Lucifer Morningstar
Member
- 180
- 135
- 58
thanksMaza hi aa gaya bhai
Superb update
दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से बुरी तरह गुत्थम गुत्था कर रहे थे
अनु ने शावर ऑन कर दिया तो ठंडे पानी की बौछारों से दोनो के गर्म जिस्म भीगने लगे
पर ये आग तो पानी से बुझने वाली नही थी
अनु ने बूब सक करते हुए अपनी 2 उंगलियों की गन बनाई और शेफाली की चूत में उतार दी
बेचारी खड़ी-2 चिहुंक उठी
ढेर सारा रस जो उसकी चूत में अभी तक अटका हुआ था, उंगलियाँ लगते ही बाहर की तरफ रिसने लगा
अनु भी अंदर की गाड़ी चिकनाहट देखकर समझ गयी की उसकी मोम इस वक़्त कितनी गर्म है
वो उस फ्रेश जूस को व्यर्थ नही करना चाहती थी, इसलिए वो नीचे बैठी और उनकी चूत पर मुँह लगाकर उसे चूसने लगी
“आआआआआआआआआआअहह……….. मजाआाआआआआआआआआआअ आआआआआआआ गय्ाआआआआआआआआअ”
मज़ा तो अनु को भी आ रहा था उसे चूसने में
कमल के फूल सी चूत में से गाड़ा रस निकलकर सीधा उसके मुँह में जा रहा था
ऐसा लग रहा था जैसे वो संतरे का रस पी रही है
शेफाली की टांगे काँप रही थी, उसने बड़ी मुश्किल से अनु के होंठो से अपनी चूत छुड़वाई और फर्श पर बैठ गयी
अनु एक बार फिर नागिन की तरह लहराकार उसकी टांगो को फैलाकर उसकी चूत को डसने लगी
अपनी लंबी जीभ का कमाल दिखाकर वो अंदर से निकल रहे माल को पिए जा रही थी
उसके नुकीले निप्पल बाथरूम के फर्श का घर्षण पाकर और भी ज़्यादा उत्तेजना पैदा कर रहे थे उसके अंदर
शेफाली का भी गला सूख रहा था अब तो
उसे भी पीने के लिए कुछ चाहिए था
और एक कच्ची कली की चूत से निकले पानी से अच्छा ड्रिंक भला और क्या हो सकता था
उसने अनु को इशारा करके अपनी तरफ टांगे करने को कहा
ताकि 69 के पोज़ में आकर वो दोनो एक दूसरे की चाट सके
अनु भी कुलबुला रही थी ये करने के लिए
पर उस से पहले उसे अपने अंगारों को भी शांत करना था
वो उठी और शावर के नीचे जाकर अपने निप्पल्स को अच्छे से भिगोया और फिर उन्हे अपनी मॉम के मुँह के पास ले गयी
बूंदे टपका रहे नन्हे निप्पल्स इस वक़्त इतने सैक्सी लग रहे थे की उन्हे कच्चा ही खाने का मन कर रहा था शेफाली का
और उसने खाया भी
अपने मोटे होंठो को उसने जब अपनी बेटी के बूब्स पर रखकर उसे चूसा तो सिसकारी मारकर अपनी माँ से बंदरिया के बच्चे की तरह लिपट गयी अनु
“सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआअहह मोंम …………………सकककककक मी………..जोर से चूसो इन्हे मों…….ये बड़ा तंग करते है……प्लीईईईईईईईस मोंम …….काटो इन्हे जोर से…………दांतो से काटो……….निशान बना दो….. खा जाओ प्लीज़…..खून निकाल दो”
उसकी बेटी इतने दर्द में थी ये सोचकर वो पूरी शिद्दत से उसके निप्पल्स को एक-2 करके चूसने लगी
जैसे-2 चूसे जा रही थी, वैसे-2 अनु के चेहरे पर सुकून की परछाई आती जा रही थी
और करीब 15 मिनट तक लगातार उन्हे चूसने के बाद उसका वो दर्द कम हुआ जो निशा की चुदाई के बाद शुरू हुआ था
उफफफ्फ़………ये होंठो की चुसाई कितनी शानदार होती है
काश ये वो पहले जान पाती
तो अपनी जवानी के इतने साल वो ऐसे ही ना निकालती
वो चाहती तो कितनो से चुस्वा चुकी होती वो अपनी नन्ही बूबियाँ
अपनी क्लास के लड़को से, किसी टीचर से, पिज़्ज़ा बॉय से, धोभि से, स्कूल के चपरासी से, बिल्डिंग के गार्ड से, रिक्शा वाले से
उसकी सोच पागलों की तरह हर उस लड़के और आदमी की तरफ जा रही थी जिनसे वो अपनी दिनचर्या में मिला करती थी
अपनी सोच पर उसे खुद ही हँसी आने लगी
पर इस वक़्त तो हँसी से ज़्यादा मज़े लेने का वक़्त था
अपने बूब्स की प्यास बुझवाकर वो अपनी मोंम के कहे अनुसार 69 के पोज़ में आ गयी और अपनी अनछुई चूत उनके हवाले कर दी और उनकी अनुभवी बुर को अपने होंठों से समेट कर उसे चूसने लगी
आनंद की परिकाष्ठा ऐसी थी की दोनो के मुँह से एक दबी हुई सी उत्तेजना से भरी सिसकारी निकली, जिसे शवर से गिरता पानी भी नही छुपा पाया
“उूुउऊययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआ…………. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…… मोंम ……योउ आर सूऊऊऊऊऊ गुड ssssssss ”
