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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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जोरू का गुलाम -भाग २३६

मंगलवार -दिल्ली
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मिसेज डी मेलो

गेट पर मैंने बोल दिया था की , अगर कोई मुझे पूछे तो उसकी गाडी भी सीधे पीछे , मेरी गाड़ी के पास भेज देना।

दो बजे मिसेज डी मेलो आ गयीं।
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मिसेज डी मेलो, इनकी सेक्रेटरी,


लेकिन आर्गनाइजेशन में देखे तो इनसे बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस, आफिस पॉलिटिक्स से लेकर कॉर्पोरटे आफिस के अंदरूनी हाल चाल तक सब उनकी उँगलियों पर, और सिर्फ इनकी नहीं मेरी और मम्मी की भी बहुत ख़ास, पर सुनती सब थीं , बोलती बहुत कम

और सबसे बड़ी दो बातें सुपर लॉयल और सुपर शार्प, वूड हाउस की कहानियों में जो हालत जीव्स की है एकदम उसी तरह से, बड़ी से बड़ी मुसीबत में बिना हिम्मत खोये, बिना कुछ बोले रास्ता निकाल लेने वाली,

और उन्होंने पूरी बात बता दी।


सुबह कांफ्रेंस एक स्पेशल रूम में हुए जिसे ये लोग 'एग ' कहते हैं। ये बगिंग , हैकिंग प्रूफ है , इसकी अंदरूनी दीवाले सर्जिकल स्टील की बनी हैं , और यह दिन में चार बार बग्स के लिए चेक होता है। और तब से यह उसी कमरे में बैठे सबसे बाते कर रहे हैं , सिर्फ एक बार बाहर निकल कर मिसेज डी मेलो को उन्होंने इंस्ट्रक्शन दिया।

वो अभी आलरेडी एक बगल के शहर में निकल गए हैं , जहाँ उनके एक फ्रेंड रहते हैं। इनके लिए मिसेज डी मेलो ने एक रूम भी एक होटल में बुक करा दिया है। वो वहीँ चेक इन करेंगे , अपने दोस्त से मिलेंगे और कुछ कम्पनी का भी काम है। दो दिन के लिए रूम बुक है।



लेकिन असली प्रोग्राम दूसरा है , जो सिर्फ मिसेज डी मेलो को मालूम है।



मिसेज डी मेलो और उनके एक कजिन का फर्स्ट एसी में दिल्ली के लिए एक कूपे बुक है , जो ट्रेन शाम सात बजे यहाँ से चलकर सुबह ६ बजे दिल्ली पहुंच जाती है। लेकिन रस्ते में जब ट्रेन उस शहर में पहुंचेगी , जहाँ के लिए ये गए हैं , वहां वो फर्स्ट एसी कूपे में आ जाएंगे और इनका कजिन उतर जाएगा , वह साढ़े दस की आखिरी फ्लाइट से दिल्ली पहुँच जाएगा और वहां से गाजियाबाद।

इनकी ट्रेन पांच बजे के करीब गाजियाबाद पहुंचेगी , वहां वह ट्रेन से उतर जाएंगे और मिसेज डी मेलो का कजिन वापस कूपे में ,...



अगर कोई ट्रैकमिसेज डी मेलो को ट्रैक करने की भी कोशिश करेगा तो वो यहां पर अपने कजिन के साथ फर्स्ट एसी कूपे से उतरेंगी , जिस स्टेशन पर चेंज होगा वहां भी ये दोनों लोग स्टेशन पर दो मिनट के लिए उतरेंगे , फिर वापस ट्रेन में चढ़ेंगे , .... और उनका कजिन वहां से बगल के डिब्बों से होता हुआ , तीन चार डिब्बे के बाद, जब ट्रेन स्टार्ट होगी उतर जाएगा।

ये बैग डी मेलो ही ले जाएंगी , और फर्स्ट एसी कूपे में ही इन्हे मिल जाएगा।

अब मैं समझ चुकी थी , ये बैग इन्होने क्यों मंगवाया।

जहाँ जिस शहर में उन्होंने होटल बुक करवाया है , वहीँ पर उनका फोन , कार्ड्स सब रह जाएंगे . निश्चित रुप से कोई उन्हें उनके कार्ड और मोबाइल से ट्रेस कर रहा होगा , वो फोन और कार्ड उसी शहर में दो दिन तक इस्तेमाल होंगे। और उन्ह ट्रैक करने वाला यही समझेगा की वो उसी शहर में हैं , जबकि वो कल अर्ली मॉर्निंग दिल्ली पहुँच चुके होंगे।

इस बैग में कई मोबाइल फोन थे , जिनमे कुछ तो एकदम बिना इस्तेमाल किये हुए , कुछ सिर्फ वन टाइम इस्तेमाल वाले थे। इसी तरह करीब आधी दर्जन सिम थीं , अलग अलग देशों की , अलग अलग लोगों के नामों की . लेकिन एकदम अनट्रेसेब्ल। उसके साथ भारी मात्रा में कैश भी था , जिससे कार्ड का इस्तेमाल भी उन्हें कम से कम करना पड़े। लेकिन कुछ कार्ड भी थे लेकिन अलग नामों से ,...


इस तरह एक दो दिन तक उन्हें टाइम मिल जाएगा।


हम लोगों की बात ख़तम होने के बाद किसी ने आकर बतलाया की मेंहदी वाले आये हैं , दो लड़कियां दो लड़के ,... मैंने उन्हें मिसेज डी मेलो से इंट्रोड्यूस करवाया , और कई ड्राइंग उन्होंने शेयर भी कीं।


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करीब आधे घंटे तक, सब टेक्नीकल डिटेल, मेहदी के कौन कैसे बनते हैं क्या क्या पड़ता है जिससे मेहँदी के रंग ज्यादा चटख हों और वो जल्दी सूख जाए, मेंहदी की डिजाइंस हाथ और पैर के साथ बाकी बॉडी पार्ट्स पर और फिर ब्राइडल मेहँदी,



वो मेहदी वलियाँ भी मान गयी की कोई जानकार थी,



मेरा बैग मिसेज डी मेलो के कार के पीछे वाली सीट पर , रखे एक बड़े बैग के अंदर चला गया।



और ढाई बजे तक मिसेज डी मेलो चली गयीं ,



यानी अगर कोई मिसेज डी मेलो को ट्रेस भी कर रहा होता, मेरी और उनके बीच की फोन की बात को हैक भी कर लिया होता तो उसे यही पता चलता की मिसेज डी मेलो, मेहदी वालो से मिलने आयी थी और क्लब में आकर चेक करने पर भी यही पता चलता की मिसेज डी मेलो ने मेंहदी वालो से बात की।

उनके जाने १० मिनट बाद सुजाता आयी , ...तब तक मैं जहाँ रेन डांस होना था , आर्टिफिसियल रेन , उनसे पानी के प्रेशर , एक साथ कितने शावर चलेंगे , कितनी एरिया कवर होगी , .... ये सब डिस्कस करती रही ,

----------------------------------------------

और सुजाता के आते ही तो फिर बदमाशियां छेड़खानियां , ... उसने आते ही मेंहदी वाले लड़कों को देख कर एकदम , मेरे कान में बोली ,

"स्साले मस्त चिकने लगते हैं , एकदम खाने लायक ,... अभी मूंछ भी नहीं आयी ठीक से , लेकिन औजार सही होगा मेरी गारंटी। "
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और फिर उन्हें चिढ़ाने पर जुट गयी , क्या पहन कर आओगे , ... कैसी मेंहदी लगाते ही , सिर्फ हाथ पर ,
वो लड़के भी लड़कियों के साथ कितना इंटरैक्ट करते होंगे , तुरंत डबल मीनिंग पर आ गए ,

" वो तो लगवाने वाली पर डिपेंड करता है , कहाँ ,कैसे लगवाती है। "

" नहीं नहीं यहाँ सिर्फ तुम सब तय करोगे , ... एक बार उसने हाथ फैला दिया तो बाकी सब ,... " सुजाता एकदम पीछे पड़ गयी , ...

