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दोस्तो, इस थ्रीड पर जो भी ग़ज़लें मेरे द्वारा पोस्ट की जाएॅगी वो सब ग़ज़लें बड़े बड़े मशहूर शायरों की ही होंगी ना कि मेरी ख़ुद की लिखी हुई। लिखता तो मैं भी हूॅ ग़ज़लें किन्तु उन्हें मैं यहाॅ पर पोस्ट नहीं कर सकता, हलाॅकि अपनी खुद की ग़ज़लों को मैने अपनी कहानियों में ज़रूर प्रयोग किया है। जिन्हें मेरे दोस्त भाईयों ने शायद पढ़ा भी होगा। ख़ैर,,,,,,
आप सबके सामने हाज़िर हैं दुनियाॅ के मशहूर शायरों की बेमिशाल ग़ज़लें जो आपके दिलों में उतर कर अपना मीठा सा असर दिखाएॅगी। आशा करता हूॅ कि आप सभी को ये ग़ज़लें बेहद पसंद आएॅगी।
!! धन्यवाद !!
अब तो ये भी नहीं रहा एहसास।
दर्द होता है या नहीं होता।।
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा,
आदमी काम का नहीं होता ।
टूट पड़ता है दफ़अतन जो इश्क़,
बेश-तर देर-पा नहीं होता ।
वो भी होता है एक वक़्त कि जब,
मा-सिवा मा-सिवा नहीं होता ।
दिल हमारा है या तुम्हारा है,
हम से ये फ़ैसला नहीं होता ।
जिस पे तेरी नज़र नहीं होती,
उस की ज़ानिब ख़ुदा नहीं होता ।
मैं कि बे-ज़ार उम्र के लिए,
दिल कि दम-भर जुदा नहीं होता ।
वो हमारे क़रीब होते हैं,
जब हमारा पता नहीं होता ।
दिल को क्या क्या सुकून होता है,
जब कोई आसरा नहीं होता ।
हो के इक बार सामना उन से,
फिर कभी सामना नहीं होता ।
आप सबके सामने हाज़िर हैं दुनियाॅ के मशहूर शायरों की बेमिशाल ग़ज़लें जो आपके दिलों में उतर कर अपना मीठा सा असर दिखाएॅगी। आशा करता हूॅ कि आप सभी को ये ग़ज़लें बेहद पसंद आएॅगी।
!! धन्यवाद !!
अब तो ये भी नहीं रहा एहसास।
दर्द होता है या नहीं होता।।
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा,
आदमी काम का नहीं होता ।
टूट पड़ता है दफ़अतन जो इश्क़,
बेश-तर देर-पा नहीं होता ।
वो भी होता है एक वक़्त कि जब,
मा-सिवा मा-सिवा नहीं होता ।
दिल हमारा है या तुम्हारा है,
हम से ये फ़ैसला नहीं होता ।
जिस पे तेरी नज़र नहीं होती,
उस की ज़ानिब ख़ुदा नहीं होता ।
मैं कि बे-ज़ार उम्र के लिए,
दिल कि दम-भर जुदा नहीं होता ।
वो हमारे क़रीब होते हैं,
जब हमारा पता नहीं होता ।
दिल को क्या क्या सुकून होता है,
जब कोई आसरा नहीं होता ।
हो के इक बार सामना उन से,
फिर कभी सामना नहीं होता ।
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