शेफाली इतनी निपुणता से उसकी नन्ही सी चूत का छेद चाट रही थी की वो उनकी प्रशंसा किए बिना नही रह सकी
अपनी मोंम को गुरु मानकर वो भी उनकी तरह जीभ को नुकीला बनाकर, उसे नन्हे लॅंड की तरह बनाकर, अंदर बाहर धकेल रही थी
मोंम ने उसकी गांड के छेद पर भी जीभ चलाई जिससे वो बिफर ही पड़ी
उसने भी ऐसा ही किया
पर मोम के गांड के छेद में उसकी जीभ फँस गयी
मॉम ने गहरी साँस छोड़ी तब छूटी वो जीभ वहां से
अब दोनो के शरीर भी जीभ की लय पर मचलने लगे थे
बाथरूम के फर्श पर दोनो माँ बेटियाँ मुज़रा कर रही थी
कभी शेफाली की जीभ से अनु थिरक उठती और कभी अनु की जीभ से शेफाली
अब दोनो का ये हाल था की किसी भी पल उनकी चूत पर लगा वो बाँध टूट सकता था जिसने पूरे दिन से उनके अंदर कामरस का एक दरिया इकट्ठा कर लिया था
सबसे पहले शेफाली झड़ी
“आआआआआआआआआआअहह अनुउउउ आई एम कमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग”
अपनी मॉम के कहने से पहले ही अनु का पूरा मुँह खुल चक्का था और अंदर से निकल रहा सारा माल वो समुंद्री मछली की तरह मुँह में भरकर निगलती चली गयी
उसकी चूत से निकली गाड़ी गोंद अनु के चेहरे पर भी लग गयी ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने देसी घी से भरे चम्मच खींच मारे हो चेहरे पर
झाड़ते वक़्त उत्तेजना में भरकर शेफाली ने अपना पूरा मुँह खोलकर अनु की चूत को ऐसे चुभलाया की बेचारी जाल में फंसी कबूतरी की तरह फड़फड़ाती हुई झड़ने लगी
और कच्ची ताड़ी जैसा उसकी चूत का नशीला जूस शेफाली ने चपर -२ करके ऐसे पीया जैसे आज वो डिन्नर ही नही करेगी
बस इसी रस से अपना पेट भरेगी
उसका रस था भी बड़ा स्वाद
मीठापन ज़्यादा था उसमें
शायद इसलिए की अभी तक लॅंड ने अंदर जाकर उसकी सोई हुई ग्रंथियों को नही भेदा है
जिसमें से बाद में खट्टापन शामिल होकर इस मिठास को थोड़ा नमकीन बना देता है
दोनो के झड़ने के बाद पस्त शरीरों में इतनी भी जान नही बची की बिना सहारा लिए उठ पाए
किसी तरह से दोनो उठी और शावर में अच्छी तरह से नहाकर बाहर आ गयी
आज खाने की चिंता दोनो में से किसी को भी नही थी
पेट भर चुका था एक दूसरे का रस पीकर
दोनो ऐसे ही अपने बेड पर जाकर एक दूसरे से लिपट कर सो गयी
रात भर एक दूसरे के नंगे शरीर आपस में रगड़ खाते रहे
और दोनो ही अगले दिन के बारे में सोचकर रोमांचित हुए जा रहीं थी
अभी तक दोनो ही नही जानते थे की उनकी फेंटेसी का नायक इस वक़्त सुधीर सर ही है
अगले दिन सुधीर सर की मौज होने वाली थी
[/SIZE]
अपनी मॉम की डेटिंग वाली लाइफ से बेख़बर अनु अपनी दुनिया में मग्न थी
आज मॉम के साथ हुए इस प्यार भरे एनकाउंटर ने उसकी जिंदगी बदल कर रख दी थी
अब उसे सैक्स और भी ज़्यादा आकर्षित कर रहा था अपनी तरफ
सुबह जब वो स्कूल जाने के लिए उठी थी तो वो शेफ़ाली के साथ लिपट कर सो रही थी
एकदम नंगी
ये ऐसा एहसास था जो उसने कई बार सपनो में महसूस किया था
कई बार गौरव के साथ, जब वो उसके साथ रात भर सैक्सी चेट किया करता था
और बाद में अक्सर सुधीर सर के बारे में सोचकर तो कई बार उसने अपनी नन्ही कुँवारी चूत में उंगली की थी और बाद में जब वो झड़कर सोती थी तो अपना मखमली तकिया उसे सुधीर सिर की चौड़ी छाती जैसा लगता था, जिसपर सोकर वो एक अलग ही दुनिया में खो सी जाती थी
और अब ये मॉम के नंगे बदन का एहसास
वाउ
इसके सामने तो तो वो सब कुछ भी नही जो वो सोचा करती थी
पर उसे ये शायद इसलिए भी लग रहा था क्योंकि असल में तो वो किसी मर्द के साथ इस तरह से सोई ही नही थी
जब सोएगी तो शायद उसके ये विचार भी बदल जाएँगे
पर अभी के लिए तो वो इस एहसास का ही भरपूर मज़ा लेना चाहती थी
मॉम के इरेक्टेड निप्पल्स को अपने चेहरे के इतने करीब देखकर वो अपने आप को रोक नही पाई और उन्हे अपने होंठो में भरकर वो चूसने लगी
शेफाली ने कुनमुनाते हुए आँखे खोल दी
“तेरी शरारतें सुबह - 2 शुरू हो गयी, स्कूल नही जाना है क्या ?”
