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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

Luckyloda

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अब मुझे मॉम के वापिस आने का इंतजार था

जो आग मेरे अंदर जल उठी थी उसे बुझाने के लिए मुझे मॉम की हेल्प की सख़्त ज़रूरत थी

आज का दिन काफ़ी रोमांच भरा रहा था अनु और शेफाली के लिए

अनु का इसलिए की आज उसकी फ्रेंड निशा उसी के घर पर आकर बुरी तरह से चुदी थी

और सबसे बड़ी बात की वो भी टॉपलेस होकर उनके साथ बैठी थी, वो सब देख रही थी, एंजाय कर रही थी




बस नही कर पाई तो अपने आप को संतुष्ट

जिसकी वजह से उसकी जवानी के अंगार सुलग कर धुंवा उगल रहे थे

अभी उसने बिन ब्रा के टी शर्ट पहन रखी थी, जिसमें उसके कड़क निप्पल सॉफ चमक रहे थे, उसे तो लग रहा था की वो सुलगते हुए निप्पल्स त शर्ट को जला कर छेड़ ना कर दे

वो रह रहकर उन्हे खुद ही दबा रही थी, मसल कर निचोड़ रही थी मानो उनकी सुलगाहट को कम कर रही हो, पर दबाने से वो और भी ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी

इतना वो अपनी चूत को रगड़ती तो 4 बार झड़ चुकी होती

काश बूब्स को दबाने से उसमें से भी कामरस की बूंदे निकलती, तो कितना अच्छा होता

उन्हे चूस्कर सुधीर सर उसका सारा रस निकाल कर पी जाते

उफफफफ्फ़ निप्पल के थ्रू झड़ने की कल्पना मात्र से ही उसका बदन सिहर उठा




वहीं दूसरी तरफ शेफाली का भी लगभग वही हाल था

पार्किंग में सुधीर सर का लॅंड चूसने के बाद उसका गला सूखे जा रहा था

पानी की पूरी बॉटल पी ली पर भी वो प्यास नही बुझ पा रही थी जो सुधीर सर के लॅंड ने उसके मुँह में लगाई थी

आग तो उसकी दोनो टांगो के बीच भी लगी हुई थी

हालाँकि लॅंड चूसते हुए अपनी मुनिया को बुरी तरह से रगड़ा था उसने

पर वो खुजली सिर्फ़ लॅंड से मिटने वाली थी जिसे आज वो ले नही पाई थी

घर आते हुए भी वो यही सोचे जा रही थी की काश आज भी पिछली बार की तरह चुदाई का कुछ इंतज़ाम हो जाता तो वो ऐसे ना तड़प रही होती

ये चुदाई होती ही ऐसी चीज़ है

इतने सालो बाद जब लॅंड का स्वाद मिला तो उसे लेने की ललक हर वक़्त उसके दिमाग़ में रहने लगी थी

