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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Gazab super duper sexiest exciting detailed update 75Update posted as promised. Please do read and share your views.
Me bhi mantrmugdh hu tumari DP dekh kr.कोमल जी...मेरे पास आपकी प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं। कोई भी शब्द आपकी उत्कृष्टता का वर्णन नहीं कर सकता। यह पूरा प्रकरण इतनी अच्छी तरह से लिखा गया है कि हम महसूस कर सकते हैं कि चीजें वास्तविक रूप से घटित हो रही हैं। पहले रेनू और फिर हीना की कमल से चुदाई और उन भावनाओं को कहानी में इतनी बारीकी से व्यक्त किया गया है। मैं मंत्रमुग्ध हूं.
पहले तो हर कमसिन लड़की शरमाती है थोडा
फ़िर लपक लपक के लेवे जब चूत में जाये लौड़ा
जब लम्बे मोटे लन की चूत पर लगती ठोकर
रह जाती है फ़िर चूत बस उस लौड़े की होकर
रिश्ते नाते प्यार की फिर देता कौन दुहाई
किसी दमदार मर्द से मीले जब खूब चुदाई
HiNA aaj ke baad ki ko NA nhi kregiभाग ७५
पठान टोले वाली
13,79,335
कोई मुझे बुला रहा था,
महुआ के पेड़ों के एक झुण्ड के पीछे से गुलबिया और उसकी ननद कजरी, मुझे इशारा कर रहे थे,... मुझे याद आ गया, मैं उठी और साथ में रेनू और कमल भी, दोनों ने कपड़े पहन लिए थे.
मैंने दो शर्ते कमल को बोली थीं रेनू की दिलवाने के लिए, बस पहली शर्त मैंने याद दिलाई
एक कच्ची कली है, बेलवा के साथ पढ़ती है, बहुत नखड़ा करती है स्साली , अपने गाँव की नहीं है, उसकी झिल्ली फाड़नी है वो भी बेरहमी से, जहां जाए दूर से पता चल जाए किसी तगड़े मरद के नीचे से रगड़वा के आ रही है, स्साली बहुत नखड़ा पेलती है, पूरे गाँव की इज्जत का सवाल है, एकदम कच्ची कोरी है।
बिना बोले उसके आंख का अचरज मैं देख रही थी, आज के पहले वो सोच नहीं सकता था, की किसी कुँवारी लड़की के साथ, चुदी चुदाई भी,... चंदा ऐसी जो सदाबर्त चलाती थीं, जिनकी टाँगे फैली ज्यादा रहती थीं,... वो भी उसके नाम से टांग सिकोड़ लेती थी, एक तो इतना मोटा मूसल दूसरे उसकी बेरहमी भी मशहूर हो गयी थी जो रेनू की सहेली का किया धरा था,... कुछ तो ताने भी मार देतीं,... अरे तेरे घर में खुद एक कोरा माल पड़ा है, वो तो तेरे से,... बेचारे कमल का काम कभी महीने दो महीने दो चार बच्चे की माँ,... कोई कामवाली कभी मान जाती, उसका मन रख लेती,...
लेकिन उससे भी अचरज वाली बात थी रेनू का रिस्पांस, जिस तरह से वो अपने भाई कमल की ओर से बोली,
" अरे भौजी, समझती का हैं मेरे भैया को, ... एक धक्क्के में स्साली की झिल्ली फाड़ के रख देगा। पूरा खून खच्चर, बस एक बार चढ़ गया न जिसके ऊपर, जिसकी मेरी भैया कमल ने एक बार भी टांग फैला दी, जिंदगी भर टांग सिकोड़ नहीं पाएगी। और आप की बात तो टालने की ये सोच भी नहीं सकता "
फिर रेनू कमल के पीछे पड़ गयी,
" भैया मैं तेरे साथ हूँ. एकदम बगल में रहूंगी, आज दिखा दे पूरे गाँव को मेरे भैया के मूसल का जोर, आराम से नहीं खूब रगड़ रगड़ के फाड़ना, चार दिन तक टाँगे फैला के दीवाल के सहारे चले. पूरे बाइस पुरवा में मशहूर हो जाए, की किससे फड़वा के आ रही है। " '
कमल सोच रहा था सच में आज उसकी किस्मत खुल गयी, नयकी भौजी की बात मान के। आज उसकी बहन के ऊपर न सिर्फ चढ़ने का मौका मिल गया बल्कि पिछवाड़ा भी, स्साली रेनुवा जब चूतड़ कसमसा के टाइट शलवार में चलती थी तो दूर से देखने वालों की पैंट भी टाइट हो जाती थी, वो तो भाई था, हर पल घर में रहता था। लेकिन मरवाने को कौन कहे छूने भी नहीं देती थी. और ऊपर से मैं बोल रही थी, चल तुझे एक कच्ची कली और दिलवाऊं,... वो भी एकदम कमसिन।
रेनुवा की फटी नहीं थी लेकिन वो इंटर में पहुँच गयी थी जबकि गाँव में हाईस्कूल का रिजल्ट निकलने के पहले कोई न कोई निवान कर ही देता था. और मैं जिसके बारे में बात कर रही थी वो एकदम ही सुकुवार,...
