“” ससुराल में पहुँच के महीने दो महीने में गाभिन होने की खबर सुन के, पोते की ख़ुशी और बेटा तगड़ा है इस की भी ख़ुशी, फिर बहू को कोई नहीं बोलता,... और मरद वैसे ही महीना पंद्रह दिन में,... फिर बबुआने में कुल,... खाली यही सीधा कम से सोझे मुंह आदर से बात भी करता है और देह का भी तगड़ा है,...””
मस्ट![]()
किसी कवि ने कहा है“”गाँव में सब लोग जानते थे जो रोपनी करने आती हैं, उनमें से शायद ही कोई बचती हो, बाबू लोगों से,... और वो सब बुरा भी नहीं मानती थी, बल्कि,... जान के आती थी, और जिसकी बिल में रोपाई हो जाती थी उसे एक कट्टा ज्यादा मिलता था. और और दस बारह दिन तो कम से कम रोपनी चलती थी।””
उफ़्फ कितना गरम माहोल हैं गाँव का![]()
aap ne jaise kaha hai aage bhi maa beti ke smaavaad aate rahenge ,... jitani baaten mahilaayen aaps men kul ke kar paati hain purush nahi kar paateAb geeta badla legi maa se, or isi tarah ki conversation jyada kijiye story me, accha lgta h
एकदम और अगर आप पिछले पन्ने पलटेंगे तो जब अरविन्द, गीता का भइआ घबड़ा रहा था की फुलवा पेट से हो गयी है गौने के पहले तो ग्वालिन भौजी ने भी उससे यही बात कही थी,“”दूसरे फुलवा की माँ भी ये सब बात समझती थी बल्कि सबसे ज्यादा समझती थी,...
उसे अच्छी तरह मालूम था की फुलवा गाभिन हो के गौने गयी और उसको गाभिन किसने किया है “”
वाह फुलवा कि माँ भी अपनी बेटी का भला ही चाहती हैं , गीतवा की माँ की तरह……![]()
“” ससुराल में पहुँच के महीने दो महीने में गाभिन होने की खबर सुन के, पोते की ख़ुशी और बेटा तगड़ा है इस की भी ख़ुशी, फिर बहू को कोई नहीं बोलता,... और मरद वैसे ही महीना पंद्रह दिन में,... फिर बबुआने में कुल,... खाली यही सीधा कम से सोझे मुंह आदर से बात भी करता है और देह का भी तगड़ा है,...””
मस्ट![]()



“”कोरी गगरी तोड़ दी.””
ये ४ शब्द ही एक दम से बदन में गर्मी पैदा करने के लिये काफ़ी है .
आपके के लेखन को प्रणाम
Ekdam jaane kab se lalacha raha hoga“”
स्साली छिनरपना गौना हो जाएगा तो ससुराल में तो तेरी ननद का भाई तो दिन रात चढ़ा ही रहेगा, कुछ दिन तेरा भाई भी तेरे जोबन का रस ले ले,.... फिर तो कब मायके आ पाएगी चल छिनार माँ से सरमाती है "
“”
गीतवा की नानी उसके मामा को सगे भाई होने का पूरा हक़ दिला रही थी , आख़िर भैया का हक़ सबसे पहले आता है
Kya baat kahi hai aapne“”
गीता की बुआ,... चिढ़ाती भी थीं उसके भाई को, ये तो मायके से आया है दहेज़ में।
“”
बुआ को सब पता है आख़िर माँ की तरह बुआ भी कभी बहन थी![]()






अभी से मैं कुछ बता के अगले पार्ट का मज़ा कम नहीं करना चाहती“”
"अच्छा मेरे बाप तो बाबू ही हैं न मेरे ?
गीता का सवाल ख़तम नहीं हुआ और माँ की हंसी चालू हो गयी
“”
plz plz कोमल जी गुज़ारिश है आपसे गीतवा और अरविंद को सगे भाई बहन ही रहने दीजिए plz , अब गीतवा की माँ ने होली में जीजा ननदोई और कितने ही देवरों का लिया हों …… लेकिन वापस भैया ही आके उसको knock कर के गये हो , और अगर इस बार ससुराल में खेल खेला हो भैया ने आ कर तो और भी अच्छा plz plz
मोहे रंग दे
में जो कोहबर के अंदर वाले पार्ट में जो दूल्हे राजा की माँ अपनी और मामा की कहानी सुनाई थी बस वैसी ही कुछ plzzzzzzzzzzz
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Erotica - मोहे रंग दे
What happen Komal Ji....It's very long time . Is everything fine ?xforum.live