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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

Ashokafun30

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अशोक भाई की बात ही निराली है.....
बस दिवाली की कहानी मिस कर रहे हैं आजकल...

Xossip की मशहूर कामकथाओं में इनकी सारी कहानियाँ शामिल हैं
thanks
Diwali aane do, iss baar bhi Diwali Ka Jua series par nayi kahani aayegi
thanks for your encouragement
keep reading
 

Ashokafun30

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Bhut hi shandaar update....... ye naya rishta gajab tarike se bnaya hai ashok bhai......




Bhut hi lajawab update.....


Ab dekhna ye h ki aage kya kya gul khilati h ye Maa beti kj pyasi jodi........
thanks
jo bhi hoga, sabko maja jaroor milega
kahani ka agla update aaj sham tak aayega
keep reading
 

Ashokafun30

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अगले दिन अनु के स्कूल जाने के बाद शेफाली जब ऑफीस जाने के लिए तैयार हो रही थी तो उसके मोबाइल की नॉटीफिकेशन बेल बजी

ये बेल उसी डेटिंग एप की थी , जिसे वो अच्छे से पहचानती थी
कल ऑफीस से आते हुए उसने एक अच्छा सा बंदा देखके हाय कर दिया था
जो किसी कॉलेज में प्रोफेसर था
देखने में भी ठीक-ठाक था
उसी का रिप्लाइ आया था
शाम को मिलने के लिए बोल रहा था

इसलिए डेट के हिसाब से उसने कपड़े पहन लिए , हमेशा की तरह बड़ी ही सैक्सी लग रही थी वो

special-screening-of-film-93272.jpg


शाम को ऑफीस से निकलकर वो यही सोच रही थी की पिछली बार की तरह क्या इस बार भी पहली मुलाकात में वो चुदाई के लिए तैयार हो जाएगी
वो अपने आप से ये पूछ तो रही थी पर जवाब उसे अच्छी तरह पता था
वो ना बोलेगा तो पहल उसे ही करनी पड़ेगी

चुदाई के लिए वो रंडी तक बनने के लिए तैयार थी,
वैसे भी अनु के साथ हुए एनकाउंटर ने उसे और भी सुलगा दिया था,

और अब ये सुलगाहट एक आग का रूप ले चुकी थी
जिसे लॅंड से निकलने वाली पिचकारियाँ ही बुझा सकती थी

जब मिलने वाली जगह यानी कॉफी शॉप मे वो पहुँची तो उसने कॉल करके पूछा की वो आया है या नही, जवाब मिला की वो अंदर ही है

यानी उसे भी ठरक लगी हुई थी
पर जैसे ही वो अंदर पहुँची सामने खड़े शख़्स को देखकर वो हैरान रह गयी

“सर ……आप ? ”

और लगभग ऐसा ही रिएक्शन उस आदमी का भी था
होता भी क्यों नही
वो सामने वाला शख़्स कोई और नही, उसकी बेटी के क्लास टीचर सुधीर सर थे
जिन्हे वो स्कूल की पेरेंट्स टीचर मीटिंग में कई बार मिल चुकी थी

शेफाली ने ऐप की डीपी पर सिर्फ़ अपनी आँखो का क्लोज़ अप लगाया हुआ था,
जो इतनी नशीली थी की उन्हे देखकर ही सामने वाला रिक्वेस्ट भेज देता था या एक्सेप्ट कर लेता था

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वैसे भी आदमी इतने ठरकी होते है की ऐसी मुलाकात के लिए तैयार किसी भी महिला से मिलने के लिए वो रिक्वेस्ट भेज दें , चाहे उनकी डीपी लगी हो या नही..

वहीं दूसरी तरफ सुधीर सर ने जो पिक लगाई हुई थी, उसमे उनकी क्लीन शेव थी , जो करीब 5 साल पहले की फोटो थी,
और पिछले 2 सालो से उन्होने घनी मूँछे और हल्की दाढ़ी रखी हुई थी
यही कारण था की ना तो सुधीर सर शेफाली को पहचान पाए और ना ही शेफाली सुधीर सर को.