हाँ इस पुरवा की नहीं थी तो लड़के इतने ज्यादा उसे नहीं जानते थे लेकिन थी तो बाइस पुरवा की ही और फिर पूरे बाइस पुरवे में एक ही लड़कियों का स्कूल जिसमें रेनू भी पढ़ती थी इंटर में, बेला रूपा सब लड़कियां। रूपा तो अभी अभी हाईस्कूल में पहुंची थी उसी के क्लास में. उसी की सहेली भी थी.
बाईसपुरवा में जैसे भरौटी, बम्हनौटी, चमरौटी, ऐसे अलग अलग पुरवा थे वैसे ही एक पठान टोला भी था, ज्यादा बड़ा नहीं, १० -१२ घर होंगे,... उसी में दो घर सैयद थे, एक का तो बस कभी कभार आना जाना था लेकिन दूसरे ने गांव की माटी नहीं छोड़ी थी, कोई कहता भी तो कहते हैं की हमार पुरखे यहीं दफ़न है उनका दिया बाती कौन करेगा,... अभी भी बहुत पैसे वाले, एक पुरानी हवेली दो खंड वाली,... पहले १८ गाँव की जमींदारी थी,... डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के मेंबर भी उनके खानदान में कोई था, लेकिन अब सब किस्सा,.. पर अभी भी गाँव में बहुत इज्जत थी, कहरौटी के आधे घर अभी भी उनकी बसाई जमीन पर,...
मेरी सास से बड़ी दोस्ती थी, मेरी मुंह दिखाई में खूब बड़े बड़े एक जोड़ी झुमका दी थीं,... जहाँ हम लोगो की छावनी थी उसी की बगल में उनकी छावनी भी थी , गाँव से दस बारह कोस दूर पे। आज जब हमारी सास सब गाँव की बाकी कुल सास को लेके छावनी में गयी थीं रात रुकने के लिए तो उनको भी बुलाया था ,
तो उसी घर की थी, नाम था हिना। छुटकी की समौरिया होगी या उस से भी दो चार महीने छोटी। मेरी छुटकी ननद जो होली के अगले दिन जेठानी जी के साथ चली गयी हाईस्कूल की पढ़ाया शहर में करने उसके साथ की उसकी भी सहेली, इसलिए मैंने तो देखा भी था. गोरी इतनी की हाथ लगा तो मैली हो जाए, हंसती तो दूध खील बिखर जाए, लेकिन एक गड़बड़ थी, और वो बात रूपा ने बतायी। जब कल शाम को सब ननदें अपने घर लौट गयी तो रूपा रुक गयी और मुझे कहने लगी,
" भाभी एक काम मेरा करवा दो, ... काम थोड़ा मुश्किल है लेकिन,... "
" कौन सा काम,... अब ये मत कहना की कल तू नहीं आएगी या कल तेरी न फड़वाऊं,... " उसकी नाक पकड़ के चिढ़ाते मैं बोली,...
" अरे कल सबसे पहले मैं आउंगी,... और फड़वाने वाली चीज तो कभी न कभी फटनी ही है तो उसका का डर, जब हमार ये नयकी भौजी इतना दूर आपन गर परिवार, शहर छोड़ हमरे गाँव आ गयीं,... काहें फड़वाने न,... तो हम तो अपने ही गाँव में,.. नहीं बात दूसरी है हमरे क्लास में एक लड़की है स्साली बड़ी नकचढ़ी है, ... है बड़ी सुंदर, जोबन भी जबरदस्त आया, मेरी पक्की दोस्त भी, लेकिन हर चीज एकदम तोप ढांक के,... और कउनो लड़कों को लेके मजाक भी कर दो तो,... अरे एक दिन ठकुराइन भौजी मज़ाक कर दी, हम दोनों स्कूल से आ रहे थे, वो कहीं गिर गयी थी हलकी सी मोच तो थोड़ा सा टांग छितरा के तो वही भौजी बोल दी,
" अरे कउनो लौंडा चढ़ गया था का की जउन ऐसे टांग छितरा के,... अरे घर से निकले के पहले छँटाक भर कडुवा तेल लगा के निकला करो नीचे बिलिया में,... "
बस मुंह बना के वो बोली, भौजी हमका ये सब मज़ाक अच्छा नहीं लगता।
रूपा की बात काट के मैं बोली, सही तो बोली वो, ये मजाक की बात थोड़े है, मज़ाक में का मज़ा, भौजी को सच में कउनो लौंडा को चढ़ाना चाहिए था उसके ऊपर, भौजी लोग रोज दोनों जून गपा गप घोंटे, दूसरे गाँव से आके और यह गाँव क लड़की बेचारी भूखे उपवास करें।
रूपा हंसती रही, फिर बोली यही बात ठकुराइन भौजी भी बोलीं लेकिन वो अलफ़,..
