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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

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पब्लिक प्लेस मे एक अलग तरह का सेक्सुअल रोमांच को फील किया होगा शेफाली मैम और सुधीर सर ने।
सुधीर सर के नारे व्यारे हो गए। बेटी पहले से ही शेज पर बिछने को तैयार बैठी पड़ी है तो अब मम्मी भी खुद को सुधीर सर पर कुर्बान करने को निश्चय कर चुकी है।

आउटस्टैंडिंग एंड अनदर हाॅट अपडेट अशोक भाई।
 

Scripted

Life is So Beautiful
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बाहर निकले तो अंधेरा काफ़ी हो चूका था, सुधीर ने शेफाली को ड्रॉप करने को कहा तो वो मना नही कर सकी
दोनो चलते हुए पार्किंग तक आए,
दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी थी,
चलते -2 अचानक शेफाली का हाथ सुधीर से टकरा गया,
ऐसा लगा जैसे उसका पूरा बदन सुलग उठा हो,
सुधीर ने अपने सख़्त हाथों में उसके नर्म हाथ पकड़कर ज़ोर से दबा दिए, वो सिसक उठी

और अगले ही पल सुधीर ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए
सुधीर अपनी कार तक पहुँच चुका था, और जहा वो खड़े थे, वहां काफ़ी अंधेरा भी था,
कोई देखने वाला भी नही था, इसलिए मौके का फ़ायदा उठा कर सुधीर ने उसे दबोच लिया था
कार के दरवाजे से शेफाली को चिपका कर सुधीर उससे बुरी तरह से चिपक गया
शेफाली तो पहले से ही तैयार थी, उसके होंठो पर जब सुधीर ने किस्स किया तो वो उसपर टूट ही पड़ी
एक किस्स को स्मूच बनने में 10 सैकंड भी नहीं लगे

intense-kiss-eating-kiss.gif


दोनो के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी
कौन किसके होंठो को देर तक चूसता है
कभी शेफाली चूसती तो कभी सुधीर
शायद चुदने की जो ख्वाहिश वो लेकर आई थी उसे इसी तरह से होंठ चूस्कर पूरा कर रही थी वो

सुधीर के अनुभवी हाथो ने शेफाली के नशीले जिस्म को अपनी हथेलियों से नापना शुरू कर दिया
उसने एक टाइट चूड़ीदार पायजामी और फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें उसके मोटे बूब्स किसी छोटी फुटबॉल की तरह फँस कर नज़र आ रहे थे

सुधीर ने उन फुटबॉल्स के साथ किसी बच्चे की तरह खेलना शुरू कर दिया,
भले ही वो फुटबॉल अभी ब्रा और सूट की कैद में बँधी हुई थी पर उसकी शेप और वजन का अनुमान वो अच्छे से लगा पा रहा था

वो सूट के उपर से ही उन्हे अपने कड़क हाथो से मसल रहा था,
काश वो उन बूब्स को नंगा देख पाता या मसल पाता

पर वाहा अभी ऐसा होना पासिबल नही था
उधर शेफाली के हाथ भी धीरे-2 रेंगते हुए सुधीर के लॅंड तक जा पहुँचे,
वहां का उभार देखकर ही वो समझ गयी की आज तक जितने भी लॅंड लिए है उसने, उनमें ये सबसे बड़ा और ताकतवर निकलने वाला है
शेफाली ने उसकी जीन्स की जीप खोल कर हाथ अंदर डाल दिया,

कुछ परतों बाद उसका हाथ लहराकर आख़िरकार नंगे लॅंड से जा टकराया
सुधीर की तो हालत ही खराब हो गयी

शेफाली ने जब उसे अपनी नर्म उंगलियों से सहलाना शुरू किया तो स्मूच छोड़कर वो गहरी साँसे लेने लगा,
अधखुली आँखो से जब उसने शेफाली की तरफ देखा तो नशे की हालत में उसे शेफाली नही बल्कि अनु दिखाई दी

उफफफफ्फ़

ऐसे मौके पर शेफाली जैसी सेक्सी माँ के होते हुए भी उसे उसकी बेटी अनु दिखाई दे रही है,
ये बताने के लिए काफ़ी था की अंदर से अनु उसके दिलो दिमाग़ में किस कदर तक समा चुकी है

शेफाली की हालत तो इतनी खराब हो रही थी की उसका बस चलता तो अपने सारे कपड़े फाड़कर खुद ही नंगी हो जाती और वहीं पार्किंग में लेट कर नंगी होकर उससे चुदवा लेती

पर अभी के लिए ऐसा करना पॉसिबल नही था
पर जो था, वो ज़रूर कर सकती थी वो

उसने जीन्स के बटन खोले और उसके लॅंड को पूरा बाहर निकाल लिया और खुद धीरे-2 नीचे बैठती चली गयी
सुधीर समझ गया की वो क्या करना चाहती है

सुधीर की कार लास्ट में खड़ी थी
पीछे घनी झाड़ियां थी
इसलिए पीछे से तो कोई आने से रहा
सामने से जो लोग आ-जा रहे थे, वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल रहे थे
दुनिया को दिखाने के लिए सुधीर ने जेब से अपनी सिगरेट निकाली और गहरे कश लगाकर उसे पीने लगा

और कार की औट में नीचे पंजो पर बैठी शेफाली ने सुधीर का सिगार पीना शुरू कर दिया

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सुधीर का लॅंड जब उसके गुलाबी और रसीले होंठो को पार करता हुआ अंदर गया तो बेचारे के पाँव काँप कर रह गये
सिगरेट गिरते-2 बची
बड़ी मुश्किल से उसने कार का सहारा लेकर अपने आप को गिरने से बचाया
पर जब शेफाली ने होंठो के पंप से उसके लॅंड को चूसना शुरू किया तो आँखे बंद हो गयी उसकी

और एक बार फिर से अनु का चेहरा उसकी आँखो के सामने तैर गया
अब उसे शेफाली के रूप में अनु लॅंड चूसते हुए दिख रही थी

कमसिन, कच्ची कली अनु
जिसके छोटे से मुँह में उसका विशालकाय लॅंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था
और फिर भी वो उसे पूरी ईमानदारी से चूस्कर अपने सर को मज़ा दे रही थी