और जब उसने टैब निकाल कर मेंहदी की ड्राइंग्स दिखायीं , तो इस बेचारे लौंडों की फट गयी

कोई हाथ पर नहीं थी , दस बारह तो सिर्फ बूब्स की , और पांच सीधे गुलाबो के चारो ओर ,

" देख पहले दोनों हाथ पर , ... पैर पर ,.... वो तो तुम लोग कर ही लोगे , असली चीज ये सब हैं ,... एक बार हाथ पैर पर लग गया तो हाथपैर थोड़े ही चला पाएंगी , फिर ये सब ,... " सुजाता ने ट्रिक भी बता दी और एक्स्सपीरिएंस भी पूछ लिया , टैब दिखा कर ,

" इसके पहले भी किसी को यहाँ लगाया है " बूब्स वाली मेंहदी खुली थी ,

" हाँ , ज्यादा नहीं , ज़रा सी ,.. दो तीन लड़कियों ने सुहागरात के पहले , ब्राइडल मेंहदी के साथ। "

" अरे यहां भी तो सुहागरात ही है सबकी उस दिन , ... और अच्छे से लगाया न तो अगले दिन तो ,... क्या पता तुम लोगों की भी , उस दिन तुम लोगो की उम्र वाली कच्ची कलियाँ ही रहेंगी। "

मैंने ध्यान नहीं दिया था , चमची नंबर २ आ गयी थी अभी अभी और वो बोली।

" एकदम अरे अगर पहले दिन , सैटरडे के दिन , तुमने अच्छे से लगाया न तो फिर संडे को तो ,... सोच सोच के मुट्ठ मत मारने लगना अभी से , ... एक से हाईस्कूल वालियां ,.. कोरी कच्ची कलियाँ ,... लेकिन क्या पहन के आओगे ,.... " सुजाता ने पूछ लिया और बिना उन सब के बोले ,

चमची नंबर दो ने फैसला सुना दिया ,

अरे उस दिन यहाँ कोई चड्ढी बनियान नहीं पहनेगा , तो अगर उस दिन वो तुम लोगों ने पहना तो गेट से ही बाहर ,... और फंक्शन का दिन है , तो सिर्फ कुरता ,.. बाकि छोटी सी कुर्ती और पाजामे में , और नार्मल नहीं चूड़ीदार देह से चिपका , सब कुछ दिखता है वाला , ... मैं खुद चेक करुँगी , ... "

और साथ में जो लड़कियां थीं उन्हें भी वही ड्रेस ,.. नो अंडरगार्मेंट्स ,... टाइट छोटी सी प्याजी कुर्ती और लेगिंग्स या केप्री।

अपनी सारी डिजाइन टैब से सुजाता ने उन चारों को वही व्हाट्सऐप कर दिया।

उनके जाने के बाद असली बदमाशी वाली प्लानिंग शुरू हुयी ,

तीज के अगले दिन की तीज प्रिंसेज ,... बल्कि हम तीनो को मालूम था असली टारगेट तो दोनों रसगुल्ले होने थे ,


ऊपर मन से तो ,मैं भी मस्ती वाली बाते कर रही थीं, चमची नंबर दो को एक से एक किंकी बातें करने के लिए उकसा रही थी,लेकिन मेरा मन इनमे लगा था। पहुँच जाय ठीक ठाक, क्या होगा, लेकिन फिर मैंने सर झटक दिया, मैं भी बड़ी बेवकूफ हूँ । ये हैं न सब ठीक कर लेंगे बस, एक बार पहुँच जाएँ


मन बार बार उमड़ घुमड़ कर इन्ही के पास जा रहा था।
 
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गाजियाबाद,-- दिल्ली - मंगल का दिन,
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डबल डिकॉय इस्तेमाल हुआ जिसकी जानकारी सिर्फ मिसेज डी मेलो को थी ( मुझे भी बाद में पूरा किस्सा पता चला ।

क्योंकि उन्होंने मुझे फोन पर कहा था की फ्लाइट से दिल्ली जाना है और किसी ने वो फोन हैक किया हो, तो दिल्ली का एक फ्लाइट का टिकट बाकयदा इनके नाम से बुक हुआ, ये इन्शियल्स ही इस्तेमाल करते थे वही आई डी में था। बोर्डिंग पास भी जारी हुआ और उसी इन्शियल वाला एक कोई उसी फ्लाइट से उस टिकट पर गया भी, वो भी कम्पनी की गाडी से। दिल्ली में भी कंपनी की ओर से होटल और गाडी बुक हुयी

एक तो डिकॉय ये था, जो आफिस में कुछ लोगो को पता था लेकिन सिर्फ ये की किसी मीटिंग में इन्हे जाना था लेकिन इनकी जगह वो आदमी जा रहा है और इन्हे कुछ परसनल काम आ गया था जिस वजह से ये नहीं जा पा रहे हे हैं।

दूसरे डिकॉय का कुछ हिस्सा किसी को नहीं मालूम था ये उस जगह पहंचे कैसे जहाँ इन्हे ट्रेन में बैठना था, मिसेज डी मेलो के साथ,। बाजार में एक मॉल में इनका एक दोस्त जिसका कम्पनी से कोई लेना देना नहीं था, वो मिला और उन्हें अपनी बाइक के पीछे बैठा के एक जगह छोड़ के आ गया। वहां से किसी कामर्सियल टैक्सी, जिसमे ४ की जगह ठूंस के ८ आदमी बैठाये जाते वो वहां पहुँच गए। और वहां पर फर्स्ट ऐसी के कूपे में, तबतक टिकट चेक हो चुका था और ये चुपचाप ऊपर की बर्थ पर लेट गए कंबल ओढ़ कर, गाजियाबाद तक दो तीन स्टापेज ही थे और कूपे में किसी को आना नहीं था।



तो अगले दिन सुबह यह गाजियाबाद पहुँच गए।

गाजियाबाद में उतर कर वो सीधे बाहर नहीं निकले , एक वेटिंग रूम में जाकर पहल फ्रेश होकर , दस मिनट बाद एक आटो से नोयडा , मेट्रो से कनाट प्लेस और फिर वहां से टैक्सी ,



आज और आनेवाला कल का दिन कम्पनी के लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट थे और उनके इस रिजक्यू मिशन के बारे में मुम्बई के कारपोरेट हेडक्वार्टर को भी ज्यादा जानकारी नहीं थी, सिर्फ ग्लोबल स्ट्रेजटजिक टीम को और वो भी थोड़ी बहुत।

सुबह की मीटिंग में रिस्क असेसमेंट, थ्रेट परसेप्शन और वर्स्ट सिनेरियो के बारे में डिटेल बातचीत हुयी। और बहुत सी बात बिना बात के भी समझ ली गयी।