सुधीर सर की डील डोल देखकर ही पता चल रहा था की अंदर से वो कितना तगड़ा होगा

बिस्तर पर चीखे निकलवा देगा चीखे

हाय कैसा फील होगा जब उसका लोहे की रोड जैसा सख़्त लॅंड उसकी चूत में जाएगा तो

मुँह में भी बड़ी मुश्किल से आ पा रहा था

चूत का मुँह तो उसके मुक़ाबले 3 गुना छोटा था

फाड़ ही डालेगा ये कमीना उसे तो

ये सोचते ही उसने सलवार के उपर से ही अपनी चूत को एक बार फिर से भींच दिया

और इस बार उसे वहां गीलेपन का एहसास हुआ

चुदाई के बारे में सोचते-2 कब उसकी चूत रिसने लगी थी उसे भी पता नही चला

अब तो घर जाकर नहाना पड़ेगा

घर पहुँचते ही अनु ने उसे गले से लगाया, हमेशा की तरह उसे किस किया

पर शेफाली को तो जल्दी थी बाथरूम में जाने की

उसे इस वक़्त अनु की आँखो में उमड़ रही वासना भी दिखाई नही दी

और ना ही उसके कड़क निप्पल्स दिखे

वो भागकर बाथरूम में गयी और जल्दी-2 अपने कपड़े उतार कर साइड में फेंक दिए

कच्छी उतारते हुए उसका हाल देखा तो खुद पर ही हँसी आ गयी उसे

ऐसा लग रहा था जैसे ढेर सारी मलाई में डुबो कर निकाली हो




अपने ही रस से तरबतर वो कच्छी उसकी जाँघो और पिंडलियों पर अपने निशान छोड़ती गयी

सारे कपड़े उतारकर उसने खुद को शीशे में देखा तो अपनी छाती पर उंगलियों के निशान देखकर वो सहम गयी

ये सुधीर सिर की उंगलियों के निशान थे,

जो उन्होने उसे किस्स करते हुए उसके बूब्स को जकड़ कर बनाए थे

शेफाली ने अपने भारी भरकम बूब को हाथ में पकड़ा और उसे उपर उठा कर चूम लिया और खुद का ही निप्पल चूसने लगी

उम्म्म्ममममममममम काश इस वक़्त कोई होता जो ये काम कर देता उसका

और तभी उसे अपने पीछे किसी के होने का आभास हुआ

वो पलटी तो अपने पीछे अनु को खड़े पाया

जो इस वक़्त उसी की तरहा पूरी नंगी थी

आँखो में हैरानी थी शेफाली के की वो क्यू अंदर आ गयी

मुँह में अभी तक खुद का निप्पल था

जिसे अनु ने आगे बढ़कर बड़े प्यार से बाहर निकाला और उसके बूब को अपने मुँह में भरकर जोरों से उसे चूसने लगी

एक पल की हैरानी, परेशानी दूसरे ही पल में आनंदमयी सिसकारी में बदल गयी

शेफाली ने अनु के सिर पर हाथ रखकर उसे अपने अंदर ज़ोर से दबा लिया और तड़प कर बोल उठी

“ओह मेरी बच्चीहिईीईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममममममम…… .सककककककक मिईीईईईईईईईईईई मेरी ज़ाआाआआन्न्नन् सकककककककककक योर मोंमsssssssss ……..”




अनु तो पहले से ही तैयार थी

आज जो चुदाई का तमाशा उसने अपने घर पर देखा था उसकी भूख मिटाने का यही तरीका था

शेफाली भी शायद अनु के बारे में भूली बैठी थी

जब उसकी खुद की बेर्टी उसकी चूत चाटने के लिए घर पर उपलब्ध है तो वो भला क्यों बेकार में मास्टरबेट करके अपनी एनर्जी वेस्ट करे…
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Abhi to Maa beti ko hi 1 dusre ka sahara hai..... dekho sudhir kaise dono ko 1 sath la pata hai......



Wo baad ki Baat Hai.... abhi to dono jal rahi h jawani me
 
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Luckyloda

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दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से बुरी तरह गुत्थम गुत्था कर रहे थे

अनु ने शावर ऑन कर दिया तो ठंडे पानी की बौछारों से दोनो के गर्म जिस्म भीगने लगे

पर ये आग तो पानी से बुझने वाली नही थी




अनु ने बूब सक करते हुए अपनी 2 उंगलियों की गन बनाई और शेफाली की चूत में उतार दी

बेचारी खड़ी-2 चिहुंक उठी

ढेर सारा रस जो उसकी चूत में अभी तक अटका हुआ था, उंगलियाँ लगते ही बाहर की तरफ रिसने लगा

अनु भी अंदर की गाड़ी चिकनाहट देखकर समझ गयी की उसकी मोम इस वक़्त कितनी गर्म है

वो उस फ्रेश जूस को व्यर्थ नही करना चाहती थी, इसलिए वो नीचे बैठी और उनकी चूत पर मुँह लगाकर उसे चूसने लगी

“आआआआआआआआआआअहह……….. मजाआाआआआआआआआआआअ आआआआआआआ गय्ाआआआआआआआआअ”