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कुछ देर पहले तक सुधीर ने सोचा भी नही था की बाहर निकलकर उसे ऐसे मज़े मिलेंगे

पर अब तो मिल रहे थे ना
शेफाली में कितनी गर्मी है, इसका अंदाज़ा उसके लॅंड चूसने की गति से लग रहा था

और उसकी चूसने की गति का असर ऐसा हुआ की सुधीर का लॅंड जल्द ही झड़ने के करीब पहुँच गया
और वो सिगरेट होंठो में दबाकर, उसके सिर पर हाथ रखकर, आँखे बंद करके आहें भरने लगा

‘’ओह शैफाली ……..उम्म्म्मममममममममममममममममम….. मजाआाआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्ाआआआआआ…… क्या चूसती हो यार………….. सच में …………. यू उ आअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ सेक्शयययययययययययययययययययययी……… आई एम कॉमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग……………’’

शेफाली तो पहले से तैयार थी उस शक्तिशाली लॅंड का रस पीने के लिए

उसने उसे और अंदर तक निगल लिया ताकि धार सीधा उसके गले से नीचे निकल जाए
और हुआ भी ऐसा ही
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारी सुधीर ने उसके मुँह के अंदर, पर मज़ाल थी की एक बूँद भी बाहर निकल जाए
करीब 15-20 पिचकारियां मारी होगी सुधीर ने, शेफाली तो उसके स्वाद और स्टेमिना की कायल हो गयी
और सुधीर उसके चूसने की कला से
वो चूसती ऐसा है तो चुदाई में क्या धमाल करेगी

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बस यही सोचते हुए उसने अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसके गले के अंदर उतार दी
अपनी ड्रिंक पूरी करके जब वो उठी तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे 1 बॉटल का नशा करके आई हो
आँखे पूरी नशीली और चाल में मस्ती आ चुकी थी उसके
वो कुछ और करते इससे पहले ही फिर से कुछ और लोग अपनी कार की तरफ आते दिखाई दिए, जो बिलकुल उनकी कार के करीब थी

इसलिए उन्होने वहां रुकना ठीक नही समझा और कार में बैठकर पार्किंग से निकल आए,
शेफाली को उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ चल दिया,
पर जाने से पहले अगले दिन मिलने का वादा भी ले लिया, क्योंकि जो काम अधूरा छोड़ा था उसे भी तो पूरा करना ज़रूरी था
Beti ki jawani ke angaron se Maa ke angare kuch jyada hi dadakk rahe hein... Outstanding update Ashu bhai
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
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अब तो अनु की आँखे फैल कर बताशे जैसी हो गयी…
यानी उसकी मोम को उसके रात वाले कारनामों के बारे में भी पता है, जिसमें वो गौरव के साथ सैक्सी बातें और चूमा चाटी करती थी..

अनु : “वो…वो….वो तो बस….मोम …वो मेरा एक….फ्रेंड…”
“गौरव….यही नाम है ना तुम्हारे उस फ्रेंड का….” शेफाली ने उसकी बात पूरी की.

अब तो अनु सॉफ तौर पर पकड़ी जा चुकी थी…
शेफाली ने उसके निप्पल्स को छोड़ दिया और उसे बड़े ही प्यार से सोफे पर बिठाया.

“देखो अनु, ये सब जो तुम कर रही हो, ये आजकल की लड़कियो में आम बात है …मैं बस ये कहना चाहती हूँ की तुम अपनी मर्यादा में रहना…जो भी करना लिमिट में रहकर करना, वरना आजकल के जमाने में हम दोनो को संभालने वाला कोई भी नही है….”

इतना कहकर शेफाली सूबक -2 कर रोने लगी…
एकदम से एमोशनल टर्न आ चुका था उन दोनो के बीच.

अब तो वो भी भूल चुकी थी की वो नंगी है, वो अपनी माँ से लिपट कर रोने लगी और बोली : “प्लीज़ मोम ….आप रोना बंद करो…आप मुझपे विश्वास रखो, मैं कुछ ग़लत नही कर रही और ना ही किया है…’’

वो जानती थी की उसकी माँ ने उसे कितने जतन से पला है और यहाँ तक पहुँचाया है…
वो उनका भरोसा नही तोड़ना चाहती थी…
पापा के चले जाने के बाद समाज में बैठे कई गिद्दो की गंदी नज़र उनपे पड़ी थी, पर उन्हे अपने पास तक फटकने नही दिया था उसकी माँ ने…
कई रिश्तेदारो ने तो उसे फिर से शादी करने के लिए भी कहा था, जो वो अक्सर टाल देती थी…
वो नही चाहती थी की उसकी बेटी की परवरिश में कोई अड़चन आए,
वरना उसकी उम्र ऐसी थी की उसे अपनी जवानी की आग को कैसे शांत करना पड़ता था, ये सिर्फ़ वही जानती थी..

शेफाली ने अनु को अपने कमरे में जाकर कपड़े पहनने को कहा और वो वहीं बैठकर कल रात की बात याद करने लगी.
कल उसके जिस्म में जो आग भड़की थी उसने उसे फ्रिज में रखे लंबे बेंगन से बड़ी मुश्किल से बुझाया था…
और जब उस बेंगन को धोकर वो फिर से फ्रिज में रखने जा रही थी तो उसे अनु के कमरे से कुछ आवाज़ें आई, जिन्हे सुनके वो उसके दरवाजे पर खड़ी होकर उन्हे सुनने लगी..

अंदर से अनु की उखड़ती हुई सी आवाज़ आ रही थी…
‘’ओह्ह गौरव……माय गॉडडड …….यू आअर सो अमेज़िंग……प्लीज़ सक्कककककक मिईीई हार्ड…….ज़ोर से चूसो मेरे बूब्स को…..’’

वो सुनके शेफ़ाली एकदम सकते में आ गयी…
और शायद तब उसे एहसास हुआ था की उसकी बेटी जवानी की दहलीज पर आ चुकी है, और उसके बदलते हुए हार्मोंस उससे ये सब करवा रहे थे….
ठीक उसी तरह जैसे वो किया करती थी अपने स्कूल टाइम पर…
अब उसकी बेटी उसी पर तो जाएगी ना.