उसमें से एक यह था की बिना जो कॉरिडोर्स आफ पावर में हैं बिना उनके सपोर्ट के इस रिस्क से बचना बड़ा मुश्किल है , और उनके साथ निगोशिएशन्स के लिए निगोशियेटिंग स्किल के साथ, गिव एंड टेक की पावर, तुरंत डीसीजन लेने की क्षमता भी होनी चाहिए।

उनकी इंडियन कम्पनी एक बड़ी ग्लोबल कम्पनी की मेजारटी सब्सिडियरी थी, यानी मेजॉरिटी शेयर उनकी अमेरिकन कम्पनी के थे लेकिन बहुत सी और कंपनियों के शेयर थे और अभी कुछ ग्लोबल कंडीशन के चलते अक्वीजिशन का खतरा हो गया था। उन्होंने काफी स्टेप्स लिए थे लेकिन कहीं कुछ लीकेज था या कुछ और बातें हुयी, जिससे ये नयी सिचुएशन पैदा हुयी।

उनकी कम्पनी के पास कुछ इंटलेक्चुअल असेट थे जो अभी मॉनिटाइज नहीं किये जा सकते थे, पर कुछ और सपोर्टिंग रिसर्च के चलते अगले पांच छह महीनो में उनकी वैल्यू बहुत बढ़ने वाली थी और लगता था उनके बारे में कुछ कम्पनी को पता चल गया था और उन्होंने ये स्टेप्स लिए थे, जिसमे कुछ ग्लोबल और कुछ इंडियन कम्पनी की मिलीभगत थी।



लेकिन सब बातों को उन्होंने झटक के अलग किया, लिव इन द मोमेंट। प्रजेंट इस मोस्ट इम्पोर्टेन्ट , पास्ट इज पास्ट एंड फ्यूचर इज अनसर्टेन



बस आज और अभी , और ईश्वर में और खुद में विश्वास
 
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दिल्ली गोल्फ क्लब
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साढ़े छह बजे उन्हें दिल्ली गोल्फ क्लब पहुंचना था , सवा छह पर वह पहुँच गए।

मम्मी के कांटैक्ट से उन्हें वही मिलना था।
तीसरे होल पर बात हुयी , बहुत थोड़ी सी। उस समय गोल्फ कोर्स में दूर दूर तक कोई नहीं थी , कैडी भी दूर चल रहा था।
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उनके साथ जो थे , वह दिल्ली के एक विवेकानंद थिंक टैंक और भारत फाउंडेशन दोनों में महत्वपूर्ण आदमी थे , अभी नीति आयोग के सबसे महत्वपूर्ण पद पर भी इसी थिंक टैंक से जुड़े एक , सज्जन थे. यह उस थिंक टैंक के आर्थिक और सिक्योरिटी दोनों ही मसलों में , मुख्य सलाहकार थे।

उन्होंने थोड़ी सी बात की , पर वो थिंक टैंक वाले सुनते रहे , ... और बस यही कहा की आठ बजे दिल्ली जिमखाना क्लब .

और दिल्ली जिमखाना क्लब, पहुँचने की बात सुन के उन्होंने चैन की सांस ली।

तमाम नेटवर्क के जरिये बड़ी मुश्किल से गोल्फ क्लब की यह मीटिंग तय हुयी थी।

अगर बात नहीं बनती तो उम्मीद की आखिरी किरण भी बुझ जाती पर दिल्ली जिमखाना क्लब की बात से परेशानी खत्म तो नहीं हुयी लेकिन एक बड़ा दरवाजा खुल गया।

दिल्ली जिमखाना के दरवाजे दिल्ली के सबसे पावरफुल लोगों के पीछे की पावर जो होती थी, जो अक्सर हेडलाइंस में नहीं आते थे, जिनका नाम भी लोग नहीं जानते थे, उन्ही के लिए खुलते थे, बड़े अफसर, सेना के अधिकारी, बिजनेसमैन और उनसे भी तगड़े, जो उन्हें उस पोजीशन तक पहुंचाते थे,


और अब सब कुछ उनके ऊपर था, उनकी निगोशियेटिंग स्किल पर और कैसे दोनों लोगो के लिए एक विन विन सिचुएशन क्रिएट की जा सकती है


असली बात चीत जिमखाना क्लब में ही हुयी , ब्रेकफास्ट के टाइम पर ,
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उनके सामने जो जो सज्जन थे उनसे मिलने के लिए दिल्ली के सत्ता के गलियारों में जो शक्तिशाली लोग हैं वो भी हफ़्तों इन्तजार करते थे , उन्हें हम मिस्टर एक्स कह सकते है , आर्थिक वाणिज्य , उद्योग और सुरक्षा ,... वह प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति में तो नहीं थे , पर उस समिति के आधे से ज्यादा सलाहकार उनके सुझाव पर रखे गए थे।

उन्होंने साफ़ साफ़ पूछ लिया , क्या चाहते हो , ...

और तुरंत उन्होंने मुंह खोल दिया , ... एल आई सी , और शेयर वो चाहते थे एल आई सी ख़रीदे ,...

और उनके सामने बैठे , उस महत्वपूर्ण आदमी ने साफ़ साफ़ मना कर दिया ,

" यू नो आलरेडी एल आई सी , इज स्ट्रेस्ड , एक बड़ी लीजिंग कम्पनी , जिसमें एल आई सी के मेजर शेयर थे , कोलैप्स के कगार पर है ,अभी हमें उसे बचाना है , ... आई कैन अंडरस्टैंड योर सिचुएशन ,... बट ,... "

इनका चेहरा एकदम गिर गया , पर वो बोले ,


" यू आर अ यंग पर्सन , लेट अस फाइंड अ सोल्यूशन , ...ओके एल आई सी कैन हेल्प बट नॉट लाइक दिस एंड ओनली आफ्टर यू मैनेज ५० % योरसेल्फ बिफोर थर्स्डे एंड आई आल्सो नो , बिफोर मार्केट क्लोजेस दिस वीक योर टेकओवर बीड विल बी मेड ,...सेकन्ड्ली इफ वन कम्पनी परचेज सच अ बिग चंक इट विल बी आब्वियस एंड यू टेक द फर्स्ट स्टेप एंड वी कैन फॉलो "

काफी देर बात के बाद रास्ता निकला , एल आई सी १/३ , १/३ कुछ गवर्मेंट कम्पनी और एन बी ऍफ़ सी , और बाकी १/३ इन्हे खुद मैनेज करना होगा। ये शर्त भी की पहले ये शेयर मैनेज करेंगे हटा ली गयी , ये एल आई सी के एक एम डी से आज रात को मुंबई में मीटिंग कर लें , कल शेयर मार्केट खुलने के बाद एल आइ सी इन्वेस्ट करेगा , इससे इनके शेयर थोड़े ऊपर चढ़ेंगे , उसके बाद वो एन बी एफ सी और फिर इनका इन्वेस्टमेंट ,

अगली बात जो उन्होंने रखी उसके लिए उन्हें अच्छी खासी डांट पड़ गयी ,

ये एक मेगा कारपोरेट जिसने इन्हे डेट दे रखा था , और जो उस डेट को इक्विटी में कन्वर्ट कर के एक्विजिशन में सपोर्ट करने वाला था , उससे ,...