मज़ा तो अनु को भी आ रहा था उसे चूसने में

कमल के फूल सी चूत में से गाड़ा रस निकलकर सीधा उसके मुँह में जा रहा था

ऐसा लग रहा था जैसे वो संतरे का रस पी रही है

शेफाली की टांगे काँप रही थी, उसने बड़ी मुश्किल से अनु के होंठो से अपनी चूत छुड़वाई और फर्श पर बैठ गयी

अनु एक बार फिर नागिन की तरह लहराकार उसकी टांगो को फैलाकर उसकी चूत को डसने लगी

अपनी लंबी जीभ का कमाल दिखाकर वो अंदर से निकल रहे माल को पिए जा रही थी

उसके नुकीले निप्पल बाथरूम के फर्श का घर्षण पाकर और भी ज़्यादा उत्तेजना पैदा कर रहे थे उसके अंदर




शेफाली का भी गला सूख रहा था अब तो

उसे भी पीने के लिए कुछ चाहिए था

और एक कच्ची कली की चूत से निकले पानी से अच्छा ड्रिंक भला और क्या हो सकता था

उसने अनु को इशारा करके अपनी तरफ टांगे करने को कहा

ताकि 69 के पोज़ में आकर वो दोनो एक दूसरे की चाट सके

अनु भी कुलबुला रही थी ये करने के लिए

पर उस से पहले उसे अपने अंगारों को भी शांत करना था

वो उठी और शावर के नीचे जाकर अपने निप्पल्स को अच्छे से भिगोया और फिर उन्हे अपनी मॉम के मुँह के पास ले गयी

बूंदे टपका रहे नन्हे निप्पल्स इस वक़्त इतने सैक्सी लग रहे थे की उन्हे कच्चा ही खाने का मन कर रहा था शेफाली का

और उसने खाया भी

अपने मोटे होंठो को उसने जब अपनी बेटी के बूब्स पर रखकर उसे चूसा तो सिसकारी मारकर अपनी माँ से बंदरिया के बच्चे की तरह लिपट गयी अनु




“सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआअहह मोंम …………………सकककककक मी………..जोर से चूसो इन्हे मों…….ये बड़ा तंग करते है……प्लीईईईईईईईस मोंम …….काटो इन्हे जोर से…………दांतो से काटो……….निशान बना दो….. खा जाओ प्लीज़…..खून निकाल दो”

उसकी बेटी इतने दर्द में थी ये सोचकर वो पूरी शिद्दत से उसके निप्पल्स को एक-2 करके चूसने लगी

जैसे-2 चूसे जा रही थी, वैसे-2 अनु के चेहरे पर सुकून की परछाई आती जा रही थी

और करीब 15 मिनट तक लगातार उन्हे चूसने के बाद उसका वो दर्द कम हुआ जो निशा की चुदाई के बाद शुरू हुआ था

उफफफ्फ़………ये होंठो की चुसाई कितनी शानदार होती है

काश ये वो पहले जान पाती

तो अपनी जवानी के इतने साल वो ऐसे ही ना निकालती

वो चाहती तो कितनो से चुस्वा चुकी होती वो अपनी नन्ही बूबियाँ

अपनी क्लास के लड़को से, किसी टीचर से, पिज़्ज़ा बॉय से, धोभि से, स्कूल के चपरासी से, बिल्डिंग के गार्ड से, रिक्शा वाले से

उसकी सोच पागलों की तरह हर उस लड़के और आदमी की तरफ जा रही थी जिनसे वो अपनी दिनचर्या में मिला करती थी

अपनी सोच पर उसे खुद ही हँसी आने लगी

पर इस वक़्त तो हँसी से ज़्यादा मज़े लेने का वक़्त था

अपने बूब्स की प्यास बुझवाकर वो अपनी मोंम के कहे अनुसार 69 के पोज़ में आ गयी और अपनी अनछुई चूत उनके हवाले कर दी और उनकी अनुभवी बुर को अपने होंठों से समेट कर उसे चूसने लगी

