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Thanks so much.Superduper gazab updates Komal didi
Thanks so much.Superduper gazab updates Komal didi
Thanks so much, you respected my request. While writing such a popular story which is growing by leaps and bounds, helping a number of writers and regularly commenting on my two stories, you could carve out some time to read this part and share your views. I am humbled and obliged.Wow...from erotica..slow teasing to full blown incest sex.. (not that anyone is complaining)...super hot update Madam...truly outstanding..
As user Dreamboy40 wrote in my story comment.... where there is sensual conversation and dialogs during the act...it truly enhances the episode..which is what exactly your update does & adds more sexiness to the on goings...and last but not the least...the pics where truly super and compliment the update in every which way!!
Great Job Madam!!
komaalrani
Definitely Komal ji..i am always eager to read your updates and provide my commentsआपकी पोस्ट पर आभार व्यक्त करना भी कठिन है, आपकी दशांश रचनात्मकता और ऊर्जा भी अगर हो तो कोई कोशिश करे,
इन्सेस्ट के आंगन में इस कहानी में ही सही अर्थों में कदम धरना शुरू किया और बहुत कुछ श्रेय आपको, आपकी कविताओं को और डाक्टर साहिबा को जाता है, मेरी कहानी में हुंकारी भरने वाले और एक अदद दृष्टिपात करने वाले भी बहुत कम है, वैसी कहानी पर आप की कवितायें न सिर्फ साथ देती हैं बल्कि मेरी हिम्मत बढ़ाती हैं और मेरा खुद के प्रति विश्वास दिलाती हैं, " बहुत अच्छा नहीं लिखती लेकिन इतना बुरा भी नहीं आखिर आयुषी जी ने साथ दिया।
मैं सिर्फ कुछ लाइने आपकी कविता की ही फिर से कहना चाहूंगी जिन्होंने पूरे प्रसंग को निचोड़ के रख दिया है
रिश्ते सारे ख़तम हुए लंड और चूत के खेल में
भैया सैंया बन गया अपनी ही बहना को पेल के
बहना तेरी कोख में आज बीज मैं अपना धर दूंगा
अपने वीर्य से आज तुझे गभिन पक्का कर दूंगा
अपने स्तन का पहला दूध मैं भैया तुम्हें पिलाऊंगी
फिर अपनी बेटी को अपने बाप से मैं चुदवाऊँगी
यह इन्सेस्ट कथा ६-७ पोस्टों तक कम से कम चलेगी, पहली रात की ही कहानी कम से कम तीन पोस्टों में, अनुरोध है की हर पोस्ट पर आपकी हुंकारी सुनने को मिले
Thanks so much for nice comments. Please do read and share your views
Thank you for your kind words Madam. Btw, on a lighter note..I am much behind in providing my comments to your other stories. Hope I'll find time soon to provide my comments. Thanks once again.Thanks so much, you respected my request. While writing such a popular story which is growing by leaps and bounds, helping a number of writers and regularly commenting on my two stories, you could carve out some time to read this part and share your views. I am humbled and obliged.
I do try to add conversations wherever possible .
Thanks again
करो न भैया
" करो न भैया " बहन से नहीं रहा गया, चूतड़ उचकाते हुए वो बोल पड़ी,...
" क्या करूँ बोल न साफ़ साफ़ " शैतानी से अपनी बहन को देखते हुए वो बोले।
" वही जो अपनी सास की तीनो बिटिया के साथ करते हो, ... वही कर न, कर ना भैया जल्दी,... हे तड़पा मत " अब मेरी ननद से नहीं रहा जा रहा था। लेकिन उन्हें बहुत मजा आ रहा था आज अपनी बहिनिया को तड़पाने में, जब से उसकी कच्ची अमिया आनी शुरू हुयी ही थी, तब से ललचा रहा बेचारा आज मौका मिला था,.... फिर वो बोले,
" वही तो पूछ रहा हूँ, साफ़ साफ़ बोल न, नहीं बोलना चाहती हो तो मैं निकाल ले रहा हूँ " मुंह बना के वो बोले,...