“ओहहह माय डार्लिंग गौरव….प्लीज़sssss …..वहां नही जाना …..डोंट गो डाउन……वहाँ की बात करते हो तो कुछ होता है…..उम्म्म्ममम और तुम….तुम तो सीधा सक्कक करने को कह रहे हो……..आहह…..अच्छाsssss ……ओके कर लो……आआआअहह एसस्स्स्स्स्स्सस्स…… बी जेंटल गौरव……”

अनु की बातें सुनके वो एक बार फिर से पनिया उठी…
अपनी खुरदूरी बुर को , जिसे कुछ देर पहले उसने शांत किया था, अंदर से निकल रहे पानी से नहाकर वो एक बार फिर से गीली हो उठी..
और उसने अपना गाउन उपर करके उस बेंगन को एक बार फिर से अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया

‘’आआआआहह…..सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…’’

अंदर बेटी सिसक रही थी और बाहर माँ .

ओह…..
कितना मज़ा आ रहा था इस वक़्त….
शेफाली अक्सर अपनी जवानी के दिनों की बाते याद करके मास्टरबेट किया करती थी,
पर यहाँ, अपनी बेटी की बाते सुनके उसे जो मज़ा आ रहा था, वो उन सबसे अलग था…
वो बेंगन को पूरी तरह से अपनी रसीली चूत के अंदर तक उतार कर मज़े ले रही थी.

और जब अंदर उसकी बेटी झड़ी तो उसने भी अपने मुँह पर हाथ रखके बड़ी मुश्किल से अपनी चीख पर काबू पाया….
झड़ने के मामले में उसका भी जवाब नही था….
चूत से निकलने वाले पानी से पानी की बोतल भर जाए, ऐसा झड़ती थी वो.

अंदर और बाहर दोनो तरफ अब सिर्फ़ गहरी सांसो की आवाज़ आ रही थी…
झड़ने के बाद अनु तो गौरव से बाते करने लगी और शेफाली फर्श पर पोचा लगाके अपने कमरे की तरफ चल दी…

पर उसने सोच लिया था की अगले दिन वो इन सबके बारे में अनु से ज़रूर बात करेगी,
जवानी को संभालना बड़ी मुश्किल का काम है,
उससे भी नही संभाली गयी थी, खूब मज़े लिए थे उसने…

पर जब बात अपने बच्चों पर आती है तो सारे समीकरण बदल जाते है,
इसलिए अगले दिन अनु को एक माँ की तरह समझाना बहुत ज़रूरी था.

और अगले दिन जो हुआ वो आप देख ही चुके हो.
पर इन सबके बीच शेफाली और अनु की लाइफ का एक नया अध्याय खुल चुका था, जो आने वाले समय में कई रंग दिखाने वाला था.
Very nice story
👌👌👌💯💯💯✅✅✅

 
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Neha tyagi

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बाहर निकले तो अंधेरा काफ़ी हो चूका था, सुधीर ने शेफाली को ड्रॉप करने को कहा तो वो मना नही कर सकी
दोनो चलते हुए पार्किंग तक आए,
दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी थी,
चलते -2 अचानक शेफाली का हाथ सुधीर से टकरा गया,
ऐसा लगा जैसे उसका पूरा बदन सुलग उठा हो,
सुधीर ने अपने सख़्त हाथों में उसके नर्म हाथ पकड़कर ज़ोर से दबा दिए, वो सिसक उठी

और अगले ही पल सुधीर ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए
सुधीर अपनी कार तक पहुँच चुका था, और जहा वो खड़े थे, वहां काफ़ी अंधेरा भी था,
कोई देखने वाला भी नही था, इसलिए मौके का फ़ायदा उठा कर सुधीर ने उसे दबोच लिया था
कार के दरवाजे से शेफाली को चिपका कर सुधीर उससे बुरी तरह से चिपक गया
शेफाली तो पहले से ही तैयार थी, उसके होंठो पर जब सुधीर ने किस्स किया तो वो उसपर टूट ही पड़ी
एक किस्स को स्मूच बनने में 10 सैकंड भी नहीं लगे

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दोनो के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी
कौन किसके होंठो को देर तक चूसता है
कभी शेफाली चूसती तो कभी सुधीर
शायद चुदने की जो ख्वाहिश वो लेकर आई थी उसे इसी तरह से होंठ चूस्कर पूरा कर रही थी वो

सुधीर के अनुभवी हाथो ने शेफाली के नशीले जिस्म को अपनी हथेलियों से नापना शुरू कर दिया
उसने एक टाइट चूड़ीदार पायजामी और फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें उसके मोटे बूब्स किसी छोटी फुटबॉल की तरह फँस कर नज़र आ रहे थे

सुधीर ने उन फुटबॉल्स के साथ किसी बच्चे की तरह खेलना शुरू कर दिया,
भले ही वो फुटबॉल अभी ब्रा और सूट की कैद में बँधी हुई थी पर उसकी शेप और वजन का अनुमान वो अच्छे से लगा पा रहा था

वो सूट के उपर से ही उन्हे अपने कड़क हाथो से मसल रहा था,
काश वो उन बूब्स को नंगा देख पाता या मसल पाता

पर वाहा अभी ऐसा होना पासिबल नही था
उधर शेफाली के हाथ भी धीरे-2 रेंगते हुए सुधीर के लॅंड तक जा पहुँचे,
वहां का उभार देखकर ही वो समझ गयी की आज तक जितने भी लॅंड लिए है उसने, उनमें ये सबसे बड़ा और ताकतवर निकलने वाला है
शेफाली ने उसकी जीन्स की जीप खोल कर हाथ अंदर डाल दिया,

कुछ परतों बाद उसका हाथ लहराकर आख़िरकार नंगे लॅंड से जा टकराया
सुधीर की तो हालत ही खराब हो गयी

शेफाली ने जब उसे अपनी नर्म उंगलियों से सहलाना शुरू किया तो स्मूच छोड़कर वो गहरी साँसे लेने लगा,
अधखुली आँखो से जब उसने शेफाली की तरफ देखा तो नशे की हालत में उसे शेफाली नही बल्कि अनु दिखाई दी