आनंद की परिकाष्ठा ऐसी थी की दोनो के मुँह से एक दबी हुई सी उत्तेजना से भरी सिसकारी निकली, जिसे शवर से गिरता पानी भी नही छुपा पाया

“उूुउऊययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआ…………. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…… मोंम ……योउ आर सूऊऊऊऊऊ गुड ssssssss ”




शेफाली इतनी निपुणता से उसकी नन्ही सी चूत का छेद चाट रही थी की वो उनकी प्रशंसा किए बिना नही रह सकी

अपनी मोंम को गुरु मानकर वो भी उनकी तरह जीभ को नुकीला बनाकर, उसे नन्हे लॅंड की तरह बनाकर, अंदर बाहर धकेल रही थी

मोंम ने उसकी गांड के छेद पर भी जीभ चलाई जिससे वो बिफर ही पड़ी

उसने भी ऐसा ही किया

पर मोम के गांड के छेद में उसकी जीभ फँस गयी

मॉम ने गहरी साँस छोड़ी तब छूटी वो जीभ वहां से




अब दोनो के शरीर भी जीभ की लय पर मचलने लगे थे

बाथरूम के फर्श पर दोनो माँ बेटियाँ मुज़रा कर रही थी

कभी शेफाली की जीभ से अनु थिरक उठती और कभी अनु की जीभ से शेफाली

अब दोनो का ये हाल था की किसी भी पल उनकी चूत पर लगा वो बाँध टूट सकता था जिसने पूरे दिन से उनके अंदर कामरस का एक दरिया इकट्ठा कर लिया था

सबसे पहले शेफाली झड़ी

“आआआआआआआआआआअहह अनुउउउ आई एम कमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग”

अपनी मॉम के कहने से पहले ही अनु का पूरा मुँह खुल चक्का था और अंदर से निकल रहा सारा माल वो समुंद्री मछली की तरह मुँह में भरकर निगलती चली गयी

उसकी चूत से निकली गाड़ी गोंद अनु के चेहरे पर भी लग गयी ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने देसी घी से भरे चम्मच खींच मारे हो चेहरे पर




झाड़ते वक़्त उत्तेजना में भरकर शेफाली ने अपना पूरा मुँह खोलकर अनु की चूत को ऐसे चुभलाया की बेचारी जाल में फंसी कबूतरी की तरह फड़फड़ाती हुई झड़ने लगी

और कच्ची ताड़ी जैसा उसकी चूत का नशीला जूस शेफाली ने चपर -२ करके ऐसे पीया जैसे आज वो डिन्नर ही नही करेगी

बस इसी रस से अपना पेट भरेगी

उसका रस था भी बड़ा स्वाद

मीठापन ज़्यादा था उसमें

शायद इसलिए की अभी तक लॅंड ने अंदर जाकर उसकी सोई हुई ग्रंथियों को नही भेदा है

जिसमें से बाद में खट्टापन शामिल होकर इस मिठास को थोड़ा नमकीन बना देता है

दोनो के झड़ने के बाद पस्त शरीरों में इतनी भी जान नही बची की बिना सहारा लिए उठ पाए

किसी तरह से दोनो उठी और शावर में अच्छी तरह से नहाकर बाहर आ गयी

आज खाने की चिंता दोनो में से किसी को भी नही थी

पेट भर चुका था एक दूसरे का रस पीकर

दोनो ऐसे ही अपने बेड पर जाकर एक दूसरे से लिपट कर सो गयी

रात भर एक दूसरे के नंगे शरीर आपस में रगड़ खाते रहे

और दोनो ही अगले दिन के बारे में सोचकर रोमांचित हुए जा रहीं थी

अभी तक दोनो ही नही जानते थे की उनकी फेंटेसी का नायक इस वक़्त सुधीर सर ही है

अगले दिन सुधीर सर की मौज होने वाली थी
[/SIZE]
Bhut shandaar update......


Sudhir ka kya haal hoga.... .. ye bhi dekhana hoga......
 
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Ashokafun30

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Wow Ashokafun30 Bhai,

Gazab ki hot update he.........