" यू शुड नॉट फाइट विद हिम , नेवर डू एनीथिंग व्हिच विल लीड टू लास आफ फेस फॉर दैट कम्पनी , तुम समझते हो तुम्हारी कम्पनी उस डेट की बराबर पैसा तुम्हे ट्रांसफर करेगी , इन्वेस्टमेंट के नाम पर , ... बट गर्वमेंट उस फंड ट्रांसफर में इतनी अड़चन डाल सकती है , महीने दो महीने तो कुछ नहीं है , ... एंड बाय दैट टाइम योर टाइम टू रीपे विल बी ओवर , एंड एक बार टेक ओवर के बाद,... तुम्हारी पैरेंट कम्पनी कुछ नहीं कर सकती। ओके वी विल डू समथिंग , बट आफ्टर यू विल टेल अस , व्हाट यू आर ब्रिंगिंग ऑन द टेबल ,...


इनका चेहरा फक।

जो जो बातें इन्होने की थी , कारपोरेट आफिस की सारी स्ट्रेटेजी , सब कुछ मालूम थी ,.. यहाँ तक की फाइनेंसियल डिटेल्स , डील्स की डेट्स ,...
उनकी कम्पनी की ही नहीं, उनके राइवल्स की हालत, यहाँ तक की उनकी कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायेरक्टर की मीटिंग में क्या बातें हुयी, और इन्फॉर्मेशन के साथ उनकी याददाश्त और बिजनेस अनिलिस गजब की थी, कम्पनी की बैलेंस शीट में जो बाते नहीं थी, वो डिटेल्स भी उन्हें मालूम थे

लेकिन इन्होने चैन की साँस ली, जब वो मुस्कराये, और अपनी सुलगायी और थोड़ा रिलेक्स हो के बोले
यस , योर कम्पनी इज लिकिंग लाइक अ सीव , एंड दैट इज द फर्स्ट थिंग यू शुड एड्ड्रेस , लेकिन चलो , आई विल सजेस्ट समबडी हु विल टेक केयर आफ दैट
फिर ये चालू हुए ,

स्टॉक मार्केट की बुरी हालत में सबसे बड़ा कारण ऍफ़ डी आई के इन्वेस्टमेंट की कमी है , अमेरिकन कंडीशन ठीक होने से , वहां की कंपनियां अब फंड वही इन्वेस्ट कर रही थी , इंफ़्रा , बैंकिंग पावर ,... इनकी पैरेंट कम्पनी के इन्वेस्टमेंट से ऍफ़ डी आई में फरक पडेगा।
और एक बार इनकी अमेरिकन कम्पनी ने इन्वेस्ट करना शुरू किया तो देखा देखी, कुछ पेंशन फंड और हेज फंड वाले भी इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं तो इस क्वार्टर में ऍफ़ डी आई इन्वेस्टमेन्ट सुधर जाएगा।
उन्होंने हलके से नाड किया और मुस्कराये, पाइप को थोड़ा ठीक किया और मुस्कराये।

इनकी जान में जान आयी और उन्होंने अपना अगला प्रपोजल पेश किया

ये अब इम्पोर्ट की जगह एक्सपोर्ट बेस्ड कम्पनी के तौर पर अपने को रिपोजीशन करेंगे ,

मैन्युफैचरिंग शिफ्ट करंगे शंघाई से ,

कम से कम ८०० सेमी स्किल्ड , और ४०० स्किल्ड जॉब क्रिएट होंगे ,

उन्होंने रोक दिया ,

ओके आई लाइक इट , कमिंग फ्रॉम अ यंग परसन लाइक यू ,
( ये रात भर ट्रेन में उस थिंक टैंक के पिछले छ महीने के पेपर पढ़ कर गए थे और अपनी सब बात उसी के सांचे में ढाल कर कर रहे थे )

लेकिन , सुनो , नो मोर् डिस्कसन , आई विल टेल थ्री फोर थिंग , कोई बातचीत नहीं ,



( उन्हें मालूम था की साढ़े नौ बजे उनका एक और अप्वाइंटमेंट है )
 
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दिल्ली जिमखाना -खुल गया दरवाजा

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ओके आई लाइक इट , कमिंग फ्रॉम अ यंग परसन लाइक यू ,

( ये रात भर ट्रेन में उस थिंक टैंक के पिछले छ महीने के पेपर पढ़ कर गए थे और अपनी सब बात उसी के सांचे में ढाल कर कर रहे थे )

लेकिन , सुनो , नो मोर् डिस्कसन , आई विल टेल थ्री फोर थिंग , कोई बातचीत नहीं ,

( उन्हें मालूम था की साढ़े नौ बजे उनका एक और अप्वाइंटमेंट है )



पहली बात जो तुम ऍफ़ डी आई में तुम्हारी पैरेंट कम्पनी के इन्वेस्टमेंट के बारे में कर रहे हो न , वो सभी लोग जानते हैं टेक ओवर से बचने के लिए है इसलिए मार्केट पर इसका कोई असर पॉजिटव नहीं पडेगा , तो जो मनी वो तुम्हारी कम्पनी में इन्वेस्ट करेंगे , उसका १० % कुछ कंपनियों को शोर करने के लिए , लिस्ट तुम्हे मिल जायेगी , मोस्टली सेमी गवर्मेन्ट कंपनी है , और पांच परसेंट , तुम्हे मार्केट को उठाने के लिए , मैं भी बुल्स को ही सपोर्ट करता हूँ ,


यह बाल उनकी वो सोच चुके थे। लेकिन इतनी जल्दी सामने बैठा उनके प्रस्ताव की पोल को पकड़ लेगा पर यही बात उन्होंने कल ग्लोबल बिजनेस ग्रुप में कही थी और उन्हें १२ पर्सेंट तक अडिशनल इन्वेस्टमेंट निगोशिएट की पावर मिली थी लेकिन उन्हें विश्वास था की इंडियन सब्सिडियरी को बचाने के लिए ये थोड़ा बहुत बात पैरेंट कम्पनी मान जायेगी। लेकिन इस समय उन्हें सिर्फ सुनना था और अगली बात उन्होंने ध्यान से सुनी।

दूसरी बात , पैरेंट कम्पनी तुम्हारी अभी उसकी रियल स्ट्रेंथ , क्लाउड कम्प्यूटिंग है , वी वांट की वो यहाँ ,... मुझे मालूम है वो कोई पार्टनर नहीं एक्सेप्ट करंगे , बहुत ज्यादा जॉब भी नहीं क्रिएट होंगे , उनकी जो भी कंडीशन होगी , हमें एक्सेप्टेबल होगी , इट इज ओनली फॉर गुड आप्टिक्स ,... वी विल ओपन ऑल द डोर्स ,... तुम्हे ,,मालूम तो होगा की , दो महीने में एक इम्पोर्टेन्ट विजिट अमेरिका में है , बस वहीँ , एनाउंसमेंट ,... डिजटल इण्डिया यू नो,...और ये मैनुफैक्चरिंग शिफ्ट के अलावा होगी,



तीसरी बात भी तुम्हारी पैरेंट कम्पनी से जुडी है , एक न्यूजपेपर भी वो ओन करते हैं , बस उस विजिट के पहले माहौल , ... वहां दो सीनेटर इण्डिया कॉकस के हैं , उनसे कॉन्टैक्ट ,... और थिंक टैंक की जो अमेरिकन ब्रांच है , उसकी ,... दो तीन आर्टिकल्स , ... यस वो उसे एडिट कर सकते हैं , टोन डाउन कर सकते हैं , पर दैट विल बी हेल्पफुल ,