उफफफफ्फ़

ऐसे मौके पर शेफाली जैसी सेक्सी माँ के होते हुए भी उसे उसकी बेटी अनु दिखाई दे रही है,
ये बताने के लिए काफ़ी था की अंदर से अनु उसके दिलो दिमाग़ में किस कदर तक समा चुकी है

शेफाली की हालत तो इतनी खराब हो रही थी की उसका बस चलता तो अपने सारे कपड़े फाड़कर खुद ही नंगी हो जाती और वहीं पार्किंग में लेट कर नंगी होकर उससे चुदवा लेती

पर अभी के लिए ऐसा करना पॉसिबल नही था
पर जो था, वो ज़रूर कर सकती थी वो

उसने जीन्स के बटन खोले और उसके लॅंड को पूरा बाहर निकाल लिया और खुद धीरे-2 नीचे बैठती चली गयी
सुधीर समझ गया की वो क्या करना चाहती है

सुधीर की कार लास्ट में खड़ी थी
पीछे घनी झाड़ियां थी
इसलिए पीछे से तो कोई आने से रहा
सामने से जो लोग आ-जा रहे थे, वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल रहे थे
दुनिया को दिखाने के लिए सुधीर ने जेब से अपनी सिगरेट निकाली और गहरे कश लगाकर उसे पीने लगा

और कार की औट में नीचे पंजो पर बैठी शेफाली ने सुधीर का सिगार पीना शुरू कर दिया

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सुधीर का लॅंड जब उसके गुलाबी और रसीले होंठो को पार करता हुआ अंदर गया तो बेचारे के पाँव काँप कर रह गये
सिगरेट गिरते-2 बची
बड़ी मुश्किल से उसने कार का सहारा लेकर अपने आप को गिरने से बचाया
पर जब शेफाली ने होंठो के पंप से उसके लॅंड को चूसना शुरू किया तो आँखे बंद हो गयी उसकी

और एक बार फिर से अनु का चेहरा उसकी आँखो के सामने तैर गया
अब उसे शेफाली के रूप में अनु लॅंड चूसते हुए दिख रही थी

कमसिन, कच्ची कली अनु
जिसके छोटे से मुँह में उसका विशालकाय लॅंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था
और फिर भी वो उसे पूरी ईमानदारी से चूस्कर अपने सर को मज़ा दे रही थी

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कुछ देर पहले तक सुधीर ने सोचा भी नही था की बाहर निकलकर उसे ऐसे मज़े मिलेंगे

पर अब तो मिल रहे थे ना
शेफाली में कितनी गर्मी है, इसका अंदाज़ा उसके लॅंड चूसने की गति से लग रहा था

और उसकी चूसने की गति का असर ऐसा हुआ की सुधीर का लॅंड जल्द ही झड़ने के करीब पहुँच गया
और वो सिगरेट होंठो में दबाकर, उसके सिर पर हाथ रखकर, आँखे बंद करके आहें भरने लगा

‘’ओह शैफाली ……..उम्म्म्मममममममममममममममममम….. मजाआाआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्ाआआआआआ…… क्या चूसती हो यार………….. सच में …………. यू उ आअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ सेक्शयययययययययययययययययययययी……… आई एम कॉमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग……………’’

शेफाली तो पहले से तैयार थी उस शक्तिशाली लॅंड का रस पीने के लिए

उसने उसे और अंदर तक निगल लिया ताकि धार सीधा उसके गले से नीचे निकल जाए
और हुआ भी ऐसा ही
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारी सुधीर ने उसके मुँह के अंदर, पर मज़ाल थी की एक बूँद भी बाहर निकल जाए
करीब 15-20 पिचकारियां मारी होगी सुधीर ने, शेफाली तो उसके स्वाद और स्टेमिना की कायल हो गयी
और सुधीर उसके चूसने की कला से
वो चूसती ऐसा है तो चुदाई में क्या धमाल करेगी

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बस यही सोचते हुए उसने अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसके गले के अंदर उतार दी
अपनी ड्रिंक पूरी करके जब वो उठी तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे 1 बॉटल का नशा करके आई हो
आँखे पूरी नशीली और चाल में मस्ती आ चुकी थी उसके
वो कुछ और करते इससे पहले ही फिर से कुछ और लोग अपनी कार की तरफ आते दिखाई दिए, जो बिलकुल उनकी कार के करीब थी

इसलिए उन्होने वहां रुकना ठीक नही समझा और कार में बैठकर पार्किंग से निकल आए,
शेफाली को उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ चल दिया,
पर जाने से पहले अगले दिन मिलने का वादा भी ले लिया, क्योंकि जो काम अधूरा छोड़ा था उसे भी तो पूरा करना ज़रूरी था
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बाहर निकले तो अंधेरा काफ़ी हो चूका था, सुधीर ने शेफाली को ड्रॉप करने को कहा तो वो मना नही कर सकी
दोनो चलते हुए पार्किंग तक आए,
दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी थी,
चलते -2 अचानक शेफाली का हाथ सुधीर से टकरा गया,
ऐसा लगा जैसे उसका पूरा बदन सुलग उठा हो,
सुधीर ने अपने सख़्त हाथों में उसके नर्म हाथ पकड़कर ज़ोर से दबा दिए, वो सिसक उठी

और अगले ही पल सुधीर ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए
सुधीर अपनी कार तक पहुँच चुका था, और जहा वो खड़े थे, वहां काफ़ी अंधेरा भी था,
कोई देखने वाला भी नही था, इसलिए मौके का फ़ायदा उठा कर सुधीर ने उसे दबोच लिया था
कार के दरवाजे से शेफाली को चिपका कर सुधीर उससे बुरी तरह से चिपक गया
शेफाली तो पहले से ही तैयार थी, उसके होंठो पर जब सुधीर ने किस्स किया तो वो उसपर टूट ही पड़ी
एक किस्स को स्मूच बनने में 10 सैकंड भी नहीं लगे

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दोनो के बीच गुत्थम गुत्था होने लगी
कौन किसके होंठो को देर तक चूसता है
कभी शेफाली चूसती तो कभी सुधीर
शायद चुदने की जो ख्वाहिश वो लेकर आई थी उसे इसी तरह से होंठ चूस्कर पूरा कर रही थी वो