अब ननद अपनी असलियत पे आ गयी, जोर से अपने भाई को अपनी ओर खींचा और बोली कस कस के,
" छिनार रंडी सास के दामाद, तेरे सारे सालो की गाँड़ मारुं,... सास साली को चोदना होता है तो सब ताकत आ जाती है और अब नौटंकी बहन की बार,... चोद न , ... "
लेकिन आज मेरा मरद अब बदमाशी की सब हद पार करने पर तुला था,.... अपनी बहन की आँखों में आँखे डाल के शरारत से बोला, आँख मार के बोला,...
" अरे बोल न मेरी बहिना, किसको, क्या बस एक बार " ...
" अरे किसको क्या, आपन बहिन चोद बहिन की बुर चोद, गाँड़ मार जो करना है कर, जब चाहे सो कर, जब चाहे तब कर लेकिन अभी तो चोद नहीं तो तोहरी मेहरारू के साली के सबकी बुर में ताला लगा के बंद कर दूंगी, चोद जल्दी, "
फिर टोन बदल के रिरियाती बोलीं,... जब सामने गदहे के लंड ऐसा मोटा लंड हो, चूत में आग लगी हो तो औरत कुछ भी करने कहने पे तैयार हो जाती है,
" मेरे अच्छे भैया, देख हर साल तुझे राखी बांधती हूँ, भारी बारिश में ससुराल से आ के तुझे राखी बाँधी थी, तूने एक पैसा भी कभी नहीं दिया,... चोद न भैया,... "
अब उसके बाद कौन रुकता, उन्होंने एक बार फिर से अपनी बहिन को दुहरा किया, उनकी बुर में घुसे लंड को सुपाड़ा तक बाहर किया,.... दोनों हाथों से कस के मेरी ननद की दोनों चूँची को कस के पकड़ा,
और मैं समझ गयी क्या होनेवाला है, मेरा भी दिल दहल गया. वैसे तो ननद की जितनी कस की रगड़ाई हो उतनी ही भौजी हरषाती है, लेकिन मुझे मालूम था क्या होने वाला है,
बिजली नहीं कड़की, बादल नहीं गरजे बस सब हो गया, दस सांड़ की ताकत आ गयी थी उनकी कमर में क्या जोर से धक्का मारा भैया ने बहिनी की बुरिया में
बहुत चुदी होंगी मेरी ननद मेरे नन्दोई से, मेरे अपने देवर , ससुर से,... लेकिन आज,...
चीखने की उन्होंने कोशिश की पर आवाज नहीं निकली, बस मुंह खुला का खुला रह गया,...
आँख जैसे उबल के बाहर आ रही थी, राजधानी एक्सप्रेस की तरह दनदनाता हुआ बित्ते से बड़ा उनके भैया का लंड, बहिन की बुर में दरेरता रगड़ता, चीरता घुस रहा था, अंदर की चमड़ी जरूर छिल गयी होगी, लेकिन मेरे मरद को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था बस उसे आज चोदने से मतलब था, दोनों चूँची को पकड़ के धकेल रहे थे वो, और आधे से ज्यादा घुस गया था, पल भर के लिए रुके वो,
ननद बेचारी चूतड़ पटक रही थीं, नीचे से छटकने की कोशिश कर रही थीं,
मैं बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोक रही थी,... मेरे मरद के नीचे आके आज तक कोई बचा था जो ये स्साली बच पाती,
बस मेरे साजन ने अपनी बहन के जोबन छोड़ के दोनों कलाई पकड़ के पहली बार से भी दूनी ताकत से धक्का मारा,
आधी लाल हरी चूड़ियां चूर चूर कर के चकना चूर,... अब ननद बिचारी हिल भी नहीं पा रही थी, लेकिन चार आने का खेल अभी भी बाकी था,
"ओह्ह्ह नहीं भैया थोड़ा धीरे धीरे, बहुत लग रहा है, उह्ह्ह ओह्ह्ह्ह नहीं उफ्फफ्फ्फ़, "ननद मेरी सुबकते बोली,
लेकिन चोदते समय कौन सुनता है. यही बात इनकी मुझे सबसे अच्छी लगती है, लड़की तो मना करेगी ही,...
जब इन्होने नौवें, दसवे में पढ़ने वाली मेरी दोनों छोटी बहिनों की नहीं सुनी, ससुराल में ऐन होली के दिन दोनों की कोरी कुँवारी बुर भी फाड़ी, गाँड़ भी मारी,... मेरी ननद तो तीन साल की सुहागन थीं,...