और अब टेक ओवर , तो वि विल इंश्योर अगेंस्ट इट। हाँ जो मेगा कारपोरेट है , तुम लोग उसका सिर्फ ४० -४५ % लोन वापस करो , इससे तुम्हारी लिक्विडटी भी ठीक रहेगी और उनका फेस भी , कम से कम पांच छह साल तो वो तुम्हारे इस बिजनेस में नहीं घुसेंगे , कल शाम को उन लोगों से एक फॉर्मल मीटिंग हो जाएगी , हाँ ये मैं नहीं बोल रहा हूँ , बट इट मेक्स अ गुड बिजेनस सेन्स , ... वो लोग केबल इंटरटेनमेंट में घुस रहे हैं , यहाँ तुम लोग नहीं हो , इसलिए कम्पटीशन नहीं है पर यू कैन हेल्प देम इन टेक्नोलॉजी एंड मार्केटिंग ,


एक और तुम्हारी पैरेंट कम्पनी के फायदे की बात , ... हम लोग उसी विजिट में दस ऐसे स्मार्ट स्टोर जो तुम्हारी कम्पनी खोल रही है , ... ऐसे स्टोर यहाँ ,...यस वी विल परमिट मेजारटी शेयर होल्डिंग टू , फाइन टर्म्स एंड कंडीशन भी आप लोग बना सकते हो , टेक्नोलॉजी इन्फुजन के नाम पर ,...



ओके आई ऍम गोइंग , ... एंड यू विल बी टोल्ड अबाउट योर नेक्स्ट मीटिंग ,



नाऊ डोंट कांटेक्ट मी , एंड अवॉयड टाकिंग टू मुंबई , दे आर लिकिंग लाइक एनीथिंग शाम को पहुँचने के बाद सीधे उन्हें बता देना , परसन टू परसन ,





नौ बज गए थे , ये उन के जाने के बाद निकले , ... अभी वो सड़क पर नहीं पहुंचे थे की इनके मोबाइल पर तीन मेसेज आये ,



दो मीटिंग सिविल सर्विस इंस्टीट्यूट में थी , एक सवा ग्यारह पर और दूसरी पौने बारह पर , तीसरी कांस्टीट्यूशन क्लब में साढ़े बारह में।



कल कांफ्रेंस के बाद सिनसिनाटी से एक फोन आया था , और उसमें कहा गया था , दिल्ली से कोई फोन करना हो तो अमेरिकन एम्बैसी के कामर्सियल कौंसुलेट के पास जाना , वो सिक्योर रूम से ,...



और उनके कदम चाणक्यपुरी की ओर मुड़ चले ,



पैरेंट कम्पनी से एक घण्टे में चार बार बात वहीं से हुयी , फाइनली सारी कंडीशन मान ली गयीं , और उन्हें आगे के लिए भी ब्लेंक चेक दे दिया गया।



हाँ , आज रात को साढ़े दस , ग्यारह के बीच , मुंबई में अमेरिकन कौंसुलेट से ही पैरेंट कम्पनी से बात करनी थी , आज की प्रोग्रेस की और कल की प्लानिंग , अ गर कल दोपहर तक कुछ नहीं हुआ तो टेकओवर बचाना मुश्किल पड़ सकता था।
 
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अमेरिकन एम्बेसी ,सिक्योरटी अडवाइजर

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पैरेंट कम्पनी के कॉन्टेक्ट्स बिजनेस कांउसलेट में थे। उनके बारे में पूरा डिटेल वहां पहले से था इसलिए वहां कोई दिक्कत नहीं हुयी और सब कुछ वेरिफाई करने के बाद सिक्योर कॉम का दरवाजा उनके लिए खुल गया। सिर्फ एक लैंड लाइन फोन था लेकिन दोनों एन्ड से स्क्रैम्ब्लर थे। बातों में भी उन्होंने यह नहीं जिक्र किया की किससे, कहाँ और कब मुलाकात हुयी, बस सबसे पहले रिवाइज्ड थ्रेड असेसमेंट कुछ कंडीशंस और उनका अपना सजेशन।

उन्हें मालूम था की सिनसिनाटी में इस समय रात के बारह बज रहे होंगे, ;लेकिन बिजनेस स्ट्रेटजी टीम के दो लोग यूरोप में थे, एक पेरिस दूसरा जेनेवा, स्विट्जलैंड में वहां सुबह के सवा छह बज रहे होंगे, तो मेसेज तो पहुँच जांयेंगे, डिटेल बातचीत रात में मुम्बई से होगी जब कम्पनी का आफिस खुल जाएगा

पर उनका ऑथराइजेशन और ब्रॉड स्ट्रेटजी पर क्लियरेंस मिल जायेगी

और उनके कदम चाणक्यपुरी की ओर मुड़ चले ,

पैरेंट कम्पनी के कॉन्टेक्ट्स बिजनेस कांउसलेट में थे। उनके बारे में पूरा डिटेल वहां पहले से था इसलिए वहां कोई दिक्कत नहीं हुयी और सब कुछ वेरिफाई करने के बाद सिक्योर कॉम का दरवाजा उनके लिए खुल गया। सिर्फ एक लैंड लाइन फोन था लेकिन दोनों एन्ड से स्क्रैम्ब्लर थे। बातों में भी उन्होंने यह नहीं जिक्र किया की किससे, कहाँ और कब मुलाकात हुयी, बस सबसे पहले रिवाइज्ड थ्रेड असेसमेंट कुछ कंडीशंस और उनका अपना सजेशन।

उन्हें मालूम था की सिनसिनाटी में इस समय रात के बारह बज रहे होंगे, ;लेकिन बिजनेस स्ट्रेटजी टीम के दो लोग यूरोप में थे, एक पेरिस दूसरा जेनेवा, स्विट्जलैंड में वहां सुबह के सवा छह बज रहे होंगे, तो मेसेज तो पहुँच जांयेंगे, डिटेल बातचीत रात में मुम्बई से होगी जब कम्पनी का आफिस खुल जाएगा

पर उनका ऑथराइजेशन और ब्रॉड स्ट्रेटजी पर क्लियरेंस मिल जायेगी

पैरेंट कम्पनी से एक घण्टे में चार बार बात वहीं से हुयी , फाइनली सारी कंडीशन मान ली गयीं , और उन्हें आगे के लिए भी ब्लेंक चेक दे दिया गया।


हाँ , आज रात को साढ़े दस , ग्यारह के बीच , मुंबई में अमेरिकन कौंसुलेट से ही पैरेंट कम्पनी से बात करनी थी , आज की प्रोग्रेस की और कल की प्लानिंग , अ गर कल दोपहर तक कुछ नहीं हुआ तो टेकओवर बचाना मुश्किल पड़ सकता था।




सवा ग्यारह बजे वो सिविल सर्विस इंस्टीट्यूट में थे , और उनके सामने सिक्योरटी अडवाइजर थे , एन एस ए के आफिस में चौथे नंबर पर ,



पहले एन टी आर ओ ( नेशनल टेक्नीकल रिसर्च आर्गनाइजेशन ) और यहाँ आने के पहले नैटग्रिड ( नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड ) के हेड भी थे।

सब उन्होंने ही बोला , सिक्योरटी अडवाइजर ने



" दो लोगों को मैंने काम पर लगा दिया है , एक काउंटर इंटेलिजेंस वाला और एक अटैकिंग स्ट्रेटजीज , साथ में एक हैकर , ब्लैक हैट है।