सुधीर के अनुभवी हाथो ने शेफाली के नशीले जिस्म को अपनी हथेलियों से नापना शुरू कर दिया
उसने एक टाइट चूड़ीदार पायजामी और फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था, जिसमें उसके मोटे बूब्स किसी छोटी फुटबॉल की तरह फँस कर नज़र आ रहे थे

सुधीर ने उन फुटबॉल्स के साथ किसी बच्चे की तरह खेलना शुरू कर दिया,
भले ही वो फुटबॉल अभी ब्रा और सूट की कैद में बँधी हुई थी पर उसकी शेप और वजन का अनुमान वो अच्छे से लगा पा रहा था

वो सूट के उपर से ही उन्हे अपने कड़क हाथो से मसल रहा था,
काश वो उन बूब्स को नंगा देख पाता या मसल पाता

पर वाहा अभी ऐसा होना पासिबल नही था
उधर शेफाली के हाथ भी धीरे-2 रेंगते हुए सुधीर के लॅंड तक जा पहुँचे,
वहां का उभार देखकर ही वो समझ गयी की आज तक जितने भी लॅंड लिए है उसने, उनमें ये सबसे बड़ा और ताकतवर निकलने वाला है
शेफाली ने उसकी जीन्स की जीप खोल कर हाथ अंदर डाल दिया,

कुछ परतों बाद उसका हाथ लहराकर आख़िरकार नंगे लॅंड से जा टकराया
सुधीर की तो हालत ही खराब हो गयी

शेफाली ने जब उसे अपनी नर्म उंगलियों से सहलाना शुरू किया तो स्मूच छोड़कर वो गहरी साँसे लेने लगा,
अधखुली आँखो से जब उसने शेफाली की तरफ देखा तो नशे की हालत में उसे शेफाली नही बल्कि अनु दिखाई दी

उफफफफ्फ़

ऐसे मौके पर शेफाली जैसी सेक्सी माँ के होते हुए भी उसे उसकी बेटी अनु दिखाई दे रही है,
ये बताने के लिए काफ़ी था की अंदर से अनु उसके दिलो दिमाग़ में किस कदर तक समा चुकी है

शेफाली की हालत तो इतनी खराब हो रही थी की उसका बस चलता तो अपने सारे कपड़े फाड़कर खुद ही नंगी हो जाती और वहीं पार्किंग में लेट कर नंगी होकर उससे चुदवा लेती

पर अभी के लिए ऐसा करना पॉसिबल नही था
पर जो था, वो ज़रूर कर सकती थी वो

उसने जीन्स के बटन खोले और उसके लॅंड को पूरा बाहर निकाल लिया और खुद धीरे-2 नीचे बैठती चली गयी
सुधीर समझ गया की वो क्या करना चाहती है

सुधीर की कार लास्ट में खड़ी थी
पीछे घनी झाड़ियां थी
इसलिए पीछे से तो कोई आने से रहा
सामने से जो लोग आ-जा रहे थे, वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल रहे थे
दुनिया को दिखाने के लिए सुधीर ने जेब से अपनी सिगरेट निकाली और गहरे कश लगाकर उसे पीने लगा

और कार की औट में नीचे पंजो पर बैठी शेफाली ने सुधीर का सिगार पीना शुरू कर दिया

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सुधीर का लॅंड जब उसके गुलाबी और रसीले होंठो को पार करता हुआ अंदर गया तो बेचारे के पाँव काँप कर रह गये
सिगरेट गिरते-2 बची
बड़ी मुश्किल से उसने कार का सहारा लेकर अपने आप को गिरने से बचाया
पर जब शेफाली ने होंठो के पंप से उसके लॅंड को चूसना शुरू किया तो आँखे बंद हो गयी उसकी

और एक बार फिर से अनु का चेहरा उसकी आँखो के सामने तैर गया
अब उसे शेफाली के रूप में अनु लॅंड चूसते हुए दिख रही थी

कमसिन, कच्ची कली अनु
जिसके छोटे से मुँह में उसका विशालकाय लॅंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था
और फिर भी वो उसे पूरी ईमानदारी से चूस्कर अपने सर को मज़ा दे रही थी

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कुछ देर पहले तक सुधीर ने सोचा भी नही था की बाहर निकलकर उसे ऐसे मज़े मिलेंगे

पर अब तो मिल रहे थे ना
शेफाली में कितनी गर्मी है, इसका अंदाज़ा उसके लॅंड चूसने की गति से लग रहा था

और उसकी चूसने की गति का असर ऐसा हुआ की सुधीर का लॅंड जल्द ही झड़ने के करीब पहुँच गया
और वो सिगरेट होंठो में दबाकर, उसके सिर पर हाथ रखकर, आँखे बंद करके आहें भरने लगा

‘’ओह शैफाली ……..उम्म्म्मममममममममममममममममम….. मजाआाआआआआअ आआआआआआआआआअ गय्ाआआआआआ…… क्या चूसती हो यार………….. सच में …………. यू उ आअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ सेक्शयययययययययययययययययययययी……… आई एम कॉमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग……………’’

शेफाली तो पहले से तैयार थी उस शक्तिशाली लॅंड का रस पीने के लिए

उसने उसे और अंदर तक निगल लिया ताकि धार सीधा उसके गले से नीचे निकल जाए
और हुआ भी ऐसा ही
एक के बाद एक कई पिचकारियां मारी सुधीर ने उसके मुँह के अंदर, पर मज़ाल थी की एक बूँद भी बाहर निकल जाए
करीब 15-20 पिचकारियां मारी होगी सुधीर ने, शेफाली तो उसके स्वाद और स्टेमिना की कायल हो गयी
और सुधीर उसके चूसने की कला से
वो चूसती ऐसा है तो चुदाई में क्या धमाल करेगी

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बस यही सोचते हुए उसने अपने लॅंड की आख़िरी बूँद भी उसके गले के अंदर उतार दी
अपनी ड्रिंक पूरी करके जब वो उठी तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे 1 बॉटल का नशा करके आई हो
आँखे पूरी नशीली और चाल में मस्ती आ चुकी थी उसके
वो कुछ और करते इससे पहले ही फिर से कुछ और लोग अपनी कार की तरफ आते दिखाई दिए, जो बिलकुल उनकी कार के करीब थी