जवाब में मैं सिर्फ़ मुस्कुरा दी
मैंने निप्पल्स से मुंह नहीं हटाया , शायद मुझे मॉर्निंग का ताज़ा दूध पीने में काफ़ी मज़ा मिल रहा था
शेफाली : “उम्म्म्ममम……मत कर ना अनु…..ये सब शुरू हुआ तो हम दोनो लेट हो जाएँगे…..रात को पीना बाकी का बचा हुआ दूध…अभी उठ और स्कूल के लिए तैयार हो जा…”
बेचारी अनमने मन से उठी और बाथरूम में घुस गयी, फिर तैयार होकर स्कूल के लिए निकल गयी
स्कूल जाते हुए उसके मन में एक नया उत्साह था
क्योंकि आज सुधीर सर के साथ मैथ ओलम्पियाड के बहाने रुकने का मौका मिलने वाला था
स्कूल के बाद तो ज़्यादातर बच्चे और टीचर्स चले जाते है
बाद में सर के रूम में क्या-2 हो सकता है यही सोचकर वो खुश हुए जा रही थी
स्कूल पहुँची तो निशा का अलग ही प्रोग्राम बना हुआ था
पिछले कुछ दिनों में जो उसकी जिंदगी में हुआ था
वो सब देखकर अब उसकी चूत भी लॅंड के लिए कुलबुला रही थी
निशा : “यार अनु, प्लीज़ मेरी हेल्प कर दे….संजू के साथ आज मिलने का प्रोग्राम है, प्लीज़ यार जगह का जुगाड़ कर दे, तुझे तो पता है उसका घर मुनिसिपल वालो ने तोड़ दिया है, वरना आज वहीं जाती, प्लीज़ यार….”
मैं हैरान थी की इतनी भी क्या आग लगी है की उसे ऐसे गिड़गिडाना पड़ रहा है
पर वो भी अपनी जगह सही थी
झोपडे में कुछ करने की सोची तो वहां हंगामा हो गया, जंगल में भी बात नही बनी
मैं : “वो तो ठीक है, पर मैं कैसे हेल्प करू ? कैसे करूँ जगह का जुगाड़ ? “
निशा : “यार, तेरा घर है ना, तेरी तो मॉम भी शाम तक आती है, वहीं चलते है ना, प्लीज़….”
मैं : “देख, मैं मना नही करती, पर तुझे तो पता है ना, आज से मुझे सुधीर सर की हेल्प करनी है, ओलम्पियाड के लिए, और पहले ही दिन मैं उन्हे मना नही कर सकती, प्रिन्सिपल मेम के कहने पर ही मुझे ये रिस्पॉन्सिबिलिटी मिली है, प्लीज़ ट्राइ तो अंडरस्टॅंड”
मेरी बात सुनकर बेचारी का मुँह उतर गया, आज शायद फिर से उसकी चूत को प्यासा रहना पड़ेगा
खैर, 1-2 पीरियड्स के बाद जब सुधीर सर की मैथ क्लास शुरू हुई तो उन्हे देखकर मेरे चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गयी,
वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे.
जब क्लास ख़त्म हुई तो बाहर जाते हुए उन्होने मुझे अपने पास बुलाया और बोले
“देखो अनुप्रिया, वो जो कल बात हुई थी हमारी, ओलम्पियाड वाली, वो काम कल से स्टार्ट करेंगे, आज मुझे एक ज़रूरी काम से कही जाना है”
इतना कहकर वो बाहर निकल गये
और मैं अपना मायूस सा चेहरा लेकर वापिस अपनी सीट पर आकर बैठ गयी
निशा के पूछने पर जब मैने उसे सर की बात बताई तो उसका चेहरा खिल उठा
क्योंकि जिस वजह से मैं उसे अपने घर ले जाने के लिए मना कर रही थी, वो अब रही नही, यानी वो संजू के साथ मेरे घर आ सकती थी, मैने उसे यस कर दिया,
अब मेरा मूड ऑफ है तो इसका मतलब ये तो नही की मैं अपनी सहेली का भी मूड ऑफ रहने दू , कोई तो खुश हो आज के दिन
वैसे खुश तो आज सुधीर सर भी थे
भले ही मुझे और उन्हे अभी तक ये बात पता नही थी , पर वो आज डेटिंग एप के ज़रिए वो मेरी मॉम से ही मिलने जा रहे थे
ये बात तो उन्हे उन्हे शाम तक और मुझे तो बहुत बाद में पता चलने वाली थी
स्कूल के बाद रोजाना की तरह संजू अपनी बाइक पर स्कूल के बाहर पहुँच गया और उसके पीछे मैं और निशा चिपक कर बैठ गये
वहां से सीधा हम मेरे घर पहुँचे
दरवाजा खोलते ही निशा ने अपना बेग एक तरफ फेंका और मेरे सामने ही ड्रॉयिंग रूम में एक दूसरे को किस्स करना शुरू कर दिया उन्होने
मैं पहले भी उन्हे किस्स करते हुए देख चुकी थी, पर आज जब वो कर रहे थे तो पता नही क्यों मेरे होंठ भी सूखने लगे
मुझे कल शाम मॉम को की हुई किस्स याद आ गयी
उन्होने कितने सेडक्टिव तरीके से मेरे लिप्स को चूमा था
ये लड़के इतने उतावले क्यों होते है, ऐसा लग रहा था की संजू आज निशा के होंठ खा ही जाएगा
पर उसे दर्द नही हो रहा था
इतना तेज होंठो पर प्रहार हो रहा था उसके बावजूद उसे मज़ा आ रहा था
वो आनंद के साथ सिसकारियाँ ले रही थी
‘’उम्म्म्मममममममममममममममममममममममममममममम ओह माय लव…….मुचsssssssssह’’
मेरे शरीर मे भी टिंगलिंग सेन्सेशन होने लगा था अब तो
मैं उन्हे वही छोड़कर अपने रूम में गयी और कपड़े चेंज करने लगी
यहा मैं अपने कपड़े उतार रही थी और वहां उनके उतरने लग गये
मेरे रूम से बाहर का नज़ारा सॉफ दिख रहा था
निशा की स्कूल यूनिफॉर्म फर्श पर आ चुकी थी, संजू भी सिर्फ़ अपने बॉक्सर में रह गया था
सबसे पहला हमला संजू ने किया, उसने एक झटके से निशा की ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी
अब वो नंगी खड़ी ती सजू के सामने
मेरे ड्रॉयिंग रूम में
उसी जगह जहाँ मॉम ने मुझे फर्श पर नंगा पाया था
मैं भी अपने कपड़े उतारे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी होकर उन्हे देखकर कसमसा रही थी
संजू ने उसके बूब्स पर अटैक करते हुए उन्हें एक -2 करके चूसना शुरू कर दिया
बेचारी उसकी कसी हुई बाजुओं में जल बिन मछली की तरह मचल कर रह गयी
Very nice story plz updateमज़ा तो आएगा ही ना
चूत और लॅंड का नाता ही ऐसा है
धीरे-2 करके जब छोटा संजू पूरा उसकी चूत में समा गया तो कुछ देर के लिए वो रुक गया और फिर होले -2 अपनी कमर हिलाने लगा
अपना लॅंड वो बाहर नही निकाल रहा था, बल्कि अंदर ही अंदर घुमा कर उसे मज़े दे रहा था और साथ ही उसे शायद अंदर अड्जस्ट भी कर रहा था ताकि अगला झटका उसे दर्द नही बल्कि मज़ा दे
और जैसा मैने सोचा था वैसा ही हुआ, संजू ने अपने लॅंड को बाहर खींचा और फिर धीरे से अंदर धकेल दिया….