Kash me bathroom me in dono maa beti ke sath hota..........jannat ka maza deta in dono ko............

Keep posting Bhai
TUMHE TO HAR JAGHA GHUSNE KI PADI REHTI HAI :mahboi:
jab mauka aayega to sabka number lagega
keep reading
have fun
 

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दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से बुरी तरह गुत्थम गुत्था कर रहे थे

अनु ने शावर ऑन कर दिया तो ठंडे पानी की बौछारों से दोनो के गर्म जिस्म भीगने लगे

पर ये आग तो पानी से बुझने वाली नही थी




अनु ने बूब सक करते हुए अपनी 2 उंगलियों की गन बनाई और शेफाली की चूत में उतार दी

बेचारी खड़ी-2 चिहुंक उठी

ढेर सारा रस जो उसकी चूत में अभी तक अटका हुआ था, उंगलियाँ लगते ही बाहर की तरफ रिसने लगा

अनु भी अंदर की गाड़ी चिकनाहट देखकर समझ गयी की उसकी मोम इस वक़्त कितनी गर्म है

वो उस फ्रेश जूस को व्यर्थ नही करना चाहती थी, इसलिए वो नीचे बैठी और उनकी चूत पर मुँह लगाकर उसे चूसने लगी

“आआआआआआआआआआअहह……….. मजाआाआआआआआआआआआअ आआआआआआआ गय्ाआआआआआआआआअ”




मज़ा तो अनु को भी आ रहा था उसे चूसने में

कमल के फूल सी चूत में से गाड़ा रस निकलकर सीधा उसके मुँह में जा रहा था

ऐसा लग रहा था जैसे वो संतरे का रस पी रही है

शेफाली की टांगे काँप रही थी, उसने बड़ी मुश्किल से अनु के होंठो से अपनी चूत छुड़वाई और फर्श पर बैठ गयी

अनु एक बार फिर नागिन की तरह लहराकार उसकी टांगो को फैलाकर उसकी चूत को डसने लगी

अपनी लंबी जीभ का कमाल दिखाकर वो अंदर से निकल रहे माल को पिए जा रही थी

उसके नुकीले निप्पल बाथरूम के फर्श का घर्षण पाकर और भी ज़्यादा उत्तेजना पैदा कर रहे थे उसके अंदर




शेफाली का भी गला सूख रहा था अब तो

उसे भी पीने के लिए कुछ चाहिए था

और एक कच्ची कली की चूत से निकले पानी से अच्छा ड्रिंक भला और क्या हो सकता था

उसने अनु को इशारा करके अपनी तरफ टांगे करने को कहा

ताकि 69 के पोज़ में आकर वो दोनो एक दूसरे की चाट सके

अनु भी कुलबुला रही थी ये करने के लिए

पर उस से पहले उसे अपने अंगारों को भी शांत करना था

वो उठी और शावर के नीचे जाकर अपने निप्पल्स को अच्छे से भिगोया और फिर उन्हे अपनी मॉम के मुँह के पास ले गयी

बूंदे टपका रहे नन्हे निप्पल्स इस वक़्त इतने सैक्सी लग रहे थे की उन्हे कच्चा ही खाने का मन कर रहा था शेफाली का

और उसने खाया भी

अपने मोटे होंठो को उसने जब अपनी बेटी के बूब्स पर रखकर उसे चूसा तो सिसकारी मारकर अपनी माँ से बंदरिया के बच्चे की तरह लिपट गयी अनु




“सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआअहह मोंम …………………सकककककक मी………..जोर से चूसो इन्हे मों…….ये बड़ा तंग करते है……प्लीईईईईईईईस मोंम …….काटो इन्हे जोर से…………दांतो से काटो……….निशान बना दो….. खा जाओ प्लीज़…..खून निकाल दो”

उसकी बेटी इतने दर्द में थी ये सोचकर वो पूरी शिद्दत से उसके निप्पल्स को एक-2 करके चूसने लगी