इसलिए उन्होने वहां रुकना ठीक नही समझा और कार में बैठकर पार्किंग से निकल आए,
शेफाली को उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ चल दिया,
पर जाने से पहले अगले दिन मिलने का वादा भी ले लिया, क्योंकि जो काम अधूरा छोड़ा था उसे भी तो पूरा करना ज़रूरी था
ये तो मुझे क्या हर पढ़ने वाले /वाली को मालूम है की आपकी कहानी को पढ़ना शुरू करने के पहले सीट बेल्ट बाँध लेनी चाहिए और यहाँ कई बार डेंजरस कर्व्स अहेड का बोर्ड भी नहीं रहता,

लेकिन जोर का झटका इतना जोर का होगा , किसी ने नहीं सोचा होगा,

और वो भी इस तरीके से

बेटी के साथ जिसका चक्कर था वही माँ के साथ भी

लेकिन जो झिझक, हिचक आपने दिखाई वो एकदम नेचुरल थी और आपकी कहानी को सबसे एकदम अलग करती है , सेक्स का वर्णन कई लोगो कर लेते हैं , अच्छे से भी

लेकिन नैरेशन , कैरेक्टराइजेशन और एरोटिक ये तीनो एलिमेंट एक साथ आप की ही स्टोरी में मिलते है और साथ में कदम कदम पे सरप्राइज भी



पर स्टोरी हाई क्वालिटी की होगी , इसमें कोई सरप्राइज नहीं होता,...


क्योंकि बस नाम ही काफी है।


Well Done Thumbs Up GIF
Surprise Wow GIF by Skrz.cz
 

Seema3284

❣️Desi long detailed roleplay ❤️❤️ shy queen
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Ummm बहुत मजेदार
शेफाली वाला कार के पास उफ्फ
 

Ashokafun30

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अपनी मॉम की डेटिंग वाली लाइफ से बेख़बर अनु अपनी दुनिया में मग्न थी
आज मॉम के साथ हुए इस प्यार भरे एनकाउंटर ने उसकी जिंदगी बदल कर रख दी थी
अब उसे सैक्स और भी ज़्यादा आकर्षित कर रहा था अपनी तरफ
सुबह जब वो स्कूल जाने के लिए उठी थी तो वो शेफ़ाली के साथ लिपट कर सो रही थी
एकदम नंगी


ये ऐसा एहसास था जो उसने कई बार सपनो में महसूस किया था
कई बार गौरव के साथ, जब वो उसके साथ रात भर सैक्सी चेट किया करता था
और बाद में अक्सर सुधीर सर के बारे में सोचकर तो कई बार उसने अपनी नन्ही कुँवारी चूत में उंगली की थी और बाद में जब वो झड़कर सोती थी तो अपना मखमली तकिया उसे सुधीर सिर की चौड़ी छाती जैसा लगता था, जिसपर सोकर वो एक अलग ही दुनिया में खो सी जाती थी
और अब ये मॉम के नंगे बदन का एहसास
वाउ
इसके सामने तो तो वो सब कुछ भी नही जो वो सोचा करती थी
पर उसे ये शायद इसलिए भी लग रहा था क्योंकि असल में तो वो किसी मर्द के साथ इस तरह से सोई ही नही थी
जब सोएगी तो शायद उसके ये विचार भी बदल जाएँगे
पर अभी के लिए तो वो इस एहसास का ही भरपूर मज़ा लेना चाहती थी
मॉम के इरेक्टेड निप्पल्स को अपने चेहरे के इतने करीब देखकर वो अपने आप को रोक नही पाई और उन्हे अपने होंठो में भरकर वो चूसने लगी
शेफाली ने कुनमुनाते हुए आँखे खोल दी
“तेरी शरारतें सुबह - 2 शुरू हो गयी, स्कूल नही जाना है क्या ?”
जवाब में मैं सिर्फ़ मुस्कुरा दी
मैंने निप्पल्स से मुंह नहीं हटाया , शायद मुझे मॉर्निंग का ताज़ा दूध पीने में काफ़ी मज़ा मिल रहा था
शेफाली : “उम्म्म्ममम……मत कर ना अनु…..ये सब शुरू हुआ तो हम दोनो लेट हो जाएँगे…..रात को पीना बाकी का बचा हुआ दूध…अभी उठ और स्कूल के लिए तैयार हो जा…”
बेचारी अनमने मन से उठी और बाथरूम में घुस गयी, फिर तैयार होकर स्कूल के लिए निकल गयी
स्कूल जाते हुए उसके मन में एक नया उत्साह था
क्योंकि आज सुधीर सर के साथ मैथ ओलम्पियाड के बहाने रुकने का मौका मिलने वाला था
स्कूल के बाद तो ज़्यादातर बच्चे और टीचर्स चले जाते है
बाद में सर के रूम में क्या-2 हो सकता है यही सोचकर वो खुश हुए जा रही थी
स्कूल पहुँची तो निशा का अलग ही प्रोग्राम बना हुआ था
पिछले कुछ दिनों में जो उसकी जिंदगी में हुआ था
वो सब देखकर अब उसकी चूत भी लॅंड के लिए कुलबुला रही थी
निशा : “यार अनु, प्लीज़ मेरी हेल्प कर दे….संजू के साथ आज मिलने का प्रोग्राम है, प्लीज़ यार जगह का जुगाड़ कर दे, तुझे तो पता है उसका घर मुनिसिपल वालो ने तोड़ दिया है, वरना आज वहीं जाती, प्लीज़ यार….”
मैं हैरान थी की इतनी भी क्या आग लगी है की उसे ऐसे गिड़गिडाना पड़ रहा है
पर वो भी अपनी जगह सही थी
झोपडे में कुछ करने की सोची तो वहां हंगामा हो गया, जंगल में भी बात नही बनी
मैं : “वो तो ठीक है, पर मैं कैसे हेल्प करू ? कैसे करूँ जगह का जुगाड़ ? “
निशा : “यार, तेरा घर है ना, तेरी तो मॉम भी शाम तक आती है, वहीं चलते है ना, प्लीज़….”
मैं : “देख, मैं मना नही करती, पर तुझे तो पता है ना, आज से मुझे सुधीर सर की हेल्प करनी है, ओलम्पियाड के लिए, और पहले ही दिन मैं उन्हे मना नही कर सकती, प्रिन्सिपल मेम के कहने पर ही मुझे ये रिस्पॉन्सिबिलिटी मिली है, प्लीज़ ट्राइ तो अंडरस्टॅंड”
मेरी बात सुनकर बेचारी का मुँह उतर गया, आज शायद फिर से उसकी चूत को प्यासा रहना पड़ेगा
खैर, 1-2 पीरियड्स के बाद जब सुधीर सर की मैथ क्लास शुरू हुई तो उन्हे देखकर मेरे चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गयी,
वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे.
जब क्लास ख़त्म हुई तो बाहर जाते हुए उन्होने मुझे अपने पास बुलाया और बोले
“देखो अनुप्रिया, वो जो कल बात हुई थी हमारी, ओलम्पियाड वाली, वो काम कल से स्टार्ट करेंगे, आज मुझे एक ज़रूरी काम से कही जाना है”
इतना कहकर वो बाहर निकल गये
और मैं अपना मायूस सा चेहरा लेकर वापिस अपनी सीट पर आकर बैठ गयी
निशा के पूछने पर जब मैने उसे सर की बात बताई तो उसका चेहरा खिल उठा
क्योंकि जिस वजह से मैं उसे अपने घर ले जाने के लिए मना कर रही थी, वो अब रही नही, यानी वो संजू के साथ मेरे घर आ सकती थी, मैने उसे यस कर दिया,
अब मेरा मूड ऑफ है तो इसका मतलब ये तो नही की मैं अपनी सहेली का भी मूड ऑफ रहने दू , कोई तो खुश हो आज के दिन
वैसे खुश तो आज सुधीर सर भी थे
भले ही मुझे और उन्हे अभी तक ये बात पता नही थी , पर वो आज डेटिंग एप के ज़रिए वो मेरी मॉम से ही मिलने जा रहे थे
ये बात तो उन्हे उन्हे शाम तक और मुझे तो बहुत बाद में पता चलने वाली थी
स्कूल के बाद रोजाना की तरह संजू अपनी बाइक पर स्कूल के बाहर पहुँच गया और उसके पीछे मैं और निशा चिपक कर बैठ गये
वहां से सीधा हम मेरे घर पहुँचे
दरवाजा खोलते ही निशा ने अपना बेग एक तरफ फेंका और मेरे सामने ही ड्रॉयिंग रूम में एक दूसरे को किस्स करना शुरू कर दिया उन्होने