स्कूल मीटिंग में भी सुधीर सर ने उन्हे देखकर कई बार अंदर ही अंदर आहें भरी थी
इतनी सैक्सी मॉम को देखकर अक्सर टीचर्स का यही हाल होता है

और शेफाली भी उन्हे देखकर मन ही मन कई फेंटेसीज़ बुनती रहती थी, की वो उसकी बेटी को पढ़ाने उसके घर आए है, एक दिन वो बाहर गयी होती है तो उन दोनो का आपस में चक्कर चल जाता है
या फिर अपनी पड़ाई मे कमजोर बेटी को पास करवाने के लिए वो उनके केबिन में जाती है और वहां दोनो धमाकेदार चुदाई करते है

ऐसी ही कई कल्पनाएँ उसने ना जाने कितनी बार बनाई होंगी

हालाँकि शेफाली को अभी ये बात पता नही थी की सुधीर सर ने उसकी बेटी पर काबू पा लिया है
और जल्द ही उसकी ख़तरनाक चुदाई करने वाले है

और आज जब एक डेटिंग ऐप की वजह से दोनो आमने सामने आए तो उन्हे अब सूझ नही रहा था की करे तो क्या करे

शेफाली की तरह सुधीर भी अपने अकेलेपन से परेशान था,
वो अक्सर इस ऐप का इस्तेमाल करके अकेली और परिपक्व औरतों के साथ मज़े लिया करता था,
पर पिछले 2 महीनो से अनु के साथ मिल रहे मज़े के कारण उसका सारा ध्यान अब सिर्फ़ अनु पर था

और अनु ने जिस हालत में आकर उन्हे अब तड़पने के लिए छोड़ रखा था, उससे परेशन होकर सुधीर सर ने आख़िर फिर से उसी ऐप का सहारा लिया ताकि अपने लॅंड को थोड़ा आराम दे सके पर उन्हे कहां मालूम था की सामने अनु को मॉम ही आकर खड़ी हो जाएगी

अब सवाल ये था की क्या किया जाए,
वहाँ से वापिस चला जाए या जो हो रहा है उसे होने दिया जाए

आख़िर जीत वासना की हुई

शेफाली ने ही पहल की

“सुधीर सर , अब यहाँ तक आ ही गये है तो एक कॉफी तो पी ही सकते है”

सुधीर : “जी ज़रूर, पर एक शर्त पर, आप मुझे सिर्फ़ सुधीर कहेंगी, सर सिर्फ़ स्कूल में …”

शेफाली ने मुस्कुरकर उनकी बात मान ली और दोनो ने कॉफी का ऑर्डर कर दिया
कॉफी पीते हुए दोनो ने हर टॉपिक पर खुलकर बात की
शेफाली ने अपने अकेलेपन की और सुधीर ने अपनी शादी , माँ पिताजी के प्रेशर और उनके गाँव से शहर आने तक की सभी बातें शेफाली को सुना डाली

बात करते हुए सुधीर की नज़रें बहुत बारीकी से शेफाली को निहार रही थी
उसके रसीले होंठो से लेकर उसके उभारों को वो अपनी वासना भरी नज़रों से देखकर यही अंदाज़ा लगा रहा था की जब वो उन्हे चूसेगा तो कितना मज़ा आएगा

शेफाली की जवानी के अंगारे भी उसकी वासना भरी नजरों को अपने शरीर पर महसूस करके भड़क उठे थे
उसके मन से डर भी अब निकल चुका था की वो उसकी बेटी का स्कूल टीचर है , दुनिया को पता चलेगा तो क्या होगा
उसे तो अब सिर्फ़ एक मर्द दिखाई दे रहा था
लंबा चौड़ा और हलकी दाढ़ी म घनी मूँछ के साथ वो इतना सैक्सी लग रहा था

उसका बस चलता तो उसी टेबल पर सुधीर सर को लिटा कर उनपे चढ़ जाती
यानी चुदने का इरादा आ चुका था उसके मन में

काफ़ी ख़त्म होने पर सुधीर ने थोड़ा सहमते हुए उससे पूछा : “तो अब….आगे क्या….आ ई मीन….”
वो समझ रही थी की सुधीर क्या कहना चाहता है
पर अभी वो उन्हे अपने घर तो लेकर जा नही सकती थी,
अनु आ चुकी होगी घर पर और ना ही सुधीर सर उसे अपने घर लेकर जा सकते थे

