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Serious ज़रा मुलाहिजा फरमाइये,,,,,

VIKRANT

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जो देखिए तो करम इश्क़ पर ज़रा भी नहीं।
जो सोचिए कि ख़फ़ा हैं तो वो ख़फ़ा भी नहीं।।

वो और होंगे जिन्हें मक़दरत है नालों की,
हमें तो हौसला-ए-आह-ए-ना-रसा भी नहीं।।

हद-ए-तलब से है आगे जुनूँ का इस्तिग़्ना,
लबों पे आप से मिलने की अब दुआ भी नहीं।।

हुसूल हो हमें क्या मुद्दआ' मोहब्बत में,
अभी सलीक़ा-ए-इज़हार-ए-मुद्दआ भी नहीं।।

शगुफ़्त-ए-गुल में भी ज़ख़्म-ए-जिगर की सूरत है,
किसी से एक तबस्सुम का आसरा भी नहीं।।

ज़हे हयात तबीअ'त है ए'तिदाल पसंद,
नहीं हैं रिंद अगर हम तो पारसा भी नहीं।।

सुना तो करते थे लेकिन 'सबा' से मिल भी लिए,
भला वो हो कि न हो आदमी बुरा भी नहीं।।

________'सबा' अकबराबादी
Greattt shubham bro. Such a mind blowing poetries :applause::applause::applause:
 

Mr. Perfect

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Waahh The_InnoCent bhai. Badi jabardast shayri hai fantastic______

अजल होती रहेगी इश्क़ कर के मुल्तवी कब तक।
मुक़द्दर में है या रब आरज़ू-ए-ख़ुदकुशी कब तक।।

तड़पने पर हमारे आप रोकेंगे हँसी कब तक,
ये माथे की शिकन कब तक ये अबरू की कजी कब तक।।

किरन फूटी उफ़ुक़ पर आफ़्ताब-ए-सुब्ह-ए-महशर की,
सुनाए जाओ अपनी दास्तान-ए-ज़िंदगी कब तक।।

दयार-ए-इश्क़ में इक क़ल्ब-ए-सोज़ाँ छोड़ आए थे,
जलाई थी जो हम ने शम्अ' रस्ते में जली कब तक।।

जो तुम पर्दा उठा देते तो आँखें बंद हो जातीं,
तजल्ली सामने आती तो दुनिया देखती कब तक।।

तह-ए-गिर्दाब की भी फ़िक्र कर ऐ डूबने वाले,
नज़र आती रहेगी साहिलों की रौशनी कब तक।।

कभी तो ज़िंदगी ख़ुद भी इलाज-ए-ज़िंदगी करती,
अजल करती रहे दरमान-ए-दर्द-ए-ज़िंदगी कब तक।।

वो दिन नज़दीक हैं जब आदमी शैताँ से खेलेगा,
खिलौना बन के शैताँ का रहेगा आदमी कब तक।।

कभी तो ये फ़साद-ए-ज़ेहन की दीवार टूटेगी,
अरे आख़िर ये फ़र्क़-ए-ख़्वाजगी-ओ-बंदगी कब तक।।

दयार-ए-इश्क़ में पहचानने वाले नहीं मिलते,
इलाही मैं रहूँ अपने वतन में अजनबी कब तक।।

मुख़ातब कर के अपने दिल को कहना हो तो कुछ कहिए,
'सबा' उस बेवफ़ा के आसरे पर शाइरी कब तक।।

________'सबा' अकबराबादी
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Greattt shubham bro. Such a mind blowing poetries :applause::applause::applause:
बहुत बहुत शुक्रिया विक्रान्त भाई आपकी इस खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए,,,,,,,
 

The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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Waahh The_InnoCent bhai. Badi jabardast shayri hai fantastic______
बहुत बहुत शुक्रिया परफेक्ट भाई आपकी इस खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए,,,,,,,
 
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