लॅंड पर लगे हल्के लाल निशान बयान कर रहे थे की उसकी चूत की सील टूट गयी है
अब निशा को भी मज़ा आने लगा था
मेरी नज़र निशा के चेहरे पर थी जो हर झटके से मिल रहे मज़े से कराह रही थी
“आआअहह अहह अहह ओह संजू ….. अहह मजाअ आ रहा है यार…… उफफफफफ्फ़…… फकिंग इज़ सो मच फन ……आआआआआअहह आई लव इट…….. उम्म्म्ममममममममममममममम………..ज़ोर से करो संजू……अब ज़ोर से करो….फक्क मीssssssss हार्ड”
शायद अब उसकी चूत के धागे पूरे खुल चुके थे
उसकी आँखे बंद हो चुकी थी और वो संजू के झटकों का मज़ा ले रही थी
और तभी संजू ने वो हरकत कर दी जिसका मैं चाहकर भी विरोध नही कर पाई
उसने अपने बाए हाथ से मेरे बूब्स को पकड़कर ज़ोर से दबा दिया
मेरी तो साँसे अटक कर रह गयी,
अपने नंगे बूब पर पहली बार किसी मर्दाना हाथ का स्पर्श पाकर
मैं कुछ नही बोली, मेरी साँसे जोरों से चलने लगी
मन तो मेरा कर रहा था की वो फिर से मेरा बूब पकड़े
पर शायद वो निशा से डर रहा था, कहीं वो आँखे ना खोल दे और वो पकड़ा जाए
पर वो तो अपने मज़े लेने मे बिज़ी थी
अब उसने मेरे हाथ को भी छोड़ दिया था और संजू की कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर अपनी तरफ खींच खींचकर चुदवा रही थी
संजू तो डर रहा था पर मुझे उसका टच फिर से चहिए था
फिर मैने वो किया जो शायद उसने भी नही सोचा होगा
मैने खुद उसका हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया
एक पल के लिए हम दोनो की नज़रें मिली और मैं धीरे से मुस्कुरा दी
वो समझ गया की मैं क्या चाहती हूँ
वो अपने कुशल हाथों से मेरे अनछुए बूब्स को मज़ा देना लगा
मेरे निप्पल्स को उचेटता हुआ वो उन्हे अपनी तरफ खींचता और फिर छोड़ देता
बूब्स को हाथों में भरता और उन्हे पानी के गुब्बारे की तरह जोरों से दबा देता
मेरी कच्छी पूरी गिली हो चुकी थी
और शायद ये सब करते हुए उसका लॅंड भी ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच गया था
निशा तो शायद 2 बार झड़ चुकी थी
अब झड़ने की बारी संजू की थी
इसलिए उसने अपना हाथ हटाकर अपना पूरा ध्यान निशा पर लगा दिया
और जैसे ही उसका माल निकलने वाला हुआ, उसने लॅंड को चूत से खींचकर बाहर निकाला और हाथ में पकड़कर उसकी पिचकारी बनाकर निशा के पेट, मुम्मो और चेहरे का निशाना लगाकर झड़ना शुरू कर दिया
निशा का पूरा शरीर झटके खा रहा था उसकी गोलीबारी से
ताबड़तोड़ लैंड से निकली सफ़ेद गोलियों से उसका सीना छलनी हो गया
झटका तो मुझे भी लगा जब उसने अपने लॅंड की बंदूक मेरी तरफ करके मेरे बूब्स पर भी एक गोली मार दी
मैने वो सफेद माल अपनी उंगली से समेटा और उसे चाट गयी
उम्म्म्मममममsssssssss
कितना मजेदार था वो
मन तो मेरा कर रहा था की निशा के शरीर पर पड़ा सारा माल अपनी जीभ से चाट जाऊं
पर अभी ऐसा कर नही सकती थी
यहाँ भी निशा ने मेरे दिल की बात जान ली शायद
और अपने शरीर पर गिरी मलाई को उसने अपनी उंगलियों से भरकर चाटना शुरू कर दिया
संजू भी साइड मे गिरकर गहरी साँसे लेने लगा
माहौल में सैक्स की महक आ रही थी
उसके बाद दोनो मेरे ही बाथरूम में जाकर नहाए और अपने कपड़े पहनकर अपने-2 घर चले गये
और पीछे छोड़ गये मुझे तड़पने के लिए
अब मुझे मॉम के वापिस आने का इंतजार था
जो आग मेरे अंदर जल उठी थी उसे बुझाने के लिए मुझे मॉम की हेल्प की सख़्त ज़रूरत थी
अपनी मॉम की डेटिंग वाली लाइफ से बेख़बर अनु अपनी दुनिया में मग्न थी
आज मॉम के साथ हुए इस प्यार भरे एनकाउंटर ने उसकी जिंदगी बदल कर रख दी थी