और अबकी जब उन्होंने धक्का मारा तो सुपाड़ा सीधे बहन की बच्चेदानी पे,....
और पल भर में ही ननद का सारा दर्द मजे में बदल गया, उनकी देह गिनगीनाने लगी, बस वो झड़ने के कगार पर थीं, कस के उन्होंने अपने भैया की भींच लिया, धक्के भी अब बंद हो गए थे, पर अब मेरी ननद चालु हो गयीं अपने भाई को गरियाने,
" मेरे मरद के साले, तेरी सास का भोंसड़ा नहीं है, जिसमे से मेरे प्यारे भाई से चुदवाने के लिए छिनार ने तीन तीन बिटिया बिया दी हैं, जिस भोंसडे में मेरे भैया की सादी में तीन दिन सारी बरात टिकी थी, जिस भोंसडे में मेरी मीठी भौजी के सारे ससुरारी वाले डुबकी लगाते हैं नहाते हैं,... अरे अपनी सास के भोंसडे की तरह नहीं अपनी बहिनिया की कसी चूत की तरह चोद न धीरे धीरे प्यार से,... "
ननद की गारी सुन के मैं मस्ता गयी, अरे ससुराल में चिढ़ाने वाली छेड़ने वाली गरियाने वाली ननद न हो तो ससुराल का मजा क्या,...
बहन भाई की चुदाई देख के मैंने वैसे ही गीली हो रही थी, मस्त हो रही थी और ये गालियां सुन के और,...
ये भी जानते थे की दो चार धक्के और तो बहिनिया झड़ जायेगी , पर ये खुल के मजा लेना चाहते थे, ...
तो बस धक्का रोक के झुक के बहन की एक चूँची उनके मुंह में,... कस कस के चूसने लगे और दूसरे हाथ से दूसरे जोबन का रस लेने लगे,...
" हाँ भैया हाँ ऐसे ही चूस न , चूस कस के चूस, अबे, मेरी मीठी भौजी की रंडी महतारी के दामाद, ऐसे ही कस कस के चूस,... भैया बहुत अच्छा लग रहा है "
एक बार बहिन भाई का लंड कस के अपनी बुर में कस के निचोड़ रही थी, मेरे साजन की खुसी मस्ती देख के मैं भी मस्ता रही थी.
" कब से तड़प रहा था इन्ही के लिए " उन्होंने अपने मुंह से बचपन का हाल बयान कर दिया, ...
बहिन उनकी हंसी,
" मुझे मालूम नहीं था क्या, तभी तो तुझे देख के और उभारती थी, तू नहाने जाता था तो बाथरूम में ब्रा अपनी छोड़ के आती थी "
बस ये बात सुन के उन्होंने चूम लिया कस के अपनी बहिनिया को, ... और दोनों हाथों से अपनी बहिन के जोबन को कस के दबाने मसलने रगड़ने लगे , उनके मसलने से ही कोई लड़की झड़ जाए ऐसा मस्त मसलते थे,
लेकिन अब मैं बीच में आ गयी,...
" हे तेरी बहन है तो तू ही अकेले अकेले मजा लेगा, मेरी भी तो ननद लगती है "
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Very hot update , bhai behen me baatin ki bgi kami nhi hकरो न भैया
" करो न भैया " बहन से नहीं रहा गया, चूतड़ उचकाते हुए वो बोल पड़ी,...
" क्या करूँ बोल न साफ़ साफ़ " शैतानी से अपनी बहन को देखते हुए वो बोले।
" वही जो अपनी सास की तीनो बिटिया के साथ करते हो, ... वही कर न, कर ना भैया जल्दी,... हे तड़पा मत " अब मेरी ननद से नहीं रहा जा रहा था। लेकिन उन्हें बहुत मजा आ रहा था आज अपनी बहिनिया को तड़पाने में, जब से उसकी कच्ची अमिया आनी शुरू हुयी ही थी, तब से ललचा रहा बेचारा आज मौका मिला था,.... फिर वो बोले,
" वही तो पूछ रहा हूँ, साफ़ साफ़ बोल न, नहीं बोलना चाहती हो तो मैं निकाल ले रहा हूँ " मुंह बना के वो बोले,...