वहां उसके माँ बाप जो थे
किसी होटल में इस वक़्त जाने का समय नही था, उसके लिए तो पूरा दिन ही सही रहता है

इसलिए आज के लिए उसने यही सोचा की अगली मीटिंग डिसाईड कर ली जाए,
दोनो की मौन सहमति तो मिल ही चुकी थी,
यानी चुदाई तो पक्का करनी थी उन्हे
सिर्फ़ सही मौके और जगह की तलाश करनी थी बस

इसलिए दोनो ने आपस में नंबर एक्सचेंज किये
 

Ashokafun30

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बाहर निकले तो अंधेरा काफ़ी हो चूका था, सुधीर ने शेफाली को ड्रॉप करने को कहा तो वो मना नही कर सकी
दोनो चलते हुए पार्किंग तक आए,
दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी थी,
चलते -2 अचानक शेफाली का हाथ सुधीर से टकरा गया,
ऐसा लगा जैसे उसका पूरा बदन सुलग उठा हो,
सुधीर ने अपने सख़्त हाथों में उसके नर्म हाथ पकड़कर ज़ोर से दबा दिए, वो सिसक उठी

और अगले ही पल सुधीर ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए
सुधीर अपनी कार तक पहुँच चुका था, और जहा वो खड़े थे, वहां काफ़ी अंधेरा भी था,
कोई देखने वाला भी नही था, इसलिए मौके का फ़ायदा उठा कर सुधीर ने उसे दबोच लिया था
कार के दरवाजे से शेफाली को चिपका कर सुधीर उससे बुरी तरह से चिपक गया
शेफाली तो पहले से ही तैयार थी, उसके होंठो पर जब सुधीर ने किस्स किया तो वो उसपर टूट ही पड़ी
एक किस्स को स्मूच बनने में 10 सैकंड भी नहीं लगे

intense-kiss-eating-kiss.gif


दोनो के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी
कौन किसके होंठो को देर तक चूसता है
कभी शेफाली चूसती तो कभी सुधीर
शायद चुदने की जो ख्वाहिश वो लेकर आई थी उसे इसी तरह से होंठ चूस्कर पूरा कर रही थी वो

सुधीर के अनुभवी हाथो ने शेफाली के नशीले जिस्म को अपनी हथेलियों से नापना शुरू कर दिया
उसने एक टाइट चूड़ीदार पायजामी और फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें उसके मोटे बूब्स किसी छोटी फुटबॉल की तरह फँस कर नज़र आ रहे थे

सुधीर ने उन फुटबॉल्स के साथ किसी बच्चे की तरह खेलना शुरू कर दिया,
भले ही वो फुटबॉल अभी ब्रा और सूट की कैद में बँधी हुई थी पर उसकी शेप और वजन का अनुमान वो अच्छे से लगा पा रहा था

वो सूट के उपर से ही उन्हे अपने कड़क हाथो से मसल रहा था,
काश वो उन बूब्स को नंगा देख पाता या मसल पाता

पर वाहा अभी ऐसा होना पासिबल नही था
उधर शेफाली के हाथ भी धीरे-2 रेंगते हुए सुधीर के लॅंड तक जा पहुँचे,
वहां का उभार देखकर ही वो समझ गयी की आज तक जितने भी लॅंड लिए है उसने, उनमें ये सबसे बड़ा और ताकतवर निकलने वाला है
शेफाली ने उसकी जीन्स की जीप खोल कर हाथ अंदर डाल दिया,

कुछ परतों बाद उसका हाथ लहराकर आख़िरकार नंगे लॅंड से जा टकराया
सुधीर की तो हालत ही खराब हो गयी

शेफाली ने जब उसे अपनी नर्म उंगलियों से सहलाना शुरू किया तो स्मूच छोड़कर वो गहरी साँसे लेने लगा,
अधखुली आँखो से जब उसने शेफाली की तरफ देखा तो नशे की हालत में उसे शेफाली नही बल्कि अनु दिखाई दी

उफफफफ्फ़

ऐसे मौके पर शेफाली जैसी सेक्सी माँ के होते हुए भी उसे उसकी बेटी अनु दिखाई दे रही है,
ये बताने के लिए काफ़ी था की अंदर से अनु उसके दिलो दिमाग़ में किस कदर तक समा चुकी है