अब उसे सैक्स और भी ज़्यादा आकर्षित कर रहा था अपनी तरफ
सुबह जब वो स्कूल जाने के लिए उठी थी तो वो शेफ़ाली के साथ लिपट कर सो रही थी
एकदम नंगी
ये ऐसा एहसास था जो उसने कई बार सपनो में महसूस किया था
कई बार गौरव के साथ, जब वो उसके साथ रात भर सैक्सी चेट किया करता था
और बाद में अक्सर सुधीर सर के बारे में सोचकर तो कई बार उसने अपनी नन्ही कुँवारी चूत में उंगली की थी और बाद में जब वो झड़कर सोती थी तो अपना मखमली तकिया उसे सुधीर सिर की चौड़ी छाती जैसा लगता था, जिसपर सोकर वो एक अलग ही दुनिया में खो सी जाती थी
और अब ये मॉम के नंगे बदन का एहसास
वाउ
इसके सामने तो तो वो सब कुछ भी नही जो वो सोचा करती थी
पर उसे ये शायद इसलिए भी लग रहा था क्योंकि असल में तो वो किसी मर्द के साथ इस तरह से सोई ही नही थी
जब सोएगी तो शायद उसके ये विचार भी बदल जाएँगे
पर अभी के लिए तो वो इस एहसास का ही भरपूर मज़ा लेना चाहती थी
मॉम के इरेक्टेड निप्पल्स को अपने चेहरे के इतने करीब देखकर वो अपने आप को रोक नही पाई और उन्हे अपने होंठो में भरकर वो चूसने लगी
शेफाली ने कुनमुनाते हुए आँखे खोल दी
“तेरी शरारतें सुबह - 2 शुरू हो गयी, स्कूल नही जाना है क्या ?”
जवाब में मैं सिर्फ़ मुस्कुरा दी
मैंने निप्पल्स से मुंह नहीं हटाया , शायद मुझे मॉर्निंग का ताज़ा दूध पीने में काफ़ी मज़ा मिल रहा था
शेफाली : “उम्म्म्ममम……मत कर ना अनु…..ये सब शुरू हुआ तो हम दोनो लेट हो जाएँगे…..रात को पीना बाकी का बचा हुआ दूध…अभी उठ और स्कूल के लिए तैयार हो जा…”
बेचारी अनमने मन से उठी और बाथरूम में घुस गयी, फिर तैयार होकर स्कूल के लिए निकल गयी
स्कूल जाते हुए उसके मन में एक नया उत्साह था
क्योंकि आज सुधीर सर के साथ मैथ ओलम्पियाड के बहाने रुकने का मौका मिलने वाला था
स्कूल के बाद तो ज़्यादातर बच्चे और टीचर्स चले जाते है
बाद में सर के रूम में क्या-2 हो सकता है यही सोचकर वो खुश हुए जा रही थी
स्कूल पहुँची तो निशा का अलग ही प्रोग्राम बना हुआ था
पिछले कुछ दिनों में जो उसकी जिंदगी में हुआ था
वो सब देखकर अब उसकी चूत भी लॅंड के लिए कुलबुला रही थी
निशा : “यार अनु, प्लीज़ मेरी हेल्प कर दे….संजू के साथ आज मिलने का प्रोग्राम है, प्लीज़ यार जगह का जुगाड़ कर दे, तुझे तो पता है उसका घर मुनिसिपल वालो ने तोड़ दिया है, वरना आज वहीं जाती, प्लीज़ यार….”
मैं हैरान थी की इतनी भी क्या आग लगी है की उसे ऐसे गिड़गिडाना पड़ रहा है
पर वो भी अपनी जगह सही थी
झोपडे में कुछ करने की सोची तो वहां हंगामा हो गया, जंगल में भी बात नही बनी
मैं : “वो तो ठीक है, पर मैं कैसे हेल्प करू ? कैसे करूँ जगह का जुगाड़ ? “
निशा : “यार, तेरा घर है ना, तेरी तो मॉम भी शाम तक आती है, वहीं चलते है ना, प्लीज़….”
मैं : “देख, मैं मना नही करती, पर तुझे तो पता है ना, आज से मुझे सुधीर सर की हेल्प करनी है, ओलम्पियाड के लिए, और पहले ही दिन मैं उन्हे मना नही कर सकती, प्रिन्सिपल मेम के कहने पर ही मुझे ये रिस्पॉन्सिबिलिटी मिली है, प्लीज़ ट्राइ तो अंडरस्टॅंड”
मेरी बात सुनकर बेचारी का मुँह उतर गया, आज शायद फिर से उसकी चूत को प्यासा रहना पड़ेगा
खैर, 1-2 पीरियड्स के बाद जब सुधीर सर की मैथ क्लास शुरू हुई तो उन्हे देखकर मेरे चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गयी,
वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे.