जैसे-2 चूसे जा रही थी, वैसे-2 अनु के चेहरे पर सुकून की परछाई आती जा रही थी

और करीब 15 मिनट तक लगातार उन्हे चूसने के बाद उसका वो दर्द कम हुआ जो निशा की चुदाई के बाद शुरू हुआ था

उफफफ्फ़………ये होंठो की चुसाई कितनी शानदार होती है

काश ये वो पहले जान पाती

तो अपनी जवानी के इतने साल वो ऐसे ही ना निकालती

वो चाहती तो कितनो से चुस्वा चुकी होती वो अपनी नन्ही बूबियाँ

अपनी क्लास के लड़को से, किसी टीचर से, पिज़्ज़ा बॉय से, धोभि से, स्कूल के चपरासी से, बिल्डिंग के गार्ड से, रिक्शा वाले से

उसकी सोच पागलों की तरह हर उस लड़के और आदमी की तरफ जा रही थी जिनसे वो अपनी दिनचर्या में मिला करती थी

अपनी सोच पर उसे खुद ही हँसी आने लगी

पर इस वक़्त तो हँसी से ज़्यादा मज़े लेने का वक़्त था

अपने बूब्स की प्यास बुझवाकर वो अपनी मोंम के कहे अनुसार 69 के पोज़ में आ गयी और अपनी अनछुई चूत उनके हवाले कर दी और उनकी अनुभवी बुर को अपने होंठों से समेट कर उसे चूसने लगी

आनंद की परिकाष्ठा ऐसी थी की दोनो के मुँह से एक दबी हुई सी उत्तेजना से भरी सिसकारी निकली, जिसे शवर से गिरता पानी भी नही छुपा पाया

“उूुउऊययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआ…………. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…… मोंम ……योउ आर सूऊऊऊऊऊ गुड ssssssss ”




शेफाली इतनी निपुणता से उसकी नन्ही सी चूत का छेद चाट रही थी की वो उनकी प्रशंसा किए बिना नही रह सकी

अपनी मोंम को गुरु मानकर वो भी उनकी तरह जीभ को नुकीला बनाकर, उसे नन्हे लॅंड की तरह बनाकर, अंदर बाहर धकेल रही थी

मोंम ने उसकी गांड के छेद पर भी जीभ चलाई जिससे वो बिफर ही पड़ी

उसने भी ऐसा ही किया

पर मोम के गांड के छेद में उसकी जीभ फँस गयी

मॉम ने गहरी साँस छोड़ी तब छूटी वो जीभ वहां से




अब दोनो के शरीर भी जीभ की लय पर मचलने लगे थे

बाथरूम के फर्श पर दोनो माँ बेटियाँ मुज़रा कर रही थी

कभी शेफाली की जीभ से अनु थिरक उठती और कभी अनु की जीभ से शेफाली

अब दोनो का ये हाल था की किसी भी पल उनकी चूत पर लगा वो बाँध टूट सकता था जिसने पूरे दिन से उनके अंदर कामरस का एक दरिया इकट्ठा कर लिया था

सबसे पहले शेफाली झड़ी

“आआआआआआआआआआअहह अनुउउउ आई एम कमिंगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग”

अपनी मॉम के कहने से पहले ही अनु का पूरा मुँह खुल चक्का था और अंदर से निकल रहा सारा माल वो समुंद्री मछली की तरह मुँह में भरकर निगलती चली गयी

उसकी चूत से निकली गाड़ी गोंद अनु के चेहरे पर भी लग गयी ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने देसी घी से भरे चम्मच खींच मारे हो चेहरे पर




झाड़ते वक़्त उत्तेजना में भरकर शेफाली ने अपना पूरा मुँह खोलकर अनु की चूत को ऐसे चुभलाया की बेचारी जाल में फंसी कबूतरी की तरह फड़फड़ाती हुई झड़ने लगी

और कच्ची ताड़ी जैसा उसकी चूत का नशीला जूस शेफाली ने चपर -२ करके ऐसे पीया जैसे आज वो डिन्नर ही नही करेगी