शेफाली की हालत तो इतनी खराब हो रही थी की उसका बस चलता तो अपने सारे कपड़े फाड़कर खुद ही नंगी हो जाती और वहीं पार्किंग में लेट कर नंगी होकर उससे चुदवा लेती

पर अभी के लिए ऐसा करना पॉसिबल नही था
पर जो था, वो ज़रूर कर सकती थी वो

उसने जीन्स के बटन खोले और उसके लॅंड को पूरा बाहर निकाल लिया और खुद धीरे-2 नीचे बैठती चली गयी
सुधीर समझ गया की वो क्या करना चाहती है

सुधीर की कार लास्ट में खड़ी थी
पीछे घनी झाड़ियां थी
इसलिए पीछे से तो कोई आने से रहा
सामने से जो लोग आ-जा रहे थे, वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल रहे थे
दुनिया को दिखाने के लिए सुधीर ने जेब से अपनी सिगरेट निकाली और गहरे कश लगाकर उसे पीने लगा

और कार की औट में नीचे पंजो पर बैठी शेफाली ने सुधीर का सिगार पीना शुरू कर दिया

2606.gif


सुधीर का लॅंड जब उसके गुलाबी और रसीले होंठो को पार करता हुआ अंदर गया तो बेचारे के पाँव काँप कर रह गये
सिगरेट गिरते-2 बची
बड़ी मुश्किल से उसने कार का सहारा लेकर अपने आप को गिरने से बचाया
पर जब शेफाली ने होंठो के पंप से उसके लॅंड को चूसना शुरू किया तो आँखे बंद हो गयी उसकी

और एक बार फिर से अनु का चेहरा उसकी आँखो के सामने तैर गया
अब उसे शेफाली के रूप में अनु लॅंड चूसते हुए दिख रही थी

कमसिन, कच्ची कली अनु
जिसके छोटे से मुँह में उसका विशालकाय लॅंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था
और फिर भी वो उसे पूरी ईमानदारी से चूस्कर अपने सर को मज़ा दे रही थी

38581.gif


कुछ देर पहले तक सुधीर ने सोचा भी नही था की बाहर निकलकर उसे ऐसे मज़े मिलेंगे

पर अब तो मिल रहे थे ना
शेफाली में कितनी गर्मी है, इसका अंदाज़ा उसके लॅंड चूसने की गति से लग रहा था

और उसकी चूसने की गति का असर ऐसा हुआ की सुधीर का लॅंड जल्द ही झड़ने के करीब पहुँच गया
और वो सिगरेट होंठो में दबाकर, उसके सिर पर हाथ रखकर, आँखे बंद करके आहें भरने लगा

‘’ओह शैफाली ……..उम्म्म्मममममममममममममममममम….. मजाआाआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्ाआआआआआ…… क्या चूसती हो यार………….. सच में …………. यू उ आअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ सेक्शयययययययययययययययययययययी……… आई एम कॉमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग……………’’

शेफाली तो पहले से तैयार थी उस शक्तिशाली लॅंड का रस पीने के लिए

उसने उसे और अंदर तक निगल लिया ताकि धार सीधा उसके गले से नीचे निकल जाए
और हुआ भी ऐसा ही
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारी सुधीर ने उसके मुँह के अंदर, पर मज़ाल थी की एक बूँद भी बाहर निकल जाए
करीब 15-20 पिचकारियां मारी होगी सुधीर ने, शेफाली तो उसके स्वाद और स्टेमिना की कायल हो गयी
और सुधीर उसके चूसने की कला से
वो चूसती ऐसा है तो चुदाई में क्या धमाल करेगी

31832.gif


बस यही सोचते हुए उसने अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसके गले के अंदर उतार दी
अपनी ड्रिंक पूरी करके जब वो उठी तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे 1 बॉटल का नशा करके आई हो
आँखे पूरी नशीली और चाल में मस्ती आ चुकी थी उसके
वो कुछ और करते इससे पहले ही फिर से कुछ और लोग अपनी कार की तरफ आते दिखाई दिए, जो बिलकुल उनकी कार के करीब थी

इसलिए उन्होने वहां रुकना ठीक नही समझा और कार में बैठकर पार्किंग से निकल आए,
शेफाली को उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ चल दिया,
पर जाने से पहले अगले दिन मिलने का वादा भी ले लिया, क्योंकि जो काम अधूरा छोड़ा था उसे भी तो पूरा करना ज़रूरी था