एक दिन कम्मो क भाई है न पंकज,... वो ऐसे ही कुछ बोल दिया तो वो जाके अपनी महतारी से शिकायत कर दी,... वो तो वो बहुत समझदार है उसको समझायीं,... अरे यह उमर में तो लड़के बोलते ही हैं और खाली तुमको थोड़ी बोलते हैं बाकी लड़कियों को भी,... न बोले तो बुरा मानने की बात है। '
" यार इलाज उसका बहुत सिम्पल है , एक बार लम्बा मोटा घोंट ले न वो भी अपने स्कूल की लड़कियों के सामने, गाँव की भौजाइयों की मौजदूगी में बस, ... एक बार घोंटेंगी तो दस बार घोंटेंगी,... मैं गारंटी लेती हूँ महीने भर में मेरे गाँव की कुल ननदों में सबसे छिनार वही होगी, हरदम,... स्कूल में बैठेगी तो अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर से सड़का टपकेगा, ... और पर्दा वरदा छोड़ दो, न ऊपर ढक्क्न न नीचे, और दर्जिन भौजी से बोल दूंगी उसके लिए एकदम झलकौवा दोनों अनार दूर से दिखेगा,... लेकिन लाने की जिम्मेदारी तेरी,... फिर जो क्लास में नखड़ा पेलती है, छिनरपन करती है सब बंद,... " मैंने रूपा को हल बताया।
तय ये हुआ की रूपा करीब बारह बजे के आसपास उसे लाएगी, तब तक दो राउंड चुदाई हो चुकेगी, सारी कुँवारी ननदों की झिल्ली फट चुकी होगी और लौंडे गरमाये होंगे ,
हाँ हिना नाम था उस शेखजादी का।
एकदम सही कहा आपने, बाइस पुरवा के रिश्ते के नाते ये सब लड़के भाई ही तो हुएहिना का जबरदस्त गैंगबैंग..... ऊपर से रेनू और कम्मो जैसी बहनें, अब ऐसा भैया का जोश बढ़ायेगी तो भैया भी पठानटोली की हर कच्ची कली को फूल बना देंगे..... लगता है आज हिना के नाम का ही पानी निकलेगा
H for Han, ekdm sahi kaha aapne aur chehre ka dhakna bhi band uske husn ka diddar bhi sab karnegeHiNA aaj ke baad ki ko NA nhi kregi
Thank so much, keep reading, keep ... story will keep you warm in the severe winter.I am reading your second story . Pehli story holi wali thi . Ye second hai . I am assuring you your both story was/are top most seducing and erotica . Abhi page number 22 par hun and already i have jerked my nut almost 4 times . And i think this is not limit . Keep writing
आप भी न कहती हैं शब्द नहींकोमल जी...मेरे पास आपकी प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं। कोई भी शब्द आपकी उत्कृष्टता का वर्णन नहीं कर सकता। यह पूरा प्रकरण इतनी अच्छी तरह से लिखा गया है कि हम महसूस कर सकते हैं कि चीजें वास्तविक रूप से घटित हो रही हैं। पहले रेनू और फिर हीना की कमल से चुदाई और उन भावनाओं को कहानी में इतनी बारीकी से व्यक्त किया गया है। मैं मंत्रमुग्ध हूं.
पहले तो हर कमसिन लड़की शरमाती है थोडा
फ़िर लपक लपक के लेवे जब चूत में जाये लौड़ा
जब लम्बे मोटे लन की चूत पर लगती ठोकर
रह जाती है फ़िर चूत बस उस लौड़े की होकर
रिश्ते नाते प्यार की फिर देता कौन दुहाई
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