कोमल जी,
पहले तो आप का बहुत बहुत अभिनदंन इस नई कहानी के लिये, ये हम पाठकों के लिये किसी उपहार से कम नही है।
वैसे आप की कहानियों की यह खासियत होती हैं कि यदि आप चाहें तो उसका अगला भाग भी लिख सकती है।यह एक बेहतरीन लेखक की निशानी है।आप लेखक कला में माहिर है इस बात में कोई शंका नही है।आप की कला का एक छोटा सा प्रमाण भर है यह।
कहानी के पात्र ,घटनाओं और उनके स्थानों का इतना बारीक, इतना सजीव चित्रण ये आप ही कर सकती है ।
कोई भी घटना यू ही नही होती हैं आप की किसी भी कहानी में उसका कोई न कोई मतलब जरूर होता है।
अभी तो छुटकी की शुरुआत हुई हैं आगे बहुत "लड़ाई "बाकी है।नंदोई जी है,सास ,ननदऔर देवर तो है ही।