 

malikarman

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बाहर निकले तो अंधेरा काफ़ी हो चूका था, सुधीर ने शेफाली को ड्रॉप करने को कहा तो वो मना नही कर सकी
दोनो चलते हुए पार्किंग तक आए,
दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी थी,
चलते -2 अचानक शेफाली का हाथ सुधीर से टकरा गया,
ऐसा लगा जैसे उसका पूरा बदन सुलग उठा हो,
सुधीर ने अपने सख़्त हाथों में उसके नर्म हाथ पकड़कर ज़ोर से दबा दिए, वो सिसक उठी

और अगले ही पल सुधीर ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए
सुधीर अपनी कार तक पहुँच चुका था, और जहा वो खड़े थे, वहां काफ़ी अंधेरा भी था,
कोई देखने वाला भी नही था, इसलिए मौके का फ़ायदा उठा कर सुधीर ने उसे दबोच लिया था
कार के दरवाजे से शेफाली को चिपका कर सुधीर उससे बुरी तरह से चिपक गया
शेफाली तो पहले से ही तैयार थी, उसके होंठो पर जब सुधीर ने किस्स किया तो वो उसपर टूट ही पड़ी
एक किस्स को स्मूच बनने में 10 सैकंड भी नहीं लगे

intense-kiss-eating-kiss.gif


दोनो के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी
कौन किसके होंठो को देर तक चूसता है
कभी शेफाली चूसती तो कभी सुधीर
शायद चुदने की जो ख्वाहिश वो लेकर आई थी उसे इसी तरह से होंठ चूस्कर पूरा कर रही थी वो

सुधीर के अनुभवी हाथो ने शेफाली के नशीले जिस्म को अपनी हथेलियों से नापना शुरू कर दिया
उसने एक टाइट चूड़ीदार पायजामी और फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें उसके मोटे बूब्स किसी छोटी फुटबॉल की तरह फँस कर नज़र आ रहे थे

सुधीर ने उन फुटबॉल्स के साथ किसी बच्चे की तरह खेलना शुरू कर दिया,
भले ही वो फुटबॉल अभी ब्रा और सूट की कैद में बँधी हुई थी पर उसकी शेप और वजन का अनुमान वो अच्छे से लगा पा रहा था

वो सूट के उपर से ही उन्हे अपने कड़क हाथो से मसल रहा था,
काश वो उन बूब्स को नंगा देख पाता या मसल पाता

पर वाहा अभी ऐसा होना पासिबल नही था
उधर शेफाली के हाथ भी धीरे-2 रेंगते हुए सुधीर के लॅंड तक जा पहुँचे,
वहां का उभार देखकर ही वो समझ गयी की आज तक जितने भी लॅंड लिए है उसने, उनमें ये सबसे बड़ा और ताकतवर निकलने वाला है
शेफाली ने उसकी जीन्स की जीप खोल कर हाथ अंदर डाल दिया,

कुछ परतों बाद उसका हाथ लहराकर आख़िरकार नंगे लॅंड से जा टकराया
सुधीर की तो हालत ही खराब हो गयी

शेफाली ने जब उसे अपनी नर्म उंगलियों से सहलाना शुरू किया तो स्मूच छोड़कर वो गहरी साँसे लेने लगा,
अधखुली आँखो से जब उसने शेफाली की तरफ देखा तो नशे की हालत में उसे शेफाली नही बल्कि अनु दिखाई दी

उफफफफ्फ़

ऐसे मौके पर शेफाली जैसी सेक्सी माँ के होते हुए भी उसे उसकी बेटी अनु दिखाई दे रही है,
ये बताने के लिए काफ़ी था की अंदर से अनु उसके दिलो दिमाग़ में किस कदर तक समा चुकी है

शेफाली की हालत तो इतनी खराब हो रही थी की उसका बस चलता तो अपने सारे कपड़े फाड़कर खुद ही नंगी हो जाती और वहीं पार्किंग में लेट कर नंगी होकर उससे चुदवा लेती