जब क्लास ख़त्म हुई तो बाहर जाते हुए उन्होने मुझे अपने पास बुलाया और बोले
“देखो अनुप्रिया, वो जो कल बात हुई थी हमारी, ओलम्पियाड वाली, वो काम कल से स्टार्ट करेंगे, आज मुझे एक ज़रूरी काम से कही जाना है”
इतना कहकर वो बाहर निकल गये
और मैं अपना मायूस सा चेहरा लेकर वापिस अपनी सीट पर आकर बैठ गयी
निशा के पूछने पर जब मैने उसे सर की बात बताई तो उसका चेहरा खिल उठा
क्योंकि जिस वजह से मैं उसे अपने घर ले जाने के लिए मना कर रही थी, वो अब रही नही, यानी वो संजू के साथ मेरे घर आ सकती थी, मैने उसे यस कर दिया,
अब मेरा मूड ऑफ है तो इसका मतलब ये तो नही की मैं अपनी सहेली का भी मूड ऑफ रहने दू , कोई तो खुश हो आज के दिन
वैसे खुश तो आज सुधीर सर भी थे
भले ही मुझे और उन्हे अभी तक ये बात पता नही थी , पर वो आज डेटिंग एप के ज़रिए वो मेरी मॉम से ही मिलने जा रहे थे
ये बात तो उन्हे उन्हे शाम तक और मुझे तो बहुत बाद में पता चलने वाली थी
स्कूल के बाद रोजाना की तरह संजू अपनी बाइक पर स्कूल के बाहर पहुँच गया और उसके पीछे मैं और निशा चिपक कर बैठ गये
वहां से सीधा हम मेरे घर पहुँचे
दरवाजा खोलते ही निशा ने अपना बेग एक तरफ फेंका और मेरे सामने ही ड्रॉयिंग रूम में एक दूसरे को किस्स करना शुरू कर दिया उन्होने
मैं पहले भी उन्हे किस्स करते हुए देख चुकी थी, पर आज जब वो कर रहे थे तो पता नही क्यों मेरे होंठ भी सूखने लगे
मुझे कल शाम मॉम को की हुई किस्स याद आ गयी
उन्होने कितने सेडक्टिव तरीके से मेरे लिप्स को चूमा था
ये लड़के इतने उतावले क्यों होते है, ऐसा लग रहा था की संजू आज निशा के होंठ खा ही जाएगा
पर उसे दर्द नही हो रहा था
इतना तेज होंठो पर प्रहार हो रहा था उसके बावजूद उसे मज़ा आ रहा था
वो आनंद के साथ सिसकारियाँ ले रही थी
‘’उम्म्म्मममममममममममममममममममममममममममममम ओह माय लव…….मुचsssssssssह’’
मेरे शरीर मे भी टिंगलिंग सेन्सेशन होने लगा था अब तो
मैं उन्हे वही छोड़कर अपने रूम में गयी और कपड़े चेंज करने लगी
यहा मैं अपने कपड़े उतार रही थी और वहां उनके उतरने लग गये
मेरे रूम से बाहर का नज़ारा सॉफ दिख रहा था
निशा की स्कूल यूनिफॉर्म फर्श पर आ चुकी थी, संजू भी सिर्फ़ अपने बॉक्सर में रह गया था
सबसे पहला हमला संजू ने किया, उसने एक झटके से निशा की ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी
अब वो नंगी खड़ी ती सजू के सामने
मेरे ड्रॉयिंग रूम में
उसी जगह जहाँ मॉम ने मुझे फर्श पर नंगा पाया था
मैं भी अपने कपड़े उतारे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी होकर उन्हे देखकर कसमसा रही थी
संजू ने उसके बूब्स पर अटैक करते हुए उन्हें एक -2 करके चूसना शुरू कर दिया
बेचारी उसकी कसी हुई बाजुओं में जल बिन मछली की तरह मचल कर रह गयी
Bahanchod yahi hai saathi Haath badhana ....अब मैं भी खिसक कर दरवाजे की ओट में खड़ी हो गयी थी
मेरे निप्पल्स ब्रा में बग़ावत पर उतर आए थे
जवानी के अँगारे सुलगने लगे थे
संजू का एक हाथ निशा की चूत पर घूम कर वहां आई बाढ़ का जायज़ा ले रहा था
उंगली शायद चूत के अंदर थी जो उस बाढ़ को रोकने की असफल कोशिश कर रही थी
बाढ़ तो मेरी कच्छी में भी आई हुई थी….
काश वो अपना दूसरा हाथ मेरी चूत पर भी लगा दे
ऐसा विचार आते ही मेरे पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी
पहले भी उन्हे ऐसा करता देखकर मेरे साथ ऐसा हो चुका था…
आज फिर हो रहा था
काश मैं भी गौरव को बोल देती साथ में आने के लिए,
वो तो उल्टी छलांगे मारता हुआ मेरे घर तक आ जाता
पर अब तो कुछ नही हो सकता था
मेरे पास उनका दर्शक बनकर खड़े रहने के अलावा कोई और चारा नही था
मेरी नज़र अब संजू के अंडरवेयर पर थी
निशा तो आँखे बंद करके फिंगरिंग का मज़ा ले रही थी
मैं होती तो उसके लॅंड पर टूट पड़ती
शायद मेरे दिल की आवाज़ निशा ने भी सुन ली
निशा का हाथ उसके अंडरवेर पर आया और उसने एक झटके मे उसे नीचे कर दिया
अब संजू भी पूरा नंगा था
उसके चेहरे को देखकर लग नही रहा था की उसका लॅंड इतना शानदार होगा
एकदम कड़क था उसका लॅंड, करीब 7 इंच का, मोटा इतना जैसे खीरा
उफफफफ्फ़ कैसे जाता होगा लॅंड चूत में
शुरू से ही ये जिज्ञासा थी जानने की
शायद आज देख पाऊं
निशा को देखकर इस वक़्त मुझे जलन हो रही थी
निशा अपने पंजो पर बैठी और उसने संजू के लॅंड को पूरा मुँह मे भरकर चूसना शुरू कर दिया.