पहले वाले से कल साढ़े बारह बजे , तुम्हारी मीटिंग , बाइक्यूला स्टेशन के पास एक ईरानी रेस्टोरेंट है , वहीँ ,

और दूसरे वाले से , एक बजे दादर स्टेशन पर तिलक ब्रिज पर , वो तुम्हे कॉन्टैक्ट कर लेगा। साइबर इंटेलिजेंस वही दे देगा।

तुम्हारी आज की मीटिंग जहाँ जब थी , हम लोगों ने उस इलाके के सारे सी सी टीवी आधे घंटे के लिए बंद किये , सिविल सर्विस इंस्टीट्यूट मैंने इसी लिए चुना , इसके कैमरे हम ही आपरेट करते हैं ,... तुम लोगो की सारी बातें लीक हो रही हैं , हाँ , ... तुम अपने नए मोबाइल नंबर भी एक से ज्यादा बार इस्तेमाल मत करो , ... आजकल सिम क्लोन भी हो जाते हैं।


तुम अमेरिकन एम्बैसी गए थे ये हमें नहीं पता था , इसलिए वो सी सी टीवी ,... आज कल फेसियल रिकग्निशन इतना आसान हो गया है , और सी सी टीवी हैक करना भी ,... पर घबड़ाने की बात नहीं है , तुम्हारी पैरेंट कम्पनी अमेरिकन है तो तुम्हारा वहां जाना नार्मल है ,... और वो कम्युनिकेशन उसमें हम एन टी आर ओ के लोग भी हाथ नहीं लगाते , सिग्निट से हमारी अंडरस्टैंडिंग है।

और मुंबई में भी तुम अपने सी एम डी से रात में , मिलना और डिटेल मत शेयर करना , नो फोन्स विद हिम , जब तक उस काउंटर इंटेलिजेंस वाले से तुम्हारी बात न हो जाय और कैसे बाते लीक हो रही हैं , तुम्हारे यहां मोल कौन कौन है , ये पता न चल जाए ,... "



बस दस मिनट में मीटिंग ख़तम हो गयी , हाँ चलने के पहले उन्होंने एक कागज पर इनके सामने लिखा ,



इनकी पेरेंट्स कम्पनी के शेयर के नंबर ,



इन्हे मालूम था इनसे कहा नहीं जा रहा है , बताया जा रहा है , और इनके पास कोई रास्ता नहीं है , एक बार टेक ओवर बच जायेगा तो इस की दस गुना वो लोग एक झटके में कमा लेंगे।


इनके देखने के बाद अपने लाइटर से उन्होंने वो कागज जला दिया और सामने रखी ऐश ट्रे में राख झाड़ दी , पहले पड़ी सिगरेट की राखों में वो मिल गयी।

उनके जाने के बाद , इन्होने देखा की एक ब्राउन पेपर बैग मेज पर छूट गया है। पहले तो लगा की शायद वो भूल से , पर ये समझ गए थे सिक्योरिटी अडवाइजर की हर बात में मतलब है ,



फिर वो कुछ देर सोचते रहे , लास्ट लाइन उन्होंने कही थी , रेड मेरा फेवरिट कलर है।



उस बात का बाकी बातों से कोई मतलब नहीं था।

उन्होंने बैग खोल कर देखा उसमे दो मोबाइल फोन थे , थोड़े अलग ढंग के ,



लाल फोन को जैसे उन्होंने छुआ , एक वॉयस मेसेज स्टार्ट हो गया ,



वही सिक्योरटी अडवाइजर की आवाज ,



" ये लाल फोन आप मुझसे कॉन्टेक्ट के लिए ही इस्तेमाल कर सकते हो , इसी तरह अलग मीटिंग जिससे होगी , उसके साथ कॉन्टैक्ट के लिए नीला फोन है , टच करते ही कांटेक्ट होगा। अगर मैं फोन नहीं लिफ्ट कर सकूंगा तो दुबारा मैं खुद इसी फोन पर काल करूँगा। यह फोन ३२ घण्टे के लिए , कल रात आठ बजे सेल्फ डिस्ट्रक्ट हो जायेगा। इसमें कोई भी काल डिटेल सेव नहीं होगी। ये आपके अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के निशान पर ही एक्टिवेट होगा , अगर आपने उन दोनों के अलावा कोई और ऊँगली स्क्रीन पर लगाई तो ये माना जायेगा की आप किसी थ्रेट में हो और सिक्योरटी प्रोसीजर स्टार्ट हो जायेगा। आपकी बायोमेट्रिक्स , आपके आधार डाटा लेकर इसमें डाली गयी है , अगर आपके अलावा किसी और ने फोन को छुआ तो फोन सेल्फ डिस्ट्रक्ट हो जायेगा , और उसके बायोमेट्रिक्स से हम उसे ट्रेस करेंगे। हम आपके साथ हैं , हमेशा। "
 
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आगे का प्रोग्राम -

मुम्बई



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उन्होंने उस फोन को रखा ही था की नीला फोन बजा और आवाज आयी , सेकेण्ड फ्लोर पर आ जाइये।

सेकेण्ड फ्लोर पर , जिनसे मुलाकात हुयी , वो ज्वाइंट सेक्रेटरी रेवेन्यू थे , स्टॉक एक्सचेंज , बैंक और इंश्योरेंस कम्पनी उन्ही के एरिया में पड़ते थे।


उन्होंने भी सिर्फ इंस्ट्रक्शन दिए और बातें बताई ,

" टेक ओवर बिड के पेपर उनकी राइवल ने प्रोसेस करने शुरू कर दिये हैं और कल सेबी में वो प्रेजन्ट होने वाले हैं , पर सेबी उसे कुछ दिन के लिए ऑब्जेक्शन लगा क्र रोक सकती है , एक उनके बॉर्ड आफ डायरेक्टर्स की मीटिंग भी कल काल की गयी है , उसे भी टालना होगा। आज शाम को मुंबई में सेबी , एल आई सी और एक मेजर एन बी ऍफ़ सी से उनकी मीटिंग वो शेड्यूल कर रहे हैं। उन्हें छह बजे तक मुम्बई पहुंच जाना है , जहाँ ये मीटिंग होगी।

शेयर मार्केट के ट्रेंड को बुलिश करने के लिए एक मिस्टर सांगी से भी मीटिंग शेड्यूल है , रात में साढ़े बारह बजे। जुहू होटल मैरियट के काफी शाप में कोई १२ बजे मिलेगा जो उन्हें ले जाएगा।

उनके बारे में इन्होने उड़ती खबर सुनी थी शार्ट टर्म के लिए वो बहुत ही वेव्स पैदा करता है लेकिन गेंस का ५० % उसका , और ये बुलिश ट्रेंड चार पांच दिन तक तो रहता है है , लेकिन उसे कॉन्टैक्ट करना बहुत टेढ़ा है ,

इसके अलावा भी ढेर सारे इकोनामिक डिटेल्स उन्होंने , जो कम्पनी इन्हे एक्वायर करने की कोशिश कर रही है , उसके दिए .