बस इसी रस से अपना पेट भरेगी

उसका रस था भी बड़ा स्वाद

मीठापन ज़्यादा था उसमें

शायद इसलिए की अभी तक लॅंड ने अंदर जाकर उसकी सोई हुई ग्रंथियों को नही भेदा है

जिसमें से बाद में खट्टापन शामिल होकर इस मिठास को थोड़ा नमकीन बना देता है

दोनो के झड़ने के बाद पस्त शरीरों में इतनी भी जान नही बची की बिना सहारा लिए उठ पाए

किसी तरह से दोनो उठी और शावर में अच्छी तरह से नहाकर बाहर आ गयी

आज खाने की चिंता दोनो में से किसी को भी नही थी

पेट भर चुका था एक दूसरे का रस पीकर

दोनो ऐसे ही अपने बेड पर जाकर एक दूसरे से लिपट कर सो गयी

रात भर एक दूसरे के नंगे शरीर आपस में रगड़ खाते रहे

और दोनो ही अगले दिन के बारे में सोचकर रोमांचित हुए जा रहीं थी

अभी तक दोनो ही नही जानते थे की उनकी फेंटेसी का नायक इस वक़्त सुधीर सर ही है

अगले दिन सुधीर सर की मौज होने वाली थी

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Bohot badiya mazedar updates ... Anu ne apni dost nisha ko pehle sex ke liye apne ghar bula kr sabse bda punya kiya ...aam zindagi mei aise hota hai dost ki meharbani se hi hum sex ka maza le pate hein....or iss se Anu ko sex ka live show apne hi ghar mein mil gya... Anu kaam ke aage bebas Sex mein shamil b huyi lekin thoda door se ... Nisha ke bf ne usko gol boobs ko sehlaya ... Or anu kuch aagey badi... Iska matlab jald hi threesom milega..... Iske beech Anu ki aag shaant nhi huyi aag shaant huyi toh maa ke sath.... Maa shafali bhi tapta tandoor thi dono maa beti awall darze ki kamuk auratein.... Aur aapne kya hi varnana kiya hai lesbian sex ka..ati uttam.... Aagle bhagon ka intzar rahega ...
 
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गजब की राइटिंग स्किल है आप की अशोक भाई। जिस तरह से कहानी के अंदर अलंकार का प्रयोग कर कहानी का एक स्टैंडर्ड सेट किया है , वह सब के वश का हो ही नही सकता।
राइटिंग के थ्रू कहानी को कामुकता की पराकाष्ठा पर ले जाना , आप से कोई सिखे !
लेस्बियन सेक्स के बाद एक नेचुरल सेक्स का इंतजार है।
आउटस्टैंडिंग एंड हाॅट अपडेट।
 

Ashokafun30

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दोस्तो
मैने अल्टिमेट स्टोरी कॉंटेस्ट के लिए एक कहानी लिखी है,

चालबाज़
आप सभी इस कहानी को ज़रूर पढ़िए, अपने Valuable comments और Like दीजिए
Thanks
 

Ashokafun30

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गजब की राइटिंग स्किल है आप की अशोक भाई। जिस तरह से कहानी के अंदर अलंकार का प्रयोग कर कहानी का एक स्टैंडर्ड सेट किया है , वह सब के वश का हो ही नही सकता।
राइटिंग के थ्रू कहानी को कामुकता की पराकाष्ठा पर ले जाना , आप से कोई सिखे !
लेस्बियन सेक्स के बाद एक नेचुरल सेक्स का इंतजार है।
आउटस्टैंडिंग एंड हाॅट अपडेट।
thanks sanju bhai
Appke pyar aur pyar bhare comments ka dil se dhanyavaad
 

Mass

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दोस्तो
मैने अल्टिमेट स्टोरी कॉंटेस्ट के लिए एक कहानी लिखी है,

चालबाज़
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Thanks
Comment kiya hain bhai aapke story par...USC review section mein...hope pasand aaye aapko comment :)
Ashokafun30
 

harryhott

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Good going.... Waiting next
 
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