मैं पहले भी उन्हे किस्स करते हुए देख चुकी थी, पर आज जब वो कर रहे थे तो पता नही क्यों मेरे होंठ भी सूखने लगे
मुझे कल शाम मॉम को की हुई किस्स याद आ गयी
उन्होने कितने सेडक्टिव तरीके से मेरे लिप्स को चूमा था
ये लड़के इतने उतावले क्यों होते है, ऐसा लग रहा था की संजू आज निशा के होंठ खा ही जाएगा
पर उसे दर्द नही हो रहा था
इतना तेज होंठो पर प्रहार हो रहा था उसके बावजूद उसे मज़ा आ रहा था
वो आनंद के साथ सिसकारियाँ ले रही थी
‘’उम्म्म्मममममममममममममममममममममममममममममम ओह माय लव…….मुचsssssssssह’’
मेरे शरीर मे भी टिंगलिंग सेन्सेशन होने लगा था अब तो
मैं उन्हे वही छोड़कर अपने रूम में गयी और कपड़े चेंज करने लगी
यहा मैं अपने कपड़े उतार रही थी और वहां उनके उतरने लग गये
मेरे रूम से बाहर का नज़ारा सॉफ दिख रहा था
निशा की स्कूल यूनिफॉर्म फर्श पर आ चुकी थी, संजू भी सिर्फ़ अपने बॉक्सर में रह गया था
सबसे पहला हमला संजू ने किया, उसने एक झटके से निशा की ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी
अब वो नंगी खड़ी ती सजू के सामने
मेरे ड्रॉयिंग रूम में
उसी जगह जहाँ मॉम ने मुझे फर्श पर नंगा पाया था


मैं भी अपने कपड़े उतारे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी होकर उन्हे देखकर कसमसा रही थी
संजू ने उसके बूब्स पर अटैक करते हुए उन्हें एक -2 करके चूसना शुरू कर दिया
बेचारी उसकी कसी हुई बाजुओं में जल बिन मछली की तरह मचल कर रह गयी
 
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Ashokafun30

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अब मैं भी खिसक कर दरवाजे की ओट में खड़ी हो गयी थी
मेरे निप्पल्स ब्रा में बग़ावत पर उतर आए थे
जवानी के अँगारे सुलगने लगे थे

संजू का एक हाथ निशा की चूत पर घूम कर वहां आई बाढ़ का जायज़ा ले रहा था
उंगली शायद चूत के अंदर थी जो उस बाढ़ को रोकने की असफल कोशिश कर रही थी

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बाढ़ तो मेरी कच्छी में भी आई हुई थी….
काश वो अपना दूसरा हाथ मेरी चूत पर भी लगा दे
ऐसा विचार आते ही मेरे पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी
पहले भी उन्हे ऐसा करता देखकर मेरे साथ ऐसा हो चुका था…
आज फिर हो रहा था
काश मैं भी गौरव को बोल देती साथ में आने के लिए,
वो तो उल्टी छलांगे मारता हुआ मेरे घर तक आ जाता

पर अब तो कुछ नही हो सकता था
मेरे पास उनका दर्शक बनकर खड़े रहने के अलावा कोई और चारा नही था


मेरी नज़र अब संजू के अंडरवेयर पर थी
निशा तो आँखे बंद करके फिंगरिंग का मज़ा ले रही थी
मैं होती तो उसके लॅंड पर टूट पड़ती

शायद मेरे दिल की आवाज़ निशा ने भी सुन ली
निशा का हाथ उसके अंडरवेर पर आया और उसने एक झटके मे उसे नीचे कर दिया
अब संजू भी पूरा नंगा था
उसके चेहरे को देखकर लग नही रहा था की उसका लॅंड इतना शानदार होगा
एकदम कड़क था उसका लॅंड, करीब 7 इंच का, मोटा इतना जैसे खीरा
उफफफफ्फ़ कैसे जाता होगा लॅंड चूत में
शुरू से ही ये जिज्ञासा थी जानने की
शायद आज देख पाऊं
निशा को देखकर इस वक़्त मुझे जलन हो रही थी
निशा अपने पंजो पर बैठी और उसने संजू के लॅंड को पूरा मुँह मे भरकर चूसना शुरू कर दिया.
संजू ने आँखे बंद की और सियार की तरह उपर मुँह करके ज़ोर से हुंकार भरी