पर अभी के लिए ऐसा करना पॉसिबल नही था
पर जो था, वो ज़रूर कर सकती थी वो

उसने जीन्स के बटन खोले और उसके लॅंड को पूरा बाहर निकाल लिया और खुद धीरे-2 नीचे बैठती चली गयी
सुधीर समझ गया की वो क्या करना चाहती है

सुधीर की कार लास्ट में खड़ी थी
पीछे घनी झाड़ियां थी
इसलिए पीछे से तो कोई आने से रहा
सामने से जो लोग आ-जा रहे थे, वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल रहे थे
दुनिया को दिखाने के लिए सुधीर ने जेब से अपनी सिगरेट निकाली और गहरे कश लगाकर उसे पीने लगा

और कार की औट में नीचे पंजो पर बैठी शेफाली ने सुधीर का सिगार पीना शुरू कर दिया

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सुधीर का लॅंड जब उसके गुलाबी और रसीले होंठो को पार करता हुआ अंदर गया तो बेचारे के पाँव काँप कर रह गये
सिगरेट गिरते-2 बची
बड़ी मुश्किल से उसने कार का सहारा लेकर अपने आप को गिरने से बचाया
पर जब शेफाली ने होंठो के पंप से उसके लॅंड को चूसना शुरू किया तो आँखे बंद हो गयी उसकी

और एक बार फिर से अनु का चेहरा उसकी आँखो के सामने तैर गया
अब उसे शेफाली के रूप में अनु लॅंड चूसते हुए दिख रही थी

कमसिन, कच्ची कली अनु
जिसके छोटे से मुँह में उसका विशालकाय लॅंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था
और फिर भी वो उसे पूरी ईमानदारी से चूस्कर अपने सर को मज़ा दे रही थी

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कुछ देर पहले तक सुधीर ने सोचा भी नही था की बाहर निकलकर उसे ऐसे मज़े मिलेंगे

पर अब तो मिल रहे थे ना
शेफाली में कितनी गर्मी है, इसका अंदाज़ा उसके लॅंड चूसने की गति से लग रहा था

और उसकी चूसने की गति का असर ऐसा हुआ की सुधीर का लॅंड जल्द ही झड़ने के करीब पहुँच गया
और वो सिगरेट होंठो में दबाकर, उसके सिर पर हाथ रखकर, आँखे बंद करके आहें भरने लगा

‘’ओह शैफाली ……..उम्म्म्मममममममममममममममममम….. मजाआाआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्ाआआआआआ…… क्या चूसती हो यार………….. सच में …………. यू उ आअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ सेक्शयययययययययययययययययययययी……… आई एम कॉमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग……………’’

शेफाली तो पहले से तैयार थी उस शक्तिशाली लॅंड का रस पीने के लिए

उसने उसे और अंदर तक निगल लिया ताकि धार सीधा उसके गले से नीचे निकल जाए
और हुआ भी ऐसा ही
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारी सुधीर ने उसके मुँह के अंदर, पर मज़ाल थी की एक बूँद भी बाहर निकल जाए
करीब 15-20 पिचकारियां मारी होगी सुधीर ने, शेफाली तो उसके स्वाद और स्टेमिना की कायल हो गयी
और सुधीर उसके चूसने की कला से
वो चूसती ऐसा है तो चुदाई में क्या धमाल करेगी

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बस यही सोचते हुए उसने अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसके गले के अंदर उतार दी
अपनी ड्रिंक पूरी करके जब वो उठी तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे 1 बॉटल का नशा करके आई हो
आँखे पूरी नशीली और चाल में मस्ती आ चुकी थी उसके
वो कुछ और करते इससे पहले ही फिर से कुछ और लोग अपनी कार की तरफ आते दिखाई दिए, जो बिलकुल उनकी कार के करीब थी

इसलिए उन्होने वहां रुकना ठीक नही समझा और कार में बैठकर पार्किंग से निकल आए,
शेफाली को उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ चल दिया,
पर जाने से पहले अगले दिन मिलने का वादा भी ले लिया, क्योंकि जो काम अधूरा छोड़ा था उसे भी तो पूरा करना ज़रूरी था
Lgta hai jaldi hi kaam pura hoga
 

Ashokafun30

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Lgta hai jaldi hi kaam pura hoga
jaroor poora hoga, mai koi bhi kaam adhura nahi chhodta..:areypagle:
 

Mass

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Ashokafun30 , bhai "Lovely phone sex" (one of the best stories by you)..uska 2nd part kaa koi chance hain kya?
Story ke end mein yeh likha tha ki Kanishkha aur hero (uska naam bhool gaya) shaadi kar sakte hain...i think us story mein 2nd part kaa bhi scope hain...
any idea?
 