अब ननद अपनी असलियत पे आ गयी, जोर से अपने भाई को अपनी ओर खींचा और बोली कस कस के,
" छिनार रंडी सास के दामाद, तेरे सारे सालो की गाँड़ मारुं,... सास साली को चोदना होता है तो सब ताकत आ जाती है और अब नौटंकी बहन की बार,... चोद न , ... "
लेकिन आज मेरा मरद अब बदमाशी की सब हद पार करने पर तुला था,.... अपनी बहन की आँखों में आँखे डाल के शरारत से बोला, आँख मार के बोला,...
" अरे बोल न मेरी बहिना, किसको, क्या बस एक बार " ...
" अरे किसको क्या, आपन बहिन चोद बहिन की बुर चोद, गाँड़ मार जो करना है कर, जब चाहे सो कर, जब चाहे तब कर लेकिन अभी तो चोद नहीं तो तोहरी मेहरारू के साली के सबकी बुर में ताला लगा के बंद कर दूंगी, चोद जल्दी, "
फिर टोन बदल के रिरियाती बोलीं,... जब सामने गदहे के लंड ऐसा मोटा लंड हो, चूत में आग लगी हो तो औरत कुछ भी करने कहने पे तैयार हो जाती है,
" मेरे अच्छे भैया, देख हर साल तुझे राखी बांधती हूँ, भारी बारिश में ससुराल से आ के तुझे राखी बाँधी थी, तूने एक पैसा भी कभी नहीं दिया,... चोद न भैया,... "
अब उसके बाद कौन रुकता, उन्होंने एक बार फिर से अपनी बहिन को दुहरा किया, उनकी बुर में घुसे लंड को सुपाड़ा तक बाहर किया,.... दोनों हाथों से कस के मेरी ननद की दोनों चूँची को कस के पकड़ा,
और मैं समझ गयी क्या होनेवाला है, मेरा भी दिल दहल गया. वैसे तो ननद की जितनी कस की रगड़ाई हो उतनी ही भौजी हरषाती है, लेकिन मुझे मालूम था क्या होने वाला है,
बिजली नहीं कड़की, बादल नहीं गरजे बस सब हो गया, दस सांड़ की ताकत आ गयी थी उनकी कमर में क्या जोर से धक्का मारा भैया ने बहिनी की बुरिया में
बहुत चुदी होंगी मेरी ननद मेरे नन्दोई से, मेरे अपने देवर , ससुर से,... लेकिन आज,...
चीखने की उन्होंने कोशिश की पर आवाज नहीं निकली, बस मुंह खुला का खुला रह गया,...
आँख जैसे उबल के बाहर आ रही थी, राजधानी एक्सप्रेस की तरह दनदनाता हुआ बित्ते से बड़ा उनके भैया का लंड, बहिन की बुर में दरेरता रगड़ता, चीरता घुस रहा था, अंदर की चमड़ी जरूर छिल गयी होगी, लेकिन मेरे मरद को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था बस उसे आज चोदने से मतलब था, दोनों चूँची को पकड़ के धकेल रहे थे वो, और आधे से ज्यादा घुस गया था, पल भर के लिए रुके वो,
ननद बेचारी चूतड़ पटक रही थीं, नीचे से छटकने की कोशिश कर रही थीं,
मैं बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोक रही थी,... मेरे मरद के नीचे आके आज तक कोई बचा था जो ये स्साली बच पाती,
बस मेरे साजन ने अपनी बहन के जोबन छोड़ के दोनों कलाई पकड़ के पहली बार से भी दूनी ताकत से धक्का मारा,
आधी लाल हरी चूड़ियां चूर चूर कर के चकना चूर,... अब ननद बिचारी हिल भी नहीं पा रही थी, लेकिन चार आने का खेल अभी भी बाकी था,
"ओह्ह्ह नहीं भैया थोड़ा धीरे धीरे, बहुत लग रहा है, उह्ह्ह ओह्ह्ह्ह नहीं उफ्फफ्फ्फ़, "ननद मेरी सुबकते बोली,
लेकिन चोदते समय कौन सुनता है. यही बात इनकी मुझे सबसे अच्छी लगती है, लड़की तो मना करेगी ही,...
