वो मस्ताने लगी,...
लेकिन नीलू खेल जल्दी ख़तम करना चाहती थी उसने रिस्क नहीं लिया और अपने दोनों होठों के बीच उस कच्ची कली की दोनों फांको को पकड़ा, ... दोनों हाथों से बेला के दोनों हाथों को जकड़ा की वो उछल कूद न करे और कस के चूसने लगी,
चार चार कुश्तियां एक साथ चल रही थीं लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान सबका बेला और नीलू की जोड़ी पे था,... थोड़ी देर में बेला की देह ढीली पड़ने लगी तो नीलू ने अपने दाएं हाथ से बेला के दोनों कलाइयों को जकड़ा,... और खाली हुआ बायां हाथ, पहले तो पेट पे सहलाती रही , फिर किसी बाज की तरह झप्पटा मार के सीधे क्लिट पे, क्लिट जो पहले छुपी हुयी थी अब गरम होने के, कस के चुसम चुसाई के बाद , एकदम कड़ी होके ,... जैसे सुहागरात में दुल्हन का घूंघट दूल्हा हटा दे,... सामने
और खेली खायी नीलू एक साथ चूस भी रही थी, क्लिट भी रगड़ रही थी, ...
चार मिनट मोहिनी भाभी ने थोड़ी देर पहले ही बोला था,...बस एक मिनट बचा था, बेला अपने चूतड़ पटक रही थी, झटक रही थी , लेकिन क्लिट चुसवाने का असर, थोड़ी देर में ही वो झड़ने लगी लेकिन तभी भी बेलवा ने नहीं छोड़ा,... चमेलिया जबतक आकर उठाती, नीलू की ऊँगली और जीभ दोनों, और बेला दुबारा झड़ रही थी,... नीलू को भी बहुत मजा आ रहा था कच्ची कली को चूसने का झाड़ने का,... वो तो मोहिनी भाभी ने आके नीलू को जीता अनाउंस किया और पकड़ के उसे नीलू को बेला से अलग किया, तब जाकर
और लीला पायल का मुकाबला भी नीलू बेला की तरह आलमोस्ट वन साइडेड था।
नीलू और बेला की तरह लीला और पायल का भी मुकाबला भी आलमोस्ट एकतरफा था.
नहीं पायल बेला की तरह एकदम कच्ची नहीं थी, उमर में भी छुटकी से थोड़ी बड़ी ही होगी, नौवीं दसवीं वाली,... हाँ उस पे चढ़ाई नहीं हुयी थी, पायल बहुत तेज थी भागने में बचने में
लेकिन लीला पकड़ने में उससे भी दो हाथ आगे थी, तो दो मिनट ख़तम होने तक तो पायल भाग कर छटक के बचती रही, लेकिन लीला जब एक बार उस के ऊपर चढ़ गयी तो पायल ने टाँगे सिकोड़ने की जो कोशिश की तो लीला को फरक नहीं पड़ा, वो खुद पायल के दोनों कन्धों पर पैर मोड़ के बैठ गयी और दोनों हाथों को लीला ने पायल की चूतड़ पर रख के पिछवाड़े के छेद पे जो ऊँगली रगड़नी शुरू की बस पायल ने करवट बदलनी शुरू कर दी, बस लीला को मौका मिला गया और उसकी हथेली सीधे पायल की चुनमुनिया पे,
फिर पायल लाख उछली कूदी, लीला का हाथ बिलिया पर से नहीं हटा जब तीन मिनट का टाइम मोहिनी भाभी ने बोला लीला का हाथ पायल की बिल से चिपक गया था और वो रगड़ मसल रही थी,...
रेनू और नीता और कजरी और कम्मो का मुकाबला टक्कर का था। कजरी के अलावा सब बिनचुदी थी, और कजरी भी बस एक बार,....
रेनू को देख के मुझे एक परेशानी याद आ गयी, इंटर में पहुँच गयी थी और अब तक बिना फटे,...