Ajju Landwalia

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बाहर निकले तो अंधेरा काफ़ी हो चूका था, सुधीर ने शेफाली को ड्रॉप करने को कहा तो वो मना नही कर सकी
दोनो चलते हुए पार्किंग तक आए,
दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी थी,
चलते -2 अचानक शेफाली का हाथ सुधीर से टकरा गया,
ऐसा लगा जैसे उसका पूरा बदन सुलग उठा हो,
सुधीर ने अपने सख़्त हाथों में उसके नर्म हाथ पकड़कर ज़ोर से दबा दिए, वो सिसक उठी

और अगले ही पल सुधीर ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए
सुधीर अपनी कार तक पहुँच चुका था, और जहा वो खड़े थे, वहां काफ़ी अंधेरा भी था,
कोई देखने वाला भी नही था, इसलिए मौके का फ़ायदा उठा कर सुधीर ने उसे दबोच लिया था
कार के दरवाजे से शेफाली को चिपका कर सुधीर उससे बुरी तरह से चिपक गया
शेफाली तो पहले से ही तैयार थी, उसके होंठो पर जब सुधीर ने किस्स किया तो वो उसपर टूट ही पड़ी
एक किस्स को स्मूच बनने में 10 सैकंड भी नहीं लगे

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दोनो के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी
कौन किसके होंठो को देर तक चूसता है
कभी शेफाली चूसती तो कभी सुधीर
शायद चुदने की जो ख्वाहिश वो लेकर आई थी उसे इसी तरह से होंठ चूस्कर पूरा कर रही थी वो

सुधीर के अनुभवी हाथो ने शेफाली के नशीले जिस्म को अपनी हथेलियों से नापना शुरू कर दिया
उसने एक टाइट चूड़ीदार पायजामी और फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें उसके मोटे बूब्स किसी छोटी फुटबॉल की तरह फँस कर नज़र आ रहे थे

सुधीर ने उन फुटबॉल्स के साथ किसी बच्चे की तरह खेलना शुरू कर दिया,
भले ही वो फुटबॉल अभी ब्रा और सूट की कैद में बँधी हुई थी पर उसकी शेप और वजन का अनुमान वो अच्छे से लगा पा रहा था

वो सूट के उपर से ही उन्हे अपने कड़क हाथो से मसल रहा था,
काश वो उन बूब्स को नंगा देख पाता या मसल पाता

पर वाहा अभी ऐसा होना पासिबल नही था
उधर शेफाली के हाथ भी धीरे-2 रेंगते हुए सुधीर के लॅंड तक जा पहुँचे,
वहां का उभार देखकर ही वो समझ गयी की आज तक जितने भी लॅंड लिए है उसने, उनमें ये सबसे बड़ा और ताकतवर निकलने वाला है
शेफाली ने उसकी जीन्स की जीप खोल कर हाथ अंदर डाल दिया,

कुछ परतों बाद उसका हाथ लहराकर आख़िरकार नंगे लॅंड से जा टकराया
सुधीर की तो हालत ही खराब हो गयी

शेफाली ने जब उसे अपनी नर्म उंगलियों से सहलाना शुरू किया तो स्मूच छोड़कर वो गहरी साँसे लेने लगा,
अधखुली आँखो से जब उसने शेफाली की तरफ देखा तो नशे की हालत में उसे शेफाली नही बल्कि अनु दिखाई दी

उफफफफ्फ़

ऐसे मौके पर शेफाली जैसी सेक्सी माँ के होते हुए भी उसे उसकी बेटी अनु दिखाई दे रही है,
ये बताने के लिए काफ़ी था की अंदर से अनु उसके दिलो दिमाग़ में किस कदर तक समा चुकी है

शेफाली की हालत तो इतनी खराब हो रही थी की उसका बस चलता तो अपने सारे कपड़े फाड़कर खुद ही नंगी हो जाती और वहीं पार्किंग में लेट कर नंगी होकर उससे चुदवा लेती