मेरे जवानी के अंगारे अब सुलग कर आग बन चुके थे
लॅंड चुस्वाते हुए अचानक संजू की नज़रें मुझसे मिली
शायद वो देखना चाहता था की उन्हे ड्रॉयिंग रूम छोड़कर में मैं कहाँ चली गयी
मैं ब्रा पेंटी में खड़ी अपनी चूत सहला रही थी
ये देखकर उसके चेहरे के भाव एकदम बदल से गये
हालाँकि निशा भी कम नही थी
जवान थी खूबसूरत थी
अनछुई कच्ची जवानी थी
पर मेरे सामने उसका कोई मुकाबला नही था
और शायद मुझे इस हालत में देखकर संजू भी खुश हो रहा था
अब मेरा दिल भी मचल रहा था कुछ करने को
मैने बिना कुछ सोचे समझे अपनी ब्रा उतार दी
और अब मैं सिर्फ़ अपनी कच्छी में थी


मेरे नंगे बूब्स देखकर संजू की हालत खराब हो गयी
हालाँकि निशा उसके पास थी
उसके बूब्स को उसने अभी प्यार किया था, चूसा था
पर मेरे बूब्स का साइज़ और मेरे अंगारे बरसा रहे निप्पल्स का आकार उसे बेचैन कर रहा था
मेरी बॉडी का सबसे अट्रॅक्टिव पार्ट थे मेरे बूब्स
उसकी हालत तो खराब होनी ही थी..

संजू का एक हाथ निशा के सिर पर था
वो उसे पकड़कर जोरों से अपना लॅंड अंदर बाहर करने लगा
शायद वो मेरी कल्पना कर रहा था
मैने भी अपनी 2 उंगलियाँ अपने मुँह डाल ली जैसे उसका लॅंड मैं चूस रही हूँ
और उसे बड़े ही सिडक्टिव तरीके से देखते हुए उन्हे चूसने लगी
संजू का लॅंड समझकर
अब उसका लॅंड पूरा तैयार था, निशा की चूत में ग्रहप्रवेश के लिए
पर उसके लिए बेड चाहिए था, पहली बार की चुदाई हमेशा मजेदार तरीके से होनी चाहिए
निशा ने संजू का हाथ पकड़ा और मेरे रूम की तरफ चल दी
मैं तो अधनंगी खड़ी थी वहां
मैं दरवाजे की ओट से बाहर निकल कर पीछे हो गयी और बेड पर पड़ी अपनी स्कूल शर्ट से अपना नंगा सीना छुपा लिया
पर निशा को तो मेरी हालत से कोई फ़र्क ही नही पड़ा
वो सीधा अंदर आई और मेरे बेड पर आकर पसर गयी
उसे इस वक़्त सिर्फ़ और सिर्फ़ संजू का खड़ा लॅंड ही दिखाई दे रहा था
जब उसे कोई फ़र्क नही पड़ता तो मैं क्यों भला शरमाने का नाटक करू
मैने भी अपनी शर्ट को सीने से हटा कर साइड में रख दिया
निशा की टांगे चौड़ी करके संजू उसकी कुँवारी चूत पर टूट पड़ा, उसे चूमने चाटने लगा

ये काम तो मुझे भी पसंद था
अक्सर मूवीस देखकर में मैं यही कल्पना करती थी की वो दिन कब आएगा जब कोई मर्द मेरी चूत भी इसी तरह से चाटेगा
मेरी तो नही पर इस कमीनी निशा की चूत चाटी जा रही थी इस वक़्त तो
जिसे देखकर मुझे गुस्सा भी आ रहा था और मैं और भी ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी
निशा तड़प उठी और उसने संजू के सिर पर हाथ रखकर उसे और अंदर दबा दिया
और तभी उसकी नज़रें मुझसे मिली
मुझे इस तरह टॉपलेस देखकर उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी
उसने इशारे से मुझे अपनी तरफ बुलाया और बेड पर उसके सिर के करीब बैठने को कहा
जब मैं वहां बैठी तो मेरा हाथ पकड़कर वो उसे सहलाने लगी
शायद वो अंदर से डर रही थी
पहले लॅंड के धक्के से उसे डर लग रहा था, इसलिए उस मौके पर मेरा हाथ पकड़कर वो उस दर्द से निपटना चाहती थी
एक सहेली होने के नाते ये तो मेरा फ़र्ज़ था
उसके इस दर्द भरे कदम में साथ रहना
मैं अपना सीना तान कर बैठ गयी
संजू ने जब उसकी चूत की मलाई अच्छे से चाट ली तो वो उठ खड़ा हुआ
मुझे निशा के करीब बैठा देखकर वो पहले तो हरान हुआ पर फिर परिस्थिति को समझकर उसने अपने लॅंड पर ढेर सारी थूक लगाई और उसे निशा की चूत पर टिका दिया
मुझे इतने करीब से लॅंड को देखने का अवसर मिल रहा था
वो भी चूत में जाते हुए
और संजू को एक साथ 2 नंगी लड़किया दिख रही थी
4 नंगे बूब्स एक साथ देखना हर किसी की किस्मत में नही होता
कभी वो निशा के चेहरे को और कभी मेरे बूब्स को देखता और ऐसा करते-2 उसने अपना लॅंड धीरे-2 अंदर खिसकना शुरू कर दिया
निशा के हाथो की पकड़ मेरे हाथ पर तेज होने लगी
शायद उसे दर्द हो रहा था
खीरे जैसा लॅंड उसकी चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर दाखिल हो रहा था

और निशा धीरे-2 कराहने लगी
‘’आआआआआआआआआआआअहह……….. उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़………..दर्द हो रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईई……….उम्म्म्ममममममममममममममममममममम…..पर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर…. मजाआाआआआआआआआआआआअ भी आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई’’
 
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