यह मीटिंग लम्बी चली , और इसके अंत में उन्होने कुछ डिमांड भी नहीं पेश की।

हाँ उनकी कांस्टीट्यूशन क्लब की मीटिंग कैंसल हो गई थी और उसके बदले में उन्हें करोल बाग़ के पास एक सामाजिक राष्ट्रवादी संगठन में किसी से मिलना था ,



यह मीटिंग आखिरी थी लेकिन सबसे इम्पोर्टेंट

उन्हें बताया गया की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में एक डायरेक्टर उनका होगा।

उन्हें नाम भी बता दिया गया , और यह भी कल आफ्टरनून के पहले उसकी फाइलिंग सेबी के आफिस में हो जाए।

लेकिन चलने के पहले एक बात उन्होंने यह भी बोली ,

" उन्हें मालूम है की पैरेंट कम्पनी की भी शेयर होल्डिंग डायरेक्टली या इनडायरेक्टली बढ़ेगी , तो उनकी कम्पनी भी एक डायरेक्टर चेंज कर सकती है ,

कुछ देर यह चुप रहे फिर उनके कंधे पर हाथ रख कर बोले ,



"अगर वह आदमी तुम हो तो सेबी को कोई आब्जेक्शन नहीं होगा। , उसकी फाइलिंग भी वो साथ साथ कर सकते हैं। "



करोल बाग़ के पास से एयर पोर्ट ,... एक आदमी बल्कि लड़की से उन्होंने मीटिंग प्रेस क्लब में रखी थी , पर उस लड़की ने खुद बोला की वो लाउंज में एयरपोर्ट पर मिल जायेगी ,



आज रात से सारे इकनॉमिक साइट्स , न्यूज पेपर्स में क्या जाना है , ये सब उन्होंने डिसकस कर लिया , और कल सुबह से जितने चैनल हैं , सी एन बी ऍफ़ सी से लेकर एन डी टी वी बिजनेस तक ,...





फ्लाइट पौने छह बजे टर्मिनल टू पर पहुंच गयी , और उस के पहले उन्हें शेड्यूल मिल गया ,




१ - ७. ३० सेबी - बॉम्बे जिमखाना



२. ८. ४० , एल आई सी कॉर्पोरेट हेडक्वार्टस ,



३. ९. ३० एन बी ऍफ़ सी -यॉट क्लब




गनीमत है तीनों कोलाबा में थे , अमेरिकन कांसुलेट में उन्हें साढ़े ग्यारह के आस पास पहुँचना था , तबतक पैरेंट कम्पनी के आफिस खुल जाते , अमेरिका में।



एक सरप्राइज मीटिंग उन्हें वेट कर रही थी।
 
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जोरू का गुलाम -भाग २३६ पृष्ठ १४३३

मंगलवार -दिल्ली


अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें , कहानी फायनेंसियल थ्रिलर के जबरदस्त मोड़ पर है
 
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Shetan

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जोरू का गुलाम -भाग २३६

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मिसेज डी मेलो

गेट पर मैंने बोल दिया था की , अगर कोई मुझे पूछे तो उसकी गाडी भी सीधे पीछे , मेरी गाड़ी के पास भेज देना।

दो बजे मिसेज डी मेलो आ गयीं।
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मिसेज डी मेलो, इनकी सेक्रेटरी,


लेकिन आर्गनाइजेशन में देखे तो इनसे बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस, आफिस पॉलिटिक्स से लेकर कॉर्पोरटे आफिस के अंदरूनी हाल चाल तक सब उनकी उँगलियों पर, और सिर्फ इनकी नहीं मेरी और मम्मी की भी बहुत ख़ास, पर सुनती सब थीं , बोलती बहुत कम

और सबसे बड़ी दो बातें सुपर लॉयल और सुपर शार्प, वूड हाउस की कहानियों में जो हालत जीव्स की है एकदम उसी तरह से, बड़ी से बड़ी मुसीबत में बिना हिम्मत खोये, बिना कुछ बोले रास्ता निकाल लेने वाली,

और उन्होंने पूरी बात बता दी।


सुबह कांफ्रेंस एक स्पेशल रूम में हुए जिसे ये लोग 'एग ' कहते हैं। ये बगिंग , हैकिंग प्रूफ है , इसकी अंदरूनी दीवाले सर्जिकल स्टील की बनी हैं , और यह दिन में चार बार बग्स के लिए चेक होता है। और तब से यह उसी कमरे में बैठे सबसे बाते कर रहे हैं , सिर्फ एक बार बाहर निकल कर मिसेज डी मेलो को उन्होंने इंस्ट्रक्शन दिया।

वो अभी आलरेडी एक बगल के शहर में निकल गए हैं , जहाँ उनके एक फ्रेंड रहते हैं। इनके लिए मिसेज डी मेलो ने एक रूम भी एक होटल में बुक करा दिया है। वो वहीँ चेक इन करेंगे , अपने दोस्त से मिलेंगे और कुछ कम्पनी का भी काम है। दो दिन के लिए रूम बुक है।



लेकिन असली प्रोग्राम दूसरा है , जो सिर्फ मिसेज डी मेलो को मालूम है।



मिसेज डी मेलो और उनके एक कजिन का फर्स्ट एसी में दिल्ली के लिए एक कूपे बुक है , जो ट्रेन शाम सात बजे यहाँ से चलकर सुबह ६ बजे दिल्ली पहुंच जाती है। लेकिन रस्ते में जब ट्रेन उस शहर में पहुंचेगी , जहाँ के लिए ये गए हैं , वहां वो फर्स्ट एसी कूपे में आ जाएंगे और इनका कजिन उतर जाएगा , वह साढ़े दस की आखिरी फ्लाइट से दिल्ली पहुँच जाएगा और वहां से गाजियाबाद।

इनकी ट्रेन पांच बजे के करीब गाजियाबाद पहुंचेगी , वहां वह ट्रेन से उतर जाएंगे और मिसेज डी मेलो का कजिन वापस कूपे में ,...



अगर कोई ट्रैकमिसेज डी मेलो को ट्रैक करने की भी कोशिश करेगा तो वो यहां पर अपने कजिन के साथ फर्स्ट एसी कूपे से उतरेंगी , जिस स्टेशन पर चेंज होगा वहां भी ये दोनों लोग स्टेशन पर दो मिनट के लिए उतरेंगे , फिर वापस ट्रेन में चढ़ेंगे , .... और उनका कजिन वहां से बगल के डिब्बों से होता हुआ , तीन चार डिब्बे के बाद, जब ट्रेन स्टार्ट होगी उतर जाएगा।

ये बैग डी मेलो ही ले जाएंगी , और फर्स्ट एसी कूपे में ही इन्हे मिल जाएगा।

अब मैं समझ चुकी थी , ये बैग इन्होने क्यों मंगवाया।

जहाँ जिस शहर में उन्होंने होटल बुक करवाया है , वहीँ पर उनका फोन , कार्ड्स सब रह जाएंगे . निश्चित रुप से कोई उन्हें उनके कार्ड और मोबाइल से ट्रेस कर रहा होगा , वो फोन और कार्ड उसी शहर में दो दिन तक इस्तेमाल होंगे। और उन्ह ट्रैक करने वाला यही समझेगा की वो उसी शहर में हैं , जबकि वो कल अर्ली मॉर्निंग दिल्ली पहुँच चुके होंगे।

इस बैग में कई मोबाइल फोन थे , जिनमे कुछ तो एकदम बिना इस्तेमाल किये हुए , कुछ सिर्फ वन टाइम इस्तेमाल वाले थे। इसी तरह करीब आधी दर्जन सिम थीं , अलग अलग देशों की , अलग अलग लोगों के नामों की . लेकिन एकदम अनट्रेसेब्ल। उसके साथ भारी मात्रा में कैश भी था , जिससे कार्ड का इस्तेमाल भी उन्हें कम से कम करना पड़े। लेकिन कुछ कार्ड भी थे लेकिन अलग नामों से ,...