पर अभी के लिए ऐसा करना पॉसिबल नही था
पर जो था, वो ज़रूर कर सकती थी वो

उसने जीन्स के बटन खोले और उसके लॅंड को पूरा बाहर निकाल लिया और खुद धीरे-2 नीचे बैठती चली गयी
सुधीर समझ गया की वो क्या करना चाहती है

सुधीर की कार लास्ट में खड़ी थी
पीछे घनी झाड़ियां थी
इसलिए पीछे से तो कोई आने से रहा
सामने से जो लोग आ-जा रहे थे, वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल रहे थे
दुनिया को दिखाने के लिए सुधीर ने जेब से अपनी सिगरेट निकाली और गहरे कश लगाकर उसे पीने लगा

और कार की औट में नीचे पंजो पर बैठी शेफाली ने सुधीर का सिगार पीना शुरू कर दिया

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सुधीर का लॅंड जब उसके गुलाबी और रसीले होंठो को पार करता हुआ अंदर गया तो बेचारे के पाँव काँप कर रह गये
सिगरेट गिरते-2 बची
बड़ी मुश्किल से उसने कार का सहारा लेकर अपने आप को गिरने से बचाया
पर जब शेफाली ने होंठो के पंप से उसके लॅंड को चूसना शुरू किया तो आँखे बंद हो गयी उसकी

और एक बार फिर से अनु का चेहरा उसकी आँखो के सामने तैर गया
अब उसे शेफाली के रूप में अनु लॅंड चूसते हुए दिख रही थी

कमसिन, कच्ची कली अनु
जिसके छोटे से मुँह में उसका विशालकाय लॅंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था
और फिर भी वो उसे पूरी ईमानदारी से चूस्कर अपने सर को मज़ा दे रही थी

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कुछ देर पहले तक सुधीर ने सोचा भी नही था की बाहर निकलकर उसे ऐसे मज़े मिलेंगे

पर अब तो मिल रहे थे ना
शेफाली में कितनी गर्मी है, इसका अंदाज़ा उसके लॅंड चूसने की गति से लग रहा था

और उसकी चूसने की गति का असर ऐसा हुआ की सुधीर का लॅंड जल्द ही झड़ने के करीब पहुँच गया
और वो सिगरेट होंठो में दबाकर, उसके सिर पर हाथ रखकर, आँखे बंद करके आहें भरने लगा

‘’ओह शैफाली ……..उम्म्म्मममममममममममममममममम….. मजाआाआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्ाआआआआआ…… क्या चूसती हो यार………….. सच में …………. यू उ आअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ सेक्शयययययययययययययययययययययी……… आई एम कॉमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग……………’’

शेफाली तो पहले से तैयार थी उस शक्तिशाली लॅंड का रस पीने के लिए

उसने उसे और अंदर तक निगल लिया ताकि धार सीधा उसके गले से नीचे निकल जाए
और हुआ भी ऐसा ही
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारी सुधीर ने उसके मुँह के अंदर, पर मज़ाल थी की एक बूँद भी बाहर निकल जाए
करीब 15-20 पिचकारियां मारी होगी सुधीर ने, शेफाली तो उसके स्वाद और स्टेमिना की कायल हो गयी
और सुधीर उसके चूसने की कला से
वो चूसती ऐसा है तो चुदाई में क्या धमाल करेगी

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बस यही सोचते हुए उसने अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसके गले के अंदर उतार दी
अपनी ड्रिंक पूरी करके जब वो उठी तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे 1 बॉटल का नशा करके आई हो
आँखे पूरी नशीली और चाल में मस्ती आ चुकी थी उसके
वो कुछ और करते इससे पहले ही फिर से कुछ और लोग अपनी कार की तरफ आते दिखाई दिए, जो बिलकुल उनकी कार के करीब थी

इसलिए उन्होने वहां रुकना ठीक नही समझा और कार में बैठकर पार्किंग से निकल आए,
शेफाली को उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ चल दिया,
पर जाने से पहले अगले दिन मिलने का वादा भी ले लिया, क्योंकि जो काम अधूरा छोड़ा था उसे भी तो पूरा करना ज़रूरी था


Awesome update Ashok Bhai,

Shaifali to badi tex nikali......parking lot me hi shuru ho gayi..........

Maja aa gaya bhai......

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