Luckyloda
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अब मुझे मॉम के वापिस आने का इंतजार था
जो आग मेरे अंदर जल उठी थी उसे बुझाने के लिए मुझे मॉम की हेल्प की सख़्त ज़रूरत थी
आज का दिन काफ़ी रोमांच भरा रहा था अनु और शेफाली के लिए
अनु का इसलिए की आज उसकी फ्रेंड निशा उसी के घर पर आकर बुरी तरह से चुदी थी
और सबसे बड़ी बात की वो भी टॉपलेस होकर उनके साथ बैठी थी, वो सब देख रही थी, एंजाय कर रही थी
बस नही कर पाई तो अपने आप को संतुष्ट
जिसकी वजह से उसकी जवानी के अंगार सुलग कर धुंवा उगल रहे थे
अभी उसने बिन ब्रा के टी शर्ट पहन रखी थी, जिसमें उसके कड़क निप्पल सॉफ चमक रहे थे, उसे तो लग रहा था की वो सुलगते हुए निप्पल्स त शर्ट को जला कर छेड़ ना कर दे
वो रह रहकर उन्हे खुद ही दबा रही थी, मसल कर निचोड़ रही थी मानो उनकी सुलगाहट को कम कर रही हो, पर दबाने से वो और भी ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी
इतना वो अपनी चूत को रगड़ती तो 4 बार झड़ चुकी होती
काश बूब्स को दबाने से उसमें से भी कामरस की बूंदे निकलती, तो कितना अच्छा होता
उन्हे चूस्कर सुधीर सर उसका सारा रस निकाल कर पी जाते
उफफफफ्फ़ निप्पल के थ्रू झड़ने की कल्पना मात्र से ही उसका बदन सिहर उठा
वहीं दूसरी तरफ शेफाली का भी लगभग वही हाल था
पार्किंग में सुधीर सर का लॅंड चूसने के बाद उसका गला सूखे जा रहा था
पानी की पूरी बॉटल पी ली पर भी वो प्यास नही बुझ पा रही थी जो सुधीर सर के लॅंड ने उसके मुँह में लगाई थी
आग तो उसकी दोनो टांगो के बीच भी लगी हुई थी
हालाँकि लॅंड चूसते हुए अपनी मुनिया को बुरी तरह से रगड़ा था उसने
पर वो खुजली सिर्फ़ लॅंड से मिटने वाली थी जिसे आज वो ले नही पाई थी
घर आते हुए भी वो यही सोचे जा रही थी की काश आज भी पिछली बार की तरह चुदाई का कुछ इंतज़ाम हो जाता तो वो ऐसे ना तड़प रही होती
ये चुदाई होती ही ऐसी चीज़ है
इतने सालो बाद जब लॅंड का स्वाद मिला तो उसे लेने की ललक हर वक़्त उसके दिमाग़ में रहने लगी थी
सुधीर सर की डील डोल देखकर ही पता चल रहा था की अंदर से वो कितना तगड़ा होगा
बिस्तर पर चीखे निकलवा देगा चीखे
हाय कैसा फील होगा जब उसका लोहे की रोड जैसा सख़्त लॅंड उसकी चूत में जाएगा तो
मुँह में भी बड़ी मुश्किल से आ पा रहा था
चूत का मुँह तो उसके मुक़ाबले 3 गुना छोटा था
फाड़ ही डालेगा ये कमीना उसे तो
ये सोचते ही उसने सलवार के उपर से ही अपनी चूत को एक बार फिर से भींच दिया
और इस बार उसे वहां गीलेपन का एहसास हुआ
चुदाई के बारे में सोचते-2 कब उसकी चूत रिसने लगी थी उसे भी पता नही चला
अब तो घर जाकर नहाना पड़ेगा
घर पहुँचते ही अनु ने उसे गले से लगाया, हमेशा की तरह उसे किस किया
पर शेफाली को तो जल्दी थी बाथरूम में जाने की
उसे इस वक़्त अनु की आँखो में उमड़ रही वासना भी दिखाई नही दी
और ना ही उसके कड़क निप्पल्स दिखे
वो भागकर बाथरूम में गयी और जल्दी-2 अपने कपड़े उतार कर साइड में फेंक दिए
कच्छी उतारते हुए उसका हाल देखा तो खुद पर ही हँसी आ गयी उसे
ऐसा लग रहा था जैसे ढेर सारी मलाई में डुबो कर निकाली हो
अपने ही रस से तरबतर वो कच्छी उसकी जाँघो और पिंडलियों पर अपने निशान छोड़ती गयी
सारे कपड़े उतारकर उसने खुद को शीशे में देखा तो अपनी छाती पर उंगलियों के निशान देखकर वो सहम गयी
ये सुधीर सिर की उंगलियों के निशान थे,
जो उन्होने उसे किस्स करते हुए उसके बूब्स को जकड़ कर बनाए थे
शेफाली ने अपने भारी भरकम बूब को हाथ में पकड़ा और उसे उपर उठा कर चूम लिया और खुद का ही निप्पल चूसने लगी
उम्म्म्ममममममममम काश इस वक़्त कोई होता जो ये काम कर देता उसका
और तभी उसे अपने पीछे किसी के होने का आभास हुआ
वो पलटी तो अपने पीछे अनु को खड़े पाया
जो इस वक़्त उसी की तरहा पूरी नंगी थी
आँखो में हैरानी थी शेफाली के की वो क्यू अंदर आ गयी
मुँह में अभी तक खुद का निप्पल था
जिसे अनु ने आगे बढ़कर बड़े प्यार से बाहर निकाला और उसके बूब को अपने मुँह में भरकर जोरों से उसे चूसने लगी
एक पल की हैरानी, परेशानी दूसरे ही पल में आनंदमयी सिसकारी में बदल गयी
शेफाली ने अनु के सिर पर हाथ रखकर उसे अपने अंदर ज़ोर से दबा लिया और तड़प कर बोल उठी
“ओह मेरी बच्चीहिईीईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममममममम…… .सककककककक मिईीईईईईईईईईईई मेरी ज़ाआाआआन्न्नन् सकककककककककक योर मोंमsssssssss ……..”
अनु तो पहले से ही तैयार थी
आज जो चुदाई का तमाशा उसने अपने घर पर देखा था उसकी भूख मिटाने का यही तरीका था
शेफाली भी शायद अनु के बारे में भूली बैठी थी
जब उसकी खुद की बेर्टी उसकी चूत चाटने के लिए घर पर उपलब्ध है तो वो भला क्यों बेकार में मास्टरबेट करके अपनी एनर्जी वेस्ट करे…[/SIZE][/SIZE]
Abhi to Maa beti ko hi 1 dusre ka sahara hai..... dekho sudhir kaise dono ko 1 sath la pata hai......
Wo baad ki Baat Hai.... abhi to dono jal rahi h jawani me