इस तरह एक दो दिन तक उन्हें टाइम मिल जाएगा।


हम लोगों की बात ख़तम होने के बाद किसी ने आकर बतलाया की मेंहदी वाले आये हैं , दो लड़कियां दो लड़के ,... मैंने उन्हें मिसेज डी मेलो से इंट्रोड्यूस करवाया , और कई ड्राइंग उन्होंने शेयर भी कीं।


menhadi-6.jpg



करीब आधे घंटे तक, सब टेक्नीकल डिटेल, मेहदी के कौन कैसे बनते हैं क्या क्या पड़ता है जिससे मेहँदी के रंग ज्यादा चटख हों और वो जल्दी सूख जाए, मेंहदी की डिजाइंस हाथ और पैर के साथ बाकी बॉडी पार्ट्स पर और फिर ब्राइडल मेहँदी,



वो मेहदी वलियाँ भी मान गयी की कोई जानकार थी,



मेरा बैग मिसेज डी मेलो के कार के पीछे वाली सीट पर , रखे एक बड़े बैग के अंदर चला गया।



और ढाई बजे तक मिसेज डी मेलो चली गयीं ,



यानी अगर कोई मिसेज डी मेलो को ट्रेस भी कर रहा होता, मेरी और उनके बीच की फोन की बात को हैक भी कर लिया होता तो उसे यही पता चलता की मिसेज डी मेलो, मेहदी वालो से मिलने आयी थी और क्लब में आकर चेक करने पर भी यही पता चलता की मिसेज डी मेलो ने मेंहदी वालो से बात की।

उनके जाने १० मिनट बाद सुजाता आयी , ...तब तक मैं जहाँ रेन डांस होना था , आर्टिफिसियल रेन , उनसे पानी के प्रेशर , एक साथ कितने शावर चलेंगे , कितनी एरिया कवर होगी , .... ये सब डिस्कस करती रही ,

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और सुजाता के आते ही तो फिर बदमाशियां छेड़खानियां , ... उसने आते ही मेंहदी वाले लड़कों को देख कर एकदम , मेरे कान में बोली ,

"स्साले मस्त चिकने लगते हैं , एकदम खाने लायक ,... अभी मूंछ भी नहीं आयी ठीक से , लेकिन औजार सही होगा मेरी गारंटी। "
Girl-jeans-desktop-wallpaper-anveshi-jain-bollywood-actress-thumbnail.jpg



और फिर उन्हें चिढ़ाने पर जुट गयी , क्या पहन कर आओगे , ... कैसी मेंहदी लगाते ही , सिर्फ हाथ पर ,
वो लड़के भी लड़कियों के साथ कितना इंटरैक्ट करते होंगे , तुरंत डबल मीनिंग पर आ गए ,

" वो तो लगवाने वाली पर डिपेंड करता है , कहाँ ,कैसे लगवाती है। "

" नहीं नहीं यहाँ सिर्फ तुम सब तय करोगे , ... एक बार उसने हाथ फैला दिया तो बाकी सब ,... " सुजाता एकदम पीछे पड़ गयी , ...

और जब उसने टैब निकाल कर मेंहदी की ड्राइंग्स दिखायीं , तो इस बेचारे लौंडों की फट गयी

कोई हाथ पर नहीं थी , दस बारह तो सिर्फ बूब्स की , और पांच सीधे गुलाबो के चारो ओर ,

" देख पहले दोनों हाथ पर , ... पैर पर ,.... वो तो तुम लोग कर ही लोगे , असली चीज ये सब हैं ,... एक बार हाथ पैर पर लग गया तो हाथपैर थोड़े ही चला पाएंगी , फिर ये सब ,... " सुजाता ने ट्रिक भी बता दी और एक्स्सपीरिएंस भी पूछ लिया , टैब दिखा कर ,

" इसके पहले भी किसी को यहाँ लगाया है " बूब्स वाली मेंहदी खुली थी ,

" हाँ , ज्यादा नहीं , ज़रा सी ,.. दो तीन लड़कियों ने सुहागरात के पहले , ब्राइडल मेंहदी के साथ। "

" अरे यहां भी तो सुहागरात ही है सबकी उस दिन , ... और अच्छे से लगाया न तो अगले दिन तो ,... क्या पता तुम लोगों की भी , उस दिन तुम लोगो की उम्र वाली कच्ची कलियाँ ही रहेंगी। "

मैंने ध्यान नहीं दिया था , चमची नंबर २ आ गयी थी अभी अभी और वो बोली।

" एकदम अरे अगर पहले दिन , सैटरडे के दिन , तुमने अच्छे से लगाया न तो फिर संडे को तो ,... सोच सोच के मुट्ठ मत मारने लगना अभी से , ... एक से हाईस्कूल वालियां ,.. कोरी कच्ची कलियाँ ,... लेकिन क्या पहन के आओगे ,.... " सुजाता ने पूछ लिया और बिना उन सब के बोले ,

चमची नंबर दो ने फैसला सुना दिया ,

अरे उस दिन यहाँ कोई चड्ढी बनियान नहीं पहनेगा , तो अगर उस दिन वो तुम लोगों ने पहना तो गेट से ही बाहर ,... और फंक्शन का दिन है , तो सिर्फ कुरता ,.. बाकि छोटी सी कुर्ती और पाजामे में , और नार्मल नहीं चूड़ीदार देह से चिपका , सब कुछ दिखता है वाला , ... मैं खुद चेक करुँगी , ... "

और साथ में जो लड़कियां थीं उन्हें भी वही ड्रेस ,.. नो अंडरगार्मेंट्स ,... टाइट छोटी सी प्याजी कुर्ती और लेगिंग्स या केप्री।

अपनी सारी डिजाइन टैब से सुजाता ने उन चारों को वही व्हाट्सऐप कर दिया।

उनके जाने के बाद असली बदमाशी वाली प्लानिंग शुरू हुयी ,

तीज के अगले दिन की तीज प्रिंसेज ,... बल्कि हम तीनो को मालूम था असली टारगेट तो दोनों रसगुल्ले होने थे ,


ऊपर मन से तो ,मैं भी मस्ती वाली बाते कर रही थीं, चमची नंबर दो को एक से एक किंकी बातें करने के लिए उकसा रही थी,लेकिन मेरा मन इनमे लगा था। पहुँच जाय ठीक ठाक, क्या होगा, लेकिन फिर मैंने सर झटक दिया, मैं भी बड़ी बेवकूफ हूँ । ये हैं न सब ठीक कर लेंगे बस, एक बार पहुँच जाएँ


मन बार बार उमड़ घुमड़ कर इन्ही के पास जा रहा था।
Ye pichhle 2 bar pichhe vale update me bhi ye plan padha tha. Message D melo ka cousin direct flight pakad kar Delhi aaega fir gajiyabad se vapas train me. Aur vo bhi dusre dibbe se hote hue utar jaega. Tab tak vo sath honge.
Upar se nude mahendi ka teej program. Aur vo bhi nae nae rasgulle vali. Dress cord me bhi na male ko aur na hi female ko kachha baniyan pahen ne ki ijajat nahi.

Jab tak aap pura parda nahi utthaoge makashad pata karna mere bas ki to nahi hai. Magar fir bhi bahot romanchak lag raha hai. Amezing komalji. Aap ke consept amezing hi hote hai.

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