संजू ने आँखे बंद की और सियार की तरह उपर मुँह करके ज़ोर से हुंकार भरी
मेरे जवानी के अंगारे अब सुलग कर आग बन चुके थे
लॅंड चुस्वाते हुए अचानक संजू की नज़रें मुझसे मिली
शायद वो देखना चाहता था की उन्हे ड्रॉयिंग रूम छोड़कर में मैं कहाँ चली गयी
मैं ब्रा पेंटी में खड़ी अपनी चूत सहला रही थी
ये देखकर उसके चेहरे के भाव एकदम बदल से गये
हालाँकि निशा भी कम नही थी
जवान थी खूबसूरत थी
अनछुई कच्ची जवानी थी
पर मेरे सामने उसका कोई मुकाबला नही था
और शायद मुझे इस हालत में देखकर संजू भी खुश हो रहा था
अब मेरा दिल भी मचल रहा था कुछ करने को
मैने बिना कुछ सोचे समझे अपनी ब्रा उतार दी
और अब मैं सिर्फ़ अपनी कच्छी में थी
मेरे नंगे बूब्स देखकर संजू की हालत खराब हो गयी
हालाँकि निशा उसके पास थी
उसके बूब्स को उसने अभी प्यार किया था, चूसा था
पर मेरे बूब्स का साइज़ और मेरे अंगारे बरसा रहे निप्पल्स का आकार उसे बेचैन कर रहा था
मेरी बॉडी का सबसे अट्रॅक्टिव पार्ट थे मेरे बूब्स
उसकी हालत तो खराब होनी ही थी..
संजू का एक हाथ निशा के सिर पर था
वो उसे पकड़कर जोरों से अपना लॅंड अंदर बाहर करने लगा
शायद वो मेरी कल्पना कर रहा था
मैने भी अपनी 2 उंगलियाँ अपने मुँह डाल ली जैसे उसका लॅंड मैं चूस रही हूँ
और उसे बड़े ही सिडक्टिव तरीके से देखते हुए उन्हे चूसने लगी
संजू का लॅंड समझकर
अब उसका लॅंड पूरा तैयार था, निशा की चूत में ग्रहप्रवेश के लिए
पर उसके लिए बेड चाहिए था, पहली बार की चुदाई हमेशा मजेदार तरीके से होनी चाहिए
निशा ने संजू का हाथ पकड़ा और मेरे रूम की तरफ चल दी
मैं तो अधनंगी खड़ी थी वहां
मैं दरवाजे की ओट से बाहर निकल कर पीछे हो गयी और बेड पर पड़ी अपनी स्कूल शर्ट से अपना नंगा सीना छुपा लिया
पर निशा को तो मेरी हालत से कोई फ़र्क ही नही पड़ा
वो सीधा अंदर आई और मेरे बेड पर आकर पसर गयी
उसे इस वक़्त सिर्फ़ और सिर्फ़ संजू का खड़ा लॅंड ही दिखाई दे रहा था
जब उसे कोई फ़र्क नही पड़ता तो मैं क्यों भला शरमाने का नाटक करू
मैने भी अपनी शर्ट को सीने से हटा कर साइड में रख दिया
निशा की टांगे चौड़ी करके संजू उसकी कुँवारी चूत पर टूट पड़ा, उसे चूमने चाटने लगा
ये काम तो मुझे भी पसंद था
अक्सर मूवीस देखकर में मैं यही कल्पना करती थी की वो दिन कब आएगा जब कोई मर्द मेरी चूत भी इसी तरह से चाटेगा
मेरी तो नही पर इस कमीनी निशा की चूत चाटी जा रही थी इस वक़्त तो
जिसे देखकर मुझे गुस्सा भी आ रहा था और मैं और भी ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी
निशा तड़प उठी और उसने संजू के सिर पर हाथ रखकर उसे और अंदर दबा दिया
और तभी उसकी नज़रें मुझसे मिली
मुझे इस तरह टॉपलेस देखकर उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी
उसने इशारे से मुझे अपनी तरफ बुलाया और बेड पर उसके सिर के करीब बैठने को कहा
जब मैं वहां बैठी तो मेरा हाथ पकड़कर वो उसे सहलाने लगी
शायद वो अंदर से डर रही थी
पहले लॅंड के धक्के से उसे डर लग रहा था, इसलिए उस मौके पर मेरा हाथ पकड़कर वो उस दर्द से निपटना चाहती थी
एक सहेली होने के नाते ये तो मेरा फ़र्ज़ था
उसके इस दर्द भरे कदम में साथ रहना
मैं अपना सीना तान कर बैठ गयी
संजू ने जब उसकी चूत की मलाई अच्छे से चाट ली तो वो उठ खड़ा हुआ
मुझे निशा के करीब बैठा देखकर वो पहले तो हरान हुआ पर फिर परिस्थिति को समझकर उसने अपने लॅंड पर ढेर सारी थूक लगाई और उसे निशा की चूत पर टिका दिया
मुझे इतने करीब से लॅंड को देखने का अवसर मिल रहा था
वो भी चूत में जाते हुए
और संजू को एक साथ 2 नंगी लड़किया दिख रही थी
4 नंगे बूब्स एक साथ देखना हर किसी की किस्मत में नही होता
कभी वो निशा के चेहरे को और कभी मेरे बूब्स को देखता और ऐसा करते-2 उसने अपना लॅंड धीरे-2 अंदर खिसकना शुरू कर दिया
निशा के हाथो की पकड़ मेरे हाथ पर तेज होने लगी
शायद उसे दर्द हो रहा था
खीरे जैसा लॅंड उसकी चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर दाखिल हो रहा था
और निशा धीरे-2 कराहने लगी
‘’आआआआआआआआआआआअहह……….. उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़………..दर्द हो रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईई……….उम्म्म्ममममममममममममममममममममम…..पर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर…. मजाआाआआआआआआआआआआअ भी आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई’’
1 to kacchi kali 2 3 baar chodne se Baal Baal bachi.... aur ab bahanchod ye live chudayi jisme thodi shamil ho gyi......मज़ा तो आएगा ही ना
चूत और लॅंड का नाता ही ऐसा है
धीरे-2 करके जब छोटा संजू पूरा उसकी चूत में समा गया तो कुछ देर के लिए वो रुक गया और फिर होले -2 अपनी कमर हिलाने लगा
अपना लॅंड वो बाहर नही निकाल रहा था, बल्कि अंदर ही अंदर घुमा कर उसे मज़े दे रहा था और साथ ही उसे शायद अंदर अड्जस्ट भी कर रहा था ताकि अगला झटका उसे दर्द नही बल्कि मज़ा दे
और जैसा मैने सोचा था वैसा ही हुआ, संजू ने अपने लॅंड को बाहर खींचा और फिर धीरे से अंदर धकेल दिया….