जब इन्होने नौवें, दसवे में पढ़ने वाली मेरी दोनों छोटी बहिनों की नहीं सुनी, ससुराल में ऐन होली के दिन दोनों की कोरी कुँवारी बुर भी फाड़ी, गाँड़ भी मारी,... मेरी ननद तो तीन साल की सुहागन थीं,...
और अबकी जब उन्होंने धक्का मारा तो सुपाड़ा सीधे बहन की बच्चेदानी पे,....
और पल भर में ही ननद का सारा दर्द मजे में बदल गया, उनकी देह गिनगीनाने लगी, बस वो झड़ने के कगार पर थीं, कस के उन्होंने अपने भैया की भींच लिया, धक्के भी अब बंद हो गए थे, पर अब मेरी ननद चालु हो गयीं अपने भाई को गरियाने,
" मेरे मरद के साले, तेरी सास का भोंसड़ा नहीं है, जिसमे से मेरे प्यारे भाई से चुदवाने के लिए छिनार ने तीन तीन बिटिया बिया दी हैं, जिस भोंसडे में मेरे भैया की सादी में तीन दिन सारी बरात टिकी थी, जिस भोंसडे में मेरी मीठी भौजी के सारे ससुरारी वाले डुबकी लगाते हैं नहाते हैं,... अरे अपनी सास के भोंसडे की तरह नहीं अपनी बहिनिया की कसी चूत की तरह चोद न धीरे धीरे प्यार से,... "
ननद की गारी सुन के मैं मस्ता गयी, अरे ससुराल में चिढ़ाने वाली छेड़ने वाली गरियाने वाली ननद न हो तो ससुराल का मजा क्या,...
बहन भाई की चुदाई देख के मैंने वैसे ही गीली हो रही थी, मस्त हो रही थी और ये गालियां सुन के और,...
ये भी जानते थे की दो चार धक्के और तो बहिनिया झड़ जायेगी , पर ये खुल के मजा लेना चाहते थे, ...
तो बस धक्का रोक के झुक के बहन की एक चूँची उनके मुंह में,... कस कस के चूसने लगे और दूसरे हाथ से दूसरे जोबन का रस लेने लगे,...
" हाँ भैया हाँ ऐसे ही चूस न , चूस कस के चूस, अबे, मेरी मीठी भौजी की रंडी महतारी के दामाद, ऐसे ही कस कस के चूस,... भैया बहुत अच्छा लग रहा है "
एक बार बहिन भाई का लंड कस के अपनी बुर में कस के निचोड़ रही थी, मेरे साजन की खुसी मस्ती देख के मैं भी मस्ता रही थी.
" कब से तड़प रहा था इन्ही के लिए " उन्होंने अपने मुंह से बचपन का हाल बयान कर दिया, ...
बहिन उनकी हंसी,
" मुझे मालूम नहीं था क्या, तभी तो तुझे देख के और उभारती थी, तू नहाने जाता था तो बाथरूम में ब्रा अपनी छोड़ के आती थी "
बस ये बात सुन के उन्होंने चूम लिया कस के अपनी बहिनिया को, ... और दोनों हाथों से अपनी बहिन के जोबन को कस के दबाने मसलने रगड़ने लगे , उनके मसलने से ही कोई लड़की झड़ जाए ऐसा मस्त मसलते थे,
लेकिन अब मैं बीच में आ गयी,...
" हे तेरी बहन है तो तू ही अकेले अकेले मजा लेगा, मेरी भी तो ननद लगती है "
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और इसलिए भी की अपनी ससुराल में तो किसी को छोड़ा नहीं, दोनों सालिया, सास यहाँ तक की साली की दो दो सहेलियां तो अब मायके का नंबर लगेगा अभी बहन फिर,Are muje samazne me galti hui. To fayda to fir bhi unka hai. Vese dono ke mayke par unka hak hai. Apni behen par to fir komal ki bahen par bhi. Amezing.
क्या याददाश्त है आपकी, एक एक चीज याद है, रंजी और गुड्डी की वो मस्ती, जिसमें आनंद बाबू की सैंडविच बनीएकदम नहीं कोमल मैम
रंजी को गुड्डी जो अनुगृहित करने वाली है, ये उसकी प्रतिध्वनि है।
सादर