लॅंड पर लगे हल्के लाल निशान बयान कर रहे थे की उसकी चूत की सील टूट गयी है
अब निशा को भी मज़ा आने लगा था
मेरी नज़र निशा के चेहरे पर थी जो हर झटके से मिल रहे मज़े से कराह रही थी
“आआअहह अहह अहह ओह संजू ….. अहह मजाअ आ रहा है यार…… उफफफफफ्फ़…… फकिंग इज़ सो मच फन ……आआआआआअहह आई लव इट…….. उम्म्म्ममममममममममममममम………..ज़ोर से करो संजू……अब ज़ोर से करो….फक्क मीssssssss हार्ड”
शायद अब उसकी चूत के धागे पूरे खुल चुके थे
उसकी आँखे बंद हो चुकी थी और वो संजू के झटकों का मज़ा ले रही थी
और तभी संजू ने वो हरकत कर दी जिसका मैं चाहकर भी विरोध नही कर पाई
उसने अपने बाए हाथ से मेरे बूब्स को पकड़कर ज़ोर से दबा दिया
मेरी तो साँसे अटक कर रह गयी,
अपने नंगे बूब पर पहली बार किसी मर्दाना हाथ का स्पर्श पाकर
मैं कुछ नही बोली, मेरी साँसे जोरों से चलने लगी
मन तो मेरा कर रहा था की वो फिर से मेरा बूब पकड़े
पर शायद वो निशा से डर रहा था, कहीं वो आँखे ना खोल दे और वो पकड़ा जाए
पर वो तो अपने मज़े लेने मे बिज़ी थी
अब उसने मेरे हाथ को भी छोड़ दिया था और संजू की कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर अपनी तरफ खींच खींचकर चुदवा रही थी
संजू तो डर रहा था पर मुझे उसका टच फिर से चहिए था
फिर मैने वो किया जो शायद उसने भी नही सोचा होगा
मैने खुद उसका हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया
एक पल के लिए हम दोनो की नज़रें मिली और मैं धीरे से मुस्कुरा दी
वो समझ गया की मैं क्या चाहती हूँ
वो अपने कुशल हाथों से मेरे अनछुए बूब्स को मज़ा देना लगा
मेरे निप्पल्स को उचेटता हुआ वो उन्हे अपनी तरफ खींचता और फिर छोड़ देता
बूब्स को हाथों में भरता और उन्हे पानी के गुब्बारे की तरह जोरों से दबा देता
मेरी कच्छी पूरी गिली हो चुकी थी
और शायद ये सब करते हुए उसका लॅंड भी ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच गया था
निशा तो शायद 2 बार झड़ चुकी थी
अब झड़ने की बारी संजू की थी
इसलिए उसने अपना हाथ हटाकर अपना पूरा ध्यान निशा पर लगा दिया
और जैसे ही उसका माल निकलने वाला हुआ, उसने लॅंड को चूत से खींचकर बाहर निकाला और हाथ में पकड़कर उसकी पिचकारी बनाकर निशा के पेट, मुम्मो और चेहरे का निशाना लगाकर झड़ना शुरू कर दिया
निशा का पूरा शरीर झटके खा रहा था उसकी गोलीबारी से
ताबड़तोड़ लैंड से निकली सफ़ेद गोलियों से उसका सीना छलनी हो गया
झटका तो मुझे भी लगा जब उसने अपने लॅंड की बंदूक मेरी तरफ करके मेरे बूब्स पर भी एक गोली मार दी
मैने वो सफेद माल अपनी उंगली से समेटा और उसे चाट गयी
उम्म्म्मममममsssssssss
कितना मजेदार था वो
मन तो मेरा कर रहा था की निशा के शरीर पर पड़ा सारा माल अपनी जीभ से चाट जाऊं
पर अभी ऐसा कर नही सकती थी
यहाँ भी निशा ने मेरे दिल की बात जान ली शायद
और अपने शरीर पर गिरी मलाई को उसने अपनी उंगलियों से भरकर चाटना शुरू कर दिया
संजू भी साइड मे गिरकर गहरी साँसे लेने लगा
माहौल में सैक्स की महक आ रही थी
उसके बाद दोनो मेरे ही बाथरूम में जाकर नहाए और अपने कपड़े पहनकर अपने-2 घर चले गये
और पीछे छोड़ गये मुझे तड़पने के लिए
अब मुझे मॉम के वापिस आने का इंतजार था
जो आग मेरे अंदर जल उठी थी उसे बुझाने के लिए मुझे मॉम की हेल्प की सख़्त ज़रूरत थी